Hunar Bal Kalyan Evam Sewa Samiti
HUNAR BAL KALYAN EVAM SEWA SAMITI is a non-profit and development organization. The organization has
*हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* की तरफ से एक कहानी *"एक मजदूर कि आत्मकथा"*
*मजदूर दिवस की सभी को शुभकामनाएं*
आज 01/05/2023 सभी जो मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं।
क्या सभी को मजदूर दिवस के बारे में जानते हों।
क्या आप मजदूरों के इतिहास के बारे में जानते हैं।
क्यों मनाया जाता है, मजदूर दिवस,
कैसे शुरुआत हुई मजदूर दिवस की।
कौन है, वे लोग जो आज मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दे रहा है। परंतु कुछ भी जानते नहीं हैं।
पता नहीं ऐसा क्या हुआ था। कि हम सब मजदूर बन गए। आप सभी साहिब बन गये।
लोग हमे ही मजदूर कहने लगे, पर मैं भी इंसान हूं। क्यों आप अपने आप को श्रेष्ठ और हमें मजदूर कहते हो। मैं ही तो हूं। जो आपके सपनों को पूरा करके, आपका घर, बंगला, दफ्तर, बिल्डिंग, शॉपिंग मॉल, फैक्ट्रियां, स्कूल, कॉलेज और ना जाने कितने प्रकार के कार्य मेरे द्वारा ही किया जाता है। अपनी किस्मत तो हम बना नहीं पाते। परंतु आपके किस्मत के द्वार तो हमारे हाथों द्वारा ही बनाए जाते हैं।
वह मैं ही मजदूर हूं। जो आप सभी के सपनों को पूरा करता हूं। मैं नहीं करूंगा तो कौन करेगा। कहां से लाओगे हम मजदूरों को।
केवल बिल्डिंग बनाने वाला ही मजदूर नहीं है। आजकल जो फैक्ट्री में ऑफिस में काम कर रहे हैं। वह भी मजदूर ही है। फर्क सिर्फ इतना है। कि मैं कड़ी धूप में आसमान के नीचे काम करता हूं। और आप एसी कि ठंडी ठंडी हवाओं में कमरे में बैठकर काम करते हैं। आप सब तो 8 घंटे काम करके साहिब कहलाते हो और हम 12 से 14 घंटे काम करके मजदूर कहलाते हैं। मजदूर कहलाते हैं।
Zoom Meeting📱📱📱 30/04/2023
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आज संस्था की तरफ से एक *Online Meeting* का आयोजन किया गया था। जिसका *मुख्य उद्देश्य 06/05/2023* को संस्था का *स्थापना दिवस समारोह* 🌹🌹🌹किस प्रकार से मनाया जाए यह था और बहुत से *महत्वपूर्ण बिन्दुओं* पर संस्था के *अध्यक्ष जी* ने अपनी बात रखी। साथ साथ सभी *सदस्यों* ने भी अपनी अपनी बात स्पष्ट रूप से कही। 🎙️🎙️🎙️🎙️
*अध्यक्ष जी ने संस्था के 5 साल के कार्यकाल* पर *प्रकाश* डाला कि किस प्रकार से संस्था चलाने का कोई भी अनुभव ना होते हुए भी धीरे-धीरे सफलता पूर्वक *5 वर्ष* पूरे किए और समाज में *निरंतर बच्चों* मे हुनर को उजागर के साथ-साथ जागृत* भी किया।💯💯💯
बच्चों में उनके हुनर को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार के *कार्यक्रम समय-समय पर संस्था* 👁️🗨️👁️🗨️👁️🗨️👁️🗨️ द्वारा किए गए। निरंतर कार्य करते हुए संस्था ने बहुत तरह के *उतार-चढ़ाव* भी देखे और निरंतर ही *निस्वार्थ भाव* से सभी कार्य को करती रही। ताकि जिन *बच्चों की प्रतिभा* 🔅🔅🔅अभी तक सामने नहीं आई है। वह बच्चे हमारी *संस्था से जुड़कर अपने हुनर को पंख दे सके। और पंखों को खोल कर बड़ा करें और उड़ान भरने के लिए अपने हुनर को ऊर्जा प्रदान करें।* 🏹🤼♀️⛹️♂️🏄♂️🥇🥈🏆
मीटिंग में आने वाले वर्षों में संस्था के कार्यक्रम को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जाए, इनके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया।
🌹🌹🌹🌹🌹
सभी सदस्यों की सहमति के द्वारा इस वर्ष हम ने संस्था का *स्थापना दिवस* जिसकी थीम *"नशा मुक्त अभियान"* 🌻🌻🌻कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया। है। सभी सदस्यों को *"नशा मुक्त भारत अभियान"* को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई ।
*आइए हम सब मिलकर विश्व के बच्चों को नशे से बचाएं और पूरे विश्व को फिर से स्वर्ग बनाएं।*👨👨👧👧👨👨👧👧👨👨👧👦👨👨👧👦
🌹🌹🌹🌹🌹
💐💐💐💐 *धन्यवाद* 💐💐💐💐
*हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति*
*बच्चों के रचनात्मक एवं शैक्षणिक विकास को समर्पित संस्था*
*www.hunarbalkalyan.com*
Ngo in Uttrakhand, NGO for Children, Healthcare NGO, Digital Training NGO, NGO in India, child education NGO in Ranipur uttrakhand India HUNAR BAL KALYAN EVAM SEWA SAMITI NGO is an NGO in Uttrakhand India working for Child Educatio, training, healthcare. Digital Training, Competitive study and women empowerment for underprivileged.
