Maithil Anand

Maithil Anand

केवल एक संकल्प ध्यान मे मिथिला राज्य हो संविधान में

Mithila (Hindi/Urdu: मिथिला متھلا, mithilā Tirhuta: মিথিলা) is a proposed state in India, comprising the Maithili speaking region of Northern and Eastern Bihar. It is part of the historical Mithila region.[1] The proposed state will also include some Angika and Bajjika speaking districts which are considered by some to be dialects of Maithili.[2] What will be the capital city of Mithila, India is

29/06/2024

#आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम #शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा।।
निर्विकार #ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
#शिवम सत्यम सुंदरा।।

19/05/2024

31/10/2023
16/08/2023

कुल्हाड़े और दरांती से निर्माण असंभव है।

हिंदुत्व की परिकल्पना के पैरोकार आज सचर हैं!

विराट हिंदुत्व के साए में सकल आर्यवर्ती जनसाधारण के एकीकरण का विशाल लक्ष्य प्रस्तावित है।

परंतु....

साध्य के संग साधन की पवित्रता निहायत ही जरूरी है।

साध्य आज भी पवित्र है परंतु साधन अपवित्र है।

कुछ दंभी और अदूरदर्शी नेतृत्व की स्वार्थपरता और येन केन प्रकारेण सत्ता की लालसा ने हिंदुत्व को नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी किया है,

तथापि

यह हिंदुत्व जो राष्ट्रवाद के गर्भ से अंकुरित हुआ किसी एक सत्ता समूह का दायित्व नहीं है, यह उन्हें समझना होगा।

गगन में लहरते राष्ट्रध्वज को देख क्या उनका रक्त उबलता नहीं?

राष्ट्र की जयघोष के नारे क्या उनके कंठो की शोभा नहीं बढ़ाते?

लेकिन.....

तुम हमें उस विराट एकीकरण से अलग करने का षडयंत्र रचते हो।

हमारे तेज को अपने अंधकार रूपी अहंकार से ग्रहण लगाना चाहते हो।

याद रहे.....

यह पीढ़ियों से संकलित संस्कार कभी स्खलित नहीं होंगे।

कुछ हमारे रक्तवर्णी तुम्हारी पंक्ति में बैठ अमृत के नाम पर विष पी रहे हैं।

तुमने अपनी मंदाकिनी से हमारे इन युद्धिष्ठिरों को बांध रखा है।

सत्ता मद की रंगीनियों में वे हमारी धरती की चित्कार को सुनने में असमर्थ हैं।

अस्तु....

अंधकार कितना भी गहरा हो उजाले की एक किरण उसके तंतुओं को विदीर्ण करने में सक्षम होती है।

ऐसे रश्मिरथी तैयार हो रहे हैं। ऐसे किरणमयी किरदार बन रहे हैं।

जब.....

धर्मयुद्ध का स्वर्ण शंख बजेगा नई पंक्तियाँ बनेगीं।

नए सूरज खिलेंगे।

नए सृजन के गीत फिजाओं में गूजेंगे।

तबतक तुम अपने तीर-तरकश बनाओ हम अपने कुठार की चमक बनाएं।

मातृस्वरूपा बहिन जानकी की संस्कृति-रक्षार्थ मिथिला राज्य की स्थापना, खंडित भारत को अखंड बनाने का प्रकल्प है।

जय मिथिला। जय हिंद।

11/07/2023

मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि
जीने का अलग है अंदाज मेरे।

10/07/2023

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्‌।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम्‌ ॥1॥

परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्‌।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥

वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥

एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥

॥ इति द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति संपूर्णम्‌ ॥

Photos from Maithil Anand's post 25/03/2023
24/03/2023

दरभंगा में कुछ राष्ट्रप्रेमी व्यक्तियों द्वारा 'हिन्दू राष्ट्र' लिखे झंडे नववर्ष के अवसर पर लगाए गए।

पता चला है कि दरभंगा जिला-प्रशासन द्वारा इस लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है।

हिन्दुस्तान में अगर 'हिन्दू राष्ट्र' की बात नहीं होगी तो क्या पाकिस्तान में यह बात की जाएगी!

