Model Primary School Ramnagar, Bilaspur, Rampur
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इस मानसून सत्र में मेरे स्कूल के बच्चो ने पौधों और टहनियों के साथ जमकर प्रयोग किए। प्रयोग कुछ सफल रहे कुछ असफल लेकिन इसे करने की कोशिश में मेरे बच्चे लगातार कुछ न कुछ सीखते रहे। अशोक की 2 टहनियां से कली फूटने और डेविल्स बैकबोन पौधे की टहनियों में से पत्तों को निकलते देखकर इनके चेहरे पर सुकून और खुशी उतनी ही थी जितनी इस तस्वीर को लेते हुए मेरे चेहरे पर रही होगी।
बच्चो ने कई तरह की इनडोर और आउटडोर पौधों की टहनियां रोपी थी इस काली ट्रे में। जिनमें से काफी टहनियां फुट के नन्हा पौधा बन गई है जो अब से मेरे बच्चो के स्कूल की शोभा बढ़ाती रहेंगी।
ईश्वर इनकी हर कोशिश का परिणाम इतना ही हरा करे ताकि ये प्रयोग करते रहने के लिए ऐसे ही उत्साहित रहे।
वैसे जो टहनियां सूख गई उन्हें आराम से ट्रे से निकालकर इन नन्हे नन्हे बच्चो ने ये भी प्रदर्शित किया की ये सब्र और असफलता जैसे शब्दों से भी परिचित हैं। और नई कोशिश के लिए फिर से तैयार भी।
You don't have to be perfect to be amazing ✨🌸
Because little nature lovers grow into big nature lovers 🌺🌧️☁️⛰️🌴🌳
(Sadhna and Geeta from class 5th)
जिनकी दुनिया अपनी नज़रों में ख़ूबसूरत हो, वो साधनों की कमी का राग नहीं गाते। वो तो बस जीते जाते हैं।
Class 2nd की माहिरा से यही सीखा मैंने🌺🌸
जैसे जैसे तुम्हारी सफ़लता बढ़ेंगी वैसे वैसे बढ़ेगा तुम्हारा आत्मविश्वास। और फिर खुशी से लबालब तुम्हारी ये मुस्कुराहटें बढ़ाएंगी हमारा मनोबल।
तो लगे रहो📖
Being a teacher, reading this book was not just reading. Most of all the problems and possibilities have been talked about. I am glad to read that there are many people who are watching the children with such a calm attitude.
"प" से पहाड़ ⛰️🏞️
पहली कोशिश से बनाए
"अ" पर
"Good" मिलता देख,
झुकी सहमी नज़रों
और अभी अभी कमाए
आत्मविश्वास के साथ
उसके नन्हें होठों ने,
मासूमियत से भरी
जो सीधी रेखा खींची
वो मुस्कुराहट काफी है
टूटे हुए शख्स़ को
आत्मविश्वास से भरने के लिए ।।
- दिव्या भारद्वाज
बड़ा ऊ से ऊँट 🐪
( Their curiosity is enough to make them learn anything)
"बचपन को फिर से जी पाना", उम्र में बढ़ते हर शख़्स की चाह होती है। और इसी बचपन की यादों के संदूक को हम जब भी कभी ठहर कर खोलते हैं, तो अनेकों ऐसी यादें बाहर झाॅंकने लगती है, जिन्हें शायद हम सभी ने अपने बचपन में जी भर कर जिया होता है । सड़क पर बारिश के पानी से भरे गड्ढे में, जानबूझ कर किसी छोटे बच्चे को छपाक से कूदते देख कर, मुझे मेरा बचपन फिर से गुदगुदाने लगता है। बारिश शायद उन्हीं यादों से पूरी तरह भिगोने के लिए, समय बाॅंधकर हम सब से मिलने आती है। अचानक बारिश आ जाने पर, मौसम के चक्र से थोड़ा कम परिचित इन बच्चों को, अपने भविष्य के लिए यादें बनाते हुए देख कर, मै अपना बचपन फिर से जी लेती हूं।
एक शिक्षक के रूप में इस से बेहतर क्या महसूस किया जा सकता है कि जिन्हें आपने पढ़ना लिखना सिखाया हो, वो ही बच्चे आपको भी कुछ सिखाएं।।
