Raghunath Singh Negi
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पश्चिमी वाला पुल निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा के समक्ष रखी अपनी पीड़ा #5-6 महीने से बंद है पुल | #पुल तो बंद कर दिया, लेकिन निर्माण की दूर-दूर तक कोई खबर नहीं ! #मोर्चा करेगा ग्रामीणों की समस्या का निदान |विकासनगर - पश्चिम वाला व आसपास के ग्रामीणों ने पश्चिमी वाला पुल निर्माण व निर्माण होने तक पुख्ता वैकल्पिक व्यवस्था कराय जाने की मांग को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी को अपनी परेशानियों से अवगत कराया | ग्रामीणों ने कहा कि उक्त पुल को 5-6 महीने पहले यातायात हेतु पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था, लेकिन विभाग की गैर जिम्मेदारी की वजह से उक्त पुल के निर्माण के संबंध में कोई प्रयास नहीं किए गए, जिस कारण ग्रामीणों को चौपहिया वाहन तो दूर, स्कूटर मोटरसाइकिल आदि से चलना भी भारी पड़ रहा है तथा उन्हें बगल से कच्ची रोड से होकर गुजरना पड़ रहा है| मोर्चा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शीघ्र ही पुल निर्माण को लेकर शासन में बात रखी जाएगी एवं निर्माण होने तक वैकल्पिक व्यवस्था का भी समुचित प्रबंध कराने की दिशा में प्रयास किया जाएगा | मोर्चा टीम के साथ मौके पर महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह व ग्रामीणों में बृजेश गुलरिया, पंकज नौटियाल, नरेंद्र तोमर, राजपाल ठाकुर, अजब किशोर नौटियाल, प्रेम सिंह गुलेरिया, सूर्य प्रकाश शर्मा, अजय ठाकुर ,सुरेश बेलवाल, कपिल ठाकुर, अजय गुलेरिया, बृजेश कुमार दान सिंह,सुंदर सिंह, जगदीश, मुन्नालाल, वीरेंद्र ठाकुर, कुलदीप, पवन, प्रदीप डोगरा, वीरेंद्र चौधरी, अमन शर्मा व प्रेम सिंह आदि थे |
कोरोना काल में लोग कराहते रहे, हरक एंड कंपनी डकार गई करोड़ों की राशन किट्स -मोर्चा #2.5 लाख राशन किट्स खरीदने हेतु किया था टेंडर जारी, खरीदी गई 3.25 लाख किट्स | #राशन किट्स में उपलब्ध सामान में थी जबरदस्त भिन्नता | #75000 किट्स बांटी गई अपंजीकृत लोगों को, सब हवा-हवाई ! #सरकार कराए सीबीआई जांच विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2020 में श्रम मंत्री श्री हरक सिंह रावत की सरपरस्ती में कोरोना काल के दौरान कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों हेतु ढाई लाख राशन किट्स खरीदने हेतु टेंडर जारी किया, लेकिन बाद में 75000 राशन किट्स पंजीकृत श्रमिकों हेतु और खरीदने का दावा किया गया | ये 2.5 लाख एवं 75000 किट्स किसको बांटी गई, यह शायद कर्मकार बोर्ड को भी मालूम नहीं है और न ही विभाग को यह पता है कि ये किट्स किस वाहन से आई ! वास्तविकता तो यह है कि लगभग 50-60 फ़ीसदी श्रमिकों को ही किट्स बांटी गई | कर्मकार बोर्ड द्वारा ठेका अपनी चेहती कंपनी आईटीआई लिमिटेड को लगभग ₹988 प्रति किट के हिसाब से स्वीकृत किया गया, जिसमें 14 वस्तुओं का एमओयू साइन किया गया | कर्मकार बोर्ड द्वारा टेंडर के अनुसार उपलब्ध किट में चावल 3 किग्रा,
दाल 1 किग्रा, भुना चना 500 ग्राम, साबुन दो व मसाला 200 ग्राम दर्शाया गया, जबकि आपूर्तिकर्ता कंपनी आईटीआई लिमिटेड द्वारा चावल 5 किग्रा, दाल 2 किग्रा, साबुन 4, भुना चना एक किग्रा एवं मसाला 250 ग्राम की आपूर्ति की गई, दर्शाया गया है | उपरोक्त तथ्यों के आधार पर खरीद एवं वितरण में काफी भिन्नता है | किट्स में सामान की मात्रा कम थी एवं गुणवत्ता भी निम्न स्तर की थी | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस प्रकरण की खरीद एवं वितरण की उच्च स्तरीय जांच करा कर श्रमिकों को न्याय दिलाएं |
सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की रिपोर्ट को क्यों सार्वजनिक नहीं किया जा रहा -मोर्चा #जांच कमेटी जून 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट | #आयोग को भी बरगलाने की कोशिश कर रही सरकार | #राजभवन ले मामले का संज्ञान |
विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट को लगभग डेढ़ साल से सार्वजनिक न किए जाने के मामले में मा. सूचना आयोग ने शासन से रिपोर्ट तलब कर पूछा है कि पत्रावली पर क्यों करवाई नहीं हो रही है तथा क्यों जांच रिपोर्ट से संबंधित दस्तावेज मोर्चा को उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं ? उक्त मामले में मा. सूचना आयोग के निर्देश के क्रम में सहकारिता विभाग ने बताया कि दिनांक 23.12.2022 को चयन समिति का पक्ष रखने हेतु पत्र प्रेषित किया गया तथा दिनांक 13.2.2023 को रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई |शासन द्वारा जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर कार्मिक विभाग से परामर्श प्राप्त कर किया गया तथा दिनांक 10/5/ 2023 को आरक्षण संबंधी बिंदुओं का परीक्षण कराए जाने हेतु जांच अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया तत्पश्चात जांच अधिकारी द्वारा 9/6/ 2030 को जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई | उक्त के उपरांत पत्रावली दिनांक 9/6/23 को सचिव, सहकारिता को प्रस्तुत की गई तथा दिनांक 3/ 9/2023 को पत्रावली उच्च स्तर पर निर्णार्थ प्रस्तुत की गई |यानी घोटाले की जांच से जनता का ध्यान हटाने के लिए जांच पर जांच की जा रही है पत्रावली को अनावश्यक रूप से घुमाया जा रहा है | प्रतीत होता है बहुत बड़े वाले सफेदपोशों का इस घोटाले में हाथ है | मोर्चा पहले भी उक्त घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर चुका है | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था ,जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित की थी | नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए में बेचा गया | मोर्चा राजभवन से मामले का संज्ञान लेने की मांग करता है |
सरकार को गुमराह कर अधिकारियों ने बांट दिए आसान कंजर्वेशन में स्टोन क्रशर के लाइसेंस -मोर्चा #भारत सरकार/ उच्च न्यायालय के निर्देशों को किया गया तार-तार| #नीचे से ऊपर तक हर अधिकारी की भूमिका संदिग्ध! #आसान कंजर्वेशन की 10 किलोमीटर की परिधि में है बिल्कुल मनाही | #एमडीडीए/ साडा से भी नहीं ली गई अनुमति| #राजभवन ले मामले का संज्ञान | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकार को गुमराह कर आसान कंजर्वेशन जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर ही स्टोन क्रेशर लाइसेंस जारी कर क्रशर स्थापित करवा दिए | नेगी ने कहा कि भारत सरकार के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2(24क) के तहत आसन कंजर्वेशन रिजर्व को बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है तथा मा. उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका संख्या 66/2014 दिनांक 5/ 5 /2014 में उक्त संवेदनशील क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर बिना नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति के किसी भी प्रकार की खनन से संबंधित गतिविधियों पर पूर्णतया लगा चुका है यानी रोक लगाई गई है, लेकिन बावजूद इसके नीचे से ऊपर तक अधिकारियों ने भारी भरकम रकम हासिल कर सकारात्मक रिपोर्ट लगा दी, जिसके तहत सरकार ने 6-7 स्टोन क्रेशर आवंटित कर दिए |उक्त के अतिरिक्त यह भी प्रावधानित है कि उक्त क्षेत्र में दूनघाटी (वर्तमान में एमडीडीए) से भी अनुमति जरूरी है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं |आलम यह है कि अधिकारी आमजन की पत्रावलियां यानी उनके आवेदनों पर कार्यवाही करना तो दूर, उसमें आपत्तियां लगाकर परेशान करते हैं,लेकिन माफियाओं के लिए इनके दिल में बड़ा रहम है | मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि उक्त गंभीर मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करें | अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मोर्चा मा. न्यायालय में दस्तक देगा | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा सचिव दिलबाग सिंह व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |
सरकार को गुमराह कर अधिकारियों ने बांट दिए आसन कंजर्वेशन में स्टोन क्रशर के लाइसेंस -मोर्चा
सरकार को गुमराह कर अधिकारियों ने बांट दिए आसान कंजर्वेशन में स्टोन क्रशर के लाइसेंस -मोर्चा Spread the loveसरकार को गुमराह कर अधिकारियों ने बांट दिए आसान कंजर्वेशन में स्टोन क्रशर के लाइसेंस -मोर्चा भारत सरकार/ उच्च ...
