Vandana Tiwari
proud wife of a seafarer, house maker, mother , pet lover,traveller,explorer
कभी सोचना :
एक सर्वे के मुताबिक भारत में साल भर में शादियों पर जितना खर्च हो रहा है, उतनी कई देशों की GDP भी नहीं है।
सनातन में शादी एक संस्कार होती थी जो अब एक इवेंट बन कर रह गई हैं। पहले शादी समारोह मतलब दो लोगों को जुड़ने का एहसास कराते पवित्र विधि विधान, परस्पर दोनों पक्षों की पहचान कराते रीति- रिवाज, नेग भी मान सम्मान होते थे।
पहले हल्दी और मेंहदी यह सब घर अंदर हो जाता था किसी को पता भी नहीं होता था। पहले जो शादियां मंडप में बिना तामझाम के होती थी, वह भी शादियां ही होती थी और तब दाम्पत्य जीवन इससे कहीं ज्यादा सुखी थे। परंतु समाज व सोशल मीडिया पर दिखावे का ऐसा भूत चढ़ा है कि किसी को यह भान ही नहीं है कि क्या करना है क्या नहीं ?
यह एक दूसरे से ज्यादा आधुनिक और अमीर दिखाने के चक्कर में लोग हद से ज्यादा दिखावा करने लगे हैं।
अड़तालिस किलो की बिटिया को पचास किलो का लहंगा भारी न लगता। माता पिता की अच्छी सीख की तुलना में कई किलो मेकअप हल्का लगता है। हर इवेंट पर घंटों का फोटो शूट थकान नहीं देता पर शादी की रस्म शुरू होते ही पंडित जी जल्दी करिए, कितना लम्बा पूजा पाठ है, कितनी थकान वाला सिस्टम है" कहते हुए शर्म भी न आती।
वाक़ई, अब की शादियाँ हैरान कर देने वाली हैं। मज़े की बात ये है कि ये एक सामाजिक बाध्यता बनती जा रही है। उत्तर भारत में शादियों में फ़िज़ूल खर्ची धीरे धीरे चरम पर पहुँच रही है।
पहले मंडप में शादी, वरमाला सब हो जाता था। फिर अलग से स्टेज का खर्च बढ़ा, अब हल्दी और मेहंदी में भी स्टेज, खर्च बढ़ गया है। प्री वेडिंग फोटोशूट, डेस्टिनेशन वेडिंग, रिसेप्शन, अब तो सगाई का भी एक भव्य स्टेज तैयार होने लगा है। टीवी सीरियल देख देख कर सब शौक चढ़े है। पहले बच्चे हल्दी में पुराने कपड़े पहन कर बैठ जाते थे अब तो हल्दी के कपड़े पांच दस हजार के आते है।
प्री वेडिंग शूट, फर्स्ट कॉपी डिजाइनर लहंगा, हल्दी/मेहंदी के लिए थीम पार्टी, लेडिज संगीत पार्टी, बैचलर'स पार्टी, ये सब तो लडकी वाला नाक उँची करने के लिये करवाता है। यदि लड़की का पिता खर्च मे कमी करता है तो उसकी बेटी कहती है कि शादी एक बार ही होगी और यही हाल लड़के वालो का भी है।
मजे की बात यह है कि स्वयं बेटा-बेटी ही इतना फिल्मी तामझाम चाहते हैं, चाहे वो बात प्री-वेडिंग शूट की हो या महिला संगीत की, कहीं कोई नियंत्रण नहीं है। लडक़ी का भविष्य सुरक्षित करने के बजाय पैसा पानी की तरह बहाते हैं। अब तो लड़का लड़की खुद माँ बाप से खर्च करवाते हैं।
शादियों में लड़के वालों का भी लगभग उतना ही खर्चा हो रहा है जितना लड़की वालों का। अब नियंत्रण की आवश्यकता जितना लड़की वाले को है, उतना ही लड़के वाले को भी है। दोनों ही अपनी दिखावे की नाक ऊंची रखने के लिए कर्जा लेकर घी पी रहे हैं।
कभी ये सब अमीरों, रईसों के चोंचले होते थे लेकिन देखा देखी अब मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास वाले भी इसे फॉलो करने लगे है। रिश्तों में मिठास खत्म ये सब नौटंकी शुरू हो गई। एक मज़बूत के चक्कर में दूसरा कमजोर भी फंसता जा रहा है।
