DARPAN:Nit Durgapur दर्पण: एनआईटी दुर्गापुर
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दर्पण 'राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान दुर्गापुर' के छात्रों द्वारा हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु बनायी गयी एवम अपनायी गयी विचारधारा है. हम संस्थान में हिन्दी लेखन एवम वाचन को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.
दीपावली, भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। इस प्रकार दीपों की पंक्तियों से सुसज्जित इस त्योहार को दीपावली कहा जाता है। इस दिन भगवान राम चंद्र जी रावण की लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे तो उनके स्वागत में सारे अयोध्या वासियो ने उनके स्वागत में घी के दिए जला कर हर्षोल्लास से इस दिन को मनाया था, तभी से सभी हिंदू इस दिन को दीपावली पर्व के रूप में मनाते हैं।चलो हम सब मिल कर इस पावन अवसर पर ख़ुशी के दीप जलाकर एकता का प्रकाश फैलायें।
हिंदी छात्र संघ दर्पण की ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
धनतेरस दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। हिंदू परिवार दिवाली से दो दिन पहले शुक्रवार ,10 नवंबर, 2023 को धनतेरस मनाएंगे। धनतेरस अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि इसमें धन, समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना की जाती है। धनतेरस के पर्व को धनत्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन भगवान कुबेर, धनवंतरि देव और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी प्रकट हुए थे। इस वजह से धनतेरस को भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। साल 2023 में धनतेरस 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन शुक्रवार और धनतेरस का संयोग पड़ रहा है। इस खास मौके पर अपनों को भेजे ये शुभकामनाएं संदेश और दें इस पर्व की बधाई।
#कावेरी
रामायण को जिसने रच डाला,
जो संस्कृत का है कवि महान,
ऐसे हमारे पूज्य गुरूवर वाल्मीकि जी,
के चरणों में शत-शत प्रणाम!!
महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति में आदिकवि के रूप में जाने जाते हैं, इन्होंने हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक ग्रंथ वाल्मीकि रामायण की रचना की। वाल्मीकि रामायण में भगवान राम चन्द्र जी की कथा को एक महाकाव्य के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें धर्म, नैतिकता और मानवीय मूल्यों का महत्व उजागर किया गया है।
महर्षि वाल्मिकी ने सच्चे संत को परिभाषित करते हुए कहा की जो दूसरों को दु:ख से बचाने के लिए लाखों कष्ट सह जाए वही वास्तव में मनुष्य है, जबकि दुष्ट तो बस दुख ही बांटते हैं, तो चलो हम भी इनकी जयंती पर सबमें प्यार और सद्भावना बांटने का प्रयास करें।
हिंदी छात्र संघ 'दर्पण' की ओर से आप सभी को महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकमनाएं।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
विजयदशमी, जिसे हम 'दशहरा' के रूप में जानते हैं, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह त्योहार नवरात्रि के नौ दिनों के पश्चात् मनाया जाता हैं जो बुराई पर अच्छाई और सत्य की अंनत विजय का प्रतीक हैं।
इसी दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतीक दस सिर वाले राक्षस रावण का संहार किया था एवं महाआतताई महिषासुर का १० दिन तक चले भयंकर युद्ध के अंत में मां दुर्गा ने अपने करकमलों से वध किया।
दशहरा का त्योहार हमें आदर्शों और मूल्यों की महत्ता को समझाता है साथ ही सत्य के मार्ग पर बने रहने के लिए प्रेरित करता है।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥
नवरात्रि हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे हम देवी दुर्गा पूजा के नाम से मनाते हैं। इस अवसर पर नौ दिनों तक भगवानी की भक्ति और ध्यान किया जाता है। रंग-बिरंगी रास और गरबा रात्रियाँ इस त्योहार के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो आनंद और उत्साह से भरी होती हैं। इस मौके पर लोग नए कपड़े पहनकर खुशियों का आनंद लेते हैं और माँ दुर्गा के आगमन का स्वागत करते हैं। इस खास त्योहार के साथ ही हम सभी एक-दूसरे के साथ एक एक बढ़कर खुशियाँ मनाने का अवसर पाते हैं।
मां दुर्गा के कदम आपके घर आएं,
मुसीबतें आपसे नज़रें चुराये
मातारानी के आशीर्वाद से आप खुशियों से नहाएं!!
