Delhi Ncr News

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हक की लड़ाई

07/09/2020

यूपी के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों को घेरकर बेरहमी से हत्या करने के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है.

Photos from Delhi Ncr News's post 01/14/2020

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों (AAP Candidates List) की सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपनी पुरानी सीट नई दिल्ली और पटपड़गंज से ही मैदान में है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में फिलहाल 4 सीट बीजेपी के पास है, जबकि 5 आप विधायक पार्टी छोड़ जा चुके हैं। बची हुई 61 सीटों में से पार्टी ने 15 विधायकों के टिकट काटे हैं।

मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में मंजूरी के बाद जो सूची जारी हुई है, उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनका पूरे मंत्रिमंडल का नाम शामिल है। पार्टी की ओर से जारी सूची के मुताबिक, 46 मौजूदा विधायकों और एक पुराने हारे हुए उम्मीदवार पर पार्टी ने भरोसा जताया है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ चुके तीन उम्मीदवारों आतिशी, दिलीप पांडेय और राघव चड्ढा को विधानसभा चुनाव में उतारा है। इन्हें मौजूदा विधायकों को टिकट काटकर चुनावी दंगल में उतारा गया है।

01/13/2020

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया है। ममता बनर्जी ने कहा कि यह शर्मनाक है। आप यह कैसे कह सकते हैं? उसका नाम लेना भी शर्म की बात है। आप फायरिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। यह यूपी नहीं है। यहां फायरिंग नहीं होगी। समझ लें कि अगर कल कुछ अनहोनी होती है, तो आप भी उतने ही जिम्मेदार होंगे। आप विरोध के लिए लोगों को मारना चाहते हैं?
इससे पहले पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को धमकी देते हुए कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश की तरह गोली मार दी जाएगी। बंगाल के नादिया जिले में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए घोष ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा था कि ममता ने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे की संपत्ति और सार्वजनिक परिवहन को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ लाठीचार्ज या गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था।

घोष ने कहा कि क्या यह उनके पिताजी की संपत्ति है? वह कैसे सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं जो करदाताओं के पैसों से बनी है? उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों पर गोली चलाकर बिलकुल ठीक काम किया।

01/13/2020

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक में कुल 20 दल शामिल हुए। विपक्ष की बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई मुद्दों को लेकर सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोला। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर देश को बांटने का आरोप लगाया साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी जाने की चुनौती दे डाली।

01/13/2020

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कामकाज का असर दूसरें दलों को नेताओं पर भी जमकर हो रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को आम आदमी पार्टी के आईटीओ स्थित मुख्य कार्यालय में आम आदमी पार्टी के वरिष्ट प्रवक्ता श्री दिलीप पाण्डेय और दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन की उपस्थिति में बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सैकड़ो ने पदाधिकारियों ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों की सूची-
रंजीत कुमार - (एडवोकेट)- पूर्व उत्तर-पूर्वी लोकसभा अध्यक्ष, जनरल सेक्रेटरी,बहुजन समाज पार्टी
शेर सिंह गौतम - सचिव, घोंडा जिला कार्यालय
वीर सिंह- तिमारपुर विधासभा अध्यक्ष
शिखा गौतम- महिला मोर्चा अध्यक्ष, तिमारपुर
हर गोविंद- वरिष्ट कार्यकर्ता, तिमारपुर
मोहम्मद जाहिद- वरिष्ट कार्यकर्ता, तिमारपुर
अशोक पहलवान - कांग्रेस
बाबू लाल जी- धोबी समाज के प्रधान
अब्दुला जी- पूर्व माइनॉरिटी अध्यक्ष, BSP मल्कागंज

