Swami Kapil
Swami Kapil is a spiritual coach who helps you to connect with the energy of Shiva & Shakti. Spiritual Coach
"क्रोध, गुस्सा, नफरत
ये सब धीमा ज़हर हैं.,
इन्हें पीते हम खुद हैं,
और सोचते हैं
मरेगा कोई दूसरा..!!"
ईश्वर के चरणों में प्रार्थना है कि ये पर्व श्रृंखला आपके जीवन की समस्त नकारात्मकता को सोखकर, आपके जीवन को दिव्यता से भर दे । विघ्नहर्ता गणेश की ऊर्जा की ऊर्जा से आपके जीवन से सभी अवरोधों को हटाए, श्री और कुबेर की ऊर्जा से धन, संपत्ति में वृद्धि हो तथा महादेव की ऊर्जा से आपको स्थाई उत्तम स्वास्थ्य मिले और आप शतायु को प्राप्त हो ।
"सनातन विद्या से 𝗖𝘆𝗯𝗲𝗿 𝘀𝗲𝗰𝘂𝗿𝗶𝘁𝘆"
जी हाँ, शास्त्रों में एक ऐसी भी विद्या है जिससे आप अपने पिन को सुरक्षित और गोपनीय रख सकते हैं। उस विद्या का नाम है "कटपयादी सन्ख्या विद्या"
कटपयादि संख्या:
हम में से बहुत से लोग अपना पासवर्ड, या ATM पिन भूल जाते हैं इस कारण हम उसे कहीं पर लिख कर रखते हैं पर अगर वो कागज का टुकड़ा किसी के हाथ लग जाए या खो जाए तो परेशानी हो जाती, पर अपने पासवर्ड या पिन नम्बर को हम लोग “कटपयादि संख्या” से आसानी से याद रख सकते है।
“कटपयादि”(क ट प य आदि) संख्याओं को शब्द या श्लोक के रूप में आसानी से याद रखने की प्राचीन भारतीय पद्धति है।
चूँकि भारत में वैज्ञानिक/तकनीकी/खगोलीय ग्रंथ पद्य रूप में लिखे जाते थे, इसलिये संख्याओं को शब्दों के रूप में अभिव्यक्त करने हेतु भारतीय चिन्तकों ने इसका समाधान 'कटपयादि' के रूप में निकाला।
कटपयादि प्रणाली के उपयोग का सबसे पुराना उपलब्ध प्रमाण, 869 AD में “शंकरनारायण” द्वारा लिखित “लघुभास्कर्य” विवरण में मिलता है।
तथा “शंकरवर्मन” द्वारा रचित “सद्रत्नमाला” का निम्नलिखित श्लोक इस पद्धति को स्पष्ट करता है।
इसका शास्त्रीय प्रमाण:
नज्ञावचश्च शून्यानि संख्या: कटपयादय:।
मिश्रे तूपान्त्यहल् संख्या न च चिन्त्यो हलस्वर:॥
[अर्थ: न, ञ तथा अ शून्य को निरूपित करते हैं। (स्वरों का मान शून्य है) शेष नौ अंक क, ट, प और य से आरम्भ होने वाले व्यंजन वर्णों द्वारा निरूपित होते हैं। किसी संयुक्त व्यंजन में केवल बाद वाला व्यंजन ही लिया जायेगा। बिना स्वर का व्यंजन छोड़ दिया जायेगा।]
अब चर्चा करते हैं कि आधुनिक काल में इसकी उपयोगिता क्या है और कैसे की जाए?