सरकार को गुमराह कर अधिकारियों ने बांट दिए आसन कंजर्वेशन में स्टोन क्रशर के लाइसेंस -मोर्चा #भारत सरकार/ उच्च न्यायालय के निर्देशों को किया गया तार-तार| #नीचे से ऊपर तक हर अधिकारी की भूमिका संदिग्ध! #आसन कंजर्वेशन की 10 किलोमीटर की परिधि में है बिल्कुल मनाही | #एमडीडीए/ साडा से भी नहीं ली गई अनुमति| #राजभवन ले मामले का संज्ञान | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकार को गुमराह कर आसन कंजर्वेशन जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर ही स्टोन क्रेशर लाइसेंस जारी कर क्रशर स्थापित करवा दिए | नेगी ने कहा कि भारत सरकार के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2(24क) के तहत आसन कंजर्वेशन रिजर्व को बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है तथा मा. उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका संख्या 66/2014 दिनांक 5/ 5 /2014 में उक्त संवेदनशील क्षेत्र में 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर बिना नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति के किसी भी प्रकार की खनन से संबंधित गतिविधियों पर पूर्णतया लगा चुका है यानी रोक लगाई गई है, लेकिन बावजूद इसके नीचे से ऊपर तक अधिकारियों ने भारी भरकम रकम हासिल कर सकारात्मक रिपोर्ट लगा दी, जिसके तहत सरकार ने 6-7 स्टोन क्रेशर आवंटित कर दिए |उक्त के अतिरिक्त यह भी प्रावधानित है कि उक्त क्षेत्र में दूनघाटी (वर्तमान में एमडीडीए) से भी अनुमति जरूरी है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं |आलम यह है कि अधिकारी आमजन की पत्रावलियां यानी उनके आवेदनों पर कार्यवाही करना तो दूर, उसमें आपत्तियां लगाकर परेशान करते हैं,लेकिन माफियाओं के लिए इनके दिल में बड़ा रहम है | मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि उक्त गंभीर मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करें | अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मोर्चा मा. न्यायालय में दस्तक देगा | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा सचिव दिलबाग सिंह व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |
बिजली सस्ती दिलाने के मामले में यूपीसीएल के आगे सब बौने: रघुनाथ सिंह नेगी
बिजली सस्ती दिलाने के मामले में यूपीसीएल के आगे सब बौने: रघुनाथ सिंह नेगी | Devbhoomi Khabar ( Dehradun) #मुख्यमंत्री- राजभवन- नियामक आयोग- शासन सभी नाकाम। #डिस्ट्रीब्यूशन लॉस की मार झेल रहे उपभोक्ता। #अधिकांश क्षेत्रों...
बिजली सस्ती दिलाने के मामले में यूपीसीएल के आगे सब बौने- मोर्चा #मुख्यमंत्री- राजभवन- नियामक आयोग- शासन सभी नाकाम | #डिस्ट्रीब्यूशन लॉस की मार झेल रहे उपभोक्ता | #अधिकांश क्षेत्रों में 25 से 40 फ़ीसदी है डिस्ट्रीब्यूशन लॉस |. #15-15 फ़ीसदी है डिस्ट्रीब्यूशन एवं ए टी एंड सी हानियां | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि यूपीसीएल की लापरवाही/ निकम्मेपन/ नाफरमानी की वजह से प्रतिवर्ष विद्युत उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है | आलम यह है कि यूपीसीएल पर राजभवन/ मुख्यमंत्री/ विद्युत नियामक आयोग एवं शासन के आदेशों कोई असर नहीं पड़ रहा है एवं विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है, लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं की यूपीसीएल पर चाबुक चलाए | नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 13.96 फ़ीसदी एवं ए टी एंड सी लॉस 15.25 फ़ीसदी रहा तथा इसी प्रकार क्रमश: वर्ष 2021-22 में 14.15 एवं 15.75 रहा तथा वर्ष 2022-23 में 14.41 एवं 15.49 रहा| इसके अलावा बाहर से 1000 करोड रुपए से अधिक मूल्य की बिजली खरीद एवं लगभग 1000 करोड रुपए मूल्य का लाइन लॉस उपभोक्ताओं पर कहर बनकर टूट रहा है |अधिकांश क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 25 से 40 फ़ीसदी है, बावजूद इसके विभाग को कोई चिंता नहीं है | नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि ऊर्जा प्रदेश वाला जुमला उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है | मोर्चा उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दिलाने को शीघ्र ही मा. न्यायालय से गुहार लगाएगा | पत्रकार वार्ता में - मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |
https://newsdipo.com/morcha-news-vikasnagar-39/
बीएससी (एग्रीकल्चर) डिग्रीधारी युवा कहां जाएंगे सरकार ! मोर्चा - newsdipo विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते .....