*_अनुभव जीवन के_*
*रिश्ते हैं तो सब कुछ है*
एक बार मैं अपने एक मित्र का तत्काल केटेगरी में पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट ऑफिस गया था।
लाइन में लग कर हमने पासपोर्ट का तत्काल फार्म लिया, फार्म भरे हुए हमें काफी समय हो चुका था, अब हमें पासपोर्ट की फीस जमा करनी थी।
लेकिन जैसे ही हमारा नंबर आया क्लर्क ने खिड़की बंद कर दी और कहा कि," समय खत्म हो चुका है, अब कल आइएगा।"
मैंने उससे मिन्नतें की, उससे कहा कि, "आज पूरा दिन हमने खर्च किया है और बस अब केवल फीस जमा कराने की बात रह गई है, कृपया फीस ले लीजिए।"
क्लर्क बिगड़ गया। कहने लगा, "आपने पूरा दिन खर्च कर दिया तो उसके लिए वह जिम्मेदार है क्या ? अरे सरकार ज्यादा लोगों को लगाए ! मैं तो सुबह से अपना काम ही कर रहा हूँ।"
खैर, मेरा मित्र बहुत मायूस हुआ और उसने कहा कि चलो अब कल आएँगे। मैंने उसे रोका, कहा कि," रुको मैं एक और कोशिश करता हूँ।"
क्लर्क अपना थैला लेकर उठ चुका था। मैंने कुछ कहा नहीं, चुपचाप उसके पीछे हो लिया। वह एक कैंटीन में गया, वहाँ उसने अपने थैले से लंच बॉक्स निकाला और धीरे-धीरे अकेला खाने लगा।
मैं उसके सामने की बेंच पर जाकर बैठ गया। मैंने कहा कि," तुम्हारे पास तो बहुत काम है, रोज बहुत से नए-नए लोगों से मिलते होगे ?"
वह कहने लगा कि," हाँ मैं तो एक से एक बड़े अधिकारियों से मिलता हूँ।
कई आई.ए.एस., आई.पी.एस., विधायक रोज यहाँ आते हैं।
मेरी कुर्सी के सामने बड़े-बड़े लोग इंतजार करते हैं।"
फिर मैंने उससे पूछा कि," एक रोटी तुम्हारी प्लेट से मैं भी खा लूँ ?" उसने "हाँ" कहा। मैंने एक रोटी उसकी प्लेट से उठा ली, और सब्जी के साथ खाने लगा।
मैंने उसके खाने की तारीफ की, और कहा कि," तुम्हारी पत्नी बहुत ही स्वादिष्ट खाना पकाती है।"
मैंने उसे कहा," तुम बहुत महत्वपूर्ण सीट पर बैठे हो। बड़े-बड़े लोग तुम्हारे पास आते हैं। तो क्या तुम अपनी कुर्सी की इज्जत करते हो ? तुम बहुत भाग्यशाली हो, तुम्हें इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है, लेकिन तुम अपने पद की इज्जत नहीं करते।"
उसने मुझसे पूछा, "ऐसा कैसे कहा आपने?"
