Nitya Dream House Construction.
We Build Your Dream Plan Within Budget.
कुछ समय पहले Anurag Tiwari जी ने कहा था कि भारत मे कोई भी निर्माण होता है तो वो विदेशों जितना टिकाऊ क्यों नही होता
उसका सीधा सा जवाब है ये चित्र
भारत मे लोग प्रोफेशनलिज्म, स्किल और क्वालिटी के बजाय इस बात पर अधिक जोर देते हैं कि कैसे काम सस्ते से सस्ता हो जाये और पैसा बचे
यहाँ अधिकतर लोगों की मानसिकता ये है कि आज का काम चल जाये, बाद का बाद में देखा जाएगा
दूरगामी परिणामो से उन्हें कोई मतलब नहीं रहता
आप प्रोफेशनल इंजीनियर हायर कीजिये तो आपके मकान का कोस्ट बढ़ जाएगा, वजह ये की उसमें जब सारे काम मानक से होंगे तो समान भी उच्च गुणवत्ता का लगेगा, समय भी अधिक लगेगा, श्रम भी अधिक लगेगा और दूरगामी परिणाम भी बढ़िया मिलेंगे
10 लाख का मकान यदि व्यक्ति 3 लाख में बनवा रहा है तब गुणवत्ता का तो सवाल ही नहीं
लोग सस्ते के चक्कर में ऐसे कॉन्ट्रेक्टर हायर कर लेते है जिसे उस फील्ड का तकनीकी ABCD तक मालूम नहीं होता है
वो ठेका लेकर लेबर रेट पर वही काम किसी अनपढ़ मिस्त्री को दे देता है
और ऐसे मिस्त्री 99% इस मानसिकता से ग्रसित होते हैं कि हमसे ज्यादा जानता है क्या इंजीनियर, हम ही है कलियुग के विश्वकर्मा
यहाँ पर यदि प्रोफेशनल मिस्त्री होता तब वह कॉलम पर कम से कम आधे इंच का मार्जिन देता सरिए का, प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन होता तो सरिया काटने के बजाय कोई और रास्ता ढूंढता
सरिया काटने से ये कॉलम खत्म हो गया
अनप्रोफेशनल मिस्त्री ज्यादा सोचता नहीं, 400 रुपये की दिहाड़ी में आया हुआ जाहिल न तो कॉलम की सोचेगा, न क्वालिटी की और न सरिया काटने से क्या नुकसान होगा उसकी
उसकी औकात 400 वाली है, उससे अधिक का वो समय और दिमाग खर्च नही करेगा
इसकी जगह प्रोफेशनल मिस्त्री होता तब वह न केवल कोई और तरीका ढूंढता बल्कि कॉलम को नुकसान पहुंचाए बिना लाइन को डाल देता, पर तब वह अपने अनुभव व समय का चार्ज भी अधिक लेता जो देने से यहां के लोग कतरा जाते है
सोच वही कि पलस्तर में तो सब दब जाना है मालिक को क्या पता पड़ना
प्रोफेशनलिज्म की कमी और क्वालिटी के बजाय कैसे सस्ते में काम हो बस यही वजह है भारत मे निर्माण की क्वालिटी दिन ब दिन घटिया होती जा रही है
विदेशों में क्वालिटी या स्टैंडर्ड से समझौता नही किया जाता है, वहाँ लोगो को क्वालिटी का मतलब पता है
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