AAGAZ
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Aagaz -Voices for Child Protection ,is a initiative launched by UNICEF in Madhya Pradesh in partnership with GoMP and CSOs of Madhya Pradesh to create a protective environment for children.
बालश्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान संचालित कर रहीं है जिला बुरहानपुर की आगाज़ इंटर्न अंजली
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आगाज़ इंटर्नशिप के अंतर्गत, इंटर्न अंजलि ने बुरहानपुर क्षेत्र में एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस अभियान के माध्यम से इन्होंने बालश्रम को दूर करने के लिए एक सक्रिय और सामाजिक प्रयास किया।
जागरूकता की परिकल्पना उस समय की गई थी जब बालश्रम की समस्या बुरहानपुर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही थी इन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को जोड़ने का प्रयास किया, साथ ही सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करने का भी कार्य किया। इन्होंने इंटर्नशिप अवधि के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया, जिनमें भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, रैली, पोस्टर वितरण, कराटे प्रशिक्षण और बालश्रम हेतु सेशन शामिल थे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताया।
इस अभियान के परिणामस्वरूप, इंटर्न ने जिले में 15 से अधिक वॉलंटियर तैयार किए जो निरंतर ही बल श्रम रोकथाम हेतु कार्य करते रहेंगे |
इस अभियान के माध्यम से इन्होंने बालश्रम के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई और बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की। इंटर्न बताती है कि लक्ष्य बच्चों को समर्थ बनाना था ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और बालश्रम से बच सकें। इनकी इस अनूठी पहल के माध्यम से यह लगभग 2500 लोगों तक अपनी बात पहुंचा चुकी है |
टीम आग़ाज़
शिक्षा और प्रेम, यही है बच्चों का अधिकार
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आगाज़ इंटर्न हर्षिता बदनावरे, ने शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खरगोन से अपनी इंटर्नशिप यात्रा आरंभ की थी। उन्होंने अपने इंटर्नशिप के दौरान बाल मजदूरी पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है। बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या है जो हमारे समाज के लिए खतरा है। हर्षिता ने अपने साथियों के साथ मिलकर चित्रकला प्रतियोगिता और मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिससे बच्चों को बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूक किया गया।
इंटर्न हर्षिता ने कहा, "आज हमारे समाज में बाल मजदूरी की समस्या बहुत गंभीर है। बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय उन्हें मजदूरी के काम में लगा दिया जाता है। इससे न केवल उनकी शिक्षा को अंधेरे में डाल दिया जाता है, बल्कि उनका सम्मान और भविष्य भी खतरे में पड़ जाता है। हमें इस समस्या का समाधान ढूंढने में सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए।"
इंटर्नशिप के दौरान, हर्षिता ने बच्चों को बाल मजदूरी के प्रति जागरूक किया और उन्हें इस समस्या का सामना करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को स्कूल भेजने और शिक्षा की महत्ता और अधिकारों को जानने के लिए प्रोत्साहित किया।
हर्षिता के द्वारा किये गए कार्यकर्मो से बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ समाज में बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली। इससे बच्चों को उनका अधिकार के बारे में ज्ञात हुआ और वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए अधिक उत्साहित हुए। साथ ही हर्षिता ने दीवार लेखन, रांगोली, पोस्टर मेकिंग, नुक्कड़ नाटक, दीवार पेंटिंग, और पेंपलेट बाट कर और लगाकर जागरूकता कार्य किया।
