संघर्षशील नौजवान साथी, राजस्थान

संघर्षशील नौजवान साथी, राजस्थान

जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है

23/03/2024

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरू सुखदेव के शहादत दिवस पर क्रांतिकारी साथी शलेंद्र द्वारा पास की कविता - वे डरते हैं......
#इन्कलाब_जिंदाबाद
#समाजवाद-जिन्दाबाद
#मेहनतकश-जनता-जिंदाबाद
#साम्राज्यवाद-मुर्दाबाद

15/03/2024

पाकिस्तान स्थित कंपनी, हब पावर कंपनी ने पुलवामा हमले के कुछ सप्ताह बाद भाजपा को दान किया!

जब पूरा देश 40 वीर जवानों की मौत का शोक मना रहा था, तब भाजपा पाकिस्तान से फंडिंग के मजे ले रहा था.
अब आप ही समझ जाइए पुलवामा हमलों की कभी उचित जांच क्यों नहीं की गई..

01/03/2024

_Press Statement, 01.03.2024_
*ABVP Terror Unleashed in JNU!*

Yesterday (29 Feb, 2023) night around 1:30 AM, ABVP goons attacked students in the School of Languages after the School GBM was successfully conducted and ABVP felt that it was loosing the electoral battle. Several videos that are widely circulated clearly show that important ABVP office bearers are attacking students with sticks and steel objects. This comes in an escalating series of violence by ABVP upon students fighting for JNUSU election.

*Last night's attack led to severe injury of two activists of COLLECTIVE, namely Sourya Majumder and Priyam , who had to be admitted to AIIMS emergency ward due to severe bleeding from the head and nose. Other student activists like, Comrade Anwesha and Danish (last JNUSU Joint Secretary) were held captive forcefully by the ABVP, heckled and beaten up.* ABVP School of Languages Secretary Kanhaiya Kumar can be spotted using lathis against students. Praful and Vikram (both students of Centre for Korean Studies and ABVP members) can be seen using different objects against the students. Ravikant Dubey, who is not a JNU student is also visible in the videos from yesterday as well as different attacks of past 2 weeks.

ABVP violence has been repeatedly used in the past 2 weeks, since 9th February to stop JNUSU election process from taking place. On 9th February, a University General Body Meeting was violently disrupted by the ABVP. Since then, in the UGBM held on 12th February and successive school level GBMs, students have participated in huge numbers asserting their right to union and ABVP has tried to heckle and disrupt them. Seeing the democratic assertion of students, *ABVP has resorted to its violent tactics when it is clearly visible that they have no support among common students. They know that any real democratic elections in JNU will only end in their defeat.*

We see time and again that the ABVP, administration and police work together against students whenever they raise their legitimate demands. *JNU has always been a model in the country where students from marginalized background are able to enter and access quality higher education.* In the past few years, JNU has witnessed concerted attacks by the ruling regime on various fronts to destroy that model.

*Since 2020, over 900 crore rupees have been loaned by HEFA, which will be recovered through fee hikes, shifting the burden onto students. Moreover, since 2014, JNU administration has appointed several faculty members who are close to or official members of the RSS, bypassing other candidates who had more credentials for the same posts.* All these steps have slowly destroyed accessible and quality education in JNU. Similar steps implementing neoliberal-fascist design across universities have made public education a distant dream. *In different campuses of Delhi, from DU to Jamia to AUD, ABVP-RSS- Admin nexus has destroyed education, whether through fee hikes or right wing appointments or outright violence.*

*Strict and immediate action is necessary against those responsible for last night's violence in JNU. ABVP hooliganism in campuses, neoliberal-fascist attacks and the struggle to save democracy have to be fought through an uncompromising nation-wide student movement today.*

*COLLECTIVE (DELHI STATE COMMITTEE)*

Photos from संघर्षशील नौजवान साथी, राजस्थान's post 27/02/2024

*संत रविदास की जयंती के अवसर पर, जयपुर में मनाया ‘चलो बेगमपुरा की ओर’ रविदास जन्मोत्सव सांस्कृतिक समारोह*