हिंदी छात्र संघ दर्पण की ओर से आप सभी को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकमनाएं!
भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें हम भारतवासी प्यार से 'बापू' भी कहते है। बापू एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने हमें अहिंसा का महत्व समझाया एवं अहिंसा को अस्त्र बनाकर लड़ना भी सिखलाया।
बापू जी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जयंती के रूप में संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। बापू जी सत्य, प्रेम और अहिंसा तीनों को आत्मा का आभूषण मानते थे। आपके विचार आपके कर्म बन जाते है। आपकी सादगी दूसरो को भी बदल सकती है बापू जी के विचारों ने भारत को आजादी दिलाने मे विशेष योगदान दिया।
बापू जी के विचार आज पूरी दुनिया भर में प्रचलित है। उनका स्वदेश के लिए अपार प्रेम ने ही स्वदेशी की नींव डाली। डांडी मार्च से नमक निर्माण हो या खादी का प्रचार ये बापू के वो कदम थे जिसने हमें आत्मनिर्भरता की सीख दी। भारत को मान सम्मान और आजादी दिलाई।
आज उनकी 154 वी जयंती पर दर्पण परिवार पूज्य बापू जी को सादर प्रणाम करता हैं तथा आप सभी को गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
यतो बुद्धिरज्ञाननाशो मुमुक्षोः यतः सम्पदो भक्तसन्तोषिकाः स्युः।
यतो विघ्ननाशो यतः कार्यसिद्धिः सदा तं गणेशं नमामो भजामः।
भगवान शिव और माता पार्वती के अंश और अर्द्धनारीश्वर की उत्पत्ति के द्योतक गणेश जी के जन्म उत्सव के तौर पर हम गणेश चतुर्थी मनाते हैं, यह उत्सव 10 दिनों तक चलता हैं।
सनातन धर्म में सिद्धि विनायक को प्रथम पूज्य माना गया है। वे ज्ञान, बुद्धि एवं शुभता के प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने अपने शरीर के मेैल से भगवान गणेश को बनाया और अपनी यौगिक शक्ति से उनमें प्राण प्रतिष्ठित किया। ये हम मनुष्यों को एक सांकेतिक सीख प्रदान करता है कि जीवन के "मेैल"- अर्थात् दुःख, जलन, द्वेष, अहंकार जैसी भावों के उतरने के पश्चात ही ज्ञान और शुभता का वास होता है।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से हमारे प्रिय गणपति बप्पा के जन्म दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
गणपति बप्पा मोरिया!!
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा !
हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में १४ सितंबर को प्रत्येक वर्ष हम हिंदी दिवस मनाते हैं। यह दिन हमारी मातृभाषा हिंदी को समर्पित है और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।
हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में बोली जाती है और इसका महत्व देश के एकता और विविधता को दर्शाता है। हिंदी ने साहित्य, कला, संगीत, और विज्ञान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, हिंदी भाषा विश्व के तीन सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हैं।
हम हिंदी छात्र संघ "दर्पण" गर्व से कहते है कि हम हिंदी को अपनी भाषा के रूप में बोलते हैं तथा इसके महत्त्व को उजागर करने के लिए सदेव अग्रसर हैं।
हिंदी दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
हरे कृष्णा!
