Astro Maitry

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25/06/2020

राहू के शुभ अशुभ उपाय
१. चांदी का चोकोर टुकड़ा पास रखें.
२. मसूर की लाल सुर्ख रंग की दाल किसी भंगी को सुबह – सवेरे देनी चाहिए.
३. भंगी को रेजगारी देनी चाहिए, नोट देना मन है.
४. बिमारी के वकत मरीज के वजन के बराबर जों पानी में बहाएँ.
५. जों सिरहाने रख कर (रात को ) सुबह किसी जानवर को खिला दें.
६. राजदरबार या व्यापार आदि में नुकसान हो, तो वजन के बराबर कच्चा कोयला पानी में बहाएँ .
राहू प्रथम घर में
उपाय
१. सोंफ सिरहाने रखना चाहिए.
२. गले में चांदी धारण करनी चाहिए.
३. ४०० ग्राम या ४ किलो सिक्का गहरे पानी में डाले.
४. धन की कमी हो, तो बिल्ली की जेर कपडे में बाँध कर घर में रखें.
५. नारियल के बराबर कच्चे पानी में बहाएँ.

राहू दूसरे घर में
उपाय
१. चांदी की ठोस गोली पास रखे.
२. चांदी की ठोस गोली सोने में जादवा कर (घुंगरू की तरह बने) गले में पहनें.
३. अगर सरकार से नुकसान हो, तो वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएँ.
४. अगर कुंडली में सूर्य ख़राब हो, तो तांबे का पैसा (सूर्य) कोयले (राहू) पर गर्म करें.
५. घर में मंदिर न बनाएं और मंदिर न जाएं.
६. धर्म स्थान से पैसा चोरी करके लाना राहू के बुरे असर को कम करता है.
७. हाथी के पाँव के नीचे की मिटटी कुँए में गिराएं.
८. केसर चांदी की डिब्बी में बंद करके पास रखे.
९. विवाह के समय ससुराल से बिजली का सामान मुफ्त न लें.
१०. अगर माता से सम्बन्ध ठीक रखे जाएँ तो सब हालत ठीक रहेंगे.

राहू तीसरे घर में
उपाय
१. चांदी की डिब्बी में चावल डालकर पास रखना चाहिए.
२. हाथी दांत को अपने पास रखना सुभ रहता है.
३. चांदी का हाथी या खिलौना रखना अशुभ रहेगा.

राहू चौथे घर में
उपाय
१. जों ४ किलो या ४०० ग्राम पानी में बहाएँ.
२. नारियल पानी में बहाएँ.
३. चांदी पहन कर रखें.
४. धनिया ४०० ग्राम पानी में बाहें.
५. बादाम ४०० ग्राम पानी में बहाएँ

राहू पांचवे घर में
उपाय
१. अगर औलाद से सम्बंधित परेशानी हो, तो ४३ दिन धर्म स्थान में बादाम चढाने चाहिएं.
२. राहू खाना नंबर ५ वाले व्यक्ति को नीलम नहीं पहनना चाहिए.
३. राहू खाना नंबर ५ के समय यदि वर्षफल में भी राहू खाना नंबर ५ में आ रहा हो, तो पहले ही पानी में बादाम डालें.
४. चांदी का हाथी घर में रखें.
५. शराब, मांस व परस्त्री से दूर रहें.
६. स्त्री के सिरहाने ५ मूलियाँ (पत्तो समेत) रखकर प्रात: मंदिर में दें.
७. यदि औलाद की उत्पति सम्बन्धी परेशानी हो, तो अपने स्त्री से विधिपूर्वक दुबारा शादी करें.
८. जद्दी माकन की दहलीज में चांदी दबाएँ.
९. चांदी की गाय घर मैं रखे.

राहू छठे घर में
उपाय
१. पूरा काले रंग का पालें.
२. सिक्के की ठोस गोली पास रखें.
३. कला गोलाकार शीशा पास रखें.
४. सरस्वती की मूर्ति के आगे ६ दिन लगातार नीले फूल चढ़ाएँ.