संत रविदास(रैदास) की 647वीं जयंती के अवसर पर रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर की तरफ़ से 24-25 फ़रवरी को संत रैदास की *‘बेगमपुरा’ (ऐसा समाज जहां कोई गम न हों)* की सोच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। संत रविदास ने आज से 600 साल पहले जाति-धर्म-लिंग के आधार पर समाज में चल रहे शोषण-दमन-भेदभाव-गैरबराबरी-नफरत के ख़िलाफ़ विचार को आगे बढ़ाया और *‘बेगमपुरा’* जैसे समता और प्यार पर आधारित समाज की कल्पना जनमानस के सामने पेश की. इसी दिशा में कार्यक्रम का मकसद था कि के आज की चुनौतीपूर्ण समय में, रैदास के इस विचार और संघर्ष को आगे बढ़ाया जाये, जन-जन तक पहुचायां जाये और समता पर आधारित समाज के लिए उनके सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ा जाये.

25 फरवरी (रविवार) को वाल्मिकी बस्ती झालाना डूंगरी,जयपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम में *‘अवघट’* टीम से भक्ति आंदोलन की परंपरा के संतो के भजन प्रस्तुत किए गए, साथी *आयुष* द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत के फॉर्म में मीरा और नानक के भजनों की प्रस्तुति दी गई, बस्ती के साथी *अब्दुल खान उर्फ मोंटू* द्वारा ‘आ चल के तुझे मैं लेके चलू... और रविदास के दोहे प्रस्तुत किए गए, बस्तीनिवासी *राधेश्याम जी* द्वारा कबीर वाणी, *सत्संगकर्ता भगवान जी मालिया, सत्संग कर्ता नवल जी, ताराचंद जी* ने संतो की सीख के भजन प्रस्तुत किए और रविदास जन्मोत्सव समिति की सांस्कृतिक टीम की ओर से ‘जात पात के फैर में, उलझत है सब लोग’ भजन प्रस्तुत किया गया। सभी कलाकारों ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुतियां पेश की; साथ ही सभी कलाकारों का बस्ती निवसियों ने साफ़ा और शॉल उढ़ाकर स्वागत किया और रविदास जन्मोतस्व समिति के ओर से सभी कलाकारों को सम्मान पत्र धन्यवाद के रूप में भेंट किये गए. कार्यक्रम में झालाना बस्ती के बस्तीवासी, राजस्थान यूनीवर्सिटी के छात्र युवा और प्रताप नगर और जयपुर के अलग-अलग क्षेत्र के बच्चों से लेकर युवा, महिलाएं और बुजर्ग शामिल रहे और कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
एक दिन पहले 24 फ़रवरी को कार्यक्रम की कड़ी में वाल्मिकी बस्ती मालवीय नगर में *‘आज हमें संत रैदास की ज़रूरत क्यों है?’* पर चर्चा की गई और *‘तुरुप’* नामक मूवी की बड़े पर्दे पर फ़िल्म स्क्रीनिंग की गई. चर्चा में बस्तीवासियों ने अच्छी रुचि दिखाई, बातचीत हुई और रैदास से जुड़ी कथा-कहानी, सिख, विचार आदि आपस में साझा हुए और अंत में सभी ने मिलकर मूवी देखी।

इस पूरे जन्मोत्सव समारोह को सफ़ल बनाने में *रविदास जन्मोत्सव समिति* के सदस्यों जिसमें झालाना बस्ती, मालवीय नगर बस्ती और जवाहर नगर बस्ती और जयपुर के अलग-अलग क्षेत्रों के युवा, बुजुर्ग, महिला आदि शामिल है; ने रीढ़ की हड्डी का काम किया, तन-मन-धन से दिन-रात कार्यक्रम को सुचारू और योजनाबद्ध तरीके से अयोजित करने के लिए तालमेल के साथ मेहनत की। इस बीच बस्तियों में प्रचार अभियान के दौरान नुक्कड़ सभाएं करना, स्टीकर लगाना, बैनर लगाना, पर्चा वितरित करना, युवा साथियों द्वारा रैदास का स्टेंसिल बनाना, डेकोरेशन करना, बाहर से आये कलाकार साथियों और दर्शकों के लिए सामूहिक रूप से खाना बनाना आदि प्रमुख कार्य में समिति के सदस्यों का भरपूर योगदान रहा।
भक्ति आंदोलन की परंपरा के संतो जिसमे रैदास, कबीर, तुकाराम, नानक, मीरा, और नवल जी आदि शामिल है; पर भी समिति आगे भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी और समाज में संतो की प्रगतिशील सोच को जन-जन में आदान-प्रदान करने की कोशिश करेगी।

*रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर*

26/02/2024

*संत रविदास की 647 वी जयंती* पर
*रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया

*रविदास ने हमें वर्ग-जाति-धर्म-लिंग आधारित शोषण - दमन - गैरबराबरी से आगे, जिस समतामूलक समाज का संदेश दिया था, उसे साकार करो!*
और
*चलो बेगमपुरा की ओर*

20/02/2024

*ABVP द्वारा छात्रों के साथ मारपीट के विरोध में राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र-युवाओं और प्रगतिशील ताकतों ने किया प्रदर्शन, कुलपति को सख्त कारवाही करने की मांग पर दिया ज्ञापन और उसी जगह ‘ओपन माइक’ करके किया सामूहिक प्रतिरोध*

पिछली 13 फ़रवरी को फैज़ अहमद फैज़ की जयंती पर शहीद भगत सिंह डिस्कशन सर्किल द्वारा आयोजित ‘ओपन माइक’ कार्यक्रम पर ABVP (अखिल भारतीय विधार्थी परिषद) के गुंडों द्वारा राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ मारपीट करने, महिला साथी के साथ धक्का-मुक्की करने, गाली-गलोज़ और बेबुनियाद आरोप लगाने, बुक्स स्टॉल में लगी भगत सिंह, पाश, फैज़, प्रेमचंद, गाँधी, अम्बेडकर, साहिर लुधियानवी, महादेवी वर्मा, रुक्क्य्या बेगम, सर्वेश्वर दयाल, गोरख़पाण्डेय, नागार्जुन आदि साहित्यकारों, कवियों, लेखकों की अपनी खुद की लिखी किताबों को ‘देशद्रोही’ और ‘राष्ट्रविरोधी’ बताने, जबरन बुक स्टॉल की किताबों को बिखेरने-फेकने, ओपन माइक के बैनर, दरी, किताबों के साथ थोड़-फोड़ करने और मारने की धमकी देने के *विरोध में 19 फ़रवरी को राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र-युवाओं ने प्रदर्शन किया और प्रतिरोध रैल्ली निकाली,* प्रदर्शन में अरावली, अम्बेडकर, भाभा हॉस्टल, लॉ, राजनितिक विज्ञान, फिलोसोफी, इंग्लिश, केमिस्ट्री, फिजिक्स आदि विभाग और संबध कोलेजों के छात्र-युवा, SFI, KNS, NBS, शहीद भगत सिंह डिस्कशन सर्किल आदि संगठनों/मचों के सदस्य और न्यायपसंद लोग शामिल रहे। यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर सभा की गई जिसमें सभी ने ABVP की इस घिनौनी करतूत का जमकर विरोध किया, छात्र-युवाओं की ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का समर्थन किया और छात्र-युवाओं के ऊपर देश भर में कैंपस आधारित और कैम्पस के बाहर भी बीजेपी-आरएसएस- ABVP के प्रतिक्रियावादी हमलों की भर्त्सना की; और छात्र-युवाओं के मूलभूत मुद्दों (बेरोज़गारी,शिक्षा का निजीकरण, वैज्ञानिक और तर्कआधारित शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार आदि) को लेकर छात्र-युवाओं की सामूहिक एकजुटता के बल पर मजबूती के साथ लड़ाई लड़ने का आव्हान किया।

प्रतिरोध की कड़ी में कुलपति को इस मांग के साथ ज्ञापन सौपां कि ABVP छात्र संगठन के अध्यक्ष रोहित मीणा, सज्जन सैनी, मनु आदि मारपीट करने वालों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित किया जाये और उनपर सख़्त से सख़्त कारवाही हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।