कृष्ण जन्माष्टमी का यह दिवस स्वयं में विशेष महत्व रखता हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता हैं।
यह दिवस उनके बाल्य-काल्य की लिलायों से लेकर उनके जगत गुरु बनने के यात्रा के प्रारंभ का परिचायक हैं। उनकी माया से प्रभावित इस संसार में हम अर्जुन की भाती है जिसे श्री कृष्ण जैसे गुरु एवं मित्र की आवश्यकता हैं जो जीवन के हर मोड़ पर हमारा उचित मार्गदर्शन कर हमें जीवन की वास्तविकता और उसके अर्थ तक ले जा सके।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता है एवं आशा करता हैं की आप सभी उनके दिखाएं गए मार्ग पर चल कर एक आदर्श जीवन का निर्वाह करेंगे।
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
आपसे मिली है विद्या, आपसे ही मिला है ज्ञान
गुरुदेव आपको मेरा शत शत प्रणाम l
भारतीय संस्कृति में शिक्षक को ईश्वर के समान माना जाता रहा है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में उसके शिक्षक की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे हमे अपना जीवन जीना सिखाते हैं और हर कदम पे हमारे मार्गदर्शक के रूप मे खड़े रहते हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को संपूर्ण भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति और स्वयं एक उत्कृष्ट शिक्षक थे। इसलिए समाज और राष्ट्र में एक शिक्षक के योगदान का उत्सव मनाने के लिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण " की ओर से आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ l
बंधन की मिठास प्यार की धार
रिश्तों की बुनाई, भाई बहन का त्यौहार
हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षा बंधन का यह त्योहार भाई और बहन के प्रेम के दिव्य बंधन को समर्पित है। इस दिवस पर बहने अपने भाई को रक्षा सूत्र बाँधती हैं जो भाई बहन के अटूट प्रेम का साक्षात् प्रतीक है और उन्हें अपनी बहन की रक्षा करने के दायित्व का अहसास कराता है।
रक्षा बंधन इसके साथ एक मानवीय आदर्श को भी दर्शाता है कि हमें अपने परिवार के सदस्यों के प्रति आपसी स्नेह और समर्पण की भावना रखनी चाहिए।
हिंदी छात्र संघ " दर्पण " की ओर से भाई-बहन के इस पवित्र पर्व रक्षा बंधन की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
गोस्वामी श्री तुलसीदास भारतीय साहित्य के उत्कृष्ट कवियों में से एक हैं। श्री तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के माध्यम से भगवान राम के अद्वितीय चरित्र और दिव्य लीलाओं को मानवता के लिए सजीव किया। उन्होंने ही "हनुमान चालीसा" की रचना की हैं। उनकी रचनाओं में भक्ति, श्रद्धा और धर्म के महत्ता की छवि देखी जा सकती हैं।
इस तुलसीदास जयंती पर, हम हिंदी छात्र संघ "दर्पण" उनके योगदान का सम्मान करते हैं और उनके महानता की महिमा को स्मरणिका बनाते हुए आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।
नमस्कार!
हम गर्व से घोषणा करते है कि स्वतंत्रता के इस उत्कृष्ट पर्व पर "दर्पण" एक प्रस्तुति पेश करने जा रहा है जो देशवासियों के दिलों को छुने का प्रयास करेगा।
दिनांक: 15 अगस्त 2023
स्थान: ओवल्स
हम आप सभी को इस प्रदर्शनी में भाग लेने की आमंत्रण देते हैं एवं गौरवशाली स्वतंत्रता दिवस की कामना करते है।
15 अगस्त का यह दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस दिन सन् 1947 में लाखों वीरों के संघर्ष और बलिदान के पश्चात् हमने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह दिवस स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और त्याग की जीत का प्रतीक है।
स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी आज़ादी की क़ीमत क्या है एवं हमें सिखाता है कि हमें अपने देश के प्रति कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और समृद्धि और समानता की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हमें गर्व होना चाहिए कि हम एक स्वतंत्र और एकत्रित भारत के नागरिक हैं साथ ही देश के विकास में हर संभव योगदान करना चाहिए और एक सशक्त भारत की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
जय हिन्द! वंदे मातरम्!
