Panki Dham

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Sudhakar Kumar Shinde
Sudhakar Kumar Shinde

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11/08/2022

इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार 11 अगस्त (!11 August) के दिन है. लेकिन, इस दिन सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर भद्रा लग जाएगी. बता दें कि मान्यतानुसार इस समयकाल में राखी नहीं बांधी जाती क्योंकि भद्रा को रक्षाबंधन का शत्रु माना जाता है. लेकिन, भद्रा पाताल लोक में होगी जिसका 11 तारीख पर कुछ खासा असर नहीं पड़ेगा और शुभ कार्य बाधित नहीं होंगे.

हालांकि, भद्रा के डर से लोग एकमत में नहीं आ रहे हैं. वैसे भद्रा अगले दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. भद्रा के चलते ही लोग 12 अगस्त के दिन राखी बांधने की योजना बना रहे हैं लेकिन 11 अगस्त के दिन भी तीन शुभ मुहूर्त हैं जिनमें राखी बेझिझक बांधी जा सकती है.

राखी बांधने का शुभ मुहुर्त

11 अगस्त, गुरुवार के दिन रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त ज्योतिषनुसार दोपहर 12 बजकर 53 मिनट पर है. यह अभिजीत मुहूर्त है. इसके अलावा दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. आखिरी मुहुर्त शाम 6 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट का है. इसमें अमृत काल लगेगा. इस एक घंटे 25 मिनट के मुहुर्त में भी राखी बांधी जा सकती है.

31/07/2022

कुछ इस तरह से नगर निगम की गाड़ियां हमारे यहां कचरे को ले जाते हैं l मेरा नगर निगम से अनुरोध है कि वह इस तरह की कार्यशैली पर ध्यान दें और हमारे पनकी धाम को स्वच्छ रखें l

03/12/2021
22/11/2021

Panki ka Sambha

14/08/2021

🇮🇳🇮🇳🇮🇳Happy Independence Day 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

Photos from Panki Dham's post 11/08/2021

शायद कुछ लोगों को अपना बचपन याद आ जाए
कुछ हसीन यादें शेयर कर रहा हूं
और अपनी कुछ यादें कमेंट बॉक्स में भी लिखेगा
अगर पसंद आए तो लाइक और शेयर करिएगा जिससे और लोगों की भी यादें ताजा हो जाए

15/07/2021
Photos from Panki Dham's post 03/05/2021

पनकी पावर हाउस के इस गद्दे की दुकान में सुबह 4:00 बजे तेज आंधी के कारण शार्ट सर्किट हुआ उससे आग लग गई जिसमें यह दुकानें जलकर राख हो गए l

10/03/2021

पनकी ब्रेकिंग....
नशे में धुत अधेड़ कार सवारों ने हाईटेंशन लाइन के खंबे में मारी टक्कर।
वैगनआर कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त।
दोनों कार सवार हुए घायल
रतनपुर गंगागंज के निवासी हैं दोनों
जोरदार टक्कर से कार के एयर बैलून तक खुल गए।
बड़ी घटना होने से बची।
कोई राहगीर गुजर रहा होता तो हो सकती थी बड़ी घटना।
मौके पर पहुंची पुलिस।
पूरा मामला रतनपुर रामलीला मैदान के पास का है।

08/02/2021

कर्ता करे न कर सकै,शिव करै सो होय।
तीन लोक नौ खंड में,महादेव से बड़ा न कोय ।
हर हर महादेव......

09/12/2020

Panki power house

Photos from Panki Dham's post 28/11/2020

Panki Sabzi Mandi Road

पनकी पावर हाउस मंडी के सामने की रोड बहुत ही ज्यादा खराब है यहां के स्थानीय लोगों द्वारा यह बहुत ही सराहनीय काम है
इन लोगों ने इस रोड के गड्ढों को भरने का काम किया जिससे आम जनता को कम से कम परेशानी हो
पर हमारी सरकार क्या कर रही है इस रोड को बनाने के हमेशा बड़े-बड़े वादे होते रहते हैं
हमारी सरकारें कब जागेंगे
लोगों को इस रोड पर चलने में बहुत ही ज्यादा समस्याएं होते हैं लोग बहुत ही ज्यादा परेशान हो चुके हैं
जो लोग इस सड़क के किनारे रहते हैं उनके घर में बहुत ही ज्यादा धूल मिट्टी जाती रहती है
कृपया सरकार इस रोड को बनाने का जल्द से जल्द प्रबंध करें
कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें ताकि हम अपनी बात सरकार तक पहुंचा सके

