Magha Ram Mundhan

Work is worship/कार्य ही पूजा है। Special Educater, social addviser,Helth Counselor,Self working,etc

Photos from Magha Ram Mundhan's post 12/11/2023

Happy Diwali 🪔🪔

30/09/2023

विकास पुरुष रघुनाथ जी खिलेरी सरपंच प्रतिनिधि,पूर्व उप-प्रधान सेड़वा द्वारा बनाई गई अपने गांव की पंचायत का भवन देखकर आप दंग रह जाएंगे। पूरे राजस्थान में ऐसा पंचायत भवन आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगा यह पूरे राजस्थान के सरपंचों के लिए अनुकारीय है कि गांव का विकास कैसे किया जाता है वो रघुनाथ जी का काम देखें, भगवान करे रघुनाथ जी जैसे इन्सान को आजीवन गांव के लोग सरपंच बनाए रखे जिससे गांव का विकास हो और भगवान से दुआ करता हूं कि ऐसा आदमी MLA बने जिससे पूरे विधानसभा क्षेत्र का ऐसा विकास कर सके भगवान आपको एक बार MLA बनने का मौका जरूर देगा ऐसी दुआ करता हूं। बार बार धन्यवाद भाई रघुनाथ जी विशनोई सरपंच प्रतिनिधि गुल्ले की बेरी पं स सेड़वा, बाड़मेर

02/09/2023

ये बहन कमला मेघवाल, अमरसर सरदार शहर से हैं जो दोनों हाथों से विकलांग है यानी कि इनके दोनों हाथ नही है दोनो हाथो से विकलांग बहन को अध्यापक बनने पर बहुत बहुत बधाई हो बहुत खुशी होती है गांव देहांत किसान कमेरे के बेटी बेटों की ऐसी सफलता को देख कर ओर बहन ने साबित कर दिया कि शारीरिक रूप से असक्षम होना सफलता के आड़े नही आता जब दिल मे जुजुन हो तो मंजिल जरूर मिलती है

22/08/2023

*बाड़मेर के लिए दिल छुनेवाला लेख*
🤔🤔

#पता_नही_मुझे_ऐसा_क्यो_लगता_है?

मैं बाड़मेर को 2002 से बेहतर जानता आ रहा हु।
एक बाड़मेर जिसमे तिलक बस स्टैंड,हॉस्पिटल ओर रेलवे स्टेशन के अलावा फेमस होने में शिव आइसक्रीम,लवली होटल की चाय,दल्लू जी की कचोरी और कुछ मिष्ठान भण्डार।

समय बदला और समय की आबोह हवा बदली,विकास ने रप्तार पकड़ी,तो ऐसी की रुकने का नाम ही नही ले रही है।

एक शांत और आपसी भाईचारे के भाव वाला बाड़मेर अब नजर नही आता है।

रिफाइनरी ने बाड़मेर को बहुत कुछ दिया,एक उच्च जीवनशैली का तरीका दिया,मशीनरी दी,और यंहा की भूमि में छिपे खनिज लवणों ने बहुत कुछ अवसर दिये।
बस हम लोगो मे ही कमी रही हम अवसरों को ताड़ नही पाए।
इसकी एक वजह ये भी है,कि चीजे बहुत जल्दी-जल्दी हुई और हम थार के वाशिन्दे बहुत सयंम ओर धैर्यवान ठहरे। हमे जो चीज पकड़नी थी,हम वो तो नही पकड़ पाये, लेकिन उसकी पुछड़ी पकड़ ली। और जिसने भी पूंछ पकड़ी उनकी लंका में लाय/आग ही लगी है।

हमे पेट्रोकेमिकल में ज्ञान लेना था,हम पेट्रोल बेचने में लग गए,हमे किलोवाट में बिजली बनाना सीखना था,हम गाड़ियों के किलोमीटर कैसे बढ़ाएं के जुगाड़ में लग गए।

धीरे-धीरे हम थार के शांत वाशिन्दे अब उग्र होने लगे,अब हमारे ऊंठ गाड़े की जगह गाटर लगी बोलोरो केम्पर,गेटवे ले रही थी, ऊँट को हाँकने के लिए पतली कोम्भ/छड़ी की जगह आगे डोसबोर्ड में पोलो चढ़ी डॉग/लाठी/लगियो ने जगह लेनी शुरू की।

जो केम्पर गाड़िया नागाणा,राजेश्वरी,लीलाणा की तरफ जाते-जाते कब चितौड़ की ओर मुड़ गई पता ही नही चला।
जंहा शादी विवाह में आमने-सामने के धड़े वाले तन-गिनायतो में फुंचिया देकर की जाने वाली मजाक,कब गैंगवार में बदल गई पता ही नही चला।

यानी सबकूछ कितना जल्दी बिता।
हरीश जाखड़,खरथाराम गोदारा, कमलेश प्रजापत ओर कुछ जीवते भी है,जिन्होंने जीते जी अपने परिजनों को कर्ज तले डुबो के मार दिया जैसे मामले सामने आने लगे।

नशे की तस्करी आजादी के पहले भी होती आई, लेकिन एक मर्यादिय तरीका था,तस्कर गले मे सोने की 10 तालो की चेन हाथ मे सारी अंगूठियों से अंगुलिया लबालब नही होती थी,मेले कुलचे कपडे में रहता था, ओर अफीम ओर डोडा लोग हाड़तोड़ मेहनत के बदले लेते थे, शौक से नशा नही था।

लेकिन अब तस्करों ने डेमो देने में ही अपना स्टेटस समझा।

मतलब साफ था,इस धंधे में किसी भी घर के पुरूष ही लिप्त थे, महिलाओं की इस दलदल से बहुत दूरी थी।

लेकिन समय कितना जल्दी बदला,इंटरनेट में जब एक GB महीना था तब भी बहुत होता था और आज अनलिमिटेड भी कम पड़ रहा है,ने सब मामला उल्टा-सुल्टा कर दिया।

विज्ञान की तकनीकी अपने साथ दो आंधी लेकर आती है,किसको किस आंधी के साथ जाना है,अवसर खुले प्रदान करती है।

हमारे बाड़मेर में 2018 आते आते इस आंधी ने पुरुषो के बजाय महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित किया,जिसका नतीजा निकला,तलाक,प्रेम विवाह,भगा के ले जाना और आत्महत्याये।

