Ex-TRA An Organisation
We are an organisation committed to develop a new aesthetic of Art and Theatre. And we got registration in 2007 for nation-wide work in same domain.
rganizational Background :
We are Ex-TRA An Organisation (Experimental Theatre in Realistic Attitude) was formed as a non-for-profit organization in Kolkata in 2002 by a group of progressive students of the Fine Arts Department of Rabindra Bharti University, Kolkata; Bhartendu Natya Academy, Lucknow; academicians and local community catalysts to popularize the idea of experimental theatre and invo
आप सभी सादर आमंत्रित हैं🙏
नाटक : *The Death of Galileo*
समयावधि : *90 मिनट*
भाषा : *हिंदी*
दिनांक : *5 फरवरी 2024*
समय : *शाम 6 बजे से*
स्थान : *कृषि ऑडिटोरियम* बमोर गेट टोंक
https://maps.app.goo.gl/rpE6AN6Vpa82TqAU7
संपर्क : *9414348674/ 7737022477*
सहायता राशि: *70 रूपये मात्र*
यह प्रस्तुति आपके लिए, हमारे लिए, शहर के लिए🎭
हम आपका इंतज़ार करेंगे🙏
आप हमसे इंस्टाग्राम पर भी जुड़ सकते हैं।
https://www.instagram.com/community_theatre_tonk?igsh=ODA1NTc5OTg5Nw==
*कम्युनिटी थिएटर टोंक*🎭
Thank you so much for your valuable support as our social media partners 🎭🙏❤️tales 🌱 🌱 🌱
स्टूडियो थिएटर मुट्ठीगंज प्रयागराज में नाटक सन् 2025 का सफल मंचन 24 दिसंबर को हुआ।
हमे खुशी है की हरमेंदर सरताज का यह पहला निर्देशन उन्हें आगे एक बेहतर निर्देशक बनने में मददगार साबित होगा।
आज 25 दिसंबर शाम 5 बजे और 6:30 बजे तक दो शो होने है, एक गंभीर विषय पर हो रहे नाटक को देखने के लिए समय पर पहुंचे ।
संस्था "एक्स्ट्रा एन आर्गनाइज़ेशन" प्रस्तुत करने जा रहा है। पीयूष मिश्रा जी के लिखित नाटक की प्रस्तुति नाटक "सन् २०२५" जिसका मंचन "स्टूडियो थियेटर मुट्ठीगंज" में लगातार चार मंचन होने है यानि दिनाँक 24 और 25 दिसम्बर को शाम 5:00 बजे और शाम 6:30 बजे।
आप अपनी सीट दिये गये नम्बर पर बुक कर सकते है।
प्रवेश निशुल्क है ..
Coming Soon🔔
नाटक *The Death of Galileo* 🎭
यह नाटक अंधेरे गलिहारों में विवेक की कानाफूसी है और हमारे समय के साथ अन्तः संवाद का आह्वान हैं।
कम्युनिटी थिएटर टोंक की चौथी नुक्कड़ नाट्य प्रस्तुति 🌱 09 सितंबर 2018
अरुणोदया 4 : अस्मिता
निर्माण :
कड़े कानून के बावजूद भी बलात्कार जैसी अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति हमारे लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। हमें ठहर कर सोंचना होगा कि इन घटनाओं का मूल कारण क्या है? यह बलात्कारी मनोवृत्ति कहां से पौषित होती है?
संवादहीनता को तोड़कर इसके मूल वृतियों को पहचानने की आवश्यकता है।
हमें पड़ताल करनी पड़ेगी की क्या बलात्कारी प्रवृति हमारे पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनैतिक परवारिश की आकर्षण पैकेजिंग में पौषित होकर पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित तो नहीं हो रहें। हमें विचार करना होगा कि हमारे पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनैतिक वैचारिक के कैप्सूल पुरुष सत्ता को संपोषित और स्त्री को वस्तु में तब्दील कर रहा हो? उसके अस्तित्वहीन भोग्या होने को प्रमाणित कर रहे हों?