बीएससी (एग्रीकल्चर) डिग्रीधारी युवा कहां जाएंगे सरकार ! मोर्चा #सहायक कृषि अधिकारी ग्रेड- 1 के 34 पदों पर जारी किया गया है विज्ञापन | #पद की अर्हता रखी गई है कृषि स्नातकोत्तर| #वर्ष 2011 में भी किया गया था नियमावली को तार- तार| # नियमावली संशोधित होने से हजारों युवा हो गए बाहर | #अर्हता होनी चाहिए बीएससी एग्रीकल्चर के साथ एमएससी एग्रीकल्चर | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में शासन द्वारा सहायक कृषि अधिकारी- ग्रेड फर्स्ट के 34 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने हेतु विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें पद की शैक्षिक अर्हता स्नातकोत्तर एग्रीकल्चर रखी गई है ,जबकि पूर्व में कृषि नियमावली 1993 में स्पष्ट उल्लेख था कि उक्त पदों हेतु अर्हता स्नातक एग्रीकल्चर है |आश्चर्य की बात है कि कृषि मंत्री जी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा गत वर्ष बिना होमवर्क किए अर्हता कृषि स्नातकोत्तर कर दिया गया, जबकि कृषि निदेशालय के पत्र दिनांक 21 जून 2017 में स्पष्ट उल्लेख था कि अहर्ता कृषि स्नातक के साथ संबंधित क्षेत्र में कृषि स्नातकोत्तर होना चाहिए, लेकिन अपने मन- माफिक नियमावली में संशोधन कर दिया गया |उल्लेखनीय है कि उल्लेखनीय है कि बीएससी एग्रीकल्चर एक स्पेसिफिक कोर्स है, जो 4 साल का होता है तथा लगभग 27 विषयों में छात्रों को ट्रेंड किया जाता है | नेगी ने कहा कि पूर्व में भी विभाग द्वारा इन्हीं पदों हेतु भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी, जिसमें तत्कालीन कृषि सचिव श्री ओम प्रकाश ने नियमावली को संशोधित किए बगैर एवं मानकों को तार-तार कर कृषि स्नातक की जगह संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर कर दिया था, जिस कारण कृषि क्षेत्र में बीएससी एग्रीकल्चर किए अभ्यर्थी बाहर हो गए थे| नियुक्ति पश्चात उक्त मामले में शासन द्वारा भी नियमावली का घोर उल्लंघन माना गया था| नेगी ने कहा कि उक्त ग्रेड फर्स्ट के पदों पर भर्ती प्रक्रिया हेतु यूकेएसएसएससी को जिम्मा दिया गया है | नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि यह तो बिल्कुल वैसा ही हो गया जैसे एमडी स्नातकोत्तर कोर्स एमबीबीएस के बिना ! मोर्चा सरकार से मांग करता है कि सहायक कृषि अधिकारी ग्रेड फर्स्ट हेतु अर्हता बीएससी एग्रीकल्चर के साथ संबंधित क्षेत्र में एमएससी एग्रीकल्चर कर नियमावली में संशोधन करे | पत्रकार वार्ता में- के.सी. चंदेल व सुशील भारद्वाज मौजूद थे |
झूठे शपथ पत्र जांच मामले में राजभवन की सच मानें या ऊर्जा विभाग की:मोर्चा
झूठे शपथ पत्र जांच मामले में राजभवन की सच मानें या ऊर्जा विभाग की:मोर्चा | Devbhoomi Khabar ( Dehradun) # डेढ़ साल से राजभवन से ऊर्जा विभाग में नहीं पहुंच पा रहे पत्र। #एमडी द्वारा झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का है मामला.....
