Astro Anjana
For Anjana Vedic astrology is a calling, a way of life for her which she embraced wholeheartedly as her soul’s path decided by the Divine.
25 Years Experience
Media Spokesperson
Astrologer✨
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Medical Astrology
Astrology & Diet✨
Kundli readers
For Anjana Vedic astrology is a calling, a way of life for her which she embraced Trained to be a dietician Anjana was introduced to Vedic astrology at the age of 16.Her interest in this amazing discipline only kept growing and she not just imbibed knowledge of Astrology but also
*सादर नमस्कार*
🌹🌹🙏🏻🌹🌹
*आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥*
*रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:॥*
*नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं सीतासमारोपितवामभागम। पाणौ महासायकचारूचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथम॥*
*राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं !*
आचार्या अंजना
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🌹 *माता सिद्धिदात्री*🌹
*सर्व सिद्धियों* की दाता *"माँ सिद्धिदात्री"* देवी दुर्गा का नौवां व अंतिम स्वरुप हैं। नवमी के दिन *माँ सिद्धिदात्री की पूजा* और *कन्या पूजन* के साथ ही *नवरात्रों का समापन* होता है।
*सिद्धिदात्रि का स्वरुप*
हिन्दू धर्म के पुराणों में बताया गया है कि देवी सिद्धिदात्री के *चार हाथ* है जिनमें वह *शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र* धारण करे रहती हैं। यह *कमल पर विराजमान* रहती हैं। इनके *गले में सफेद फूलों की माला तथा माथे पर तेज* रहता है। इनका वाहन *सिंह* है। *देवीपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण* में देवी की *शक्तियों और महिमाओं का बखान* किया गया है।
*सिद्धियों की स्वामिनी हैं सिद्धिदात्री*
पुराणों के अनुसार देवी सिद्धिदात्री के पास *अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व* यह *आठ सिद्धियां* हैं। देवी पुराण के मुताबिक सिद्धिदात्री की उपासना करने का बाद ही *शिवजी* ने सिद्धियों की प्राप्ति की थी।
*शिवजी* का *आधा शरीर नर और आधा शरीर नारी* का इन्हीं की कृपा से प्राप्त हुआ था। इसलिए शिव जी विश्व में *अर्द्धनारीश्वर* के नाम से प्रसिद्ध हुए थे। माना जाता है कि देवी सिद्धिदात्री की आराधना करने से *लौकिक व परलौकिक शक्तियों* की प्राप्ति होती है।
*माँ सिद्धिदात्री का मंत्र* :
इनका उपासना मंत्र है-
*सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि।*
*सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥*
*पूजा में उपयोगी खाद्य साम्रगी*: नवमी तिथि को *भगवती* को *धान का लावा* अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। इस दिन देवी को अवश्य *भोग* लगाना चाहिए।
आचार्या अंजना 9407555063
*विशेष*: *समस्त सिद्धियों.* की प्राति के लिए *मां सिद्धिदात्री की पूजा* विशेष मानी जाती है।
🌺 *जय माता सिद्धिदात्री*🌺
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#अष्टमी तिथि विशेष #
आज अष्टमी और नवमी तिथि के मध्य का संधि काल में दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें 12 दो के बीच में 2 घंटे का संधि काल है।
यह मां का आठवां स्वरूप है आज के दिन ओम का जाप करें एवं अपने घर के सहायता कर्मियों को नारियल का तेल या दूध का दान करें।
Acharya Anjana
Mo.No.- 9507555063
अष्टमी तिथि-महागौरी की पूजा करें
यह मां का आठवां स्वरूप है आज के दिन ओम का जाप करें एवं अपने घर के सहायता कर्मियों को नारियल का तेल या दूध का दान करें।
अष्टमी तिथि-महागौरी की पूजा करें
यह मां का आठवां स्वरूप है आज के दिन ओम का जाप करें एवं अपने घर के सहायता कर्मियों को नारियल का तेल या दूध का दान करें।
#maa_durga#navratri#astroanjana#indianastrology#astrology #maa#astrotipes#pujan#spiritual #navratri# Astrology : चैत्र दुर्गा अष्टमी व्रत आज**********************दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंद...