हमारी यह प्रस्तुति इन्ही प्रश्नों पर जनसंवाद को आगे बढ़ाने का एक छोटा सा परंतु गंभीर प्रयास हो सकता हैं।
एक्सट्रा एन ओर्गनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्यूनिटी थिएटर टोंक के रंगकर्मियों के द्वारा रामरतन गुगलिया के निर्देशन में रबिन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित तोता कहानी का नाटकीय भावानुवाद
इन दिनों टोंक शहर के मोहल्लों में किया जा रहा हैं।
यह प्रस्तुति वर्तमान में इंसान के आत्मकेन्द्रित हो जाने और सामुहिकता से दूर अपने कोनो की उत्कंठ तलाश के विवेचन संवाद को आगे बढ़ाने का प्रयास रहा। नाट्य निर्माणकर्ता रामरतन गुगलिया का कहना है की इस कहानी के जरिए रवीन्द्रनाथ ठाकुर हमें अवसर देते हैं कि सत्ता अपने पक्ष में संसाधनों के निर्बाध प्रवाह के लिए उपक्रम का निर्माण करती है। इस उपक्रम का पहला पडाव चकाचौंध आकर्षण के जरिए ज्ञान इंद्रियों का चेतना से संपर्क काट देना है। तोता कहानी का नाट्य रुपांतरण एक अवसर है सत्ता और समाज के मध्य इंसान के शिक्षण-प्रशिक्षण की पड़ताल करने का।
समाज और व्यक्ति का संघर्ष, समुदाय और शासन का संघर्ष। आधुनिक संवेधानिक लोकतांत्रिक समय में व्यक्ति की स्वतंत्रता, सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर बाजार, परम्परा और छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में व्यक्ति को रोंदता हुआ डिब्बाबंद कुंठित भीड़ का निर्माण करने पर आमादा है।
एक्सट्रा एन ओर्गनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्यूनिटी थिएटर टोंक के रंगकर्मियों के द्वारा रामरतन गुगलिया के निर्देशन में रबिन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित तोता कहानी का नाटकीय भावानुवाद
इन दिनों टोंक शहर के मोहल्लों में किया जा रहा हैं।
यह प्रस्तुति वर्तमान में इंसान के आत्मकेन्द्रित हो जाने और सामुहिकता से दूर अपने कोनो की उत्कंठ तलाश के विवेचन संवाद को आगे बढ़ाने का प्रयास रहा। नाट्य निर्माणकर्ता रामरतन गुगलिया का कहना है की इस कहानी के जरिए रवीन्द्रनाथ ठाकुर हमें अवसर देते हैं कि सत्ता अपने पक्ष में संसाधनों के निर्बाध प्रवाह के लिए उपक्रम का निर्माण करती है। इस उपक्रम का पहला पडाव चकाचौंध आकर्षण के जरिए ज्ञान इंद्रियों का चेतना से संपर्क काट देना है। तोता कहानी का नाट्य रुपांतरण एक अवसर है सत्ता और समाज के मध्य इंसान के शिक्षण-प्रशिक्षण की पड़ताल करने का।
समाज और व्यक्ति का संघर्ष, समुदाय और शासन का संघर्ष। आधुनिक संवेधानिक लोकतांत्रिक समय में व्यक्ति की स्वतंत्रता, सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर बाजार, परम्परा और छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में व्यक्ति को रोंदता हुआ डिब्बाबंद कुंठित भीड़ का निर्माण करने पर आमादा है।
07 फरवरी 2018 को एक्स्ट्रा एन ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्युनिटी थिएटर टोंक की दूसरी नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति जिला प्रशासन टोंक तथा पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवनीश शर्मा के संयुक्त तत्वावधान में शहर के घंटाघर चौराहे पर मंचित की गई।