मंत्री इमरान हुसैन ने कार्यकर्ताओं को पटका व टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी द्वारा पिछले 5 सालों में किए गए विकास कार्यों से प्रभावित होकर रोजाना भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों एवं समाजिक संगठनों के लोग आम आदमी पार्टी में जुड़ रहे हैं, जिससे पार्टी का कुनबा लगातार बड़ रहा है। इस बार दिल्ली के अंदर विधानसभा चुनाव पिछले 5 सालों में किए गये विकास कामों पर होगा। आम आदमी पार्टी देश की पहली ऐसी पार्टी है जो काम पर जनता से वोट माँग रही है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ट प्रवक्ता श्री दिलीप पाण्डेय ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि, लगातार अलग-अलग पार्टियों से लोग आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे है। यह इस बात का भी संकेत है कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी के प्रति ना सिर्फ जनता का बल्कि दुसरे राजनीतिक दलों में काम करने वाले पदाधिकारियों का भी झुकाव बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि, आज दिल्ली में विकास कार्य जैसे- बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा, सीसीटीवी कैमरे, महिलाओं के लिए बस की फ्री यात्रा, फरिश्ते योजना इन पूरे कार्यक्रमों तथा योजनाओं का एक सकारात्मक संदेश देश में जा रहा है। दिल्ली के अंदर यह पहली ऐसी सरकार है जो देश में सिर्फ जनता के हित में काम कर रही है औऱ उसी के दम पर वोट मांग रही है। आज जो साथी अलग-अलग दलों से पार्टी में शामिल हो रहे है उनके आने से पार्टी को मजबूती मिल रही। इसी उम्मीद के साथ हम सभी आगे का भी सफर तय करेंगे।

01/13/2020

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि गरीबों के फ्लैट के नाम पर हुए करोड़ों का घोटाला उजागर होने के बाद जिस प्रकार से भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी और डीडीए के अधिकारियों की प्रतिक्रिया आई उससे यह साबित होता है कि यह घोटाला बहुत बड़े स्तर का है।

संजय सिंह ने कहा कि ऐसा मैं इसलिए भी कह रहा हूं कि माननीय केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी ने कहा कि मुझे इन 772 फ्लैट्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है और जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह सब निराधार है। उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूं हरदीप पुरी जी केंद्रीय मंत्री होकर भी देश और दिल्ली की जनता के सामने झूठ बोल रहे हैं। डीडीए के फ्लैट जिन लोगों को अलॉट हुए उन लोगों द्वारा भेजे गए एक लीगल नोटिस की कॉपी दिखाते हुए संजय सिंह ने कहा, कि आवेदन कर्ताओं ने यह नोटिस 13 जुलाई 2019 को दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय, प्रधानमंत्री कार्यालय, शहरी विकास मंत्री कार्यालय तथा अन्य कई विभाग को भेजा है। संजय सिंह ने कहा कि जब इस नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यह हरदीप पुरी जी के कार्यालय को भी भेजा गया था, तो हरदीप पुरी जी क्यों झूठ बोल रहे हैं? इसी बात से घोटाले के संदेह की सुई और पुख्ता होती है और यह बात साबित होती है कि दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है।

संजय सिंह ने कहा कि इस चिट्ठी के माध्यम से आवेदन कर्ताओं ने डीडीए को भी अवगत कराया था। डीडीए कह रही है कि यह फ्लैट्स डीएलएफ ने बनाए थे, इसका डीडीए से कोई लेना देना नहीं है, जोकि कोरा और सफेद झूठ है। डीडीए अगर यह झूठ बोल रहा है तो इसका मतलब है कि डीडीए में और सरकार में बैठे मंत्रिमंडल के लोग गंभीर रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

संजय सिंह ने कहा अपना दामन बचाने के लिए सरकार कह रही है कि ₹6,90,000 एक अनुमानित राशि हमने बताई थी। मैं पूछना चाहता हूं की अनुमानित कॉस्ट ₹690000 से बढ़कर 700000 हो सकती है, 7.5 लाख हो सकती है, परंतु 19 लाख रुपए अर्थात 3 गुना अधिक कैसे हो सकती है? इसी प्रकार जो 1100000 रुपए की कैटेगरी वाले फ्लैट्स थे उसके लिए ₹2500000 का डिमांड नोट क्यों भेजा गया?

