Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria

Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria

Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria, Public Figure, 18/580 C C Road DEORIA RAMNATH, Deoria.

01/06/2024

सक्षम,समृद्ध,शक्तिशाली और विकसित भारत के लिये मतदान किया!
#4जून_400पार #तीसरी_बार_मोदी_सरकार

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 29/05/2024

आज मेरे शादी की वर्ष गाँठ एवं मेरा जन्म दिन हैं हम आप सभी जेष्ठ,श्रेष्ठ जनो से आशीर्वाद के आकांक्षी हैं,मित्रों,अनुजों से स्नेह भरे प्यार की अपेक्षा करता हूँ साथ ही मोदी परिवार के जेष्ठ,श्रेष्ठ,अनुज जनों से आशीर्वाद एवं स्नेहिल प्यार की अपेक्षा करता हूँ ।

27/05/2024

26 मई को रूद्रपुर देवरिया में यशस्वी प्रधानमंत्री मा नरेंद्र मोदी जी के जनसभा में हेलिपैड पर मा मोदी जी का स्वागत करते हुए

08/05/2024
17/04/2024

देवरिया लोकसभा का भाजपा प्रत्याशी श्री शशांक मणि त्रिपाठी को बनाए जाने पर देवरिया प्रथम आगमन पर हृदय की गहराइयों से स्वागत है अभिनंदन है

17/04/2024

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी।
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभा सिंधु खरारी॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करूं अनंता।
माया गुन ग्यानातीत अमाना बेद पुरान भनंता॥
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रगट श्रीकंता॥
ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै।
मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै॥
उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै।
कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै॥
माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा।
कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा॥
सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा।
यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा॥
बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार।।

17/04/2024

सब पर राम यशस्वी राजा
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प्रसन्न प्रजा, उत्तम विधान
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श्रीराम के राज्य में उन्नत तकनीक,उन्नत सैन्य साधन,निष्पक्ष न्याय व्यवस्था,उचित दंड-व्यवस्था एवं समृद्धि और सुरक्षित कोष व्यवस्था और मधुसंचय न्याय आधारित कर व्यवस्था के पर्याप्त उदाहरण देखने को मिलते हैं ।श्रीराम प्रतिदिन राजसभा में बैठकर पुरवासियों और जनपदवासियों के सारे कार्यों को देखभाल करते हुए शासन का कार्य चलाते थे प्रत्येक व्यक्ति को राजा से मिलने एवं अपनी विचाराभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता थी ।रामराज्य के स्थापत्य एवं शिल्प भी अत्यंत उन्नत स्थिति में थे ।अनेकानेक भवन,प्रासाद,मंदिर,कूप,सरोवर इत्यादि विकास के परिचायक होने के साथ ही नगर की सुंदरता भी बढ़ाते थे ।सुदृढ़ एवं उन्नत कृषि-व्यवस्था थी ।राज्य के प्रत्येक स्थल सामाजिक उत्सवों के कारण सदा शोभासंपन्न दिखाई देते थे ।
श्रीराम के लिए समाज के सभी वर्ग समान थे उनके लिए कोई छोटा-बड़ा नहीं था ।निषादराज गुह,केवट,माता शबरी,जटायु आदि अनेक इसी तरह के उदाहरण हैं,जिनमें श्रीराम की समतामूलक दृष्टि का बोध होता है ।रामराज्य में कर्त्तव्यों,सभी वर्गों में समानता,सभी वर्गों के लिए समान अवसर,प्रजाजनो में परस्पर समरसता,प्रजाजनों में अपने-अपने कर्तव्य के प्रति उन्मुखता आदि के तत्व देखने को मिलते हैं ।
शासन का विकेंद्रीकरण
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श्रीराम के राज्य की प्रमुख विशेषता यह भी रही कि उनके द्वारा शासन का विकेंद्रीकरण किया गया ।अपने जीवन काल में श्रीराम के द्वारा अपने भाई शत्रुघ्न को मधुरा (मथुरा) का राजा बनाया गया,साथ ही शासन संबंधी स्वतंत्र निर्णय लेने के समस्त अधिकार प्रदान किए ।श्रीराम ने सिन्धुंध,कारापथ आदि अनेकों प्रदेशों का स्वतंत्र उत्तरदायित्व भरत के पुत्र तक्ष और पुष्कल,लक्ष्मण के पुत्र अंगद एवं चंद्रकेतु एवं शत्रुघ्न के पुत्र सुचरित और सुबाहु को दिया ।ये सभी उदाहरण युवा-प्रोत्साहन के भी कहे जा सकते हैं ।श्रीराम ने अपने जीवनकाल में युवाओं को पूर्ण स्वतंत्रता एवं अधिकार प्रदान किए ।उन्होंने लक्ष्मण के पुत्र अंगद एवं चंद्रकेतु को कारूपथ देश के विभिन्न राज्यों का राजा बनाया ।तत्पश्चात् अंगद ने अंगदीया नगर एवं चंद्रकेतु ने चंद्रकांता नगर बसाया ।

