Jaî Jaî Shãnî Dëv ॐ शं शनैश्चराय नमः

Jaî Jaî Shãnî Dëv  ॐ शं शनैश्चराय नमः

" कर्मफल दाता न्याय के देवता शनिदेव " �

07/06/2022

ि_देव 🙏 ं_शनैश्चराय_नम: 🙏
#शनिदेव को हमारे कर्म का और न्याय का देवता माना जाता है हमारे अच्छे या बुरे कर्मों के पीछे शनिदेव का हाथ होता है ।
🙏 कर्मफल दाता शनि देव जी की जय 🙏🚩

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31/05/2022

🙏🏻🙏🏻🌹 जन्मोत्सव के श्रृंगार दर्शन #श्री_शनिदेव_जी के #शनिधाम #शिगणापुर #महाराष्ट्र से🌸🙏🏻🙏🏻

🌹🌺 िदेव 🙏 🌹🌺🚩

28/05/2022

िदेव 🙏🙏
ं_शनैश्चराय_नम:

#शनि स्तोत्र-
नमस्ते कोणसंस्‍थाचं पिंगलाय नमो एक स्तुते
नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमो ए स्तुत
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मंदसज्ञाय शनैश्चर नमो ए स्तुते
प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च
कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रौदोए न्तको यम:
सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:
एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय ए पठेत्
शनैश्चरकृता पीडा न कदचित् भविष्यति 🙏

#श्री_शनिदेव
 🙏🙏
 🏆

20/02/2022

🙏 आप पर #शनि_देव_महाराज का #आशीर्वाद बना रहे,
और बदल दे आपका भाग्य जो आप की जिंदगी में अभी तक न पाया हो..!!

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🌹॥ ं_शनैश्चराय_नमः ॥🌹
🌞 ूर्यपुत्र_शनि_देव_जी 🌞
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08/01/2022

ीलांजन_समाभासम्_रविपुत्रम_यमाग्रजम् #छाया_मार्तण्डसंभूतम_तम्_नमामि_शनैश्चरम्
ं_शनैश्चराय_नम #सूर्यपुत्र #शनि_देव
िदेव 🙏

24/12/2021

ीलांजन_समाभासम्_रविपुत्रम_यमाग्रजम्।
#छाया_मार्तण्डसंभूतम_तम्_नमामि_शनैश्चरम्।।

ं_शनैश्चराय_नम: 🙏

सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:

#जगत के न्यायाधीश #सूर्यपुत्र #शनि_देव के चरणों में शत शत नमन .. !!🙏

13/11/2021

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🏴 ं_शनैश्चराय_नमः🏴
🙏 ्री_शनिदेव_जी_महाराज 🙏

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🏵 ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: 🏵
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🌺🌹🌼 ्री_शनिदेव🌼🌹🌺

5 ऐसे शनि मंत्र हैं, जिनका जाप करने से शनि देव सदा मेहरबान रहते हैं

#शनि_बीज_मंत्र - ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

#विनियोग_मंत्र - शन्नो देवीति मंत्रस्य सिन्धुद्वीप ऋषि: गायत्री छंद:, आपो देवता, शनि प्रीत्यर्थे जपे विनियोग

#शनि_गायत्री_मंत्र - औम कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात

#शनि_वेद_मंत्र - औम प्रां प्रीं प्रौं स: भूर्भुव: स्व: औम शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तु न:.औम स्व: भुव: भू: प्रौं प्रीं प्रां औम शनिश्चराय नम:

ंत्र - ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:।


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03/09/2021

कौन कहता है तेरे दर से मांगने वाला गरीब होता है
जो तेरे दर तक पहुंचे वो सबसे बड़ा खुशनसीब होता है🙏
🙏 #शनि_देव_महाराज_की_जय_हो 🙏
_*|| ि_देव ||*_
_*|| ं_शनैश्चराय_नमः ||*_

#भगवान_शनिदेव आपके सभी कष्टों को दूर करें
और अपनी #कृपा दृष्टि बनाए रखें 🙏

#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम #छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम
🙏🌹🌺🌸🌺🌻🌺🌻🌺🌸🌹🙏

03/09/2021

🌹🙏 ्री_शनिदेव_महाराज 🙏🌹
🙏🙏 ं_शनैश्चराय_नमः 🙏🙏
#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम 🙏
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🪔🙏🙏 ि_देव 🙏🙏🪔