एकदम से मोबाइल ने क्रांति कर दी।
KEYPED से एंड्रॉइड फोन की चमचमाती स्क्रीन पर फिसलती अंगुलियों ने जीवन को किस सागर के ओर फिसला दिया पता ही नही चला।

उस बाड़मेर के शांत अबोह हवा में होटल में ठहरना VVIP लोगो का काम माना जाता था,अब वहां देर रात रंगीन पार्टीयो का DJ पर आयोजन होने लगा,बुफर से DJ की धड़कती फ्लोर से दिल पता नही कैसे ही धड़कने लगे की किसी के काबू में नही आये।

युवा लड़कियों ने शहर की ओर पढ़ाई के मार्फ़त रुख किया लेकिन 2018-19आते-आते ये लड़कियां,क्लबो,पबो,OYO ओर फिर नाईट पार्टीयो में कैसे पहुची पता ही नही चला।

ओर समय क्या तेजी से चला,की इनको गाव से शहर आने वाले रास्ते ने चितौड़,मध्यप्रदेश बिहार हरियाणा की ओर चमचमाती गाड़ियों पर कभी पैरों में पायल की छम छम करने वाले पैरों ने एक्सीलेटर को दबा दिया था।

2020 कोरोना ने आपदा में अवसर दिया,ओर साथ मे ताल मिलाया टिक टोक ने।

आभासी दुनिया मे लाखो की वाहवाही ने वाकई पूरे थार मरुस्थल को बदल के रख दिया है।

शहर में बढ़ते सैलून,स्पा सेंटरों ने इस बात को ओर तेज हवा दी,दुनिया मे सबसे ज्यादा कुछ है तो वो है,ग्लेमर।

गली-गली में खुल रहे है बिना अनुमति के स्पा सेंटर,ओर इन सेंटर के बाहर के छपरी छोकरो के साथ सेलूनों ने बाड़मेर के युवाओं को ओर भटकाव की ओर रास्ता दिया।

लड़कियों ने ब्लैकमेल करके पैसे कमाने के लिए अपने जिस्म को हवस के हवाले करने में अब कोई संकोच नही रखा।

बड़े धनाढ्य सेठों से होती हुई ये सौदेबाजीया नोकरी पेशा लोगो की जेबो पर भी छुरी चला रही थी।

इंस्टाग्राम, फेसबुक और सोशल प्लेटफार्म पर अब ग्लेमर का ही चस्का था,2020 के पूरे साल घरों में घुसे लोगो मे कोरोना के ढील के बाद विपरीत जेंडर के प्रति बढ़ा आकर्षक देखने लायक था।

कोई खड्डा भरकर आ रहा है,फिर भी दूसरा इन खड़ड़ो में कूदे जा रहा था।

लड़कियों ने अपनी गैंग बना ली थी,साधु संतों से होते हुवे उधोगपतियो सहित सबको इस मायाजाल में उलझा दिया था।

पैसे कमाने के ओर शौक मौज पूरे करने के लिए 2021 में अनैतिक कार्यो में जबरदस्त इजाफा हुआ।

अफीम,डोडा जो गावो तंक था,अब उस धंधे ने शहरों में नए तरीके से अपने पैर पसारने शुरू किए।

टी-स्टाल।
ये एक नशे के अड्डे के रूप में नया ओर बेहतरीन तरीका इजाद किया गया।
शहर में गली-गली में अलग अलग ब्रेड के टी-स्टाल खुलने लगें।

इन टी-स्टालों के अंदर धुंआ-धौर सिगरेट,गंजा ओर MD जैसे नशे बड़े शानो शौकत से केबिन जैसी व्यवस्था के साथ बहुत ही माकूल ओर सुरक्षित स्थान के रूप में पाव पसारने लगा है।

आज भी शहर में अनेक टी-स्टाल खुल रहे है,क्या बाड़मेर में अचानक इतने लोग चाय पीने लग गए है,क्या इनके पास कोई FSSIL के लाइसेंस है,कुछ नही है।
दुकान में फर्नीचर करवाके किसी छुटमूईये नेता के 50-60फ्लॉवरो को बुलाकर के फीता काटा जाता है,ओर कुछ दिनों तक व्हाट्सएप्प स्टेट्यूस पर तली तपाने के साथ प्रचार की औपचारिकता पूरी होती है।
इन चाय की दुकानों और स्पा,सेलूनों के बारे में बाड़मेर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को गहन पड़ताल करनी ही चाहिए।
आधी आंधी यंही से ही रुक जाएगी।

इसकी साथ पढ़ाई का दूसरा पैटर्न बना लाइबेरिया!

बाड़मेर शहर में 100 में से 90 लाइब्रेरी तो मौत का घर है।
बिना किसी सेफ्टी नॉर्म्स को पूरा करती हुई बिना किसी फायर सिस्टम ओर भूकंप जैसी अनहोनी से बचने के कोई तौर तरीके नही है।
एक बंद कमरे में 2 AC ओर टेबल कुर्सी की व्यवस्था लायब्रेरी कहलाती है।
इस विषय मे बाड़मेर प्रशासन को एक्शन लेना ही चाहिए। भगवान न करे कभी अनहोनी हो,वरना लाशों के ठेर लग जायेंगे, आपने कोटा या लखनऊ या दिल्ली की घटनाओं से फिर कुछ नही सीखा है।

खूब सारे कोचिंग सेंटर एक खुले बाड़े में टिन शैडो के नीचे चल रहे है,किसी दिन क्षणिक बन्तुलियो ने भी तांडव कर दिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे।

ये लाइब्रेरीया पढ़ाई कम और इश्क घर ज्यादा साबित हो रहे है।
ये सब मैं पिछले 4 महीनों में शहर के 28 लाइब्रेरी ओर 6 कोचिंग सेन्टर में बैठने के बाद के अनुभव के आधार पर लिख रहा हु।
1000 लोगो के बेच में अगली 5 पंक्ति के बाद के इंसान केवल प्यार की हवाई जहाजों को उड़ाते है और गति देते है।

लाइब्रेरी सबसे सेफ ओर सुरक्षित नयन सुख का स्थान है।

कोचिंग के बाद पानी पताशी वाले फारूक को पता है,छगनी के पैसे भोमा देगा,ओर हरियो के पैसे लुणा देगा।

वर्तमान समय मे बाड़मेर जैसे शहर में कम से कम 15 राज्यो के दिहाड़ी मजदूर,जिसमे UP, बिहार,झारखंड, मध्यप्रदेश,दिल्ली,हरियाणा,पंजाब,बंगाली सोने के गहने ओर मराठी लोग रहते है।