मैंने कहा कि," जो काम दिया गया है उसकी इज्जत करते तो तुम इस तरह रुखे व्यवहार वाले नहीं होते।
देखो तुम्हारा कोई दोस्त भी नहीं है। तुम दफ्तर की कैंटीन में अकेले खाना खाते हो, अपनी कुर्सी पर भी मायूस होकर बैठे रहते हो। लोगों का होता हुआ काम पूरा करने की जगह अटकाने की कोशिश करते हो।
बाहर गाँव से आ कर सुबह से परेशान हो रहे लोगों के अनुरोध करने पर तुम उनसे कहते हो, "सरकार से कहो कि ज्यादा लोगों को लगाए।"
अरे ज्यादा लोगों के लगाने से तो तुम्हारी अहमियत नहीं घट जाएगी ? हो सकता है तुमसे यह काम ही ले लिया जाए।
भगवान ने तुम्हें मौका दिया है रिश्ते बनाने के लिए लेकिन अपना दुर्भाग्य देखो, तुम इसका लाभ उठाने की जगह रिश्ते बिगाड़ रहे हो। मेरा क्या है, कल आ जाउँगा या परसों आ जाउँगा, पर तुम्हारे पास तो मौका था किसी को अपना अहसानमंद बनाने का। तुम उससे चूक गए!"
मैंने कहा कि," पैसे तो बहुत कमा लोगे, लेकिन रिश्ते नहीं कमाए तो सब बेकार है।
क्या करोगे पैसों का ? अपना व्यवहार ठीक नहीं रखोगे तो तुम्हारे घर वाले भी तुमसे दुखी रहेंगे, यार दोस्त तो तुम्हारे पहले से ही नहीं हैं।"
मेरी बात सुन कर वह रुंआसा हो गया। उसने कहा कि," आपने बात सही कही है साहब। मैं अकेला हूँ।
पत्नी झगड़ा कर मायके चली गई है। बच्चे भी मुझे पसंद नहीं करते। माँ है, वे भी कुछ ज्यादा बात नहीं करती।
सुबह चार-पाँच रोटी बना कर दे देती है, और मैं तन्हा खाना खाता हूँ। रात में घर जाने का भी मन नहीं करता।
समझ में नहीं आता कि गड़बड़ी कहाँ है ?"
मैंने हौले से उससे कहा, "खुद को लोगों से जोड़ो। किसी की मदद कर सकते हो तो करो। देखो मैं यहाँ अपने दोस्त के पासपोर्ट के लिए आया हूँ। मेरे पास तो पासपोर्ट है। मैंने दोस्त की खातिर तुम्हारी मिन्नतें की। निस्वार्थ भाव से। इसलिए मेरे पास दोस्त हैं, तुम्हारे पास नहीं हैं।"
वह उठा और उसने मुझसे कहा कि, "आप मेरी खिड़की पर पहुँचो। मैं आज ही फार्म जमा करुँगा।" और उसने काम कर दिया। फिर उसने मेरा फोन नंबर मांगा, मैंने दे दिया।
बरसों बीत गए।
एक दिन फोन आया...
"रविंद्र कुमार चौधरी बोल रहा हूँ साहब, कई साल पहले आप हमारे पास अपने किसी दोस्त के पासपोर्ट के लिए आए थे, और आपने मेरे साथ रोटी भी खाई थी। आपने कहा था कि पैसे की जगह रिश्ते बनाओ।"
मुझे एकदम याद आ गया। मैंने कहा, "हाँ जी चौधरी साहब कैसे हैं ?"
उसने खुश होकर कहा, "साहब आप उस दिन चले गए, फिर मैं बहुत सोचता रहा। मुझे लगा कि पैसे तो सचमुच बहुत लोग दे जाते हैं, लेकिन साथ खाना खाने वाला कोई नहीं मिलता। साहब मैं अगले ही दिन पत्नी के मायके गया, बहुत मिन्नतें कर उसे घर लाया। वह मान ही नहीं रही थी। वह खाना खाने बैठी तो मैंने उसकी प्लेट से एक रोटी उठा ली, कहा कि साथ खिलाओगी ?
