The shiva Foundation
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Major work of The Shiva Foundation
(1) Water conservation
(2) Environmental protection
(3) Education
(4) Health
(5) Development of rural areas
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ऐसे हाट बाजार का बचे रहना जरूरी है:
प्रकृति के लिए,
हमारे स्वास्थ के लिए,
समेकित विकास के लिए,
सामाजिक भाईचारा के लिए
सतत विकास की अवधारणा के लिए
आप सभी को #शिक्षक_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
गुरु के ज्ञान और मार्गदर्शन से ही जीवन के उच्च स्तर पर पहुंच सकते हैं
आज दिनांक 5 सितम्बर #शिक्षक_दिवस के सुअवसर पर बिहार की राजधानी पटना के शहीद राजेन्द्र सिंह उच्च विद्यालय गर्दनीबाग में द शिवा फाउंडेशन एवं #इंडियन_बैंक के द्वारा शिक्षकों का सम्मान सह पौधारोपण श्री विकास वैभव सर के हाथों से किया जाएगा
Ministry of Environment, Forest & Climate Change, Government of India
JSW Steel
द शिवा फाउंडेशन
Ministry of Jal Shakti, Department of Water Resources, RD & GR
प्रकृति की सुंदरता से जुड़ें। प्रकृति संरक्षण के उपायों को अपने व्यवहार में शामिल करें। अधिक से अधिक पौधारोपण करें।
भारतीय संविधान में महिलाओं को अधिकार दिलाने वाली 15 महिलाएं
जिनके कारण भारतीय संविधान में महिलाओं को विशेषाधिकार प्राप्त हुए
आइए, आगे बढ़ने से पहले भारत का संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली इन 15 महिलाओं के बारे में जान लें :
1. राजकुमारी अमृत कौर जो देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं
राजकुमारी अमृत कौर संविधान सभा का अभिन्न हिस्सा थीं। वे भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री भी बनीं थी। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी एम्स की स्थापना का श्रेय भी इन्हीं को जाता है।
2.सरोजिनी नायडू जो भारत की कोकिला कहलाईं
सरोजिनी नायडू संविधान सभा का हिस्सा रहीं। आजादी के बाद उन्हें उत्तरप्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। यानी देश की पहली महिला गवर्नर। सरोजिनी कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी रहीं। सरोजिनी नायडू कवियित्री भी थीं…इन्हें भारत की कोकिला भी कहा जाता है।
3. सुचेता कृपलानी, जिन्होंने कांग्रेस में महिला विंग बनाई
सुचेता कृपलानी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अपनी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कांग्रेस में महिला विंग की भी स्थापना की थी। बाद में उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य में केबिनेट मिनिस्टर का पद संभाला।
4. विजयलक्ष्मी पंडित, जो अंग्रेज राज में पहली महिला मंत्री थीं
विजयलक्ष्मी पंडित पहली ऐसी महिला थी जिन्हें भारत में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन थी। आजादी से पहले भी वे कैबिनेट मंत्री रह चुकी थीं।
5. लीला रॉय, संविधान सभा में बंगाल से अकेली महिला
लीला रॉय 1937 में कांग्रेस में शामिल हुई थी, 1920 के दशक में लीला अन्य बंगाली महिलाओं को बम बनाना सिखाती थी। लेकिन बाद में उन्होंने इस रास्ते को छोड़ 1939 में कांग्रेस जॉइन कर ली। बाद में वे सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज के फॉरवर्ड ब्लॉक की सदस्य भी रहीं । लीला रॉय संविधान सभा में बंगाल राज्य से इकलौती महिला थी।
6. कमला चौधरी, महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा, 6 बार जेल गई थीं
कमला चौधरी भी संविधान सभा सदस्य थी। एक प्रसिद्ध लेखिका होने के साथ वे महात्मा गांधी के साथ जुड़ी हुई थी, वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य थी, और लोकसभा की सदस्य भी चुनी गई थी, अपनी कहानियों के जरिए उन्होंने महिलाओं को समाज में आगे लाने का काम किया था। उन्होंने महिलाओं को देश की आजदी के संघर्ष से जोडऩे में भी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें 6 बार जेल जाना पड़ा था।
7. हंसा मेहता, संसद में उठाया था महिलाओं के तलाक का अधिकार