हिन्दू राष्ट्र की बात करना 'अपराध' कैसे हो गया?

Photos from Maithil Anand's post 18/02/2023

#बम #भोले

28/07/2022

किसी क्षेत्र को चाहिए कि वह अपना निस्पृह नेतृत्व तथा निर्भीक विचारक जन्म दे।

उस क्षेत्र विशेष की सामूहिक प्रगति के लिए यह आवश्यक है।

आजतक मिथिला इन दोनों पक्षों पर कमजोर साबित होता आ रहा है।

मिथिला में किसी भी एक नेतृत्व पर मतैक्य इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि कोई भी नेतृत्व, स्वतंत्र बुद्धि और क्षमता पर विस्वास नहीं करता।

सब किसी आपाधापी अथवा अमुक की चरण-वंदना में लिप्त हैं।

ऐसा नेतृत्व कार्यकर्ता की निर्भीक सोच को आलोचना समझने की भूल करता है।

इससे नए विचारों और उपायों की अनुपलब्धता हो जाती है।

विविधता और विभिन्नता को एक मान लेना गलत है।

मैं विचारों की विविधता को विकास की अवस्था मानता हूँ, विभिन्नता को नहीं।

इसीलिए विचारों को किसी एक व्यक्ति या समूह या दल की परिधि से स्वतंत्र रख पाया और आगे भी इसी पथ पर प्रतिबद्ध रहना है।

यद्यपि यह अलग बात है कि अक्षम तथा अविकसित बुद्धि के लोग इस प्रकल्प को समझ नहीं पाते हैं।

वेद वाक्य है “आस्ते भग आसीनस्य”
अर्थात ठहरे हुए व्यक्ति का सौभाग्य भी ठहर जाता है।

मिथिला को इस ठहराव से मुक्त करना ही मेरी मूल चेतना है।

जय मिथिला।

14/07/2022

मिथिला के लोगों सावधान हो जाओ!

बिहारी सत्ता द्वारा राजनीति के जिस घिनौने 'समझौते' की ओर मैंने कुछ दिन पहले कहना शुरू किया था उसका पहला उदाहरण आपके समक्ष आ चुका है।

चरमपंथी PFI और प्रतिबंधित सिमी से संबंद्ध रखने वाले जिहादी पटना में पकड़े गए हैं।

उनका लक्ष्य है 2047 तक भारत राष्ट्र का इस्लामीकरण।

ऐसी दुर्दांत सोच रखनेवाले चरमपंथी लोगों की तुलना पाटलिपुत्र के एस एस पी द्वारा राष्ट्रवादी 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' के साथ करना 'सामाजिक द्रोह' है।

एसएसपी द्वारा यह सामाजिक द्रोह किसके इशारे पर किया गया?

बिहारी सत्ता प्रतिष्ठान के इशारे पर यह 'द्रोह' किया जा रहा है।

इस राष्ट्र की रक्षा के लिए 'कृपाण' धारण करनेवाली कौम को 'बिहारी सत्ता' द्वारा अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कठपुतली की तरह उपयोग किए जाने की भर्त्सना करता हूँ।

'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे' मंत्र को अपने संकल्प से सिद्ध करनेवाले संगठन की तुलना एक आतंकवादी विचार वाले संगठन से करना यह सिद्ध करता है कि 'बिहारी सत्ता प्रतिष्ठान' अपनी सत्ता के मद और स्वार्थ में अंधा है।

और ऐसी अंधी सत्ता को खाद-पानी देनेवाले लोगों की संख्या 'मिथिला' में भी कम नहीं है।

आंखे और दिमाग खोलिए!

खतरा आपकी दहलीज पर है।

मिथिला राज्य: राष्ट्रवाद और जमीन 11/07/2022

https://www.youtube.com/watch?v=jkVubW4cl10

मिथिला राज्य: राष्ट्रवाद और जमीन मिथिला राज्य, बहुत हुई हवा-हवाई बातें। जमीन पर कितने हुए हैं काम? कितना कठिन सफर? कितनी पुरानी लड़ाई? क्यों भाषा नही.....

