ब्यावर सेवा परियोजना VHP
विश्व हिंदू परिषद् द्वारा मगरा मेरवा?
रामराम सा !
भाइयों यह समाचार उन सेकुलर पाखंडियों तक पहुँचाना हैं जो कहते हैं की #आतंकवादी #जिहादी भटके हुए बेरोज़गार कम पढ़े लिखे युवक होते हैं ।
अब आइये इन ज़नाब से मिलिये ….. आपकी तारीफ़ हैं आप डॉ. अदनान अली हैं , यह कोई एरे ग़ैरा नहीं ! साहब,
एनेस्थीसिया के डॉक्टर हैं । बहुत पढ़े लिखी हैं ….ख़ुदा के फ़ज़ल से खूब कमाते हैं ।
डॉक्टर अदनान अली ! ना तो दिमाग़ी रूप से कमजोर हैं, ना बीमार हैं, ना गरीब हैं, 16 साल से एनेस्थीसिया का डॉक्टर है , पुणे (महाराष्ट्र) में रहता था।
कई किताबों में इसके लेख छप चुके हैं।
लेकिन ये आतंकवादी निकला। यह आतंकी डा. मरीज़ों की भर्ती नहीं करता हैं यह जैसे खुख़ार आतंकी संगठन के लिये युवकों की भर्ती करता हैं , ISIS के लिये पैसा जुटाता हैं ।
इसके पीछे क्या मानसिकता हैं? उसको हर देशवासी को समझना होगा और सतर्क रहना होगा ।
NIA ने इसे पुणे (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया है।
मोपला हिंदू नरसंहार की शताब्दी (20 अगस्त 1921)
“जो समाज अपना इतिहास भूला देता हैं कालांतर में इतिहास उसे भूला देता हैं “ कुछ एसा ही हम हिंदुओं के साथ भी हैं । हमें या तो अपना सत्य इतिहास भूलाया गया हैं या हम स्वयं उसे भूला दे रहें हैं । दोनों ही परिस्थिति भयावह हैं । खेर ! आओ आज के इतिहास को याद करें । आज यानी की 20 अगस्त 1921 को हिंदुओं की पुण्यभूमि भारत में ही हज़ारों हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया गया , माँ बहिन बेटी का बलात्कार किये गये । यह सब हुआ पूज्य महात्मा गांधी जी की मुस्लिम तुष्टिकरण की के कारण | मैं इतिहास के पन्नों के कुछ अंश आपके सामने रखना चाहता हूँ | महात्मा गाँधी जिन्हें हम सभी अपने राष्ट्रपिता के नाम से जानते हैं उनकी एक भयंकर गलती ने भारत में इस्लामी उग्रवाद के बीज़ बो दिये ।
आओ ! पूरी घटना को समझते हैं ……
समय था प्रथम विश्व युद्ध (1914) का , जब स्थिति बदली तो तुर्की अंग्रेजों के विरुद्ध और जर्मनी के पक्ष में हो गया ।विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के पश्चात अंग्रेजों ने तुर्की (आटमन साम्राज्य) को मजा चखने के लिए तुर्की को विघटित कर वहाँ के ख़लीफ़ा को हटा दिया । पूरी दुनिया के मुसलमान खलीफा को अपना सर्वोच्च धार्मिक नेता मानते थे । इससे मुसलमानों ने अंग्रेजों का भारी विरोध किया ।
स्मरण रहें इसी ख़लीफ़ा की सत्ता को पुनर्स्थापित करने के लिये सीरिया में ISIS ने पाशविक अत्याचार किये थे ।
भारत के मुसलमान पीछे कहाँ रहने वाले थे । अली बन्धुओं के नाम से विख्यात मौलाना मुहम्मद अली और शौक़त अली ने इस मामले को लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध सन 1920 में "खिलाफत आन्दोलन" शुरू किया । “ख़िलाफ़त आंदोलन” का ना तो भारत की आज़ादी से कोई लेना देना था और ना ही भारतीय मुसलमानों से । परंतु फिर भी कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं तथा भारतीय मुसलमानों को खुश करने के लिए गाँधी जी ने मोतीलाल नेहरु के सुझाव पर कांग्रेस की ओर से खिलाफत आन्दोलन के समर्थन की घोषणा की , केवल घोषणा ही नहीं बल्कि अखिल भारतीय ख़िलाफ़त कमेटी के अध्यक्ष भी बन गये । जिसका श्री विपिन चन्द्र पाल, डा. एनी बेसेंट, सी. ऍफ़ अन्द्रूज आदि नेताओं ने कांग्रेस की बैठक मैं खिलाफत के समर्थन का विरोध किया , किन्तु इस प्रश्न पर हुए मतदान मैं गाँधी जीत गए । गाँधी जी खिलाफत आन्दोलन के खलीफा ही बन गए । मुसलमानों व कांग्रेस ने जगह जगह प्रदर्शन किये । ‘अल्लाह हो अकबर' जैसे नारे लगाकर मुस्लिमो की भावनाएं भड़काई गयी । महामना मदनमोहन मालवीय जी तहत कुछ अन्य नेताओं ने चेतावनी दी की खिलाफत आन्दोलन की आड़ मैं मुस्लिम भावनाएं भड़काकर भविष्य के लिए खतरा पैदा किया जा रहा है किन्तु गांधीजी ने कहा ' मैं मुसलमान भाईओं के इस आन्दोलन को स्वराज से भी ज्यादा महत्वा देता हूँ ' भले ही भारतीय मुसलमान खिलाफत आन्दोलन करने के वावजूद अंगेजों का बाल बांका नहीं कर पाए किन्तु उन्होंने पुरे भारत मैं मृतप्राय मुस्लिम कट्टरपंथ को जहरीले सर्प की तरह जिन्दा