Videos by Abhi Dubey in Buxar. साधक || योद्धा || यात्री
और मेरे प्रेम में कोई नायक नायिका नहीं थे ।
बस प्रेम था ।
अक्सर मां को उसके स्कूल छोड़कर जब वापस अकेले लौट रहा होता हूं , तो जैसे वह मेरे स्कूटी के बैक सीट पर आ बैठती है। सर के बालों को बेतरबी से बिखेरती सहेजती,कानों को छू खिलखिलाती हुई वो अक्सर साथ में होती है । इस दरम्यान बातें खूब होती है। किसी रोज़ बारिश ,किसी रोज़ घने अंधेरे बदरी ,और किसी रोज़ खेतों में लगे फसलों के बीच से दौड़ती भागती उसकी हंसी को साफ सुन पाता हूं । शाम में जब गंगा किनारे होता हूं तो किनारे पर लगती लहरें , सर उपर करता हूं तो झुमते पेड़ पौधे यह बताने के लिए काफी होता है कि वह भी मुझे देख खुश हैं । हम दोनों हमेशा आस पास होते हैं पर एकांत और मौन में जैसे और भी करीब हो।
☺️ Abhi Dubey
और मेरे प्रेम में कोई नायक नायिका नहीं थे । बस प्रेम था । अक्सर मां को उसके स्कूल छोड़कर जब वापस अकेले लौट रहा होता हूं , तो जैसे वह मेरे स्कूटी के बैक सीट पर आ बैठती है। सर के बालों को बेतरबी से बिखेरती सहेजती,कानों को छू खिलखिलाती हुई वो अक्सर साथ में होती है । इस दरम्यान बातें खूब होती है। किसी रोज़ बारिश ,किसी रोज़ घने अंधेरे बदरी ,और किसी रोज़ खेतों में लगे फसलों के बीच से दौड़ती भागती उसकी हंसी को साफ सुन पाता हूं । शाम में जब गंगा किनारे होता हूं तो किनारे पर लगती लहरें , सर उपर करता हूं तो झुमते पेड़ पौधे यह बताने के लिए काफी होता है कि वह भी मुझे देख खुश हैं । हम दोनों हमेशा आस पास होते हैं पर एकांत और मौन में जैसे और भी करीब हो। ☺️ Abhi Dubey
सुबह का समय प्रकृति और स्व के साथ बिताए , उर्जान्वित करेंगी यह प्रकृति । आपको जो चाहिए वो मौजूद है बस अपनी फ्रीक्वेंसी उस फ्रीक्वेंसी से सेट कर लय को पकड़ने की कोशिश करनी है । साक्षी हो जाइए और देखिए बस देखिए , छोड़ दिजिए कुछ पल के लिए हर राय, अवधारणा, पूर्वाग्रह ,सोच , तर्क । बस स्वतंत्र हो जाइए ,कुछ विरोध नहीं । हर सुबह इन लहरो के साथ लहर ही हो जाइए , बहते हवाओं के साथ हवा , कलकल के आवाज के साथ कलकल 💚 Abhi Dubey #GoWithNature #Ganga #nature #morning
आत्मरक्षा प्रशिक्षण को लेकर हमारे यहां व्यापक स्तर पर गड़बड़ी और कई बड़ी खामियां हैं । हिंसा से खुद की बचाव व सुरक्षा को अधिकांशतः मार्शल आर्ट्स प्रशिक्षण और शारीरिक प्रदर्शन को समझ बैठते हैं। आपकी ट्रेनिंग का उद्देश्य क्या है ? शारीरिक फिटनेस , खेल , आर्ट ? तब आप ठीक है । परन्तु अगर आप आत्मरक्षा के नाम पर मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण ले रहे हैं तो फिर वास्तविक हिंसा से रूबरू होने का प्रतीक्षा करें।😊 जब आप किसी मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करते हो तो आप एक नियंत्रित वातावरण में और आपके मस्तिष्क के उपर दबाव नहीं होता। मार्शल आर्ट्स का एक ग्रामर है परन्तु हिंसा का कोई ग्रामर नहीं होता है और जब आप वास्तविक हिंसा से गुजर रहे होते हो तब आपका सामना एक अनियंत्रित वातावरण से होता है , मस्तिष्क दबाव से गुजर रहा होता है,अस्पष्ट और कम सुनाई देता है ,एक टनल विजन का निर्माण होता ह
“It doesn’t matter how fast or how far you’re going. If you’re putting on your shoes and going out for a run, you are a runner, you are in that club.” - kara Goucher Jogging 👟🏃❤️ #running #training #snow #mountains #team #squad #morning #education #inspire #nature #love #world #india
“Tough times never last, but tough people do.” – Dr. Robert Schuller #squad #br44 #Brahmastra_101 #training #inspiracion #fightback #hard #fitness #martialart #insta #bihar #buxar #india #selflove #just