16/04/2024

देवरिया लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी बनाये जाने पर शशांक मणि त्रिपाठी जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

16/04/2024

आप सभी को श्री दुर्गा अष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

05/04/2024

मेरे इस लेख को भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को पड़ना चाहिए
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“भाजपा का इतिहास एवं विकास”
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भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा का गठन 6 अप्रैल, 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया, जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपेयी निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। कांग्रेस की एकाधिकार वाली एक-दलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के रूप में जानी जाने वाली भारतीय राजनीति को भारतीय जनता पार्टी ने दो ध्रुवीय बनाकर एक गठबंधन-युग के सूत्रपात में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश में विकास आधारित राजनीति की नींव भी भाजपा ने विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने के बाद तथा पूरे देश में भाजपा नीत राजग शासन के दौरान रखी। आज तीन दशक बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसी एक पार्टी को देश की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है तथा भारी बहुमत से भाजपा नीत राजग सरकार केन्द्र में विद्यमान है।
पृष्ठभूमि
हालांकि भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल, 1980 को हुआ, परन्तु इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है। स्वतंत्रता प्राप्ति तथा देश विभाजन के साथ ही देश में एक नई राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न हुई। गांधीजी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाकर देश में एक नया राजनीतिक षड्यंत्र रचा जाने लगा। सरदार पटेल के देहावसान के पश्चात् कांग्रेस में नेहरू का अधिनायकवाद प्रबल होने लगा। गांधी और पटेल दोनों के ही नहीं रहने के कारण कांग्रेस ‘नेहरूवाद’ की चपेट में आ गई तथा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण, लाइसेंस-परमिट-कोटा राज, राष्ट्रीय सुरक्षा पर लापरवाही, राष्ट्रीय मसलों जैसे कश्मीर आदि पर घुटनाटेक नीति, अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारतीय हितों की अनदेखी आदि अनेक विषय देश में राष्ट्रवादी नागरिकों को उद्विग्न करने लगे। ‘नेहरूवाद’ तथा पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत के चुप रहने से क्षुब्ध होकर डॉ श्यामा प्रसाद मुकर्जी ने नेहरु मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। इधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ स्वयंसेवकों ने भी प्रतिबंध के दंश को झेलते हुए महसूस किया कि संघ के राजनीतिक क्षेत्र से सिद्धांततः दूरी बनाये रखने के कारण वे अलग-थलग तो पड़े ही, साथ ही संघ को राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा था। ऐसी परिस्थिति में एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल की आवश्यकता देश में महसूस की जाने लगी। फलतः भारतीय जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर, 1951 को डॉ श्यामा प्रसाद मुकर्जी की अध्यक्षता में दिल्ली के राघोमल आर्य कन्या उच्च विद्यालय में हुई।
भारतीय जनसंघ ने डॉ श्यामा प्रसाद मुकर्जी के नेतृत्व में कश्मीर एवं राष्ट्रीय अखंडता के मुद्दे पर आंदोलन छेड़ा तथा कश्मीर को किसी भी प्रकार का विशेषाधिकार देने का विरोध किया। नेहरू के अधिनायकवादी रवैये के फलस्वरूप डॉ श्यामा प्रसाद मुकर्जी को कश्मीर की जेल में डाल दिया गया, जहां उनकी रहस्यपूर्ण स्थिति में मृत्यु हो गई। एक नई पार्टी को सशक्त बनाने का कार्य पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के कंधों पर आ गया। भारत-चीन युद्ध में भी भारतीय जनसंघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर नेहरू की नीतियों का डटकर विरोध किया। 1967 में पहली बार भारतीय जनसंघ एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में भारतीय राजनीति पर लम्बे समय से बरकरार कांग्रेस का एकाधिकार टूटा, जिससे कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय हुई।
भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय
सत्तर के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में निरंकुश होती जा रही कांग्रेस सरकार के विरूद्ध देश में जन-असंतोष उभरने लगा। गुजरात के नवनिर्माण आन्दोलन के साथ बिहार में छात्र आंदोलन शुरू हो गया। कांग्रेस ने इन आंदोलनों के दमन का रास्ता अपनाया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आंदोलन का नेतृत्व स्वीकार किया तथा देशभर में कांग्रेस शासन के विरूद्ध जन-असंतोष मुखर हो उठा। १९७१ में देश पर भारत-पाक युद्ध तथा बांग्लादेश में विद्रोह के परिप्रेक्ष्य में बाह्य आपातकाल लगाया गया था जो युद्ध समाप्ति के बाद भी लागू था। उसे हटाने की भी मांग तीव्र होने लगी। जनान्दोलनों से घबराकर इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने जनता की आवाज को दमनचक्र से कुचलने का प्रयास किया। परिणामत: 25 जून, 1975 को देश पर दूसरी बार आपातकाल भारतीय संविधान की धारा 352 के अंतर्गत ‘आंतरिक आपातकाल’ के रूप में थोप दिया गया। देश के सभी बड़े नेता या तो नजरबंद कर दिये गए अथवा जेलों में डाल दिए गये। समाचार पत्रों पर ‘सेंसर’ लगा दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अनेक राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हजारों कार्यकर्ताओं को ‘मीसा’ के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। देश में लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा। जनसंघर्ष को तेज किया जाने लगा और भूमिगत गतिविधियां भी तेज हो गयीं। तेज होते जनान्दोलनों से घबराकर इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी, 1977 को लोकसभा भंग कर दी तथा नये जनादेश प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर एक नये राष्ट्रीय दल ‘जनता पार्टी’ का गठन किया गया। विपक्षी दल एक मंच से चुनाव लड़े तथा चुनाव में कम समय होने के कारण ‘जनता पार्टी’ का गठन पूरी तरह से राजनीतिक दल के रूप में नहीं हो पाया। आम चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई तथा ‘जनता पार्टी’ एवं अन्य विपक्षी पार्टियां भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई। पूर्व घोषणा के अनुसार 1 मई, 1977 को भारतीय जनसंघ ने करीब 5000 प्रतिनिधियों के एक अधिवेशन में अपना विलय जनता पार्टी में कर दिया।
भाजपा का गठन
जनता पार्टी का प्रयोग अधिक दिनों तक नहीं चल पाया। दो-ढाई वर्षों में ही अंतर्विरोध सतह पर आने लगा। कांग्रेस ने भी जनता पार्टी को तोड़ने में राजनीतिक दांव-पेंच खेलने से परहेज नहीं किया। भारतीय जनसंघ से जनता पार्टी में आये सदस्यों को अलग-थलग करने के लिए ‘दोहरी-सदस्यता’ का मामला उठाया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने पर आपत्तियां उठायी जानी लगीं। यह कहा गया कि जनता पार्टी के सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य नहीं बन सकते। 4 अप्रैल, 1980 को जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने अपने सदस्यों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य होने पर प्रतिबंध लगा दिया। पूर्व के भारतीय जनसंघ से संबद्ध सदस्यों ने इसका विरोध किया और जनता पार्टी से अलग होकर 6 अप्रैल, 1980 को एक नये संगठन ‘भारतीय जनता पार्टी’ की घोषणा की। इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई।
विचार एवं दर्शन
भारतीय जनता पार्टी एक सुदृढ़, सशक्त, समृद्ध, समर्थ एवं स्वावलम्बी भारत के निर्माण हेतु निरंतर सक्रिय है। पार्टी की कल्पना एक ऐसे राष्ट्र की है जो आधुनिक दृष्टिकोण से युक्त एक प्रगतिशील एवं प्रबुद्ध समाज का प्रतिनिधित्व करता हो तथा प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति तथा उसके मूल्यों से प्रेरणा लेते हुए महान ‘विश्वशक्ति’ एवं ‘विश्व गुरू’ के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो। इसके साथ ही विश्व शांति तथा न्याययुक्त अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को स्थापित करने के लिए विश्व के राष्ट्रों को प्रभावित करने की क्षमता रखे।
भाजपा भारतीय संविधान में निहित मूल्यों तथा सिद्धांतों के प्रति निष्ठापूर्वक कार्य करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आधारित राज्य को अपना आधार मानती है। पार्टी का लक्ष्य एक ऐसे लोकतान्त्रिक राज्य की स्थापना करना है जिसमें जाति, सम्प्रदाय अथवा लिंगभेद के बिना सभी नागरिकों को राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय, समान अवसर तथा धार्मिक विश्वास एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो।
भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित ‘एकात्म-मानवदर्शन’ को अपने वैचारिक दर्शन के रूप में अपनाया है। साथ ही पार्टी का अंत्योदय, सुशासन, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास एवं सुरक्षा पर भी विशेष जोर है। पार्टी ने पांच प्रमुख सिद्धांतों के प्रति भी अपनी निष्ठा व्यक्त की, जिन्हें ‘पंचनिष्ठा’ कहते हैं। ये पांच सिद्धांत (पंच निष्ठा) हैं-राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय अखंडता, लोकतंत्र, सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता (सर्वधर्मसमभाव), गांधीवादी समाजवाद (सामाजिक-आर्थिक विषयों पर गाँधीवादी दृष्टिकोण द्वारा शोषण मुक्त समरस समाज की स्थापना) तथा मूल्य आधारित राजनीति।
उपलब्धियां
श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए। अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गई। बोफोर्स एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पुनः गैर-कांग्रेसी दल एक मंच पर आये तथा 1989 के आम चुनावों में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा। वी.पी. सिंह के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय मोर्चे की सरकार को भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया। इसी बीच देश में राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू हुआ। तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथयात्रा शुरू की। राम मंदिर आन्दोलन को मिले भारी जनसमर्थन एवं भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर आडवाणी जी की रथयात्रा को बीच में ही रोक दिया गया। फलतः भाजपा ने राष्ट्रीय मोर्चा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। और वी.पी. सिंह सरकार गिर गई तथा कांग्रेस के समर्थन से चन्द्रशेखर देश के अगले प्रधानमंत्री बने। आने वाले आम चुनावों में भाजपा का जनसमर्थन लगातार बढ़ता गया। इसी बीच नरसिम्हाराव के नेतृत्व में कांग्रेस तथा कांग्रेस के समर्थन से संयुक्त मोर्चे की सरकारों का शासन देशपर रहा, जिस दौरान भ्रष्टाचार, अराजकता एवं कुशासन के कईं ‘कीर्तिमान’ स्थापित हुए।
1996 के आम चुनावों में भाजपा को लोकसभा में 161 सीटें प्राप्त हुईं। भाजपा ने लोकसभा में 1989 में 85, 1991 में 120 तथा 1996 में 161 सीटें प्राप्त कीं। भाजपा का जनसमर्थन लगातार बढ़ रहा था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा सरकार ने 1996 में शपथ ली, परन्तु पर्याप्त समर्थन के अभाव में यह सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई। इसके बाद 1998 के आम चुनावों में भाजपा ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की और श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने शपथ ली। परन्तु जयललिता के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के कारण सरकार लोकसभा में विश्वासमत के दौरान एक वोट से गिर गई, जिसके पीछे वह अनैतिक आचरण था, जिसमें उड़ीसा के तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री गिररिधर गोमांग ने पद पर रहते हुए भी लोक सभा की सदस्यता नहीं छोड़ी तथा विश्वासमत के दौरान सरकार के विरूद्ध मतदान किया। कांग्रेस के इस अवैध और अनैतिक आचरण के कारण ही देश को पुनः आम चुनावों का सामना करना पड़ा। 1999 में भाजपा 182 सीटों पर पुनः विजय मिली तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 306 सीटें प्राप्त हुईं। एक बार पुनः श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा-नीत राजग की सरकार बनी।
भाजपा-नीत राजग सरकार ने श्री अटल बिहारी के नेतृत्व में विकास के अनेक नये प्रतिमान स्थापित किये। पोखरण परमाणु विस्फोट, अग्नि मिसाइल का सफ़ल प्रक्षेपण, कारगिल विजय जैसी सफलताओं से भारत का कद अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ऊंचा हुआ। राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में नयी पहल एवं प्रयोग, कृषि, विज्ञान एवं उद्योग के क्षेत्रों में तीव्र विकास के साथ-साथ महंगाई न बढ़ने देने जैसी अनेकों उपलब्धियां इस सरकार के खाते में दर्ज हैं।
भारत-पाक संबंधों को सुधारने, देश की आंतरिक समस्याओं जैसे नक्सलवाद, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तर पूर्व के राज्यों में अलगाववाद पर कईं प्रभावी कदम उठाए गये। राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को सुदृढ़ कर सुशासन एवं सुरक्षा को केन्द्र में रखकर देश को समृद्ध एवं समर्थ बनाने की दिशा में अनेक निर्णायक कदम उठाये गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में राजग शासन ने देश में विकास की एक नई राजनीति का सूत्रपात किया।
वर्तमान स्थिति
आज भाजपा देश में एक प्रमुख राष्ट्रवादी शक्ति के रूप में उभर चुकी है एवं देश के सुशासन, विकास, एकता एवं अखंडता के लिए कृतसंकल्प है।