वह हैरान थी। रोने लगी। मेरे साथ चली आई। बच्चे भी साथ चले आए।
साहब, अब मैं पैसे नहीं कमाता। रिश्ते कमाता हूँ। जो आता है उसका काम कर देता हूँ।
साहब आज आपको रक्षा बंधन की शुभकामनाएँ देने के लिए फोन किया है क्योकि आपने मुझे लोगों से जुड़ना सिखाया है।
अगले महीने बिटिया की शादी है। आपको आना है। बिटिया को आशीर्वाद देने। रिश्ता जोड़ा है आपने।"
वह बोलता जा रहा था, मैं सुनता जा रहा था। सोचा नहीं था कि सचमुच उसकी ज़िंदगी में भी पैसों पर, रिश्ता इतना भारी पड़ेगा।
दोस्तों आदमी भावनाओं से चलता है नियमों से नहीं। नियमों से तो मशीनें चला करती हैं।
*"जब मैं, 'मुझे और मेरा' को प्रमुखता देते है, तब एकता खो जाती है और रिश्ते भुला दिए जाते हैं। रिश्ते एकतरफ़ा नहीं हो सकते। दोनों ओर से त्याग की आवश्यकता होती है और होनी ही चाहिए।*
*"जो व्यक्ति सभी के साथ एक हो जाता है, जो सभी को एक मानकर देखता है, वह हमेशा ईश्वर के साथ होता है।"*
हुनर बाल कल्याण युवा सेवा समिति की तरफ से आपको छोटे-छोटे नुक्से भेज रहे हैं। ताकि आप उनको समझे और उन पर कार्य कर सकें,
एक बार जरूर पढ़े।
2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।
3. *हाई वी पी में* - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।
4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।
5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।
6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं
7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।
8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।
9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।
10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।
11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।
12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।
13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।
14. *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।
15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।
16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।
17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।
18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है ।
20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।
21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।
22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।
23. *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।
24. *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।
25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।
26. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है ।
27. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।
28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।
29. *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।
30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।
31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।
33. *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।
34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।
35. *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।
36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।
37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।
38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।
40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।
41. *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।
42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों ।
43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।
44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।
45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।*
46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।
47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए ।
48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।
49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है ।
50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें ।
51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है
52. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।
53. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।
54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।
55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।
56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।
57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें ।
58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।
59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।
60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।
61. *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।
62. *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।*
63. *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए
64. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*
65. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।
66. *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।
67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।
68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।
69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है
71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें
72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए ।
73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए ।
74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।*
75. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।
77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए ।
79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।
80. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।
81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए ।
82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*
83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*
84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।
85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।
86 . *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग ।
87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए
88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।
89. *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।
90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।*
91. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*
92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।
93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा
94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।
95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है ।
96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।
97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*।
98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है
99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।
100. इस विश्व की सबसे मँहगी *दवा। लार* है , जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके ।
🙏🏽🌹🙏🏽🌹🙏🏽
*भोजन ही सभी बीमारियों की जड़ है और भोजन ही समस्त बीमारियों की दवा 🤔जाने कैसे*
World 🌎🌎 Malaria 🦟🦟 Day
आप भी लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक कर सकते हैं और इससे बचाव के क्या-क्या उपाय हैं। और अपने बच्चों को मलेरिया और डेंगू से बचाएं।
World 🌎🌎 Malaria 🦟🦟 Day
आप भी लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक कर सकते हैं और इससे बचाव के क्या-क्या उपाय हैं। और अपने बच्चों को मलेरिया और डेंगू से बचाएं।
आजकल के *कल्चर में नशा* बहुत तेजी से फैल रहा है। वही बड़ों के साथ-साथ आज *बच्चे और बच्चियां* भी इस *नशे* का शिकार का होते जा रहे हैं।
हम सभी को *बच्चे और बच्चियों* को भी इस नशे के चंगुल से बचाना है। और उनके *जीवन खुशहाल* बनाना है।
*खुद भी नशे से बचें और औरों को भी नशे से बचाएं।।*
हम सब मिलकर पहला कदम बढ़ाते हैं। और
नशे को दूर भगाते हैं।
विनोद सोनी जौनपुर
*नमस्कार विनोद सोनी जी*,
आपके द्वारा किया जा रहा *सामाजिक कार्य सराहनीय* है। और हमारी *संस्था हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* भी आशा करती है। कि आप सदैव ऐसे ही *सामाजिक कार्य* करते रहे। जिससे कि *सामाजिक कार्य* कर रहे, *लोगों* को भी *प्रेरणा* मिल सके। साथ-साथ वह बच्चे 👭👬👭भी जो *सामाजिक कार्य* करना चाहते है़। आपसे प्रेरणा💯💯 ले सके और उनका भी *मनोबल* सदैव समाज के *अच्छे कार्य* की ओर *अग्रसर* हो सके।🌹🌹🌹🌹🌹🌹
आपके सर्वश्रेष्ठ इस प्रकार हैं।
💐Youth Book Record 📝📝📝
💐Phoenix International 🌎🌎 Record
💐 भारत भूषण अवार्ड
और भी बहुत कुछ*अवार्ड* के नाम है
आपके द्वारा भेजे गए *प्रमाण पत्र, अखबारों में छपी आप की प्रेरणादायक कहानियां* और आपके *सराहनीय कार्य* अति उत्तम है। हमारे *सदस्य* भी आपकी इस कार्य की सराहना करते हैं। और इससे उनमें भी एक *नई ऊर्जा* प्रदान होगी।
हम सब चाहते हैं। कि आप भी हमारी संस्था के साथ कार्य करें। जिससे आपके इस कार्य के बारे में *ज्यादा से ज्यादा लोगों को बता* सके। जिसे संस्था के सदस्यों को भी मनोबल मिल सके।
धन्यवाद
*हुनर बाल कल्याण सेवा सेवा समिति*
Result Payari Maa l Mother Day Online Competition l Organized By Hunar Bal Kalyan Evam Sewa Samiti, Result Payari Maa l Mother Day Online Competition l Organized By Hunar Bal Kalyan Evam Sewa Samiti, BAL KALYAN EVAM SEWA SAMITI is a non-profit and...
हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति
Ngo in Uttrakhand, NGO for Children, Healthcare NGO, Digital Training NGO, NGO in India, child education NGO in Ranipur uttrakhand India HUNAR BAL KALYAN EVAM SEWA SAMITI NGO is an NGO in Uttrakhand India working for Child Educatio, training, healthcare. Digital Training, Competitive study and women empowerment for underprivileged.
बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों लेकिन उनका लगातार बरसना जैसे बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है। वैस Akhilendra Singh
Let's us Celebrate
International Scrapbooking Industry Day
04/03/2023 Let's us Celebrate International Scrapbooking Industry Day Akhilendra Singh
Kutumb App
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*आप सभी Kutumb परिवार के सदस्यों के लिए एक विशेष सूचना* 🔆🔆🔆
सबसे पहले आप सभी का *पुनः धन्यवाद,*💐💐💐
आप सभी के सहयोग से आज *हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* का परिवार आगे बढ़ रहा है। और आशा करता हूं। आप सभी का संस्था के लिए जो प्यार है। ऐसे ही सदैव बना रहे। आज *संस्था* कि तरफ से आपके साथ *एक मैसेज शेयर* कर रहा हूं। 📝📝📝📝
*Kutumb एक परिवार कि तरह है।* 👪👪👪
जिस प्रकार *परिवार* में एक *मुखिया* 🫅होता है जो परिवार के सभी *सदस्यों को बांधे* 👭👬रखता है मुखिया भी परिवार के सभी सदस्यों की बातें बहुत गौर से सुनता है और उन सब की *समस्या* को बड़ी ही *सरलता* से सुलझा लेता है और उनको आगे बढ़ने की एक *असीम शक्ति* भी प्रदान करता है।🌟🌟🌟💯💯🌟🌟
उसी प्रकार हम सब का यह *Kutumb परिवार* है। जिसमें हम अपनी बातें सभी को बता सकते हैं। अपना *अनुभव* सबके साथ साझा कर सकते हैं। और प्रतिदिन, अपने खुद के बनाए विचारों को *Kutumb परिवार* के सभी सदस्यों तक पहुंचा सकते हैं।☺️☺️☺️
और साथ-साथ हमें *Kutumb परिवार एप* के द्वारा *हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* को ज्यादा से ज्यादा *लोगों* को *जोड़ना* चाहिए। ताकि वह भी हमसे जुड़कर अपनी *विचारधारा* हमारे साथ साझा* कर सकते हैं। जिससे कि *हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके।
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वैसे तो बात बताने के बहुत सारे *प्लेटफार्म* उपलब्ध है। *Kutumb परिवार* आपको कैसे सबसे अलग बनाता है। आज मैं आपको बताता हूं। आप आपके अपने सगे संबंधियों को *सुबह* हो या *शाम* एक मैसेज *सुप्रभात* और *शुभ रात्रि* का भेज सकते हैं। और इसके साथ-साथ *प्रतिदिन* एक *सुविचार* भी *परिवार* के सभी *सदस्यों* के साथ साझा कर सकते हैं।🌹🌹🌹🌹
*सुबह-सुबह* जब आप सभी को *शुभ विचार* देते हैं। तो आप देखते हैं। कितना अच्छा एक मैसेज *प्रतिदिन* आपको *मोटिवेशन* के लिए मिलता है। आपको उसको *पढ़कर* ही एक अलग सा एहसास होता है और ऐसा प्रतीत होता है कि *आज का दिन* कितना अच्छा है। ऐसे *सुविचार* और *Creative Work* आप अपने *परिवार दोस्तों और मित्रों* के साथ भी *शेयर* कर सकते हैं। 🍁🍁🍁🍁
