Ankit Jindal

Ankit Jindal

You were born to win, but to be a winner, you must plan to win, prepare to win, and expect to win

05/09/2023

मैं कैसे मान लूँ कि इश्क़ बस इक बार होता है,
मैं तुम्हें जितनी बार देखूँ.. मुझे हर बार होता है

05/09/2023
29/06/2023

#पत्नी_और_प्रेमिका

अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि
प्रेमिका इतनी स्वीट और
पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....?

तो सुनें -

बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और
रूपया उधार माँग कर भी
लॉन्ग ड्राइव पर ले जाते हैं ❓
लेकिन पत्नी के आते ही अमीर हो जाने पर भी उससे केवल बारिश में चाय पकौड़ी बनवाना ही
याद आता है....

थकी-हारी पत्नी नहीं कह देती है तो
आपके अहम को इतनी चोट लगती है कि
सुबह तक मुँह फुलाये घूमते हैं...
लेकिन प्रेमिका के आगे
365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर
कुछ हासिल नहीं हो तो भी
सँस्कार समझ कर उस पर और प्यार लुटाते हैं और मान-मुनव्वल शुरू कर देते हैं

प्रेमिका को पार्क, रेस्टॉरेन्ट, रिसॉर्ट...
सुन्दर से सुन्दर और खर्चीली जगह ले जाते हैं.....
लेकिन पत्नी के आते ही उसे
मुण्डन, जनेऊ, विवाह, पूजा-पाठ,
बीमार की सेवा, श्रद्धाञ्जलि सभा में..
सारी ज़िम्मेदारी निभाने के लिये ले जाते हैं...
प्रेमिका को सर से पाँव तक घूरते रहने में
आँखें नहीं थकतीं और
हर इञ्च और हर मौके के लिए
शायराना अन्दाज़ रहता है.....
लेकिन पत्नी से हमेशा शिकायत ही रहती है कि -
कितना देर लगाती हो तैयार होने में...

प्रेमिका का फ़ोन चौबीस घण्टे में
चौबीस बार भी आये तो वो "प्यार" लगता है.
लेकिन पत्नी का दिन में दो बार फ़ोन
इन्क्वायरी लगने लगता है...

आपने खुद अपने माता-पिता की सेवा नहीं किये होंगे
लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती है कि
वो चौबीस घण्टे उसके पूरे परिवार के सेवा में गुजारे....

16/06/2023

शिवलिंग 🔱

शिवलिंग पर चढाये जल को लाँघा नही जाता और शिवलिंग की परिक्रमा आधी की जाती है.
शिवलिंग पर अर्पित नैवेद्य भी नहीं खाया जाता उसे गऊ वंश को खिला दिया जाता है क्योंकि उनमें ही इसकी शक्ति को सहने की क्षमता होती है...

भारत का रेडियोएक्टिविटी मैप उठा ले हैरान हो जायेंगे भारत सरकार के न्युक्लियर रियेक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगो के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडियेशन पाया जाता है !

शिवलिंग ओर कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो है तभी तो उस पर जल चढाया जाता है ताकि वो शांत रहे ,
महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि " बिल्वपत्र, आक, धतूरा, गुड़हल, आदि सभी न्युक्लियर एनर्जी सोखने वाले हैं,
शिवलिंग पर चढा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसलिए तो जल निकासी नलिका को लाँघा नही जाता...
भाभा एटाॅमिक रिएक्टर का डिजाइन भी शिवलिंग की तरह ही है,
शिवलिंग पर चढाया जल नदी के बहते जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है,
तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि "महादेव शिवशंकर" अगर नाराज हो जायेंगे तो प्रलय आ जायेगी ,
ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है !
जिस संस्कृति की कोख से हमनें जनम लिया वो तो चिर सनातन है ! विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया ताकि वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहे...
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ऐसे महत्वपूर्ण शिव मंदिर है जो "केदारनाथ" से लेकर "रामेश्वरम" तक एक ही सीधी रेखा में बनाये गए हैं , आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजो के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक थी जिसे हम आज तक नहीं समझ पाये ? उत्तराखंड का "श्री केदारनाथ" तेलंगाना का "कालेश्वरम" आंध्रप्रदेश का "कालहस्ती" तमिलनाडु का "एकंबरेश्वर" चिदंबरम और अंततः "रामेश्वरम" मंदिरो को 79°E 41'54" Longitud की भोगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है !
यह सारे मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लिंग की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे हम आम भाषा में पंचभूत कहते हैं, पंचभूत यानि पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और अंतरिक्ष, इन्हीं पाँच तत्वों के आधार पर इन पाँच शिवलिगों को प्रतिष्ठापित किया गया है !
जल का प्रतिनिधित्व तिरूवनैकवल मंदिर में है ,आग का प्रतिनिधित्व तिरूवन्नमलई में है , हवा का प्रतिनिधित्व कालाहस्ती में है, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व कांचीपुरम में है, और अंत में अंतरिक्ष का प्रतिनिधित्व चिदंबरम मंदिर में है, वास्तु -विज्ञान - वेद के अदभुत समागम को दर्शाते हैं ये पाँच मंदिर...!!

