RASHI Ji
#JPS
अपनी रूह का लिबास भी तुझे दे देता,
तुम मुझमे रहने का फैसला तो करती !!
मैं अपनी कहानी में तुम्हें ,
ज़िंदगी की आखिरी खुशी लिखूंगी !!
आज तुम्हें गए हुए पूरे 4 साल हो गए
मैं बस इतना चाहता था कि हम आख़िरी बार मिलें तुम मुझे आख़िरी बार सुनो और आख़िरी बार.. मुझे ठीक से good bye कहने का मौका दो !!
[एक था टाकीज़- लक्ष्मी]
जितनी बार भी हम चंद दिनों की मोहलत माँग कर अपने ही शहर में किसी भटकते हुए मुसाफिर के माफिक वापस लौटते है, यूनिवर्सिटी रोड से होकर कटरा की तरफ बढ़ते ही हर बार "लक्ष्मी टाकीज़" किसी पुराने दोस्त के जैसे हाथ पकड़ कर किनारे रोक लेता है - रुकबो मालिक दुई मिनट ?
अबे थोड़ा काम रहा कचहरी में, तुम सुनाओ चच्चा का हाल ??
चाय मगाई पीबो? आपन सुस्त शहर में कहाँ इत्ती हड़बड़ी में निकले हो ?? चालान होय जाइ इत्ता समझ लेव ई सुकून भरे शहर में बिना दुआ-सलाम किये जल्दबाज़ी में आगे बढ़ जाबो तो !!
अब्बे गुडडुवा भन्न से दुइ चाय बनाओ बे पेसल वाली ! देख बे दुइ ठो समोसा भी लै आव पुरनका दोस्त आज रास्ता भटक गा इत्ते महीना बाद !!
अब्बे कुछ याद भी है कबसे राब्ता है अपना ?? हमार दिवारन पे लगे रंगबिरंगी सिनेमा की चिट्टी पढ़ै कितनी बार सायकिल से चक्कर मारत रहेव ? भुलाय गयेव का बे ??
फिर एक दिवार पे "ब्लैक & वाइट" में रोजाना ४ शो लिखा देख कर लगता है मानो सिनेमा का उत्सव आज भी चल रहा है उन चारदीवारी में ! वक़्त की रफ़्तार अपने आप ढीली पड़ जाती है एकबैक ! गाडी खादी भण्डार के तरफ लगा कर चाय का गिलास थामे, लक्ष्मी टाकीज़ की पीली बुलंद ईमारत के जर्जर हो चुके खिड़की पर नज़र टिका देते है ! शहर आस पास से गुजरता रहता है मगर आपकी घडी की सुइयाँ अल्पविराम के अवस्था में चली जाती है, यादें मानसूनी बादलों की माफिक चारो तरफ से आकर घेर लेती है बारिस की पहली बूँदों सी महक फ़ैल जाती है !!
"लक्ष्मी टाकीज़" मानो अंदर वीरान पड़े अपने बड़े परदे और धुल फाँक रही कुर्सियों की बीच बेपनाह अकेलेपन से बौखला कर बड़बड़ाने पर उतर आया हो घर के एक कोने की कोठरी में आखिरी वक़्त के इंतज़ार में बैठे किसी बुजुर्ग की माफिक !!
ल्यो आय गै चाय, उठाओ मालिक ! :-)
अब्बे "निरजरंवा" से बात होत रही कल, कहत रहा चलबो सिबिल लाइन्स कउनो रोज़ "पैलेसवा" बुलावत रहा ? संगीत, गौतम और दर्पण तो नै आय रहे है बिजी चल रहे है दुनियादारी में, तो तुम ही आय जाओ बे ! शाम होगी, महफ़िल होगी, ई रंगीन शहर और सिनेमा से बेपनाह मोहब्बत की बाते होगी, हर फ्राइडे को टिकट खिड़की पर लगने वाले मेले की सुनहरी यादें होगी !!
वैसे भी अपने शहर ने पुराने कपडे उतार फेंके है गुरु और महानगरों के तरफ दौड़ लगा दी है सरपट ! हम जैसे उस दौड़ में पीछे छूट गए है बे चौराहे पे लगी ट्रैफिक लाइट की बत्ती कबहु हरी नै होत अब हमार लिए ! रंगबाज़ पीवीआर की बकैती देख पैलेसवा भी आपन रूह में पैबंद लगाय के टक्कर लेय खातिर मैदान में उतर गा है अब ! निरंजनवा की हालत तो देखीं नै जात बे, पर का किया जाय !
अफ़सोस बाज़ारवाद की अंधी दौड़ हर साल लम्हा-लम्हा करके हम पिछडते गए, फिर अच्छी फिल्में हिस्से में आना ही बंद हो गयी और सालो पाहिले दरवाजो पर ताला जड़ सालो से चलते आ रहे फ़िल्मी महोत्सव का समापन कर दिया गया ! मगर यादो का सिनेमा हर रोज़ चलता है आज भी बे रोजाना ४ शो के हिसाब से !!
चाय के खत्म होते ही गाडी स्टार्ट कर यादो के गिरह को खोलते हुए आगे बढ़ जाते है लक्ष्मी टाकीज़ दूर तक पीछा करता है और ओझल होने से पाहिले चिल्लाकर कहता हो! - अब्बे फिर से आना बे ऐहर, तुम जइसन से बतिया कर गुरु तबियत हलकी हो जाती है एकदम !!
