Lord Krishna
Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Lord Krishna, Tour guide, .
Hari Bol
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
Happy Janmashtmi to everyone
बंदी गृह के, तुम अवतारी
कही जन्मे, कही पले मुरारी
किसी के जाये, किसी के कहाये
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
Jai Jagannath
Hare Krishna
The cutest Jagannath
Thank you whoever made this.
Jai Jagannath, Hare Krishna.
अक्षय तृतीया (आखा तीज)_, [वैशाख ]
उसका महत्व क्यों है और जानिए आज ही के दिन कि कुछ महत्वपुर्ण जानकारियाँ:
-ब्रह्माजी के पुत्र *अक्षय कुमार* का अवतरण।
-माँ अन्नपूर्णा* का जन्म।
-चिरंजीवी महर्षी परशुराम* का जन्म हुआ था इसीलिए आज *परशुराम जन्मोत्सव* भी हैं।
-कुबेर* को खजाना मिला था।
-माँ गंगा* का धरती अवतरण हुआ था।
-सूर्य भगवान ने पांडवों को *अक्षय पात्र* दिया।
-महाभारत का *युद्ध समाप्त* हुआ था।
-वेदव्यास जी ने *महाकाव्य महाभारत की रचना* गणेश जी के साथ शुरू किया था।
-प्रथम तीर्थंकर *आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान* के 13 महीने का कठीन उपवास का *पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया* था।
-प्रसिद्ध तीर्थ स्थल *श्री बद्री नारायण धाम* का कपाट खोले जाते है।
-बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में *श्री कृष्ण चरण के दर्शन* होते है।
-जगन्नाथ भगवान के सभी *रथों को बनाना प्रारम्भ* किया जाता है।
-आदि शंकराचार्य ने *कनकधारा स्तोत्र* की रचना की थी।
-अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!!!
-अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है....!!!*
अक्षय तृतीया की आपको और आपके सम्पूर्ण परिवार को *हार्दिक शुभकामनाएं
Fear not what is not real, never was and never will be.
What is real, always was and can not be destroyed !!
Hare Krishna
Happy Holi | होली की शुभकामनाएं
दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं |
आपके अधर्म का एक क्षण सारे जीवन के कमाये धर्म को नष्ट कर सकता है।
जब श्रीकृष्ण महाभारत के युद्ध पश्चात् लौटे तो रोष में भरी रुक्मिणी ने उनसे पूछा..,
" बाकी सब तो ठीक था किंतु आपने
द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह जैसे धर्मपरायण लोगों के वध में क्यों साथ दिया?"
श्री कृष्ण ने उत्तर दिया..,
"ये सही है की उन दोनों ने जीवन पर्यंत धर्म का पालन किया किन्तु उनके किये एक पाप ने उनके सारे पुण्यों को हर लिया "
"वो कौनसे पाप थे?"
श्री कृष्ण ने कहा :-
"जब भरी सभा में द्रोपदी का चीर हरण हो रहा था तब ये दोनों भी वहां उपस्थित थे ,और बड़े होने के नाते ये दुशासन को आज्ञा भी दे सकते थे किंतु इन्होंने ऐसा नहीं किया।
उनका इस एक पाप से बाकी,
धर्मनिष्ठता छोटी पड गई"
रुक्मिणी ने पुछा,
"और कर्ण?
वो अपनी दानवीरता के लिए प्रसिद्ध था ,कोई उसके द्वार से खाली हाथ नहीं गया उसकी क्या गलती थी?"