इन कार्यक्रमों को सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रसारित किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस महत्वपूर्ण विषय से जागरूक हो सके। हर्षिता की यह पहल, समाज में सचेतता और सामाजिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल बच्चों को अधिक सुरक्षित बनाएगा, बल्कि उनके साथी समाज के लिए भी एक प्रेरणा होगी।
टिम आग़ाज़
"सरस्वती यादव ने आगाज़ इंटर्नशिप 3.0 के तहत बच्चों के मध्य मनोसामाजिक समस्याओं पर लगाया जोर, बाल संरक्षण की जागरूकता फैलाई"
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आगाज़ इंटर्न सरस्वती यादव ने अपने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से 10वी की छात्रा ने यह पहल किया है, जिसका एक एहम मुद्दा बच्चों के बाल संरक्षण पर ध्यान आकर्षित करना है| इस अभियान के अंतर्गत, सरस्वती ने बच्चों के मध्य मनो-सामाजिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया और समाज, परिवार, और माता-पिता को बच्चों के अधिकारों और दायित्वों का बोध कराने का प्रयास किया। सरस्वती यादव ने इस अभियान में अपनी प्रमुख चुनौती के रूप में 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को भी संभाला, जिसमें उन्होंने सफलता प्राप्त की। इसके साथ ही, सरस्वती द्वारा निर्धारित गतिविधियों को संचालित करने के लिए अद्वितीय योजना बनाई गई थी, जो इस अभियान को सफल बनाने में मददगार साबित हुई। सरस्वती ने बाल संरक्षण जागरूकता के लिए बच्चों के सत्र किये एवं उन्हें एक पम्पलेट बाटें जिसमे उन्होंने बाल संरक्षम एवं अधिकारों से जूडी बाते लिखी थी| फिर कुछ दिनों बाद इसी पम्पलेट आधार पर उसने एक प्रश्न पत्र बनाया और बच्चों की परीक्षा ली जिसमे से उसमे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कारों से सम्मानित किया| इस उत्कृष्ट प्रयास के माध्यम से, सरस्वती यादव ने समाज में बच्चों के अधिकारों और बाल संरक्षण की महत्वपूर्णता को बढ़ावा दिया है, और एक प्रेरणादायक संदेश का साथ दिया हैl
टीम आग़ाज़
बाल संरक्षण अभियान में तीन महीने की इंटर्नशिप: शिक्षा, संवाद, और समर्थन
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इस तीन महीने की इंटर्नशिप के दौरान, रुपाली ने बाल संरक्षण अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया। प्रारंभ में, इन्होने यह समझाया कि शिक्षित लोगों को भी बाल श्रम की समस्या के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिए, रुपाली ने उन्हें आंकड़ों और कहानियों के माध्यम से बाल संरक्षण और अधिकार की वास्तविकता को साझा किया। रुपाली ने महिलाओं और पुरुषों से इस समस्या के बारे में संवाद किया और उन्हें जागरूक किया कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है और सही मायने में उनकी रक्षा करें कैसे| रुपाली ने अपने स्टार पर हस्ताक्षर अभियान, दिवार लेखन, बाल चौपाल जैसे नवाचार के सहारे लोगो के मध्य जागरूकता कार्य किया|
इसके परिणाम स्वरूप, लोगों ने इंटर्न रुपाली के विचारों का समर्थन किया और अपने समुदाय में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया। रुपाली ने विभिन्न विद्यालयों और मोहल्ले के बच्चों को भी शिक्षा दी, और उनके साथ खेलने और समय बिताने का अवसर प्राप्त किया।
इस इंटर्नशिप के दौरान, रुपाली बच्चों के साथ अपनी अनुभवों को साझा करने का और उनके साथ नयी चुनौतियों का सामना करने पड़ा लेकिन फिर भी रुपाली न लगातार बच्चों से बात करने का प्रयास किया और अंत में वे सफल हो गई। रुपाली बताती है की इस संभावना से उम्मीद है कि भविष्य में भी वे इस दिशा में काम करती रहेंगी और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने में अपना समर्थन प्रदान करती रहेंगी।