बाल गणना का कार्य प्रगति पर है। तेज़ धूप में, गांव में घूमते हुए जब गला प्यास से पूरा सूख गया तो मैं और मेरी साथी विनीता मैम ने अगले घर में थोड़ा ठहर कर आगे चलने का सोचा।
अगला घर मेरी क्लास से इसी सत्र में पांचवीं पास करने वाली तोय्यब्बा का था। अपना रजिस्टर भरने के बाद मेरा ध्यान उस फ्रेम की तरफ चला गया ,जिसके चारों तरफ तोय्यब्बा की बहने बैठ कर कुछ बना रही थी। ये शायद कोई मेजपोश था।
"मुझे वो करना नहीं आता था" ये सुन कर नन्हीं तोय्यब्बा हल्की सी हंसी थी। क्योंकि उस छोटी सी बच्ची को भी सूई , मोती व सितारों से वो कपड़े का टुकड़ा सजाना आता था और उसकी मैडम होने के हिसाब से उसे उम्मीद थी कि "मैडम को तो सभी कुछ आता होगा। तभी तो वो मैडम हैं" ।
फिर अपने साथ में बैठा कर, तोय्यब्बा ने मुझे वो कढ़ाई करनी इतने बेहतर तरीके से समझाई कि उसे देख कर मेरे जहन में खुद के लिए ये सवाल आ गया कि
क्या मैं भी इसे इतनी सहजता से सिखाती थी?
ख़ैर उसके घर से निकलते हुए मैं बेहद खुश थी कि आज मेरे पढ़ाए एक बच्चे ने मुझे कुछ सिखाया है। 🥰
ये पोस्ट हाल ही में पांचवीं पास, मेरी नन्हीं शिक्षिका तोय्यब्बा के लिए 🥰🌼📖
World earth day 2022
Every day is earth day
A walk to nature 🌼🌴🌳🌍
फूलों के झुमके पहने, मिट्टी में खेलते , पेड़ों पर लटक कर फल तोड़ते, झूला झूलते और बारिश में नहाते हुए जब भी छोटे बच्चो को देखती हूं तब हमेशा ये सोचती हूं कि बचपन तो हमेशा से ही धरती मां से इतना जुड़ा हुआ है फिर बड़े होते होते क्या कमी आ जाती इस लगाव में। की जब हम उसके लिए कुछ करने लायक होते हैं तब हम और उसे नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं?
आज मेरे स्कूल में विश्व पृथ्वी दिवस की theme "Invest In our Planet" के अनुरूप ही "mother earth day" मनाया गया। मेरा, बच्चो को यही समझाने का प्रयास रहा कि कैसे वो अपने छोटे छोटे प्रयासों से इस धरती को हरी भरी बनाने में मदद कर सकते है।इसी कोशिश के साथ आज मैं उन्हे अपने गांव के एक बाग में ले गई, जिसमें पोपलर के पेड़ों की छांव में खेल कूद कर उन्होंने अपने ग्रह के बारे में जाना । हमने साथ मिल कर कई एक्टिविटी की, कुछ बच्चियों ने फूलों से खुद को सजाया, लकड़ियां, सूखे और ताजे पत्तो को अलग अलग एकत्रित किया, सबने मिलकर स्कूल और उस बाग में पड़ी प्लास्टिक, पॉलीथीन इत्यादि को एकत्रित कर के सफाई की। बच्चो ने पौधे लगाए और प्रोमिस किया की आज से उनकी देखभाल वो खुद करेंगे।
Mother Earth is a living organism too.
Love, honour and respect her.
🌍
P.S.Ramnagar
सर्व शिक्षा अभियान 🙏🌼
"सब पढ़े सब बढ़े" इसी विचार के साथ
हम कर रहे हैं अपने सत्र कि शुरुआत
सभी से अनुरोध है कि इन नन्हे बीजों को सही दिशा में बढ़ने के लिए, शिक्षा रूपी मिट्टी का जरूरी आवरण अवश्य उपलब्ध कराएं। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं बस अपने आस पास के सरकारी स्कूलों तक आकर बच्चो के एडमिशन कराएं।
Learning gives creativity
Creativity leads to thinking
Thinking provides knowledge
Knowledge makes you great.
