Kuldeep naagar
personal Blog n thoughts under process
क्या आप कार्यविहीन को ही बुरी स्थिति मानोगे?
वैसे भी आजकल बेरोजगारी चरम पर है।
इंडिया भारत खेलते रहो😂🤣,
कभी हिंदू मुस्लिम, कभी पाकिस्तान से लड़की आई🤣😂 वो ही चलेगी महीनो तक मैन स्ट्रीम मीडिया में।
खेलते रहो बस, गोल किधर करना है?
अपनी टीम मैदान में है भी की नही इतना भी नही पता।
किसानी खेती , रोजगार, सामाजिक न्याय की कोई बात आ न जाए ।
1.एक देश एक चुनाव
2.FDI की लिमिट बढ़ाना
3.मनमोहन के वित्त मंत्री रहते हुए की आर्थिक नीतियो से कॉर्पोरेटिज्म की जड़ और मजबूत हुई है और आगे भी होगी, उपनिवेश वादी देशों ( यूके, यूएसए) की पकड़ और मजबूत होगी , भारत देश को कंट्रोल करना और आसान होगा, देश का आर्थिक दोहन आसान होगा
आम इंसान और आर्थिक गुलाम होगा
जो आज की DNT जातियां( लगभग 200 जातियां) है वो सच्ची देशभक्त कौम है।
बाकी कौम या तो अंग्रेजो के साथ( देशद्रोही) थी या फिर बहती गाना में हाथ धोने वाले थे।
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दोस्तो की लिमिट 5000 बहुत पहले पूरी हो चुकी है
Kuldeep naagar personal Blog n thoughts under process
अब जिनका past ही देशद्रोही कर्मो से भरा हुआ है वो क्यू लगेंगे इतिहास पर वो तो झूठे मन गढ़त कहानियां गथेंगे ही, बंगाल से मेरठ लाकर मंगल पांडे को बसा दिया, 1 माह 2 दिन पहले (8 अप्रैल 1857) मरे हुए मंगल पांडे को 10 मई 1857 क्रांति का जनक बना दिया,
तो इतिहास तो खंगालना पड़ेगा ही,
हमने देश के लिए गांव के गांव लूटा दिए, फिर हम क्रिमिनल कैसे हुए ??
किसने 1857 में अंग्रेजो को अपने घर में सुलाया था?
किसने अंग्रेजो को हल में जोता था ??
देखना तो पड़ेगा,
4. संघर्ष से शिक्षा, शिक्षा से इतिहास , इतिहास से सम्मान, विश्वास, पहचान, फिर सत्ता प्राप्त करनी है।
जरायम देशभक्त कौम तैयार है।
3. 1857 से 31अगस्त 1952 (95 वर्ष, लगभग 5 पीढ़ी) तक क्रमिनियल ट्राइब एक्ट में रहने वाले , शिक्षा ,शासन, प्रशासन, अर्थव्यवस्था, रोजगार से दूर रहने वाले देश भक्त कौम का नामुइंदा हूं।
आजकल अधिकतर देश आर्थिक गुलाम है।
वर्ल्ड बैंक, IMF जैसी संस्थाओं के या यू कहे इनके मालिक के,
पहले मसल पावर के गुलाम होते थे पर आजकल आर्थिक, मानसिक गुलाम होते है।
भारत में मोदी, गडकरी सबसे बड़े पप्पू है इनके,
गांधी वाला पप्पू बार बार इनके पास ऐसे ही नही जा रहा है।
वो इनका इनसे भी बड़ा पप्पू बनने को तैयार है।
ये आर्थिक कर्ज वाली गुलामी की शुरुआत कांग्रेस की सरकार में मनमोहन ने वित्त मंत्री रहते हुए की थी।
व्याख्या क्लियर है,
समाज को नियंत्रक वाली पोस्ट देनी नही है।
भक्ति में लीन रख कर बैकूफ बना कर रखो,
एक पार्टी ने सीएम का लॉलीपॉप दिया,
डिप्टी सीएम बनाया फिर देश द्रोह का केस किया,
दूसरी ने 73 सरकारी आंकड़े के हिसाब से मारे,
नौवी अनुसूची में नही डाला,
पर भक्ति में लीन कर देंगे,
प्रशासन और शासन में हिस्सा नहीं लेने देंगे,
इसके लिए दोनो पार्टी एक हो जाएंगी.
