Asha workers union haryana
संघर्ष ही रास्ता
फतेहाबाद में आशाओं को संबोधित करते हुए यूनियन की राज्य अध्यक्ष सुरेखा।
#आशाओं_का_बहादुरीपूर्ण_संघर्ष_जिंदाबाद
#बीजेपी_सरकार_मुर्दाबाद
प्रेस- नोट
पंचकुला/चंडीगढ़: (16अक्तूबर 2023)
आशा वर्कर्स के मुद्दों को लेकर आज मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव आर के खुल्लर की अध्यक्षता में दूसरे दौर की बैठक संपन्न। उन्होंने मांगो बारे आश्वस्त किया कि हफ्ते भर में मुख्यमंत्री व सरकार अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी। यूनियन ने कहा कि सरकार जब तक मांगो का निपटारा नहीं करेगी हड़ताल जारी रहेगी। 18-19 अक्तूबर को सरकार के मंत्रियों और विधायकों के दरवाजों पर 24 घंटे के पड़ाव डाले जाएंगे।
पंचकुला के रेड बिशप टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स में हुई इस बैठक में सरकार की ओर से मुख्य प्रधान सचिव , मुख्यमंत्री हरियाणा, राजेश खुल्लर, के अलावा एनएचएम के निदेशक राज नारायण कौशिक, आशा कॉर्डिनेटर चांद सिंह मदान आदि अधिकारी शामिल थे। यूनियन की ओर से आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव सुनीता, सीटू महासचिव जय भगवान, यूनियन कोषाध्यक्ष अनीता, उपाध्यक्ष, रानी, मीरा, पूनम, कमलेश सचिव सुदेश, सुधा, मीरा शामिल रहे। बैठक करीब 3 घंटे चली। यूनियन अध्यक्ष सुरेखा और महासचिव सुनीता ने कहा कि सरकार के साथ यह चौथे दौर की वार्ता थी। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ने बताया कि यूनियन के साथ पिछली बैठक के बाद वित्त विभाग और मुख्यमंत्री के साथ मांगो पर विस्तार से चर्चा हुई है। आज जो चर्चा हुई है उस बारे अगले 4- 5 दिन में अंतिम निर्णय पर पहुंचा जायेगा। उन्होंने विभाग अधिकारियों को निर्देश दिया की केंद्र सरकार का पिछले दो महीने का एक्टिविटी का 2000 रूपये फिक्स और राज्य का फिक्स 4000 रूपये वर्कर्स के बैंक खाते में डाल दिया जाए। इस बारे आज ही पत्र जारी कर दिया जाए।
यूनियन नेताओं ने कहा की 20000 आशा वर्कर्स मजबूती के साथ हड़ताल पर डटी है। जनता का व्यापक समर्थन हमें मिल रहा है। सरकार जानबूझकर आंदोलन को लंबा खिंच रही है। सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। हम चेताना चाहते हैं कि प्रदेश की आशा वर्कर्स इस परीक्षा में पास होंगी। आंदोलन की कार्यवाहियों को और तेज किया जाएगा। जब तक मांगो का निपटारा हमारे काम और महंगाई के अनुसार नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यह सरकार को तय करना है कि वह आंदोलन को कितना लंबा खींचना चाहती है। हमे उम्मीद करते हैं कि सरकार व मुख्यमंत्री इस दिशा में जल्द फैसला लेकर मांगो का निपटारा करेंगे।
जारीकर्ता
सुरेखा
राज्य अध्यक्ष
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा।
9728351260
#आशाओं_का_बहादुरीपूर्ण_संघर्ष_जिंदाबाद
हड़ताल का 59वाँ दिन।
बहुत घणी दुख पाई ए सखी पाखंडियों की मान कर।
आशा हड़ताल पर गांव के लोग देख रहे राह, कब आयेगी आशा। खट्टर सरकार के लिए जनता जाए भाड़ में।
#बीजेपी_सरकार_मुर्दाबाद
#आशाओं_का_बहादुरीपूर्ण_संघर्ष_जिंदाबाद
#बीजेपी_सरकार_मुर्दाबाद
गांव गांव में कोने कोने तक पहुंच रही आशा वर्कर्स के आंदोलन की गूंज।
नहीं डरें हैं, नहीं डरेंगे।
अपना हक लेके रहेंगे।।
#आशाओं_का_बहादुरीपूर्ण_संघर्ष_जिंदाबाद
#बीजेपी_सरकार_मुर्दाबाद
आशा भी और आशा के बच्चे भी। गांव गांव अलख जगाते, बीजेपी सरकार की शव यात्रा निकालते हुए।
8 अक्टूबर करनाल चलो।
आज 27 सितंबर को जिला फरीदाबाद में शहीद भगत सिंह की जयंती पर आशा वर्कों ने गीत प्रस्तुत किये।
25 सितंबर के जेल भरो आंदोलन में जिला फरीदाबाद के सेक्टर 12 के सेंट्रल थाने में हजारों की संख्या में आशा वर्कों ने गिरफ्तारी दी
जेल भरों आन्दोलन के सफल कार्यक्रम के दौरान साथियों का हौसला मजबूत करती राज्य प्रधान सुरेखा।
फतेहाबाद में जेल भरो आंदोलन में आशाओं को संबोधित करते हुए यूनियन की महासचिव सुनीता।
आज शाम 8 बजे सभी जरूर जुड़े, सभी सुने।
6 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निवास स्थान पर जोरदार प्रदर्शन। मांगों पर सहमति न बनने पर आंदोलन रहेगा जारी।