साथ ही छात्र-युवाओं ने प्रतिरोध में ‘ओपन माइक’ का प्रोग्राम और प्रगतिशील किताबों के बुक स्टाल की प्रदर्शनी भी उसी जगह की लगाई जहाँ ABVP वालों ने हमला किया था; ‘ओपन माइक’ जो छात्र-युवाओं के सांस्कृतिक-राजनैतिक आदान-प्रदान का मंच है। ‘ओपन माइक’ में छात्रों ने अपनी कवितायेँ, गीत, कला और अपनी बातों को साझा किया और आगे भी यूनिवर्सिटी में छात्रों की ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ की लड़ाई जिंदा रखने के लिए ऐसे प्रोग्राम करने का संकल्प लिया।

*छात्र-युवा एकता जिंदाबाद !!*
*ABVP की गुंडागर्दी नहीं चलेगी !!*
*अभिवक्ति की आज़ादी पर हमला नहीं चलेगा!!*

24/12/2023

*यौन-शोषणकारी बीजेपी सांसद बृजभूषण के सहयोगी का WFI में अध्यक्ष बनना और पहलवान साक्षी मलिक का कुश्ती से संन्यास लेना हमे शर्मसार करता है!!*

*महिला-विरोधी फासीवादी बीजेपी-आरएसएस और मोदीराज के खिलाफ व्यापक आंदोलन खड़ा करो!!*

दिल्ली में महिला पहलवानों के लंबे संघर्ष को नकार कर एक बार फिर मोदी सरकार ने अपना तानाशाही रवैया दिखाया और बेशर्मी भरी करतूत की। महीला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के दोषी बीजेपी सांसद बृजभूषण के ही सहयोगी, बिजनेस पार्टनर, पारिवारिक मित्र या यूं कहें अपनी जैसी ही घृणित सोच वाले संजय सिंह को ‘चुनावी प्रक्रिया’ द्वारा भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का अध्यक्ष बना दिया। संजय सिंह ने ख़ुद खुल्लेआम यह रिश्ता स्वीकारा है और समय-समय पर बृजभूषण और बीजेपी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग से ही संजय सिंह भी पग-पग आगे के पद लेते गए हैं।

इससे नाराज़ होकर ओलंपिक मेडल विजेता साक्षी मलिक ने प्रैस कॉन्फ्रेस में रोते हुए कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी और कहा कि ‘उनकी लड़ाई बृजभूषण जैसे लोगों से है जो महिलाओं के साथ उत्पीड़न करते है।’ साथ ही बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार, प्रधानमत्री के आवास के सामने फूटपाथ पर रख दिया और सरकार को वापस देने की घोषणा की। भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले पहलवान वीरेंद्र सिंह ने भी अपना पद्मश्री सम्मान त्याग दिया। यह खिलाड़ियों के लिए बेहद ही दुखद बात थी और बीजेपी सरकार के लिए बेशर्मी की!

*भ्रष्ट प्रणाली में चुनाव महज़ एक ढकोसला है*

हालांकि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष के चयन के लिए चुनावी प्रक्रिया अपनाई गई। लेकिन हम जानते है कि जब ब्रजभूषण के ख़िलाफ़ देश भर में इतने विरोध के बावजूद बीजेपी अंत तक उसको हर संभव तरीके से सुरक्षा देती रहीं तब यह 25 इकाइयों के 50 वोट संजय सिंह के पक्ष में करना उसके लिए बाएं हाथ का काम है। चाहे फिर उसके लिए उसे सदस्यों को धमकाना पड़े, दबाना पड़े, पैसों से खरीदना पड़े आदि। और यह करने में बीजेपी पहले से ही कुशल है। इस एक तरफा फैसले का संकेत हमें चुनाव जीतने के बाद बृजभुषण के दामाद के उस फ़ोटो में मिलता है जहां उसने अपनी, ब्रजभूषण और संजय सिंह, की फ़ोटो के साथ लिखा कि ‘दबदबा था, और दबदबा रहेगा’। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि वो हर हालात में अपना कब्ज़ा या नियंत्रण बरकरार रखना चाहते हैं। जो आखिरकार बीजेपी चाहती ही है कि हर सरकारी संस्थान में पूरा नियंत्रण बीजेपी या आरएसएस के लोगों के पास हो ताकि उसका इस्तेमाल फासीवादी एजेंडे के तहत हो पाए।