दुर्घटना से लगातार लोग आहत हो रहे हैं और दिन दर दिन सड़क घटनाएँ टोंक शहर में बढ़ती ही जा रही है। यह सारी घटनाएँ तमाम लापरवाही के कारण घट रही है। इसी संदर्भ में कम्यूनिटी थियेटर टीम के द्वारा नाटक ‘चौराहा’ का मंचन घंटाघर पर श्रीमान एडिशनल एस. पी. टोंक के समक्ष और स्थानीय जन के समक्ष किया गया सड़क पर अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा एवं हैलमेट के उपयोग के लिए जागरूक किया गया।
28 सितंबर 2017 को एक्स्ट्रा एन ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्युनिटी थिएटर टोंक द्वारा पहली नाट्य प्रस्तुति "अरुणोदय भगतसिंह" टोंक शहर के घंटाघर चौराहे पर मंचित की गई। भगत सिंह ने अपने विचारों की अग्नि में खुद को तपा कर एक ऐसी मशाल को तैयार किया जिसकी लौ आज भी अनेकों दिलों में जलती है और उसकी चिंगारी नित नए लौ तैयार करती है। मानवता और समानता की लौ शिक्षा और दीक्षा की लौ इंसान से इंसान के सनेह और मोहब्बत की लौ। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्म दिवस पर उनके आदर्शों और विचारों को याद करते हुए कम्यूनिटी थिएटर टीम टोंक के सदस्यों ने घंटाघर चौराहे पर नाटक की प्रस्तुति दी।
Community Theatre Tonk Ex-TRA An Organisation की ओर से Ajit Rai सर को जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाएं। आज का दिन आपका हैं। आज के दिन दिल्ली में कला संस्कृति से जुड़े लोगों का एक त्यौहार होता है जिसमें पत्रकार साथी, अभिनेता, नाट्य निर्देशक, और साथ ही फ़िल्म जगत की जानी-मानी शख्सियत समेत अनेक कला प्रेमी मौजूद रहते हैं। अब अजित राय सर मुम्बई में बस गए है, आज की शाम मुम्बई में गुलज़ार होगी। जन्मदिन मुबारक अजित राय सर
सर से टोंक आगमन में वर्तमान रंगमंच को लेकर अच्छी ख़ासी चर्चा की गयी जो रंगमंच को समझने बुझने को प्रेरित करती है। Rajkumar Rajak ने इस अवसर को हम सबके लिए बनाया की हम अजित राय सर से मिल सकें और टोंक और इलाहाबाद के रंगमंच के हमारे क्रियाकलापों को विस्तृत अनुभव देने का भी मौका लगा।
अजित राय सर और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा संचालित रंग-प्रसंग पत्रिका को बहुत धन्यवाद की उन्होंने Rajkumar के रंगयात्रा को प्रकाशित कर हम सभी के रंग कार्यों को उत्साहित किया है। जो हम सब के लिए एक ज़रूरी पहलू है।
देश के उन गिने-चुने साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रकारों में से एक हैं जिन्होंने पिछले 25 वर्षों में देश के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय अखबारों- पत्रिकाओं एवं रेडियो टेलीविजन में साहित्य, रंगमंच, सिनेमा, संस्कृति के अन्य रूपों एवं बौद्धिक विषयों पर लगातार लेखन किया है। उनके हिंदी में अब तक प्रकाशित लगभग पाँच हजार आलेखों, रिपोर्ताजों, रपटों, समीक्षाओं, साक्षात्कारों एवं आवरण कथाओं में से अधिकतर देश की सांस्कृतिक पत्रकारिता में मील का पत्थर माने गए हैं। उनकी कई रपटों पर भारतीय संसद में सवाल पूछे गए एवं बहस हो चुकी हैं। अजित राय इस मास्को फ़िल्म फेस्टिवल की निव रखने में मुख्य सहयोगी रहे हैं, कान फेस्टिवल में भारत ने वैश्विक फ़िल्म समीक्षक से नवाजा एवं नोबल पुरस्कार के आयोजन में हिन्दी समीक्षक पत्रकार के तौर पर हिस्सेदारी । उन्होंने पिछले दस वर्षों में दुनिया भर में हो रही साहित्य, संस्कृति, रंगमंच और सिनेमा की तमाम महत्त्वपूर्ण गतिविधियों की अपनी रिपोर्टिंग से हिंदी संसार को परिचित कराया।