3/3
देवनारायण जी के नाम के आगे भगवान लगाकर, एक समाज सुधारक को उसके समाज सुधार के कर्मों से समाज को दूर कर दिया जाता है।
पूजा में विश्वास दिलाया जाता है।
कर्म से ध्यान हटाया जाता है।
भगवान के भरोसे रहने को बोल दिया जाता है।
खुद सरकारी खजाने के मालिक बन जाते है।
चूनमांगे सबसे टैक्स लेकर अपने अपने चुनमंगो को भिन्न भिन्न रूप में देते रहते है।
भारत रत्न हो या लेटरल एंट्री हो या उद्धोगपतियो का लोन माफ हो
ऐसे ही कितनी योजनाएं है।
2/3
नौवी अनुसूची में देवनारायण जी के भक्तो को डलवाओ,
तब मानेंगे की असली चिंता है देवनारायण जी के भक्तो की और देवनारायण जी का असली सम्मान,
वरना सब बेकूफ बनने वाली बाते है
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पित्त की थैली की पथरी का ऑपरेशन दूरबीन की विधि द्वारा करते हुए,
Trying to be better surgeon & human day by day.So, I m a student of Surgery and Humanity for ever.
गुर्जर समाजिक सशक्तिकरण प्रशिक्षण 2022 , मवि कलां सहारनपुर,
मानव अधिकार आयोग गांधी जी के विचारो(अहिंसा के द्वारा मानव के अधिकारो को प्राप्त करना) पर आधारित ही समझा जाना चाहिए।
आज गांधी जी की जयंती देश मना रहा है।
परंतु उनके विचारों को मारकर,
आज की सरकार/प्रशासन आज मानव अधिकार आयोग की भी नही सुन रहे है।
सरकार ने (साजिश कहे या गलती कहे) से 1991में विमुक्त जातियों (D.N.T.) की लिस्ट से 18 जातियों के नाम हटा दिए थे।
उनको पुनः जोड़ने के लिए 31 साल बीत जाने के बाद भी जोड़ा नही गया है।
मानव अधिकार आयोग तक जाने के बाद भी,
मानव अधिकार आयोग के बार बार पुनः सम्मन देने के बाद भी,
ध्यान रहे, विमुक्त जातियां वो जातीय है जिनको ब्रिटिश सरकार ने अपने विरुद्ध विद्रोह(1857 देश की आजादी का प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन) करने के कारण क्रिमिनल ट्राइब घोषित कर दिया था, तथा 1871 में क्रिमिनल ट्राइब एक्ट बना कर उनको शिक्षा, शासन, प्रशासन,रोजगार, नौकरी, आदि में प्रतिबंधित कर दिया था,( जो आज का सरकारी नोकरी देने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन है वो इसीलिए किया जाता रहा है।)
तथा इन जातियों के घर में भविष्य में हर एक जन्म लेने वाला अपराधी था। जिसने कोई खिलाफत भी नही करी वो भी जन्म लेने मात्र से अपराधी बना दिया गया,
मतलब एक लाइन में बोले तो सच्चे देश भक्तो को और उनकी जन्म लेने वाली पीढ़ियों को भी अपराधी बना दिया ।
ये जातियां देश की आजादी के 5 साल बाद 30/8/1952 को ( DENOTIFIED) क्रिमिनल ट्राइब एक्ट से विमुक्त करी गई और विमुक्त जातियां कहलाई गई।
मतलब हमे आजाद देश में भी 5 साल तक अपराधी बना कर रखा गया।
हमारी असल आजादी देश की आजादी के 5 साल बाद मिली,
चलो तब की सरकारों को हमारी 5 साल बाद याद आयी।
पर आज की सरकारों तो 31 सालो में भी एक गलती सुधार नहीं और पा रहे है।
इसे सरकारों की गलती कहे या साजिश ????
इस तरह गांधी का देश चल रहा है????
क्या गांधी जी को राष्ट्र पिता कहने मात्र से काम चल जाएगा ????