बाड़मेर में किरायानामा ओर पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर शून्य आंकड़े है,जो बेहद ही चिंताजनक हालात है।

बड़े बड़े काम्प्लेक्स ओर सोसायटी में सैकड़ो परिवार रहते है,लेकिन किसी को किसी के बारे में कोई जानकारी नही है।

मकान मालिक मुह मागे मिल रहे किराये के आंधी में अंधे हो रहे है,बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन/किरायानामा के मकान किराये पर दे रहे है,जो आने वाले समय मे सामूहिक हत्याकांड, बड़ी लूट,डकेती जैसी घटनाओं के अवसर पैदा कर रही है।

वाकई बाड़मेर बदला है,हम चंद लोगो के सरकारी सेवाओं में चयन या चंद लोगो के व्यवसाय में सफल होने पर तो छाती जरूर कूट रहे है,लेकिन 90%यंग/युवा जनरेशन जो दोनो लिंग पुरुष और महिला को बर्बाद होते देख रहे है।

कोई राजस्थानी है तो कोई मारवाड़ी, कोई बाबा है,तो कोई तस्कर तो कोई भरवाड़ी।

इन सब से परे जाना और पार पाना छोटी लाइन के पास बड़ी लाइन खिंचने जितना मुश्किल कार्य है।

40-50 लाख में होते मामूली सौदों को देखकर लगता है, बाड़मेर में पैसा तो खूब है,बस कमाने के लिए जिस्म ही चाहिए।
कड़वा है,लेकिन वर्तमान में ये ही शास्वत सत्य है।
*कोपी पेस्ट 🙏🙏*

Photos from Magha Ram Mundhan's post 18/08/2023

सोशल मीडिया का जमाना है दोस्तों कहीं भी जाओ सोशल मीडिया से जुड़े/अपडेट रहने से कोई अपना मिल ही जाता है इसी प्रकार आज उदयपुर में RSCERT Workshop में आया हुआ था तो भाई दिनेश मुंढण उंडू से मिलना हुआ खूब हथाई की और उदयपुर की सैर की उसके कुछ छायाचित्र आपके साथ साझा कर रहा हूं।

Photos from Magha Ram Mundhan's post 18/08/2023
Photos from Magha Ram Mundhan's post 18/08/2023

SCERT Udaipur Rajasthan me Workshop me

23/07/2023

श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर की ओर से निशुल्क उपकरण देने के लिए नगर परिषद बाड़मेर में दिव्यांग व्यक्तियो का रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु दिनाक 24/07/2023 से 26/07/2023 तक सुबह 10:30 बजे से शिविर रखा गया है l
रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कृत्रिम हाथ ,पैर ,तिपहिया साईकिल, व्हीलचेयर ,वैशाखी , कैलिपर , कान की मशीन , छड़ी इत्यादि नि:शुल्क दी जाएगी l उपकरण लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है अतः आप सभी से निवेदन है कि अपने क्षेत्र में जो भी दिव्यांग लोग हैं उनका रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाएं।
रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए
आधार कार्ड की कॉपी और एक पासपोर्ट साइज फोटो साथ लेकर आये।
संपर्क.8003087528,9950434863

23/07/2023

21/07/2023

माइकल जैक्सन 150 साल जीना चाहता था!

किसी सेे हाथ मिलाने से पहले दस्ताने
पहनता था!
लोगों के बीच में जाने से पहले मुंह पर मास्क
लगाता था !
अपनी देखरेख करने के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टर्स नियुक्त किए हुए थे !
जो उसके सर के बाल से लेकर पांव के नाखून तक की जांच प्रतिदिन किया करते थे!
उसका खाना लैबोरेट्री में चेक होने के बाद उसे खिलाया जाता था!
स्वयं को व्यायाम करवाने के लिए उसने
15 लोगों को रखा हुआ था!

माइकल जैकसन अश्वेत था,
उसने 1987 में प्लास्टिक सर्जरी करवाकर
अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था!
अपने काले मां-बाप और काले दोस्तों को भी छोड़ दिया।
गोरा होने के बाद उसने गोरे मां-बाप को
किराए पर लिया! और अपने दोस्त भी गोरे बनाए शादी भी गोरी औरतों के साथ की!

नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया। वो डेढ़ सौ साल तक जीने के लक्ष्य को लेकर चल रहा था!

हमेशा ऑक्सीजन वाले बेड पर सोता था
उसने अपने लिए अंगदान करने वाले डोनर भी तैयार कर रखे थे!
जिन्हें वह खर्चा देता था, ताकि समय आने पर उसे किडनी, फेफड़े, आंखें या किसी भी शरीर के अन्य अंग की जरूरत पड़ने पर वह आकर दे दें,
उसको लगता था वह पैसे और अपने रसूख की बदौलत मौत को भी चकमा दे सकता है,
लेकिन वह गलत साबित हुआ।

25 जून 2009 को उसके दिल की धड़कन
रुकने लगी, उसके घर पर 12 डॉक्टर की मौजूदगी में हालत काबू में नहीं आए, सारे शहर के डाक्टर उसके घर पर जमा हो गए, वह भी उसे नहीं बचा पाए।

उसने 25 साल तक डॉक्टर की सलाह के
विपरीत, कुछ नहीं खाया!
अंत समय में उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी , 50 साल तक आते-आते वह पतन के करीब ही पहुंच गया था. 29अगस्त1958 को जन्मा. 25 जून 2009 को वह इस दुनिया से चला गया !

जिसने अपने लिए डेढ़ सौ साल जीने का
इंतजाम कर रखा था! उसका इंतजाम धरा का धरा रह गया!
जब उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो
डॉक्टर ने बताया कि, उसका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका था!
उसका सिर गंजा था, उसकी पसलियां कंधे हड्डियां टूट चुके थे, उसके शरीर पर अनगिनत सुई के निशान थे,
प्लास्टिक सर्जरी के कारण होने वाले दर्द से
छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक वाले
दर्जनों इंजेक्शन उसे दिन में लेने पड़ते थे!

माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा को
2.5 अरब लोगो ने लाइव देखा था।
यह अब तक की सबसे ज़्यादा देखे जाने वाली लाइव ब्रॉडकास्ट हैं।

माइकल जैक्सन की मृत्यु के दिन यानी
25 जून 2009 को 3:15 PM पर,
Wikipedia,Twitter और AOL’s
instant messenger यह सभी क्रैश हो गए थे।
उसकी मौत की खबर का पता चलते ही
गूगल पर 8 लाख लोगों ने माइकल जैकसन को सर्च किया! ज्यादा सर्च होने के कारण गूगल पर सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम हुआ था! और गूगल क्रैश हो गया,
ढाई घंटे तक गूगल काम नहीं कर पाया!
मौत को चकमा देने की सोचने वाले हमेशा मौत से चकमा खा ही जाते हैं!