भौगोलिक रूप से भी इन मंदिरो में विशेषता पाई जाती है, इन पाँच मंदिरो को योग विज्ञान के अनुसार बनाया गया था और एक दूसरे के साथ एक निश्चित भौगोलिक संरेखण में रखा गया है, इस के पीछे निश्चित ही कोई विज्ञान होगा जो मनुष्य के शरीर पर प्रभाव करता होगा !
इन मंदिरो का करीब पाँच हजार वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जब उन स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक उपलब्ध ही नहीं था तो फिर कैसे इतने सटीक रूप से पाँच मंदिरो को प्रतिष्ठापित किया गया था ? उत्तर भगवान ही जाने ...!

केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच 2383 किमी की दूरी है लेकिन ये सारे मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा में पडते हैं ! आखिर हजारों वर्ष पूर्व किस तकनीक का उपयोग कर इन मंदिरो को समानांतर रेखा में बनाया गया है यह आज तक रहस्य ही है . श्रीकालहस्ती मंदिर में टिमटिमाते दीपक से पता चलता है वह "वायु लिंग" है तिरूवन्निका मंदिर के अंदरुनी पठार में जल बसंत से पता चलता है कि यह "जल लिंग" है . अन्नामलाई पहाडी पर विशाल दीपक से पता चलता है कि वह "अग्नि लिंग" है . कांचीपुरम के रेत के स्वयंभू लिंग से पता चलता है कि वह "पृथ्वी लिंग" है . और चिदंबरम की निराकार अवस्था से भगवान की निराकारता यानि "आकाश तत्व" का पता चलता है !
अब यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है कि ब्रह्मांड के पाँच तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले पाँच लिगों को एक समान रेखा में सदियों पूर्व ही प्रतिष्ठापित किया गया है ! हमें हमारे पूर्वजो के ज्ञान और बुद्धिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास ऐसी विज्ञान और तकनीक थी जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं भेद पाया है, माना जाता है कि केवल यह पाँच मंदिर ही नहीं अपितु इसी रेखा में अनेक मंदिर होंगे जो "केदारनाथ" से "रामेश्वरम" तक सीधी रेखा में पडते हैं, इस रेखा को "शिवशक्ति अक्श रेखा" भी कहा जाता है ! संभवतया यह सारे मंदिर "कैलाश" को ध्यान में रखते हुए बनाये गये हो जो 81.3119° E में पडता है !? उत्तर शिवजी ही जाने...!

कमाल की बात "महाकाल" से "शिव ज्योतिर्लिंगों के बीच कैसा संबंध है......??

उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिगों की दूरी भी है रोचक

09/06/2023

💞तेरी सादगी, तेरी अजीजी, तेरी हर अदा कमाल है...
मुझे फख्र है, मुझे नाज है, मेरी जान बेमिसाल हैं.तुमने रूह में समा जाने को प्रेम कहा..!
मैंने सांसों में बिखर जाने को प्रेम कहा।💞

27/05/2023

जिसे बस अपने दुःख बड़े और अपनी परेशानियां ही दिखती हों, वो क्या किसी और को समझेगा भला.. उसे खुद से फुरसत नहीं वो क्या जानेगा कि संसार कितना बड़ा है, उसके लिए उसकी इच्छाएं ही सर्वोपरि है उसे किसी और से क्या ही राबता होगा...!!!

07/05/2023

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
जिस घड़ी आया पलट , कर इक मिरा बिछड़ा हुआ
आम से कपड़ों में था वो फिर भी शहज़ादा लगा। !!❤️🍁

Photos from Ankit Jindal's post 25/05/2022
13/01/2019

AK with RDB

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