हंसा मेहता पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ी हुई थी। वे 1945-46 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की अध्यक्ष बनीं। बाद में उन्हें संविधान सभा का सदस्य बनाया गया। संविधान सभा में हंसा ने महिलाओं के अधिकार की बात उठाई थी। 1948 में संसद में जब हिन्दू कोड बिल पर बहस हो रही थी तब उन्होंने ही महिलाओं को तलाक लेने के अधिकार पर बल दिया था।
8. रेणुका रे- संविधान सभा की वो महिला जिनके नाम पर ही पिछड़े वर्ग के लिए कमेटी बनी
रेणुका रे पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य और मंत्री रहीं। उन्होंने ही बंगाल में अखिल बंगाल महिला संघ और महिला समन्वयक परिषद का गठन किया था। रेणुका संविधान सभा की सदस्य होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता, दूसरी और तीसरी लोकसभा की सक्रिय सांसद भी रहीं। बाद रेणुका रे की अगुवाई में ही 1959 में समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए एक समिति का निमार्ण हुआ था जिसको रेणुका रे कमेटी के नाम से जाना जाता है
9. दुर्गाबाई देशमुख- 12 की उम्र में ही देश के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनी थी
दुर्गाबाई देशमुख 12 साल की उम्र में ही असहियोग आंदोलन से जुड़ गई थी। वे महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह का हिस्सा थी। उन्होंने महिलाओं की आवाज उठाने के लिए आंध्र महिला सभा की स्थापना की थी। साथ ही उन्होंने ब्लाइंड रिलीफ एसोसियेशन की भी शुरुआत की थी।
10. अम्मू स्वामीनाथन, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 1 साल जेल में बंद रहीं
अम्मू स्वामीनाथन ने 1917 में मद्रास में महिला भारत संघ का गठन किया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भागीदार होने की वजह से उन्हें एक साल के लिए वेल्लोर जेल भी जाना पड़ा था। वह 1946 में मद्रास निर्वाचन क्षेत्र से संविधान सभा का हिस्सा बनीं।
11. दकश्यानी वेलयुद्ध भारत की इकलौती दलित महिला रहीं जिन्होंने संविधान बनाने में भूमिका निभाई
दकश्यानी वेलयुद्धन संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जातिवर्ग से आने वाली एक मात्र महिला सदस्य थी। वे कोचीन विधान परिषद की सदस्य भी रही थी। दकश्यानी विज्ञान में स्नातक करने वाली भारत की पहली दलित महिला थीं। वे 1946 से 1952 तक प्रोविजनल पार्लियामेंट की मेंबर रहीं।
12. पूर्णिमा बनर्जी, सत्याग्रह आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी
पूर्णिमा बनर्जी इलाहाबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की सचिव थीं। वे सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ी थी। पूर्णिमा बनर्जी उत्तर प्रदेश में आजादी की लड़ाई के लिए बने महिलाओं के समूह की सदस्य थी।
13. एनी मसकैरिनी, केरल से चुनी जाने वाली पहली महिला सांसद
एनी मसकैरिनी त्रावणकोर राज्य में चल रहे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थी। राजनीतिज्ञ गतिविधियों के चलते उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था। 1951 के आम चुनावों में वे लोकसभा सदस्य के रुप में चुनी गई थी। एनी केरल से चुनी जाने वाली पहली महिला सांसद थी।
14. बेगम एजाज रसूल, संविधान सभा की अकेली मुस्लिम महिला
संविधान सभा के सदस्यों में बेगम एजाज रसूल एक मात्र मुस्लिम महिला थी। वे मुस्लिम लीग की सदस्य थी, बाद में जब मुस्लिम लीग भंग हुई तो वह कांग्रेस में शामिल हो गई। बेगम एजाज रसूल उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य, राज्यसभा की सदस्य रही।
15. मालती चौधरी, 16 की उम्र में शांतीनिकेतन जाकर रवींद्रनाथ टैगोर से मार्गदर्शन लिया
मालती चौधरी उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री नाबकृष्ण चौधरी की पत्नी थी। मालती चौधरी ने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए नमक सत्याग्रह में भाग लिया था। मालती ने 16 की उम्र में शांतीनिकेतन में रहीं थी जहां उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस समाजवादी कर्म संघ की स्थापना की थी।
The Best Friend of Man on Earth is Tree!!