आइए हम सब मिलकर *Kutumb परिवार* के साथ-साथ *हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करें।💐💐💐💐
अगर आपको भी अच्छा लगे तो *नीचे दिए गए।*👇👇👇
*Link* को क्लिक करके हमसे जुड़ सकते हैं और लोगों को भी जोड़ सकते हैं।
👇👇👇👇👪👪👪👇👇👇👇
*Link:*
https://kutumb.app/hunar-child-welfare-and-service-committee?ref=YQV4F&screen=id_card_section
*धन्यवाद।*
*हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति* 👁️🗨️👁️🗨️👁️🗨️🌐🌐🌐
*बच्चों के रचनात्मक एवं शैक्षिक विकास को समर्पित संस्था*
हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति
National Science Day #scienceday #national Hunar Bal Kalyan #hunar #ngo Akhilendra Singh
World 🌎🌎 NGO Day
*एनजीओ शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान या विकास* इत्यादि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
*एनजीओ* से जुड़े लोग *जरूरतमंदों और जीवों की मदद* करते हैं। ऐसा माना जाता है। कि व्यक्ति एक दूसरे के साथ *जुड़कर एनजीओ* के माध्यम से *अपने अनुभवों* को साझा कर लोगों की मदद करते हैं। एनजीओ से जुड़े लोग दिन रात मेहनत कर लोगों की मदद करते रहते हैं।।
*हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति*
Ngo in Uttrakhand, NGO for Children, Healthcare NGO, Digital Training NGO, NGO in India, child education NGO in Ranipur uttrakhand India HUNAR BAL KALYAN EVAM SEWA SAMITI NGO is an NGO in Uttrakhand India working for Child Educatio, training, healthcare. Digital Training, Competitive study and women empowerment for underprivileged.
World 🌎🌎 NGO Day
*एनजीओ शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान या विकास* इत्यादि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
*एनजीओ* से जुड़े लोग *जरूरतमंदों और जीवों की मदद* करते हैं। ऐसा माना जाता है। कि व्यक्ति एक दूसरे के साथ *जुड़कर एनजीओ* के माध्यम से *अपने अनुभवों* को साझा कर लोगों की मदद करते हैं। एनजीओ से जुड़े लोग दिन रात मेहनत कर लोगों की मदद करते रहते हैं।।
*हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति*
www.hunarbalkalyan.com
विश्व एनजीओ दिवस पर, आइए हम सब लोगों के मूल मानवअधिकारों के लिए लड़ने वाले एनजीओ का आभार व्यक्त Akhilendra Singh
वीर सावरकर के अनमोल विचार
महान लक्ष्य के लिए गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता है। - वीर सावरकर
उन्हें शिवाजी को मनाने का अधिकारी है। जो शिवाजी की तरह अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं। - वीर सावरकर
अपने देश की, राष्ट्र की, समाज की स्वतंत्रता हेतु प्रभु से की गई मूक प्रार्थना भी सबसे बड़ी अहिंसा का द्योतक है। - वीर सावरकर
देश हित के लिए अन्य त्यागों के साथ जन-प्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊंचा आदर्श है। - वीर सावरकर
हमारे देश और समाज के माथे पर एक कलंक है- अस्पृश्यता। हिंदू समाज के, धर्म के, राष्ट्र के करोड़ों हिंदू बंधु इससे अभिशप्त हैं। जब तक हम ऐसे बनाए हुए हैं। तब तक हमारे शत्रु हमें परस्पर लड़वाकर, विभाजित करके सफल होते रहेंगे। इस घातक बुराई को हमें त्यागना होगा।
