Advocate Abhinav malviya Vats
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Lawyer & Politician
सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि सांसदों और विधायकों को विधानमंडल में भाषण या वोट देने के लिए रिश्वत लेने पर अब कानूनी कार्रवाई से छूट नहीं मिलेगी।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से जेएमएम रिश्वत मामले में पांच न्यायाधीशों की पीठ के 1998 में दिए गए फैसले को खारिज कर दिया।
जौं प्रभु दीन दयाल कहावा।
आरतिहरन बेद जसु गावा।।
जपहि नामु जन आरत भारी।
मिंटहि कुसंकट होहि सुखारी।।
गंगा,झेलम,सतलज,रेवा ब्रह्मसुता कालिंदी हैं।
मानवता के भाल पे जगमग चांद सरीखी बिंदी हैं।
अ अनपढ़ से ज्ञ ज्ञानी तक ले जाते हैं दुनिया को
प्रेमग्रंथ जो भाषा रचती अंबर हम वो हिन्दी हैं ।
विश्व हिंदी दिवस
हमारे पूर्वजों ने हजारों मंदिर टूटे हुए देखे हैं हम भाग्यशाली हैं जो राम मंदिर बनते हुए देख रहे हैं।
🙏
नियति भेद नहीं करती जो लेती है वो देती है,
जो बोयेगा वो काटेगा ये जग कर्मो की खेती है।
"क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं।
कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, यह भी सही वह भी सही।।"
भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में चैंपियन की तरह खेला।पूरे देश को भारतीय क्रिकेट टीम पर गर्व है और आज पूरा देश आपके साथ खड़ा है।टीम के सभी खिलाड़ियों का दिल की गहराइयों से आभार और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ…
ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जीतने पर बधाई…
"क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं।
कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, यह भी सही वह भी सही।।"
भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में चैंपियन की तरह खेला।पूरे देश को भारतीय क्रिकेट टीम पर गर्व है और आज पूरा देश आपके साथ खड़ा है।टीम के सभी खिलाड़ियों का दिल की गहराइयों से आभार और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ…
ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जीतने पर बधाई…
में भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका के विरुद्ध अद्वितीय खेल भावना व बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की...
अद्भुत समर्पण, उत्कृष्ट एवं शानदार प्रदर्शन टीम भारत !
भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई एवं विश्व चैंपियन बनने की यात्रा के लिए अग्रिम शुभकामनाएं !
“राम होने में या रावण में है अंतर इतना
एक दुनिया को खुशी दूसरा गम देता है !
हम ने रावण को बरस दर बरस जलाया है
कौन है वो जो इसे फिर से जनम देता है ?”
तामसिकता पर सात्विकता की विजय का यह पवित्र पर्व आप सबके जीवन में भी सत्य की समस्त शुभ संभावनाओं को साकार होने की सामर्थ्य दे। शुभ विजयदशमी ! ❤️🙏🏻
राष्ट्रपति ने 'Digital Personal Data Protection Act' को दी मंजूरी.
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code,UCC)
एक सामाजिक मामलों से संबंधित कानून होता है जो सभी पंथ के लोगों के लिये विवाह, तलाक, विरासत व बच्चा गोद लेने में समान रूप से लागू होता है।
दूसरे शब्दों में, अलग-अलग पंथों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही 'समान नागरिक संहिता' की मूल भावना है। समान नागरिक कानून से अभिप्राय कानूनों के वैसे समूह से है जो देश के समस्त नागरिकों (चाहे वह किसी पंथ क्षेत्र से संबंधित हों) पर लागू होता है।
यह किसी भी पंथ जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है।
#समान_नागरिक_संहिता_से_सम्भावित_लाभ