08/07/2022

आज से दस वर्ष पूर्व जब दिल्ली में मिथिला राज्य निर्माण सेना का गठन हुआ तो सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि कैसे 'मिथिला राज्य' आंदोलन को मिथिला क्षेत्र में स्थापित किया जाए!

क्योंकि मिथिला राज्य की मांग को सर्वप्रथम बिहार में लोकप्रिय करना जरूरी था।

क्योंकि मिथिला की जनता को यह समझाना आवश्यक था कि मिथिला राज्य इसलिए जरूरी है क्योंकि बिहारी सत्ता द्वारा मिथिला का आर्थिक दोहन किया जा रहा है और हम मिथिला के लोग कंगाल होते जा रहे हैं।

तब से लेकर आज तक मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा लगातार विभिन्न तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनमानस में 'मिथिला राज्य' के प्रति एक सामाजिक-राजनीतिक चेतना का विकास किया जा रहा है।

अब जरूरी है कि हमारे द्वारा चुने गए विधायकों तथा बिहार विधानसभा तक 'मिथिला राज्य' के मुद्दे को सही तरीके से पहुंचाया जाए।

हम चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़े और आगे भी यही तरीका अपनाएंगे। क्योंकि,

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं!

जय मिथिला। जय जानकी।
ले जान कि दे जान।

07/07/2022

मिथिला राज्य आंदोलन के संदर्भ में आज मिथिला राज्य निर्माण सेना कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई।

मिथिला राज्य आंदोलन की गतिविधि को संवैधानिक रूप से सहज पथ पर रखने हेतु इस बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:-

1. मिथिला राज्य निर्माण सेना का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर 'मिथिला राज्य' से संबंधित प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराने के लिए ज्ञापन देगा।

2. ऐसा ही एक ज्ञापन सभी दलों के विधायकों तथा विधान पार्षदों को भी दिया जाएगा कि वो विधानसभा में 'मिथिला राज्य' निर्माण के संकल्प को उठाएं तथा उसे पारित कराने हेतु आवाज बुलंद करें।

3.आगामी विधानसभा सत्र में अगर यह मांग नहीं मानी गई तो मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा मिथिला क्षेत्र के विधायकों तथा पार्षदों के आवासीय कार्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा

4. उपर्युक्त मांगों को नहीं माने जाने की स्थिति में मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा बिहार विधानसभा के समक्ष धरना दिया जाएगा तथा

5. अंतिम उपाय के तौर पर मिथिला राज्य आंदोलन में सहभागी सभी पक्षों तथा आमजन के सहयोग से 'आर्थिक नाकेबंदी' की जाएगी।

आज के बैठक की अध्यक्षता श्री रंगनाथ ठाकुर द्वारा की गई तथा इस बैठक में अभय झा नुनु, राजेश झा तथा आनंद ठाकुर उपस्थित हुए।

जय मिथिला। जय जानकी।

ले जान कि दे जान।

07/07/2022

राज्य निर्माण के लिए अपवाद नहीं बल्कि सहज संवैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन करेंगे।

मिथिला राज्य निर्माण सेना का यह मानना है कि संविधान की सहज प्रक्रिया का पालन करते हुए 'मिथिला राज्य' का निर्माण हो।

संवैधानिक रूप से अपवाद के नियमों के प्रति आग्रह रखकर हम 'संविधान की मूल आत्मा' का क्षरण नहीं होने देना चाहते हैं।

इसलिए मिथिला राज्य निर्माण सेना का यह मानना है कि सर्वप्रथम 'बिहार विधानसभा' से 'मिथिला राज्य' के प्रति प्रस्ताव पारित हो।

जो मित्र मुझे 'झारखंड' राज्य के निर्माण का इतिहास पढ़ा रहे हैं उन्हें भावना से बाहर निकलकर तथ्यों से भी अवगत होना चाहिए।