राहू सातवें घर में
उपाय
१. अगर शादी २१ वें वर्ष में या उससे पहले हो जाए, तो चांदी के गोल बर्तन में गंगाजल भरकर, उसमे चांदी का टुकड़ा डालकर धर्म स्थान में दें और अपने पास भी रखें.
आवश्यक : यदि राहू वर्षफल में खाना नंबर ७ में आए तो उपरोक्त उपाय करने के लिए बर्तन साल भर घर में रखें. पर धर्म स्थान में न दें.
२. विवाह के समय चांदी की इंट, ससुराल वालों से लेकर अपने पास रखें.
३. स्त्री की सेहत ख़राब हो तो चांदी की ईंट खुद बनवाकर स्त्री को दें.
४. कभी – कभी नारियल आदि पानी में बहाना चाहिए.
५. व्यापार व मानसिक तनाव के समय जों दूध में धोकर पानी में बहाएँ.
६. जिस स्त्री से शादी हुई हो, उसी से दो बार विधि पूर्वक ब्याह करें.
७. कुत्ता भूलकर भी न पालें.
राहू आठवें घर में
उपाय
१. चांदी का चोकोर टुकड़ा पास रखें.
२. भट्टी में तांबे के पैसे डालने चाहिए.
३. मंदिर / धर्म स्थान में बादाम चढ़ाएँ.
४. खोठे सिक्के लगातार ४३ दिन पानी में फेंके.
५. कारोबार के लिए ८०० ग्राम/ ८ किलो के ८ टुकड़े करके तेज पानी मैं फेंक दें.

राहू नौवें घर में
उपाय
१. पिता- दादा या उनके समान व्यक्ति का आशीर्वाद लेना चाहिए.
२. इमानदारी की कमाई में बरकत होगी.
३. कुत्ता पालना संतान के लिए शुभ रहे.
४. नीले और काले कपडे न पहनें.
५. ससुराल से या किसी मित्र से बिजली का सामान मुफ्त न लें.
६. सिर पर चोटी रखना, केसर का तिलक लगाना, सोना धारण करना शुभ फल देंगे.

राहू दसवें घर में
उपाय
१. सिर पर सफ़ेद टोपी का इस्तेमाल करें.
२. रात को दूध मत पीएं.
३. सिर पर चोटी रखें.
४. अन्धो को अपने हाथों से भोजन करवाएं.
५. शनि के मंदे कामों से बचें.
६. मसूर की दाल पानी में बहाएँ.
७. ४ किलो देशी खांड पानी में बहाएँ या मंदिर में दें.

राहू गियराह्वें घर में
उपाय
१. हर जन्म दिन पर ४ किलो सिक्के एक पीस और ४ सूखे नारियल तेज गहरे पानी में बहाएँ.
२. हाथी दांत या हाथी का खिलौना घर में रखना वर्जित है.
३. लोहे का बिना जोड़ का छल्ला बुध की ऊँगली में धारण करें.
४. पिता की मृत्यु के बाद पीला भोजन करें व पीला वस्त्र धारण करें.
५. सोना पहनें व केसर का तिलक लगाएँ.
६. चांदी के गिलास में पानी पिएँ.
७. वीरवर को चने की दाल व हल्दी पीले कपडे में बांध कर दान करें और उस दिन लहसुन, मसूर व प्याज न खाएं.
८. नीले काले कपडे व बिना मूल्य की ड्यूटी की वर्दी पहनना वर्जित है.
९. भंगी को सिक्के दान करें.

राहू बारहवें घर में
उपाय
१. जहाँ खाना बने वहीँ खाएं.
२. सोंफ व सक्कर सिरहाने के नीचे रखकर सोएं.
३. पानी में १२ किलो कच्चे कोयले बहाएँ.
४. यदि किसी काम पर जाने से पहले कोई छींक दे, तो कुछ देर ठहर कर जाएँ.
५. मूंगा सिरहाने के नीचे रखकर सोएं.
६. अपनी आय का कुछ भाग बेटी या बहन को देते रहना चाहिए.
७. एक छोटी सी बोरी के समान लाल थैली में सोंफ भरकर अपने सोने वाले कमरे में रखना चाहिए.