डीएलएफ से डीडीए द्वारा फ्लैट खरीदने के कागजात दिखाते हुए संजय सिंह ने कहा कि इन कागजों में साफ तौर पर दिख रहा है, कि आपने डीएलएफ से फ्लैट खरीदे हैं, तो आप किस आधार पर कह सकते हो कि इनसे हमारा कोई लेना-देना नहीं है? उन्होंने यह भी बताया कि 690000 में जो फ्लैट ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोगों को आबंटित किए जाने थे वह ₹822000 में खरीदे गए थे, और जो 1100000 में आबंटित किए जाने थे वह ₹998000 में खरीदे गए। यहां पर भी भाजपा सरकार की चोरी पकड़ी गई। डीएलएफ से जो फ्लैट ₹822000 में खरीदा आप उसे ₹1900000 में कैसे बेच सकते हैं? और जो फ्लैट ₹998000 में खरीदा, उसके लिए आवेदन कर्ताओं से 2500000 रुपए कैसे मांग सकते हैं? जनता से आप फ्लैट की तीन गुनी कीमत वसूल रहे हैं और सफाई दे रहे हैं कि पुरानी कॉस्ट अनुमानित राशि थी।

संजय सिंह ने मीडिया के माध्यम से भाजपा सरकार से कुछ प्रश्न पूछे जो कि निम्न प्रकार से हैं....

1) जब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी को 13 जुलाई 2019 को नोटिस मिल गया था तो वह झूठ क्यों बोल रहे हैं कि उन्हें 772 फ्लैट्स के बारे में कोई जानकारी नहीं?
2) जब आप ने निर्माण कार्य संपूर्ण होने के बाद फ्लैट की कीमत 690000 रखी तो आवेदन कर्ताओं को ₹1900000 का डिमांड नोट किस आधार पर भेजा?
3) जब आपने डीएलएफ से फ्लैट ₹822000 में खरीदा और दूसरी श्रेणी का फ्लैट ₹998000 का खरीदा तो 1900000 लाख और 2500000 अर्थात तीन गुनी कीमत क्यों मांगी?
4) आपने कहा कि ₹100000 वार्षिक आय वाले को ईडब्ल्यूएस की श्रेणी में शामिल करेंगे, तो आप उनसे ₹10655 की मासिक किस्त अर्थात लगभग ₹125000 वार्षिक किस किस आधार पर मांग रहे हैं?

संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ तो आप कहते हैं कि ₹100000 तक वार्षिक आय वाले व्यक्ति को हम ईडब्ल्यूएस श्रेणी में शामिल करेंगे और फिर उनसे सालाना लगभग ₹125000 की किस्त भरने की बात भी कहते हो, आप जनता के साथ धोखा कर रहे हो। क्योंकि जो व्यक्ति ₹10655 की मासिक किस्त भरेगा वह तो खुद ब खुद ईडब्ल्यूएस श्रेणी से बाहर हो जाएगा। इस प्रकार से आप जनता को कानूनी दांवपेच में फंसाना चाहते हो। संजय सिंह ने यह भी कहा कि आपकी इसी प्रकार की गलतियों के कारण हाईकोर्ट ने आपकी इस योजना पर रोक लगाई। क्योंकि आपकी बेईमानी और भ्रष्टाचार को कोर्ट ने भी संज्ञान में लिया। संजय सिंह ने कहा कि मैं हैरान हूं कि इस भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए किस प्रकार से डीडीए के अधिकारी और भाजपा के केंद्रीय मंत्री तक लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।

01/11/2020

सहारनपुर
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता संजीव बालियान ने समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव पर हमला बोला है। हाल ही में अखिलेश यादव ने कहा था कि वह नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का फॉर्म नहीं भरेंगे। इसपर संजीव बालियान ने कहा है कि अगर अखिलेश यादव एनपीआर नहीं भरेंगे तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यही नियम है।
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंसंजीव बालियान ने कहा, 'अखिलेश यादव कहते हैं कि वह एनपीआर फॉर्म नहीं भरेंगे। अगर वह फॉर्म नहीं भरेंगे तो उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति भी नहीं मिलेगी। कानूनी तौर पर यही नियम है। जो नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।' बता दें कि समाजवादी पार्टी (एसपी) एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रही है।

एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव का बड़ा ऐलान, मैं एनपीआर फॉर्म नहीं भरूंगा