सार यही है,
बनावटी दुनिया के बनावटी लोग कुदरती मौत की बजाय बनावटी मौत ही मरते हैं!

"क्यों करते हो गुरुर अपने चार दिन के ठाठ पर ,
मुठ्ठी भी खाली रहेंगी जब पहुँचोगे घाट पर"...

धनवान होना गलत नहीं है ,
बल्कि.......
"सिर्फ धनवान होना गलत है"

आइए ज़िंदगी को पकड़ें,
इससे पहले कि,
जिंदगी हमको पकड़ ले❗️

खुल कर जियो दोस्तों, मौत तो अटल सत्य है, उस को तो आना ही है ।....... ✍️✍️✍️✍️

18/07/2023

The Great work naaj hai aap पर

06/07/2023

मेरी इंस्टाग्राम ID ko follow kre दोस्तों और चाहने वालों सबका शुक्रिया।

02/07/2023

बे मौत से बचना है तो रिफाइंड तेल खाना छोड़ना पड़ेगा ।(पहला सुख निरोगी काया)

11/06/2023

Happy birthday 🎂🎈🎈🎂 life partner sahiba

Photos from Magha Ram Mundhan's post 28/05/2023

तानाशाह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

“जब जब जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से चप्पा चप्पा गूंज उठेगा इंक़लाब के नारों से”

#पहलवान_देश_की_शान
#महिला_सम्मान_महापंचायत

26/05/2023

Congratulations bannu Hukma ram & Jasraj beniwal salected Special Educater

22/05/2023

स्वतंत्रता सेनानी, महान किसान नेता एवं समाज सुधारक चौधरी कुंभाराम आर्य जी की जयंती पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि।
किसानों हित्तों के लिये आपका अतुलनीय योगदान सदैव प्रेरणादायी रहेगा।

Photos from Magha Ram Mundhan's post 22/05/2023

प्रिय दोस्त ललित सऊ की शादी में दोस्तों के साथ शरीक हुआ।

19/05/2023

*कहानी प्रफेसर ओर छात्र की रोचक तथ्य*
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🌹एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न?

सभी ने कहा, “हां भगवान ने ही बनाया है।“

प्रोफेसर ने कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि बुराई भी भगवान की बनाई चीज़ ही है।

प्रोफेसर ने इतना कहा तो एक विद्यार्थी उठ खड़ा हुआ और उसने कहा कि इतनी जल्दी इस निष्कर्ष पर मत पहुंचिए सर।

प्रोफेसर ने कहा, क्यों? अभी तो सबने कहा है कि सबकुछ भगवान का ही बनाया हुआ है फिर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?

विद्यार्थी ने कहा कि सर, मैं आपसे छोटे-छोटे दो सवाल पूछूंगा। फिर उसके बाद आपकी बात भी मान लूंगा।

प्रोफेसर ने कहा, "तुम दार्शनिकों की तरह सवाल पर सवाल करते हो। खैर पूछो।"

विद्यार्थी ने पूछा , "सर क्या दुनिया में ठंड का कोई वजूद है?"

प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है। सौ फीसदी है। हम ठंड को महसूस करते हैं।

विद्यार्थी ने कहा, "नहीं सर, ठंड कुछ है ही नहीं। ये असल में गर्मी की अनुपस्थिति का अहसास भर है। जहां गर्मी नहीं होती, वहां हम ठंड को महसूस करते हैं।"

प्रोफेसर चुप रहे।

विद्यार्थी ने फिर पूछा, "सर क्या अंधेरे का कोई अस्तित्व है?"

प्रोफेसर ने कहा, "बिल्कुल है। रात को अंधेरा होता है।"

विद्यार्थी ने कहा, "नहीं सर। अंधेरा कुछ होता ही नहीं। ये तो जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है।

प्रोफेसर ने कहा, "तुम अपनी बात आगे बढ़ाओ।"

विद्यार्थी ने फिर कहा, "सर आप हमें सिर्फ लाइट एंड हीट (प्रकाश और ताप) ही पढ़ाते हैं। आप हमें कभी डार्क एंड कोल्ड (अंधेरा और ठंड) नहीं पढ़ाते। फिजिक्स में ऐसा कोई विषय ही नहीं। सर, ठीक इसी तरह ईश्वर ने सिर्फ अच्छा-अच्छा बनाया है। अब जहां अच्छा नहीं होता, वहां हमें बुराई नज़र आती है। पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया। ये सिर्फ अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।"

दरअसल दुनिया में कहीं बुराई है ही नहीं। ये सिर्फ प्यार, विश्वास और ईश्वर में हमारी आस्था की कमी का नाम है।

ज़िंदगी में जब और जहां मौका मिले अच्छाई बांटिए। अच्छाई बढ़ेगी तो बुराई होगी ही नहीं।

अपने माता पिता की सेवा वंदना करें गुरू की इज्जत करें सेवा करें वहीं ईश्वर से हमें मिलाने का साधन हमारे कर्मों के साथ साथ।। *ओम शांति।*

🙏

18/05/2023

#शुकुनशास्त्र

रोहिणी तपे,
मृग बाजे ,
आदर- खादर,
अणचितिया ही गाजे ,
पश्चिमी राजस्थान में इन दिनों आँधियों का जोर चरम सीमा पर है।लेकिन पुराने समय से चली आ रही कहावतों के अनुसार आँधी के पीछे बारिश भी आती है।उसी के तहत क्षेत्र के किसानों ने भी अपने अपने अनुमान लगाने शुरू कर दिए हैं।किसानों का मत है कि मानसून की अच्छी बारिश से पहले ....
रोहिणी तपे
मृग बाजे
आदर खादर
अणचितिया गाजे

अर्थात
पन्द्रह दिन लगातार आँधियों जिसका प्रतीक मृग(मृग बाजे)चलता है...वैसे भी हिरण की चाल तेज होती है... इन चालों या हवाओं के बाजनेको स्थानीय बोली वाईयां कहते है....जो बाजे ही भले...इन पन्द्रह दिनों को भी अलग अलग भागों में बांटा गया है।..
दो मुशा(मुषक) ,
दो कातरा ,
दो तीड्डी,
दो ताव ,
दो बाजे जलहरो ,
दो विश
दो भाव बाजे ,
तो हो जाए लीला लहर

