Satendar Kumar MSP

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Samaj Seva

इस इनसाने पहाड तोडकर बनाया रास्ता | A Real Mountain Man 16/01/2024

इस इनसाने पहाड तोडकर बनाया रास्ता | A Real Mountain Man इस इनसाने पहाड तोडकर बनाया रास्ता | A Real Mountain ManDashrath Manjhi (14 January 1929[1] – 17 August 2007[2]), also known as Mountain Man,was a laborer in...

06/07/2023
20/05/2023

मुकनायक (बेजुबान की आवाज)
साथियों,
क्या आप निम्न वत समस्याओं से परेशान है
१ क्या आप भूमि हीन है ?
२ क्या आप के पास आवास नही है?
३ क्या आप को धन के अभाव में समुचित शिक्षा नही मिल पा रही है?
४ क्या आप बेरोजगार है?
५ क्या आप मंगाई से परेशान हैं?
६ क्या आप के घर में कोई बीमार है जिसका इलाज धन अभाव में नही हो पा रहा है?
७ क्या आप समूह के कर्ज, सेठ साहूकार के कर्ज, बैंक के कर्ज से परेशान हैं?
८ क्या आप का पैसा किसी चिट फंड एकम्पनी में जमा है जो नही मिल रहा है?
९ क्या आप के बच्चो का विवाह धन अभाव में नही हो पा रहा है?
१० क्या आप के बच्चे कुपोषण के शिकार हैं?
११ क्या आप के पास शौचालय नहीं है?
१२ क्या आप को शुद्ध पानी नहीं प्राप्त हो रहा है?
१३ क्या आप अधिक विद्युत बिल से परेशान हैं?
१४ क्या आप घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के शिकार हैं ?
१५ क्या आप को वृद्धा पेंशन,विधवा पेंशन अथवा विकलांग पेंशन मिल रही है?
१६ क्या आप मजदूर है और शोषण के शिकार है?
१७ क्या आप किसान है और आप के मेहनत की कमाई पूजिपति,बनिया,सेठ साहूकार और दलाल लूट रहे है ?
१८ क्या आप को अपनी योग्यता के अनुसार काम और दाम नही मिल रहा है ?