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
कर्बला की शहादत इस्लाम बन गयी,
रक्त तो बहा लेकिन हुसैन साहब की कुर्बानी उड़ान बन गयी।
मुहर्रम इस्लामी संस्कृति में एक महत्वपूर्ण महीना है जो हिजरी पंचांग के पहले महीने के रूप में जाना जाता है। यह पर्व हुसैन साहब की इस्लाम के लिए कुर्बानी का अवसर है जो उनको शहीद दिवस की पाक संज्ञा देता है।यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनके लिए वेदना और गर्व का समय है। इस पर्व से हमें यह ज्ञात होता है कि धर्म की आन के लिए सर झुका भी सकते है और सर कटा भी सकते हो। मुहर्रम के इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव से जुड़े लोग एक-दूसरे का साथ देते हैं और इस त्योहार के महत्व को समझते हैं।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" आपको मुहर्रम की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।
जो भरा नहीं है भावों से,
बहती जिसमें रसधार नहीं,
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
26 जुलाई, आज के दिन भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को हराकर जीत का परचम लहराया था। यह विशेष दिवस देश के वीर सपूतों को समर्पित है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए आज के दिन 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़कर दुर्गम चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया था। कारगिल विजय दिवस कारगिल युद्ध के नायकों की बहादुरी और वीरता को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने अपना सर्वस्व देकर 'ऑपरेशन विजय' का नेतृत्व किया, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों को जीत मिली।
हिंदी छात्र संघ "दर्पण" ऐसे वीरों को नमन करता है तथा आप सभी को कारगिल विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
जीवन तो माता पिता का दिया उपहार है परंतु वो गुरु ही है जो हमारे जीवन को उद्वेश्य देता है , उसे वास्तविकता की ओर ले जाता है। वो ही है जो एक वृक्ष के समान निस्वार्थ भाव से हमारे समाज में शिक्षा का बीज बो कर देश एवं प्रेदश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान करता है।
यह गुरु पूर्णिमा का दिवस गुरु-शिष्य परंपरा के महत्वपूर्ण अंग को दर्शाता हैं तथा हमें अवसर देता है अपने गुरु के प्रति अपने सम्मान को व्यक्त करने का और साथ ही उन्हें धन्यवाद देने का।
हिन्दी छात्र संघ "दर्पण" गुरू पूर्णिमा के इस अवसर पर समस्त गुरुजनों को नमन करता है साथ ही आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता है।
तमन्ना आपकी सारी पूरी हो जाए,
आमीन कहने से पहले ही हर दुआ कबूल हो जाए।
बकरीद, जिसे ईद-उल-अज़हा भी कहा जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार इस्लामी कैलेंडर के बारहवें महीने ज़िलहज़्ज़े के दसवें दिन को मनाया जाता है। इसे 'बकरीद' के नाम से जाना जाता है उसके पीछे इस्लामी धर्म ग्रंथों में कथा है कि अल्लाह पैगंबर इब्राहिम के साथ सपने में जुड़े़ थे और अल्लाह ने उन्हें अपने सबसे अजीज (पुत्र इसमाइल) को बलिदान करने के लिए कहा था।
यह त्योहार मुसलमान समुदाय के लोगों के बीच आपसी भाईचारे, ताकत और सद्भाव के प्रतीक के रूप में विख्यात है।
इस दिन कुर्बानी की रस्मी तौर पर अहमियत होती है।
हिंदी छात्र संघ दर्पण की तरफ से आप सभी को ईद-उल-अज़हा की मुबारकबाद।
जगन्नाथ रथ यात्रा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है। यह यात्रा वार्षिक रूप से जुठिया मंदिर से शुरू होती है और जगन्नाथ पुरी मंदिर में समाप्त होती है। इस अद्वितीय यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को रथ में बिठाकर पुरी मंदिर ले जाया जाता है। यह उत्सव अन्यतम होता है,
जहां भक्ति, धार्मिक आस्था, और कला के तांडव का मेल अनुभव होता है।
जगन्नाथ जी की प्रतिमाएँ आस्था का प्रतीक हैं।
उनके मुख्य मंदिर की विशेषता यह है कि उसमें उनकी प्रतिमाओं का चेहरा सदैव बदलता रहता है। रथ यात्रा का विशेष और अद्वितीय पहलू है भगवान जगन्नाथ के विशाल रथ की चलने की कला। यह रथ अनोखे रचनात्मकता और खूबसूरत नक्काशी से सजा होता है। यह रथ यात्रा बुराई के अंत की उद्घोष है।