10 साल पार्टी ने विपक्ष की सक्रिय और शानदार भूमिका निभाई। 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी, जो आज ‘सबका साथ, सबका विकास’ की उद्घोषणा के साथ गौरव सम्पन्न भारत का पुनर्निर्माण कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा लगभग 11 करोड़ सदस्यों वाली विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बन गयी है।
26 मई, 2014 को श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कम समय में ही अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने विश्व में भारत की गरिमा को पुन:स्थापित किया, राजनीति पर लोगों के विश्वास को फिर से स्थापित किया। अनेक अभिनव योजनाओं के माध्यम से नए युग की शुरुआत की। अन्त्योदय, सुशासन, विकास एवं समृद्धि के रास्ते पर देश बढ़ चला है। आर्थिक और सामाजिक सुधार सुरक्षित जीवन जीने का मार्ग उपलब्ध करा रहे हैं। किसानों के लिये ऋण से लेकर खाद तक की नयी नीतियां जैसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड, आदि ने कृषि के तीव्र विकास की अलख जगायी है। ये नया युग है सुशासन का। चाहे आदर्श ग्राम योजना हो, स्वच्छता अभियान या फिर योग के सहारे भारत को स्वथ्य बनाने का अभियान, इन सभी कदमों से देश को एक नयी ऊर्जा मिली है। भाजपा की मोदी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, अमृत मिशन, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं से भारत को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है। जनधन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी अनेक योजनाएं देश में एक नयी क्रांति का सूत्रपात कर रही हैं। भाजपा सरकार ने देशवासियों को विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना का उपहार दिया है।
भारतीय राजनीति में भाजपा का योगदान
राष्ट्रीय अखण्डता, कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय, कबाइली वेश में पाकिस्तानी आक्रमण के प्रतिकार, परमिट व्यवस्था एवं धारा 370 की समाप्ति व पृथकतावाद से निरन्तर संघर्ष करने वाली एकमात्र पार्टी भारतीय जनसंघ या भाजपा है, अन्यथा कश्मीर का बचना कठिन था।
गोवा मुक्ति आंदोलन, सत्याग्रह एवं बलिदान। बहुत दबाव के बाद ही सरकार ने सैनिक कार्यवाही की।
बेरुबाड़ी एवं कच्छ समझौते हमारी राष्ट्रीय अखण्डता के लिए चुनौती थे। भाजपा ने इस चुनौती का सामना किया।
आज भी देश में राष्ट्रीय अखण्डता के मुद्दे उठाना पृथकतावाद से जूझना एवं इस निमित्त समाज को निरन्तर जाग्रत रखने का काम भाजपा ही कर रही है।
देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न कर भारत पर हमलों की हिमाकत करने वालों को अटलजी की सरकार ने सीधा संदेश दिया।
लोकतंत्रः विकास एवं रक्षा
प्रथम चरण में जब स्वतंत्रता आंदोलन के सभी नेता सत्ता पक्ष में जा बैठे थे, विपक्ष या तो था ही नहीं या राष्ट्रभक्ति से शून्य वामपंथियों के पास था तब जनसंघ ने चुनौती को स्वीकार किया तथा भारत के लोकतंत्र को भारतीय जनसंघ के रूप में सबल विपक्ष दिया। 1967 में जनसंघ दूसरा बड़ा दल बन गया था।
चुनाव सुधार के मुद्दे उठाने वाला एकमात्र राजनीतिक दल जनसंघ या भाजपा ही है। लोकतांत्रिक मर्यादाओं को हमारी पार्टी ने बल दिया और उनका उल्लंघन नहीं होने दिया।
आपातकाल के प्रतिकार की कहानी हमारी लोकतंत्रात्मक निष्ठा को पुष्ट करती है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में जो विपक्ष उभरा, वही विकल्प बनने में भी सक्षम था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं श्री नरेन्द्र मोदी भारतीय लोकतंत्र में विकल्प के नियामक हैं। भारतीय लोकतंत्र के लिए अपेक्षित अखिल भारतीय संगठन एवं नेतृत्व आज केवल भाजपा के पास है।
विचारधारा
राजनीति केवल सत्ता प्राप्त करने का साधन नहीं है। समाज को अपेक्षित दिशा में प्रगति पथ पर ले जाना भी उसका कार्य है। इसके लिये संगत दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जो संगत विचारधारा से प्राप्त होता है। आज भारत के सभी राजनैतिक दल विचारधारा शून्यता के शिकार हैं। भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद तथा पंचनिष्ठाओं की संगत विचारधाराओं के आधार पर संगठन का नियमन कर रही है। शासन की नीति में भी इनका समुचित प्रतिबिम्बन होगा।
सुशासन
ध्येनिष्ठ कार्यकर्ताओं की शक्ति एवं सरकार का सुनियमन सुशासन की गारंटी है। छः साल का केन्द्रीय शासन एवं प्रदेशों में भाजपा की सरकारों ने अन्य दलों की सरकारों की तुलना में अच्छा शासन दिया है। गत तीन वर्षों से श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सकारात्मक सुशासन की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। व्यवस्थाओं की पुरानी विकृतियों का शमन करने में अभी भी कुछ वक्त लगेगा।

