Atrangi.Photo "Ashwani Pandey"

Atrangi.Photo "Ashwani Pandey"

TRAVELLER | PHOTOGRAPHER | EXPLORER | LEARNER


#pics__speaks
See it.� Shoot it.� Love it.�

12/04/2024

Common Spider 🕷️
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25/03/2024

Holika Dahan
Location Haldwani, Nainital
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02/04/2023

सब को अपने कर्मों का पता होता है,
यूहीं गंगा इतनी भीड़ नहीं होती। 😇
हर हर गंगे 🙏🏻
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30/03/2023

जो पास तेरे वही तेरा, बाकी सब मोह के फेरा,
तू क्यों समझ न पाया, तन मिटटी है मन माया।
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05/03/2023

सुनहरे पल 😇
Golden Moments 😇
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Photos from Atrangi.Photo "Ashwani Pandey"'s post 05/12/2022

Brother, I am so happy for your newest voyage in life. Finding a soul mate is a rare wondrous event.
Congratulations Brother
Wedding vibes 💞

07/02/2022

अहं ब्रह्मास्मि



17/01/2022

Rose & Dandelion

Mother Earth gave birth
to both roses & dandelions.
To one, she gave the shield
in the form of thorns,
so that rose can be
protected from nature
around it which is wild.
To other, she created
its nature in such a way
that the world around
would always call it
the wild flower, dandelion.
That's how she's the
greatest alchemist ever.



15/01/2022

"काले कौवा काले घुघुति माला खाले" ||
"लै कावा भात में कै दे सुनक थात"||
"लै कावा लगड़ में कै दे भैबनों दगड़"||
"लै कावा बौड़ मेंकै दे सुनौक घ्वड़"||
"लै कावा क्वे मेंकै दे भली भली ज्वे"||



12/01/2022

कड़ाके की ठंड उस पर शीत लहर के थपेड़े
एसे में हो जलता अलाव तो बात बन जाए।



08/01/2022

Let's go somewhere away from the City Light,
Where is nothing but trees, canopies and soothing sky.
Around the little lovely creature,
Let's go towards the Nature.



07/01/2022

कुछ यादें आज आती हैं ,
बारिश की सोंधी सोंधी खुशबू तो अब भी महसूस होती है ,
लेकिन बारिश में बहती कागज की नाव कहाँ आज नसीब होती है ,
वो बारिश में भीगना तो आज भी कुछ खास सा लगता है ,लेकिन सारे गमों का बारिश के पानी में घुल जाना कहाँ नसीब होता है ,
बहते पानी में छपाक से रखना पैरों का ,आज भी रोमांचित करता है,लेकिन वो बिंदास मनमौजी होना कहाँ रास आता है,
बादलों की गड़गड़ाहट आज भी मन को पुलकित करती है,लेकिन वो दिल की धड़कन कहाँ उनसे मिलती है ,चमकती हुई बिजली आज भी रोशनी देती है लेकिन मन के अंधेरे को वो कहाँ हर पाती है,झमाझम बरसता पानी ,टपटप बारिश की बूंदे सब कुछ वैसा ही है ,लेकिन कुछ बदल सा गया है , जिम्मेदारियों की चादर तले सब सिमिट सा गया है,
बारिश में नाचता हुआ मोर अबप मुश्किल से ही दिखता है ,
आज मेरा मन फिर उसी बचपन वाली बारिश को तरसता है ।



29/11/2021

उड़ रहा है धूल
हर जगह बिल्कुल बेख़ौफ़ सा
लगता है डर नहीं उसे
चला जा रहा है वह मौज सा
चारो तरफ़ बस
धुंध ही धुंध फैला हुआ
दिखता नहीं कुछ भी
जैसे सब कुछ मैला हुआ
हाथ से हटाने की कोशिश हर बार करता
रहा
लेकिन हर बार खाली रही हथेली
और मैं हाथ मलता रहा