अगर किसी को कुंडली बनवानी हो या अपनी कुंडली का परामर्श लेना हो तो संपर्क करे
ज्योतिषाचार्य अशोक पण्डित
📞9810339815

01/06/2020

क्या आप भी जन्मे हैं जून महीने में? तो जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक गौतम से 9810339815 से अपना स्वभाव
1 साल में 12 महीने होते हैं और प्रत्येक महीने का अपना एक अलग ही महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक महीने और दिन की एक खास अहमियत होती है। अलग-अलग महीने में जन्मे लोगों का स्वभाव और व्यक्तित्व भी एक-दूसरे से भिन्न होता है। यदि आपका जन्म साल के जून माह में हुआ है तो ज्योतिष के मुताबिक जून में जन्मे जातकों की राशि मिथुन या कर्क होगी। जून में पैदा होने वाले लोग जिद्दी और जुनूनी होते हैं। इनका स्वभाव हुक्म चलाने वाला होता है और अपने उग्र स्वभाव की वजह से लड़ाई-झगड़े में फस जाते हैं। ये लोग अपने द्वारा किए गए काम को सैदव सही और दूसरे को काम को हमेशा गलत मानते हैं।


जून का नामकरण लैटिन शब्द के जेन्स के आधार पर हुआ था। कहा जाता है कि जीयस देवता की पत्नी जूनो के नाम पर पड़ा था जून। इस महीने में जन्मे जातक अक्सर अधिकारी, पेंटर, काउंसलर, मैनेजर, टीचर, बिजनेस और डॉक्टर फील्ड में अपना करियर बनाते हैं। इनकी लकी नंबर 4,6,9 होता है और लकी रंग नारंगी, मेजेंटा और पीला होता है। अगर शुभ दिन की बात करें तो मंगलवार, शनिवार, शुक्रवार और लकी स्टोन रूबी होता है।

तो चलिए आज ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक गौतम आपको जून में जन्मे लोगों के स्वभाव,व्यक्तित्व, करियर और लव लाइफ के बारे में विस्तार से बताते हैं।
• जून में पैदा हुए लोगों को प्यार करना आसान होता है और हर कोई उनसे दोस्ती करना चाहता है। वे अपने आकर्षक व्यक्तित्व से सभी को आकर्षित कर लेते हैं। उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में बहुत लगाव होता है और कुछ तो एक्टर बनने की ख्वाहिश भी रखते हैं।
• वैसे तो ये लोग अपनी कल्पनाओं के साथ काफी रचनात्मक होते हैं और हमेशा इनके दिमाग में विचार पनपते रहते है। जून में जन्मे जातकों के विचार सामान्य लोगों के विचारों से भिन्न होते हैं जिस वजह से लोग उन्हें पागल भी समझने लगते हैं। लेकिन उनकी सोच एक बदलाव लाने वाली होती है।
• कपड़ों के मामले में वे ब्रांड प्रेमी होते हैं और मंहगे ब्रांड के अलावा लोकल पर कभी स्विच नहीं करते हैं। आपको उनकी अलमारी हमेशा महंगे ब्रांडेड कपड़ों से भरी मिलेगी, क्योंकि उन्हें फैशन और कला का काफी पता होता है। उनमें गायन, नृत्य और खेल जैसी विभिन्न प्रतिभाएं होती हैं।
• जून में जन्मे लोग अच्छे लोगों को बहुत जल्दी स्वीकार कर लेते हैं फिर चाहे वो उनके दुश्मन ही क्यों ना हों। वे बातचीत में बहुत अच्छे होते हैं इसलिए सबका दिल जीत लेते हैं। उनमें खासियत यह होती है कि उनके दुश्मन लंबे समय तक उनके साथ दुश्मन नहीं रह सकते।
• जिनका जन्मदिन जून माह में होता है वे काफी मूडी और जिद्दी होते हैं। इनका मूड कब खराब हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। यहां तक कि अगर आप जिस कमरे में हैं, थोड़ा गंदा है, वे इस पर एक तर्क शुरू कर सकते हैं।
• जून में जन्मे लोगों को गर्मी और सर्दी अत्यधिक लगती है। इनको पसीना भी बहुत आता है और ये हार्डकोर आइसक्रीम लवर होते हैं। इन लोगों को हिल स्टेशनों पर जाना बेहद पसंद होता है।
• जून में पैदा हुए लोग अपनी भावनाओं के बारे में काफी निजी होते हैं और क्रोध की भावना के अलावा वे आसानी से अपनी किसी भी भावना को नहीं दिखाते हैं।
• वे अपने आकर्षक व्यक्तित्व और आत्मविश्वास से भरे आवरण के नीचे क्या है इसकी वास्तविकता से किसी को भी रूबरू नहीं कराते हैं। हालांकि उनके कुछ करीबी दोस्त और रिश्तेदार ही उनके बारे में जानते हैं।
• इन लोगों को मजाक करना बहुत पसंद होता है और केवल उनके करीबी लोग ही उन तीखे चुटकुलों को समझने में सक्षम होते हैं। कभी-कभी इनके चुटकुले लोगों को आहत भी कर देते हैं। इसलिए ये लोग केवल उनके साथ मजाक करते हैं जो उनके स्वभाव और व्यक्तित्व से भलीभांति परिचित होते हैं।
• जून में जन्मे जातक बेखौफ बहस करना पसंद करते हैं फिर विषय चाहे कोई भी हो। भले ही उन्हें उस विषय के बारे में जानकारी नहीं हो लेकिन तर्क जरूरत करते हैं। इन लोगों में शासन करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। ये लोगों को अपने आधीन रखना पसंद करते हैं।
• उनका भावनात्मक रवैया उन लोगों को आकर्षित करता है जो वास्तव में स्वभाव से दयालु हैं। उनका मानना है कि केवल कुछ लोगों के अंदर ही दयालुता का भाव होता है।
• जून में जन्मे लोग किसी का आधीन होकर कार्य नहीं कर पाते हैं। इस वजह से नौकरी कर पाना उनके लिए मुश्किल होता है। वे व्यापार करने में रुचि लेते हैं। आमतौर पर इस माह में जन्मे जातक सेना, पुलिस, क्लर्क, अधिवक्ता और पत्रकार जैसे पेशे में जाने की सोचते हैं।
• अगर इनके लव लाइफ की बात की जाए तो ये अपने प्यार को लेकर काफी गंभीर रहते हैं। लेकिन रोमांटिक नंबर वन होते हैं। इनको प्यार तो बहुत जल्दी हो जाता है लेकिन इजहार करने में काफी समय लगाते हैं। इनकी जिंदगी में केवल एक ही व्यक्ति प्यार के लिए बना होता है जिसे ये अपने जीवनसाथी के तौर पर भी देखना चाहते हैं।

