B.S.Public School Bahalolnagar,Hanumangarh
B.S.Public School is run by Bhagat Singh Shikshan Sanstha Bahalolnagar.It have both medium hindi and english.
B.S.PUBLIC SCHOOL
V.P.O.- BAHALOLNAGAR ,DIST.& TEH. -HANUMANGARH
GRAM PANCHYAT - BEHLOLNAGAR, VILLAGE - 43SSW BEHLOLNAGAR
Email - [email protected], Website - https://www.facebook.com/bsschool365
यह इस बात का सबूत है कि बीजेपी को लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं रहा News IN, ( बी एस सिधू)। जैसा कि बीजेपी पर यह आरोप लगाया जाता है कि bjp लोकतंत्र की हत्या कर रही है। जहां पहले मेरे मन में इस बा....
जानिए किस वजह से ट्रेन के अन्तिम डिब्बे के पीछे बनाया जाता है, क्रॉस (X) का निशान जानिए किस वजह से ट्रेन के अन्तिम डिब्बे के पीछे बनाया जाता है, क्रॉस (X) का निशान
शिक्षकों को क, ख, ग...का प्रशिक्षण देते हुए
आप भी अपनी हंसी रोक नहीं पायेंगे ।
Shivira PANCHAG , APRIL MONTH
संशोधित टाइम टेबल कक्षा 5
टाइम टेबल कक्षा 9 व 11
👬👫👭👬👭👬
*ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना..*
कमीज के बटन
ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल
खुद न सँवार पाना,
पी टी शूज को
चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को
पैंट से पोंछते जाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
वो बड़े नाखुनों को
दांतों से चबाना,
और लेट आने पर
मैदान का चक्कर लगाना,
वो प्रेयर के समय
क्लास में ही रुक जाना,
पकड़े जाने पर
पेट दर्द का बहाना बनाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
वो टिन के डिब्बे को
फ़ुटबाल बनाना,
ठोकर मार मार कर
उसे घर तक ले जाना,
साथी के बैठने से पहले
बेंच सरकाना,
और उसके गिरने पे
जोर से खिलखिलाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
गुस्से में एक-दूसरे की
कमीज पे स्याही छिड़काना,
वो लीक करते पेन को
बालों से पोंछते जाना,
बाथरूम में सुतली बम पे
अगरबत्ती लगाकर छुपाना,
और उसके फटने पे
कितना मासूम बन जाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे'*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
वो Games Period
के लिए Sir को पटाना,
Unit Test को टालने के लिए
उनसे गिड़गिड़ाना,
जाड़ो में बाहर धूप में
Class लगवाना,
और उनसे घर-परिवार के
किस्से सुनते जाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
वो बेर वाली के बेर
चुपके से चुराना,
लाल–पीला चूरन खाकर
एक दूसरे को जीभ दिखाना,
खट्टी मीठी इमली देख
जमकर लार टपकाना,
साथी से आइसक्रीम खिलाने
की मिन्नतें करते जाना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
वो लंच से पहले ही
टिफ़िन चट कर जाना,
अचार की खुशबू
पूरे Class में फैलाना,
वो पानी पीने में
जमकर देर लगाना,
बाथरूम में लिखे शब्दों को
बार-बार पढ़के सुनाना...
😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
😊 😊 😊 😊 😊
वो Exam से पहले
गुरूजी के चक्कर लगाना,
लगातार बस Important
ही पूछते जाना,
वो उनका पूरी किताब में
निशान लगवाना,
और हमारा ढेर सारे Course
को देखकर सर चकराना...
*😔 ऐ मेरे स्कूल मुझे,*
*जरा फिर से तो बुलाना...*
😊 😊 😊 😊 😊
👫👬👭👫👬👭
वो मेरे स्कूल का मुझे,
यहाँ तक पहुँचाना,
और मेरा खुद में खो
उसको भूल जाना,
बाजार में किसी
परिचित से टकराना,
वो जवान गुरूजी का
बूढ़ा चेहरा सामने आना...