शुक्रिया ज़िले के समस्त समाचार पत्र पत्रिकाओं का।
ज़िला प्रशासन टोंक एवम कम्युनिटी थिएटर टोंक द्वारा मतदान एवं सामाजिक सौहार्द जागरूकता अभियान-2023
शुक्रिया सर
शुक्रिया
जिला प्रशासन टोंक एवं कम्युनिटी थिएटर टोंक द्वारा शहर में जगह जगह पर मतदान जागरूकता के लिए टोंक जिले में प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक के मंचन किए जा रहे हैं। जिसमें पहले दिन शहर के घंटाघर चौराहे तथा दूसरे दिन सवाई माधोपुर चौराहे पर मंचित की गई।
समूह किया प्रस्तुत इस नुक्कड़ नाटक का मुख्य उद्देश्य है की लोकतंत्र में मतदान हमारा मौलिक अधिकार है। लोकतन्त्र की जड़ मजबूत बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों के सभी सदस्यों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी अदा करना हमारा दायित्व है। मतदान भारतीय लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें सभी लोगों की भागीदारी अहम है। इस पर्व को हमें सजग नागरिक की दिशा में बिना किसी भय, प्रलोभन और भेदभाव के मनाना है।
उक्त नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति के दौरान पुलिस अधीक्षक राजर्षि राज, अति. पुलिस अधीक्षक टोंक आदर्श चौधरी, वृत्ताधिकारी टोंक सलेह मोहम्मद, थानाधिकारी कोतवाली जितेन्द्र सिंह एवं पुरानी टोंक थानाधिकारी ओमप्रकाश सहित आम नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होने उक्त नुक्कड़ नाटक की काफी प्रशंसा की।
The Obstinate On the Impossibility Is the Evidence of Constant Walk...
Construction:
Performance:
शुक्रिया समाचार पत्र पत्रिकाओं का खबरों को प्रकाशित कर सहयोग करने के लिए।
Dandi March at Greater Kailash
Thank You So Much Team
Some Close up Shot of the play Mohan se Masiha
P.c Rajkumar Rajak
77वां ज़िला स्तरीय स्वंत्रता दिवस समारोह में समूह द्वारा नाटक मोहन से मसीहा की प्रस्तुति।
सत्य और अहिंसा जैसे अवश्य और प्रभावी शस्त्रको माध्यम बनाकर किये गए कार्य जिससे दक्षिण आफ्रीका की घटना, भारत वापसी, तथा भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किये गए संघर्ष, विभाजन की त्रासदी हेतु उनके हृदय की वेदना पीड़ित और सताये हुए लोगो के लिए किये गए संघर्ष के साथ ही उनके शहादत तक की यात्रा वृतांत है मोहन से मसीहा।
नाटक मोहन से मसीहा।
हम कितने खुशनसीब वाले है, हमें हमारे इतिहास की मरम्मत करने का मौका मिला हैं।