अलग-अलग धर्मों के अलग कानून से न्यायपालिका पर बोझ पड़ता है। समान नागरिक संहिता लागू होने से इस परेशानी से निजात मिलेगी और अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के फैसले जल्द होंगे। सभी के लिए कानून में एक समानता से देश में एकता बढ़ेगी। जिस देश में नागरिकों में एकता होती है, किसी प्रकार वैमनस्य नहीं होता है, वह देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ता है। देश में हर भारतीय पर एक समान कानून लागू होने से देश की राजनीति पर भी असर पड़ेगा और राजनीतिक दल वोट बैंक वाली राजनीति नहीं कर सकेंगे और वोटों का ध्रुवीकरण नहीं होगा। ध्यातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शाहबानो मामले में दिये गए निर्णय को तात्कालीन राजीव गांधी सरकार ने धार्मिक दबाव में आकर संसद के कानून के माध्यम से पलट दिया था। समान नागरिक संहिता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में भी सुधार आएगा। अभी तो कुछ धर्मों के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सीमित हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं का अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में भी एक समान नियम लागू होंगे।
धार्मिक रुढ़ियों की वजह से समाज के किसी वर्ग के अधिकारों का हनन रोका जाना चाहिये साथ ही 'विधि के समक्ष समता' की अवधारणा के तहत सभी के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिये । वैश्वीकरण के वातावरण में महिलाओं की भूमिका समाज में महत्त्वपूर्ण हो गई है, इसलिये उनके अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता में किसी प्रकार की कमी उनके व्यक्तित्त्व तथा समाज के लिये अहितकर है। सर्वोच्च न्यायालय ने संपत्ति पर समान अधिकार और मंदिर प्रवेश के समान अधिकार जैसे न्यायिक निर्णयों के माध्यम से समाज में समता हेतु उल्लेखनीय प्रयास किया है इसलिये सरकार तथा न्यायालय को समान नागरिक संहिता को लागू करने के समग्र एवं गंभीर प्रयास करने चाहिये।
उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति की जमीन खरीदने के लिए DM की NOCजरूरी नहीं
SC-ST की जमीन लेने के बदले में देना होगा मकान
50वर्ग मीटर से कम नहीं होनी चाहिए जमीन
50% जमीन होने पर मंजूर होगा DPR और लेआउट
75 फीसदी जमीन होने पर मिलेगी अनुमति
6चरणों में पूरा करना होगा टाउनशिप का विकास
50एकड़ की टाउनशिप 4 सालों में करनी होगी पूरी
51-100 एकड़ की टाउनशिप 5 साल में करनी होगी पूरी
101-200 एकड़ की टाउनशिप 6 साल में करनी होगी पूरी
201 एकड़ से ज्यादा की टाउनशिप को10 साल का समय
परफॉर्मेंस गारंटी के लिए 20 % जमीन रखनी होगी बंधक
टाउनशिप विकास से पहले रेरा में पंजीकरण कराना जरूरी
निर्धारित समय में DPR ना देने पर लाइसेंस होगा निरस्त
तय समय पर योजना पूरी ना होने पर लगेगा विस्तार शुल्क
प्रति एकड़ 50 हजार का लगाया जाएगा विस्तार शुल्क
यूपी के विधायकों को विधायक निधि में मिलेंगे 5 करोड़
अभी तक विधायकों को प्रतिवर्ष मिल रहा था तीन करोड़
औरैया जनपद मे आठ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी गौतम को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट का यह फैसला 82 दिन में आया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि अयाना थाना क्षेत्र में 24 मार्च को शाम करीब 5:30 बजे आठ वर्षीय मासूम बालिका खेत पर गईं थी। देर शाम तक घर न आने पर रात करीब 10:30 बजे तक खोजबीन शुरू की गई। मगर उसका पता नहीं चला।परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और पड़ोस में रहने वाले गौतम दोहरे पर संदेह जताया। पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया। इसके बाद गेस्ट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले, जिसमें तीन लोग नजर आए थे। उनको भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने खेतों में सर्च अभियान चलाया तो मासूम का शव पड़ा मिला। खेत में कई जगह खून पड़ा मिला था। गेहूं के पौधे टूटे पड़े मिले। पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ की।इस दौरान गौतम ने सच बयां कर दिया। उसने बताया कि उसने मासूम से दुष्कर्म किया। पहचान खुलने के डर से उसने बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पूलिस ने अन्य तीनों युवकों को छोड़ दिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म कर गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपित पर दुष्कर्म, हत्या के साथ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।पुलिस ने आठ दिन के भीतर चार्जशीट न्यायालय में भेज दी। बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मनराज सिंह ने मामले की सुनवाई की। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर उन्होंने आरोपित गौतम दोहरे को मृत्युदंड की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड लगाया।