A.P.J. Abdul Kalam 🙏🌼
बोर्ड ड्यूटी, नये एडमिशन लेने और टी सी आदि की व्यस्तता के बीच एक अहम वीडियो आपके साथ साझा करने में थोड़ा विलंब हो गया। आज फुर्सत होते ही इसे साझा करने का विचार आया।
क्योंकि, ये मेरे लिए यूं ही जाने देने के लिए नहीं था। मेरे स्कूल का पांचवीं कक्षा का ये बैच, मेरे लिए बहुत अधिक विशेष रहा है और हमेशा रहेगा। इसकी दूसरी वजह तो मेरा पांचवीं कक्षा का कक्षा अध्यापक होना है और पहली वजह है ये बैच मेरा पहला बैच है जो मेरे आने के बाद विदा हुआ। मेरे लिए छोड़ना हमेशा से मुश्किल रहा है, या सच कहूं तो मै कभी छोड़ ही नहीं पाती हूं, जो भी जुड़ जाए उसे मै सहेज कर रख लेना चाहती हूं ,किसी भी दूसरे रूप में ही सही। और फिर इन्हें छोड़ना या भूल जाना तो मेरे बस से बाहर की बात ही है। इन बच्चो के साथ बीता ये पूरा साल हमेशा मेरे लिए विशेष रहेगा। हरमन के शहतूत शिवम् के बाग के अमरूद, तोय्यब्बा की वो नन्ही बिल्ली, फ़ैज़ का समझदारी के साथ मुझे हेल्प करना, खुशबू का बार बार रोना कि "मैम प्लीज़ टीसी मत दो, मुझे आप से ही पढ़ना है,उधर नहीं जाना ", मनमीत की इमली और आम पापड़, रीफा का कईं दफा मुझे बाजी कह देना , बच्चो के साथ धूप में जमकर बैडमिंटन खेल लेना, रस्सी कूद लेना, हर एक दिन उनके साथ जी कर पूरा कर लेना और ना जाने क्या क्या , इतनी सारी बातें हैं लिखने को। इन्हीं सारी यादों को विदाई देने की रस्म निभाते हुए सभी बच्चो ने बेहद आंनद लिया। कई सारी एक्टिविटीज कराई गई और उन्हें बोलने का मौका दिया गया। पूरा एक दिन इस तरह बिताने की कोशिश की गई की उन्हे थोड़ा तो महसूस करा पाऊं की मेरे लिए वो कितने स्पेशल है। ढेर सारी यादों को मेरे स्कूल की दीवारों में बांध कर ये नन्हे परिंदे और ऊंचा उड़ने के लिए तैयार है।ईश्वर इन्हें हमेशा आकाश भर अवसर दे।
विद्यालय में आज कि सुबह बाकी दिनों से अलग थी, ये नन्हे नन्हे फूल अपने नए सत्र की शुरुआत पर बाकी दिनों से अधिक खिले खिले महसूस हो रहे थे। इन्हें देख कर अपने समय का याद आ जाना स्वाभाविक ही था, मैं अपनी नई कक्षा के पहले दिन ईश्वर का आशीर्वाद ले कर है स्कूल जाती थी इसलिए प्रार्थना और राष्टगान के बाद मैंने इन्हे फिर से एक बार प्रार्थना करने को कहा, लेकिन इस बार इनका प्रार्थना करने का तरीका मैंने आज़ाद रखा। और फिर किसी बच्चे को हाथ जोड़ कर, किसी को दुआ में हाथ उठाकर, किसी को अरदास करते देखकर मुझे मेरा स्कूल और अधिक सुंदर लगने लगा और खुद ही मुंह से निकल आया कि है ईश्वर इन्हें सबकुछ करने का सामर्थ्य व बुद्धि देना।
Good luck to all the kids who are starting their new session.
may you get more light and opportunities.