उनके विचारो के विरोध में जाकर देश चलेगा ????
श्री मोहित तंवर जी ने केस फाइल किया हुआ है।
पर सरकार और उसके अधिकारी है की हमे हमारी पहचान ( 1857 की स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के वंशज) का पत्र तक नही दे रहे है।
तंवर साहब का योगदान अतुलनीय है।
सही शब्दो में कहे तो वो गांधी जी के सिद्धांत पर चल कर अपने हकों की मांग कर रहे है।
(D.N.T.) विमुक्त जातियां का जो हक न दे, पहचान छिनने की कोशिश करे सही मायने में वो आज देश का गद्दार है।
गांधी जी के विचारो को मारने वाले समय में गांधी जयंती की सभी को शुभकामनाएं।
जो भी गांधी जयंती को मना रहे है अगर सही मायने में उनके विचारो को मानते भी है तो पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे।
ताकि देश के लिए शहीद होने वालो के वंशजों को गर्व हो की हमारे पूर्वजों ने देश के लिए जो कुर्बानिया दी थी उसके बदले में हमारी पीढ़ियां सुरक्षित और स्वतंत्र है व कुर्बानियां सार्थक है।
Mihiotsavbki hardik shubhkamnaye
दो तरफ समुंदर एक तरफ हिमालय चौथी और स्वयं वीर गुर्जर प्रतिहार थे, हर बार हर युद्व में अरबों को हराया प्रतिहार मिहिर भोज ऐसे प्रहार थे ।।
साहस, शौर्य पराक्रम, वीरता की मिसाल क्षत्रिय महान सम्राट मिहिरभोज जी की जयंती पर सादर नमन ।
एमबीसी वर्ग के द्वारा लाभ प्राप्त सभी लोगो से उम्मीद है वो शहीदों को कुछ न कुछ यथा संभव आर्थिक सहयोग देंगे।
एमबीसी वर्ग से लाभ प्राप्त लोगो की एक लिस्ट भी बनाई जा सकती है।
उनके द्वारा ही एक रजिस्टर्ड संगठन बनाकर संगठित तरीके से एमबीसी वर्ग को नौवी अनुसूची के लिए काम किया जा सकता है।
एक विधायक आए थे। जी आर खटाना उनसे सवाल पूछा गया था की नौवी अनुसूची के लिए उनकी क्या योजना है?
उनका खुद का कोई खास प्लान नही था।
एमबीसी वर्ग का आरक्षण जब तक नौवी अनुसूची में नही डाला जाएगा तब तक इसको कभी भी कोई सरकार खत्म कर सकती है।
मेरे जैसा इंसान बिलकुल नहीं चाहता की फिर से 73 लोगो को शहीद करना पड़े ।
इसीलिए जिन्होंने अपनी जान दी उनके परिवार वालो को एक सरकारी नौकरी एवम् उचित सम्मान मिले।
संगठन से शक्ति मिलती है।
शिक्षित संगठन से सत्ता,शासन प्राप्ति भी हो जाएगी।
जिससे हमको हर बार मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि हम खुद देने वाले बनेंगे।
यही उचित समाधान है।
इसीलिए mbc वर्ग का संगठन बनाने की जरूरत है ।
खास प्रावधान — इस संगठन का व्यक्ति राजनीतिक पोस्ट पर नही होना चाहिए। जो राजनीतिक पोस्ट पर जाना चाहता है वो पहले संगठन से बाहर जाए। फिर राजनीति करे।
Let me be Baba for some time
Morning should be like this
अग्निपथ का विरोध होना चाहिए, जब तक
कम से कम इसमें कुछ और प्रावधान , परिवर्तन न हो जाए,
उम्र का(25 से 30 वर्ष)
अवधि का(काम से कम 7 साल)
एक समान पद,
एक समान वेतन,
एक समान सुविधा,
स्पष्ट नियम(परीक्षा) 25% को सेना में बनाए रखने के लिए,
एक स्पष्ट नियम (बाकी 75% के लिए) अन्य विभागों में नौकरी देने के लिए,
आदि आदि
At 6 month ,Ch. Kiaan Naagar
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