Save Tree - Save Life
Save Trees Save Earth
SAVE TREE
Save Water, Save Earth
बढ़ते तापमान को कम करने का बस एक तरीका है पेड़ लगाओ ्यक्ति_हर_साल_एक_पौधा 🌳🌳🌳🌳
#अपने_हिस्सा_के_पेड़_लगाए
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The shiva Foundation
द शिवा फाउंडेशन
दो साल पहले डढ़वा नदी के तट पर #डढ़वा_मिशन के तहत लगाए गए नन्हे पौधे अब पेड़ बन गए
हम द शिवा फाउंडेशन सिर्फ पौधें लगाकर नहीं छोड़ते उनका संरक्षण भी करते हैं
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कुछ पौधों के लिए दुःख भी है क्योंकि वो जैसे ही पेड़ बनें उनको गांव के कुछ लोगों ने अपने इस्तेमाल के लिए काट लिया 😪
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लेकिन हमारा प्रयास जारी हैं और रहेंगा अपनी #वसुंधरा को हरा भरा करने के लिए
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ी_हमारे_इस_प्रयास_में_शामिल_हो_सकते_हैं
हमसे संपर्क करें
The shiva Foundation
On , extend a hand and compassion for all!
Protect the planet and its inhabitants - Humans, Animals, and Nature.
Promote cleanliness, and adhere to proper .
Say a loud YES to a kinder, greener world!
प्लास्टिक का इस्तेमाल केवल पर्यावरणीय दृष्टि से नहीं बल्कि मानवीय दृष्टि से भी हानिकारक है। वातावरण तो इससे दूषित होता ही है लेकिन यह मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को कम करने के साथ-साथ वन्य जीवन के लिए भी खतरा पैदा करता है।
मूवमेंट में अपना सहयोग दें और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
प्लास्टिक का इस्तेमाल आप स्वयं भी न करें व अन्य लोगों को भी इसका प्रयोग न करने के लिए जागरुक करें ।
Slowly but steadily, we will win
The landfills having unsegregated waste stink and harm the surrounding lives in the most adverse ways. Collectively, we should adapt in lives and every possible article with .
By keeping the waste segregated, practicing , and avoiding we can eventually make the country .
शहर को स्वच्छ बनाने में हम सबकी भागीदारी अनिवार्य है। हम सब मिलकर स्वच्छता के प्रति अपने छोटे-छोटे कर्तव्यों को पूरा कर व अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर अपनी हिस्सेदारी दर्ज कर सकते हैं।
आज में भागीदार बन अपने शहर का बेहतर कल सुनिश्चित करें।
आइऐ के साथ मिलकर, भारत के सतत भविष्य में योगदान दें और बनें ।
कल #स्वतंत्रता_दिवस के शुभ अवसर पर #प्रोजेक्ट_वसुंधरा के तहत जसीडीह अवस्थित #बीआईटी_मेसरा में द शिवा फाउंडेशन के नेतृत्व में 101 पौधों का पौधारोपण किया गया!
जिसमे कि मलेशियन साल, अनार,काजू, गोल्डन झार इत्यादि पौधों का पौधारोपण किया गया
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बीआईटी मेसरा की
निदेशक अरुणा जैन, डॉ. डी. के. जैन, प्रो. अरबिन्द कुमार, प्रो. एके चक्रवर्ती, प्रो. अमित कुमार, प्रो. पी के मनोहरन, प्रो. आशुतोष, प्रोफेसर महेंद्र दास, प्रोफेसर पायल भारद्वाज, प्रोफेसर सुतापा मंडल, पी के मनोहरन, प्रोफेसर आशा शर्मा, प्रोफेसर विकास शर्मा, अशोक सर, सहायक रजिस्ट्रार एम के गिरी, सहायक रजिस्ट्रार सशीष तिवारी, सहायक रजिस्ट्रार कौशिक चौधरी ओर द शिवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि शेखर जोशी राष्ट्रीय सचिव रितेश कुमार मिश्रा, आनंद वर्मा, पीयूष मिश्रा एवं प्रीतम कुमार तिवारी जी एवं सभी छात्र- छात्राओं सराहनीय योगदान रहा
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BIT Deoghar
JSW Steel
Ministry of Jal Shakti, Department of Water Resources, RD & GR
Ministry of Environment, Forest & Climate Change, Government of India
स्वतंत्रता दिवस की गौरवमयी 76वीं वर्षगांठ पर प्रदेश तथा देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। हम सब आज देश की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने के साथ 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे देश के बलिदानियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, देशहित में सर्वस्व न्योछावर करने वालों का स्मरण तो कराता ही है, हमें अपने देश की प्रगति में पूर्ण समर्पण के साथ योगदान देने की प्रेरणा भी देता है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के वीर शहीदों को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश‘ अभियान शुरू किया है। 09 अगस्त से प्रारम्भ ये अभियान30 अगस्त तक चलेगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय एकता और अखंडता के सम्मान में हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आजादी के इस अमृत काल में हम सब देशवासी देश की प्रगति में अपनी पूर्ण ऊर्जा, उत्साह और नवोन्मेष के साथ योगदान देंगे। स्वाधीनता दिवस का यह पर्व देशवासियों में नई ऊर्जा और नवचेतना का संचार करेगा।