कटपयादि:
अक्षरों के द्वारा संख्या को बताकर संक्षेपीकरण करने का एक शास्त्रोक्त विधि है, हर संख्या का प्रतिनिधित्व कुछ अक्षर करते हैं जैसे
1. क,ट,प,य
2. ख,ठ,फ,र
3. ग,ड,ब,ल
4. घ,ढ,भ,व
5. ङ,ण,म,श
6. च,त,ष
7. छ,थ,स
8. ज,द,ह
9. झ,ध
0. ञ,न,अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ॠ,लृ,ए,ऐ,ओ,औ
हमारे आचार्यों ने संस्कृत के अर्थवत् वाक्यों में इनका प्रयोग किया, जैसे गौः = 3, श्रीः = 2 इत्यादि।
इसके लिए बीच में विद्यमान मात्रा को छोड़ देते हैं। स्वर अक्षर (vowel) यदि शब्द के आदि (starting) मे हो तो ग्राह्य (acceptable) है, अन्यथा अग्राह्य (unacceptable) होता हैं।
जैसे समझिए कि मेरा ATM पिन 0278 है, पर कभी कभी संख्या को याद रखते हुए ATM में जाकर हम भ्रमित हो जातें हैं कि 0728 था कि 0278? यह भी अक्सर बहुत लोगों के साथ होता है, ये इनसे बचने के उपाय हैं।
जैसे ATM पिन के लिए कोई भी चार अक्षर वाले संस्कृत शब्द को उस के कटपयादि मे परिवर्तन करें (उस शब्द को सिर्फ अपने ही मन मे रखें, किसी को न बताएं)।
उदाहरण के लिए...
इभस्तुत्यः = 0461
गणपतिः = 3516
गजेशानः = 3850
नरसिंहः = 0278
जनार्दनः = 8080
सुध्युपास्यः = 7111
शकुन्तला = 5163
सीतारामः = 7625
इत्यादि (अपने से किसी भी शब्द को चुन लें)
ऐसे किसी भी शब्द को याद रखें और तत्काल “कटपयादि संख्या” में परिवर्तन करके अपना ATM पिन आदि में प्रयोग करें।
सनातन ज्ञान 🚩🚩
विजयदशमी का दिन पुतले जलाने का नही बल्कि स्वयं के अंदर राम रूपी दिव्य ऊर्जा जगाकर, स्वयं के आभामंडल में छिपी रावण रूपी नकारात्मकता को जलाने का है ।
कुछ लोगो को उपवास खत्म करने की इतनी जल्दी होती है कि शक्ति के नवम रूप सिद्धिदात्री का पूजन किए बिना ही अष्टमी को ही कन्या पूजन करके नवरात्रि पर्व को समाप्त कर देते हैं । जबकि नवमी को ही उसका पूर्ण फल प्राप्त होता है ।
नवरात्रि पर उपवास ना कर सको तो कोई बात नहीं, लेकिन मां शक्ति के किसी भी मंत्र का रोज अधिक से अधिक जप करें । ब्रह्मांड शक्ति की ऊर्जा से भरा रहेगा, जितनी ऊर्जा ग्रहण करोगे,जीवन में उतना अधिक सृजन कर पाओगे ।
एक बहुत समय पहले, पूरे ब्रह्मांड के निर्माण से पहले, कुछ नहीं था और केवल शिव ऊर्जा रूप में मौजूद थे।
वह अकेले थे और कुछ बनाना चाहते थे, ताकि वे जीवन को बांट सके सकें।
लेकिन क्योंकि कुछ नहीं था: कोई फूल, कोई जानवर, कोई मानव, कोई देवता, कोई निर्माण सामग्री नहीं थी, तो वह क्या बनाएंगे?
इसलिए उन्होंने अपने आप से बनाया, आपको अपने आप से बनाया। इसलिए सबसे बड़ा सत्य यह है कि
आप आत्मरूप में शिव हैं, शिव के अंदर हैं।
और अब आप उसके अस्तित्व के बारे में हैरान हैं!
आपका खुद का अस्तित्व ही सबूत है कि वह मौजूद है।
गहराई से जाइए और देखिए कि अब भी केवल भगवान मौजूद है।
ॐ नमः शिवाय।"
Ten Things a Hindu Can Do While Using the English Language:
1. Please stop using the word "God fearing" - Hindus never ever fear God. For us, God is everywhere and we are also integral part of God. God is not a separate entity to fear.
2. Please do not use the meaningless term "RIP" when someone dies. Use "Om Shanti", "Sadgati" or "I wish this atma attains moksha".
3. Please don't use the word "Mythology" for our historic epics (Itihas) Ramayana and Mahabharata. Rama and Krishna are historical heroes, not just mythical characters.
