Hindu Dharam
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जय श्री राम
कृष्ण की जय हो
Jai hind
सावन का आखरी सोमवार
सोमवार सुबह बोलो
ॐ नमः शिवाय
हर हर महादेव 🙏🕉️
Ram ram sabhi log ram ram likhe aaj
आप सभी को "श्रीराम जन्मभूमि मंदिर" पूजन की द्वितीय वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनाएं..!!💐
जय श्री राम
आज का दिन गुरुवार आज देवो के गुरु बृहस्पति जी का वार है
ॐ बृं बृहस्पतये नमः॥
राधे राधे कृष्णा कृष्ण प्रेमियों के लिए उपहार कृष्ण प्रेमी पेज को लाइक फॉलो कर दे 🕉️🕉️
ॐ गं गणपतये नमः
हनुमान जी hanuman Status
जय हनुमान जी की बोलो जय श्री राम जय हनुमान 🙏
#बांकेबिहारी #प्रेममन्दिर शिल्पाशेट्टी
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सावन का सबसे प्यारा शिव भजन #शिवभजन 🙏🕉️
सावन के तृतीय सोमवार की सभी शिव भक्तों को
शुभकामनाएं बोले हर हर महादेव 🙏🕉️
🕉️🙏🔱OM NAMAH SHIVAY🕉️🙏🔱
🕉️🙏🔱OM NAMAH SHIVAY🕉️🙏🔱
🕉️🙏🔱HAR HAR MAHADEV🕉️🙏🔱
🕉️🙏🔱HAR HAR MAHADEV 🕉️🙏🔱
मेरे प्रभु श्री राम जी को देव दानव मानव क्या पक्षी भी शीश नवाते है 🙇🙏🕉️ देखे और लायक शेयर कर दे।
#सूर्यदेव 🕉️
आज का दिन रविवार दर्शन करे भगवान सूर्यदेव के और बोले सूर्यदेव की जय
ॐ सूर्यदेव नमः
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श्री शनिदेव चालीसा #शनिचालिसा
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥
॥ चौपाई ॥
जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन ॥
सौरी, मन्द, शनि, दशनामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैं क्षण माहीं ॥
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत वन रामहिं दीन्हो । कैकेइहुं की मति हरि लीन्हो ॥
बनहूं में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चतुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा । मचिगा दल में हाहाकारा ॥
रावण की गति मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलाखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महँ कीन्हों । तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हों ॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल पर दशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥
श्री शंकरहि गहयो जब जाई । पार्वती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रोपदी होति उधारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्ध महाभारत करि डारयो ॥
रवि कहं मुख महं धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देव-लखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ई ॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना । जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी । सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पत्ति उपजावै ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा । गर्दभ सिंद्धकर राज समाजा ॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ॥
तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चाँजी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै ॥
समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्वसुख मंगल कारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥
अदभुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥
॥ दोहा ॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥
बोलो शनिदेव महाराज की जय 🙏🕉️
#चिर_यौवन_के_दाता_अश्विनी_कुमार
चिर यौवन प्राप्ति के लिए किस देवता की आराधना करना चाहिए ?