सभी आदिवासी भाई बहनों को विश्व आदीवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,,,हम संकल्प लेते है की जल,जंगल,जमीन को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे,,,🙏🙏 जोहार 🙏🙏
वृक्षों की संख्या ऐसे भी बढ़ाई जा सकती है_
वर्षा ऋतु है और अनेक प्रकार के फल जैसे आम, जामुन आदि का मौसम है। हमें केवल इतना करना है कि हम फलों को खाने के बाद गुठलियों को कूड़े में न फेंके। उसे किसी पन्नी, बैग में सुरक्षित रख लें। साइकिल, बाइक अथवा कार से कहीं बाहर जाने लगें तो इन गुठलियों(बीज) को साथ ले लें और सड़क के किनारे किनारे आवश्यक दूरी पर इन्हें फेंकते चलें।
निश्चित रूप से बरसात का साथ पा ये बीज वृक्ष बनने की तरफ अग्रसर हो एक दिन पूर्ण वृक्ष बन जाएंगे। जो हमें फल देने के साथ ही साथ सड़कों पर चलते समय छाया भी प्रदान करेंगे।
जरा ध्यान से सोचिए कि हम भारत के अधिसंख्य नागरिक भी इस अभियान में लग जाएं तो पूरे देश में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी, जिसका हमें अनेक प्रकार से प्रत्यक्ष और परोक्ष लाभ होगा।
आइए इसे एक अभियान के रूप में शुरू करते हैं और अपना व अपने बच्चों का भविष्य काफी हद तक सुरक्षित करते हैं।
आओ हम मिलकर करें, नेक काम यह एक।
फल खाएं,दें बीज को,सड़क किनारे फेंक।।
जल पुरुष श्री राजेंद्र सिंह जी के नेतृत्व में आयोजित पानी पंचायत कार्यशाला में।
स्थान:-शिल्पग्राम ऑडिटोरियम, नंदन पहाड़ देवघर।
आज देवघर में पानी पंचायत में भारत के Waterman Rajendra Singh जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और जल संरक्षण और तालाबों एवं नदियों के संरक्षण के लिए आज उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
अगर निरोग रहना है तो प्रतिदिन योग को अपने जीवन चक्र में शामिल करें
योग के माध्यम से सिर्फ स्वस्थ जीवन नहीं मिलता बल्कि आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति भी मिलती है।
आइए, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के नौवें संस्करण के ऐतिहासिक दिन पर साथ मिलकर एक सुखी और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाए।
सौभाग्य, आरोग्य एवं दीर्घायु का वरदान देने वाले वट सावित्री व्रत की समस्त माता-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं।
ईश्वर आपको प्रकृति के सौंदर्य की तरह ही फलने का आशीष दें।
ावित्री_व्रत
बढ़ते तापमान से हमें पेड़ ही बचा सकते हैं
कृपया
अपने आस पास अधिक से अधिक पेड़ जरूर लगाएं
प्लास्टिक मानव जीवन में लगातार जहर घोल रहा है। मानव सुबह से लेकर शाम तक प्लास्टिक का उपयोग करता है। प्लास्टिक पशु और हम सभी के लिए बहुत घातक है। यह स्वच्छता के प्रति एक सराहनीय कदम है। पर्यावरण के लिए प्लास्टिक नही पौधे है जरूरी।
हम सबों की जागरूकता जरूरी है दोस्तों.. 😊😊🙏🏻🙏🏻
हर कोई एक छोटे से काम से शुरुआत कीजिए। इसे घर में बच्चों से लेकर बड़े तक कोई भी आसानी से कर सकता है।
पानी की बोतल आसानी से कहीं भी मिल सकती है। हर घर में हर दिन कम से कम एक या एक से अधिक प्लास्टिक की थैलियाँ आती हैं, (जैसे तेल की थैली, दूध की थैली, किराने की थैली, शैम्पू, साबुन, मैगी, कुरकुरे आदि) वही थैलियां हमें रोज कूड़ेदान की जगह पानी की बोतल में डालनी हैं।
आप सप्ताह में एक बार बोतल को भर सकते हैं और उचित ढक्कन के साथ कूड़ेदान में फेंक दें। ऐसा करने से जानवर बिखरा हुआ प्लास्टिक नहीं खाएंगे।
प्लास्टिक कचरे और पानी की बोतलों का उचित निपटान होगा। कचरा विभाग को कूड़ा जमा करने में भी सुविधा होगी।
इतने छोटे से काम से पर्यावरण, धरती और आने वाली पीढ़ी को बहुत बड़ा फायदा होगा। जितना हो सके इस काम को 100% करने की कोशिश करें, जितने समय में हर कोई कर सकता है।
शहर से लेकर गांव तक हर घर में यह आंदोलन खड़ा होना समय की मांग है। विनम्र निवेदन है कि हर घर इस जरूरत को पहचानें और इस शुभ कार्य की शुरुआत करें।
प्लास्टिक मुक्त भारत
यदि हमारे पूर्वजों को हवाई जहाज बनाना नहीं आता, तो हमारे पास "विमान" शब्द भी नहीं होता।
यदि हमारे पूर्वजों को Electricity की जानकारी नहीं थी, तो हमारे पास "विद्युत" शब्द भी नहीं होता।
यदि "Telephone" जैसी तकनीक प्राचीन भारत में नहीं थी तो, "दूरसंचार" शब्द हमारे पास क्यों है।
Atom और electron की जानकारी नहीं थी तो अणु और परमाणू शब्द कहाँ से आये?
