SHKEI Neuro Care and Rehabilitation center
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Neurosurgery Neurology चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल में प्रशिक्षित न्यूरोसर्जन द्वारा सबसे अच्छा सबसे सस्ता ब्रेन और स्पाइन की सर्जरी Brain and spine trauma tumor hemorrhage care
Baba Ramdev Yadav ji's apology - Not only ill - Every businessman's diary
Seventy years old rotten justice system is not ready to bend Baba Ramdev Yadav ji's waist less than ninety degrees in the desire to issue the last order through ventilator - the atonement for misdeeds and failures of the system has to be done.
It is not just about Ayurveda
Allopathy is absolutely not against Ayurveda.
It is about the life and health of every person in India and about showing the wrong path for that health and about the person earning from that wrong path.
After 1990, when the Anglo-Congress system started getting destroyed decisively, the name of one of those who took advantage of the weaknesses of the chaos is Baba Ramdev Yadav ji - Brother, the one who does not wash his hands in the flowing Ganga is not a sinner but a great fool.
Yes
So
Before 1990, Baba Ramdev Yadav ji used to supply oil to Narayan Dutt Tiwari ji - With the arrival of Lalu Yadav ji and Mulayam Yadav ji in 1990, did any Yadav get any benefit or not - These two Yadav Chief Ministers defrauded Baba Ramdev Yadav ji. They Promoted baba Ramdev jee - Officially - In 1991, head teachers of government schools of both the states were sent to Baba Ramdev Yadav ji's Patanjali Ashram in Haridwar to learn yoga - not after any official obstruction - after the rise of the Mandir Masjid issue; Because Lalu - Mulayam found promoting yoga harmful for the health of their politics - so that program was stopped - but in those six months, Ramdev ji had reached where he was needed - Mulayam ji was a close friend of Narayan Dutt Tiwari Jee. He Always supported Ramdev jee from within - he made him sit in Sahara Shree's lap. , ,
But the important thing is that in the years that followed, the confusing situation of power and system helped people like Baba Ramdev Ji.
When no one was concerned about the health of crores of people, then the place at the crossroads was empty only for dogs - Allopathy doctors cannot cover the truth with a false sheet of ethics made of pride and laziness - The truth which the government health service of India Peeps through the small and torn sheet - when babies are born on the streets and people reach the hospital without an ambulance. , ,
In such a situation, Baba Ramdev ji made everyone realize the cure . . . the treatment . . .
The lie about the treatment of Corona - the lie about the vaccine - in collaboration with the power and the system - and the so-called scientists and allopathy doctors did the same - bigger or smaller lie than that - Baba Ramdev ji did it - so the judge who apparently does not need oil, is in pain
People die on the streets every day - it's not the judge's responsibility not even of the system . . . no one's . . .
The judge is itching - How did you earn money by selling oil, Yadav ji???!!!
बाबा रामदेव यादव जी का माफ़ीनामा - बीमार हीं नहीं - हर धंधेबाज का रोजनामचा
सत्तर साल की सड़ी जंग लगी न्याय व्यवस्था वेंटीलेटर से आखिरी आदेश जारी करने की इक्षा में बाबा रामदेव यादव जी की कमर नब्बे डिग्री से कम झुकाने पर राजी नहीं है - अपने कुकर्मों का प्रायश्चित जो करना है
बात सिर्फ आयुर्वेद की नहीं है
आयुर्वेद के खिलाफ एलोपैथ तो बिलकुल नहीं है
बात भारत के हर एक व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य की है और उस स्वास्थ्य के लिए गलत राह बतलाने और उस गलत राह से कमाने वाले की है
1990 के बाद जब अंगरेजी - कोंग्रेसी व्यवस्था निर्णायक रूप से बर्बाद होने लगी तो अव्यवस्था के कमजोरियों का फ़ायदा उठाने वालों में से एक का नाम है बाबा रामदेव यादव जी - भाई बहती गंगा में जो हाथ न धोये वो पापी नहीं महा मुर्ख है
हाँ
तो
1990 से पहले बाबा रामदेव यादव जी नारायण दत्त तिवारी जी को तेल सप्प्लाई करते थे - 1990 में लालू यादव जी और मुलायम यादव जी के आने से और किसी यादव को कोइ फ़ायदा हुआ या नहीं - इन दोनों यादव मुख्यमंत्रियों ने बाबा रामदेव यादव जी को ढोढ़ी में तेल लगाकर प्रोमोट किया - आधिकारिक तौर पर - 1991 में दोनों राज्यों के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को बाबा रामदेव यादव जी के हरिद्वार वाले पतंजलि आश्रम में योग सीखने के लिए भेजा गया - किसी आधिकारिक बाधा के बाद नहीं - मंदिर मस्जिद मुद्दे के बढ़ने के कारण योग को बढ़ावा देना लालू मुलायम को राजनीति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक लगा - तो वह कार्यक्रम बंद हो गया - पर उस छह महीने में रामदेव जी वहां पहुंच चुके थे जहाँ की उनको जरुरत थी - नारायण दत्त तिवारी जे के अनन्य मित्र मुलायम जी तो अंदर से हमेशा समर्थन करते थे - सहारा श्री की गोद में उन्होंने हीं बैठाया . . .
लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है की उसके बाद के सालों में सत्ता और व्यवस्था की भ्रामक स्थिति ने बाबा रामदेव जी जैसे लोगों की चांदी कर दी
करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की फ़िक्र जब किसी को नहीं हो तो चौराहे की जगह कुत्तों के लिए हीं खाली थी - एलोपैथ के डॉक्टर घमंड और आलस से बने एथिक्स की झूठी नकली चादर से सत्य को नहीं ढँक सकते - वो सत्य जो भारत के सरकारी स्वास्थ्य सेवा की छोटी और फटी चादर से झांकती है - जब सडकों पर बच्चे पैदा होते हैं और बिना एम्बुलेंस के लोग हॉस्पिटल पहुंचते हैं . . .
ऐसे में बाबा रामदेव जी ने हर किसी को इलाज का एहसास करवाया
कोरोना के इलाज का झूठ - वैक्सीन का झूठ - सत्ता और व्यवस्था के साथ मिलकर - तथा कथित वैज्ञानिक और एलोपैथ के डॉक्टरों ने किया - वही - उससे बड़ा या छोटा झूठ - बाबा रामदेव जी ने कर दिया - तो जज जिसको तेल की जरूरत नहीं है उसे तकलीफ हो रही है
रोज के हिसाब से लोग सडकों पर मरते हैं - यह जज की जिम्मेवारी नहीं है
जज की खुजली है - तुमने तेल बेचकर पैसे कैसे कमाया यादव जी???!!!
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल सेक्टर 18 द्वारका नई दिल्ली
वेंकटेश्वर परिवार में गर्व के साथ शामिल करने की घोषणा करते हैं
डॉ मणीष कुमार
सीनियर कंसलटेंट नन्यूरोसर्जन
एम् बी बी एस (मदुरै तमिलाडु),
डी एन बी - न्यूरोसर्जरी (अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई तमिलनाडु)
ब्रेनऔर स्पाइन सर्जरी के सबसे उत्कृष्ट कार्य में 22 सालों के अनुभव के साथ
माइक्रो न्यूरोसर्जरी, एंडोस्कोपिक न्यूरो मिनिमल इनवेसिव न्यूरो नेविगेशन मिर्गी के लिए सर्जरी ब्रेन ट्यूमर, एन्युरिज्म ए भी एम सर्जरी स्ट्रोक सर्जरी स्पाइन डिस्क साइटिका कूबर रीढ़ टेढ़ा आदि जटिल न्यूरोसर्जरी
With the family of the patient - post operative case of from With family of post operative case of from With the family of the patient - post operative case of from
वेंकटेश्वर हॉस्पिटल द्वारका में सिनियर न्यूरोसर्जन ज्वाइन किया हूँ - समयाभाव के कारण बहादुरगढ़ आना संभव नहीं हो पा रहा है - ब्रेन और स्पाइन की बीमारियों के लिए 9810325181 पर कॉल कर द्वारका क्लिनिक या नजफ़गढ़ न्यूरोकेयर सेंटर पर मिल सकते हैं - डॉ मनीष कुमार न्यूरोसर्जन द्वारका नई दिल्ली
वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोसर्जन के रूप में वेंकटेश्वर अस्पताल सेक्टर 18 द्वारका नई दिल्ली में शामिल हुए। मस्तिष्क और रीढ़ की बीमारियों के लिए कृपया 9810325181 पर कॉल करें
चीनी की बीमारी / शुगर/ डायबिटीज के बारे में कहतव्पूर्ण जानकारियां
शकाई ब्रेन एंड स्पाइन केयर सेंटर द्वारा जनहित में जारी
(1) चीनी की बीमारी / शुगर/ डायबिटीज में बीमारी का पता शुरू में क्यों नहीं चलता ?