-23
बच्चो को महिला दिवस के बारे में बताकर ,उन्हे कई वीरांगनाओ के बारे में भी बताया व साथ ही आज दिन भर मैंने अपने स्कूल की इन नन्ही बच्चियों के हर एक रंग को और अधिक पास से अनुभव करने का प्रयास किया। इन्हें देखते हुआ महसूस हुआ कि उम्र के किसी विशेष बिंदु पर जा कर हम बेटियां " नारी" नहीं बनती है बल्कि हम तो बचपन से ही स्त्री के नन्हे रूप से ही अनेकों जिम्मेदारियां उठाते हुए बड़ी होती है।
कुछ बहुत ज्यादा महिलाओं के लिए ना भी कर पाएं तो नारी के इस नन्हे रूप का सही मार्गदर्शन, पढ़ने लिखने का हक, इनके सपनों को जीने के लिए इन्हीं के हिस्से की आज़ादी और इनकी उड़ान को बढ़ते रहने के लिए हौसला तो हम दे ही सकते हैं। बस इसी उम्मीद से आपके साथ ये वीडियो साझा कर रही हूं।🙏
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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
मेरे विद्यायल प्रांगन के ये नन्हे परिंदे, अपने स्तर पर,
एक परीक्षा के लिए बेहद गंभीर हो कर प्रयास कर रहें हैं। इतनी सी उम्र में इनकी लग्न देख कर मैं और अधिक जोश से भर जाती हूं और जितना कुछ भी मैने मेरे अध्यापकों से सीखा है, इन्हे सिखाने का प्रयास करती हूं।
और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि इनकी मेहनत का फल इन्हे अवश्य मिले।
हिंदी दिवस के मौके पर बच्चो के बीच हिंदी कविता प्रतियोगिता रखी।
बच्चो की कविताओं में महाराणा प्रताप, चेतक, रानी लक्ष्मी बाई जैसे नाम देख कर बेहद खुशी महसूस हुई।
आप सभी को भी हिंदी दिवस की ढेर सारी शुभकानाएं 🌼🥰
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल
हिंदी दिवस🇮🇳
निरक्षरता दुनिया का सबसे बड़ा अभिशाप है जिसे मिटाने के लिए ईश्वर ने हम शिक्षकों को विशेष रूप से चुना है।
मेरा और मेरे साथी शिक्षकों का यह प्रयास रहेगा की एक अध्यापक और देश का एक नागरिक होने के रूप में हम अपने देश की साक्षरता दर बढ़ाने में योगदान दें।
विद्या प्रशस्यते लोकैः विद्या सर्वत्र गौरवा।
विद्यया लभते सर्वं विद्वान सर्वत्र पूज्यते।।
Happy International literacy day
Education is Power
✍️ 📚📖📘
सूरज भी निकला है, बादल भी छाए है,
धरती को रिझाने देखो कौन कौन आयें है ।
महामारी के चलते , वो(बच्चे) स्कूल नहीं आ पा रहे हैं जिनसे हमारे स्कूल की सुंदरता है , इसलिए स्कूल की सुंदरता बढ़ाने का दायित्व आज प्रकृति ने उठाया🌼🌼
पिछले कुछ दिनों से स्कूल में नए दाखिले और बस्ता वितरण की प्रक्रिया जारी है। बच्चो को स्कूल में दाखिले या बस्ता लेने के लिए आते देख मंजूर हाशमी जी की कुछ पंक्तियां याद आ गई🌼🥰
शाखें रही तो फूल भी पत्ते भी आयेंगे
ये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी आयेंगे
इस घर में फूल जैसे फरिश्ते भी आयेंगे
स्कूल जब खुलेंगे तो बच्चे भी आयेंगे
हमारे स्कूल के बच्चों ने, देश के प्रति अपना प्रेम, कविता के रूप में व्यक्त करके विश्व कविता दिवस मनाया।😊
i read it somewhere that happiness is in all the little things around you... and by god's grace, they(little kids) are around me😊😊....... HAPPY INTERNATIONAL DAY OF HAPPINESS to you all from P.S.RAMNAGAR ...Be happy and keep spreading knowledge with happiness
और भी खूबसूरत हो जायेगी ये दुनिया
इनके हाथों को मौका दे कर तो देखो...
(Kids Giving their contribution in school decoration)
रचनात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान में प्रसन्नता जगाना शिक्षक की सर्वोत्तम कला है। 😊
अपनी ऐसी ही कला के माध्यम से, बच्चों के लिए कुछ ना कुछ करते रहने का प्रयास जारी है।
रौनक लग जायेंगी बढ़ने, हल्के से बदलाव से।
इन्हें दिशाएं दिखानी है बस, थोड़े लगाव से।🥰🥰
(Activity time:- these containers are painted by tiny hands)
नन्हे नन्हे हाथों ने कुछ खुद करने की ठानी है
छोटे छोटे प्रयासों से ही धरती हरी बनानी है