अखिलेश ने कहा था, 'हम संविधान बचाना चाहते हैं लेकिन जिनसे मुकाबला है, वे संविधान को कुछ नहीं समझते। नौजवानों को रोजगार चाहिए या एनपीआर?' उन्‍होंने कहा, 'बीजेपी के लोग तय नहीं करेंगे कि हम नागरिक हैं या नहीं। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रास्ता दिखाया था। उन्होंने कुछ कार्ड जला दिए थे। यहां हम पहले होंगे जो एनपीआर का फॉर्म नहीं भरेंगे, मैं कोई फॉर्म नहीं भरने जा रहा।'

एनपीआर क्या है?
नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर भारत में रहने वाले सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है। यह यहां रहने वाले लोगों (निवासियों) का रजिस्टर है। इसे ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है। NPR को समय-समय पर अपडेट करना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसका उद्देश्य देश में रह रहे लोगों का अपडेटेड डेटाबेस तैयार करना है ताकि उसके आधार पर योजनाएं तैयार की जा सकें।

01/11/2020

आम आदमी पार्टी (आप) ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का कैंपेन सॉन्ग शनिवार को लॉन्च कर दिया है। पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे ट्विटर पर शेयर किया। 'लगे रहो केजरीवाल' गीत को विशाल डडलानी ने तैयार किया है। आप के पूर्व सदस्य डडलानी ने ही पिछले साल '5 साल केजरीवाल' गीत को भी कंपोज किया था।
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखें2 मिनट 53 सेकंड के इस गीत में बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक जनता के नाम किए जाने का जिक्र है। महिलाओं के लिए बस में मुफ्त यात्रा को भी दिखाया गया है। केजरीवाल को दिल्ली का बेटा बताते हुए कहा गया है कि वह आम से भी आम आदमी हैं। यह भी कहा गया है कि वह दिल्ली वालों की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए जिद पर अड़े हुए हैं।

गीत को केजरीवाल और आम लोगों पर ही केंद्रित किया गया है। पार्टी के अन्य नेताओं को इसमें जगह नहीं मिली है। सिर्फ एक फ्रेम डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया नजर आते हैं। गौरतलब है कि केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली का सीएम बनने के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं। उनके सामने बीजेपी और कांग्रेस ने किसी को सीएम पद के लिए चेहरा नहीं बनाया है।

दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। यहां आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। पिछले चुनाव में दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 67 पर आप का कब्जा था।

01/11/2020

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के साथ कौन काम नहीं करना चाहता. सलमान, बॉलीवुड के सबसे एलिजिबल बैचलर हैं और फीमेल फैंस के दिलों में आज भी राज करते हैं. इतना ही नहीं सलमान खान के साथ ऑन-स्क्रीन रोमांस करना किसी भी एक्ट्रेस के लिए बड़ी बात होती है.

2019 में सलमान खान ने अपनी फिल्म भारत में दिशा पाटनी के साथ रोमांस किया था और अब उन्हें एक और यंग एक्ट्रेस में अपनी हीरोइन मिल गई है. फिल्मफेयर की खबर की माने तो एक्ट्रेस कृति सेनन, सल्लू की नई हीरोइन हो सकती हैं.

नयी फिल्म में होगी नई जोड़ी

सलमान खान ने शुक्रवार को अपनी नई फिल्म कभी ईद कभी दिवाली का ऐलान किया था. अब माना जा रहा है कि इस फिल्म में सलमान खान, कृति सेनन के साथ रोमांस करते नजर आ सकते हैं. फिल्मफेयर के अनुसार अभी इस फिल्म की कहानी और प्लॉट के बारे में कोई खुलासा नहीं हुआ है.

दिलचस्प बात ये है कि कृति सेनन, बिग बॉस 9 में अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए वरुण धवन संग आई थीं. उस समय कृति और सलमान को एक साथ पहली बार देखा गया था. अब माना जा रहा है कि ये फ्रेश जोड़ी दर्शकों को पसंद आएगी.