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आज प्रभात भवन रोहतक में आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की राज्य कमेटी की विस्तारित बैठक राज्य प्रधान सुरेखा की अध्यक्षता में हुई । मीटिंग का संचालन राज्य महासचिव सुनीता ने किया । मीटिंग में 18 जिलों ने हिस्सेदारी की 11 नवंबर से प्रदेश भर में आशा वर्कर्स ने कोरना के कार्यों का सामूहिक रूप से बहिष्कार किया हुआ है। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना से संबंधित कार्यों की ₹1000 प्रोत्साहन राशि आशा वर्करों को सितंबर 2021 तक दी गई है। सितंबर 2021 के बाद ₹1000 मानदेय राशि को केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है। हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना से संबंधित कार्यों के लिए कोई प्रोत्साहन राशि आशा वर्कर्स को नहीं दी है। प्रदेश भर में अनेकों तरह के स्वास्थ्य विभाग के कार्य आशा वर्कर्स से फरी करवाए जा रहे हैं। आशा वर्करों सामुदायिक स्तर पर कार्य करने में अनेकों तरह की समस्या आती हैं। जिनका कोई निपटारा सरकार और प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता है। एक तरफ आशा वर्कर ऊपर काम का बहुत ज्यादा दबाव है ओर दूसरी लगातार आशा वर्कर के मानदेय में कटौती की जा रही है बढ़ती महंगाई को देखते हुए वर्कर के मानदेय को बढ़ाया जाना चाहिए। 2 नवंबर को मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मचारियों को साथ में वेतन आयोग का लाभ दिए जाने की घोषणा की है कोरोना महामारी से बचाव के तमाम कार्यों को करने में आशा वर्कर्स ने अहम भूमिका निभाई है । इन तमाम समस्याओं से परेशान होकर आशा वर्कर्स ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है । 6 दिसंबर को प्रदेशभर की आशा वर्कर स्वास्थ्य मंत्री के आवास का घेराव करेंगे । सरकार बार-बार महिलाओं को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है l आशा वर्कर यूनियन ने अनेकों बार मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को अपनी समस्याओं और मांगों के पत्र लिखकर अवगत करवाया है। परंतु सरकार जानबूझकर आंदोलन को अनदेखा कर रही है। हरियाणा सरकार का यह बेटियों के प्रति रूख निंदनीय है और आने वाले समय में आशा वर्कर्स का यह आंदोलन सरकार के कब्र में कील का काम करेगा ।
*राष्ट्रव्यापी संयुक्त हड़तालत*
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🔴 *24 सितंबर 2021*🔴
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बहनों,
परियोजना वर्कर्स को पक्का कर्मचारी बनाए जाने, 24000 न्यूनतम वेतन देने, सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ देने, कोरोना महामारी में आशा वर्कर से करवाए जा रहे अतिरिक्त काम के बदले मेहनताना देने एवं जोखिम भत्ता 4000 देने जैसी मांगों को लेकर एवं केंद्र सरकार द्वारा अपनाई जा रही जनविरोधी नीतियों के खिलाफ, पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों, रसोई गैस सिलेंडर की लगातार बढ़ती कीमतों, बढ़ती महंगाई एवं सभी सार्वजनिक संस्थाओं के निजीकरण के विरोध में *24 सितंबर को परियोजना वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी संयुक्त हड़ताल का आह्वान किया गया है।*
कोरोना महामारी में आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी की तरह से काम किया है। आशाओ ने संक्रमितों की पहचान करने, उनको कोरेंटिन करने, मोहर लगाने, घरों पर पर्चा चिपकाने, कोविड के सर्वे करने एवं अलग-अलग समय पर विभाग द्वारा जारी किए गए अनेक आदेशों की पालना करते हुए हाई रिस्क लोगों की पहचान की। आशाओं ने आयुष विभाग द्वारा दी जा रही दवाइयां जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों तक दूध, सब्जी, फल इत्यादि पहुंचाने का काम भी किया है। महामारी से निपटने के लिए *वैक्सीनेशन का काम जोरों पर चल रहा है तब भी आशा वर्कर्स वैक्सीनेशन को सफल बनाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस समय पर आशा वैक्सीनेशन कैंप में लगातार ड्यूटी कर रही हैं, विभाग के अन्य रूटीन कामों को भी साथ में किया जा रहा है।