श्री कृष्ण ने कहा, "वस्तुतः वो अपनी दानवीरता के लिए विख्यात था और उसने कभी किसी को ना नहीं कहा,
किन्तु जब अभिमन्यु सभी युद्धवीरों को धूल चटाने के बाद युद्धक्षेत्र में आहत हुआ भूमि पर पड़ा था तो उसने कर्ण से, जो उसके पास खड़ा था, पानी माँगा ,कर्ण जहाँ खड़ा था उसके पास पानी का एक गड्ढा था किंतु कर्ण ने मरते हुए अभिमन्यु को पानी नहीं दिया।
इसलिये उसका जीवन भर दानवीरता से कमाया हुआ पुण्य नष्ट हो गया। बाद में उसी गड्ढे में उसके रथ का पहिया फंस गया और वो मारा गया"
अक्सर ऐसा होता है की हमारे आसपास कुछ गलत हो रहा होता है और हम कुछ नहीं करते । हम सोचते हैं की इस पाप के भागी हम नहीं हैं किंतु मदद करने की स्थिति में होते हुए भी कुछ ना करने से हम उस पाप के उतने ही हिस्सेदार हो जाते हैं ।
किसी स्त्री, बुजुर्ग, निर्दोष,कमज़ोर या बच्चे पर अत्याचार होते देखना और कुछ ना करना हमें पाप का भागी बनाता है। सड़क पर दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को लोग नहीं उठाते हैं क्योंकि वो समझते है की वो पुलिस के चक्कर में फंस जाएंगे|
अद्भुत द्वारकाधीश मंदिर।
मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के अपने धाम गमन करने के पश्चात उनके साथ ही उनके द्वारा बसायी गई द्वारका नगरी भी समुद्र में समा गई थी। लगभग पच्चीसौ वर्ष पूर्व उनके प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था जिसका कालांतर में विस्तार और जीर्णोद्धार किया गया। मंदिर के वर्तमान स्वरुप को 16वीं शताब्दी के आस-पास का बताया जाता है।
माना जाता है कि लगभग पांच हजार साल पहले जब भगवान श्री कृष्ण ने द्वारका नगरी को बसाया था तो उसमें जिस स्थान पर उनका निजी महल यानि हरि गृह था वहीं पर द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण हुआ। गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 380 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है द्वारका। वही द्वारका जो हिंदुओं की आस्था के प्रसिद्ध केंद्र चार धामों में से एक है। वही द्वारका जिसे द्वारकापुरी कहा जाता है और सप्तपुरियों में शामिल किया जाता है। वही द्वारका जिसे मथुरा छोड़ने के बाद स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपने हाथों से बसाया था। वही द्वारका जो आज कृष्ण भक्तों सहित हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिये एक महान तीर्थ है। आइये जानते हैं भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारका स्थित उनके धाम के बारे में।
वास्तु कला के नजरिये से भी द्वारकाधीश मंदिर को बहुत ही उत्कृष्ट माना जाता है। मंदिर एक परकोटे से घिरा है। मंदिर की चारों दिशाओं में चार द्वार हैं जिनमें उत्तर और दक्षिण में स्थित मोक्ष और स्वर्ग द्वारा आकर्षक हैं। मंदिर सात मंजिला है जिसके शिख की ऊंचाई 235 मीटर है। इसके बनाने के ढंग की निर्माण विशेषज्ञ तक प्रशंसा करते हैं। मंदिर के शिखर पर लहराती धर्मध्वजा को देखकर दूर से ही श्री कृष्ण के भक्त उनके सामने अपना शीष झुका लेते हैं। यह ध्वजा लगभग 84 फुट लंबी हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के रंग आकर्षक रंग देखने वाले को मोह लेते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री कृष्ण की शयामवर्णी चतुर्भुजी प्रतिमा है जो चांदी के सिंहासन पर विराजमान है। ये अपने हाथों में शंख, चक्र, गदा औक कमल धारण किये हुए हैं। यहां इन्हें रणछोड़ जी भी कहा जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर के साथ साथ यहां पर अनेक मंदिर हैं जिनकी अपनी कहानियां हैं। गोमती की धारा पर बने चक्रतीर्थ घाट, अरब सागर और वहां पर स्थित समुद्रनारायण मंदिर, पंचतीर्थ जहां पांच कुएं हैं जिनमें स्नान करने की परंपरा है, शंकराचार्य द्वारा स्थापित शारदा पीठ आदि अनेक ऐसे स्थान हैं जो द्वारका धाम की महिमा को कहते हैं।
The Janamashtami Celebrations 2019 – Live from Mathura and Dwarka The Janamashtami Celebrations 2019 – Live from Mathura and Dwarka
बृज के लाल नंदगोपाल के जन्मदिवस की संपूर्ण जगत को शुभकामनाएं ।
हरी बोल!