रंगमंच जिस भी साँचे में हो उसकी आत्मा में उस समय की आर्तनाद के अवशेष होते ही हैं जो रंगभूमि पर विविध शैलियों में अपनी रंग भाषा रचते हैं। जिसमें अभिनेता स्वयं की सजगता से इसे कंठ और अंग देता ही है। यह शैली और रंगभाषा दर्शक से अंतःक्रिया करती है और समकालीन होने लगती है। उसी क्षण उस सूक्ष्म वर्तमान हो उठती ही है या कहें की उसे समकालीनता के सूक्ष्मतम आरंभिक बिन्दु में वर्तमान होना ही होता है। इसका होना तब और भी गुरुत्वपूर्ण होने लगता है जब हमारा समय विवेकशून्य और मानव के लिए घातक होने लग जाता है। जहां समाज पीठ और चेहरे के मध्य सांस्कृतिक अस्मिताओं की टकराहट में लग ही जाती है। और विवेक, इतिहास और विज्ञान की उपयोगिता की जुगलबंदी का सवाल हमारे सामने आ खड़ा होने लग जाता है। इस तरह के समकालीन सवाल हमारी रचनाओं में हलचल मचाने लग सकती है और रंगमंच और अभिनय रचने के लिए उत्सुक हो सकती है। इन्ही चिंताओं से गुथा हुआ बर्टोल्ट ब्रेष्ट का नाटक ‘गैलीलियो का जीवन’ को खेलने प्रक्रिया में ही इतने स्टेशन अब तक आ गए हैं कि इसने नाटक को पूर्ण रूप से एक नया चेहरा ही दे दिया। जहां इतिहास का वर्तमान और वर्तमान के इतिहास का संगम रहा है और यथार्थ के भीतर से इसके बाहर जाकर विचरण करने का अवसर बन पा रहा है।
इस नाटक के निर्माण की प्रक्रिया विगत लगभग सतरह माह से विविध प्रक्रियाओं के साथ चल रही है। इसमें कई अभिनेता इसके आरंभिक प्रक्रियाओं से जुड़े हुए हैं जो इस प्रस्तुति में नियमित चुनौतीपूर्ण रास्तों से गुज़र रहे हैं। तीन अलग स्वरूपों के बाद यह नाटक अब एक नए रूप ‘गैलीलियो की मृत्यु’ शीर्षक में प्रस्तुत हो रहा है। नाटक की भाषा विकसित होने में अभिनेताओं ने और समकालीन सामाजिक परिस्थितियों ने इसमें अहम भूमिका ली है।
नाटक का ढांचा और इसकी भाषा में समसामयिक समाज की जवान चिंताएँ रंगमंचीय लिबास में परिलक्षित होती हुई दिखेंगी। इसके पात्रों में सूत्रधार होना और घटनाओं में बतौर पात्र एक स्पष्ट मिलाप की भाषा बन पड़ी है। जो बर्तोल्त के वर्मफंडंग्स (डिफेमिलीराइज़ेशन ईकेफ्ट) की भाषा के आस-पास आती हुई दिखाई देती है। यह नाटक के निर्माण प्रक्रिया में एक अहम पड़ाव है जो नाट्य विषयवस्तु को स्पंदित करती है और यथार्थ के गहरे द्वीप में समकालीन होने की कोशिश करती है।
Meghdootam : The Tale Of Love Aur Compassion 🎭
डिवाईस्ड प्रस्तुति "मेघदूतम द टेल ऑफ लव और कंपैशन" का मंचन आज
एक्स्ट्रा एन आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्युनिटी थिएटर टोंक द्वारा आयोजित🌱
10 दिवसीय *इनवायरलमेंटल थिएटर*🎭कार्यशाला के दौरान तैयार
ए डिवाइस्ड परफॉर्मेंस इंस्पायर्ड बाय महाकवि कालीदास
🎭 *मेघदूतम*🎭
कॉलोब्रेटर : देबराज दत्ता
*दिनांक और समय*: 23 जून शाम 6:30 बजे
*स्थान : *एक्सपेरिमेंटल स्टूडियो*
देव कॉलोनी, कृषि मंडी के सामने, हाउसिंग बोर्ड टोंक
https://maps.app.goo.gl/ihBEzWtUGSVLghtEA
*नोट:* यह प्रस्तुति 18 वर्ष के अधिक उम्र के लिए हैं।
On Going Environmental Theatre Workshop By Debraj Dutta
Hal : Break The Inertia
एक्स्ट्रा एन आर्गेनाइजेशन और कम्युनिटी थिएटर टोंक के संयुक्त संयोजन से 24 मई से 12 जून तक विगत वर्षो की तरह बच्चों के साथ साथ युवाओं के साथ भी ग्रीष्मकालीन नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया| इस कार्यशाला के संभागियों के अनुभवों और कार्यशाला की संकल्पना के मूल आधार पर छोटी छोटी दृश्यावलियों में लघु-नाटिका का निर्माण किया गया।