चैत्र दुर्गा अष्टमी व्रत आज
**********************
दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। मासिक दुर्गा अष्टमी एक मासिक कार्यक्रम है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (8वें दिन) को मनाया जाता है ।
सभी दुर्गा अष्टमी दिनों में से, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी सबसे लोकप्रिय है और इसे महा अष्टमी या केवल दुर्गाष्टमी कहा जाता है । दुर्गा अष्टमी 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के आखिरी 5 दिनों के दौरान आती है।
हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने के दौरान अगली मासिक दुर्गा अष्टमी मंगलवार, 16 अप्रैल को है।
दुर्गा अष्टमी व्रत की तिथि
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16 अप्रैल, मंगलवार अष्टमी तिथि का समय: 15 अप्रैल, दोपहर 12:12 बजे - 16 अप्रैल, दोपहर 1:24 बजे
इस दिन देवी दुर्गा के हथियारों की पूजा की जाती है और इस उत्सव को 'अस्त्र पूजा' के रूप में जाना जाता है। हथियारों और मार्शल आर्ट के अन्य रूपों के प्रदर्शन के कारण इस दिन को लोकप्रिय रूप से 'विराष्टमी' भी कहा जाता है। हिंदू भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए सख्त उपवास रखते हैं।
भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में दुर्गा अष्टमी व्रत पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में, दुर्गा अष्टमी को 'बथुकम्मा पांडुगा' के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
दुर्गा अष्टमी व्रत के दौरान अनुष्ठान:
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दुर्गा अष्टमी के दिन भक्त देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। वे सुबह जल्दी उठते हैं और देवी को फूल, चंदन और धूप के रूप में कई चीजें चढ़ाते हैं। कुछ स्थानों पर दुर्गा अष्टमी व्रत के दिन कुमारी पूजा भी की जाती है। हिंदू 6-12 वर्ष की आयु की लड़कियों को देवी दुर्गा के कन्या (कुंवारी) रूप के रूप में पूजते हैं। देवी को अर्पित करने के लिए विशेष 'नैवेद्यम' तैयार किया जाता है।
उपवास दिन का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। दुर्गा अष्टमी व्रत का पालनकर्ता पूरे दिन खाने या पीने से परहेज करता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान रूप से रखा जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने और देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है। कुछ भक्त केवल दूध पीकर या फल खाकर व्रत रखते हैं। इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन सख्त वर्जित है। दुर्गा अष्टमी व्रत करने वाले को फर्श पर सोना चाहिए और आराम और विलासिता से दूर रहना चाहिए।
पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों में जौ के बीज बोने की भी प्रथा है। बीज 3-5 इंच की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद उन्हें देवी को अर्पित किया जाता है और बाद में परिवार के सभी सदस्यों के बीच वितरित किया जाता है।
इस दिन भक्त विभिन्न देवी मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है। पूजा के अंत में, भक्त दुर्गा अष्टमी व्रत कथा भी पढ़ते हैं।
हिंदू भक्त पूजा अनुष्ठान पूरा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन और संतर्पण या दक्षिणा प्रदान करते हैं।
दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करने वाला शाम को शक्ति मंदिरों में जाता है। महाअष्टमी के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं।
दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व:
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संस्कृत भाषा में 'दुर्गा' शब्द का अर्थ है 'अपराजेय' और 'अष्टमी' का अर्थ है 'आठवां दिन'। हिंदू किंवदंतियों के अनुसार देवी दुर्गा का उग्र और शक्तिशाली रूप, जिसे 'देवी भद्रकाली' के नाम से जाना जाता है, अवतरित हुई थीं। दुर्गा अष्टमी का दिन 'महिषासुर' नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी पूर्ण समर्पण के साथ दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करता है उसे जीवन में खुशी और सौभाग्य प्राप्त होता है।
940755503
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ब्रह्मांड में सबसे पहले कौन था?
न सत्त था ?न रज था? न तम था?
तब कौन था?बहुत गहरा अंधेरा था
आचार्या अंजना
शास्त्रों में माता कालरात्रि को शुभंकरी, महायोगीश्वरी और महायोगिनी भी कहा जाता है. माता कालरात्रि की विधिवत रूप से पूजा अर्चना और व्रत करने वाले भक्तों को मां सभी बुरी शक्तियां और काल से बचाती हैं यानी माता की पूजा करने के वाले भक्तों को अकाल मृत्यु का भय भी कभी नहीं सताता है..