3. Please don't be apologetic about idol worship and say “Oh, that's just symbolic". All religions have idolatry in kinds or forms - cross, words, letters (calligraphy) or direction. Also let's stop using the words the words 'idols', 'statues' or 'images' when we refer to the sculptures of our Gods. Use the terms 'Moorthi' or 'Vigraha'. If words like Karma, Yoga, Guru and Mantra can be in the mainstream, why not Moorthi or Vigraha?
4. Please don't refer to Ganesh and Hanuman as "Elephant god" and "Monkey god" respectively. You can simply write Shree Ganesh and Shree Hanuman.
5. Please don't refer to our temples as prayer halls. Temples are "devalaya" (abode of god) and not "prathanalaya" (Prayer halls).
6. Please don't wish your children "black birthday" by letting them to blow off the candles that kept at the top of the birth day cake. Don't throw spit on the divine fire (Agni Deva). Instead, ask them to pray: "Oh divine fire, lead me from darkness to light" (Thamasoma Jyotirgamaya) by lighting a lamp. These are all strong images that go to deep psyche.
7. Please avoid using the words "spirituality" and "materialistic". For a Hindu, everything is divine. The words spirituality and materialism came to India through evangelists and Europeans who had a concept of Church vs State. Or Science vs Religion. On the contrary, in India, Sages were scientists and the foundation stone of Sanatan Dharma was Science.
9. Please don't use the word "Sin" instead of "Paap". We only have Dharma (duty, righteousness, responsibility and privilege) and Adharma (when dharma is not followed). Dharma has nothing to do with social or religious morality. 'Paap' derives from Adharma.
10. Please don't use loose translation like meditation for "dhyana" and 'breathing exercise' for "Pranayama". It conveys wrong meanings. Use the original words.
Remember, the world respects only those who respect themselves!
वर्तमान परिस्थितियां कुछ ऐसी बनाई गई है कि आप ये तो कह सकते हो कि ईश्वर है मगर ये कहना कि ईश्वरीय कृपा से आपको धन, स्वास्थ्य या सम्मान लाभ हुआ है तो ये गलत है अंधविश्वास है ।
महादेव स्वयं अपने अंदर के शिव को जगाए रखने के लिए ध्यान अवस्था में रहते है और आप उनको मंदिरों में खोजते है बेहतर है अपने अंदर के शिव को जगाएं।
नए साल पर कुछ नया करने की नई परम्परायें ।।
✡️ नमक के पानी से स्नान करें, घर मे कपूर जलाकर नकारात्मक ऊर्जा को भगाए ।
⚛️मोबाइल, लैपटॉप से ना इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर, ऐप्प, पुराने फ़ोटो, हटायें, कॉन्टेक्ट को दुबारा organise करे । और ज़रूरी चीजो का बैकअप ले .
🕉️ पुराने कपड़े जो आपको अच्छा महसूस नही कराते उन्हें बदल दे ।
✴️ नया वॉलेट, नया पेन, नए अंडरगारमेंट्स ख़रीदें ।
❇️ घर के फर्नीचर की दिशा बदले और नया अनुभव करें।
🧘♂️2022 की अपनी सभी पुरानी खराब यादें, अनुभव कागज पर लिखें, और उसे आग में जला दे, और 2023 में अच्छे अनुभव के लिए प्रार्थना करें ।
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने श्रम की नहीं बल्कि कर्म की बात की थी, जबकि उनको मानने वाले ही अधिकांश लोग सफलता के लिए श्रम को वरीयता देते है ।
सफलता के लिए कर्म , श्रम से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि जब ईश्वरीय शक्ति साथ हो तो श्रम की नहीं केवल कर्म की जरूरत होती है ।
अगर आप कोई मार्गदर्शन चाहते है तो इंस्टाग्राम पर पूछ सकते हैं । प्रश्न पूछने के लिए इंस्टाग्राम पर फॉलो करें !
क्या आप बता सकते हैं? ये तीनों कौन हैं जो मनुष्यों को कठपुतली की तरह नचा रही हैं?
Clue: हम सबका जीवन इन्ही के आधार पर चल रहा है..हमारे कर्म भी इन्ही से निर्धारित होते हैं। श्रीमद् भागवत गीता में श्री हरी ने इनके विषय में खूब कहा है। तो बताइए कौन हैं ये ?
आपका कल्याण हो !!