नोट- जून में जन्मे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने जिद्दी और शासक वाले स्वभाव पर काबू बनाकर रखें।

01/06/2020

Hello

14/06/2019

वृन्दावन में बिहारीजी का एक परम् भक्त था, पेशे से वह दुकानदार था ।

रोज प्रातः बिहारीजी के मंदिर जाता, फिर गो सेवा में समय देता, गरीब, बीमार और असहाय लोगों के उपचार-भोजन और दवा का प्रबन्ध करता ।

वह बिहारीजी के मंदिर नित्य प्रातः जाता और न तो कोई दीपक जलाता, न कोई माला, न फूल, न कोई प्रसाद उसे अपने पिता की कही,एक बात जो उसने बचपन से अपने पिता से ग्रहण की थी और जीवन मन्त्र बना लिया था ।

"सेवा का मंत्र"

उसके पिता ने कहा था- बिहारीजी की सेवा तो भाव से होती है बिहारीजी तो उसकी सेवा स्वीकार करते हैं, जो उनकी हर सन्तान की ।

जो किसी न किसी कारण दुखी है उसकी सेवा करता है जो पशु पक्षियों की सेवा करता है देखो भगवान ने स्वयं गोसेवा की थी।

अपने पिता की इसी बात को गांठ में बांधे वह सेवामंत्र की साधना कर रहा था।

उसके साथ एक विचित्र बात होती थी। जब वह मंदिर में बिहारीजी के दर्शन को जाता तो वहां उसे प्रभु की छवि के स्थान पर एक ज्योति दिखाई देती थी। जबकि मंदिर में उसके अगल-बगल खड़े बाकी के सभी भक्त कहते- वाह!

आज बिहारीजी का श्रृंगार कितना अच्छा है बिहारी जी का मुकुट ऐसा, पोशाक ऐसी है वह सोचता बिहारीजी सबको दर्शन देते हैं, पर मुझे क्यों केवल एक ज्योति दिखायी देती है।

हर दिन ऐसा होता। एक दिन बिहारी जी से बोला ऐसी क्या बात है कि आप सबको तो दर्शन देते हैं, पर मुझे दिखायी नहीं देते। कल आप को मुझे दर्शन देना ही पड़ेगा। अगले दिन मंदिर गया फिर बिहारी जी उसे ज्योत रूप में दिखे।

वह बोला- बिहारीजी, अगर कल मुझे आपने दर्शन नहीं दिये तो मैं यमुनाजी में डूबकर मर जाऊंगा । उसी रात में बिहारीजी एक कोढ़ी के सपने में आये जो मंदिर के रास्ते में बैठा रहता था।

बिहारीजी कोढ़ी से बोले- तुम्हें अपना कोढ़ ठीक करना है, कोढ़ी बोला- हाँ प्रभु मेरा तो जीवन ही बदल जाएगा..