युवा सभागियों के कोर अनुभवो का एक छोटा सा इंप्रोवाइजरी नाट्य रूपान्तरण हल-ब्रेक द इनर्शिया शीर्षक मे किया गया है। यह लघु नाट्य प्रस्तुति छोटी-छोटी दृश्यावलियों मे हमारे ज्वलंत मुद्दों को हमारे समक्ष रख संवाद निर्माण का प्रयास करती है यह प्रयास है हमारी मान्यताओं के निर्माण और उनसे उपजी स्थिति की पड़ताल करने का। यह प्रयास है सकारात्मक बदलाओं को क्रियाशीलता मे ढाल कर संवेधानिक मूल्यों को संवर्धित विस्तार देने का।*
बच्चों की उन्मुक्तता को पंख देने के लिए और उनके विचारों को समृद्ध बनाने के लिए आपकी उपस्थिति और सहयोग अति आवश्यक हैं। हम कम्युनिटी थिएटर टोंक आज की प्रस्तुति को यादगार बनाने के लिए, प्रस्तुति का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का शुक्रिया अदा करते हैं। साथ ही उम्मीद करते है आप लोगों का साथ हमेशा बना रहेगा।
15 दिन से चल रही रंगमंच कार्यशाला के समापन अवसर पर बच्चों द्वारा निर्मित नाट्य प्रस्तुति "नॉक नॉक" का मंचन आज सिटी पैलेस, स्टेडियम के सामने किया गया।इस कार्यशाला में कुल 25 बच्चों की सामूहिक भागीदारी रही, जिसके दौरान संभागियों के साथ "मेरी डायरी" थीम पर कार्य करते हुए नाट्य प्रस्तुति "नॉक नॉक" तैयार की गई है।
10-day production Oriented Theatre Residency.
Exploring the changing language of the new era of theatre and finding possibilities of social immersion through theatre.
Starting Date: 13-22 June 2023
Time: 3:30 to 8:00 O'clock
Venue: Tonk, Rajasthan, India
About the residency:
This theatre residency intends to build a qualitative understanding and archive an experiential journey of different approaches to theatre for social transformation. In this course of exploration, the practitioners will undergo a specialized method of psychophysiological emotion and the genre of improvisational theatre. The final culmination of the residency will create and showcase a small devised performance inspired by the text of MEGHDOOTAM by Mahakavi Kalidasa.
For Quarries and Application please Contact
6394319326, 7737022477
Participation Application form
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSf8oPCGBCBW6-7VHU4EChw0kyDVCr1TdnHLPMiIrj9vPrwCkA/viewform
युवाओं के साथ रंगमंच कार्यशाला का पांचवा दिन
Summer Theatre Workshop For Children's
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Chakbabura Shah Ji Ka Pura Naini
Allahabad
On this page mhk dream Classes, I have share education related post for school going students. Follow
Allahabad
UPSSSC #SSC UPRVNL UPPCL UPSC, IAS, PET, CTET, TGT,PGT, UPP, लेखपाल पटवारी
Allahabad
EDUCATOR AJ = One Step towards Learning This Channel is dedicated to the well being of the students for the prepartion of CBSE/ICSE Board Examinations.
Anand Bhawna Prayagraj
Allahabad, EDUCATIONALINSTITUTION
TGT,PGT, NET-JRF,CSIR, ALL SUBJECTS ARTS, SCIENCE AND COMMERCE
Hinauti Chandel, Naribari, Prayagraj
Allahabad, 212106
Affiliated to UP Board, Class PlayGroup to 12th hindi and English medium. Best educational institute.