कृष्ण जन्माष्टमी की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं !!
The Swarup or divine form of Shrinathji is said to be self-manifested. The idol of the Lord Krishna was being transferred to a safer place from Govardhan to protect it from the anti-Hindu, iconoclastic and barbarian destruction of the Mughal ruler Aurangzeb by the Head Goswami of the 1st House of Pushti Marg in 1669, Shri Dauji Maharaj.When the idol reached the spot at village Sihad or Sinhad, the wheels of bullock cart in which the idol was being transported sank axle-deep in mud and could not be moved any farther. The accompanying priests realised that the particular place was the Lord's chosen spot and accordingly, a temple was built there under the rule and protection of the then Maharana Raj Singh of Mewar.Shrinathji Temple is also known as 'Haveli of Shrinathji’ (mansion).The temple was built by Goswami priests in 1672
काला जादू : क्या है हकीकत, कैसे बचें क्या काला जादू एक हकीकत है? कैसे जानें की किस्सी ने आप पे काला जादू किया है? और क्या है काले जादू से बचाव के तरीके?
शिवलिंग पर बेल-पत्र क्यों चढ़ाया जाता है? बेलपत्र में ऐसा क्या खास गुण है जो उसे आध्यात्मिक रूप से इतना महत्वपूर्ण बना देता है ?जानते हैं सद्गुरु से...
गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा, हे अर्जुन वृक्षों में मैं पीपल हूं! आखिर उन्होंने ऐसा क् geeta updesh by sandeep deo
हरी बोल!
कृष्ण जन्माष्टमी की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं !!
गायत्री मंत्र क्यों और कब ज़रूरी है
☀सुबह उठते वक़्त 8 बार ❕✋✌👆❕अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!
🍚🍜 भोजन के समय 1 बार❕👆❕ अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए !!
🚶 बाहर जाते समय 3 बार ❕✌👆❕समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए !!
👏 मन्दिर में 12 बार ❕👐✌❕
प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!
😢छींक आए तब गायत्री मंत्र उच्चारण ☝1 बार अमंगल दूर करने के लिए !!
सोते समय 🌙 7 बार ❕✋✌ ❕सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!
कृपया सभी बन्धुओं को प्रेषित करें 👏👏 !!!
ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानीए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है
"पहला सुख निरोगी काया"
अध्यात्म में 108 की संख्या महत्वपूर्ण है, क्यों?
http://isha.sadhguru.org/blog/hi/yog-dhyan/adhyaatm-men-108-kee-sankhya-mahtvpoorn-hai-kyon/
अध्यात्म में 108 की संख्या महत्वपूर्ण है, क्यों? हिन्दू आध्यात्मिक परम्पराओं में 108 की संख्या हर जगह दिख जाती है। 108 असल में हमारे ग्रह और सौर्य मंडल की बनावट से गहराई से जुड़ा है, जानें कैसे
भगवान हनुमान जी के जन्म का इतिहास झारखंड के गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र में अवस्थित आंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि यही माता अंजनी ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था। माता अंजनी के नाम से ही इस गांव का नाम आंजन पड़ा। यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 22 किमी की दूरी पर अवस्थित है। साथ ही देश के अंदर यह ऐसा पहला मंदिर है, जहां स्थापित मूर्ति में बाल हनुमान माता अंजनी की गाेद में बैठे हुए हैं।
http://www.bbcbharat.com/anjan-dham-of-gumla-where-lord-hanuman/
यही माँ अंजनी ने दिया था हनुमान को जन्म - BBC Bharat आंजन धाम- मान्यता है की यही माँ अंजनी ने दिया था हनुमान को जन्म मंदिर में स्थापित मूर्ति जिसमे माँ अंजनी के गॉड में बाल हनुमान है भगवान हनुमान जी के जन्म का इतिहास झारखंड के गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र में अवस्थित आंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि यही माता अंजनी ने भगवान हनुमान …
महाशिवरात्रि: सोमवार को महायोग, फिर 12 साल बाद ही आयेंगे ऐसे योग !
क्यों है इस बार की महाशिवरात्रि विशेष महत्वपूर्ण.....