कुछ वर्षों पहले ही शादी के बाद औकात से भव्य रिसेप्शन का क्रेज तेजी से बढ़ा। धीरे-धीरे एक दूसरे से बड़ा दिखने की होड़ एक सामाजिक बाध्यता बनती जा रही है। इन सबमें मध्यम वर्ग परिवार मुसीबत में फंस रहे हैं कि कहीं अगर ऐसा नहीं किया तो समाज में उपहास का पात्र ना बन जायें। सोशल मीडिया और शादी का व्यापार करने वाली कंपनिया इसमें मुख्य भूमिका निभा रहीं हैं। ऐसा नहीं किया तो लोग क्या कहेंगे / सोचेंगे का डर ही ये सब करवा रहा है।
कोई नही पूछता उस पिता या भाई से जो जीवनभर जी तोड़ मेहनत करके कमाता है ताकि परिवार खुश रह सकें। वो ये सब फिजूलखर्ची भी इसी भय से करता है कि कोई उसे बुढ़ापे में ये ना कहे के आपने हमारे लिए किया क्या।
दिखावे में बर्बाद होते समाज को इसमें कमी लाने की महती आवश्यकता है वरना अनर्गल पैसों का बोझ बढ़ते बढ़ते वैदिक वैवाहिक संस्कारों को समाप्त कर देगा।
*"BIO-CLOCK"* क्या है ये ???
*अगर हमें सुबह जल्दी बाहर जाना है या कुछ काम है, तो हम सुबह 4.00 बजे का अलार्म लगाकर सो जाते हैं.*
*और अक़्सर हम उस दिन Alarm के पहले ही उठ जाते हैं...*
*"This is Bio-clock".*
*बहुत से लोग ये मानते हैं कि वो 80-90 की उम्र में चले जाएँगे.*
और
*काफी लोग ये विश्वास करते हुए अपनी Bio-clock दिमाग़ में set कर लेते हैं, कि 50-60 की उम्र में सभी बीमारियाँ उन्हें घेर लेंगी, ऐसे लोग सामान्यतः 50-60 की उम्र में बीमारियों से घिर जाते हैं और जल्दी ही भगवान को प्यारे भी हो जाते हैं.*
*Actually हम अंजाने में अपनी गलत Bio-clock सेट कर लेते हैं.*
*चाइना में लोग आराम से 100 साल तक जीते हैं, क्योंकि उनकी Bio-clock उसी तरह set रहती है.*
*अतः मित्रों,*
*1. हम लोग अपनी Bio-clock इस तरह set करें, जिससे हम कम से कम 100 साल तक जी सकें.*
*याद रखिए "Age" is "just a Number",*
*but,*
*"Old Age" is a "mindset".*
*कुछ लोग 75 साल की उम्र में अपने आप को young महसूस करते हैं, तो कुछ लोग 50 की उम्र में भी खुद को बूढ़ा महसूस करते हैं.*
*2. हमें अपने भीतर ये विश्वास बनाना है कि हम 40 से 60 वर्ष की उम्र में उन सभी बीमारियों से दूर हो चुकेंगे, जो पहले भी कभी हुई हों,*
*ताकि हमारी bio-clock वैसे ही set हो जाए.*
*Then, there is no chance of getting any disease.*
*3. Look young.*
*अपनी वेशभूषा, और look सदैव ऐसा रखें ताकि young नज़र आएँ।*
*Do not allow the appearance of ageing.*
*4. Be active.*
*अपनी-अपनी स्थिति के अनुसार walking , Jogging कीजिए.*
*5. ये विश्वास बनाइए कि उम्र के साथ हेल्थ बेहतर होगी. (It's true*).
*6. NEVER, EVER ALLOW THE BIO-CLOCK SET YOUR ENDING..... कभी भी Bio-Clock को आपके जल्दी स्वर्ग सिधारने की अनुमति मत दीजिए।*
*ध्यान रखें, हम जैसा अपने मन में सोचते हैं, हमारे शरीर की सारी प्रक्रियाएँ उसी हिसाब से काम करती हैं।*
*अत: जीवन में हमारी सोच, हमेशा सकारात्मक
She is Malti, the candidate taking up MP election against Ovaisi in Hyderabad..what a scholar she salute to her😊
Add these natural colours in ur morning kick start lifestyle to keep i fit healthy.