Surgery का ज्ञान नहीं था तो, "शल्य चिकितसा" शब्द कहाँ ये आया?
विमान, विद्युत, दूरसंचार, ये शब्द स्पष्ट प्रमाण है, कि ये तकनीक भी हमारे पास थी।
फिसिक्स के सारे शब्द आपको हिन्दी में मिल जायेंगे।
बिना परिभाषा के कोई शब्द अस्तित्व में रह नहीं सकता।
सौरमण्डल में नौ ग्रह है व सभी सूर्य की परिक्रमा लगा रहे है, व बह्ममाण्ड अनन्त है, ये हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता था। रामचरित्र मानस में काक भुशुंडि - गरुड संवाद पढ़िये, बह्ममाण्ड का ऐसा वर्णन है, जो आज के विज्ञान को भी नहीं पता।
अंग्रेज़ जब 17-18 सदी में भारत आये तभी उन्होंने विज्ञान सीखा, 17 सदी के पहले का आपको कोई साइंटिस्ट नहीं मिलेगा।
17 -18 सदी के पहले कोई अविश्कार यूरोप में नहीं हुआ, भारत आकर सीखकर, और चुराकर अंग्रेज़ों ने अविष्कार करे।
भारत से केवल पैसे की ही लूट नहीं हुयी, ज्ञान की भी लूट हुयी है।
वेद ही विज्ञान है और हमारे ऋषि ही वैज्ञानिक हैं...!
जय सनातन धर्म 🙏🚩
It's time to dim the lights and brighten the future! This Earth Hour Day, let's join forces to create a brighter, cleaner planet. Let's turn off our lights for one hour, from 8:30 to 9:30 PM, and show our commitment to a sustainable future.
देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर युवाओं के हृदय में राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले ऐसे महान क्रांतिकारी एवं अमर बलिदानी
#सुखदेव_जी, िंह_जी एवं #राजगुरू_जी के शहीद दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
आपका बलिदान सदैव हम सभी को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
पेड़ हमारे पृथ्वी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, वे ऑक्सीजन उत्पादन करते हैं और वातावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
पेड़ों काटने से हम पृथ्वी के जीवन संसाधनों को कम करते हैं, जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसके अलावा, पेड़ों की कटौती से जंगली जीव-जंतुओं के निवास स्थान भी नष्ट हो जाते हैं।
इसलिए, हमें अपने जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक पेड़ों का संरक्षण करना चाहिए और पेड़ों को काटने से बचना चाहिए। हमें नए पेड़ लगाने और वनों को पुनर्स्थापित करने के लिए भी जोर देना चाहिए ताकि हम अपने भविष्य के लिए संरक्षित वातावरण का संरक्षण कर सकें।
Protecting the environment.
The environment refers to the natural world around us, including all living and non-living things that exist in the earth's biosphere. This includes the air we breathe, the water we drink, the soil we use to grow food, and the biodiversity of plant and animal species that inhabit the planet.
The environment is essential to our survival as a species and supports all life on earth. However, human activities such as industrialization, urbanization, deforestation, and pollution have caused significant damage to the environment, resulting in climate change, loss of biodiversity, and degradation of natural resources.
To protect the environment and prevent further harm, there are many initiatives underway to reduce greenhouse gas emissions, increase renewable energy production, conserve natural resources, and promote sustainable practices in agriculture, transportation, and other industries. These efforts are essential to ensure a healthy planet for future generations.
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