किसानों का अनुमान है कि अच्छे जमाने के शगुन इन आँधियों के चलने और वाईयों के आधार पर विचारे जा सकते हैं।
यदि मृग के पन्द्रह दिन लगातार आँधियाँ चलेगी तो न तो बिमारी फैलेगी
न फसलों में कोई कीट पतंगों से नुकसान नहीं होगा...अच्छी पैदावार रहेगी।
___
😊😊😎😎
भाई जीत शांडिल्य की वाल से__!!वाया अनुज रोशन लोर्डिया।
आंधी के हालात मत पुछो भाई
वैसे अकाल जमाने आदी की बातें भी खूब चल रही है
यदि रोहिणी नक्षत्र में गर्मी अधिक हो तथा मृग नक्षत्र में आंधी जोरदार चले, तो आर्द्रा नक्षत्र के लगते ही बादलों की गरज के साथ वर्षा होने की संभावना बन सकती है।

रोहण तपै, मिरग बाजै तो आदर अणचिंत्या गाजै।

एक दोहे में अकाल के लक्षणों का चित्रण इस प्रकार किया गया है :-

मिरगा बाव न बाजियौ, रोहण तपी न जेठ।
क्यूं बांधौ थे झूंपड़ौ, बैठो बड़ले हेठ।।

आर्द्रा नक्षत्र के प्रारंभ में यदि बारिश के छींटे हो जाएँ, तो शुभ माने जाते हैं और जल्दी ही बरसात होने की आशा बंधती है।

पहलों आदर टपूकड़ौ मासां पखां मेह।

यदि आर्द्रा नक्षत्र में आँधी चलनी शुरु हो जाये, तो अकाल का जोखिम न आने लगता है।

आदर पड़िया बाव, झूंपड़ झौला खाय।

यदि चौदह नक्षत्रों में दो- दो दिन के हिसाब से हवा नहीं चले, तो क्या- क्या होगा, इस विषय में निम्नलिखित छंद कहा गया है :-

दोए मूसा, दोए कातरा, दोए तिड्डी, दोए ताव।
दोयां रा बादी जळ हरै, दोए बिसर, दोए बाव।।
रोहिनी बरसै मृग तपै, कुछ कुछ अद्रा जाय।
कहै घाघ सुने घाघिनी, स्वान भात नहीं खाय।।

यदि रोहिणी बरसे, मृगशिरा तपै और आर्द्रा में साधारण वर्षा हो जाए तो धान की पैदावार इतनी अच्छी होगी कि कुत्ते भी भात खाने से ऊब जाएंगे और नहीं खाएंगे।

सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर।
परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।।
साभार
प्रस्तुति-"सागर"महेंद्र थानवी।

16/04/2023

*राजस्थानी लोगों को छोड़कर शेष दुनियां को लगता है कि राजस्थान में पानी नहीं है।*

*जबकि यहाँ सबसे शुद्धता वाला पानी जमीन में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है*।

*राजस्थान के लोगों को पूरे विश्व में सबसे बड़े कंजूस समझा जाता है*...

*पूरे भारत के 95% बड़े उद्योगपति राजस्थान के हैं, राममंदिर के लिए सबसे ज्यादा धन राजस्थान से मिला है*।
*राममंदिर निर्माण में उपयोग होने वाला पत्थर भी राजस्थान का ही है*!

*राजस्थान के लोगों के बारे में दुनिया समझती है ये प्याज और मिर्च के साथ रोटी खाने वाले लोग हैं*।

*जबकि पूरे विश्व मे सर्वोत्तम और सबसे शुद्ध भोजन परम्परा राजस्थान की हैं*...

*पूरे विश्व मे सबसे ज्यादा देशी घी की खपत राजस्थान में होती हैं*, *यहाँ का बाजरा विश्व के सबसे पौष्टिक अनाज का खिताब लिये हुए है*।

*दुनिया को लगता है कि राजस्थान के लोग छप्पर और झौपड़ियों में रहते हैं इन्हें पक्के मकानों की जानकारी कम हैं*।

*जबकि यहाँ के किले, इमारतें और उन पर अद्भुत नक्काशी विश्व में दूसरी जगह कहीं नही*।

*यहाँ अजेय किले और हवेलियाँ हजारों वर्ष पुरानी हैं*...

*मकराना का मार्बल, जोधपुर व जैसलमेर का पत्थर अपनी अनूठी खूबसूरती के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं* !

*राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले की 38 किलोमीटर लंबी दीवार*, *चीन की दीवार जैसी ही दूसरी उससे मजबूत दीवार भी है जिसे दुनिया में पहचान नहीं मिली*!

*दुनिया को लगता है कि राजस्थान में कुछ भी नहीं*।

*यहाँ पेट्रोलियम का अथाह भंडार है*।

*गैसों व कोयले का अथाह भंडार मिला है*।

*अकेले राजस्थान की औरतों के पास का सोना इक्ठ्ठा किया जाए तो शेष भारत की औरतों से ज्यादा सोना होगा*।

*सबसे ज्यादा सोने की बिक्री भी राजस्थान के जयपुर में होती हैं*।
राजस्थान की राजधानी जयपुर है जो पूरे विश्व मे पिंकसिटी ( गुलाबी शहर ) के नाम से विख्यात है।

*राजस्थान के जलवायु के बारे में दुनिया समझती है यहाँ बंजर भूमि और रेतीले टीले हैं जहाँ आँधियाँ चलती रहती है*...

*जबकि राजस्थान में कई झीलें*, *झरने और अरावली पर्वतमाला के साथ रणथम्भौर पर्वतीय शिखर हैं जो विश्व के टॉप टूरिज्म पैलेस हैं*।

*राजस्थान में झीलों से निकला नमक शेष भारत में 80% नमक की आपूर्ति करता है जो 100% शुद्ध प्राकृतिक नमक है*।

*इसके अलावा भी बहुत सारी ऐसी बातें हैं जिन्हें दुनिया नहीं जानती*।

*राजस्थान का नकारात्मक चरित्र गढ़ा गया जिसे दुनियाभर में सच समझा गया*!

*राजस्थान में बहन को प्यार से बाईसा कहा जाता है*।

*यहाँ चार बाईसा हुई जिन्हें हर राजस्थानी बाईसा कहकर ही सम्बोधित करते हैं*...