( शहर का इतिहास और इसके दिलचस्प किस्से अब इन पुरानी ईमारतों के कंधो पर ही आकर टिक गया है, काहे की नए दौर में वक़्त कहा रहा हमारे पास जो हम किस्सा-बयानी पर खर्च कर सके ?? )
अयोध्या में स्थित राम मंदिर में स्थापित की गई प्रभू श्री राम जी की प्रतिमा 💐💐💐
Merry Christmas
पिला मय हमको..... किस की साक़िया चोरी,
ख़ुदा से जब नहीं चोरी.... तो फिर बंदे से क्या चोरी !!
पूछ लूंगा अगर वो मिला किसी रोज़ ,
मुझे पाया नहीं तो छोड़ना जरूरी था क्या ..!!
🌹
उदासी, शाम,तन्हाई,यादें शराब के जामों में,
मुझे सब सौंप कर सूरज डूब जाता है पानी में !!
हर तरफ़ हर जगह बेसुमार आदमी,
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमीं !!
बड़े भाई.. महेश भाई... अगर ईश्वर है तो उन्हें जल्द से जल्द शकुशल पुनः अपने घर जानें में उनकी सहायता करें 🙏🙏🙏
Happy
With Ustad E Azam NFAK – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
कुछ बहुत ही संजीदगी,
कुछ नादानी से लिखे हैं !
कोई मुश्किल नहीं थी
सब आसानी से लिखे हैं
इससे पहले कोई और पढ़े
सब मिट जाएगा खुद ही
तुम्हारे नाम के सारे किस्से
मैंने पानी से लिखे हैं...
same feeling once again❤️🍫
प्रयागराज के पास एक रहस्यमयी गांव | mysterious village near Prayagraj गाँव तो आपने कई देखें होंगे लेकिन आज मैं आपको प्रयागराज के निकट एक ऐसे वीरान गाँव की सैर पर ले चलता हूँ जिसे देखकर आ.....
किस्मत ही हरा दे तो अलग बात है,
गुलेलो से बाज मरा नहीं करते !!
जरा सा खुद के लिए क्या जीने लगे,
लोग किरदार पर ही शक करने लगे !!
नहीं भीड़ चाहिये हमें तन्हां पसंद है,
अब सुख हो या हो दुःख हमें अपना पसंद है !
आंखों को ख़्वाब आ रहे थे फिर ग़ुलाब के,
दिल ने कहा कि अब हमें कांटें पसंद हैं !!
उनकी मोहब्बत के भी कर्जदार रहेंगे हम...
जिन्होंने ये जानते हुए भी हमसे इश्क़ किया कि हम उनके हिस्से में
कभी लिखे ही नहीं जायेंगे !!
महज़ किसी का मिलना या बिछड़ना
इश्क़ नहीं........शायद,
एक एहसास जो आख़री साँस तक साथ रहे,
वही इश्क़ है.. (Chatar-Chatar)
बदलना जरूरी था खुद को,
अपने वक्त को बदलने के लिए !!
कुछ तो शराफत सीख लेता ऐ इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो होता है,मैं जानलेवा हूँ !!
मुझे यकीन है ये जहमत नही करेगा कोई
बिना गरज के मौहब्बत नही करेगा कोई !
ना खानदान में पहले किसी ने इश्क किया,
हमारे बाद भी हिम्मत नही करेगा कोई !!
तुम्हें याद करना एक आदत है जैसे नहाना रोज़ है
रोज़ लौट कर आना है,मोबाइल पर पढ़ना है, टीवी देखना है
खाना रोज़ है,रोज़ काम पर जाना है
ये सब मैं रोज़ करता हूँ, लेकिन एक और काम है
जो मेरे अंदर कोई और इंसान
हर रोज़ करता है मुझसे
बिना पूँछे, बिना ताके...
मैं जब रात को अपने बिस्तर पर अधमरा सा गिरता हूँ तब वो इंसान मेरे अंदर से ही मुझे बताता है
कि आज उसने तुमको कितना याद किया है
मैं रोज़ उस इंसान की
तड़प सुनता हूँ,
उसका ग़म बाँटता हूँ
मगर फिर मुस्कुराता हूँ
फिर तान लेता हूँ चादर क्योंकि अगले दिन फिर
पिसना है मुझे
क्योंकि अगले दिन फिर तुमको याद करना है .....
"I Love YOU JYOTI...❤️❤️
इस दुनियां में शराब ही एक ऐसी चीज़ है जो मातम जैसे माहौल को भी ख़ुशनुमा त्योहार में तब्दील कर सकती है..
प्रमोद शर्मा..❤️
मिलावट है तुम्हारे इश्क़ में इत्र और शराब का,
कभी हम महक़ जाते हैं, कभी बहक जाते हैं !!
बादलों की ओट से सूरज निकलने वाला है....
सफर जारी है हमारा...,और वक्त भी बदलने वाला है !!
【💝】
मंज़िलें भी उनकी थीं, रास्ता भी उनका था,
इक हम ही अकेले थे कारवाँ भी उनका था !
साथ साथ चलने की सोंच भी उन्हीं की थी,
फिर रास्ता बदलने का फैसला भी उनका था !
हमसे तो दिल उनका दुखाया नही गया,
हमारा दिल तोड़ने का हौसला भी उनका था !
मैं आज क्यों अकेला हूँ दिल सवाल पूंछता है,
कि ,लोग तो उनके थे क्या खुदा भी उनका था !!