डायबिटीज का असली कारण शरीर की कोशिकाओं द्वारा खून में से ग्लूकोज (शरीर में उपयोग में आने वाला शुगर) को लेकर उसका उपयोग करने की क्षमता का ह्रास/ कमी है. एक तो यह खून में से ग्लूकोज खींचने की क्षमता कभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं होती है - कम हो जाती है - पर पूरी तरह समाप्त नहीं होती है - तो प्रारम्भ में मांसपेशियों की कमजोरी के कारण लोगों को आलस लगता है काम करने की िक्षा काम हो जाती है - जिसके कारण लोगों को खाने के लिए प्रेरित करता है जिससे बढे हुए शुगर से मांस पेशियों को शुगर की कमी तो पूरी हो जाती है पर खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है - जिसका शरीर पर तुरंत कोइ ख़ास प्रभाव नहीं होता बल्कि कई साल के समय के बाद होता है
(2) क्या भूखा रहकर और एक्सरसाइज द्वारा डायबिटीज को रोका जा समकता है?
कुछ लोगों को डायबिटीज जन्म से होता है या बचपन में हीं हो जाता है जिसे टाइप वन डायबिटीज कहते हैं. यह जेनेटिक होता है. इसे तो नहीं रोका जा सकता है. दूसरा डायबिटीज - टाइप टू डायबिटीज - बाद की उम्र में होती है वह भी ज्यादातर पारिवारिक होती है लेकिन इसमें अत्यधिक खाने और एक्सरसाइज की कमी एक कारण हो सकता है लेकिन इस एक्सरसाइज की कमी या अत्यधिक खाने की आदत का भी कारण हो सकता है जैसा की ऊपर बतलाया गया है - तो (अ) आपको यदि ज्यादा भूख लगती है या काम करने में आलस होता है जो आपकी आदत के खिलाफ हो - तो बहुत सारा मिठाई खाकर अपना शुगर चेक करवाएं क्यूंकी किसी भी हालत में खून में शुगर की मात्रा 120 से ज्यादा डायबिटीज की शंका को जन्म देता है (ब) यदि खाली पेट में या मीठा खाने के आठ घंटे बाद शुगर सौ से ज्यादा और मीठा खाने के तीसरे घंटे में शुगर 120 से ज्यादा है तो अपने खाने की आदत और एक्सरसाइज से कुछ दिनों तक दवाओं से बचा जा सकता है
(3) डायबिटीज की दवा कब से लेना चाहिए
डायबिटीज का असर हार्ट, ब्रेन, आँख, खून की नालियों, इम्युनिटी, किडनी आदि जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर कुछ सालों में परने लगता है तब पहली बार इंसान को अस्पताल जाने की मजबूरी हो जाती है और तब इन अंगों को वापस पहले की तरह नहीं किया जा सकता है और डायबिटीज के साथ साथ इन अंगों के लिए भी विशेष उपचार करना पड़ता है. यदि समय से डायबिटीज का पता चल जाए और दवा लिया जाय तो इस परिस्थिति से बचा जा सकता है. खासकर भारत में डायबिटीज बहुत कॉमन होता जा रहा है और पूरी दुनिया में मृत्यु के लिए डायबिटीज बहुत ज्यादा जिम्मेवार है. इसके लिए जन्म के समय हर बच्चे का शुगर जरूर चेक करें. थोड़ी सी भी शंका होने पर कभी भी - जब भी किसी भी और कारण से डॉक्टर के पास जाएँ या चालीस साल से काम की उम्र में हर दस साल पर और चालीस की उम्र के बाद हर पांच साल पर और पचास साल की उम्र के बाद हर साल शुगर चेक करें. बहुत सारा मीठा खाने के तीन घंटे बाद यदि शुगर 170 से ज्यादा हो तो डायबिटीज की दवा शुरू कर देनी चाहिए क्यूंकी इस लेवल पर किडनी और पेशाब में शुगर के कारन तकलीफ होने के चांस हो जाते हैं.
(4) क्या डायबिटीज की दवा जल्दी शुरू करने से कोइ अतिरिक्त फ़ायदा होता है?
हाँ जी जल्दी से शुरू से डायबिटीज की दवा लेने से हार्ट, ब्रेन, आँख, खून की नालियों, इम्युनिटी, किडनी, सेक्स की क्षमता आदि महत्वपूर्ण अंगों पर असर से तो बचा हीं जा सकता है - आलस कम लगेगा जिससे आपके एक्सरसाइज करने या कोइ भी भौतिक कार्य के लिए आप तत्पर रहेंगे और वजन बढ़ने पर भी नियंत्रण रहेगा.
(5) क्या आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाओं से डायबिटीज को ठीक किया जा सकता?
डायबिटीज कभी भी ठीक नहीं होता है उसको सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है. आयर्वेद या होमियोपैथी में प्रारंभिक स्थिति के लिए कुछ दवाएं हैं पर जब खाने के बाद शुगर 170 से ज्यादा हो तब एलॉपथी दवाएं हीं कारगर हैं
और जानकारी के लिए पधारें
शकाई
ब्रेन में पानी का जमना (हाइड्रोसीफैलस), ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर, स्पाइन ट्यूमर, स्पाइन डिस्क प्रोलैप्स, साइटिका जैसी बीमारियों के लिए सुरक्षित नया तकनीक Safe new technology for diseases like , brain , , , , .