*मीरां बाई, करमा बाई, सुगना बाई*, *नानी बाई*।
*और*
*मीरां ने ईश्वर को प्रेम भक्ति से ऐसा वशीभूत किया कि ईश्वर को आना पड़ा*!

*करमा बाई ने निष्ठा भक्ति से ईश्वर को ऐसा अभिभूत किया कि ईश्वर को करमा के हाथ से खाना पड़ा*...

*सुगना बाई ने राजस्थान की पीहर और ससुराल परम्परा का ऐसा अनूठा स्त्रीत्व भक्ति पालन किया कि ईश्वर को उनका उद्गार सुनना पड़ा*।

*और*
*नानी बाई ने ईश्वर की ऐसी विश्वास भक्ति की की ईश्वर को उनके घर आना पड़ा*...

*ये सब इसी युग में वर्तमान में हुआ जिनकी भक्ति आस्था और निष्ठा को राजस्थान के हर मंच से गाया जाता है*...
*नारी भक्ति का ऐसा उदाहरण शेष विश्व में और कहीं नहीं*।

*यहाँ राजस्थान की बलुई मिट्टी पूनम की रात में कुंदन की तरह चमककर स्वर्ण का आभास कराती है*...

*इन्ही पहाड़ो की वजह से इसे मरुधरा कहा जाता है*...

*राजस्थान का इतिहास गर्व से लबरेज और यहाँ का जीवन सबसे शुद्ध हैं*!

*कण कण वंदनीय और गाँव- गाँव एक इतिहास में दर्ज कहानियों पर खड़ा है*!

*हमारा राजस्थान खास क्यों हैं*❓

1.*भारत के 100 सबसे अमीर व्यक्तियो में से 35 राजस्थानी व्यापारी हैं*...

2.*दंगो में हज़ारो लोग मारे गए हैं लेकिन राजस्थान में 1 भी नहीं*...

3.*राजस्थान अकेले इतने सैनिक देश को देता है जितना केरला, आन्ध्र-प्रदेश और गुजरात मिलकर भी नहीं दे पाते*...

4. *कर्नल सूबेदार सबसे ज्यादा राजस्थान से है*...
*और अब तो सेना के जनरल भी राजस्थान उदयपुर से ही है* ...

5. *उच्च शिक्षण संस्थानों में राजस्थानी इतने हैं कि महाराष्ट्र और गुजरात के मिलाने से भी बराबरी नहीं कर सकते* ...

6. *राजस्थान अकेला ऐसा राज्य है जहाँ किसान कृषि कारणों से आत्म-हत्या नहीं करतें जैसा कि मीडिया अन्य राज्यों में दिखाता है* , *जबकि सबसे अधिक सूखा यहाँ पड़ता है* , *क्यूकि राजस्थान में बुज़दिल नहीं दिलेर पैदा होते है* ...

7.*आज भी राजस्थान में सबसे ज्यादा संयुक्त परिवार बसते है* ...

8.*यहां एक रिक्शा चलाने*
*वालों को भी भाई जी कहकर बुलाते हैं* ...

*अतिथि को यहां आज भी देवता के समान दर्जा देते हैं और यहां पर अतिथियों की खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ते* ।

*जय भारत* .....
*जय राजस्थान* .....
*म्हारो प्यारो राजस्थान*
*म्हारो रंगीलो राजस्थान*
*ताज महल अगर प्रेम की निशानी है तो गढ़ चित्तोड़* *एक शेर की कहानी है* ...

*कुछ लोग हार कर भी जीत जाते हैं* !
*कुछ लोग जीत के भी हार जाते हैं* !!
*नहीं दिखते है अकबर के निशान यहाँ कहीं पर भी, लेकिन*
*राणा के घोड़े हर चौराहे पर आज भी नज़र आते हैं*।