20/11/2020

पनकी नहर छठ पूजा समारोह

20/11/2020

ये आदमी कल रात से इस नाले में खड़ा हुआ था इसको बाहर निकलने के लिए काफी लोगों ने बोला लेकिन यह नहीं निकला फिर इसको जबरदस्ती नाले से बाहर निकाला गया आप लोग इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह वीडियो उसके घर या इसके जान पहचान में के लोगों तक पहुंच सके.

पनकी के प्रशासन द्वारा बहुत ही अच्छा काम किया गया

Photos from Panki Dham's post 28/10/2020

पनकी सब्जी मंडी से M.I.G रोड की सड़कों पर गुजरते वक्त जो दुर्दशा नजर आती है, किसी की भी रूह कांप जाए। गड्ढे ही गड्ढे, जिनसे लगने वाले झटके पनकीवासियों के मन को हकीकत से साक्षात्कार के लिए झकझोर देते हैं। हद तो यह कि एक किलोमीटर सड़क पर सफर करने के लिए 100 गड्ढों की चुनौती से पार पाना पड़ता है। सड़कों की बदहाली इस सच्चाई को भी सहज बयां करती है कि विकास के लिए जिम्मेदार कितने गंभीर है। मैंने पनकी की सड़कों की बदहाली को करीब से देखा। गड्ढों से जूझते पनकीवासियों के जनजीवन की दिक्कतों को महसूस करे। इसकी तस्वीर देख शायद जिम्मेदार पसीजे।
बड़े-बड़े गड्ढों में तबदील हो चुकी यह सड़कें वाहनों की दुर्दशा तो कर ही रही हैं, साथ ही लोगों के शरीर व स्वास्थ्य पर भी बुरा असर कर रहीं हैं। है। इसके अलावा हवा में उड़ रहे धूल के कण राहगीरों व स्थानीय लोगों को बीमार कर रहे हैं। साथ ही सड़कों पर उखड़ी पड़ी गिट्टियां बड़ें वाहनों के पहियों के दबाव से उछलकर लोगों को घायल कर रही हैं। ववाहनों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। वहीं बड़े-बड़े व गहरे गड्ढों के कारण लोग दुर्घटनाओं का भी शिकार बन रहे हैं।

कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।ताकि यह सड़क नेताओं को भी देख सकें।

Photos from Panki Dham's post 26/10/2020

स्वराज वृद्धाश्रम पनकी कानपुर

इसकी स्थापना श्रीमती मंजू भाटिया ने 18 अगस्त, 2007 को 10 सदस्यों के साथ की थी। लगभग 65 व्यक्तियों को इसमें आराम से समायोजित किया जा सकता है। अपनी स्थापना के बाद से, 121 बुजुर्ग लोग यहां रह चुके हैं और 59 बुजुर्गों का अंतिम संस्कार किया गया है। सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं और स्कूल से संबंधित सभी खर्च का भुगतान आश्रम द्वारा किया जाता है। बच्चों की उपस्थिति "स्वराज वृद्धाश्रम" को सभी के लिए पूर्ण घर बनाती है।

स्वराज वृद्धाश्रम 2007 में श्रीमती मंजू भाटिया द्वारा आरम्भ किया गया था। इसका उद्देश्य समाज के इस उपेक्षित अंश को आश्रय प्रदान करना है । सभी प्रकार के वरिष्ठ अवांछित, विकलांगों, परित्यक्तों के लिये यह आश्रम एक पूर्णतः निःशुल्क शरणस्थल है । यहां सब को आश्रय के साथ साथ सभी सुविधायें, सांत्वना, आराम और गरिमामय जीवन देने की पूरी चेष्टा करते हैं।
स्वराज वृद्धाश्रम "एक वृद्धाश्रम है। यह उन वरिष्ठ नागरिकों को घर प्रदान करता है जो अपने परिवार के सदस्यों द्वारा या तो त्याग दिए जाते हैं या उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं।" स्वराज "का अर्थ है आजाड़ी और" स्वराज वृद्धाश्रम "में, परिवार का प्रत्येक सदस्य तनाव मुक्त जीवन व्यतीत करता है।