झारखंड राज्य के निर्माण के क्रम में 27 सितंबर 1994 को केंद्र सरकार, बिहार सरकार और झारखंड आंदोलनकारी प्रतिनिधियों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ और एक सौ अस्सी सदस्यीय झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद पर हस्ताक्षर हुआ।

समझौता एक विधेयक के रूप में दिसंबर 1994 में पारित हुआ और राज्यपाल की मंजूरी के बाद 1995 में अंतरिम परिषद का गठन हुआ।

इस कारण से तत्कालीन केंद्र सरकार के ऊपर यह नैतिक दायित्व नहीं था कि वह सहज संवैधानिक प्रक्रिया का ही अनुपालन करे।

मिथिला राज्य निर्माण की स्थितियां भिन्न हैं।

यहाँ सहज संवैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन करके ही लक्ष्य प्राप्त करना उचित है।

03/07/2022

बड़े पापी हुए जो ताज मांगा!
किया अन्याय, अपना राज मांगा?

29/06/2022

अधर्म पर मौन बनकर जो मात्र निहारे जाते हैं।
भीष्म हो,द्रोण हो या कर्ण सब मारे जाते हैं ।।

26/06/2022

एक तो यह अच्छा लगा कि 'मिथिला राज्य' के मुद्दे पर बच्चे खुलकर सामने आ रहे हैं।

मैं तो लगातार यह कहता आ रहा हूँ कि सभी रोगों की एक दवा है- मिथिला राज्य।

देर आए दुरुस्त आए।

पर अब जरूरत 'डायरेक्ट एक्शन' की है।

राजनीतिक दलों के पोसुआ नेताओं को सड़क पर घेरने का समय आ गया है।

मिथिला को सुरक्षित करने के लिए हमें हमलावर होना होगा।

और वो हमला छुपकर नहीं बल्कि खुली धूप में चमकते सूरज के सम्मुख करना होगा।

इसीलिए तो नारा बना था- ले जान कि दे जान।

13/06/2022

आज धाम में!

हर हर महादेव.

11/06/2022

पुनौराधाम में प्रथम 'जानकी ध्वज' स्थापना के बाद आब ज्येष्ठ पूर्णिमा सोमवारी तदनुसार 13 जून के मिथिला क्षेत्र अंतर्गत बाबा बैद्यनाथ धाम तथा बाबा बासुकीनाथ धाम प्रांगण में 'जानकी ध्वज' आरोहण कैल जैत।

मिथिला क्षेत्र के सीमांकन हेतु, स्त्री सशक्तिकरण संग जानकी तत्व जागृति हेतु तथा संपूर्ण मिथिला के सुख-शांति हेतु मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा 'जानकी ध्वज' आरोहण कैल जा रहल अछि।

अहि ध्वजारोहण कार्यक्रम में डॉ राम सुभग चौधरी तथा आनंद ठाकुर द्वय संग रहता।

जय मिथिला। जय जानकी।
ले जान कि दे जान।

10/06/2022

Nitish Kumar CM Nitish Kumar

10/06/2022

मेरी बात थोड़ी बुरी लगे तो मुझे माफ़ मत करिएगा बल्कि मेरा अहसान मानिएगा मेरे #मुसलमान भाइयों।

हममें और अन्य धर्मांध लोगों में क्या अंतर होता है उसे समझिए।

कल कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'सीता माता का चीरहरण' हुआ था।

सीता जी हमारे लिए वही स्थान रखती हैं जो आपके लिए 'हजरत साहब' का है।

सुरजेवाला ने उन जगतजननी सीता जी के लिए आपत्तिजनक बात कहा है।

तदपि आपकी तरह हमारा 'इस्लाम खतरे में' नहीं आया है।

सुरजेवाला की लानत-मलामत करने के लिए हमें मॉरिसस-अरब को 'थैंक्यू' कहने की जरूरत नहीं है।