वीर सावरकर के अनमोल विचार महान लक्ष्य के लिए गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता है। - वीर सावरकर Akhilendra Singh
जन्मदिन की शुभकामनाएं
हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति, संस्था की जिम्मेदार सदस्य शशि जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं ।। Akhilendra Singh
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नया दिन है, नई बात करो, कल चाहे हारे थे,
आज
नई शुरुआत करो।।।।
हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति पेश करते हैं एक कहानी
*हुनर और उसके अजनबी दोस्त की यह कहानी*
जब एक अजनबी दोस्त, हुनर को देखता था तो सोचता था। यह हुनर अपनी कलाकारी से सबको खुश कैसे कर लेता है।
इसलिए उसको लगा कि, मुझे भी हुनर के साथ दोस्ती कर लेनी चाहिए। कि मुझे भी उनके साथ काम करना है। तो उसने हुनर के साथ दोस्ती कर ली,
इस पर हुनर ने कहा: अगर मुझसे दोस्ती करना चाहते हो तो, आपको मुझे अपना समय देना पड़ेगा। अपनी दिनभर की दिनचर्या से थोड़ा सा समय भी निकालना पड़ेगा। और अकेले में मुझ से (हुनर से) बातें भी करनी पड़ेगी।
साथ में अपने मित्रगणों के साथ हुनर के विचारों को भी बताना होगा। रात में और दिन में भी हुनर को याद करना होगा। आपको प्रतिदिन हर एक नया कार्य भी करना पड़ सकता है।
हुनर ने अपने अजनबी दोस्त से कहा :
क्या आप यह सब कर पाओगे ।
सच-सच बताना, क्या आप यह सब कर पाओगे।
उस अजनबी दोस्त को लगा की, जब हुनर सब कुछ कर लेता है। तो मैं भी कर लूंगा। अजनबी दोस्त को हुनर की सब बातें अच्छी लगती थी। इसलिए अजनबी दोस्त ने हुनर कि सब बातों को हां कर दिया। कि हां मैं कर लूंगा। हां मैं कर लूंगा।
इस तरह अजनबी दोस्त कि हुनर के साथ दोस्ती हो गई।
फिर पता है। आगे क्या हुआ,
कुछ समय तो वह अजनबी अपने दोस्त हुनर की तारीफ हर जगह करता रहा।
पर कुछ दिन तक ही यह सिलसिला चला । ज्यादा दिन तक वह अजनबी दोस्त हुनर के साथ काम नहीं कर पाया और थक कर बैठ गया। कि मुझसे अब नहीं होगा। अब मैं हुनर के साथ आगे कार्य नहीं कर पाऊंगा। मैं तो थक जाता हूं।
पता नहीं, हुनर यह सब कैसे कर लेता है। कैसे सबको खुश कर पाता है।
इस पर हुनर ने कुछ पंक्तियां लिखी।
*पंक्तियां :*
*जिम्मेदारियों के आते ही,
सारे शौक खत्म हो जाते हैं।।*
(भावार्थ:)
जब हम किसी को कोई भी ज़िम्मेदारी देते हैं। वह बहुत जल्दी अपनी जिम्मेदारियों से थक जाता है। ऐसा प्रतीत होता है। की जिम्मेदारी आते ही उसके सारे शौक खत्म हो जाते हैं। और वह जिम्मेदारियों को निभा न पाने के तरह-तरह के बहाने बनाने लगता है।
क्यों हम सब जिम्मेदारियों से बहुत जल्दी थक जाते हैं?
क्यों हम थोड़ा सा भी समय हुनर के लिए नहीं निकाल पाते?
क्योंकि वह हुनर ही है। जो हमेशा हमारे अंदर तो होता ही है। हमारे साथ भी होता है। और हमारा अस्तित्व भी होता है। परंतु कहीं ना कहीं हम इन सभी सच्चाईयों से अनभिज्ञ रहते हैं। और अपने अंदर छिपे हुनर को समझ ही नहीं पाते और जिम्मेदारियां निभाने के चक्कर में, अपने हुनर को जो हमारा सच्चा मित्र था। उसको भूल जाते हैं?
यह विचार आपको स्वयं से पूछना होगा???