26/10/2020

इस जनवार की डेड बॉडी पिछले 3 दिन से पनकी एमआईजी रोड पर पड़ी हुई है, पिचले कुच्छ दिन में रोड है पर काफी बडे बडे दुकाने खुल्ली है और यहा के काफ़ी बडे बडे लोग आये हैं लेकिन क्या फायदा
212 Govind Nagar Vidhan Sabha

19/10/2020

डेंगू आपके शरीर को आंतरिक रूप से क्षतिग्रस्त और कमजोर कर देता है। इसका सही समय पर उपचार न होने पर यह घातक साबित हो सकता है। डेंगू के प्रभावी होने के बाद इसका उपचार करने के बजाए, इससे बचाव के तरीके अपनाना अधिक बेहतर है। हम अपको बता रहे हैं कुछ ऐसी घरेलू चीजों के बारे में, जो डेंगू से आपको बचाने में सहायक होती हैं। आइए जानें वे कौन सी 10 चीजें हैं -

1 विटामिन सी - खाने में जितना हो सके विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें। विटामिन-सी आपको स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से भी रोकता है।

2 हल्दी का प्रयोग - किसी भी रूप में खान-पान में हल्की का सेवन करें। सामान्यत: सब्जी या दाल में हल्दी का प्रयोग तो होता ही है, इसके अलावा आप चाहें तो हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं।

3 तुलसी और शहद - तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है।इसके अलावा आप काढ़ा या चाय में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण बीमारियों से बचाव में सहायक है।

4 पीपीते के पत्ते - डेंगू के इलाज में पपीते की पत्त‍ियां बेहतर इलाज के रूप में जानी जाती हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में लेने से डेंगू से बचाव किया जा सकता है।इसमें प्रोटीन से भरपूर पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन शक्ति को ठीक करता है इसके अलावा लाल रक्त कणों में भी वृद्धि करता है।

5 अनार - डेंगू बुखार में शरीर में होने वाली रक्त की कमी और कमजोरी को दूर करने के लिए, अनार का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन ई, सी, ए और फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट बेहद लाभप्रद साबित होते हैं।यह लाल रक्त कणों के निर्माण में भी महत्वूर्ण भूमिका निभाता है, जो खून की कमी को पूरा करने में सहायक है।

6 मेथी - मेथी की हरी पत्तियों का सेवन डेंगू से बचाव में मददगार होते हैं। इसके प्रयोग से शरीर से सभी हानिकारक और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा शारीरिक दर्द और अनिद्रा की समस्या में भी यह लाभकारी होती है।

7 गि‍लोय - गि‍लोय हर तरह की बीमारी में अमृत के समान होती है। इसके प्रयोग से लाल रक्त कणि‍काओं का निर्माण होता है और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। तुलसी के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।इसके अलावा गिलोय का जूस या इसकी गोलियां खाना भी फायदेमंद हो सकता है। दि‍न में दो से तीन बार किसी भी रूप में गिलोय का प्रयोग करना, डेंगू से बचने के लिए रामबाण उपाय है।

8 बकरी का दूध - जी हां, डेंगू बुखार होने पर बकरी के दूध का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए बकरी का कच्चा दूध दिन में दो से तीन बार थोड़ी मात्रा में पीने लाभ होता है।इसके अलावा यह खून की कमी को दूर कर, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और शरीर व जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है।

9 जवारे का रस - जवारे यानि गेहूं की घास का रस पीने से भी रक्त में प्लेटलेट्स का निर्माण तेजी से होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। प्रतिदिन दो बार इसका प्रयोग करने से डेंगू का खतरा कम होता है।

10 सूप - सामान्य भोजन के अलावा सूप का प्रयोग भी जरूर करें। यह आपके स्वाद को बरकरार रखेगा और भूख न लगने की शि‍कायत दूर करेगा। इसके अलावा दलिया का प्रयोग करना भी बेहतर होगा, यह आपको उर्जा देने के साथ ही पाचन को दुरूस्त करेगा।