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 02/04/2024

आज मेरे देवरिया आवास पर आकर जूनियर शिक्षण प्रबन्धक संघ देवरिया की जिलाध्यक्ष श्रीमती संगीता सिंह जी एवं वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष श्री युवराज प्रताप सिंह जी द्वारा मुझे सम्मानित किया गया इस अपार स्नेह और सम्मान देने के लिए आप दोनों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ साथ ही प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूँ कि आप दोनों का भविष्य उज्जवल हो

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 01/04/2024

माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाना हम सभी के लिए एक गौरवशाली पल है। आडवाणी जी निःस्वार्थ भाव से जीवनपर्यंत देशहित के कार्यों और सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित रहे। त्याग, तप और समर्पण से परिपूर्ण उनका जीवन करोड़ों लोगों को शक्ति और प्रेरणा देने का अक्षय स्रोत है।

22/03/2024

राजनीति में सुचिता,समर्पण,समन्वय,सिद्धांत,सदाचरण हमारे प्रेरणास्रोत भरत रत्न,पूर्व उप प्रधानमंत्री आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी के साथ सुखद क्षण की पुरानी तस्वीर

21/03/2024

बहुत बहुत धन्यवाद दैनिक जागरण देवरिया के ब्यूरो चीफ आदरणीय महेंद्र त्रिपाठी जी

19/03/2024

मेरे द्वारा नमो एप पर पार्टी कोश में माइक्रो डोनेशन के माध्यम से सूक्ष्म सहयोग ।(हर हर मोदी घर घर मोदी )

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 18/03/2024

आज लोकसभा देवरिया के विधानसभा रामपुर कारखाना के चुनाव प्रबंधन सिमिति के बैठक में उपस्थित रहा।
कार्यक्रम में भाजपा के जिलाध्यक्ष मा भूपेन्द्र सिंह जी,रामपुर कारखाना के विधायक सुरेंद्र चौरसिया जी,लोकसभा के प्रभारी मा जयप्रकाश शाही जी, लोकसभा संयोजक श्री सी पी सिंह जी और भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

17/03/2024

आदरणीय रमेश जी भाई साहब को गोरक्ष प्रांत का प्रांत प्रचारक बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🚩

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 20/02/2024

आज देवरिया के समाचार पत्रों में धन्यवाद प्रिंट मीडिया

03/02/2024

जन नायक भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

Photos from Nishi Ranjan Tiwari - BJP - Deoria's post 02/02/2024

भाजपा के गाँव चलो अभियान के देसही देवरिया मंडल के कार्य शाला में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए साथ में भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री मंडल प्रभारी श्री संजय राव जी

26/01/2024
23/01/2024

मा सूर्य प्रताप शाही जी कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि आप स्वस्थ एवं दीर्घायु हो हम सभी को आप आशीर्वाद,स्नेह,मार्गदर्शन सदैव मिलता रहे

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तीसरी बार मोदी सरकार  अब की बार चार सौ पार
भाव विभोर रीयल मणिकर्णिका।कंगना रनौत।जयश्रीराम।
हर घर तिरंगा

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