झूठे शपथ पत्र जांच मामले में राजभवन की सच मानें या ऊर्जा विभाग की -मोर्चा # डेढ़ साल से राजभवन से ऊर्जा विभाग में नहीं पहुंच पा रहे पत्र | #एमडी द्वारा झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का है मामला | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा श्री अनिल कुमार को अक्टूबर 2021 में यूपीसीएल का एमडी नियुक्त किया गया था, *उक्त अधिकारी ने अपने शपथ पत्र में अपने खिलाफ कोई जांच लंबित न होने का उल्लेख कर एवं सरकार को गुमराह कर एमडी की कुर्सी हथिया ली, जबकि सरकार को इनके काले कारनामों की थोड़ी बहुत जानकारी थी |उक्त अधिकारी के द्वारा नियुक्ति से पूर्व सरकार के समक्ष झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसको लेकर मोर्चा द्वारा राज भवन को पत्र प्रेषित किया गया था, जिसमें 8 जुलाई 2022 को राजभवन ने सचिव, ऊर्जा को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन एक वर्ष बाद शासन ने बताया कि राजभवन का पत्र उनको प्राप्त ही नहीं हुआ है | उक्त के उपरांत मोर्चा द्वारा पुन: राजभवन से आग्रह किया गया, जिसके क्रम में राज भवन ने 31 जुलाई 2023 को फिर पत्र सचिव, ऊर्जा को प्रेषित किया, लेकिन ऊर्जा विभाग ने 26 सितंबर 2023 को बताया कि राजभवन से पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ है |* नेगी ने कहा कि उक्त अधिकारी के खिलाफ ट्रांसफॉमर्स की गुणवत्ता/ खरीद मामले में लगभग 3-4 वर्ष से जांच लंबित है; बावजूद इसके इनको एमडी, यूपीसीएल की नियुक्ति प्रदान की गई | नेगी ने कहा कि सचिव, ऊर्जा द्वारा वर्ष 2019 में इनके घोटाले का संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण पर तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों एवं निदेशक (परिचालन) यूपीसीएल की एक संयुक्त कमेटी का गठन करते हुए उक्त घोटाले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे | मोर्चा ने दुख जताते हुए कहा कि इन हालातों में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कैसे करवाई होगी एवं प्रदेश को कैसे बचाया जा सकेगा ! पत्रकार वार्ता में-दिलबाग सिंह व भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे |
*आखिर कब तक लुटती रहेगी जनता* जन संघर्ष मोर्चा लगातार सरकार, यूपीसीएल व विद्युत नियामक आयोग से लाइन लॉस कम करने को प्रहार करता रहा है, लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं | # #ऊर्जा विभाग अब सरकार से वित्तीय मदद की गुहार लग रहा है, लेकिन वित्त विभाग ने इनसे पूछा है कि किन कारणों से आपकी मदद की जाए ;लाइन लॉस आपसे रुक नहीं रहा !!
अभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने दी शासन में दस्तक
अभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने दी शासन में दस्तक Spread the loveअभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने दी शासन में दस्तक यूपीसीएल में अवर अभियंता के पद पड़े ह....
अभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने दी शासन में दस्तक #यूपीसीएल में अवर अभियंता के पद पड़े हैं रिक्त| विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव, ऊर्जा श्री आर मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लि.) में अवर अभियंता (वि. एवं यां) के 129 पद तथा जानपद के 5 पद रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को लेकर आग्रह किया, जिस पर श्री सुंदरम ने एमडी, यूपीसीएल को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए | नेगी ने कहा कि रिक्त चले आ रहे पदों में से कुछ पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने हैं तथा कुछ पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है | शेष पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने हैं | नेगी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से डिप्लोमा/ डिग्रीधारी युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा पदोन्नति के इंतजार में बैठे कार्मिकों की भी मुराद पूरी होगी |
कर्मकार कल्याण बोर्ड की कमिश्नरी जांच नाकाफी, हो सीबीआई जांच- मोर्चा #कर्मकार कल्याण बोर्ड के 150 करोड़ की खरीद व स्किल करने का भी है महाघोटाला| #फर्जीवाड़ा कर 107 बीघा जमीन हथियाने का भी है मामला | #प्राइवेट अस्पतालों को करोड़ों रुपए की बंदरबांट का है भी मामला | #करोड़ों रुपए के खाद्यान्न किट घोटाले का भी है मामला | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कल ही सरकार द्वारा कर्मकार कल्याण बोर्ड के साइकिल घोटाले की जांच के मामले में कमिश्नरी जांच के आदेश दिए हैं, जोकि सराहनीय कदम है, लेकिन ये नाकाफी है तथा इसकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए | नेगी ने कहा कि पूर्व मंत्री एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष श्री हरक सिंह रावत की सरपरस्ती में कर्मकार कल्याण बोर्ड ने लगभग 150 करोड रुपए की खरीद की, जिसकी खरीद एवं वितरण के बारे में कुछ अता-पता नहीं है | वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2021 तक 81173 लोगों को स्किल करने के नाम पर 33.77 करोड रुपए जी एंड जी स्किल डेवलपर्स को भुगतान किए गए तथा लगभग 100 करोड रुपए मूल्य की घटिया साइकिल, वेल्डिंग मशीन, टूल किट, सोलर लालटेन, छाते व अन्य सामान की खरीद की गई |इसके अलावा लगभग 3.25 लाख खाद्यान्न किट कोरोना के समय लगभग 35 करोड रुपए में खरीदी गई |इसके साथ-साथ श्री हरक सिंह रावत द्वारा शंकरपुर ,सहसपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का मामला भी बहुत बड़ी जालसाजी है| नेगी ने कहा कि इसी क्रम में कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज (डीआईएमएस) एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए का दाग भी उनके माथे पर है | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआई से जांच कराएं | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व अमित जैन मौजूद थे |
कर्मकार कल्याण बोर्ड की कमिश्नरी जांच नाकाफी, हो सीबीआई जांच: रघुनाथ सिंह नेगी
कर्मकार कल्याण बोर्ड की कमिश्नरी जांच नाकाफी, हो सीबीआई जांच: रघुनाथ सिंह नेगी | Devbhoomi Khabar ( Dehradun) #कर्मकार कल्याण बोर्ड के 150 करोड़ की खरीद व स्किल करने का भी है महाघोटाला। #फर्जीवाड़ा कर 107 बीघा जमीन हथियाने का भी है...
सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की हो सीबीआई जांच -मोर्चा #जांच कमेटी जून 2022 व सितंबर 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट | #मा.न्यायालय की भावनाओं का सम्मान करे सरकार |
विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट मा. न्यायालय के निर्देश पर शासन ने मा. न्यायालय के समक्ष रखी, जिसको परीक्षण के बाद मा.न्यायालय भी सीबीआई जांच कराए जाने का पक्षधर है |ऐसे में सरकार को चाहिए कि पूरा मामला सीबीआई के हवाले करे| मोर्चा विगत कई माह से इस घोटाले को लेकर मुखर है एवं मा. सूचना आयोग भी कड़ी टिप्पणी दे चुका है | नेगी ने कहा कि जांच समिति ने 20 जून 2022 को जिला सहकारी बैंक, देहरादून की रिपोर्ट, 2 सितंबर 2022 को पिथौरागढ़ सहकारी बैंक एवं 26 सितंबर 2022 को उधम सिंह नगर की जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी थी | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे | नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक बेचा गया था, जिसकी पुष्टि जालसाजों व नौकरी पाए अभ्यर्थियों के बैंक खातों में हुए लेनदेन की डिटेल से पुष्टि की जा सकती है | इन घोटाले बाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ- साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों के रिश्तेदारों/ परिजनों से मोटी रकम हासिल कर नौकरियां बांट दी थी | पत्रकार वार्ता में- मोहम्मद असद व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे|
सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की हो सीबीआई जांच:रघुनाथ सिंह नेगी
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मुख्य सचिव कार्यालय डायलिसिस पर- मोर्चा
मुख्य सचिव कार्यालय डायलिसिस पर- मोर्चा Spread the love मुख्य सचिव कार्यालय डायलिसिस पर- मोर्चा बढ़ाए गए सर्किल रेट मामले की पत्रावली पर कार्यालय चला रहा अंधेरे म.....
मुख्य सचिव कार्यालय डायलिसिस पर- मोर्चा #बढ़ाए गए सर्किल रेट मामले की पत्रावली पर कार्यालय चला रहा अंधेरे में तीर ! विकासनगर - जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मा. मुख्यमंत्री ने मोर्चा के आग्रह पर 1/4/ 2023 को बढ़ाए गए जमीनों के सर्किल रेट कम करने के मामले में मुख्य सचिव को वार्ता हेतु तलब किया था | दुर्भाग्य की बात है कि मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा 8/5/23 को यह उल्लेख किया गया कि मामले में कार्यवाही गतिमान है | उक्त के पश्चात 28/7/2023 को मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मामला मुख्यमंत्री कार्यालय से संबंधित है तथा हाल ही में 13/9/ 2023 को उल्लेख किया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में कोई पत्र ही प्राप्त नहीं हुआ है | ये हाल मुख्य सचिव कार्यालय का है, अन्य विभाग का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है ! 6 माह बीतने के बाद भी पत्र पर कार्रवाई तो दूर, पत्र ढूंढे नहीं मिल रहा है तथा कार्यालय अनर्गल सूचनाओं यानी भ्रमित करने वाली सूचनाओं दे रहा है |मोर्चा का चाबुक चलते ही कार्यालय अब हाथ पैर मार रहा है | नेगी ने कहा कि कुछ माह पूर्व सरकार द्वारा जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाए गए थे | सरकार का मानना है कि सर्किल रेट बढ़ाने से राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन तकनीकी कारणों व अन्य कारणों के चलते राजस्व बढ़ने के बजाय घटेगा | इसके साथ -साथ आमजन पर भी बहुत बड़ा असर पड़ेगा | नेगी ने कहा कि इस भयंकर महंगाई के दौर में आम आदमी बड़ी मुश्किल से थोड़ी- बहुत पूंजी जमा कर जमीन/ मकान खरीदता है, लेकिन स्टांप ड्यूटी वगैरह बढ़ने के कारण उसकी लागत काफी बढ़ जाती है, जोकि उसके लिए परेशानी का सबब बन जाता है | मोर्चा इस गंभीर लापरवाही को शीघ्र ही सरकार के समक्ष रखेगा|
शासन में एक साल से दम तोड़ रही सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की रिपोर्ट :रघुनाथ सिंह नेगी
शासन में एक साल से दम तोड़ रही सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की रिपोर्ट :रघुनाथ सिंह नेगी | Devbhoomi Khabar ( Dehradun) #जांच कमेटी जून 2022 व सितंबर 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट। #मोर्चा सरकार के सम्मुख फिर रखेगा मामला। विकासनगर।जन संघर्ष मो....
सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की रिपोर्ट एक साल से दम तोड़ रही शासन में -मोर्चा #जांच कमेटी जून 2022 व सितंबर 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट | #मोर्चा सरकार के सम्मुख फिर रखेगा मामला |
विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट एक साल से शासन में धूल खा रही है, लेकिन अब तक रिपोर्ट सार्वजनिक न होना/ पटल पर न रखे जाना, दुर्भाग्यपूर्ण है | उक्त मामले में मा. न्यायालय से भी गुहार लगाई गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया | नेगी ने कहा कि जांच समिति ने 20 जून 2022 को जिला सहकारी बैंक, देहरादून की रिपोर्ट, 2 सितंबर 2022 को पिथौरागढ़ सहकारी बैंक एवं 26 सितंबर 2022 को उधम सिंह नगर की जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी थी | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे | नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक बेचा गया था, जिसकी पुष्टि जालसाजों व नौकरी पाए अभ्यर्थियों के बैंक खातों में हुए लेनदेन की डिटेल से पुष्टि की जा सकती है | इन घोटाले बाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ- साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों के रिश्तेदारों/ परिजनों से मोटी रकम हासिल कर नौकरियां बांट दी थी | मोर्चा उक्त मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने सरकार से पुनः आग्रह करेगा | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, अमित जैन , भीम सिंह बिष्ट व अशोक गर्ग मौजूद थे|
रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा की जांच करने से क्यों घबरा रही सरकारी मशीनरी ! -मोर्चा
रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा की जांच करने से क्यों घबरा रही सरकारी मशीनरी ! -मोर्चा Spread the loveरैंकर उप निरीक्षक परीक्षा की जांच करने से क्यों घबरा रही सरकारी मशीनरी ! -मोर्चा देहरादून विकास नगर मोर्चा दे...
रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा की जांच करने से क्यों घबरा रही सरकारी मशीनरी ! -मोर्चा # मोर्चा देगा मा. न्यायालय में दस्तक | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस उप निरीक्षक (रैंकर परीक्षा) 2014-15 में हुई भारी अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच करने में सभी सरकारी मशीनरी ने हाथ खड़े कर दिए हैं| पुलिस मुख्यालय ने तो सीधे तौर पर अपना पल्ला ही झाड़ लिया है | हैरत की बात यह है कि गृह विभाग जांच संबंधी पत्रावली कार्मिक विभाग को भेज रहा तथा कार्मिक विभाग गेंद फिर गृह विभाग के पाले में सरका रहा तथा फिर से गृह विभाग कार्मिक विभाग के पाले में गेंद सरका रहा है |यानी कोई भी जांच करने को तैयार नहीं है | मोर्चा द्वारा उच्च स्तरीय जांच को लेकर लगातार आंदोलन किया गया | नेगी कहा कि उक्त रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा में लगभग 304 परीक्षार्थियों का परिणाम वर्ष 2016 में चयन समिति की सिफारिश पर घोषित किया गया, जिसमें लिखित परीक्षा ओएमआर शीट के माध्यम से कराई गई तथा परीक्षा उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा संपन्न कराई गई थी| सूत्र बताते हैं कि उक्त लिखित परीक्षा में कई सेटिंगबाज अभ्यर्थियों/ जालसाजों ने ओएमआर शीट में बामुश्किल 30-40 प्रश्न हल किए तथा शीट कोरी छोड़ कर आ गए, जिसको बाद में ओएमआर शीट में सेटिंग-गेटिंग के आधार पर भरा गया, जिसके फलस्वरूप नकारा व जालसाज अत्याधिक अंक अर्जित करने में सफल हो पाए | अगर ओएमआर शीट की फॉरेंसिक जांच हो जाती तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता था | मोर्चा शीघ्र ही उक्त मामले में मा. न्यायालय की शरण लगा लेगा | पत्रकार वार्ता में - मोहम्मद असद व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |
मोर्चा का प्रयास लाया रंग, पुलिस मुख्यालय ने भेजी गृह को थानों की उच्चीकरण रिपोर्ट- नेगी
मोर्चा का प्रयास लाया रंग, पुलिस मुख्यालय ने भेजी गृह को थानों की उच्चीकरण रिपोर्ट- नेगी Spread the loveमोर्चा का प्रयास लाया रंग, पुलिस मुख्यालय ने भेजी गृह को थानों की उच्चीकरण रिपोर्ट- नेगी 26 थानों का उच्चीकरण ह...