चिर यौवन प्राप्ति के लिए अश्विनी कुमारों की साधना की जाती है। देवताओं के चिकित्सक के रूप में विख्यात, अश्वीनी कुमारों की सुन्दरता अद्वीतीय है। अश्विनी कुमारों का एक युग्म है। ये दो हैं। दोनों ही आपस में सगे भाई हैं, एक साथ ही रहते है एवम् किसी का भी उपचार, एक साथ मिलकर ही किया करते हैं। सूर्य एवं संज्ञा के संयोग से जन्मने वाले अश्वीनी कुमार द्वौ ने, अत्यन्त ही वृद्ध एवं क्षीणकाय च्यवन ऋषि को, वृद्धत्व एवम् जर्जर काया से मुक्त करते हुए , अपने समान ही सुन्दर और आकर्षक बना दिया था।
ऋषि दधिचि का मस्तक काट कर, वहां अश्व का मस्तक लगाना हो या विश्यला नामक स्त्री का पैर कट जाने पर, वहां धातु का पैर लगाने की कला हो; या फिर अति वृद्धा एवं घोर रोगिणी, घोषा नामक स्त्री का रोग एवं वृद्धत्व नष्ट कर, रूपवती तरूणी बनाने की क्षमता हो, अश्विनी कुमारों की चिकित्सा क्षमता के चमत्कार अनगिनत हैं एवम् उनका समकक्ष, कहीं अन्यत्र नहीं मिलता।
इन जुड़वां देवताओं का एक अन्य पक्ष यह भी है कि ये वेश बदल कर सभी प्राणियों की चिकित्सा सहायता के लिए सदा सर्वदा सन्नद्ध रहा करते हैं। स्मरण करने पर शीघ्र ही सहायक होने वाले अश्विनी कुमारों की यश गाथा, भारत आज भूल चुका है।
अश्विनी कुमार द्वौ की साधना अब लुप्त हो चुकी है, किन्तु सम्पूर्ण भारतवर्ष में, अब भी, कतिपय ऐसे आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं, जिन्हें यह साधना करनी आती है। हिमालय की अगम्य कन्दराओं में अभी भी ऐसे ऋषि हैं, जिन्हें अश्विनी कुमारों का वरदहस्त प्राप्त है।
ऊषा वेला में, घोड़ों अथवा पक्षियों से जुते हुए स्वर्ण के रथ पर आरूढ़ होकर जब अश्विनी कुमारों की सवारी निकलती है तब उस समय रात्रि का अवसान हो चुका होता है एवम् भगवान् भास्कर की सवारी के आने का समय सन्निकट होता है। इसीलिए आयुर्वेद ने ऊषापान का निर्देश दिया है। जो यह रहस्य समझ लेगा, वह सदैव ही रोगमुक्त एवम् प्रसन्नचित्त होकर दीर्घजीवी बना रहेगा।
अश्विनी कुमारों की साधना के कम से कम पांच मन्त्र अभी भी प्रयोग में हैं, किन्तु उन्हें यहां प्रकाशित करना, अनधिकारिक चेष्टा होगी। ऐसे में गुरुआज्ञा ही सर्वोपरि है। अस्तु;
अश्विनी कुमारों की क्षमता, योग्यता एवम् रूप सौन्दर्य भूल चुके भारत को उनकी याद दिलाने के लिए पोस्ट के माध्यम से आप तक जानकारी ले के आए है। इसलिए पेज को लाईक फॉलो करके हमारे साथ जुड़े रहे।
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#शनिदेव
आज शनिवार है शनिदेव जी का दिन
ॐ शं शनैश्चराय नमः
!! नर्मदा नदी के हर पत्थर में हैं शिव आखिर क्यों..!!
प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा। नर्मदाजी ने कहा:- ’ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए।’
ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा - ’यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले, कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए, कोई दूसरी नारी पार्वतीजी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है।'
ब्रह्माजी की बात सुनकर नर्मदा उनके वरदान का त्याग करके काशी चली गयीं और वहां पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तप करने लगीं।
भगवान शंकर उनपर बहुत प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा।
नर्मदा ने कहा - ’भगवन्! तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ...? बस आपके चरणकमलों में मेरी भक्ति बनी रहे।'
नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हो गए और बोले - ’नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी प्रस्तरखण्ड (पत्थर) हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंगरूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम दर्शनमात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी। तुमने जो नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की है, वह पुण्य और मोक्ष देने वाला होगा।’
भगवान शंकर उसी शिवलिंग में लीन हो गए। इतनी पवित्रता पाकर नर्मदा भी प्रसन्न हो गयीं। इसलिए कहा जाता है ‘नर्मदा का हर कंकर शिव शंकर है।'
शिव महादेव 🙏🙏📿📿
बड़े लोग हैं साहब
like मार के निकल लेते हैं
जय श्री राम कहने में
शर्म आती है जय श्री राम🙏
10000 baar ram ram
Likh do sabhi hindu bhai aaj ke din
Jai shri ram🚩
महादेव शिवलिंग में प्रगट हुए है दर्शन करे पेज को लायक करे कॉमेंट करे महादेव की खुशियां प्राप्त करे 🚩🔱🔱📿📿📿