प्रश्न यह है कि जब आप सभी अपने अपने निजी हितों को लेकर रात दिन सिर्फ अपने कार्य रहे है तो यह समस्याएं आज तक क्यू बरकरार है ? इसका मूल कारण है निजी संपत्ति पर आधारित व्यवस्था जिसने आप को खंड खंड बांट दिया है जिस प्रकार परिवार की संपत्ति बंटते ही सबके दुख सुख बंट जाते है उसी तरह पूरा समाज खंड खंड हो चुका है सभी अपने अपने निजी हितों को लेकर एक दूसरे से टकरा रहे है किसी को किसी से कोई लेना देना नही है सभी लोग व्यक्तिगत स्वार्थ से भर चुके है । ठीक उसी तरह जिस तरह पशु सिर्फ अपने तक सीमित हो जाता है उसी तरह आप सभी सिर्फ अपने तक सीमित हो चुके हैं । कोई भी जनहितो को लेकर लड़ने के लिए तैयार नहीं है, कोई भी बलिदान करने को तयार नही है जिस प्रकार पशु खाता है, लैटरिंग करता है उसी प्रकार आप सभी है । यही कारण है कि सभी के सभी परेशान है पुजीपति वर्ग आप को पशु बनाना चाहता है और आप पशु बन चुके है। शोषक आप को नशेड़ी, गजेड़ी, शराबी, अफिमची बनाना चाहता है और आप बन चुके है, शोषक वर्ग आप को भिखारी बनाना चाहता है और आप बन चुके है जिस प्रकार भिखारी को भीख मिले अथवा नहीं मिले वह कभी उसके लिए आंदोलन नही करता है उसी प्रकार आप है सरकार भीख दे अथवा नहीं दे आप सरकार के खिलाफ आंदोलन नही करते हैं और चुप चाप दारुण कष्ट झेल लेते हैं। इसलिए आप अपनी दरिद्रता के लिए खुद जिम्मेदार है क्यू कि आप के पास जुर्म के खिलाफ लड़ने को समय नही है, क्यू कि आप को हो रहे अन्याय अत्याचार को देखने की आदत बन चुकी है यही पशुओं के खास लक्षण है। जिस प्रकार पशु सिर्फ चारे की तलास में इधर से उधर भटकता है उसी तरह आप अपनी सुविधाओ के लिए जगह जगह भटक रहे है । अंतर सिर्फ बस इतना है कि भेड़ बकरी चार पाए के पशु है और आप दो पाए के पशु है । जिस प्रकार पशुओं का कोई संगठन नही होता है उसी तरह आप भी जन संगठन से कोसो दूर है इसीलिए तो शोषण और जुर्म के सभी शिकार हैं। यदि आप पशु से इंसान बनना चाहते है तो मूलनिवासी समाज पार्टी से जुड़े और अपने परिवार को जोड़े। तभी इन समस्याओं का निदान संभव है।
यदि हां तो मूलनिवासी समाज पार्टी द्वारा आप की इन समस्याओं को सीधे माननीय प्रधान मंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है जिससे देश के गरीबों, मेहनत कशो के बद से बदतर जीवन के बारे में वह जान सके। इसलिए आप जिन समस्याओं से जूझ रहे है उसको पार्टी द्वारा बनाए गए जन समस्या समाधान फार्म पर भरे ।
तो प्रश्न है कि इससे क्या लाभ होगा ? हा इससे लाभ होगा । इससे यह लाभ होगा कि जो सरकार यह दावा कर रही है कि जनता को किसी प्रकार का कष्ट नहीं है उसका यह दावा हवा में उड़ जायेगा दूसरा कि आप की समस्या से सरकार अवगत होगी जिसका समाधान करना उसका दायित्व बन जायेगा यदि सरकार नही हल करेगी तो सरकार की नीति और नीयत को आप जान सकेंगे।
इतनी बड़ी आबादी जो दुखी है पीड़ित है इसके ऊपर मुठ्ठी भर लुटेरे राज कर रहे हैं जनता की समस्या दिन दूना रात चौगुना गति से बढ़ रही है वही दूसरी तरफ लुटेरों की धन दौलत भी दिन दूना रात चौगुना की गति से बढ़ रही है जिसका अंत जन संघर्ष के बिना संभव नहीं है।
प्रत्येक जाति के ठिकेदार यह कहते हुए की जब तक हमारी जाति की पार्टी नही होगी तब तक गरीबी दूर नहीं होगी इसी भावना पर प्रत्येक जाति के गरीबों ने अपनी जाति के नेताओ का साथ दिया नतीजा यह निकला की उस जाति के नेता की गरीबी तो दूर हों गई लेकिन वह जाति गरीब की गरीब रह गई इसलिए जाति के आधार पर संगठित होने पर सिर्फ उस जाति के नेता का भला हवा है।
यही कारण है कि जहां एक तरफ प्रत्येक जाति धर्म के गरीब लोग है तो वही दूसरी तरफ प्रत्येक जाति धर्म के अमीर पूजीपती भी है जो जाति से जाति को लड़ाकर सांसद विधायक बन रहे हैं इन ठिकेदारो के पास आलीशान महल, बड़े बड़े निजी इश्कुल कालेज,बड़े बड़े होटल, बड़े बड़े अस्पताल, बड़े बड़े ठीके पट्टे, सैकडो हजारों बिगहा के इनके फार्म हाउस, आमदनी के अनेकों स्रोत है, जिनके पास अपने निजी गुंडे बदमाश और राइफल धारी है, इनके पास मंहगी मंहगी कारे है जो राजाओं जैसा जीवन जी रहे हैं और हमारे आप के बीच आकर कहते हैं कि हम आप के बिरादरी के है यही लोग धूर्त है जो आप के दुख के असली जिम्मेदार है।
तो साथियों मूलनिवासी समाज पार्टी द्वारा आप की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया इसके लिए यह जानना जरूरी है कि कौन लोग दुखी है पीड़ित हैं जो लोग जन समस्या समाधान फार्म भरेंगे पार्टी उन्ही की लड़ाई लड़ेगी अतः आप से यह अपील करते हुए कि इस लड़ाई को लड़ने के लिए पार्टी को यथा यथा शक्ति सहयोग दे क्यू कि यह जनता की लड़ाई है यह किसी व्यक्ति विशेष की लड़ाई नहीं है इसको जन सहयोग के बगैर लड़ पाना संभव नहीं है अतः जन समस्या समाधान फार्म भर कर आप इस मुहिम से जुड़े और सहयोग देकर इस लड़ाई के हिस्सा बने इन्ही अपीलों के साथ आप सभी को दुष्यंत कुमार की इस कविता के साथ



जय मूलनिवासी
भीमसेन भारशिव
राष्ट्रीय अध्यक्ष
मूलनिवासी समाज पार्टी
दिनाक ५/५/२०२३

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