#सद्गुरु #मस्तिष्कस्वास्थ्य #मस्तिष्कचोट #सिरदर्दजागरुकता
वह सबसे अच्छे इंसानों में से एक हैं।' वास्तव में हम भाग्यशाली हैं कि जब वह पृथ्वी पर विचरण कर रहे थे तब हमारा जन्म हुआ। . .
उन्हें यह सब झेलना दुखद है लेकिन यह सभी के लिए सीखने वाली बात है -
उन्हें जो क्रोनिक सबड्यूरल हेमेटोमा रोग हुआ था, वह आमतौर पर बुढ़ापे में होता है क्योंकि यह कूदने, वाहन में अचानक ब्रेक लगने या सड़क पर झटका लगने जैसे मामूली आघात के कारण हो सकता है। . .
सर्जरी के बाद स्थिति में तुरंत सुधार होता है
He is one of the best human beings around. in fact we are lucky to be born when he is roaming on the earth . . .
That he suffered this is sad but is a learning point for all -
The diseases chronic subdural hematoma which he had is usual in old age as it may happen because of trivial trauma like jumping, sudden break in a vehicle or jerking on the road . . .
The condition improves immediately after the surgery
मस्तिष्क और रीढ़ की बीमारियों के लिए - वैज्ञानिक उपचार + मानवीय दृष्टिकोण + ईमानदार रवैया + समय पर मदद = यह एम्स या निमहंस जैसी किसी भी अन्य जगह से बेहतर है
For Brain and Spine diseases - Scientific treatment + humanitarian approach + honest attitude + timely help = that's better than any other place like AIIMS or NIMHANS
मस्तिष्क और रीढ़ की बीमारियों के लिए - वैज्ञानिक उपचार + मानवीय दृष्टिकोण + ईमानदार रवैया + समय पर मदद = यह एम्स या निमहंस जैसी किसी भी अन्य जगह से बेहतर है
For Brain and Spine diseases - Scientific treatment + humanitarian approach + honest attitude + timely help = that's better than any other place like AIIMS or NIMHANS
एक पिक्चर से समझिये पूरे डिस्क और स्पाइन की बीमारी को
हाइड्रोसीफैलस - ब्रेन/ दिमाग में पानी जमना एक इमरजेंसी है - आपात स्थिति - इसका एक मात्र परमानेंट - स्थायी उपाय और इलाज सिर्फ और सिर्फ सर्जरी हीं है
देर करने से आँख और दृष्टी पर परमानेंट असर हो सकता है और ज्यादा देर होने से जान पर भी खतरा हो सकता है
ब्रेन/ दिमाग में ट्यूब डाल कर या एण्डोस्कोप से - यथा शीघ्र सर्जरी करवाएं - जब तक सर्जरी नहीं कर पाते हैं सिर्फ तभी तक के लिए दवाओं से काम चला सकते हैं पर उस समय में आँख पर असर होता रहेगा जो सर्जरी के बाद कितना सुधार हो पायेगा यह कहना मुश्किल है
समय बर्बाद ने करें - यथा शीघ्र न्यूरोसर्जन से संपर्क करें
शकाई ट्रस्ट द्वारा जनहित में जारी
ट्यूब या बिना ट्यूब के एंडोस्कोप द्वारा हाइड्रोसीफैलस - ब्रेन/ दिमाग में पानी जमने का तुरंत सफल और सस्ते इलाज के लिए शकाई न्यूरो केयर सेंटर
465, DDA one, SFS Flats, Sector9, Dwarka, New Delhi, 110077. Call - 9810325181, 9311855528, 8292813246, 8882591282, 8225802309
हाइड्रोसीफैलस - ब्रेन/ दिमाग में पानी जमना एक इमरजेंसी है - आपात स्थिति - इसका एक मात्र परमानेंट - स्थायी उपाय और इलाज सिर्फ और सिर्फ सर्जरी हीं है
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ब्रेन/ दिमाग में ट्यूब डाल कर या एण्डोस्कोप से - यथा शीघ्र सर्जरी करवाएं - जब तक सर्जरी नहीं कर पाते हैं सिर्फ तभी तक के लिए दवाओं से काम चला सकते हैं पर उस समय में आँख पर असर होता रहेगा जो सर्जरी के बाद कितना सुधार हो पायेगा यह कहना मुश्किल है
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ट्यूब या बिना ट्यूब के एंडोस्कोप द्वारा हाइड्रोसीफैलस - ब्रेन/ दिमाग में पानी जमने का तुरंत सफल और सस्ते इलाज के लिए शकाई न्यूरो केयर सेंटर
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