ईश्वर किसी को इतना दुःख न दें की वह पूरी उम्र खुद को या भाग्य को कोसते हुए गुज़ार दें | 🥺 किसी मित्र की पीड़ा से व्यथित हूँ। कम से कम अपराध तो ज्ञात होना चाहिए, दुःख से ज्यादा दुःख का कारण ज्ञात न होना दुःख असहनीय बनाता है।
हे शंभू कृपा करें 🕉️शान्ति 🙏🏻
एक आदमी को एक नाव पेंट करने के लिए कहा गया। वह अपना पेंट और ब्रश लाया और नाव को चमकीले लाल रंग से रंगना शुरू किया, जैसा कि मालिक ने उससे कहा था।
पेंटिंग करते समय, उसने एक छोटा सा छेद देखा और चुपचाप उसकी मरम्मत की।
जब उसने पेंटिंग पूरी की, तो उसने अपना पैसा लिया और चला गया।
अगले दिन, नाव का मालिक पेंटर के पास आया और उसे एक अच्छा चेक भेंट किया, जो पेंटिंग के भुगतान से कहीं अधिक था।
पेंटर को आश्चर्य हुआ और उसने कहा, "आपने मुझे नाव को पेंट करने के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है सर!"
"लेकिन यह पेंट जॉब के लिए नहीं है। यह नाव में छेद की मरम्मत के लिए है।”
"आह! लेकिन यह इतनी छोटी सी सेवा थी... निश्चित रूप से यह मुझे इतनी छोटी सी चीज के लिए इतनी अधिक राशि देने के लायक नहीं है।"
“मेरे प्यारे दोस्त, तुम नहीं समझे। आपको बताते हैं क्या हुआ था:
“जब मैंने तुमसे नाव को पेंट करने के लिए कहा, तो मैं छेद का उल्लेख करना भूल गया।
“जब नाव सूख गई, तो मेरे बच्चे नाव ले गए और मछली पकड़ने की यात्रा पर निकल गए।
"वे नहीं जानते थे कि एक छेद था। मैं उस समय घर पर नहीं था।
"जब मैं वापस लौटा और देखा कि वे नाव ले गए हैं, तो मैं हताश हो गया क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में छेद था।
“मेरी राहत और खुशी की कल्पना कीजिए जब मैंने उन्हें मछली पकड़ने से लौटते देखा।
“फिर, मैंने नाव की जांच की और पाया कि आपने छेद की मरम्मत की थी!
"आप देखते हैं, अब, आपने क्या किया? आपने मेरे बच्चों की जान बचाई! मेरे पास आपके 'छोटे' अच्छे काम का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।
तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन, कब या कैसे, मदद करना जारी रखें, बनाए रखें, आँसू पोंछें, ध्यान से सुनें, और ध्यान से सभी 'लीक' की मरम्मत करें। आप कभी नहीं जानते कि कब किसी को हमारी आवश्यकता होती है, या कब परमेश्वर किसी के लिए सहायक और महत्वपूर्ण होने के लिए हमारे लिए एक सुखद आश्चर्य रखता है।
आपने कई लोगों के लिए कई 'नाव छेद' की मरम्मत की हो सकती है बिना यह जाने कि आपने कितने लोगों की जान बचाई है। ❤️
कुछ अलग करें... आप सबसे अच्छे बनें...
आपका दिन मंगलमय हो🌿
मोह खत्म होते ही खोने का डर निकल जाता है
फिर चाहे वो वस्तु हो, दौलत हो, रिश्ता हो या जिंदगी।
तुम कभी खुद से मत हारना,
फिर कोई तुम्हें हरा नहीं सकता !!
Relationships Are Built By Thoughts
Today we are doing quite a lot to keep loved ones happy. Despite expensive gifts, vacations, shopping and dining out frequently, our relationships are weakening. This is because relationships are built by our each and every thought for the other person, rather than words and behaviors. How do you assess the strength of a relationship? Is it by how the other person speaks to you, or how you respond, or how long you have been together for? The simplest way to assess is to take stock of your thinking patterns for each other. Our thoughts determine how we bond. Thinking right towards people is more important than speaking or behaving right. If we hold pain or anger about them in thoughts, and speak sweet words, conflicting energies radiate and weaken our connection. If we don’t pay attention, we judge or blame people unawares, and radiate negative energy. This is why we fail to develop good relationships with some of them despite external efforts to be nice. When we learn to focus on people’s goodness and think pure for them, we don’t need to worry about our words or behaviors with them – they will automatically be right. Remind yourself - I have perfect relationships. My every thought for people is a blessing for them.