वैसे तो हर मास की कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को त्रयोदशी सयुक्त चतुर्दशी एवं रात्रि प्रधान चतुर्दशी को महाशिवरात्रि की प्रधानता मानी गई है। इस बार चतुर्दशी 7 मार्च सोमवार दोपहर 1:20 बजे से प्रारम्भ होकर मंगलवार प्रातः10:33 तक रहेगी। यह महाशिवरात्रि इसलिए भी बहुत विशेष है क्यों की शिव की दोनों तिथियाँ त्रयोदशी और चतुर्दशी शिववार सोमवार को आ रही हैं। इसी दिन शुभ योग एवं पंचग्रह, ग्रहण और कालसर्प योग भी रहेंगे जिनसे ग्रह शांति का विशेष लाभ मिलेगा। शिव तंत्र के महादेव हे इसलिए तंत्र की 4 महारात्रियों में से एक तथा मार्च की पहली महारात्रि महाशिवरात्रि है। तंत्र में कई साधना ऐसे होती हे जो केवल इसी रात्रि को की जा सकती है। इस साधना को करने से कई गुना फलदायी एवं सिद्दी दायक होती हैं। इसी दिन शिवज्योति प्राकट हुई थी और शिव पारवती का विवाह हुआ था।
Read more at: http://hindi.oneindia.com/art-culture/why-mahashivaratri-in-2016-is-so-important-376539.html
http://www.bbcbharat.com/patal-bhuvaneshwar-uttarakhand/
जानिये आखिर कहा वास करते हैं 33 कोटि हिन्दू देवी-देवता - BBC Bharat “शृण्यवन्तु मनयः सर्वे पापहरं नणाभ् स्मराणत् स्पर्च्चनादेव पूजनात् किं ब्रवीम्यहम् सरयू रामयोर्मध्ये पातालभुवनेश्वर” : –स्कन्द पुराण मानसखंड 103/10-11 व्यास जी ने कहा मैं ऐसे स्थान का वर्णन करता हूं, जिसका पूजन करने के सम्बन्ध में तो कहना ही क्या, स्मरण मात्र से ही सब पाप नष्ट हो जाते हैं। वह स…
महादेव की ऐसे करें पूजा !
भगवान शिव को देवादि देव महादेव कहा जाता है। कहते हैं शिवजी जिस पर प्रसन्न हो जाते हैं उसके सारे दुख दूर कर देते हैं। शिवजी की पूजा भी विधि विधान से करनी चाहिए। आइए जानते हैं कैसे करें शिवजी की पूजा-
http://www.bbcbharat.com/mahaadev-ki-aise-karen-pooja-so-the-worship-of-shiva/
महादेव की ऐसे करें पूजा - BBC Bharat भगवान शिव को देवादि देव महादेव कहा जाता है। कहते हैं शिवजी जिस पर प्रसन्न हो जाते हैं उसके सारे दुख दूर कर देते हैं। शिवजी की पूजा भी विधि विधान से करनी चाहिए। आइए जानते हैं कैसे करें शिवजी की पूजा- पूजन सामाग्री- देव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का …
हिंदू धर्म में दो मंत्रों महामृत्युंजय तथा गायत्री मंत्र की बड़ी भारी महिमा बताई गई हैं। कहा जाता है कि इन दोनों मंत्रों में किसी भी एक मंत्र का सवा लाख जाप करके जीवन की बड़ी से बड़ी इच्छा को पूरा किया जा सकता है चाहे वो दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने की इच्छा हो या अपना पूरा भाग्य ही बदलना हो।
http://www.bbcbharat.com/after-this-mantra-dead-person-live/
इस मंत्र से मुर्दा भी हो जाता है जिंदा, लेकिन पढ़ने में गलती हुई तो… - BBC Bharat हिंदू धर्म में दो मंत्रों महामृत्युंजय तथा गायत्री मंत्र की बड़ी भारी महिमा बताई गई हैं। कहा जाता है कि इन दोनों मंत्रों में किसी भी एक मंत्र का सवा लाख जाप करके जीवन की बड़ी से बड़ी इच्छा को पूरा किया जा सकता है चाहे वो दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनने की इच्छा … Continue reading इस मंत्र से मुर्दा भी…