टीम आग़ाज़
योग और मेडिटेशन के माध्यम से बच्चों के मध्य मनो-सामाजिक समस्याएँ का हल करने का प्रयास कर रही है अमरपाटन की आगाज़ इंटर्न कीर्ति मिश्रा |
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पीजी कॉलेज अमरपाटन से चयनित आगाज़ 3.O इंटर्न बच्चों को योग, मेडिटेशन एवं स्वरचित कहानियों से इस विषय पर चेतना जगाने का काम कर रहीं है |
कीर्ती ने बच्चों को योग और मेडिटेशन के द्वारा मन को स्थिर और शांत करने के बारे में समझाया व इन्होंने बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कर उनकी मनोस्थिति जानने का प्रयास किया | इन्होंने अपने क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों के बीच सत्र आयोजित कर विषय की गंभीरता को रखा है एवं सोशल मीडिया के माध्यम से भी भी लोगों को लगातार जागरूक करती रहीं |
कीर्ति ने अपने अद्भुत प्रयासों के माध्यम से बच्चों के लिए एक मनोरंजन एवं सुरक्षा भरा माहौल बनाया जिससे बच्चे अपनी बात खुल के बिना किसी संकोच के कह सकें। इंटर्न कीर्ति द्वारा माह फरवरी में स्व-रचित कहानियों को वीडियो का रूप देकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किया जिससे लोगो में ऑनलाइन माध्यम से भी जागरूकता फैली।
इंटर्न कीर्ति लगभग 6000 लोगों तक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी बात पहुंचा पाई है।
टीम आग़ाज़
आग़ाज़ इंटर्न विकास ने बाल संरक्षण क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाते हुए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।
आग़ाज़ इंटर्न विकास अहिरवार ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में अपनी सकारात्मक पहल के माध्यम से समाज को प्रेरित किया है। उन्होंने अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण दिखाया और बाल संरक्षण के महत्व को समझाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
विकास ने अपने आवेदन में बताया कि उनकी रुचि बाल संरक्षण क्षेत्र में है और उन्होंने इस क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प किया है। उन्होंने अपनी इनोवेटिव सोच के माध्यम से एक शॉर्ट फिल्म मेकिंग प्रतियोगिता करवाई और फिर उन्हीं शॉर्ट फिल्म में से मुख्य 3 फिल्म चुनी और उन शॉर्ट फिल्म को अपने जरुकता कार्य के दौरान प्रयोग किया, इन शॉर्ट फिल्म में बाल संरक्षण के महत्व को उजागर किया गया और विभिन्न समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया गया।
इस प्रक्रिया में, उन्होंने बच्चों के संरक्षण के क्षेत्र में अपनी सक्षमता और संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया, और विभिन्न संगठनों और समाज के सदस्यों के साथ सहयोग किया।
विकास ने अपनी शॉर्ट फिल्म को सोशल मीडिया और स्थानीय इवेंट्स में प्रसारित किया, जिससे उनके संदेश को हजारों लोगों तक पहुंचाया गया।
इस कार्य में उन्होंने लोगों की प्रतिक्रिया को संवीक्षित किया और समस्याओं के समाधान के लिए प्रति प्रभावी कदम उठाए। उनकी यह पहल बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने में सफल रही है। विकास की शॉर्ट फिल्म को यूट्यूब पर लगभग 45,000 लोग देख चुके है।
टीम आग़ाज़
बच्चों के मध्य मनो- सामाजिक समस्याओं पर आधारित बाल संरक्षण अभियान संचालित कर रहीं है आग़ाज़ इंटर्न राधिका |
राधिका चौधरी आगाज़ इंटर्नशिप 3.O के अंतर्गत सेशन, गेम्स एवं क्विज के माध्यम से बच्चों के मध्य मनोसामाजिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया| ये बच्चों के साथ मिलकर प्रतियोगिताएं आयोजित करती थीं ताकि प्रतियोगिताओं के माध्यम से वे बच्चों की मनोसामाजिक स्थति का जान सके |