पत्नी द्वारा ऐसे आरोप जो पति के प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं, मानसिक क्रूरता के समान और तलाक मांगने का आधार: सुप्रीम कोर्ट
भारत में शादी करने को चाहे जितना भी आसान बना दिया जाये लेकिन तलाक लेना उतना ही मुश्किल है तलाक अगर आपसी सहमति से हो जाये तो अच्छा है वरना ये प्रोसेस बहोत लम्बा होने वाला है। क्योकि जब मामला कोर्ट में पहुँचता है तो केस कितना लम्बा नहीं बता सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पत्नी द्वारा लगाए गए ऐसे आरोप,जो पति के करियर और प्रतिष्ठा को प्रभावित करते हैं,वह तलाक मांगने के लिए उसके खिलाफ की गई मानसिक क्रूरता के समान है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल,न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने कहा कि सहनशीलता का स्तर हर जोड़े में एक दूसरे से भिन्न होता है और अदालत को पक्षकारों की पृष्ठभूमि, शिक्षा के स्तर और स्टे्टस को भी ध्यान में रखना होगा, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या क्रूरता का आरोप विवाह के विघटन को सही ठहराने के लिए पर्याप्त है।
इस मामले में पति एक सेना अधिकारी है,जिसने अपनी तलाक की याचिका में आरोप लगाया था कि उसे अपनी पत्नी की तरफ से दायर कई दुर्भावनापूर्ण शिकायतों का सामना करना पड़ा है,जिन्होंने उसके कैरियर और प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है और उसकी मानसिक क्रूरता हुई है। फैमिली कोर्ट ने उसके पक्ष में तलाक का फैसला दिया था परंतु हाईकोर्ट ने उसे फैसले को पलट दिया था। शीर्ष अदालत के समक्ष अपील में पति ने प्रस्तुत किया कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष कई शिकायतें दायर की थी,जो चीफ आॅफ आर्मी स्टाॅफ से लेकर अन्य अधिकारियों के समक्ष दायर की गई थी। इन शिकायतों ने उसकी प्रतिष्ठा और मानसिक शांति को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।
पीठ ने कहा कि, ”मानसिक क्रूरता का आरोप लगाने वाले पति या पत्नी की मांग पर विवाह के विघटन पर विचार करते समय यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि मानसिक क्रूरता इस तरह की होनी चाहिए,जिसके परिणामस्वरूप वैवाहिक संबंध को जारी रखना संभव ना रहे। दूसरे शब्दों में, व्यथित पक्ष से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि इस तरह के आचरण को क्षमा कर दे और अपने जीवनसाथी के साथ रहना जारी रखे। सहनशीलता का स्तर हर जोड़े में एक दूसरे से भिन्न होता है और अदालत को पक्षकारों की पृष्ठभूमि, शिक्षा के स्तर और स्टे्टस को भी ध्यान में रखना होगा, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या क्रूरता का आरोप विवाह के विघटन को सही ठहराने के लिए पर्याप्त है।”
हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए, पीठ ने कहा कि, ”हमारा मानना है कि हाईकोर्ट ने इस टूटे हुए रिश्ते को मध्यम वर्ग के विवाहित जीवन के सामान्य झगड़े या परेशानी के रूप में वर्णित करने में गलती की थी। यह अपीलकर्ता के खिलाफ प्रतिवादी द्वारा निर्दयतापूर्वक क्रूरता करने का एक मामला है और इसलिए इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने और फैमिली कोर्ट के आदेश को बहाल करने के लिए पर्याप्त स्पष्टीकरण पाए गए हैं।”
केस टाइटल – जॉयदीप मजूमदार बनाम भारती जायसवाल मजूमदार
केस नंबर – CA NOS. 3786-3787 ऑफ़ 2020
जब शादी की तारीख फिक्स हो जाती है तो लड़की का बाप लड़के के बाप से पूछता है कितनी बारात लाओगे?