तुम सब अपने स्कूल
एक बार जरुर जाना...
*अच्छे लगते हैं वह शिक्षक जिन्हें अपनी क्लास की पहली बेंच से लेकर आखिरी बेंच तक के बच्चों का नाम पता होता है।*
*जो उन बच्चों से भी उत्तर उगलवा लेते है जिन्हें उत्तर पता होता है लेकिन वो क्लास में बोलने से परहेज करते है।*
*हाँ खुशी देते है ऐसे शिक्षक जो कमजोर बच्चों को जस की तस हालत में छोडने के बजाय उन्हें मुख्यधारा में शामिल कर देते है।*
*हाँ उन शिक्षकों का थोडा अतिरिक्त सम्मान करने का मन होता है जो परीक्षा कक्ष में हडबडी में गिरी पेन चुपचाप रख देते है बच्चों की टेबल पर।*
*दोस्त की तरह लगते हैं वह शिक्षक जो उदास चेहरा देख बिना किसी लाग लपेट के पूछ लेते है बच्चों की परेशानी।*
*ठट्ठा मार हँस लेते है जो शिक्षक अपने विद्यार्थियों के साथ अक्सर उनकी यह सहजता दिल में सहेज लेते है बच्चे और कर लेते है पसंदगी की लिस्ट में उन शिक्षकों का क्रम थोडा और ऊपर।*
*अक्सर वह शिक्षक हो जाते है बेहद प्रिय जो कॉपी में बडा सा लाल गोला बनाने की जगह लिख देते है सही शब्द या पंक्ति,*
*खेल लेते है विद्यार्थियों के साथ थोडी देर बैडमिंटन,रख जिनके कंधों पर बेतकल्लुफी से हाथ साझा कर लेते है बच्चे क्लास का सुलझा उलझा अनुभव।*
*अक्सर वह शिक्षक पसंद किये जाने से भी ऊपर पसंद किये जाते है जो दे देते हैं बच्चों को स्वतंत्रता अपना दृष्टिकोण रखने की और डाल लेते है एक सम्मान भरी दृष्टि एक सरल मुस्कान के साथ।*
*हाँ बरबस आकर्षित कर लेते है वह शिक्षक जो बच्चों के साथ पी लेते है चाय,कर लेते है देश दुनिया पर खुलकर बहस।*
*हाँ ऐसे शिक्षक बेहद अच्छे लगते है जिनका साथ महसूस करा देता है दोस्त,अभिभावक,अध्यापक,भाई बहन जैसा रिश्ता।*
*अक्सर बढता ही जाता है इनका सम्मान,होते ही जाते हैं ये और अधिक... और अधिक...और अधिक प्रिय
*गर्व है शिक्षक होने पर*
🌸🔆🌸🔆🌸🔆🌸🔆🌸🔆
"कर्म" एक ऐसा रेस्टोरेंट है ,
जहाँ ऑर्डर देने की
जरुरत नहीं है
हमें वही मिलता है जो
हमने पकाया है।
जिंदगी की बैंक में जब
" प्यार " का " बैलेंस "
कम हो जाता है
तब " हंसी-खुशी " के
चेक बाउंस होने लगते हैं।
इसलिए हमेशा
अपनों के साथ
नज़दीकियां बनाए रखिए ।
🌸🔆🌸 🌸🔆🌸🔆🌸🔆🌸
class 8th me center top raha hamara student
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
Result
सत्र 2016-17 के लिए आरटीई में प्रवेश हेतु प्राथमिकता सूची
विद्यालय की प्राथमिकता सूची में बालकों की पात्रता सम्बन्धी जांच प्रवेश देने से पूर्व व पुन: सावधाानी पूर्वक कर लेवें ! इस सूची में यदि कोई बालक राज्यन सरकार द्वारा जारी नियमों ! निर्देंशो के आधार पर पात्र नहीं है तों उसे प्रवेश नहीं देवें ! उसके स्थाान पर प्राथमिकता सूची में उससे आगे आने वाले पात्र बालक को प्रवेश देवें ।
सत्र
स्कूल नाम : B.S.PUBLIC SCHOOL ऑनलाइन लाटरी तिथि : 28 Apr 2016* Provisional Priority No.