कालरात्रि देवी की पूजा क्यों करना चाहिए?
हमें नई खोज नई चीजों को ढूंढना आना चाहिए,कालरात्रि देवी की पूजा करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने में मदद मिलती है। यह पूजा शक्ति की उपासना का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो साधक को मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है।
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सूर्य-गुरु की युति सूर्य पद-प्रतिष्ठा, उन्नति, साहस और आत्मविश्वास का कारक माना गया है। वहीं, गुरु सुख, धन , वैभव, वैवाहिक जीवन और संतान .....
गणगौर पूजन #आचार्या अंजना #
🙏💐 *माता चंद्रघंटा*💐🙏
माता दुर्गा की तीसरी शक्ति है " माताचंद्रघंटा " | इस देवी के मस्तक मे घंटा के आकार का अर्ध चन्द्र है | इसलिए इन का नाम चंद्र घंटा है | इनके चण्ड भयंकर घंटे की ध्वनि से सभी दुष्टों, दैत्य- दानव एवं असुरों का नाश होता है | चंद्रघंटा को स्वर की देवी भी कहा जाता है।
मां चन्द्रघंटा की पूजा नवरात्र के तीसरे दिन की जाती है।
*माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र*
*पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।*
*प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥*
*माता का स्वरूप*
माता चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है | माता के तीन नेत्र ओर दस हाथ है | इन के कर-कमल गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, खड्ग, खप्पर, चक्र ओर अस्त्र-शस्त्र लिये, अग्नि जैसे वर्ण वाली, ज्ञान से जग मगाने वेल दीप्ति माती है| ये शेर पर आरूढ़ है तथा युद्ध मे लड़ने के लिए उन्मुख है |
*आराधना महत्व*
मां चन्द्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप ओर बाधाए ख़त्म हो जाती है | मां चन्द्रघंटा की कृपा से साधक पराक्रमी ओर निर्भय हो जाता है | मां चन्द्रघंटा प्रेत बाधा से भी रक्षा करती है, इनकी आराधना से वीरता - निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होकर मुख, नेत्र तथा संपूर्ण काया का भी विकास होता है | मां चन्द्रघंटा की उपासना से मनुष्य समस्त सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाता है।
*पूजा मे उपयोगी वस्तु*
तृतीया के दिन भगवती की पूजा में दूध की प्रधानता होनी चाहिए और पूजन के उपरांत वह दूध ब्राह्मण को देना उचित माना जाता है। इस दिन सिंदूर लगाने का भी रिवाज है।
*विशेष:* इनकी उपासना से मनुष्य समस्त सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाता है।
🙏🌺 *जय माता चंद्रघंटा*🌺🙏
🙏🌺🙏 *अथ पंचांगम्* 🙏🌺🙏
*दिनाँक:- 11/04/2024, गुरुवार*
तिथि----------- तृतीया 15:02 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र--------- कृत्तिका 25:37
योग------------- प्रीति 07:17
योग-------- आयुष्मान 28:27
करण----------- वणिज 26:01
वार----------------------- गुरूवार
माह---------------------------चैत्र
चन्द्र राशि------ मेष 08:39
चन्द्र राशि------------------- वृषभ
सूर्य राशि--------------------- मीन
ऋतु --------------------------वसंत
अयन------------------ उत्तरायन
संवत्सर ---------------कालयुक्त
विक्रम संवत---------------- 2081
कानपुर
सूर्योदय--------------- 05:50
सूर्यास्त---------------- 18:29
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 13:45 - 15:21 अशुभ
अभिजित 11:45 - 12:36 शुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:50 - 07:35 शुभ
रोग 07:35 - 09:10 अशुभ
उद्वेग 09:10 - 10:45 अशुभ
चर 10:45 - 12:20 शुभ
लाभ 12:20 - 13:55 शुभ
अमृत 13:55 - 15:31 शुभ
काल 15:31 - 17:06 अशुभ
शुभ 17:06 - 18:29 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:29 - 20:06 शुभ
चर 20:06 - 21:30 शुभ
रोग 21:30 - 22:55 अशुभ
काल 22:55 - 24:20* अशुभ
लाभ 24:20* - 25:45* शुभ
उद्वेग 25:45* - 27:09* अशुभ
शुभ 27:09* - 28:34* शुभ
अमृत 28:34* - 29:59* शुभ
*💮दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