राधिका के प्रयासों से बच्चों को बाल संरक्षण के विषय में जागरूकता बढ़ी और मनोसामाजिक समस्याओं के प्रति लोग संवेदनशील हुए । कुछ वर्ष पहले इंटर्न राधिका द्वारा बाल संरक्षण ट्रेनिंग भी ली गई थी एवं उसके बाद से ही वे बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहीं है | राधिका कहती हैं कि जब उसने पहली बार इस विषय को राज्य स्तरीय रा.से.यो. शिविर मे जब जाना तो वह समझ नहीं पा रही थी की इस तरह की समस्याएं भी हमारे बीच में इतना बड़ा रूप ले रही हैं | राधिका इस विषय की जानकारी अपने स्तर पर देना चाहती थी और आग़ाज़ इंटर्नशिप में चयनित होकर उन्हें एक माध्यम मिला जिससे वे समुदाय के बीच जाकर लोगों को जागरूक करती है |
इंटर्नशिप के दौरान इंटर्न लगभग 3000 लोगों तक अपनी बात पहुंचा चुकी है |
टीम आग़ाज़
बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रही जबलपुर की आगाज़ 3.0 इंटर्न दीक्षा *
दीक्षा चौरसिया,एक समर्पित रा.से.यो. स्वयंसेविका, ने तीन साल से अधिक समय से सामुदायिक सेवा और सामाजिक कार्यों में योगदान दे रही है | उन्होंने बाल संरक्षण के क्षेत्र में गहरी रुचि विकसित की और आगाज़ 3.0 इंटर्नशिप में चयनित हुई ।
बच्चों के जीवन पर हिंसा के प्रभाव को देखते हुए अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के कारण बाल संरक्षण विषय बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना विषय का चयन किया|
इन्होंने विभिन्न ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जिसमे से साक्षरता कार्यक्रम, समुदाय जागरूकता कार्यक्रम, चित्रकला पर आधारित पहल जैसे रंगोली बनाना और दीवार पेंटिंग, ऑनलाइन अभियान जैसे प्रश्नोत्तरी और रील बनाना, साथ ही ऑफलाइन आयोजन | नवीन तरीकों से इन नवाचार का उद्देश्य सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना, समर्थन जुटाना और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में बदलाव लाना था।आगाज़ इंटर्नशिप के दौरान इन्होंने 8 बस्तियां, 3 महाविद्यालय, 6 सरकारी व निजी स्कूलों में जागरूकता सत्र और कार्यक्रम आयोजित किए और बच्चों से अत्यधिक प्रतिक्रिया मिली।
इंटर्नशिप के दौरान इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे संवेदनशीलता, समझ की कमी, कानूनी और नैतिक विचार, बाल शोषण को स्वीकार करने से इनकार करने वाले लोगों का रवैया, सामुदायिक प्रतिरोध और पहुंच के बिना कमजोर समूहों तक पहुंचना।
इन चुनौतियों के समाधान के लिए इन्होंने समुदाय-संचालित दृष्टिकोण, कमजोर समूहों के लिए सरलीकृत संचार तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया, मुद्दों पर खुद को शिक्षित किया, जागरूकता फैलाने के लिए कई प्लेटफार्मों का उपयोग किया, बाल संरक्षण के क्षेत्र में अधिकारियों के साथ सहयोग किया, प्रतिबद्ध रही और भविष्य के प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए पिछले प्रदर्शन का मूल्यांकन किया।
इस अनुभव ने दीक्षा को बच्चों के खिलाफ हिंसा के समाप्ति के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि, अनुभव और कौशल प्रदान किया। वह आभारी है और भविष्य में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
टीम आग़ाज़
यशस्वी तिवारी, आगाज़ 3.0 के एक इंटर्न के रूप में, बच्चों के मनो-सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए चयनित हुईं। उन्होंने खेलों का उपयोग करके एक नवीन विचार अपनाया और समुदाय में अपने प्रयासों को समर्पित किया।
दिसंबर में, उन्होंने स्थानीय समुदाय में एक नई पहल शुरू की, जिसमें वे इंटरैक्टिव खेलों के माध्यम से एक नवीन शिक्षण पद्धति का परिचय दिया। इन खेलों के माध्यम से, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, संवेदी और संचार कौशल को बढ़ाया।
जनवरी में, उन्होंने अपने प्रयासों को एक और समुदाय में विस्तारित किया, जहां वे बच्चों को टेलीफोन टेलीफोन, आंखों पर पट्टी बांधकर वस्तुओं की पहचान, स्ट्रेंथ कार्ड गेम, कहानी बनाना जैसे खेलों के माध्यम से संलग्न किया।