सलमान खान के प्रोजेक्ट्स

बता दें कि सलमान खान की नई फिल्म कभी ईद कभी दिवाली को हाउसफुल 4 के डायरेक्टर फरहाद सामजी बना रहे हैं. इस फिल्म की कहानी साजिद नाडियाडवाला ने लिखी है और इसे प्रोड्यूस भी वही कर रहे हैं.

कभी ईद कभी दिवाली के अलावा सलमान खान, फिल्म राधे: योर मोस्ट वॉन्टेड भाई में काम कर रहे हैं. इस फिल्म में उनके साथ दिशा पाटनी, जैकी श्रॉफ और रणदीप हुडा होंगे. फिल्म का निर्देशन प्रभु देवा कर रहे हैं. राधे ईद 2020 को रिलीज होगी और इसका क्लैश अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब से होगा. वहीं कृति सेनन, अक्षय कुमार के साथ फिल्म बच्चन पांडे में काम कर रही हैं. ये फिल्म क्रिसमस 2020 को रिलीज होगी.

01/11/2020

26वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के दौरान सुनील गावस्कर ने कहा, 'हमारे कुछ युवा कक्षाओं में रहने के बजाय सड़कों पर हैं और उनमें से कुछ सड़कों पर उतरने के कारण अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. कुल मिलाकर, बहुसंख्यक वर्ग अभी भी कक्षाओं में करियर बनाने और भारत को आगे बढ़ाने और बनाने की कोशिश कर रहा है.'

उन्होंने कहा, 'हम एकजुट होकर काफी आगे जा सकते हैं. यही हमें खेल सिखाता है. जब हम साथ होते हैं तो हम जीतते हैं. भारत पहले भी कई समस्याओं से पार पा चुका है और इनसे भी निजात हासिल कर लेगा.

01/11/2020

देश में आपातकाल के दौरान 1975 में क्या प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पुलिस फोर्स के साथ जेएनयू गईं थीं और सीताराम येचुरी को पीटा गया था? क्या इंदिरा ने दबाव डालकर येचुरी से इस्तीफा ले लिया था और येचुरी को माफीनामा पढ़ने के लिए मजबूर किया था?

सोशल मीडिया पर एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर खूब वायरल हो रही है जिसमें कुछ लोगों के बीच में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और माकपा नेता येचुरी दिख रहे हैं. इस फोटो के साथ ऐसा ही दावा किया जा रहा है.

वायरल तस्वीर में तमाम लोगों के बीच में इंदिरा गांधी अपने दोनों हाथों को आपस में मोड़े हुए खड़ी हैं और उनके बगल में सीताराम येचुरी एक पेपर पढ़ रहे हैं. सीताराम येचुरी वर्तमान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो मेंबर हैं. 1975 में वे जेएनयू में अर्थशास्त्र के छात्र थे.