भगवान बोले-तो सुनो सुबह मंदिर के रास्ते से एक भक्त निकलेगा तुम उसके चरण पकड़ लेना और उसे तब तक मत छोड़ना जब तक वह यह तुमसे न कह दे कि बिहारीजी तुम्हारा कोढ़ ठीक करें ।

कोढी बोला- पर प्रभु वहां तो रोज बहुत से भक्त आते हैं मैं उन्हें पहचानूंगा कैसे?

भगवान ने कहा- जिसके पैरों से तुम्हें प्रकाश निकलता दिखायी दे, वही मेरा वह भक्त है जिसके पैर तुम्हें पकडना है ।

बिहारीजी के आदेश पर अगले दिन वह कोढ़ी रास्ते में बैठ गया। जैसे ही वह भक्त निकला उसने चरण पकड़ लिए।

कोढ़ी बोला- पहले आप बिहारीजी से कहो कि मेरा कोढ़ ठीक हो जाये फिर छोड़ूंगा आपको।

भक्त बोला- मेरे कहने से क्या होगा आप मेरे पैर छोड़ दीजिये।

कोढ़ी बोला- जब तक आप ये नहीं कह देते कि बिहारीजी तुम्हारा कोढ़ ठीक करें। तक मैं आपके चरण नहीं छोडूंगा ।

भक्त वैसे ही चिंता में था कि बिहारी जी दर्शन नहीं दे रहे, ऊपर से ये कोढ़ी पीछे पड़ गया तो।

वह झुँझलाकर बोला- बिहारीजी इसका कोढ़ ठीक कर दीजिये और मंदिर चला गया। मंदिर जाकर क्या देखता है बिहारीजी के दर्शन हो रहे हैं।

बिहारीजी से पूछने लगा- अब तक आप मुझे दर्शन क्यों नहीं दे रहे थे ?

बिहारीजी बोले- तुम मेरे निष्काम भक्त हो, आज तक तुमने मुझसे कभी कुछ नहीं माँगा। इसलिए में क्या मुँह लेकर तुम्हें दर्शन देता ।

यहां सभी भक्त कुछ न कुछ मांगते रहते हैं। इसलिए मैं उनसे नज़रें मिला सकता हूं, पर आज तुमने रास्ते में
उस कोढ़ी से कहा कि बिहारी जी तुम्हारा कोढ़ ठीक कर दे इसलिए मैं तुम्हें दर्शन देने आ गया।

जैसे माता पिता अपनी संतान को पालने के लिए कोई कामना नहीं करते, न पुण्य की,न स्वर्ग की,न सुख की वैसे ही भगवान को निस्वार्थ भाव भक्त प्रिय है ।

फिर भी अगर कुछ भगवान से मांगना चाहते है। तोह केवल अनन्त भक्ति का दान मांगिये।

*।।जय जय श्री राधे।।*
*।।हर हर महादेव।।*

11/10/2018

*क्यो बोयी जाती है नवरात्रि मे जौ?ओर क्या प्रभाव डालते है जौ आपके जीवन मे जानिये ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक गौतम से📞9810339815* नवरात्र मे बोई जाने वाली जौ हमे आने वाले समय की ओर संकेत करती है।यानी आने वाला समय कैसा रहेगा अच्छा या बुरा?
(1) अगर उगने वाली जौ का रंग नीचे से याद आधा पीला ओर ऊपर से आधा हरा होगा तो, साल का शुरुआती समय परेशानी वाला और बाद का आधा समय सही रहेगा।
(2) अगर वहीं जौ नीचे से आधी हरी ओर ऊपर से आधी पीली तो इसका मतलब आपका शुरुआती समय सही और बाद का परेशानी वाला रहेगा। (3) और अगर पूरी जौ पीली तो आपका आने वाला पूरा समय कठिनाई भरा होगा।
(4) अगर आपके द्वारा उगाई गई जौ का रंग सफेद और हरी मे है तो इसका मतलब आपकी पूजा सफल हो गई, ये बहुत ही शुभ माना जाता है
(5)और अगर आपके द्वरा बोयी गई जौ नवमी वाले दिन भिखर जाए(फैल जाए) तो समझो माता आपके घर से खुश होकर गयी है।

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