Kaisa raha meri chotti si ish facebook family ka holi ka tyohaar.umeed hai sabhi ki holi mangalmay khusiyon se bhari hogi.fagun mahine ki sabhi ko dher saari badhayiya 😊
1. Hindu society had reduced playing Holi in the same way. Liberals cut worms and save water, gave knowledge.
Result:- For the last two years, Hindu society has been playing Holi so hard that the water of washing liberals fell short.
2. The Hindu society had reduced the bursting of crackers on Diwali. Liberals were bitten by worms and banned crackers.
Result:- Last year Hindus burst firecrackers so hard that the engine of Liberals became smokey.
3. The Hindu society had reduced the abhishek in the Shivalayas. Liberals cut the worm drops of milk enlightened.
Result:- Hindu society is now doing anointing with open heart that it has stopped watching Liberals movies. Liberals artists crave for two drops of success.
4. Hindu society had reduced lighting lamps on Diwali. He was doing artificial lighting. Liberals were bitten by insect oil conservation knowledge.
Result:- Last year Hindus lit so many lamps on Diwali that potter's houses were illuminated and glaciers of liberals melted.
This is the new Hindu society which no longer stops celebrating its traditions by trapped in the propaganda of liberals but by convincing it with double strength, strong message to liberals to stay within their limits. This is our festival, we will decide how to celebrate no other.
Let's welcome the new India with open arms. Play Holi hard. Don't waste your happiness by giving someone else the opportunity to infiltrate your desires, festival and Harshollas..
Happy holi..
लो करलो अपना खून गरम।
जम कर मोदी को गाली दो।
दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी ,,, भारत आया नम्बर 3 पर, हम से आगे अमेरिका, रूस हैं l ये है मोदी युग ,,,*
🔺 दूसरी उपलब्धि* ,,, 1.4- 1.5 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन ,,,,, ये है ! एक चाय वाले का अर्थशास्त्र ,,,*
🔺 तीसरी उपलब्धि* ,,, नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में , अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ , भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर ,,,,*
🔺 चौथी उपलब्धि* ,,,,, 2017-18 में दो गुना हुआ , सौर ऊर्जा का उत्पादन ,,,, चीन और अमेरिका भी दंग हैं ,,, *
🔺 पाँचवी उपलब्धि* ,,, भारत की आसमान छू रही , GDP को देखकर ,,, भारत की GDP 8.2% , चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2% ! अब भी कहेंगे , भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,*
🔺 छठी उपलब्धि* ,,, जल , थल और आकाश ; तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला , दुनियाँ का पहला देश बना भारत ,,, ये है मोदी युग ,,, अगर आपको गर्व हुआ हो , तो जय हिन्द लिखना न भूलें ,,,,*
🔺 सातवीं उपलब्धि* ,,,, 70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा ,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया ,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया , भारतीय नकली नोटों का व्यापार था ,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया ,,,*
🔺 आठवीं उपलब्धि* को भी पढ़ें ,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी ,,, 2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ. के. एंटोनी ने कहा था , देश कंगाल है , हम राफेल तो क्या , छोटा जेट भी नहीं ले सकते ,,,, पर मोदीजी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया ,,, राफेल डील भी करली ,,, S - 400 भी ले रहे हैं ! आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था ,,, ❓*
🔺 नवीं उपलब्धि* ,,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच ,,, जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो ,,,*
🔺 दसवीं उपलब्धि* ,,, अब आपको बताता हूँ , भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ ,,,अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना ,,,*
🔺 ग्यारहवीं उपलब्धि* ,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना ,,,*
🔺 बारहवीं उपलब्धि* ,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना ,,,*
🔺 तेरहवीं उपलब्धि* ,,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,*
🔺 चोदहवीं उपलब्धि* ,,, मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,, *
🔺 पंद्रहवी उपलब्धि* ,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,*
🔺 सोलहवीं उपलब्धि* ,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना ,,,*
🔺 सतरहवीं उपलब्धिओ ,,, हमेशा सोए रहने वाले हिंदूओं में *राष्ट्रवाद* जगा दिया , पूरी दुनियां के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है ! मैं इस काम को सबसे महत्वपूर्ण मानता हूँ ।
आतंकियों का सफाया ,,,8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया❗
कृपया करके :-- 2 minute का समय निकाल कर इसे देश हित में जरूर शेयर करें विशेष रूप से मोदी जी से अविश्वास करने वाले लोगों को।
जय हिंद जय माँ भारती
🙏🙏🙏🌹
😂😁🤣😂
Our family is growing gradually.i would like to welcome all my followers and wanna say a huge thanks for being part of my page..love you all from the core of our heart
Sanskar ho to aise..pehli baar koi vedio dekha jo dil ko abhibhutt kar diya..aap sab bhi dekhe aur apne bachhon ko bhi dikhaye..Hare Krishna
अगर महाभारत में श्री कृष्ण नहीं होते तो
पांडु पुत्र भिखारी होते -
जैसे 2014 से पहले भारत में हिन्दू थे
क्योंकि उनके नैतिकता कूट कूट के भरी थी!