मोर्चा का प्रयास लाया रंग, पुलिस मुख्यालय ने भेजी गृह को थानों की उच्चीकरण रिपोर्ट- नेगी #26 थानों का उच्चीकरण होना है निरीक्षक स्तरीय | #8 माह से कुंडली मारे पड़ा था पुलिस मुख्यालय | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के 26 उप निरीक्षक स्तरीय थानों को निरीक्षक स्तरीय थानों में तब्दील कराने को *गृह विभाग द्वारा 15 नवंबर 2022, 20 दिसंबर 2022,12 अप्रैल 2023 व 16 मई 2023 के द्वारा पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट/ प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन लगभग 8 महीने बीतने के उपरांत भी पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट देने की जहमत नहीं उठाई गई|* नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा सरकार एवं राजभवन से पुलिस मुख्यालय की घोरलापरवाही/ अनुशासनहीनता को लेकर लगातार चाबुक चलाने का काम किया गया तब जाकर लगभग आठ माह बाद 4/8/ 2023 को पुलिस मुख्यालय द्वारा अपर मुख्य सचिव, गृह को रिपोर्ट प्रेषित की गई | नेगी ने कहा कि प्रदेश के 160 थानों में से 1o6 थाने उप निरीक्षक स्तरीय हैं तथा 54 थाने वर्तमान में निरीक्षक स्तरीय हैं | जनपद देहरादून व उधमसिंह नगर के 5-5, हरिद्वार के 6, चमोली, नैनीताल व जीआरपी के 2-2, चंपावत, पौड़ी व टिहरी के1-1 थाने का उच्चीकरण होने से पुलिसिंग व्यवस्था मजबूत होगी एवं अपराधों पर अंकुश लगने के साथ-साथ अवैध कारोबारियों पर भी लगाम लगेगी | इसके अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की पदोन्नति भी हो सकेगी | मोर्चा को उम्मीद है कि शीघ्र ही उप निरीक्षक स्तरीय थानों का निरीक्षक स्तरीय अपग्रेडेशन हो सकेगा | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व नरेंद्र तोमर मौजूद थे|
विद्युत नियामक आयोग दर बढ़ाने के बजाय डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम करने की सोचे- मोर्चा #डिस्ट्रीब्यूशन लॉस की मार झेल रहे उपभोक्ता | #25 से 40 फ़ीसदी डिस्ट्रीब्यूशन लॉस वाले हैं 15 विद्युत वितरण खंड | #डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम हो तो उपभोक्ता को मिले राहत | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि यूपीसीएल की लापरवाही/ निकम्मेपन एवं विद्युत नियामक आयोग द्वारा यूपीसीएल पर चाबुक न चलाए जाने की वजह से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को महंगी दर पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है | इस विद्युत मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण डिस्ट्रीब्यूशन लॉस है, जिसको कम
करने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है | नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो लगभग 15 वितरण खंड/ केंद्र में 25 से 40 फ़ीसदी डिस्ट्रीब्यूशन लॉस है; अन्य में 25 फ़ीसदी से कम है | नेगी ने कहा कि वर्ष 2021-22 व 2022-23 में क्रमशः विद्युत वितरण खंड, उत्तरकाशी में 34.03- 30.12, बड़कोट 28.29- 27.31, गैरसैण 32.54- 24.79, नारायणबगड़ 26.60- 39.54, रुड़की (शहरी) 34.83 -33.66, रुड़की (ग्रामीण) 31.21- 31.09, रामनगर (रुड़की) 27.34 -30.46, लक्सर 27.99- 28.07, बागेश्वर 29.31- 28.05, रुद्रपुर (द्वितीय) 34.88- 30.76, पिथौरागढ़ 25.00- 22.24, धारचूला 40.35- 37.77 फ़ीसदी तथा इसी प्रकार विद्युत वितरण केंद्र, टिहरी 26.61- 23.58, पिथौरागढ़ 27.17- 23.99, रुड़की 26.03- 26.71 फ़ीसदी है| उक्त अप्रत्याशित डिस्ट्रीब्यूशन लॉस पर विद्युत नियामक आयोग की निगाह नहीं पड़ रही है तथा आयोग सिर्फ और सिर्फ कीमतें बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है |डिस्ट्रीब्यूशन लॉस बढ़ने की वजह से बाहर से बिजली महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती है,जोकि सरकार पर अनावश्यक राजस्व बोझ है | मोर्चा विद्युत नियामक आयोग से मांग करता है कि यूपीसीएल पर चाबुक चलाए | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व के. सी. चंदेल मौजूद थे |
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