कर डाला । जो मुस्लिम लीग लगभग मर चुकी थी उसे गांधी जी ने मृत संजीवनी पिला दी । खिलाफा आन्दोलन असफल हुआ स्वयं तुर्की में कमाल पाशा के नेतृत्व में ख़िलाफ़त को अस्वीकार करते हुए मोर्डन तुर्की की नींव रखी । भारत में आंदोलन असफल होना ही था , आंदोलन की असफलता से चिढ़े मुसलमानों ने पुरे देश मैं दंगे करने शुरू कर दिए । केरल में मालाबार क्षेत्र में आज ही 20 अगस्त 1920 को मोपला मुसलमानों ने वहां के हिन्दुओं पे जो अत्याचार ढाए, उनकी जिस बर्बरता से हत्या की उसे पढ़कर उनका स्मरण कर दिल दहल जाता है । हज़ारों माँ बहन बेटी के साथ बलात्कार किये । हिन्दू महासभा के नेता स्वातंत्रवीर सावरकर जी ने आगे चलकर मालाबार के अत्याचारों व हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर 'मोपला' नामक उपन्यास लिखा था |
खिलाफा आन्दोलन का समर्थ कर गाँधी जी तथा कांग्रेस ने मुस्लिम कट्टरवाद तथा अलगावबाद को बढ़ावा दिया था ।मोपलाओं द्वारा हिन्दुओं की निर्संस हत्या का जब आर्य समाज तथा हिन्दू महासभा ने विरोध किया तब भी गाँधी जी मोपलाओं को 'शांति का दूत' बताने से नहीं चुके | महान स्वाधीनता सेनानी तथा हिन्दू महासभा के नेता भाई परमानन्द जी ने उस समय चेतावनी देते हुए कहा था , ' गाँधी जी तथा कांग्रेस ने मुसलमानों को तुष्ट करने के लिए जिस बेशर्मी के साथ खिलाफत आन्दोलन का समर्थन किया तथा अब खूंखार हत्यारे मोपलों की प्रशंसा कर रहे हैं, यह घटक नीति आगे चलके इस्लामी उग्रवाद को पनपाने मैं सहायक सिद्ध होगी '
अ. भा. कांग्रेस की अध्यक्षा रही परम विदुषी डा. एनी बेसेंट ने 29 नवम्बर 1921 को दिल्ली मैं जारी अपने वक्तव्य में कहा - "असहयोग आन्दोलन को खिलाफत आन्दोलन का भाग बनाकर गांधीजी ने मज़हबी हिंसा को पनपने का अवसर दिया | एक ओर खिलाफत आन्दोलनकारी मोपला मुस्लिम मौलानाओं द्वारा मस्जिदों मैं भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे और दूसरी ओर असहयोग आन्दोलनकारी हिन्दू जनता से यह अपील कर रहे थे की हिन्दू - मुस्लिम एकता को पुष्ट करने के लिए खिलाफत वालों को पूर्ण सहयोग दिया जाए "
महात्मा गाँधी कांग्रेसी मुसलमानों को तुष्ट करने के लिए मोपला विद्रोह को अग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह बताकर आतंकियों को स्वाधीनता सेनानी सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे जबकि मालाबार में हज़ारों हिंदुओं की नर्संस हत्या की गयी और 20 हज़ार हिन्दुओं को धर्मान्तरित कर मुस्लिम बनया गया
मोपलाओं द्वारा किये गए जघन्य अत्याचारों पर डा. बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक 'भारत का विभाजन ' में इस घटना का ज़िक्र करते हुए गाँधी जी पर प्रहार करते हुए लिखा था ।
इसी तुष्टिकरण ने 14 अगस्त 1947 को पापी पाकिस्तान को जन्म दिया ।
इसीलिए कहता हूँ हिंदुओं इतिहास मत भूलो ।
#हिंदू_जागरण अभियान
ईसाई पादरियों द्वारा हिंदू को येन केन प्रकारेण, कोई सी भी हद पार कर के #धर्मांतरण करने का मिशन ज़ोरों पर चल रहा हैं ।
हिंदू समाज का धर्मांतरण करने के लिये हिंदू परम्पराओं एवं मान्यताओं का सहारा लिया जा रहा हैं ।
ईसा मसीह को हिंदू देवता के रूप में प्रचारित करना , उनके नाम के आगे पिछे “ॐ” और “नमः” लग कर भोले भाले हिंदुओं का धर्मांतरण किया जा रहा हैं ।
हिंदू इन सभी षड्यंत्रों को मूकदर्शक बन कर देख रहा हैं ।
जागो हिंदुओं नहीं तो इतिहास बना दिये जाओगे ।
राम राम सा !
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक मा. निम्बाराम जी भाई साहब का लघु प्रवास प्राप्त हुआ , कोरोना काल में ब्यावर सेवा परियोजना की गतिविधियों के सम्बंध में चर्चा हुई ।
लघु प्रवास में जयपुर प्रांत के सह प्रांत प्रचारक एवं आत्मीय मित्र श्री बाबू लाल जी , प्रांत धर्म जागरण प्रमुख भाई श्री अमर सिंह जी एवं अजयमेरु विभाग के विभाग प्रचारक श्री धर्मराज जी भाई साहब का सानिध्य प्राप्त हुआ ।
Suraj Pratap Singh Rajiawas (व्यायाम शाला संचालक ) ने अधिकारियों को व्यायाम शाला का निरीक्षण करवाया ।
गुरु गोबिंद सिंह जी दी जयंती ते उन्हां नूँ लख लख परनाम 🙏
िहाद .....
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