फरवरी में, उन्होंने अपने प्रयासों को अन्य स्कूलों तक विस्तारित किया, जिसमें सरकारी स्कूल समान, सीएम राइज़ स्कूल और अनाथालय शामिल थे। इसके साथ ही, उन्होंने अनाथालय का भी दौरा किया और वहां खेल खेलकर बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया।
इस सफलता के साथ, यशस्वी ने न केवल अपनी समझ को समृद्ध किया बल्कि बच्चों को एक उज्ज्वल भविष्य के लिए सशक्त भी बनाया। इनकी प्रतिभा को पहचानते हुए, डॉक्टर कविता वी. जंगम और श्री सुरेश तोमर जैसे विशेषज्ञों ने भी उनकी प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने अनाथालय के बच्चों को भी समर्थ बनाने के लिए प्रयास किया, जो उनके जीवन में बदलाव लाया। उन्होंने स्कूल की कक्षाओं से परे स्थानीय क्षेत्रों और समुदाय में आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से अपनी पहुंच को और बढ़ाया।
टीम आग़ाज़
निकुंज जैन, श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय, गंज बासोदा, विदिशा की रासेयो इकाई की एक जागरुक और संवेदनशील स्वयंसेविका है। इन्होंने आगाज़ इंटर्नशिप के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाये।
निकुंज ने आगाज़ इंटर्नशिप के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। उन्होंने पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, दीवार लेखन, कहानियों का लेखन, बच्चों के साथ संवाद, आदि किया। इन गतिविधियों में उन्होंने गांवों में जाकर लोगों को जागरूक किया और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ गतिविधियाँ संचालित की । उन्होंने चर्चा की और बच्चों को इस मुद्दे पर समझाया, जिससे उन्हें इसकी महत्वता का अनुभव हो। निकुंज ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का भी उपयोग किया और वहां पर स्टोरी व रील के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया।
निकुंज के प्रयासों से लोग लिंग आधारित हिंसा जैसे गंभीर विषय को भांप पाए एवं इनके नवाचार से समाज इस मुद्दे को समझने और उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्ररित हुए।
निकुंज ने अपने आगाज़ 3.0 इंटर्नशिप के दौरान लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ एक सशक्त और प्रभावी अभियान चलाया। उनके प्रयासों से समाज में जागरूकता फैली और लोगों को इस मुद्दे पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
टीम आग़ाज़
फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं,
वो बच्चे चौराहे पर भीख मांगते हैं..
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सामाजिक पहल के माध्यम से समुदाय का सशक्तिकरण
जैबा अंसारी, आगाज़ इंटर्न ने अपने इंटर्नशिप काल में सामाजिक परिवर्तन के सफर पर प्रवेश किया। इन्होंने प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक एवं किशोर न्याय बोर्ड के साथ मिलकर कर सामाजिक कल्याण के लिए कार्य किया|
इंटर्न द्वारा विभिन्न स्थानों पर चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्देश्य कला के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना था। चलने वालों ने प्रदर्शनी के बारे में पूछा और जैबा और उनकी टीम ने उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी, जिसका सराहना मिला। इन्होंने इंटर्नशिप के चलते विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया साथ ही साथ किशोर न्याय बोर्ड के साथ विभिन्न सेमिनार भी आयोजित किए | जैबा की इंटर्नशिप यात्रा, व्यक्तिगत और सामुदायिक क्रियाओं के माध्यम से समाज में परिवर्तन और सशक्तिकरण के सकारात्मक प्रभाव को उजागर करती है।
धन्यवाद,
टीम आग़ाज़
साथियों इस रविवार यानी *25 फरवरी* को हमारा एक विशेष सत्र - *"बाल संरक्षण से संबंधित योजनाएं"* पर आयोजित होने जा रहा है। यह सत्र *सुबह 11 बजे* से आयोजित होगा। इस सत्र को *सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री विशाल श्रीवास्तव जी संबोधित करेंगे।* आप सभी से निवेदन है कि आप सभी इसमें अवश्य जुडें।