*पहलवानों की लाचारी देश के सभी न्यायपसंद लोगों की लाचारी का चहरा है!*

यह घटना और इस घटना के पीछे पितृसत्तात्मक सोच रखने वाली बीजेपी सरकार ने पिछले 5 महीनों से भरपूर कोशिश की, कैसे दोषी, बीजेपी सांसद बृजभूषण को निर्दोष बताया जाए और महिला पहलवानों और उनके समर्थकों को झूठा! यह सब करने के लिए चाहे गोदी मीडिया का सहारा लेना हो, चाहे गवाहों को धमकाना हो, चाहे झूठा प्रचार फैलाना हो और चाहे-लाठी डंडे का इस्तेमाल करना हो - सभी तरीके से पहलवानों के संघर्ष को दबाने का प्रयास किया है।

इससे साफ़-साफ़ दिखता है कि जो बीजेपी या उसके सहयोगी के खिलाफ आवाज़ उठाएगा, उसकी काली करतूतों को जनता के सामने रखेगा, अपने अधिकार और आजादी के लिए संघर्ष करेगा उसे यह तानाशाही सरकार हर तरीक़े से दबाने का काम करेगी और कर रही है।

आज देश में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे बीजेपी सरकार धर्म-जाति के नाम पर जनता में नफ़रत फैलाने का काम कर रही है, स्कूलों से लेकर न्यायलय तक के सरकारी तामझाम को अपने फासीवादी एजेंडे के जरिए दमन का हथियार बना रही है और यह सब हो रहा है देश के बड़े पूंजीपतियों (अदानी अंबानी टाटा बिड़ला) के लिए ताकि देश के तमाम कीमती जल-जंगल-जमीन को बड़े धन्नासेठों के हवाले किया जाए।

इस सब में देश में भुखमरी, बेरोजगारी, महंगाई, बुनियादी सुविधाओं की खस्ता हालत आदि दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसके विरोध में हर प्रगतिशील और जनवादी आवाज़ को दबाया जा रहा है और प्रतिक्रियावादी सोच को स्थापित करने की ज़ोरदार कोशिश जारी है।

लेकिन इसके बावजूद भी पहलवानों का हौसला बुलंद रहा और उनके समर्थन में किसान-मजदूर, छात्र-नौजवान और तमाम प्रगतिशील और जनवादी संगठन उनके साथ खड़े रहे। यह एकता ही है जो बढ़ते फासीवादी हमले से लड़ सकती है और बृजभूषण जैसे बीजेपी के लाड़ले दबंग लोगों को मात दे सकती है। पहलवानों के संघर्ष को परिणीति तक पहुँचाने के लिए, भाजपा और आरएसएस का हमारे समाज में बने वर्चस्व को हटाना ही एक मात्र रास्ता है!

*क्रांतिकारी नौजवान सभा*

Photos from Jan Chetna Yatra's post 20/12/2023
19/12/2023

19 दिसंबर 1927 को काकोरी ट्रेन एक्शन के तहत फैजाबाद में अशफाकउल्ला खान, गोरखपुर में राम प्रसाद बिस्मिल और इलाहाबाद में रोशन सिंह को फांसी की सजा दी गई। इसी मामले के तहत 17 दिसंबर 1927 को गोंडा जेल में राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी दे दी गई। ये सभी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) के सदस्य थे।

क्रांतिकारियों और उनके विचारों को याद करते हुए, एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए उनके संघर्ष को साम्राज्यवाद के वर्तमान समय में जारी रखा जाना चाहिए - मजदूर वर्ग पर फासीवाद का हमला।

साम्राज्यवाद मुर्दाबाद! क्रांति जिंदाबाद!
इंकलाब जिंदाबाद!

15/12/2023
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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरू सुखदेव के शहादत दिवस पर क्रांतिकारी साथी शलेंद्र द्वारा पास की कविता - वे डरते हैं......#इ...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...
*संत रविदास की 647 वी  जयंती* पर *रविदास जन्मोत्सव समिति, जयपुर* द्वारा सम्हारोह आयोजित किया गया *रविदास ने हमें वर्ग-जा...

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