हिन्दी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से आप सभी को जगन्नाथ रथ यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं।
पिता स्वर्गः पिता धर्मः पिता परमकं तपः ।
पितरि प्रीतिमापन्ने सर्वाः प्रीयन्ति देवताः ॥
एक पिता न केवल एक आकृति हैं, बल्कि प्रेम, त्याग और सुरक्षा के भी प्रतीक हैं, जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं, अक्सर परिवार की जरूरतों को अपनी ज़रूरतों से ऊपर रखते हैं। पिता हमें जीवन के मूल्यों एवं अपने लक्ष्य की ओर सांसारिक लोभ से बचते हुए अग्रसर रहने का पाठ पढ़ाते हैं, अनुशासन सिखाते हैं, और ज्ञान प्रदान करते हैं जो हमारे चरित्र और मूल्यों को आकार देता है।
पितृ दिवस हमारे लिए अपने पिता के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। यह उन बलिदानों और योगदानों का सम्मान करने और जश्न मनाने का दिन है जो पिता अपने परिवार के लिए करते हैं।
हिंदी छात्र संघ दर्पण की ओर से आप सभी को पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
हरा शजर न सही पर थोड़ा घास ही रहने दो,
जमीं के जिस्म पर थोड़ा लिबास ही रहने दो।
मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सुंदर रिश्ता है। हमारी प्रकृति हमें न सिर्फ सुंदरता देती है, बल्कि हमारे जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति भी करती है। लेकिन आधुनिक युग में मनुष्य ने प्रकृति के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है, जिससे प्रकृति को क्षति पहुंची है। पर्यावरण दिवस विशेष रूप से प्रकृति के महत्व को बताने, प्रकृति के संरक्षण की जरूरत को समझाने और लोगों को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। तो आइये हम सब मिलकर आज पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और पर्यावरण की रक्षा करने का संकल्प ले।
हिंदी छात्र संघ दर्पण की ओर से आप सभी को पर्यावरण दिवस को हार्दिक शुभकामनाएं।
चेतक पर चढ़ जिसने
भाले से दुश्मन संघारे थे,
मात्रभूमि की खातिर
जंगल मे कई वर्ष गुजारे थे।
भारत माता के वीर सपूत, अद्वितीय योद्धा, स्वाभिमान के रक्षक, हिंदू हृदय सम्राट, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज जयंती है। इस दिन पूरा भारत महाराणा प्रताप को उनके शौर्य और पराक्रम के कारण याद करता है। महाराणा प्रताप ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कभी भी अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं किया।
उनके शौर्य और पराक्रम को हम नमन करते हैं।
इस गौरवपूर्ण अवसर पर हिंदी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सक्रिय प्रकृति और धैर्य से परिपूर्ण व्यक्तित्व, यही तो हमारे 'शुभम राज भैया' को सर्वश्रेष्ठ बनाता है। दर्पण परिवार के 'कार्यक्रम और प्रायोजन प्रधान' का उत्तरदायित्व इन्होनें अपनी बुद्धिमत्ता और धैर्य से कुशलतापूर्वक निभाया है। जीवन को सर्वोत्तम बनाने हेतु इनकी प्रवीणता सदैव हमें प्रोत्साहित करती रहेगी। हमें पूर्ण विश्वास है कि आगे भी जीवन के हर पड़ाव में आप ऐसे ही शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। दर्पण परिवार की तरफ से 'शुभम भैया' को भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ। आशा है कि हम भैया के उदाहरण से सीख लेकर उनके दिखाए हुए मार्ग पर कदम बढ़ाते चले जाएँगे।
अपने विवेक और अनुभव से सबके ऊपर अपनी अलग छाप छोड़ने वाले कोई और नहीं हमारे दर्पण परिवार के 'उपाध्यक्ष' आदर्श पाण्डेय भैया हैं| उनका प्रसन्न चित्त मिज़ाज और हमेशा हंसमुख रहना हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है| हंसी-मजाक में जीवन की समस्त समस्याओं को छू-मंतर कर देना यही तो इनका मंत्र है जो इन्होनें भली-भाँति हम सबके अंदर अंकुरित किया है| अग्रज-सा वो अपनापन और मीठी-सी वो डाँट दिलों में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त कर चुके हैं| हमें पूर्ण विश्वास है कि आप ऐसे ही कई जिंदगियों को अपने जादू से बेहतर बनाते रहेंगे और सफलताओं को अपनाते जाएँगे| दर्पण परिवार की ओर से आपको बहुत सारी शुभकामनाएं||
रुके तो चाँद जैसी है,
चले तो हवाओं जैसी है,
वह माँ ही तो है
