ओशो
Osho ~ Never Born - Never Died - Only visited this planet Earth between December 11, 1931 and January 19, 1990
मूर्ख होने में कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन जिद्दी होना और इस बात पर जोर देना कि आपकी मूर्खता ज्ञान है, यह एक समस्या है।
— #ओशो 🌸
प्रेम के संबंध मे लोग सुनते हैं, समझते हैं, गीत गाते हैं, कथाएं पढ़ते हैं, प्रेम करते नहीं। क्योंकि प्रेम करने का अर्थ, अपने को मिटाना। अहंकार खो जाए, तो ही प्रेम का अंकुरण होता है।
— #ओशो, एस धम्मो सनंतनो (प्रवचन-18)
मस्त आदमी का क्या अर्थ होता है? मस्त आदमी का अर्थ होता है: अब कोई चलाने वाला नियंत्रण भीतर न रहा। अब तो छोड़ दिया सब परमात्मा पर। जहां उसकी मरजी हो, ले जाए। डुबाना हो- डुबा दे; हम गीत गुनगुनाते डूब जायेंगे। मिटना हो-मिटा दे; हम मुस्कुराते मिट जायेंगे। जो उसकी मरजी; जैसी उसकी मरजी।
~ ओशो
कन थोरे काकर घने -2
प्रेम वही कर सकता है
जो अपने प्रेम की कीमत न मांगे
अपने प्यार का बदला न चाहे
जो उसकी मुस्कान में मुस्काये
और अपने लिये उससे कुछ भी न चाहे
प्रेम गहरा समर्पण है।
प्राण देकर भी धन्यवाद देता है।
~ ओशो 🍀