01/09/2020

नई दिल्ली/बेंगलुरु: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, उनके सहकर्मियों के अनुसार, इतने बड़े देशभक्त हैं कि उन्होंने शाहरुख ख़ान की फिल्म ‘चक दे इंडिया’ ‘कम से कम 10 बार’ देखी है. जब एक सहकर्मी ने संतोष से पूछा कि उन्हें महिलाओं की हॉकी टीम और उनके कोच पर आधारित उपेक्षितों की जीत वाली एक फिल्म में क्या खास नज़र आया, तो बताते हैं उन्होंने कहा कि फिल्म का हर दृश्य उन्हें प्रेरित करता है. उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि फिल्म का हर दृश्य ‘मेरे अंदर के देशभक्त को बाहर लाता है’
आरएसएस के सदस्य संतोष वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं. इस पर पदासीन व्यक्ति को बेहद प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि वह भाजपा और उसकी आरएसएस के बीच सेतु का काम करता है. उनके पूर्ववर्तियों को आमतौर पर पृष्ठभूमि में रहकर काम करने और प्रचार से दूर रहने वाले पदाधिकारियों के रूप में जाना जाता था, लेकिन संतोष सीएए और जेएनयू में पिछले सप्ताह की हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर मुखर रहने के कारण इस पद को नया रूप देते दिखते हैं. अमित शाह के संरक्षण में वह पार्टी के शीर्ष रणनीतिकारों में भी शुमार किए जाते हैं.
बीएल संतोष के नाम से प्रसिद्ध बोम्माराबेट्टु लक्ष्मीजनार्दन संतोष को पिछले साल जुलाई में भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था. उन्होंने रामलाल की जगह ली जोकि 13 वर्षों से पदासीन थे. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, बिल्कुल अलग तरह के थे. वह चुपचाप और प्रभावी तरीके से काम करते थे, पर संतोषजी ने इस पद के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है.’ उन्हें करीब से जानने वाले भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि संतोष अपनी राय को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं, पर अब वह विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख को सामने रखने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं
भाजपा ने जब 2008 में कर्नाटक में सत्ता हासिल कर दक्षिण भारत में अपनी पहली सरकार बनाई थी तो इसका श्रेय सिर्फ मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को ही नहीं, बल्कि कर्नाटक से ही रखने वाले संतोष को भी मिला था. संतोष के साथ काम कर चुके लोगों उनके प्रमुख गुणों में कैडर तैयार करने की उनकी क्षमता, ज़मीन से जुड़े रहने तथा आरएसएस की विचारधारा के प्रति समर्पित रहने के साथ-साथ भाजपा के भविष्य का खाका खींचने का जिक्र करते हैं.
हाल के दिनों में संतोष भाजपा के लिए प्रतिभाओं को ढूंढने वाले एक कुशल पदाधिकारी बन गए हैं. वह युवा और आक्रामक नेताओं को बड़ी भूमिकाओं के लिए चुनते और तैयार करते हैं. मौजूदा लोकसभा के सबसे युवा भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या भी उन्हीं की खोज हैं. पार्टी में उनका प्रभाव इतना अधिक है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन के दौरान उन्होंने बेंगलुरु दक्षिण सीट के लिए वहां से छह बार सांसद रहे अनंत कुमार की विधवा तेजस्वनी – येदियुरप्पा की पसंद – की जगह युवा वकील सूर्या को टिकट देने पर पार्टी को सहमत कर लिया.
सूर्या ने ना सिर्फ सीट जीती बल्कि उहोंने अपने प्रतिद्वंद्वी वरिष्ठ कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद को 3.3 लाख मतों के अंतर से पराजित किया. संतोष के साथ करीब एक दशक से काम कर रहे एक आरएसएस कार्यकर्ता ने कहा कि वह युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा समझाने और उन्हें देश में एक मज़बूत आधार तैयार करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे हैं.
मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा भी संतोष के मार्गदर्शन में आगे बढ़ने वाले युवा भाजपा नेताओं में से हैं. पूर्व पत्रकार सिम्हा दूसरी बार सांसद बने हैं. उन्होंने कहा, ‘किसी ने कल्पना भी की होगी कि 28 वर्षीय तेजस्वी सूर्या या फिर मेरे जैसा पत्रकार इतनी कम उम्र में सांसद बनेगा?’ संतोष के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण के बारे में उन्होंने कहा, ‘कभी भी वह अपनी सोच जाहिर नहीं करते हैं, पर वह चुपचाप आपके कार्यों पर नज़र रखते हैं और पहले से बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर आपका हौसला बढ़ाते हैं. आपमें भरोसा जताने का उनका यही तरीका है.’
कर्नाटक भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष विनोद कृष्णमूर्ति के अनुसार संतोष में ‘मेहनती कार्यकर्ताओं की प्रतिभा को पहचानने की क्षमता है और वह उन्हें विश्वस्तरीय नेता बनाने के लिए अपने संरक्षण में ले लेते हैं.’ भाजपा के एक अन्य युवा नेता और वर्तमान में कर्नाटक के संस्कृति और पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने कहा, ‘उनका मेरे ऊपर भी बड़ा प्रभाव है. उन्होंने ना सिर्फ मुझे बड़ी राष्ट्रीय जिम्मेदारियां उठाने के लिए प्रोत्साहित किया बल्कि मुझे अपना कौशल बढ़ाने के वास्ते हिंदी और अंग्रेज़ी जैसी भाषाएं सीखने के लिए भी प्रेरित किया, ताकि मैं पार्टी नेतृत्व और आमलोगों से ज़्यादा प्रभावी ढंग से संवाद कर सकूं.’
रवि ने भी प्रतिभा ढूंढने और संगठनात्मक कौशल को संतोष की सबसे बड़ी ताकत बताया. बेंगलुरु स्थित आरएसएस के एक पदाधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, ‘वह विश्वस्तरीय नेता की पहचान और निर्माण करने वाले चाणक्य हैं. कुछ ही मिनटों में ही वह आपकी खूबियों और खामियों की पहचान कर सकते हैं. वह मौके पर ही आपको बता सकते हैं कि अपनी खूबियों के अनुरूप आप संगठन में कैसे योगदान दे सकते हैं, और फिर वह आपका मार्गदर्शन करेंगे, आपकी देखभाल करेंगे, आपको डांटेंगे और आपके बेहतरीन गुणों को उभारेंगे. आरएसएस के मंगलुरु प्रचार प्रमुख सुनील कुलकर्णी 1994 से ही संतोष के सहयोगी रहे हैं. वह संतोष को एक ‘दूरदर्शी’ बताते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि कैसे वह जान जाते हैं कि व्यक्ति विशेष किसी जिम्मेदारी को कैसे निभा सकता है और उस पर खरा भी उतर सकता है. यह एक दुर्लभ प्रतिभा है.’ आरएसएस और भाजपा दोनों ही उथल-पुथल के दौर में कुनबे को एकजुट रखने की संतोष की क्षमता को स्वीकार करते हैं. ऐसा एक दौर 2012 में आया था जब येदियुरप्पा ने पार्टी छोड़कर कुछ समय के लिए अपना खुद का दल कर्नाटक जनता पक्ष बना लिया था (जो 2014 में भाजपा में मिल गया).
कहा जाता है कि उस समय संतोष ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को येदियुरप्पा के पाले में नहीं जाने के लिए राज़ी करने, और इसके बजाय मतभेदों को दूर करने और असंतुष्ट सदस्यों को वापस पार्टी में लाने हेतु अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई थी. माना जाता है कि एक समय ऐसा भी आया था जब वह कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने का सपना पाल रहे थे, पर आरएसएस ने मौजूदा पद पर नियुक्त करते हुए उनकी महत्वाकांक्षा पर लगाम लगा दी.
आरएसएस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार संतोष को पूर्ण भरोसा है कि उनका हर काम देश के भले के लिए होता है, और उन्हें अपने विचारों और कार्यों को प्रभावित करने की कोशिशें नापसंद हैं. बेंगलुरु में आरएसएस की शाखा के एक सूत्र ने कहा, ‘प्रभावित करने की कोशिश और प्रतिभा के अभाव को वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते हैं. उन्हें ऐसे लोग भी नापसंद हैं जोकि आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ जाते हों, खास कर राजनीतिक फायदे के लिए.’
कन्नड़, तमिल, तेलुगु, हिंदी, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेज़ी जैसी विभिन्न भाषाओं में दक्षता के कारण वह देश भर के कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं. कुलकर्णी ने कहा, ‘उनके बारे में मुझे सर्वाधिक अच्छी बात ये लगती है कि बाहर से भले ही वो सख्त दिखें, पर हैं एक नरमदिल इंसान.’