Program your mind to create strong relationships on the basis of pure and respectful thoughts for people. Let your purity flow into all your relationships. When your interactions are based on thoughts of love and care, then your powers of tolerance, adjustment and compassion increase. Remind yourself - I am a pure being. I think good and bless everyone in my relationships.
🤔 If you don't get the results you want.
🤔 If you feel unhappy even though you have achieved a lot.
👉Be aware of your self-talk. Are they in your favour or your hostile?
मन को निराश ना कर, सिर्फ शिव पर विश्वास कर,
शिव हैं तेरे साथ हर क्षण, बस इतना अहसास कर।
ादेव...🙏🙏
Did you know?
▪️Both the legs together have 50% of the nerves of the human body, 50% of the blood vessels and 50% of the blood is flowing through them.
▪️ It is the largest circulatory network that connects the body.
So Walk daily.
▪️Only when the feet are healthy then the convention current of blood flows , smoothly, so people who have strong leg muscles will definitely have a strong heart. Walk.
▪️Aging starts from the feet upwards
▪️As a person gets older, the accuracy & speed of transmission of instructions between the brain and the legs decreases, unlike when a person is young.
Please Walk
▪️In addition, the so-called Bone Fertilizer Calcium will sooner or later be lost with the passage of time, making the elderly more prone to bone fractures. WALK.
▪️Bone fractures in the elderly can easily trigger a series of complications, especially fatal diseases such as brain thrombosis.
▪️Do you know that 15% of elderly patients generally, will die max. within a year of a thigh-bone fracture !! Walk daily without fail
▪️ Exercising the legs, is never too late, even after the age of 60 years.
▪️Although our feet/legs will gradually age with time, exercising our feet/ legs is a life-long task.
Walk 10,000 steps
▪️Only by regular strengthening the legs, one can prevent or reduce further aging. Walk 365 days
▪️ Please walk for at least 30-40 minutes daily to ensure that your legs receive sufficient exercise and to ensure that your leg muscles remain healthy.
You should share this important information with all your 40+years" friends
& family members, as everyone is aging on a daily basis.
एक फ्री हिट और असंभव सा लगने वाला लक्ष्य सहज लगने लगा । यही होता है जब ईश्वरीय कृपा आपके साथ होती है, जो आज साफ झलक रही थी । करना तो विराट को ही था लेकिन अब प्रतिद्वंदी भी गलतियां करना शुरू कर देता है । वाइड बाल इसी का ही प्रमाण था ।
मां महालक्ष्मी का स्वागत कैसे करोगे ?
मधुर संगीत, स्वच्छता और प्रकाश के साथ
या
धुएं, शोर और प्रदूषण (पटाखों के कारण) के साथ ?
निर्णय स्वयं करें !!🙏🙏🙏
स्वयं के अंदर शिव की पूजा करना सीख जाओ, किसी मंदिर , ज्योतिर्लिंग जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
एक ही ऊर्जा के दो रूप !!
यही है माँ शक्ति का वास्तविक स्वरूप !!
नवरात्री के 9 दिन ब्रह्माण्ड मातृ ऊर्जा से भरा रहेगा, सावन महीने में जो शिव ऊर्जा ग्रहण की है उसका मातृ ऊर्जा से अब संगम होगा तभी जीवन में कुछ नया सृजन होगा ! जो सावन माह में ऊर्जा ग्रहण नहीं पाएं वो इस नवरात्री मातृ ऊर्जा को ग्रहण करें और अगले वर्ष आने वाली शिवरात्रि का इंतज़ार करें।
"Om Namah Shivaya” is an ancient chant.
When someone insults you, how do you feel?
If someone were to call you a donkey, how would you feel? What does it do to you? What feeling does it create?
Anger! It shakes you. This creates some negative vibrations, and you feel angry. You may feel some sensations in the stomach and the head.
If a bad word can create so many physiological reactions in you, what do you think a sweet chant can do for you?