24 जनवरी को "राष्ट्रीय बालिका दिवस" के उपलक्ष्य में हम "लिंग आधारित हिंसा और बच्चों पर इसके प्रभाव" विषय पर एक सत्र आयोजित करने जा रहे हैं| यह सत्र अपरान्ह 4 बजे से होगा| इस सत्र को महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री सुरेश तोमर संबोधित करेंगे| आप सभी से निवेदन है कि समय से जुडें|
सत्र का विषय - "लिंग आधारित हिंसा और बच्चों पर इसके प्रभाव"
सत्र दिनांक/समय - 24 जनवरी, अपरान्ह 4 बजे
"बाल संरक्षण एवं बाल विवाह पर जागरूकता: तनीषा गुप्ता ने आगाज इंटर्नशिप 3.0 के माध्यम से किया समाज को संजीवनी बूती से परिपूरित"
आगाज इंटर्नशिप 3.0 के तहत चयनित हुई तनीषा गुप्ता ने बाल संरक्षण और बाल विवाह पर लोगों को जागरूक करने के लिए उदाहरणीय पहल की। उन्होंने भाषण के माध्यम से और घर-घर जाकर समाज में जागरूकता फैलाई।
तनीषा गुप्ता ने आगाज की इंटर्न बनकर इस मुद्दे पर कई समीक्षा बैठकें और जागरूकता अभियान चलाया। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से महिला हिंसा और बाल विवाह के खिलाफ पोस्ट साझा किए और रील्स बनाकर युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का प्रयास किया।
गुप्ता ने अपने मोहल्ले के लोगों को एकत्रित करके उन्हें बाल विवाह और महिला हिंसा के खिलाफ जागरूक किया और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से समाज को यह साबित करने के लिए कहा कि इस मुद्दे में लोग अगर सहयोग करें तो हमारा समाज बाल विवाह मुक्त हो सकता है।
उन्होंने बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में जाकर भी जागरूक किया और उनसे शपथ लेने के लिए कहा कि वे बाल विवाह में शामिल नहीं होंगे और अगर किसी को ऐसा करते देखें तो हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें।
इस पहल के माध्यम से तनीषा गुप्ता ने समाज में जागरूकता फैलाने में सफलता प्राप्त की है और बाल विवाह और महिला हिंसा को रोकने के लिए समृद्धि से काम किया है।
टीम आग़ाज़
"बदलते समय की धारा: युवा अभियांता ने शुरू की लैंगिक शोषण के खिलाफ अभियान"
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धन्यवाद दिसम्बर! आशा की अंतिम चुस्की और परिवर्तन की पहली गुदगुदी
दिसम्बर माह में शुरू हुई एक नई अभियानता ने अपने प्रयासों से एक नया साकारात्मक परिवर्तन लाने का कारगर साबित किया है। इस उत्कृष्ट अभियान के पीछे हैं आगाज़ इंटर्न गीतू तोमर, जिन्होंने अपनी इंटर्नशिप की शुरुआत दिसम्बर में की थी।
इस अभियान की शुरुआत ने उठाई एक ऐसी समस्या जो आदिवासी समुदायों, विशेषकर बंजारा और सहरिया जनजातियों को छू रही थी - लैंगिक शोषण। इस अभियान ने दिखाया कि कैसे आपसी वार्ता और शिक्षा के माध्यम से यह समस्या जागरूकता फैला सकती है और लोगों को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकती है।
आदिवासी समुदायों में की गई यात्रा ने उनके बीच जागरूकता और समझ का एक नया रूप प्रस्तुत किया है। गीतू ने साबित किया कि शिक्षित समाज में भी इस समस्या को समझना और बताना अगर चुनौतीपूर्ण हो सकता है, तो उसे सही से साझा करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गीतू ने अपने अभियान को रौंगत देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों जैसे फेस पेंटिंग, नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग, और खेल गतिविधियों का आयोजन किया। इसके माध्यम से उन्होंने लोगों को सकारात्मकता की ओर मोड़ने के लिए प्रेरित किया और समस्याओं का सही से सामना करने की कला सिखाई।