प्राथमिकता क्रमांक प्रवेश कक्षा माध्यम विद्यार्थी/पिता का नाम जन्म तिथि लिंग रिमार्क
1 First Hindi MANISH / RADHESHAYAM 06/10/2010 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
2 First Hindi SAHIL INDLIAA / ROOP RAM 11/04/2011 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
3 First Hindi PARDEEP / HANUMAN PARSAD 11/03/2011 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
4 First Hindi KIRNA / MANOHAR LAL 12/02/2010 Female विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
5 First Hindi NASIB / JASWANT RAM 01/01/2011 Female विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
6 First Hindi KESHAV KUMAR / INDRAJ 18/04/2011 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
7 First Hindi NEHA / HIRA RAM 12/04/2011 Female विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
8 First Hindi NISHANT / MADAN LAL 28/03/2011 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
9 First Hindi RAJVINDR / DARASHAN RAM 21/08/2009 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
10 First Hindi YASH MANDAR / HIRA LAL 11/03/2011 Male विद्यार्थी प्रवेश के लिए योग्य है!
आरटीई टाईम फ्रेम 2016-17
रं.स. विवरण / गतिविधि टाइमफ्रेम
1 विज्ञापन जारी करना 5 अप्रैल तक
2 विद्यालय प्रोफाइल अपडेट करना 11 अप्रैल तक
3 आवेदन पत्रों का वितरण 19 अप्रैल तक
4 आवेदन पत्र प्राप्ति 20 अप्रैल तक
5 आवेदन पत्रों की जाँच एवं सही आवेदन पत्रों की विद्यालयों द्वारा वेब पोर्टल पर प्रविष्टी करना 25 अप्रैल तक
6 अभिभावकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करना 25 अप्रैल तक
7 ऑनलाइन लॉटरी द्वारा प्रवेश हेतु बालकों का प्राथमिकता क्रम निर्धारण 28 अप्रैल
8 अभिभावकों द्वारा लॉटरी उपरान्त इच्छित विद्यालय में उपस्थित होकर प्रवेश हेतु रिपोर्ट करना 4 मई तक
9 बालकों का विद्यालय में प्रवेश 5 मई तक
10 निःशुल्क प्रवेशित बालकों एवं शेष 75 प्रतिशत सीटों पर प्रवेशित बालकों की वेब पोर्टल पर एंट्री 31 जुलाई तक
ad.........................................2016-17
सब्जी में जहर का इँजेक्शन देते....
रं.स.
विवरण / गतिविधि
टाइमफ्रेम 2016-17
1.विज्ञापन जारी करना
5 अप्रैल तक
2.
विद्यालय प्रोफाइल अपडेट करना
11 अप्रैल तक
3 .
आवेदन पत्रों का वितरण
19 अप्रैल तक
4 .
आवेदन पत्र प्राप्ति
20 अप्रैल तक
5 .
आवेदन पत्रों की जाँच एवं सही आवेदन पत्रों की विद्यालयों द्वारा वेब पोर्टल पर प्रविष्टी करना
25 अप्रैल तक
6 .
अभिभावकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करना
25 अप्रैल तक
7 .
ऑनलाइन लॉटरी द्वारा प्रवेश हेतु बालकों का प्राथमिकता क्रम निर्धारण
28 अप्रैल
8 .
अभिभावकों द्वारा लॉटरी उपरान्त इच्छित विद्यालय में उपस्थित होकर प्रवेश हेतु रिपोर्ट करना
4 मई तक
9 .
बालकों का विद्यालय में प्रवेश
5 मई तक
10 .
निःशुल्क प्रवेशित बालकों एवं शेष 75 प्रतिशत सीटों पर प्रवेशित बालकों की वेब पोर्टल पर एंट्री
31 जुलाई तक
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।