लड़के का बाप कहता है तीन सौ।
लड़की का बाप बोलता है इतनी बारात बहुत ज्यादा हो जाएगी, दो सौ बारात ले आना।
लड़के का बाप कहता है दो सौ बारात में हमें नहीं होगी हमारी इज्जत चली जाएगी। गांव में हर घर से कम से कम एक आदमी तो पूछना ही पड़ेगा तो सिर्फ गांव के दो सौ लोग हो जाएंगे फिर हमारे रिश्तेदार और घर की औरतें हो जाएंगी, जिसे नहीं पूछेंगे वही बुरा मान जाएगा इसलिए कम से कम तीन सौ लोग आएंगे। हम तो आपके हालात देखकर तीन सौ बाराती ला रहे हैं वरना हमारा परिवार इतना बड़ा है कि और इतने नाते रिश्तेदार हैं कि हमें चार सौ बाराती से ज्यादा लाना चाहिए।
कुछ दिनों बाद जब उसी लड़के वालों के घर में कोई बीमार हो जाता है तो पूरे गांव में कोई एक यूनिट खून देने वाला नहीं मिलता। सोशल मीडिया में अपील करना पड़ता है। अगर किसी से झगड़ा हो जाता है तो पूरे गांव में दो लोग ऐसे नहीं मिलते जो कोर्ट में चलकर ज़मानत ले लें।
मेरा मानना है कि *बारात में सिर्फ उन्हें ही लेकर जाना चाहिए जो*
*_एक यूनिट ब्लड दे सकें और जो कोर्ट में खड़े होकर तुम्हारी जमानत_* ले सकें।
बस यही तुम्हारे हैं बाकी सब गैर हैं।
आप सभी को हर्ष और उल्लास के पावन पर्व छोटी दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
निशब्द हूं मैं आपके जाने से आपकी रखी गई नीव को आगे बढ़ाने का बेड़ा अब हम सब के कंधो पे है।
#अखिल_भारतीय_सोशलिस्ट_पार्टी के परिवार के सदस्यों को एवं समाज के लोगों को इस पद चिन्ह पे चलना है।
अखिल भारतीय सोशलिस्ट पार्टी
सेंट्रल कोर कमेटी की बैठक कार्यालय 3 सर्कुला रोड राजापुर में संपन्न हुई।
पार्टी की कार्यशैली अनुशासन
पार्टी का अन्य राज्यों में विस्तार मुख्य विषय था।
साथ ही साथ माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी कमेटी के सदस्यों द्वारा पूर्णविश्वास सर्वसम्मति से माननीय श्री राजेंद्र पांडे जी को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मनोनित करते हुए दायित्व निर्वहन करने के लिए चुना है।
#महासचिव_महानगर_प्रयागराज_की_ओर_से_बहुत_बहुत_बधाई 💐
तू उठ फिर प्रयास कर,तू उठ फिर प्रयास कर।
हार न जा तू कुछ हारों से
हार नहीं ये शिक्षाएं है,
गिर उठ,फिर तू चल
ये तेरी परीक्षाएं है
जीत जाएगा तू एक दिन
अपने आप पर विश्वास कर
तू उठ फिर प्रयास कर,तू उठ फिर प्रयास कर।
करने संघर्ष और जीतने खातिर
तू इस जमीं पे आया है,
कई बाधाओं से लड़कर
तू इस तन को पाया है,
बैठ ना भरोसे तू किस्मत के
ना ही वक़्त बर्बाद कर
तू उठ फिर प्रयास कर,तू उठ फिर प्रयास कर।
क्या है इस जग में ऐसा
जो तू नहीं कर पाएगा,
तू आ गया अपने पर जो
तो आसमां भी जमीं पे लाएगा
सुन ना दुनिया की बातें ,मन को ना उदास कर
तू उठ फिर प्रयास कर,तू उठ फिर प्रयास कर ।
तुमने जो सपना देखा है
उनको हकीकत तू ही बनाएगा,
हालात ना होंगे तेरे हिसाब से
तू अपना हालात खुद ही बनाएगा
आगे बढ़ जुनून से तू आलसों का परित्याग कर
तू उठ फिर प्रयास कर,तू उठ फिर प्रयास कर ।
ी_प्रत्याशी_जनों_को_मेरे_तरफ_से_शुभकामनाएं😇
#राष्ट्रीय_अध्यक्ष_माननीय_श्री_हरि_नारायण_मिश्र_जी
#स्वर्ण_समाज_पार्टी_के_राष्ट्रीय_अध्यक्ष_माननीय_लक्ष्म_प्रसाद_तिवारी_जी
#उत्तर_प्रदेश_चुनाव_प्रचार_समिति_के_चेयरमैन_श्री_राजेंद्र_पांडेय_जी
MP रीवा 2023 विधानसभा चुनाव लक्ष्य
मेरा वोट, मेरा आधिकार
सियासत पर गंभीर प्रहार है।।
खेती हो या बेटी” दोनों आपको बचानी है
क्योंकि “सत्ता” में बैठे “रंडवों” के पास
ना खेती है ना बेटी है ||
Akhil Bharatiya Socialist Akhil Bharatiya Socialist Party-ABSPAkhil Bharatiya Socialist Party-ABSPAkhil Bharatiya Socialist Party-ABSP
अखिल भारतीय सोशलिस्ट पार्टी
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