" *जय जय राजस्थान*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

28/03/2023

#डॉक्टरों की हड़ताल पर CI सरदारशहर श्रीमान अनिलजी विश्नोई ने बहुत ही सटिक और मार्मिक टिप्पणी (पोस्ट) की जिसे आप सबके साथ शेयर कर रहा हूँ । आप सबसे भी निवेदन हैं, कि ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर्स तक इसे पहुंचाए शायद उनके अन्दर की ईन्सानियत जाग जाए और सेवा ग्रहण करते वक्त ली गई शपथ याद आ जाए।
.........................( #हड़ताल) ....................
..कल रात मुझे एक सपना आया.. कि.मेरी पोस्टींग...... शहर कोतवाली मे एक..... एस.आई.के रूप मे हो गई है.........मेरी पोस्टींग के ...कुछ दिनो बाद डाक्टरों ने पहली बार इस तरह की मानवताविहिन... हड़ताल की .. जिसकी वजह से कई मासुमो को अपनी जान से हाथ धोना पडा...
प्रदेश मे चल रही डाक्टरों की हड़ताल कुछ दिनो बाद खत्म हो गई ...सरकार ने डाक्टरों की सभी मांगे मान ली है ....सब कुछ पहले की तरहा सुचारू होगया ....था
मेरे घर के नजदीक मेरे शहर के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित सरकारी डाक्टर का घर था.......
डाक्टर सहाब के दो जवान बेटीया व पत्नी थी ...जो डाक्टर सहाब के साथ उसी घर मे रहती थी ...बेटीया व पत्नी तीनो ही बहुत सुन्दर थी...
हमारे मोहल्ले के कुछ अपराधी प्रवृति के लड़के हमेशा उन तीनो को भूखे भेड़ियों की तरह घुरते रहते थे ...............लेकिन कानून के डर की वजह से वह उनका कुछ नही कर पा रहे थे ...............अचानक कुछ दिनो बाद पुलिस फोर्स ने भी सरकार से कुछ मांगो को लेकर हड़ताल कर दी है ....वेसे तो पुलिस फोर्स मे कभी हडताल नही होती........... लेकिन ....फोर्स ने सोचा की जब डाक्टर जितनी जिम्मेदार पोस्ट के लोग अपने छोटे से लालच के लिये हड़ताल जैसा कदम उठा सकते है ....तो ...पुलिस फोर्स क्यो नही हड़ताल कर सकती यही सोच कर सब हडताल ...पर चले गऐ....
पुलिस के हड़ताल पर जाते ही हर तरफ अपराध का बोलबाला....हर तरफ लुट खसोठ छिनाझपठी का माहोल ....बन गया ....मैं भी थाने से अपने घर के लिये यह सोच कर निकला की दो चार दिन तक आराम करूगा .....यही सोच कर अपने घर की और पैदल ही निकल पडा.....
अचानक मेरे कानो मे किसी के चिखने पुकारने की आवाज आई ....यह आवाज मेरे पड़ोस मे रहने वाले डाक्टर सहाब के घर से आ रही थी ....मैं जब वहां दौड़ कर पहुँचा तो मेरे होश ऊड गऐ .....डाक्टर सहाब एक कुर्सी पर लहु लुहान पड़े हुऐ .....उनकी दोनो बेटीया ओर पत्नी की इज्जत को लुटने के लिये कुछ भूखे भेडिये आतुर थे......जिन्होने उनके बदन से सभी कपडे भी एक हबसी की तरहा फाड दिये थे....
वो मासुम बच्चीयो ने मुझे देखकर जोर से आवाज लगाई.....अंकल हमे इन शैतानो से बचा लो ...हम आपके हाथ जोडते है....
यह सब देख..कर मेरी आखों ...मे लहू उतर आया ......
लेकिन मुझे देखकर वो गुंडे बहुत तेज हंसने लगे ....और हं सते . हुऐ कहने लगे की यह ....इन्सपेक्टर तुम्हारी कुछ मदद नही कर सकता ....
यह भी तुम्हारे पापा की तरहा आज हडताल पर है ....और जब तक इनकी मांगे सरकार नही मानेगी तब तक यह अपनी हडताल नही तोडगे ....समझी .......उस अपराधी की बात जैसे ही मेरे कानो मे गई मेरे मदद के बडे कदम रूक गऐ ....और मुझे याद आया की हम तो हडताल पर है.....
लेकिन एक बार फिर उस मासुम बच्ची की आवाज मेरे दिल तक पहुची और दिल ने कहा की हमारी .....मांगे और आवश्यकता तो हमेशा यूंही बनी रहेगी......
लेकिन मेरी गैर जिम्मेदारी ...और अपने कर्तव्य से मुहं मोड ....लिया ...तो तीन मासुमो की जिन्दगिया ....नरक हो जाऍगी .........इस कशमकश...मेरा हाथ कब मेरी सर्विस रिवालवर पर चला गया ....मेने...लगातार उन दरिंदो पर फायर किये ...जिसकी वजह से दो दरिंदे वही ढेर हो गऐ और बाकी के चार मोका देखकर फरार ....होगऐ....उन ...तीनो मासुमो ने भरी आंखो से और हाथ जोड कर मेरा ....आभार व्यक्त किया......
में ....वहा से वापस अपने थाने पर अपनी डूयुटी पर आ गया ....मेरे साथीयो ....ने हडताल ....के बारे मे मुझसे कहा .....तो ....मेने ....कहा की कुछ पेशे ......शायद पेसा कमाने के लिये नही ......सिर्फ ....और ....सिर्फ ....सेवा के लिये होते......चाहै .....वो सेना की नोकरी बॉर्डर पर खड़े होकर देश की रक्षा करना हो .....या ....डाक्टर की नोकरी .....जो ...मरीज को मोत के मुह से निकाल लाता है.....डाक्टरों .....की ..हडताल से.......किसी का इकलोता बेटा....या ..बेटी.....या ....किसी मां बाप....या किसी मासुम ....की ...जान जा सकती है ....इन लोगो की हडताल मे इन सब निर्दोष लोगो का क्या दोष.......है....................सियाचिन की बॉर्डर पर कपकपाती ठंड मे खड़ा वो सैनिक पैसा कमाने के लिये नोकरी नही कर रहा .....वो इस लिये नोकरी कर रहा है ताकि उसके त्याग से उसके देश के और भाई ...बहन शुकुन से रह सके ...सेवा का और देशभक्ति का भाव उसके मन मे है.........

दोस्तो अगर यह कहानी आपको पंसद आऐ तो अपने सभी ग्रुपो मे भेजे.....ताकि हमारे समाज के सम्माननीय व जिम्मेदार हमारे सरकारी डाक्टर अपनी जिम्मेदारी को समझते हुये ...अपने अपने कर्तव्य का निर्वाह करे ...क्योकि इस देश की जनता आपके अन्दर ईश्वर को देखती है.... .......जय हिन्द ...........जय भारत.....देश के लिये जीना सीखे.................. देश के लिये मरें ।

#राईट_टू_हेल्थ_संजीवनी_है

जाट संसद में गवर्नर का तगड़ा भाषण! आचार्य देवव्रत ने जाटों को लेकर कहा ऐसा? सारे जाट हैरान! 21/03/2023

*जाट के बारे में क्या शानदार जानकारी दी गई है, जरूर सुनें*

जाट संसद में गवर्नर का तगड़ा भाषण! आचार्य देवव्रत ने जाटों को लेकर कहा ऐसा? सारे जाट हैरान! Join this channel to get access to perks:https://www.youtube.com/channel/UCKRn8GhsUnMUjD8fBDeRLWw/joinविज्ञापन के लिए संपर्क करें (For Business Inquiries)Mob...

Photos from Magha Ram Mundhan's post 13/03/2023

श्री गणेश ट्रेवल्स के ओनर L.R.Siyag bhai साहब को जन्म दिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आप सदा ही खुश रहो और अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए प्रगति करते रहो यही भगवान से प्रार्थना करता हूं। Happy birthday 🎂🎂🎉🎉

15/02/2023

बाड़मेर जिले के एक विद्यालय में पढ़ने वाली बिटिया जिस तरह के चौके-छक्के मार रही है, अद्भुत स्ट्रोक प्ले है। यदि इन्हें सही ट्रैनिंग मिले तो यह अवश्य एक दिन यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम में होगी। हमें ग्रामीण क्षेत्रों के टैलेंट को बड़े पटल पर ले जाना होगा।

31/01/2023

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻भक्त भगवंत🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