हस्तिनापुर में पाण्डवों के राज्याभिषेक के बाद जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो
धर्मराज युद्धिष्ठर उनके रथ पर सवार हो कर कुछ दूर तक उन्हें छोड़ने के लिए चले गए।
भगवान श्रीकृष्ण ने देखा,
धर्मराज के मुख पर उदासी ही पसरी हुई थी।
उन्होंने मुस्कुरा कर पूछा,
"क्या हुआ भइया ?
क्या आप अब भी खुश नहीं ?"
"प्रसन्न होने का अधिकार तो मैं इस महाभारत युद्ध में हार आया हूँ केशव!
मैं तो यह सोच रहा हूँ कि जो हुआ वह ठीक था क्या?" युधिष्ठिर का उत्तर अत्यंत मार्मिक था।
कृष्ण खिलखिला उठे। बोले,
"क्या हुआ भइया! यह किस उलझन में पड़ गए आप?"
"हँस कर टालो मत अनुज!
मेरी विजय के लिए इस युद्ध में तुमने जो जो कार्य किया है, वह ठीक था क्या ?
पितामह का वध, कर्ण वध, द्रोण वध, यहाँ तक कि अर्जुन की रक्षा के लिए
भीमपुत्र घटोत्कच का वध कराना, यह सब ठीक था क्या ?
क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुमने अपने ज्येष्ठ भ्राता के मोह में वह किया जो तुम्हें नहीं करना चाहिए था ?"
धर्मराज बड़े भाई के अधिकार के साथ कठोर प्रश्न कर रहे थे।
कृष्ण गम्भीर हो गए। बोले, "भ्रम में न पड़िये बड़े भइया!
यह युद्ध क्या आपके राज्याभिषेक के लिए लड़ा गया था ?
नहीं!
आप तो इस कालखण्ड के करोड़ों मनुष्यों के बीच एक सामान्य मनुष्य भर हैं।
आप स्वयं को राजा मान कर सोचें, तब भी इस समय संसार में असंख्य राजा हैं और असंख्य आगे भी होंगे।
इस भीड़ में आप बहुत छोटी इकाई हैं धर्मराज,
मैं आपके लिए कोई युद्ध क्यों लड़ूंगा?"
युधिष्ठिर आश्चर्य में डूब गए।
धीमे स्वर में बोले- फिर?
फिर यह महाभारत क्यों हुआ?
"यह युद्ध आपकी स्थापना के लिए नहीं, धर्म की स्थापना के लिए हुआ है।
यह भविष्य को ध्यान में रखते हुए जीवन-संग्राम के नए नियमों की स्थापना के लिए हुआ है।
महाभारत हुआ है, ताकि भविष्य का भारत सीख सके कि विजय ही धर्म है। वो चाहे जिस प्रयत्न से मिले।
यह अंतिम धर्मयुद्ध है धर्मराज!