01/09/2020

नई दिल्ली/नोएडा: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया। शासन ने यह कार्रवाई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर आचरण नियमावली के उल्लंघन को लेकर की। खास बात यह है कि वैभव कृष्ण के खिलाफ यह कार्रवाई एक महिला के साथ उनकी चैट के वायरल विडियो को लेकर फरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद की गई है। आइए बताते हैं क्या है वायरल चैट और गोपनीय रिपोर्ट का मामला। कुछ दिन पहले वैभव कृष्ण की एक महिला के साथ कथित सेक्स चैट का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। विडियो में महिला नहीं दिख रही थी लेकिन उसके फोन की स्क्रीन की किसी अन्य डिवाइस से रिकॉर्डिंग की गई थी। विडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने नोएडा सेक्टर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था। उन्होंने विडियो को मॉर्फ्ड और एडिटेड करार दिया था और उसे अपनी छवि बर्बाद करने की साजिश करार दिया था।

एसएसपी के सेक्स चैट का विडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वायरल विडियो की जांच मेरठ के एडीजी और आईजी को सौंपी गई थी। उन्होंने जांच के दौरान विडियो को फरेंसिक जांच के लिए गुजरात की लैब में भेजा था। फरेंसिक लैब की रिपोर्ट में चैट का विडियो सही पाया गया, जबकि एसएसपी ने दावा किया था कि विडियो फर्जी है। फरेंसिक रिपोर्ट के ठीक बाद वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया।

महिला के साथ कथित सेक्स चैट वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने न सिर्फ FIR दर्ज कराई, जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। उन्होंने 5 आईपीएस अफसरों का नाम लेते हुए उन पर पोस्टिंग के लिए रिश्वत लेने समेत भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में उनकी कार्रवाई से नाराज अफसरों ने एडिटेड विडियो वायरल किया है।

वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। गोपनीय रिपोर्ट को मीडिया में जारी करने पर खुद डीजीपी ओपी सिंह ने नाराजगी जाहिर की थी और वैभव कृष्णा से जवाब तलब किया था। डीजीपी ने कहा था, 'गोपनीय दस्तावेज को वायरल करना गैरकानूनी है। गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो क्लिप भी था। एएसपी से हम पूछेंगे कि क्यों दस्तावेज को वायरल किया गया।

एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक, उन्होंने एसएसपी (गाजियाबाद) सुधीर कुमार सिंह, एसपी (सुलतानपुर) हिमांशु कुमार, एसएसपी (एसटीएफ) राजीव नारायण मिश्र, एसपी (बांदा) गणेश साहा और एसपी (रामपुर) डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी। एसएसपी ने साजिश के लिए इन्हीं अफसरों पर आरोप लगाए थे। नोएडा का चार्ज लेते ही वैभव कृष्ण ने अग्निशमन-होमगार्ड विभाग के बड़े अफसरों, पुलिस और पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आरोप है कि इसी के बाद उनका विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर वैभव कृष्ण के तीन कथित आपत्तिजनक विडियो वायरल हुए थे। उन्होंने नोएडा सेक्टर-20 थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर आईजी रेंज (मेरठ) से इसकी जांच करवाने की अपील की थी।

01/09/2020

बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. साथ ही उन्होंने जेएनयू के वाइस चांसलर को पद से हटाने की मांग की है. बीजेपी नेता जोशी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दो बार वाइस चांसलर जगदीश कुमार से छात्रों और टीचरों से मिलकर विवाद को सुलझाने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अड़ियल रवैया अपनाए रखा. उन्होंने कहा कि अब जगदीश कुमार को जेएनयू वाइस चांसलर के पद से हटा देना चाहिए
बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने ट्वीट कर कहा, 'ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि एचआरडी मंत्रालय ने दो बार जेएनयू के वाइस चांसलर से बढ़ी हुई फीस के विवाद को सुलझाने के लिए कारगर फॉर्मूला लागू करने के लिए कहा था.' बीजेपी नेता जोशी ने कहा, 'वाइस चांसलर जगदीश कुमार को छात्रों और शिक्षकों से बातचीत करने की भी सलाह दी गई थी, लेकिन यह हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार के प्रस्ताव को लागू करने को लेकर वाइस चांसलर का रुख अड़ियल बना हुआ है. उनका यह रवैया बेहद निंदनीय है और मेरी राय है कि ऐसे वाइस चांसलर को पद पर बने रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.'
मुरली मनोहर जोशी का यह बयान उस समय सामने आया है, जब जेएनयू में बढ़ी फीस और हिंसा को लेकर छात्र जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्र वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. विपक्ष भी वाइस चांसलर जगदीश कुमार पर निशाना साध रहा है. हालांकि अब बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी के ट्वीट के बाद सरकार पर दबाव और बढ़ गया है. 5 जनवरी को जएनयू में कुछ नकाबपोश लोगों ने हिंसा की थी और छात्रों के साथ मारपीट की थी. इसमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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