Om Sharangdhar Kala Gandharva Ved Vidyapeetham

Om Sharangdhar Kala Gandharva Ved Vidyapeetham

Gandharva Sangeet is the Melodious Path of Self Realization and is the blessings of the great, holy & spiritual land of Sanatan-Vedic-Bharat.

27/11/2023

'देव-दीपावली' के पावन अवसर पर आशा, आस्था, आत्मीयता और अंत्योदय के असंख्य दीयों के दिव्य प्रकाश से जगमग अविनाशी काशी...🙏

🚩हर हर महादेव!🚩

19/11/2023

#तंजावुर मराठा महल - शिवगंगई किला
स्थान: चोझा देशम - तंजावुर

#ऐतिहासिक_महत्व : तंजावुर मराठा #महल का निर्माण मूल रूप से तंजावुर नायक #साम्राज्य के शासकों द्वारा किया गया था। तंजावुर नायक साम्राज्य के पतन के बाद, इसे तंजावुर मराठों के आधिकारिक निवास के रूप में प्रयोग किया गया। 1799 में तंजावुर #मराठा साम्राज्य के अधिकांश हिस्से पर ब्रिटिश साम्राज्य का आधिपत्य होने के बाद भी तंजावुर मराठों ने महल और आसपास के किले पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा। तंजावुर के अंतिम राजा #शिवाजी के बाद भी भोंसले परिवार ने महल पर कब्जा जारी रखा।

तंजावुर: 7वीं शताब्दी से #चोल राजाओं की #राजधानी।
किले: विशेष रूप से, दो महत्वपूर्ण किले - चिन्ना कोट्टई (छोटा किला) व पेरिया कोट्टई (बड़ा किला)।

बड़े किले में #तंजावुर_पैलेस: यह महल बड़े किले परिसर के भीतर स्थित है। चोल राजाओं के पतन और उसके बाद पांड्य शासकों के कब्जे के बाद, #सेवप्पा_नायक ने 1532 में तंजावुर पर कब्जा कर लिया और राजा बन गए।

#वास्तुकला : उल्लेखनीय #वास्तुकला के प्रदर्शन सहित इस महल में विशाल हॉल, विस्तृत गलियारे, बहुमंजिला अवलोकन टावर और एक छायादार आंगन स्थित हैं।

19/11/2023

नृत्तावसाने नटराजराजौ ननादढक्कां नवपंचवारं।
उद्धर्तुकामः सनकादिसिद्धाः नेनद्विमर्शे शिवसूत्रजालं।।

#शिव के #डमरू से प्रादुर्भूत #भारत का ध्वनि विज्ञान... जिससे #संगीत, #भाषा, #व्याकरण, #गणित आदि सब कुछ प्राप्त हुआ...

कैसे...?? जानें #प्रख्यात #संगीतज्ञ #पद्मविभूषण #पंडित_छन्नूलाल_मिश्र जी से

13/11/2023

एक ऐसे #संगीतकार को सादर नमनपूर्ण🙏 श्रद्धांजलि💐....
जिसे #सरोद, #सितार, #ध्रुपद #गायकी के अलावा दो सौ से ज्यादा देसी विदेशी #वाद्य यंत्र बजाने में महारत हासिल था। संगीत का एक ऐसा #महान #गुरु जिसके मुकाबले #20वीं #शताब्दी में कोई दूसरा #उस्ताद नहीं हुआ। जिनके #शिष्य हुए #पंडित_रविशंकर, #अली_अकबर_खां, #अन्नपूर्णा_देवी, #पन्ना_लाल_घोष, #निखिल_बनर्जी, #बसंत_राय, #बहादुर_राय जैसे #संगीत के #महान_गुरु।
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 100 साल से भी पहले कोई संगीतकार #मध्यप्रदेश के #मैहर जैसे मामूली कस्बे में म्यूजिक बैंड बनाने की सोच सकता था? ये सिर्फ #अलाउद्दीन_खां ही कर सकते थे।
कहते हैं कि #बाबा ने उन बच्चों को अपने बैंड में शामिल किया जिनके #माता_पिता #प्लेग #महामारी में जीवित नहीं बच पाए थे। अलाउद्दीन खां जिन्हें लोग बाबा कहते थे। उनके म्यूजिक बैंड-आर्केस्ट्रा की एक झलक....

10/11/2023

विजयनगर साम्राज्य: व्यापार और वास्तुकला में अपने समय का सबसे समृद्ध साम्राज्य। हम्पी के खंडहर एक ऐसे अविश्वसनीय इतिहास, वास्तु एवं स्थापत्य से परिपूर्ण साम्राज्य की कहानी बताते हैं जो कभी भव्य और वैभवशाली था।

🔺 दार्शनिक स्थल:
📍बीजापुर
📍 हम्पी
📍बादामी
📍पत्तदकल
📍 ऐहोल

22/08/2023

गायन, तबला, हारमोनियम, सिंथेसाइजर के (सीनियर/जूनियर) डिप्लोमा, डिग्री कोर्स हेतु शीघ्र आवेदन करें...
(प्रत्येक आयु वर्ग के बच्चों, युवाओं, विद्यार्थियों लिए)

पता: नाथपुरी कॉलोनी, कलेक्टरगंज, सदगुरु नेत्र जांच केंद्र के सामने, हाफ बाइट रेस्टोरेंट के बगल वाली गली

सम्पर्क: 9140187651, 9026411657
फोन से संपर्क का समय: प्रातः 5 से 7 व सायं 4 से 10
Office में संपर्क का समय: सायं 4 से 7
शनिवार, रविवार बन्द

02/12/2022

विधिवत #संगीत सीखने के दौरान एक ऐसा अध्याय भी होता है जहां आकार का अभ्यास करवाया जाता है। गुरुजन यह भी बताते हैं कि मुंह को ठीक से खोलकर गायिकी की जाती है.
इससे होता यह है कि आवाज़ खुलती है, #उच्चारण में स्पष्टता भी आती है। ये आधा मुंह खोलकर गायिकी करने से होता यह है कि शब्दों का उच्चारण है वह स्पष्ट नहीं रहता है। हम जो गा रहे हैं, शब्दों में जो भाव उत्पन्न करना चाह रहे हैं, आधा अधूरा मुंह खोलकर हम अपनी बात पूरी तरह से रख ही नहीं सकते हैं.
जिन #महान #कलाकारों की छवियाँ यहां लगी हैं, उनके एक भी गीत में आपको आधा अधूरा या अस्पष्ट उच्चारण सुनने को नहीं मिलेगा। इनके द्वारा सुरों में पिरोया गया एक एक शब्द क्रिस्टल क्लियर साउंड करता था.
समस्या यह है कि आज की पीढ़ी इस आधे अधूरे उच्चारण वाले Trend को Follow करते हुए आगे बढ़ रही है जबकि होना यह चाहिए कि आप Basics को फॉलो करें.
क, ख, ग और घ से शुरुआत करना बहुत आवश्यक है और ये #महान_कलाकार इस क, ख, ग, घ का हैं.
आज की #युवा_पीढ़ी जो वास्तव में अच्छी संगीत साधना में तल्लीन हैं वो Insta और Fame की चकाचौंध से थोड़ी दूर है। हां, कुछ कलाकार इन प्लेटफार्म में भी दिख जाया करते हैं और शायद उन्हें देखकर राहत भी मिलती है कि संगीत का #माधुर्य कहीं ना कहीं सांसें ले रहा है पर दुख इस बात का है कि trend को follow करते हुए, #नकली_आवाज़ को बनाते हुए जो प्रसिद्धि पाने का प्रयास कर रहे हैं, ये कहीं ना कहीं, उन लोगों के स्वयं लिए भी हानिकारक है तथा सङ्गीत जगत के लिए भी।
अतः जो भी माता पिता अपने बच्चों को संगीत की शिक्षा देने की सोचते हैं वे trend नहीं basics follow करें। हिंदुस्तानी शास्त्रीय या कर्नाटक संगीत अवश्य रूप से सिखाएं ताकि उनकी सङ्गीत शिक्षा की जड़ें बेहद सशक्त हों।

ारंगधर_सङ्गीत_संस्थान_फ़तेहपुर
ारंगधर_सङ्गीत_संस्थान
#स्वर_साधना
ारंगधर ारङ्गधर
#उपशास्त्रीय #लोकसंगीत #शास्त्रीय #लोक_संगीत

#स्वर #साधना

12/10/2022

घर में शंख रखने और बजाने के ये हैं 11 फायदे...
पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से है.
देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं
और इसे नियमित रूप से बजाते हैं.जो न केवल
आध्यात्मिक रूप से, बल्कि कई दूसरे तरह से भी
फायदेमंद हैं. शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित
इस्तेमाल करने से कई तरह के लाभ होते हैं. कई फायदे
तो सीधे तौर पर सेहत से जुड़े हैं.
शंख की पूजा इस मंत्र के साथ की जाती है.
त्वं पुरा सागरोत्पन्न:विष्णुनाविघृत:करे
देवैश्चपूजित:
सर्वथैपाञ्चजन्यनमोऽस्तुते।
1. जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का
वास होता है. धार्मिक ग्रंथों में शंख को
लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि
लक्ष्मी की तरह शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ
है. शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह
रत्नों में होती है.
2. शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है,
क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु,
दोनों ही अपने हाथों में इसे धारण करते हैं.
3. पूजा-पाठ में शंख बजाने से वातावरण पवित्र
होता है. जहां तक इसकी आवाज जाती है, इसे
सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा
होते हैं. अच्छे विचारों का फल भी स्वाभाविक
रूप से बेहतर ही होता है.
4. शंख के जल से लक्ष्मी आदि का अभिषेक
करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा
प्राप्त होती है.
5. ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल
रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है.
6. शंख की आवाज लोगों को पूजा-अर्चना के
लिए प्रेरित करती है. ऐसी मान्यता है कि शंख
की पूजा से कामनाएं पूरी होती हैं. इससे दुष्ट
आत्माएं पास नहीं फटकती हैं.
7. वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की
आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के
जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है.
कई टेस्ट से इस तरह के नतीजे मिले हैं.
8. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग
से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि
कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. हालांकि
इसका उपयोग एक्सपर्ट वैद्य की सलाह से ही
किया जाना चाहिए.
9. शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है.
पुराणों के जिक्र मिलता है कि अगर श्वास का
रोगी नियमित तौर पर शंख बजाए, तो वह
बीमारी से मुक्त हो सकता है.
10. शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां
मजबूत होती हैं. यह दांतों के लिए भी
लाभदायक है. शंख में कैल्शियम, फास्फोरस व
गंधक के गुण होने की वजह से यह फायदेमंद है.
11. वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी शंख में ऐसे कई
गुण होते हैं, जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी
आती है. शंख की आवाज से 'सोई हुई भूमि'
जाग्रत होकर शुभ फल देती है.
शंख की पूजा इस मंत्र के साथ की जाती है.
त्वं पुरा सागरोत्पन्न:विष्णुनाविघृत:करे
देवैश्चपूजित:
सर्वथैपाञ्चजन्यनमोऽस्तुते।

23/09/2022

https://youtube.com/shorts/TxwuweSkh3c?feature=share

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