क्योंकि यह अंतिम युद्ध है जो धर्म की छाया में हुआ है।
भारत को इसके बाद उन बर्बरों का आक्रमण सहना होगा जो केवल सैनिकों पर ही नहीं बल्कि निर्दोष नागरिकों, स्त्रियों, बच्चों, यहाँ तक कि सभ्यता और संस्कृति पर भी प्रहार करेंगे।
उन युद्धों में यदि भारत सत्य-असत्य, उचित-अनुचित के भ्रम में पड़ कर कमजोर पड़ा और पराजित हुआ तो उसका दण्ड समूची संस्कृति को युगों युगों तक भोगना पड़ेगा।
आश्चर्यचकित युद्धिष्ठर चुपचाप कृष्ण को देखते रहे। उन्होंने फिर कहा,
"भारत को अपने बच्चों में विजय की भूख भरनी होगी धर्मराज!
यही मानवता और धर्म की रक्षा का एकमात्र विकल्प है। इस सृष्टि में एक आर्य परम्परा ही है जो समस्त प्राणियों पर दया करना जानती है,
यदि वह समाप्त हो गयी तो न निर्बलों की प्रतिष्ठा बचेगी न प्राण।
संसार की अन्य मानव जातियों के पास न धर्म है न दया। वे केवल और केवल दुख देना जानते हैं।
ऐसे में भारत को अपना हर युद्ध जीतना होगा, वही धर्म की विजय होगी।
युद्धिष्ठिर जड़ हो गए थे,
कृष्ण ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा,
"मनुष्य अपने समय की घटनाओं का माध्यम भर होता है भइया, वह कर्ता नहीं होता।
भूल जाइए कि किसने क्या किया, आप बस इतना स्मरण रखिये कि इस कालखण्ड के लिए समय ने आपको हस्तिनापुर का महाराज चुना है, और आपको इस कर्तव्य का निर्वहन करना है। यही आपके हिस्से का अंतिम सत्य है।"
युधिष्ठिर के रथ से उतरने का स्थान आ गया था।
वे अपने अनुज कृष्ण को गले लगा कर उतर आए।
कृष्ण के सामने अभी अनेक लीलाओं का मंच सजा था।
आज ये युद्धिष्ठर और कोई नहीं हिन्दू समाज है, जो नपुंसक हो गया है
"भाई चारा की बीमारी से ग्रस्त है"
कृष्ण की भांति मोदीजी ये लड़ाई भारत में धर्म स्थापना के लिए लड़ रहे है,
मोदी जी केवल रास्ता दिखा सकते है, शस्त्र हमें खुद उठाने होंगे
जब मोदी जी भगवा वस्त्र में मंदिर में निकलते है तो एक सन्देश देते हैं
"गर्व करो हम हिन्दू हैं"।
सत्ता के बाहर नैतिकता केवल किताबों में अच्छी लगती है,
नैतिकता का पालन सत्ता में होने से राष्ट्र निर्माण होता है।
इस प्रसंग में श्री कृष्ण की चेतावनी को समझें और चिंतन करें कि हम कहाँ खडे हैं
और
आनेवाली पीढ़ी के लिए, समाज के लिए,
राष्ट्र के लिए और सनातन के लिए हमारा कर्तव्य क्या है ?