Mantras are energizing sounds that help to uplift consciousness and subtle energy. Mantras are those sounds that you hear from deep within during meditation. The aim of these sounds is to bring one back to the source.
Different mantras have certain vibrations and energy. People have been chanting "Om Namah Shivaya" for thousands of years. It is one of the most powerful mantras. It is made of five sounds, "Na-mah-shi-va-ya."
These five syllables symbolize the five elements in creation—earth, water, fire, air, and space. The five elements are the building blocks of everything in creation, including the human body.
"Om" represents the life force and has many meanings. "Om" means peace and love. The life energy present in all the elements is represented by this mantra, "Om Namah Shivaya."
So "Om Namah Shivaya" chanting is done to harmonize the five elements in the environment. When there is peace, love, and harmony in all the five elements, there is joy.
Remove Negative Energy from the House!!!
लंपी वायरस सिर्फ गायों में ही क्यों हो रहा है जबकि भैंस और गाय एक ही परिवार से हैं और शहरी क्षेत्र में रहनी वाली गाय ना ही खुले में चरती है ना ही दूसरी गायों के संपर्क में आती है फिर भी शहरो में भी हो रहा है । आपको क्या लगता है ?
क्या यह वास्तव में एक वायरस है जो अजीब तरीके से फैल रहा है या गौ वंश के खिलाफ कोई साजिश है ??
समूचे ब्रह्मांड में अनेक शक्तियां विचरण करती रहती है , ओर योग्य व्यक्ति का वरण करने के लिए आतुर रहती है , आपको बस अपनी योग्यता की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, योग्यता जैसे जैसे बड़ती जाएगी शक्तियों का आकर्षण भी बढ़ता जाएगा , और स्वय वो तुम्हे चुन लेगी |
समुद्र के किनारे जब एक तेज लहर आयी तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गयी
बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है समुद्र चोर है
उसी समुद्र के दूसरे किनारे पर एक मछुवारा बहुत सारी मछलियाँ पकड लेता है
वह उसी रेत पर लिखता है समुद्र मेरा पालनहार है
एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है
उसकी मां रेत पर लिखती हे समुद्र हत्यारा है
एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढी कमर लिए रेत पर टहल रहा था उसे एक बडे सीप में एक अनमोल मोती मिल गया
वह रेत पर लिखता हे समुद्र बहुत दानी है
अचानक एक बडी लहर आती है और सारे लिखा मिटा कर चली जाती है
मतलब समंदर को कहीं कोई फर्क नहीं पडता कि लोगों की उसके बारे में क्या राय हे वो हमेशा अपनी लहरों के संग मस्त रहता है
अगर विशाल समुद्र बनना है तो जीवन में कभी भी फिजूल की बातों पर ध्यान ना दें अपने उत्साह शौर्य पराक्रम और शांति समुंदर की भांति अपने हिसाब से तय करें
लोगों का क्या हे उनकी राय परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रहती
है .......
जय सत्य सनातन धर्म
"जिस कारण से कुछ लोग आपके खिलाफ हो गए हैं और बिना किसी कारण के आपसे दूर चले गए हैं, उनका अब आपसे कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने उन्हें आपके जीवन से निकाल दिया है क्योंकि वे वहाँ नहीं जा सकते जहाँ मैं आपको ले जा रहा हूं। वे केवल आपको अपने अगले स्तर में बाधा डालते हैं क्योंकि उन्होंने पहले ही आपके जीवन में अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है। उन्हें जाने दें और चलते रहें। आपके लिए कुछ बड़ा आ रहा हैl
ज़िंदगी ” की " तपिश " को सहन " किजिए " जनाब " , अक्सर वे " पौधे ” " मुरझा " जाते हैं , जिनकी " परवरिश " " छाया " में होती हैं ...।।
Unlock The Secret of Happiness by Ancient Indian techniques
In the world of chaos, we seek happiness in every aspect of life ( Health, Wealth, Relationship, Career) but the sad part is we don’t get it. Fun fact : 90% of the problems are physiological i.e in our own state of mind. So Allow me to guide you to channelize the energy of happiness inside you which you seek outside. I can help you unlock different paths,functions, methods of our mind which can help you attain a Happy mind which will lead to a Happy life.