गीतू ने अपने अभियान की ऊर्जा और उत्साह से भरी गुंजाइश की है और उन्हें आगे बढ़कर और भी बड़े क्षेत्रों में लोगों के साथ मिलकर काम करने का इरादा है। उनकी उदारता और जिज्ञासा ने उन्हें लोगों के दिलों में स्थान बनाए रखने की कला सिखाई है और इससे शोषण मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
इस अभियान ने साबित किया है कि प्रत्येक व्यक्ति की छोटी सी कोशिश से भी बड़ा परिवर्तन संभव है और शोषण मुक्त समाज की दिशा में एक सशक्त आदर्श समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
गीतू का आग्रह: "आपको ही शुरुआत करनी होगी उस परिवर्तन की जो आप समाज में चाहते हैं।"
टीम आग़ाज़
नशा वर्जित - भारत हर्षित
”योगा से होगा” मनो सामाजिक समस्यायों का हल, बच्चों को यह भरोसा दिला रही हैं रतलाम की लक्षिता उपाध्याय
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“योगा से होगा,” यह जुमला हम सुनते आ रहे हैं लेकिन योगा से बच्चों की मनोसामाजिक समस्यायों का हल भी होगा, यह बात हमने न सुनी थी और न ही हमारे पास इस तरह के उदाहरण हैं| पर रतलाम जिले की आग़ाज़ इंटर्न लक्षिता उपाध्याय यह प्रयोग कर रही हैं बच्चों के साथ|
लक्षिता बताती हैं कि हम सभी जानते हैं कि कोविड के बाद से बच्चों के सामने कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं उनमें शामिल है मनो सामाजिक समस्याएं| उससे निबटने के लिए अलग-अलग तरह के जतन किये जाना बहुत जरुरी है| मैंने बच्चों को इस चुनौती से उबारने के लिये योगा को माध्यम के रूप में चुना| लक्षिता कहती हैं कि मैं सबसे पहले बच्चों के साथ योगा करती हूँ , फिर उन्हें बताती हूँ कि कैसे हम सूक्ष्म व्यायाम कर हम नित्य मन को शांत रख सकते है। जैसे सूर्य नमस्कार कर हम मानसिक तनाव को कम करेगे, इंद्रियों को जागृत करेगे जो मस्तिष्क और रक्त संचार को संतुलित करेगा एवं याददाश्त को तेज़ करने में भी लाभदायक है।
लक्षिता कहती हैं कि इस प्रक्रिया से हम इन समस्यायों से निबटने के लिए बच्चों को तैयार रख सकते हैं| उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ वे नशा मुक्त रतलाम बनाने की प्रक्रिया भी चला रही हैं| वे कहती हैं कि इस पूरी प्रक्रिया में बच्चों के सामने नशे के दुष्प्रभाव सामने रखते हुए बच्चों को इससे बचने की समझाईश देकर शपथ दिलवाने का काम भी कर रही हूँ| बच्चे शपथ में कहते हैं कि “हम बच्चे भारत का आज हैं, और हम कभी भी धूम्रपान व नशीले पदार्थो का सेवन नहीं करेंगे, और न ही लोगों को करने देंगे| हम नशे से मुक्त भारत और विश्व बनाने के लिए प्रयास करेगें "।
लक्षिता ने बच्चों को पॉकेट डायरी भी भेंट की है ताकि वे अपने दैनिक जीवन की चुनौतियों को लिख सकें। लक्षिता ने बच्चों के माता-पिता के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण भी किया है और उसी के आधार पर वे बच्चों के साथ काम कर रही हैं| वे अभी बोर्ड परीक्षाओं के तनाव को देखते हुए सत्र भी आयोजित करेंगी|
टीम आग़ाज़
आग़ाज़ 3.O इंटर्न इरम अंसारी ने सेमिनार, दीवार लेखन के द्वारा बच्चों को मनो-सामाजिक समस्या से उबारा।
टीकमगढ़ के शासकीय उत्कृष्ट स्नातकोत्तर महाविद्यालय से चयनित आग़ाज़ 3.O इंटर्न इरम अंसारी बाल संरक्षण के विषय “बच्चों के मध्य मनो सामाजिक समास्या” पर कार्य कर रही है, जिसमे से सेमिनार, दीवार लेखन, खेल, विविध प्रकार की प्रतियोगिता जैसे - भाषण, रंगोली, प्रश्नोत्तरी इत्यादि शामिल है।
इरम जिले के विभिन्न विद्यालयों में जाकर बच्चों से मनो-सामाजिक समस्या संबंधित चर्चा कर रही है, उनको इस समस्या के बारे में विस्तार से बताती है कि ये क्या है, इनके कारण और हम सब आज के दौर में इनसे कैसे बचा जा सकता हैं।