कंधे पर कपड़े का थान लाधकर नामदेव हॉट जा रहे थे। पत्नी ने कहाँ-भगत जी खाने को घर में कुछ नहीं है -दाल चावल आटा नमक शक्कर सभी समाप्त है। आते हुए लेते आना।
नामदेव ने उत्तर दिया —जैसी बिट्टल की कृपा। अगर अच्छे दाम मिले तो निश्चय ही धन-धान्य आ जायेगा। पत्नी ने कहाँ-संत जी हम तो भूखे रह सकते है -बच्चों को नहीं देखा जाता। भगत जी ने सोचा -बिट्ठल जाने उसकी मर्ज़ी। ऐसा सोचकर चल दिये।
बाज़ार में किसी ने पुकारा -वाह साईं कपड़ा तो बड़ा अच्छा बुना है,और किनारी भी बड़ी सुंदर बनाई है-तेरा परिवार सदा सुखी रहे साईं ,ये फ़क़ीर ठंड से काप रहा है,दया कर और दो चादरों का कपड़ा झोली में डाल दे। भगवान तेरा भला करे। सारा कपड़ा ही इतना था जो भगत जी ने फ़क़ीर की झोली में डाल दिया।
दान के बाद नामदेव जी जब घर लोटने लगे तो बच्चों के भूखे चेहरे उनको रह-रहकर दीखने लगे। सोचा जैसी बिट्ठल की दया और नाम -सिमरन करते राह देखी। बिट्ठल-बिट्ठल कहते ध्यान समाधि में एक पेड़ के नीचे ध्यानमग्न हो गये।
भगवान भक्तवत्सल कहाँ रुकने वाले थे उन्होंने नामदेव की झोपड़ी के पास आकर दरवाज़ा खटखटाया —नामदेव की पत्नी ने पूछा कोन है—-आवाज आयी नामदेव का घर यही हैं क्या। पत्नी बोली आपको कुछ चाहिए क्या।
भगवान सोचने लगे धन्य है नामदेव का परिवार घर में कुछ नहीं फिर भी इतना त्याग।
भगवान बोले -दरवाज़ा खोलिए —लेकिन आप कोन पत्नी ने कहा?
भगवान बोले सेवक की क्या पहचान होती हे -भगतानी ,”जैसे नामदेव जी बिट्ठल जी के सेवक वैसे में भी नामदेव जी का सेवक हूँ,”ये राशन का सामान कहाँ रक्खू ?
पत्नी ने दरवाज़ा पूरा खोल दिया -फिर राशन उतरना शुरू हुआ और देखते -देखते आगन भर गया। इतना सामान नामदेव जी ने भेजा है -देखकर आश्चर्य हुआ-आज क्या पूरे दाम मिले कपड़े के। भगवान बोले -आज कपड़ा सच्चे सरकार ने ख़रीदा है—जो नामदेव की सामर्थ्य थी चुकता करने की कोशिश की है,जगह और बताओ अभी तो बहुत समान है। शाम ढलने लगी —समान रखवाते रखवाते पत्नी थक चुकी थी। बच्चे कभी शक्कर खाते कभी मेवे बहुत ही प्रसन्न थे।
नामदेव अभी घर नहीं आये -पेड़ के नीचे बिट्ठल सरकार की भक्ति में विलीन देखकर भगतानी ने हाथ जोड़कर कहा—सारा सामान आज ही ख़रीदना था ,कुछ पैसे बचा लेते। नामदेव कुछ समय के लिये विस्मित हुए -तंद्रा टूटी और कहा-बिट्ठल की कृपा हुई है।
भगत-नामदेव हंसने लगे —वो सरकार ऐसे ही है-जब देना शुरू करते है तो लेने वाले थक जाते है-उसकी दयामहर कभी ख़त्म नहीं होती।
एक बार सभी भगत जनों प्यार से बोलों—बिट्ठल सरकार की जय,जय हरि बिट्ठला। राधा रानी सरकार की जय।
सेवकों का सेवक —पागल पवन

राधे राधे जप रे मन
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

26/01/2023

Happy republic day 74

25/01/2023

🌳🦚आज की कहानी🦚🌳

💐💐ज़िम्मेदारी बोझ नहीं हैं💐💐

बहुत पुरानी बात है कि नयासर गाँव में एक साधु रहते थे।
दुनिया की मोह माया से दूर होकर जंगल में अपना जीवन व्यतीत कर रहें थे।

सुबह शाम ईश्वर के गुण गाना और लोगों को अच्छे कर्मों का महत्त्व बताना यही उनका काम था।

एक दिन उनके मन में आया कि जीवन में एक बार माता वैष्णो देवी के दर्शन जरूर करनें चाहिये।

बस यही सोचकर साधु महाराज ने अगले दिन ही वैष्णोदेवी जाने का विचार बना लिया।

एक पोटली में कुछ खाने का सामान और कपडे बांधे और चल दिए... माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने।

ऊँचे पर्वत पर विराजमान माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।

वो साधु भी धीरे-धीरे सर पे पोटली रखकर चढ़ाई चढ़ रहे थे, तभी उनकी नजर एक लड़की पर पड़ी... उस लड़की ने अपनी पीठ पर एक लड़के को बैठाया हुआ था।

वो लड़का विकलांग था और वो लड़की उसे कमर पर बैठाकर चढ़ाई चढ़ रही थी।

साधु को ये सब देखकर उस लड़की पर बड़ी दया आयी और वो बोले – “बेटी थोड़ी देर रूककर बैठ जा तू थक गयी होगी तूने इतना बोझ उठा रखा हैं ।”

वो लड़की बोली – “बाबा जी बोझ तो आपने अपने सर पर उठा रखा है ये तो मेरा भाई है……।”

चलते-चलते अचानक ही साधु के पाँव ठिठक गए…..।

कितनी बड़ी बात कही थी, उस लड़की ने कितना गूढ़ मतलब था... उस लड़की की बात का – बोझ तो आपने उठा रखा है ये तो मेरा भाई है…. कितनी जिम्मेदारी भरी थी, उस मासूम सी लड़की में

उस दिन उन साधु को एक बात समझ में आ गयी कि अगर हर इंसान अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे, तो शायद दुनिया में दुःख नाम की कोई चीज़ ही ना बचे.. अपनी ज़िम्मेदारी से बचिए मत.. ज़िम्मेदार बनिये... पूरी तरह से अपनी ज़िम्मेदारी निभाइये।

💐💐शिक्षा💐💐

दोस्तों आप जैसे भी हैं,चाहे डॉक्टर हैं,छात्र हैं,शिक्षक हैं…
अपने हर काम को ज़िम्मेदारी से कीजिये.. अगर बोझ समझ कर करेंगें, तो आप उस काम में कभी सफल नहीं हो पायेंगे।
इसीलिए सफल होने के लिए आपको एक ज़िम्मेदार इंसान होना बेहद जरुरी हैं..।

सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।

🙏🙏🙏🙏🌳🌳🌳🙏🙏🙏🙏🙏

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