अगर आपको कहानी अच्छी लगे तो Like और Share जरूर करना।
हुनर बाल कल्याण एवं सेवा समिति की तरफ से,
एक छोटी सी कहानी
नमस्कार 🙏
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नमस्कार 🙏 limitless light
*संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती की बहुत बहुत शुभकामनायें*
सतगुरु रविदास जी भारत के उन चुनिंदा महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने रूहानी वचनों से सारे संसार को एकता, भाईचारा पर जोर दिया। रविदास जी की अनूप महिमा को देख कई राजे और रानियां इनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े। जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अंत के लिए काम किया।
जन्म. 1377,वाराणसी।
मृत्यु. 1520 वाराणसी,
रविदास जी के सेवक इनको " सतगुरु", "जगतगुरू" आदि नामों से सत्कार करते हैं। रविदास जी की दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे: मीरा बाई आदि
गुरू रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को हुआ था। उनके जन्म के बारे में एक दोहा प्रचलित है। चौदह से तैंतीस की माघ सुदी पन्दरास। दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास। उनके पिता रग्घु तथा माता का नाम घुरविनिया था। उनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता है। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे औऱ ये उनका व्यवसाय था और अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। संत रविदास जी ने स्वामी रामानंद जी को कबीर साहेब जी के कहने पर गुरु बनाया था, जबकि उनके वास्तविक आध्यात्मिक गुरु कबीर साहेब जी ही थे।उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। प्रारम्भ से ही रविदास जी बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था। वे उन्हें प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे। उनके स्वभाव के कारण उनके माता-पिता उनसे अप्रसन्न रहते थे। कुछ समय बाद उन्होंने रविदास तथा उनकी पत्नी को अपने घर से भगा दिया। रविदास पड़ोस में ही अपने लिए एक अलग इमारत बनाकर तत्परता से अपने व्यवसाय का काम करते थे और शेष समय ईश्वर-भजन तथा साधु-सन्तों के सत्संग में व्यतीत करते थे।
उनके जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं से समय तथा वचन के पालन सम्बन्धी उनके गुणों का पता चलता है। एक बार एक पर्व के अवसर पर पड़ोस के लोग गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे। रैदास के शिष्यों में से एक ने उनसे भी चलने का आग्रह किया तो वे बोले, गंगा-स्नान के लिए मैं अवश्य चलता किन्तु । गंगा स्नान के लिए जाने पर मन यहाँ लगा रहेगा तो पुण्य कैसे प्राप्त होगा ? मन जो काम करने के लिए अन्त:करण से तैयार हो वही काम करना उचित है। मन सही है तो इसे कठौते के जल में ही गंगास्नान का पुण्य प्राप्त हो सकता है। कहा जाता है कि इस प्रकार के व्यवहार के बाद से ही कहावत प्रचलित हो गयी कि - मन चंगा तो कठौती में गंगा।
रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।
वे स्वयं मधुर तथा भक्तिपूर्ण भजनों की रचना करते थे और उन्हें भाव-विभोर होकर सुनाते थे। उनका विश्वास था कि राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं। वेद, कुरान, पुराण आदि ग्रन्थों में एक ही परमेश्वर का गुणगान किया गया है।
कृष्ण, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।
चारो वेद के करे खंडौती । जन रैदास करे दंडौती।।
उनका विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित-भावना तथा सद्व्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है। अभिमान त्याग कर दूसरों के साथ व्यवहार करने और विनम्रता तथा शिष्टता के गुणों का विकास करने पर उन्होंने बहुत बल दिया। अपने एक भजन में उन्होंने कहा है-
कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै।
उनके विचारों का आशय यही है कि ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से प्राप्त होती है। अभिमान शून्य रहकर काम करने वाला व्यक्ति जीवन में सफल रहता है जैसे कि विशालकाय हाथी शक्कर के कणों को चुनने में असमर्थ रहता है जबकि लघु शरीर की पिपीलिका (चींटी) इन कणों को सरलतापूर्वक चुन लेती है। इसी प्रकार अभिमान तथा बड़प्पन का भाव त्याग कर विनम्रतापूर्वक आचरण करने वाला मनुष्य ही ईश्वर का भक्त हो सकता है।
रैदास की वाणी भक्ति की सच्ची भावना, समाज के व्यापक हित की कामना तथा मानव प्रेम से ओत-प्रोत होती थी। इसलिए उसका श्रोताओं के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता था। उनके भजनों तथा उपदेशों से लोगों को ऐसी शिक्षा मिलती थी जिससे उनकी शंकाओं का सन्तोषजनक समाधान हो जाता था और लोग स्वत: उनके अनुयायी बन जाते थे।
उनकी वाणी का इतना व्यापक प्रभाव पड़ा कि समाज के सभी वर्गों के लोग उनके प्रति श्रद्धालु बन गये। कहा जाता है कि मीराबाई उनकी भक्ति-भावना से बहुत प्रभावित हुईं और उनकी शिष्या बन गयी थीं।
वर्णाश्रम अभिमान तजि, पद रज बंदहिजासु की। सन्देह-ग्रन्थि खण्डन-निपन, बानि विमुल रैदास की।।
आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।
रैदास के ४० पद गुरु ग्रन्थ साहब में मिलते हैं जिसका सम्पादन गुरु अर्जुन सिंह देव ने १६ वीं सदी में किया था ।
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इसे सुनें मनुष्य को हमेशा इसी मानवता की सेवा करते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए