Videos by मंथन - Narendra Goel in Ghaziabad. जब-जब आप आपा खोते हैं.. ~ तब-तब अपनों को भ?
मेरे पिताश्री शिवकुमार गोयल, पत्रकार ने सन् 1959 में ज्ञानवापी में मंदिर और शिवलिंग है, इस बात को लेकर वाराणसी में जाकर सत्याग्रह किया तो उन्हें गिरफ्तार कर 3 महीने जेल में रखा गया। अब जब न्यायालय के आदेश पर जांच हुई तो वहां मंदिर और शिवलिंग मिले। इस बारे में कल बहुत सारे टीवी चैनलों के प्रतिनिधि हमारे घर पधारे और उन्होंने अनिरुद्ध चाचा जी और मेरा इंटरव्यू लिया..
ज्ञानवापी मंदिर आंदोलन #gyanwapi #mandir
मेरे पिताश्री शिवकुमार गोयल, पत्रकार ने सन् 1959 में ज्ञानवापी में मंदिर और शिवलिंग है, इस बात को लेकर वाराणसी में जाकर सत्याग्रह किया तो उन्हें गिरफ्तार कर 3 महीने जेल में रखा गया। अब जब न्यायालय के आदेश पर जांच हुई तो वहां मंदिर और शिवलिंग मिले। इस बारे में कल बहुत सारे टीवी चैनलों के प्रतिनिधि हमारे घर पधारे और उन्होंने अनिरुद्ध चाचा जी और मेरा इंटरव्यू लिया..