इन्होने कई बच्चों से बात कर के उनकी मानसिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया है साथ ही साथ टीकमगढ़ जिले में जगह -जगह तथा गांव में जा कर दीवार लेखन कर रही है जिससे न सिर्फ बच्चों पर बल्कि समाज के हर वर्ग के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है इतना ही नहीं ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने के लिए इन्होंने सोशल मीडिया का प्रयोग किया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे कि- व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम ,फेसबुक, एक्स आदि पर अपनी दैनिक गतिविधि पोस्ट की जिससे इस दौर के तनाव भरे जीवन से निकाल सकीं।
साथियों, कल राष्ट्रीय युवा दिवस (12 जनवरी) के मौके पर "युवा नेतृत्व" विषय पर हम एक सत्र कर रहे हैं। यह सत्र रासेयो मध्यप्रदेश के आधार स्तम्भ, ईटीआई प्रशिक्षक और कार्यक्रम अधिकारी, मुक्त ईकाई बरकतउल्ला विवि श्री राहुल सिंह परिहार द्वारा किया जायेगा।
बच्चों के साथ मनोसामाजिक समस्याओं विषय पर केंद्रित बहुप्रतीक्षित सत्र सोमवार यानी 1 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे से है। यह महत्वपूर्ण सत्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. कविता जंगम लेंगी।
🤩 आगाज इंटर्नशिप 3.0 सूची🤩
*आगाज इंटर्नशिप 3.0* के लिये राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े जिन साथियों का चयन हुआ है। उन सभी की विवि वार फायनल सूची इस प्रकार है। सभी को शुभकामनाएं।
आज हमारे मुक्ति अभियान का छठवां दिन है।
आज हमारे मुक्ति अभियान का पांचवा दिन है।
आज हमारे मुक्ति अभियान का चौथा दिन है।
आज हमारे मुक्ति अभियान का तीसरा दिन है।
जय हिंद दोस्तों 🌸🌸
आज हमारे मुक्ति अभियान का दूसरा (बाल विवाह) दिन है।
आज हमारे मुक्ति अभियान का पहला दिन है।
#अंतिम_दो_दिन_शेष 📣📣📣
#जल्दी_करें 🌼🌼
☆आग़ाज़ 3.0 - Voices for Child Protection☆
(किशोर एवं युवा इंटर्नशिप 2023)
#आवेदन_की_अंतिम_तिथि - 01 दिसंबर 2023
यूनिसेफ, मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े किशोर और युवाओं से आग़ाज़ इंटर्नशिप के तहत बाल संरक्षण विषय पर समुदाय में काम करने हेतु आवेदन आमंत्रित कर रहा है| इस इंटर्नशिप हेतु बाल संरक्षण से जुड़े विषयों जैसे बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना, बाल लैंगिक शोषण(लिंग आधारित हिंसा) ,बाल विवाह, बाल मजदूरी, शारीरिक /भावनात्मक हिंसा और दुर्व्यवहार, छेड़खानी और उत्पीड़न,बाल दुर्व्यापार, ऑनलाइन जोखिम और हिंसा (सोशल मीडिया सहित), चिंता, तनाव आदि।
इंटर्नशिप अवधि – 03 माह
शैक्षणिक योग्यता – 10वीं पास
अधिक जानकारी के लिए पोस्ट में अटैच ब्रोशर अवश्य पढ़ें।
किशोर एवं युवा इंटर्नशिप में भाग लेने के लिए गूगल फॉर्म भरें(Bio में दी गई लिंक पर क्लिक करें):
https://forms.gle/DtcM7Tk4CNihZCCDA
इंटर्नशिप से जुड़ी जानकारी के लिए संपर्क करें:
7974467496
[email protected]
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■किशोर एवं युवा इंटर्नशिप 2023■
आवेदन_की_अंतिम_तिथि - 01 दिसंबर 2023
यूनिसेफ, मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े किशोर और युवाओं से आग़ाज़ इंटर्नशिप के तहत बाल संरक्षण विषय पर समुदाय में काम करने हेतु आवेदन आमंत्रित कर रहा है| इस इंटर्नशिप हेतु बाल संरक्षण से जुड़े विषयों जैसे बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना, बाल लैंगिक शोषण(लिंग आधारित हिंसा) ,बाल विवाह, बाल मजदूरी, शारीरिक /भावनात्मक हिंसा और दुर्व्यवहार, छेड़खानी और उत्पीड़न,बाल दुर्व्यापार, ऑनलाइन जोखिम और हिंसा (सोशल मीडिया सहित), चिंता, तनाव आदि।
इंटर्नशिप अवधि – 03 माह
शैक्षणिक योग्यता – 10वीं पास
आवेदन की अंतिम तिथि: 01 दिसंबर 2023
अधिक जानकारी के लिए पोस्ट में अटैच ब्रोशर अवश्य पढ़ें।
किशोर एवं युवा इंटर्नशिप में भाग लेने के लिए गूगल फॉर्म भरें(Bio में दी गई लिंक पर क्लिक करें):
https://forms.gle/DtcM7Tk4CNihZCCDA
इंटर्नशिप से जुड़ी जानकारी के लिए संपर्क करें:
7974467496
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