* *इसके अतिरिक्त भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नए-नए काम आशा वर्कर्स पर लादे जा रहे हैं। बेहद कम मेहनताने में यह सब काम करते वक्त आशा वर्कर्स को अपना घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ परिवार का दबाव और दूसरी तरफ विभाग के दबाव में आशा काफी मानसिक परेशानी से गुजर रही है। बेहद परेशानी उठाकर काम कर रही आशाओं के प्रति सरकार का रुख बेहद निंदनीय है।* आशा वर्कर से लिए जा रहे इस अतिरिक्त काम के लिए कोई अलग से मेहनताना भी नहीं दिया गया है और आशा वर्कर्स के प्रति व्यवहार भी सम्मानजनक नहीं है। बार-बार मांग करने के बाद भी आशा वर्कर्स को जोखिम भत्ता नहीं दिया गया। कोरोना के इंसेंटिव पर काटा गया 50% नहीं दिया गया, 8 एक्टिविटी पर काटा गया 50% भी वापस नहीं दिया गया है। सरकार के इस रुख से आशा बेहद परेशान हैं और अत्यधिक मानसिक दबाव से गुजर रही हैं।
*सरकार का यह बेहद नकारात्मक रुख हमने बार बार देखा है। जिस वक्त में कोरोना वॉरियर्स सुरक्षा उपकरणों की मांग कर रहे थे उस समय भी सरकार ताली थाली बजाने एवं फूल बरसाने का ढोंग कर रही थी जबकि अपने अधिकार मांगने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर कोरोना वॉरियर्स पर लाठियां बरसाई जा रही थी। न केवल आशा वर्कर्स के प्रति बल्कि तमाम जनता के प्रति सरकार का बेहद शत्रुतापूर्ण रवैया रहा है।*
*जन आंदोलनों को कुचलने दबाने एवं उनको बदनाम करने की साजिश सरकार करती रही है। इस समय पर न केवल आशा वर्कर्स की आवाज को दबाया जा रहा है उनकी एकता को तोड़ने के लिए अनेक तरह की साजिश की जा रही है। बल्कि हमने देखा है कि किसान आंदोलन को तोड़ने दबाने कुचलने के लिए भी सरकार ने किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी मवाली मुट्ठी भर अनेक तरह के विशेषण का प्रयोग किया है।*
तमाम विरोध के बावजूद पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है रसोई गैस के सिलेंडर लगभग ₹1000 का हो गया है सरसों का तेल ₹200 लीटर हो गया है अन्य खाद्य सामग्री की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। सरकार द्वारा तमाम सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण ताबड़तोड़ जारी है। सभी जिला हॉस्पिटल्स को पीपीपी मॉडल पर दिया जाना तय कर दिया है। सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है कुछ स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल में बदलकर एडमिशन फीस एवं ट्यूशन फीस लागू कर दी गई है। खेती विरोधी तीनों काले कानून पास करके किसानों को उनकी जमीन से उजाड़ने का एवम् जनता की खाद्य सुरक्षा पर हमला किया गया है। विपक्ष की गैरमौजूदगी में पास किए गए लेबर कोड मजदूर के 8 घंटे के काम, पक्की नौकरी एवं हड़ताल के अधिकार पर हमला कर रहे हैं।
सरकार की इन तमाम नीतियों के खिलाफ भी जोरदार आंदोलन जारी है।
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा समझती है कि राजधानी के बॉर्डर पर एवं तमाम देश में चल रहे इस आंदोलन को भी मजबूत किए जाने की जरूरत है। आशा वर्कर्स की हक एवं अधिकारों के लिए अपनी एकता को बनाए रखते हुए एक जुझारू संघर्ष की जरूरत है।
तमाम परियोजना वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल इसी दिशा में एक कदम है।
*आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा तमाम आशा वर्कर से से अपील करती है कि 24 सितंबर को परियोजना वर्कर्स की हड़ताल को सफल बनाने के लिए हरियाणा की तमाम आशा वर्कर्स हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग ले।*
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*यूनियन तमाम आशा वर्कर्स से संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर 27 सितंबर को हो रहे भारत बंद को भी सफल बनाने की अपील करती है।*
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*24 सितंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल एवं 27 सितंबर के भारत बंद को सफल बनाओ।*
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🔴निवेदक🔴
प्रवेश सुधा सुरेखा
अध्यक्ष कोषाध्यक्ष महासचिव
उपप्रधान:- नीलम, रानी, कमलेश, मीरा।
सचिव:- सुनीता, अनीता, अंजू, सरबजीत, रामरति।