11 हर्बल टी - हर्बल टी का प्रयोग करने से शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। दिन में दो से तीन बार हर्बल टी का प्रयोग जरूर करें।

12 इसके अलावा मच्छरों से जितना हो सके बचाव करना डेंगू से बचने का प्रमुख उपाय है। मच्छरों से बचने के लिए हर संभव सावधानी बरतें और पानी का जमाव न होने दें, क्योंकि इसमें मच्छरों के पनपने की संभावना अधिक होती है।

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23/08/2020

थाना पनकी पुलिस टीम द्वारा थाने के टाॅप-10 अपराधी जय प्रकाश निषाद पुत्र स्व0 राजा राम निषाद को 01 अदद तमंचा मय 02 अदद जिन्दा कारतूस 315 बोर के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

10/08/2020

लापरवाह डॉक्टरों ने मेरे पिता को मार डाला......

रविवार को रामादेवी के कांशी राम अस्पताल (कोविद लेवल 2) में जल कर्मियों सहित चार कोरोना रोगियों की मृत्यु हो गई। अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप ,मुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

पनकी सी ब्लॉक निवासी 53 वर्षीय जलकल कर्मचारी 25 जुलाई से बुखार से पीड़ित थे। परिजनों ने उसे एक सप्ताह के लिए चुन्नी गंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। तब सोमवार को निजी पैथोलॉजी से कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद कांशीराम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक की बेटी अलका ने कहा कि सुबह करीब 10 बजे सीएमओ से जानकारी मिली कि वह बिल्कुल ठीक है। फिर दोपहर 1:55 बजे अचानक मौत की सूचना मिली। उसकी मां और दो भाई भी कोरोना पॉजिटिव हैं। उन्हें घर के अलगाव में रखा गया है।

04/08/2020

पनकी में कई एटीएम रक्षाबंधन पर बंद थे । मैंने सोमवार सुबह 5 एटीएम का दौरा किया, और सभी पाँच बंद थे .., केवल axis बैंक एटीएम खुला था। एटीएम के रखरखाव और संचालन के लिए कौन जिम्मेदार हैं।

04/08/2020

""दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना ""

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31/05/2020

कछुआ तालाब के कछुए को पनीर खाना बहुत पसंद है।
आप भी कभी आए और इनको पनीर खिलने का सौभाग्य प्राप्त करिये।

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Photos from Panki Dham's post 30/05/2020

80 और 90 के दशक के लोग इस स्कूल की गुणवत्ता शिक्षा को जानते हैं। यह उस समय के सबसे अच्छे स्कूल में से एक है। यह बहुत कठिन प्रवेश परीक्षा थी। इस स्कूल ने कई आईआईटीयन, आईएएस ,इंजीनियर ,चिकित्सक, सेना के अधिकारी ,सरकारी अधिकारी राजनीतिक नेता और व्यवसायी बनाए हैं। कृपया इस स्कूल के बारे में अपने अनुभव को साझा करें।

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26/05/2020

मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन माना गया है, और कलयुग में हनुमान जी एक मात्र ऐसे देवता है जो जरा सी श्रद्धा के साथ पूजन करने पर तुरंत प्रसन्न होकर एक साथ कई मनोकामना पूरी कर देते हैं। अगर आप भी हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन उनका पूजन करें। आप जिस चीज की कामना करेंगे, श्री हनुमान जी उसे पूरी कर देंगें।