3 + 5 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*💮 शिव वास एवं फल -:*
3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 26:07 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*नवरात्रि तृतीय दिवस (चंद्रघंटा देवी पूजन)
* गणगौर पूजन
*मत्स्य जयंती
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
🐏मेष
किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। विरोध होगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।
🐂वृष
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा।
👫मिथुन
घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संतान पक्ष से खुशियां प्राप्त होंगी।
🦀कर्क
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी।
🐅सिंह
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🙍♀️कन्या
बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। धैर्य रखें, समय सुधरेगा।
⚖️तुला
सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।
🦂वृश्चिक
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।
🏹धनु
यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। आय बनी रहेगी। हर कार्य बेहतर होगा।
🐊मकर
अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। सेहत को प्राथमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा।
🍯कुंभ
मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।
🐟मीन
घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
*रवि तेज प्रदान सदैव करें,*
*शशि शीतलता निशि देतरहें।*
*क्षितिनंदन,चंदन का सुख दें,*
*बुद्ध बुद्धि विवेक जगाते रहें।।*
*गुरु गौरवशाली बनायें सदा,*
*भृगु भोग सुदीप दिलाते रहें।*
*शनि राहु सुखों से भरें घरको,*
*अरु केतु ध्वजा फहराते रहें।।*
*सुख शांति सदैव रहे गृह मे,*
*नवगृह कृपामृत बरसाते रहें।* *हिंदू नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाए* *🌷शुभकामनावो के साथ - सुप्रभात 🙏*
-श्री गणेशाय नमः-
आचार्या अंजना
—-सूर्य ग्रहण —-
8-अप्रैल-2024 को सूर्य ग्रहण लग रहा , यह सूर्य ग्रहण
वोशिंग्टन शियाटल समय अनुसार 10.39am से 12.21pmतक है।
ग्रहण के समय नियमों का अनुपालन शास्त्त्रोक विधी द्वारा करने से कई गुणा लाभ मिलता है व अशुभ फलो का निवारण होता है।
जहां पर ग्रहण लग नहीं रहा वहां के देश के समयानुसार भी पाठ व दान करना चाहिए वहां सूतक नहीं लगता ग्रहण का दूषित प्रभाव वातावरण नहीं होता।
गं गणपतये नमः
ह्रां ह्रीं ह्रौं सह सूर्याय नमः
श्रां श्रीं श्रौं सह चंद्रमसे नमः
प्रां प्रीं प्रौं सह शनये नमः
भ्रां भ्रीं भ्रौं सह राहवे नमः
स्रां स्रीं स्रौं सह केतवे नमः
इन मंत्रों का जाप करें।
आप गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र का जाप
हनुमान चालीसा
नमः शिवाय मंत्र
श्री राम जय राम जय जय राम
अन्य चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं
*ग्रहण में क्या करें, क्या न करें ?*
*सूतक से पूर्व*
*सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्रग्रहण से तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए । बूढ़े, बालक, रोगी और गर्भवती महिलाएँ डेढ़ प्रहर ( साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं ।
*ग्रहण के कुप्रभाव से खाने-पीने की वस्तुएँ दूषित न हों इसलिए सभी खाद्य पदार्थों एवं पीने के जल में तुलसी का पत्ता अथवा कुश डाल दें ।*
*पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय या कुत्ते को डालकर ग्रहण के बाद नया भोजन बना लेना चाहिए । सम्भव हो तो ग्रहण के पश्चात् घर में रखा सारा पानी बदल दें ।*
*मोबाइल के उपयोग से बचें ।
*ग्रहण के समय पहने हुए एवं स्पर्श किए गए वस्त्र आदि अशुद्ध माने जाते हैं । अतः ग्रहण पूरा होते ही पहने हुए कपड़ों सहित स्नान कर लेना चाहिए ।
*ग्रहण से पूर्व की सावधानी*
*ग्रहण से 30 मिनट पूर्व गंगाजल छिड़क के शुद्धिकरण कर लें ।*
*ग्रहणकाल प्रारम्भ होने के पूर्व घर के ईशान कोण में गाय के घी का चार बातीवाला दीपक प्रज्वलित करें
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