जो धूप मे भी छाँव जैसी है।
माँ, जिनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।
जिनकी ममता, निस्वार्थ प्रेम और सेवा मे एक अनूठा जादू है।
वो हमारे जीवन में हमेशा ख़ुशियों की बौछार करती रहती हैं।
उनके समर्पण और त्याग से ही जीवन को वास्तविकता में मार्ग मिलता है, वे ही हमारी प्रथम गुरु है।
माँ, आपकी दास्तां में और क्या लिखूं बस इतना ही की हम पर सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखियेगा।
मातृ दिवस के इस पावन अवसर पर हिंदी छात्र संघ "दर्पण" की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
राहुल भैया, हमारे दर्पण परिवार के अध्यक्ष शांत, मधुर, सरल, कुशल नेतृत्व कौशल जैसे गुणों के धनी है । आपने अपनी समर्पण, कड़ी मेहनत और मजबूत नेतृत्व कौशल से दर्पण परिवार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब भी हमें आवश्यकता हुई तो उन्होंने एक बड़े भाई की तरह हमारा मार्गदर्शन किया। जो उनके व्यक्तित्व की विशेषता है।
हमारे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान दुर्गापुर के दर्पण परिवार के "अध्यक्ष" की हम सभी सदस्य एक उच्च एवं स्वर्णिम भविष्य की कामना करते है, साथ ही भैया के दायित्व को आगे ले जाने की हर संभव प्रयास करेंगे।
हमारे दर्पण परिवार के अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक क्रिएटिव हेड, और जिन्होंने इसे उतनी ही जिम्मेदारी से निभाया, जिनकी अत्यंत मनोरम मुस्कान और काम के प्रति दृढ़ता ही तमाम चिंताओं को दूर करने के लिए काफी है, वो और कोई नहीं हमारे 'अमित भैया' हैं। भैया नें हर कठिन वक्त पर अपने उचित मार्गदर्शन के द्वारा हमारे लिए चीजों को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। अमित भैया का व्यवहार, कोमलता और भाषा शैली में अपनापन ना केवल दर्पण परिवार वरन् संस्थान के सभी लोगों के साथ सदैव समान रहा। दर्पण परिवार के 'क्रिएटिव हेड साहब' अमित भैया को उनके आने वाले दौर के लिए पूरे दर्पण परिवार की तरफ से ढेर सारा प्यार !! हम आशा करते हैं कि हम भी भैया की तरह क्रियात्मकता का सुयोग्य उदाहरण पेश करेंगे।
जीवन के हर डगर पर आपसे कई सारी चीज़ों को जाना है ,
तकलीफों के सागर को पार करना आपसे ही तो पहचाना है।
हमें यूंही हर चीज़ सिखाने वाले ऋषभ यादव भैया श्रेष्ठ इंसानों में से एक हैं। उनका स्वभाव,किसी काम के लिए स्वार्थरहित भावना किसी भी व्यक्ति का मन प्रभावित कर सकती है। उनके सारे विचार और सहयोग के कारण ही दर्पण आज इस मुकाम पर पहुंच गया है कि वो संस्थान के सभी लोगों के मुख पर है।
हमारे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान दुर्गापुर के दर्पण परिवार के *'सहायक सचिव साहब'* को ढेर सारा अभिनंदन और हम सभी आशा करते हैं कि भविष्य मे सफलता आपके कदम चूमें ।।
एक सरल, मधुर एवं शांत स्वभाव वाले व्यक्तित्व के धनी, दर्पण परिवार के 'उपाध्यक्ष' संदीप वैश्य भैया ने हर विरल कदम पर अपने पग की छाप से हमारे परिवार को संस्थान में एक उच्च एवं सम्मानजनक स्थान पर पहुँचाया है। बहुत ही शानदार छवि, ऊर्जावान और मनोहर प्रकृति का एक सुलभ उदाहरण क्या होता है, ये भैया के उपस्थिति में हमनें उनसे बहुत सरीखे से सीखा है। उनके हर महत्वपूर्ण समय में लिए गए कदम हमें अलग ही प्रेरणा देते है।
हम दर्पण परिवार के सभी सदस्य भैया के उच्च एवं सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं और भैया के दायित्व को आगे ले जाने का हरसंभव प्रयास करेंगे।
कुशल वक्ता, दूरदर्शी नजरों के द्योतक और उच्च कोटि के मार्गदर्शक 'अंकित जायसवाल भैया', आपसे हम सभी को बहुत से कौशल सीखने को मिले। आपने अपनी कर्मठता और आत्मविश्वास से, दर्पण परिवार को सदा उसके उज्ज्वल भविष्य की तरफ अग्रगसित किया। आपके स्वभाव में कुछ ऐसा है कि वे सभी को साथ लेकर चलते हैं। वे हमेशा नए विचारों को प्रोत्साहित करते हैं। आपके इस योगदान को दर्पण परिवार ही नहीं बल्कि पूरा एन. आई. टी. संस्थान याद रखेगा।
हमारे दर्पण परिवार के *'कन्वेनर साहब'* को भविष्य में एक सफल तथा साकार जीवन के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ देते हैं।
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