जय श्री कृष्ण🙏🏻
✍️✍️
*एक भारतीय ने जॉब छोड़कर कनाडा के 1 बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में सेल्समेन की नौकरी ज्वाइन की।*
*बॉस ने पूंछा- तुम्हें कुछ तज़ुर्बा है?*
*उसने कहा कि हां थोड़ा बहुत है।*
*पहले दिन उस भारतीय ने पूरा मन लगाकर काम किया।*
*शाम के 6 बजे बॉस ने पूंछा— आज पहले दिन तुमने कितने सेल किये?*
*भारतीय ने कहा कि सर मैंने 1 सेल किया।*
*बॉस चौंककर बोले— क्या मात्र 1 ही सेल?*
*सामान्यत: यहाँ कार्य करने वाले हर सेल्समेन 20 से 30 सेल रोजाना करते हैं।*
*अच्छा ये बताओ तुमने कितने रूपये का सेल किया?*
*93300 पाउंड्स, भारतीय बोला।*
*क्या?*
*लेकिन तुमने यह किया कैसे?*
*—आश्चर्यजनक रूप से बॉस ने पूंछा।*
*भारतीय ने कहा— 1 व्यक्ति आया और मैंने उसे एक छोटा मछली पकड़ने का हुक बेचा।*
*फिर एक मंझोला और फिर अंततः एक बड़ा हुक बेचा।*
*फिर उसे मैंने 1 बड़ी फिशिंग रॉड और कुछ फिशिंग गियर बेचे।*
*फिर मैंने उससे पूंछा कि तुम कहां मछली पकड़ोगे और उसने कहा कि वह कोस्टल एरिया में पकड़ेगा।*
*तब मैंने कहा कि इसके लिए 1 नाव की जरूरत पड़ेगी।*
*अतः मैं उसे नीचे बोट डिपार्टमेंट में ले गया और उसे 20 फीट की डबल इंजन वाली स्कूनर बोट बेच दी।*
*जब उसने कहा कि यह बोट उसकी वोल्कस वेगन में नहीं आएगी।*
*तब मैं उसे अपने ऑटो मोबाइल सेक्शन में ले गया और उसे बोट केरी करने के लिए नई डीलक्स 4 × 4 ब्लेज़र बेची। और जब मैंने उसे पूंछा कि तुम मछली पकड़ते वक़्त कहां रहोगे। उसने कुछ प्लान नहीं किया था तो मैं उसे कैम्पिंग सेक्शन में ले गया और उसे six sleeper camper tent बेच दिया।*
*और तब उसने कहा कि उसने जब इतना सब कुछ ले ही लिया है तो 200 पाउण्ड की ग्रासरी और बियर के 2 केस भी लेगा।*
*अब बॉस 2 कदम पीछे हटा और बेहद ही भौचक्के अंदाज में पूंछने लगा—*
*तुमने इतना सब उस आदमी को बेच दिया जो केवल 1 fish hook खरीदने आया था?*
*"NO, SIR," वह तो केवल सरदर्द दूर करने की 1 टेबलेट लेने आया था। मैंने उसे समझाया कि मछली पकड़न, सरदर्द दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है।*
*बॉस- तुमने इसके पहले भारत में कहां काम किया था?*
*भारतीय- जी मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में कंपाउंडर था घबराहट की मामूली शिकायत पर हमलोग मरीजों से पैथोलॉजी, ईको, ईसीजी,सी टी स्केन,एक्सरे, एम आर आई इत्यादि टेस्ट करवा देते हैं।*
*बॉस— तुम मेरी कुर्सी पर बैठो, मैं इंडिया में ट्रेनिंग के लिये प्राइवेट हॉस्पिटल ज्वाईन करने जा रहा हूं।*
Attractive package having many months far from family,work pressure,extreme weather change pressure,loneliness,whatever the situation at home you are not able to come once you joined ship.....merchant navy job is not a childish game.for this job you have to be fit physically mentally both♥️
A seafarer's wife has to go through a variety of issues both when on land and at sea, the main among them being: Parenting: One of the biggest and arduous challenges a seafarer's wife has to undertake is parenting and looking after the well being of children when their father is away at sea.
I am watching everyone secretly to give true report to my mumma😁...as soon as she reach home🤣 lover
Believe in yourself. Startover every day..learn from past ,be in present and get ready for future challenges
Actually what I am thinking hum really kalyug mai jee rahe hai.aaj kal log sasti popularity,name,fame,paisa,followers ke liye ittne pagal hai ki kuch bhi karne ,dikhane ke liye ready hai social portals par.chotte chotte girls and boys tak ittna cheap contents bana rahe hai just for sake followers and parents unko motivate kar rahe.aur to aur elderly people bhi kuch kam nahi wo bhi bizarre se ghatiya contents banane lage hai to young generations ka to kya hi bole.mana isse unko chand followers paisa mil raha but what about self respect wo bhi kuch hai life mai ya nahi.I REQUEST TO ALL PARENTS OF BELOW 18YRS DON'T ALLOW UR KIDS TO SPEND TIME IN MOBILE FOR USELESS GAMES,VEDIOS ETC..IT WILL SURELY DAMAGE THEIR MENTAL AND PHYSICAL HEALTH.TRY TO MAKE THEM INVOLVED IN CREATIVE ACTIVITIES.PLZZZZZ GIVE UR FULL TIME TO UR KIDS.