27/11/2021

भुट्टे की
शाम।
खास मित्र के
साथ,
टप टप
करती
बारिश
की बूंदों के
साथ
कहाँ लगते
इसके आगे
महंगे ,
बड़े-बड़े
जाम,
भुट्टे की
शाम।

वो सड़क
के किनारे
त्रिपाल के
सहारे, एक
आदमी था
गरम ,गरम
भुट्टों के
साथ
हमने रोकी
बाइक,
सोचा
खाकर भुट्टे
करलें
थोड़ा विश्राम
भुट्टे की
शाम।

वो गरम-गरम ,
नमक,
मिर्च ,निम्बू
के साथ,
गजब
स्वाद,
दांत
चबाते दाना
न करते
आराम,
भुट्टे की
शाम।



26/11/2021

दर्द ही हवा हो जाता है एक उम्र के बाद,
बस तजुर्बा हो जाता है एक उम्र के बाद।

यकीन नहीं होता वक़्त के गुज़र जाने का,
फिर भरोसा हो जाता है एक उम्र के बाद।

किस बात पर में रूठा था, क्यों वो चले गया,
सब खामखां हो जाता है एक उम्र के बाद।

बचपन में जो शख्स होता है नटखट और चंचल,
वो भी संजीदा हो जाता है एक उम्र के बाद।

जिम्मेदारियाँ इन्तेज़ार करती हैं बचपन जाने का,
बच्चा बड़ा हो जाता है एक उम्र के बाद।

पहले ज़िन्दगी की दुआएँ फिर मौत का इन्तेज़ार,
जाने क्या होता है एक उम्र के बाद।



22/11/2021

नूर बिखेरती चांदनी,उतरी है आज धरा पे...
चकोर की प्यार बुझाने को...

आसमां में खिलता हुआ चांद,
और चारों ओर बिखरी हुई चांदनी...
रूह तक शीतल होती हुई नज़र...



21/11/2021

कभी कभी न इन पहाड़ियों के साथ भी न अच्छा लगता है कुछ पल का सुकन भी एक सपना लगता है और न जाने क्या बात है इन पहाड़ियों में कुछ नही होकर भी बहुत कुछ साथ होता है। कुछ तो खास बात है इनमे!



19/11/2021

खूबसूरती से भरा मेरा नैनीताल जिसकी हर छटा की अलग ही बात है।



18/11/2021

सरोवर नगरी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं 🎂

14/11/2021

मैं शिव हूँ
मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ
मैं घोर हूँ अघोर हूँ
व्योम का मैं शोर हूँ
राम का हूँ शील मैं
और रावण का दम्भ हूँ।।

मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ।।

मैं गीता का ज्ञान हूँ
मैं अर्जुन का बाण हूँ
मैं भीष्म की प्रतिज्ञा
और द्रोण का मैं आन हूँ
मैं ही प्रत्यंचा हूँ
और मैं ही रंभ हूँ

मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारंभ हूँ

मैं ॐ हूँ ओंकार हूँ
मैं जीत हूँ जयकार हूँ
मैं ही शुभंकर हूँ
मैं हाहाकार हूँ
हिमालय का हिम मैं
और गंगा का अंभ हूँ

मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ।।

मैं काल हूँ विकराल हूँ
मैं सूक्ष्म हूँ विशाल हूँ
त्रिशूल का मैं वार हूँ
मैं डमरू की ताल हूँ
मैं जीवन हूँ मृत्यु मैं
प्राण का स्तम्भ हूँ

मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ।।

मैं कंकर हूँ शंकर हूँ
भोला भयंकर हूँ
देवों का देव और
मैं ही तो किंकर हूँ
मैं ही हलाहल हूँ
और अमृत कुम्भ हूँ

मैं अंत हूँ आरम्भ हूँ
मैं सृष्टि का प्रारम्भ हूँ।।

05/11/2021

Diwali2k21



04/11/2021

आप सभी को सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

02/11/2021

Season of lights



25/10/2021

Busy Street of Husainabad
Roomi Gate



25/10/2021

Graphic Era Hill University Bhimtal-One of the beautiful campus.



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