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25/05/2020

श्री नागेश्वर मंदिर एवं कछुआ तालाब,

भाटिया तिराहे से मुड़ कर जब आप पनकी हनुमान मंदिर की तरफ जाएंगे तो सड़क के बांईं ओर आपको एक बोर्ड दिखायी देगा, बोर्ड पर लिखा है, श्री नागेश्वर मंदिर एवं कछुआ तालाब, जिस पर 355 साल से लेकर 100 साल तक के कछुओं का आशियाना है। कछुआ तालाब के 364 साल पहले बरतानी हुकूमत के दौरान देवी दयाल पाठक के पूर्वजों ने बनवाया था। तालाब की लंबाई और चौड़ाई करीब 70 फुट है। अगर तालाब की सीढ़ियों पर पनीर के छोटे-छोटे टुकड़े बिखेर कर कछुओं को आवाज लगाने लगे। आवाज लगाने के बाद कुछ कछुए पानी की सतह से ऊपर आए और पनीर के टुकटे पानी में फेंके , सीढ़ियों के पास कछुआ आता है और पनीर खाना शुरू करता है। उन में पनीर खाने की होड़ लग जाती है और थोड़ी देर में वो सारा पनीर चट कर जाते हैं। पलक झपकते ही वो पानी में वापस चले जाते हैं।

पहले पूजा करना, फिर कछुओं को भोजन
लोग पहले मंदिर में पूजा करते हैं और फिर कछुओं को पनीर खिलाते हैं। लोग सुबह कछुओं को देखने के लिए आते हैं। उनका मानना है कि शंहशाह नाम के कछुए के दर्शन अगर हो जाएं तो समझो सब बिगड़े काम बन जाते हैं।

फल फूल रहे हैं कछुए
एक ऐसे दौर में जब तालाब और पानी में रहने वाले जीव समाप्त होते जा रहे हैं, शहर में एक घनी आबादी के बीच कछुए जैसे दुर्लभ प्राणी फल फूल रहें हैं, वह भी बिना किसी सरकारी मदद के। नागेश्वर मंदिर के पुजारी देवी दयाल पाठक कहते हैं कि इस तालाब और मंदिर की स्थापना उनके पूर्वजों ने की थी, हालांकि ये कब बना इसके बारे में ठीक ठीक जानकारी नहीं है। ये तालाब 364 साल से अधिक पुराना है। देवी दयाल पाठक ने बताया कि उनके पूर्वज पाकिस्तान के सिंध से आकर कानपुर में बस गए थे। देवी दयाल कहते हैं कि तालाब में सैकड़ों की तादात में कछुए हैं और उनमें से कुछ की उम्र 355 साल से अधिक है।

बाहर से भी लोग आते हैं और आवाज लगाते हैं
लोग इन कछुओं को खाना खिलाने के लिए यहां आते हैं।आसपास के जिलों के लोग भी कछुओं को देखने के लिए आते हैं और जैसे ही आव..आव की आवाज लगाते हैं कछुए पानी के बाहर सीड़ियों में आ जाते हैं। बताते हैं कि दो-तीन बार कुछ लोगों ने तालाब से कछुओं को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन मोहल्ले वालों ने उन्हें पकड़ कर पीट दिया।

विलुप्त की कगार पर पहुंचे कछुए
यहां कुछ कछुए दुर्लभ किस्म के हैं और इनकी संख्या कम होती जा रही है, हालांकि स्थानीय लोग इन कछुओं की काफी देखभाल कर रहें हैं।

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23/05/2020

कानपुर के पनकी में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर जाकर आपके बिगड़े काम बन जाते हैं। यह मंदिर सैकड़ों साल से अपने भक्तों की मन्नतों को पूरा कर रहा है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में दुनियाभर से लोग आते हैं अपने कष्ट का निवारण करने के लिए और जब वापस जाते हैं तो उनके अंदर मानो एक अजब-सी शक्ति होती है और वे खुशी-खुशी जाते हैं।
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23/05/2020

कानपुर लॉजिस्टिक्स पार्क

पनकी कानपुर क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब होने के लिए भी प्रसिद्ध है। पनकी लॉजिस्टिक पार्क उत्तरी भारत का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक पार्क है।

कानपुर लॉजिस्टिक्स पार्क (KLPL) प्रिस्टाइन लॉजिस्टिक्स एंड इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जिसने कानपुर (पनकी), उत्तर प्रदेश में एक अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (ICD) की स्थापना की है। ICD अगस्त, 2011 से EXIM और घरेलू कार्गो आवाजाही के लिए कंटेनर ट्रेनों के साथ-साथ सड़क मार्ग से चल रही है।

कानपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक है। विभिन्न कार्गो कैचमेंट क्षेत्रों में इसकी निकटता ने इसे बेहतर रसद समाधान प्रदान करने के लिए कार्गो को मजबूत और व्यवस्थित करने के लिए एक आकर्षक स्थान बना दिया है। ICD, Panki, यूपी में पहला निजी क्षेत्र ICD ने कानपुर और इसके जलग्रहण क्षेत्र को उत्तर प्रदेश राज्य के बड़े हिस्से को कवर करने के लिए एक बहुत ही आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान किया है, जो रसद समाधानों को समाप्त करने के लिए व्यावसायिक रूप से समाप्त हो रहा है।

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22/05/2020

पनकी हनुमान मंदिर का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मंदिर लगभग तीन से चार सौ साल पुराना है और मंदिर की स्थापना महंत श्री श्री 1008 पुरुषोत्तम दासजी महाराज ने की थी। अवधि का उल्लेख राजा हिंदू सिंह के शासन से भी पुराना है जिन्होंने जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कान्हापुर ’(वर्तमान कानपुर) नामक गाँव की नींव रखी थी। सार्वजनिक मान्यता के अनुसार, एक बार महंत श्री श्री 1008 पुरुषोत्तम दासजी महाराज चित्रकूट की यात्रा पर थे। एक बैलगाड़ी पर यात्रा करते हुए, चित्रकूट महंत के पास उनकी सुबह की प्रार्थना के लिए रुक
गए और अपनी प्रार्थना को पूरा करते हुए और अपनी यात्रा पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हो गए, महंत ने वस्तु की तरह एक चट्टान पर ठोकर खाई। , जो भगवान हनुमान की एक मूर्ति थी, और दिव्य अंतर्ज्ञान से उन्हें लगा कि भगवान हनुमान चाहते थे कि वह मूर्ति को अपने साथ ले जाए। चूंकि वह पवित्र स्थल बिठूर की ओर आगे बढ़ रहे थे, जिस स्थान पर संत वाल्मीकि का आश्रम था। इस दिव्य दिशा का पालन करते हुए, महंत ने मूर्ति को उठाया, उसे अपनी बैलगाड़ी में पूरे श्रद्धा के साथ रखा और बिठूर की ओर अपनी यात्रा जारी रखी।

यात्रा के कुछ दिनों के बाद जब काफिला बिठूर से महज दस
कोस (लगभग 15 किमी) दूर था, तो महंत ने पाया कि बैलगाड़ी नहीं चल रही थी और बैलगाड़ियाँ गाड़ी का भार ढूढ़ रही थीं। सभी प्रयासों को विफल करते हुए महंत ने थोड़ी देर के लिए बैलों को आराम करने का फैसला किया। आराम करने के लिए बैल लगाने के बाद महंत ने एक हल्की झपकी भी ली। विश्राम के दौरान महंत ने फिर से माना कि भगवान की मूर्ति ने उन्हें उस स्थान का अभिषेक करने के लिए एक दिव्य दिशा प्रदान की और मूर्ति को स्वयं स्थापित किया। महंत ने इसे ईश्वरीय आदेश समझा और स्थानीय लोगों की मदद से मूर्ति को उसी स्थान पर स्थापित (प्रिदेश) कर दिया। वह स्थान अब पनकी के नाम से जाना जाता है। फिर स्थानीय लोगों ने स्थापित स्थान पर भगवान हनुमानजी की पूजा शुरू कर दी। आने वाले समय में स्थानीय लोगों की मदद से एक छोटा मंदिर बन गया और इसे भगवान हनुमान का पनकी मंदिर कहा जाने लगा। अब यह बहुत लोकप्रिय है, क्योंकि यहां तक ​​कि भक्तों द्वारा प्राप्त की जाने वाली इच्छाओं को भी पूरा किया जाता है (पंकज हनुमानजी की पूजा के साथ)। जैसे-जैसे प्रसिद्धि चारों ओर फैली, मंदिर अधिक से अधिक लोकप्रिय हो गया और अब देश भर से श्रद्धालु इस पवित्र मंदिर का दौरा कर रहे हैं। वर्तमान में, पनकी मंदिर उत्तर भारत में भगवान हनुमान के बहुत प्रसिद्ध मंदिरों में से एक के रूप में जाना जाता है।

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