ूर्यपुत्र_शनि_देव_जी #भगवान_शनिदेव 
🙏🌹🌺🌸🌺🌻🪔🌺🌻🌺🌸🌹🙏

27/08/2021

#भगवान_शनिदेव चालीसा अर्थ सहित

॥दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥
हे माता पार्वती के पुत्र भगवान श्री गणेश, आपकी जय हो। आप कल्याणकारी है, सब पर कृपा करने वाले हैं, दीन लोगों के दुख दुर कर उन्हें खुशहाल करें भगवन। हे भगवान श्री शनिदेव जी आपकी जय हो, हे प्रभु, हमारी प्रार्थना सुनें, हे रविपुत्र हम पर कृपा करें व भक्तजनों की लाज रखें।

॥चौपाई॥
जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छवि छाजै॥
परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिये माल मुक्तन मणि दमके॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
हे दयालु शनिदेव महाराज आपकी जय हो, आप सदा भक्तों के रक्षक हैं उनके पालनहार हैं। आप श्याम वर्णीय हैं व आपकी चार भुजाएं हैं। आपके मस्तक पर रतन जड़ित मुकुट आपकी शोभा को बढा रहा है। आपका बड़ा मस्तक आकर्षक है, आपकी दृष्टि टेढी रहती है ( शनिदेव को यह वरदान प्राप्त हुआ था कि जिस पर भी उनकी दृष्टि पड़ेगी उसका अनिष्ट होगा इसलिए आप हमेशा टेढी दृष्टि से देखते हैं ताकि आपकी सीधी दृष्टि से किसी का अहित न हो)। आपकी भृकुटी भी विकराल दिखाई देती है। आपके कानों में सोने के कुंडल चमचमा रहे हैं। आपकी छाती पर मोतियों व मणियों का हार आपकी आभा को और भी बढ़ा रहा है। आपके हाथों में गदा, त्रिशूल व कुठार हैं, जिनसे आप पल भर में शत्रुओं का संहार करते हैं।

पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन॥
सौरी, मन्द, शनि, दशनामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं। रंकहुं राव करैं क्षण माहीं॥
पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥
पिंगल, कृष्ण, छाया नंदन, यम, कोणस्थ, रौद्र, दु:ख भंजन, सौरी, मंद, शनि ये आपके दस नाम हैं। हे सूर्यपुत्र आपको सब कार्यों की सफलता के लिए पूजा जाता है। क्योंकि जिस पर भी आप प्रसन्न होते हैं, कृपालु होते हैं वह क्षण भर में ही रंक से राजा बन जाता है। पहाड़ जैसी समस्या भी उसे घास के तिनके सी लगती है लेकिन जिस पर आप नाराज हो जांए तो छोटी सी समस्या भी पहाड़ बन जाती है।

राज मिलत वन रामहिं दीन्हो। कैकेइहुं की मति हरि लीन्हो॥
बनहूं में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चतुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥
रावण की गति मति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलाखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवायो तोरी॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महँ कीन्हों। तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हों॥
हे प्रभु आपकी दशा के चलते ही तो राज के बदले भगवान श्री राम को भी वनवास मिला था। आपके प्रभाव से ही केकैयी ने ऐसा बुद्धि हीन निर्णय लिया। आपकी दशा के चलते ही वन में मायावी मृग के कपट को माता सीता पहचान न सकी और उनका हरण हुआ। उनकी सूझबूझ भी काम नहीं आयी। आपकी दशा से ही लक्ष्मण के प्राणों पर संकट आन खड़ा हुआ जिससे पूरे दल में हाहाकार मच गया था। आपके प्रभाव से ही रावण ने भी ऐसा बुद्धिहीन कृत्य किया व प्रभु श्री राम से शत्रुता बढाई। आपकी दृष्टि के कारण बजरंग बलि हनुमान का डंका पूरे विश्व में बजा व लंका तहस-नहस हुई। आपकी नाराजगी के कारण राजा विक्रमादित्य को जंगलों में भटकना पड़ा। उनके सामने हार को मोर के चित्र ने निगल लिया व उन पर हार चुराने के आरोप लगे। इसी नौलखे हार की चोरी के आरोप में उनके हाथ पैर तुड़वा दिये गये। आपकी दशा के चलते ही विक्रमादित्य को तेली के घर कोल्हू चलाना पड़ा। लेकिन जब दीपक राग में उन्होंनें प्रार्थना की तो आप प्रसन्न हुए व फिर से उन्हें सुख समृद्धि से संपन्न कर दिया।

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजी-मीन कूद गई पानी॥
श्री शंकरहि गहयो जब जाई। पार्वती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रोपदी होति उधारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥
रवि कहं मुख महं धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ई॥
आपकी दशा पड़ने पर राजा हरिश्चंद्र की स्त्री तक बिक गई, स्वयं को भी डोम के घर पर पानी भरना पड़ा। उसी प्रकार राजा नल व रानी दयमंती को भी कष्ट उठाने पड़े, आपकी दशा के चलते भूनी हुई मछली तक वापस जल में कूद गई और राजा नल को भूखों मरना पड़ा। भगवान शंकर पर आपकी दशा पड़ी तो माता पार्वती को हवन कुंड में में कूदकर अपनी जान देनी पड़ी। आपके कोप के कारण ही भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग होकर आकाश में उड़ गया। पांडवों पर जब आपकी दशा पड़ी तो द्रौपदी वस्त्रहीन होते होते बची। आपकी दशा से कौरवों की मति भी मारी गयी जिसके परिणाम में महाभारत का युद्ध हुआ। आपकी कुदृष्टि ने तो स्वयं अपने पिता सूर्यदेव को नहीं बख्शा व उन्हें अपने मुख में लेकर आप पाताल लोक में कूद गए। देवताओं की लाख विनती के बाद आपने सूर्यदेव को अपने मुख से आजाद किया।

वाहन प्रभु के सात सुजाना। दिग्ज हय गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी। सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पत्ति उपजावै॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥
तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँजी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै॥
समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्वसुख मंगल कारी॥
हे प्रभु आपके सात वाहन हैं। हाथी, घोड़ा, गधा, हिरण, कुत्ता, सियार और शेर जिस वाहन पर बैठकर आप आते हैं उसी प्रकार ज्योतिष आपके फल की गणना करता है। यदि आप हाथी पर सवार होकर आते हैं घर में लक्ष्मी आती है। यदि घोड़े पर बैठकर आते हैं तो सुख संपत्ति मिलती है। यदि गधा आपकी सवारी हो तो कई प्रकार के कार्यों में अड़चन आती है, वहीं जिसके यहां आप शेर पर सवार होकर आते हैं तो आप समाज में उसका रुतबा बढाते हैं, उसे प्रसिद्धि दिलाते हैं। वहीं सियार आपकी सवारी हो तो आपकी दशा से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है व यदि हिरण पर आप आते हैं तो शारीरिक व्याधियां लेकर आते हैं जो जानलेवा होती हैं। हे प्रभु जब भी कुत्ते की सवारी करते हुए आते हैं तो यह किसी बड़ी चोरी की और ईशारा करती है। इसी प्रकार आपके चरण भी सोना, चांदी, तांबा व लोहा आदि चार प्रकार की धातुओं के हैं। यदि आप लौहे के चरण पर आते हैं तो यह धन, जन या संपत्ति की हानि का संकेतक है। वहीं चांदी व तांबे के चरण पर आते हैं तो यह सामान्यत शुभ होता है, लेकिन जिनके यहां भी आप सोने के चरणों में पधारते हैं, उनके लिये हर लिहाज से सुखदायक व कल्याणकारी होते है।

जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥
अदभुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥
जो भी इस शनि चरित्र को हर रोज गाएगा उसे आपके कोप का सामना नहीं करना पड़ेगा, आपकी दशा उसे नहीं सताएगी। उस पर भगवान शनिदेव महाराज अपनी अद्भुत लीला दिखाते हैं व उसके शत्रुओं को कमजोर कर देते हैं। जो कोई भी अच्छे सुयोग्य पंडित को बुलाकार विधि व नियम अनुसार शनि ग्रह को शांत करवाता है। शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष को जल देता है व दिया जलाता है उसे बहुत सुख मिलता है। प्रभु शनिदेव का दास रामसुंदर भी कहता है कि भगवान शनि के सुमिरन सुख की प्राप्ति होती है व अज्ञानता का अंधेरा मिटकर ज्ञान का प्रकाश होने लगता है।

॥दोहा॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों kumawat तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

भगवान शनिदेव के इस पाठ को ‘ कुमावत ने तैयार किया है जो भी इस चालीसा का चालीस दिन तक पाठ करता है शनिदेव की कृपा से वह भवसागर से पार हो जाता है।

ूर्यपुत्र_शनि_देव_जी ं_शनैश्चराय_नमः ्री_शनिदेव_महाराज #शनि_देव ि_देव 🙏

07/08/2021

🌹🌹💮🌹🌹🌹🌻🌹🌹🌹🌼🌸🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏
ं_शनैश्चराय_नमः #शनि_देव
ि_देव ्री_शनिदेव_महाराज
ूर्यपुत्र_शनि_देव_जी
🙏🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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31/07/2021

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌹॥ ं_शनैश्चराय_नमः ॥🌹
🌞 ूर्यपुत्र_शनि_देव_जी 🌞
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31/07/2021

🍁 𝗦𝗛𝗔𝗡𝗜𝗗𝗘𝗩 𝗠𝗔𝗡𝗧𝗥𝗔 🍁

🌸साढ़ेसाती से बचने के मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

🔸ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

🔸ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

🌸शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

🌸शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

🌸शनि देव का एकाक्षरी मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

🌸शनि देव जी का गायत्री मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

🌸शनिदेव महाराज जी के अन्य मंत्र◼️◾▪️

🔸ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
🔸ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
🔸ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
🔸ऊँ मन्दाय नमः।
🔸ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।

15/05/2021

*🔱॥ ं_शनैश्चराय_नमः॥🔱*

*🔥 #श्री_शनिदेव_वंदना 🔥*
*" ीलांजन_समाभासं_रवि_पुत्रं_यमाग्रजम"*
*" #छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम"*
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08/05/2021

#शनि_देव को न्याय का देवता माना जाता है। मनुष्य द्वारा किए गए पापों का दंड शनि देव ही देते हैं। शनि देव की आराधना करने से गृह क्लेश समाप्त हो जाता है तथा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम #छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम

ं_शनैश्चराय_नमः

01/05/2021

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🙏🙏🙏🙏 ॐ 🙏🙏🙏🙏
ं_शनैश्चराय_नमः #शनि_देव
ि_देव ्री_शनिदेव_महाराज
🙏🙏🙏🙏 ॐ 🙏🙏🙏🙏
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01/05/2021

🙏🪔🙏 ं_शनैश्चराय_नमः 🙏🪔🙏
#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम 🙏
🙏🌹🌺🌸🌺🌻🌺🌻🌺🌸🌹🙏
🌹🙏 ्री_शनिदेव_महाराज 🙏🌹
🪔🙏🙏 ि_देव 🙏🙏🪔


🙏🌹🌺🌸🌺🌻🪔🌺🌻🌺🌸🌹🙏

02/04/2021

🔔 ं_शनैश्चराय_नमः 🙏

#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम |
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम |

िदेव ि_देव #शनिवार
🌼🌹🏵️🌹🏵️🌹🌼🌹🏵️🌺🌹🌼🌷

20/03/2021

🌼🌺 🙏 िदेव 🙏🌹🌼

20/03/2021

🙏 ं_शनैश्चराय_नमः 🙏
🙏 ्री_शनिदेव_जी िदेव 🙏 🚩

Photos from Jaî Jaî Shãnî Dëv  ॐ शं शनैश्चराय नमः's post 19/03/2021

#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम् I
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम् II

Neelaanchana Samaabaasam –
Raviputhram Yamaagrajam
Chaayaa Maarthaanda Sambhootham – Thannamaami Sanaicharam

𝙈𝙚𝙖𝙣𝙞𝙣𝙜 :--
The one who is blue, one who is like charcoal, one who is the son of Surya and the brother of Yama, one who is born to Chaya and Surya, I prostrate that Saneeswara🙏🙏

ि_देव #शनिवार #शनि_महाराज_जी_की_जय

13/03/2021

#‌ॐ‌_शं‌_शनैश्चराय_नमः #शनिदेव िदेव
्री_शनिदेव_जी
#श्री_शनिदेव_जी_महाराज

13/03/2021

#शनि_चालिसा

॥दोहा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

शनि चालिसा

जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्ो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गतिमति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवाय तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजीमीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देवलखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सजाना। जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

॥दोहा॥

पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार

#शनिदेव िदेव #श्री_शनिदेव_जी_महाराज

06/03/2021

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🌹🌹🌹॥ ं_शनैश्चराय_नमः ॥🌹🌹🌹
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05/03/2021

🌷 ्री_शनिदेव_जी 🌷
ीलानान्जना_समाभासम_रविपुत्रं_यामाग्राजम ! 🌹
#छाया_मार्तंडा_सम्हुबुतम_तमा_नमामि_शानेश्रम !🌹
िदेव_महाराज_जी ावीर_हनुमान
#शनिदेव #बजरंगबली आपको कोटि-कोटि नमन-वंदन 🙏 🚩

27/02/2021

#‌ॐ‌_शं‌_शनैश्चराय_नमः #शनिदेव
्री_शनिदेव_जी

20/02/2021

জয় শ্রী শনি দেব জি মহরাজ নমো নমঃ

िदेव_महाराज_जी #‌ॐ‌_शं‌_शनैश्चराय_नमः #शनिदेव ्री_शनिदेव_जी 🙏 🌼

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20/02/2021

्री_शनिदेव_जी िदेव 🙏 🚩

13/02/2021

्री_शनिदेव_जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन

#शनिदेव #‌ॐ‌_शं‌_शनैश्चराय_नमः 🙏 🌹

13/02/2021

#महाराष्ट्र स्थित #श्री_शनि ( #शिंगणापुर) मंदिर से आप भी कीजिए #शनिदेव_जी की अद्भुत छवि के पावन दर्शन |

िदेव_महाराज_जी

13/02/2021

ि_देव ्री_शनिदेव_महाराज

🙏🌹🌷 ं_शनैश्चराय_नमः 🌷🌹🙏

#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम |
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम |

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30/01/2021

🙏🪔🙏 ं_शनैश्चराय_नमः 🙏🪔🙏
#नीलांजन_समाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम
#छायामार्तंड_संभूतं_तं_नमामि_शनैश्चरम 🙏
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🌹🙏 ्री_शनिदेव_महाराज 🙏🌹
🪔🙏🙏 ि_देव 🙏🙏🪔
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25/01/2021

#जयति_जयति_शनिदेव_दयाला
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।
चारि भुजा तनु श्याम विराजे
माथे रत्न मुकुट छवि छाजै।
परम विशाल मनोहर भाला
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराल।
कुंडल श्रवण चमाचम चमके
हिये माल मुक्तन मणि दमके।

िदेव 🙏
्री_शनिदेव_जी 🙏

Photos from Jaî Jaî Shãnî Dëv  ॐ शं शनैश्चराय नमः's post 23/01/2021

#शिंगणापुर, #महाराष्ट्र में स्थित #शनि_मंदिर से आप भी कीजिए #श्री_शनिदेव_जी की अद्भुत छवि के दिव्य दर्शन।

्री_शनिदेव_जी िदेव 🙏 🚩

16/01/2021

्री_शनिदेव_जी 🙏 🚩

16/01/2021

#बजरंगबली ने #शनि_महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था और उनकी रक्षा की थी इसलिए #शनि_देवता ने यह वचन दिया था #हनुमानजी की उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे | #शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु #हनुमानजी_की आराधना करनी चाहिए 🙏
ावीर_हनुमान िदेव 🙏

16/01/2021

🔔 ्री_शनिदेव_महाराज 🔔
#नीलांजनसमाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम्
#छायामार्तण्डसम्भूतं_तं_नमामी_शनैश्चरम्
ं_शनैश्चराय_नम: , ॐ शं शनैश्चराय नम:
#प्रभु सभी #भक्तजनों पर #कृपा दृष्टि बनायें रखें 🙏

02/01/2021

ानिदेवाय_नमः 🙏
ि_देव 🙏
#श्री_हनुमान - #श्री_शनिदेव जी की #कृपा से आपके सभी कार्य शुभ हो 🙏 🚩

01/01/2021

।। ं_शनिश्चराय_नम
#नीलांजनसमाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम् #छायामार्तण्डसम्भूतं_तं_नमामी_शनैश्चरम्
्री_शनिदेव_जी_महाराज ।।

01/01/2021

💐🙏 ्ष_की_हार्दिक_शुभकामनाएं 🙏 💐

यह साल आपके जीवन में नई खुशियाँ, नए लक्ष्य, नई उपलब्धियाँ और कई नई प्रेरणाएँ लेकर आए 😊

ं_शनिश्चराय_नम:

#नीलांजनसमाभासं_रविपुत्रं_यमाग्रजम्।
#छायामार्तण्डसम्भूतं_तं_नमामी_शनैश्चरम्।।

जो नीले और काले पर्वत की तरह चमकिले हैं, सूर्य के पुत्र और यम के बड़े भाई।
छाया उनकी माता और मार्तण्ड (सूर्य) के पुत्र , ऐसे शनिदेव को मैं नमन करता हूँ।।

सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनि:।।

सूर्यदेव के पुत्र, दीर्घ देह और विशाल नेत्रों वाले, मंदगामी, प्रसन्न आत्मा वाले #शनि मेरी पीड़ा दूर करें। 🙏

|| िदेव_महाराज ||
|| िदेव ||

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