सुरजेवाला को उसकी गलती का अहसास कराने के लिए हमने उसके 'सर कलम' की घोषणा नहीं किया, फतवा जारी नहीं किया और न ही हमने मंगलवार को 'पत्थरबाजी' करना शुरू कर दिया।

हम सुरजेवाला को मूर्ख कह रहे हैं, कमअक्ल कह रहे हैं, बेवकूफ कह रहे हैं और अपना विरोध भी दर्ज कर रहे हैं।

धर्म को उतनी ही प्रमुखता मिलनी चाहिए जितनी की आवश्यकता 'सभ्य मनुष्य' बनने के लिए है।

वह धर्म नहीं कुछ और है जो हमें 'बर्बरता' सिखाए, हमें कट्टरता सिखाए।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला की सीता जी पर आपत्तिजनक बयान के लिए मेरी ओर से-

आक थू।

Photos from Maithil Anand's post 09/06/2022

आज दिनांक नौ जून तदनुसार ज्येष्ठ शुक्ल गंगा दशहरा दिन गुरुवार को पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार मिथिला राज्य निर्माण सेना के सेनानियों द्वारा मिरानिसे नेता अमित कुमार माधव चौधरी के नेतृत्व में प्रथम 'जानकी ध्वज' की स्थापना पुनौराधाम जानकी मंदिर प्रांगण में संपूर्ण विधि-व्यवहार के संग किया गया।

मिरानिसे द्वारा मिथिला क्षेत्र के सीमांकन हेतु, स्त्री सशक्तिकरण के निमित्त तथा संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में जानकी-तत्व की जागृति के उद्देश्य से जानकी ध्वज स्थापित करने का निश्चय किया गया है।

चूंकि मिथिला राज्य निर्माण सेना जानकी जी को अपना कमांडर मानती है इसीलिए प्रथम जानकी ध्वज की स्थापना हमने जानकी प्राकट्य स्थली पुनौरा में किया है।

आज के जानकी ध्वज स्थापना कार्यक्रम में मिरानिसे की ओर से डॉ राम सुभग चौधरी, पुपुन कुमार प्रसाद, आनंद ठाकुर, रचना झा, अतुल कुमार, विकास कुमार, विक्रम चौधरी सहित अन्य सेनानी उपस्थित हुए।

जय मिथिला। जय जानकी।
ले जान कि दे जान।

08/06/2022

कृपया ध्यान देंगे!

आदिकाल से मिथिला की धरती अपनी संतोषप्रद सनातनी जीवन-पद्धति के लिए विख्यात रही है।

पिछले कुछ वर्षों से मिथिला में आधुनिक जीवन शैली से उत्पन्न असंतोष के कारण हत्या-आत्महत्या सदृश पापाचार बढ़ने लगा है।

मिथिला को ऐसे पातकी विचार-व्यवहार से मुक्त कराने हेतु 'जानकी-तत्व' की जागृति आवश्यक है।

मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में जानकी-तत्व जागृति के लिए आंगन/दालान पर 'जानकी-ध्वज' स्थापित करने का आह्वान किया गया है।

इस निमित्त कल ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि को जानकी प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में प्रथम 'जानकी ध्वज' की स्थापना की जाएगी।

मिथिला का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक-राजनीतिक सुदृढ़ीकरण हेतु यह आवश्यक है कि हमारी 'श्रीलक्ष्मी' जानकी ध्वज से संपूर्ण मिथिला क्षेत्र आबद्ध हो।

कल दिन के ग्यारह बजे पुनौराधाम महंथ जी की उपस्थिति में मिरानिसे सेनानियों द्वारा प्रथम जानकी ध्वज की स्थापना होगी।

आप सभी इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं।

जय मिथिला। जय जानकी।

ले जान कि दे जान।

(केवल 'जय जानकी' लिखा हुआ अथवा अपने संगठन का नाम 'जय जानकी' के साथ लिखकर भी ध्वजा बना सकते हैं। कृपया इस पोस्ट को लाइक तथा शेयर करें)

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