NIMS Kanpur
NIMS Kanpur is a private coaching institute for preparation of various MCA Entrance Examinations. NI NIMS Kanpur does not give any degree or diploma o f M.C.A .
NIMS Kanpur has been imparting guidance for MCA entrance examinations to students from all over states of U.P., Uttaranchal, M.P., Bihar, Jharkhand, Maharastra, Orissa, West Bengal etc. Besides, students come from places as far as Nepal and Andhra Pradesh. This has been possible because of our excellent results year after year at various MCA entrance examinations. It provides coaching to the stude
NIMS Kanpur (MCA Entrance Classes By RAM GOPAL SINGH) is best coaching institute for the preparation of MCA Entrance Examinations.
Address : 110/206, R.K. Nagar, G.T. Road, Kanpur
(Near Gumti No. 5 Crossing, Kanpur)
E- Mail : [email protected]
Website – www.nimskanpur.in
Mobiles : 9839182779, 7388922837, 9670672528
नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें.
गणित दिवस (Mathematics Day) की हार्दिक शुभकामनायें ।
भारत के महान गणितज्ञ स्व श्री रामानुजन की जयंती है आज ।
22 दिसंबर 2023, शुक्रवार । आज भारत के महान गणितज्ञ स्व श्री रामानुजन की जयंती है । श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर एक महान भारतीय गणितज्ञ थे । इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है । इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला था , फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए । इन्होंने अपनी प्रतिभा और लगन से गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए । इन्होंने खुद से गणित सीखा और अपने जीवन भर में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया । रामानुजन की मृत्यु 33 वर्ष की अल्पायु में ही हो गयी ।
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भारत के महान वैज्ञानिक स्व. श्री जगदीश चन्द्र बसु की जयंती है आज ।
30 नवंबर 2023, गुरुवार । आज भारत के महान वैज्ञानिक स्व. श्री जगदीश चन्द्र बसु की जयंती है । डॉo (सर) जगदीश चन्द्र बसु भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे । जगदीश चन्द्र बसु को भौतिकी, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था । वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया । वनस्पति विज्ञान में भी उन्होनें कई महत्त्वपूर्ण खोजें की । वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे । उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता माना जाता है । वे विज्ञानकथाएँ भी लिखते थे और उन्हें बंगाली विज्ञानकथा-साहित्य का पिता भी माना जाता है । जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवम्बर 1858 को बंगाल (अब बांग्लादेश) में ढाका जिले के फरीदपुर के मेमनसिंह में हुआ था । उनके पिता भगवान चन्द्र बोस ब्रह्म समाज के नेता थे । ग्यारह वर्ष की आयु तक इन्होने गांव के ही एक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की । विद्यालयी शिक्षा के बाद वे कलकत्ता आ गये और सेंट जेवियर स्कूल में प्रवेश लिया । जगदीश चंद्र बोस की जीव विज्ञान में बहुत रुचि थी और 22 वर्ष की आयु में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए । मगर स्वास्थ खराब रहने की वजह से इन्होने चिकित्सक (डॉक्टर) बनने का विचार त्यागकर कैम्ब्रिज के क्राइस्ट महाविद्यालय चले गये । वहाँ भौतिकी के एक विख्यात प्रोo फादर लाफोण्ट ने बोस को भौतिकशास्त्र के अध्ययन के लिए प्रेरित किया । वर्ष 1885 में ये स्वदेश लौटे तथा भौतिकी के सहायक प्राध्यापक के रूप में प्रेसिडेंसी कॉलेज में पढ़ाने लगे । यहां वह वर्ष 1915 तक रहे ।जगदीश चन्द्र बसु ने विद्युत चुम्बकीय तरंगों पर प्रकाशिकी में अनुसन्धान किया । बोस के माइक्रोवेव अनुसंधान का पहला उल्लेखनीय पहलू यह था कि उन्होंने तरंग दैर्ध्य को मिलीमीटर स्तर (लगभग 5 मिमी तरंग दैर्ध्य) पर ला दिया । वे प्रकाश के गुणों के अध्ययन के लिए लंबी तरंग दैर्ध्य की प्रकाश तरंगों के नुकसान को समझ गए । वर्ष 1893 में, निकोला टेस्ला ने पहले सार्वजनिक रेडियो संचार का प्रदर्शन किया । एक साल बाद, कोलकाता में नवम्बर 1894 के एक सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान, बोस ने एक मिलीमीटर रेंज माइक्रोवेव तरंग का उपयोग कुछ दूरी पर बारूद प्रज्वलित करने और घंटी बजाने में किया । बोस ने एक निबंध, में लिखा था कि "तार के बिना प्रकाश के माध्यम से संदेश संचारित हो सकता है।" बोस ने अपने प्रयोग उस समय किये थे जब रेडियो एक संपर्क माध्यम के तौर पर विकसित हो रहा था । रेडियो माइक्रोवेव ऑप्टिक्स पर बोस ने जो काम किया था वो रेडियो कम्युनिकेशन से जुड़ा हुआ नहीं था । लेकिन उनके द्वारा किये हुए सुधार एवं उनके द्वारा इस विषय में लिखे हुए तथ्यों ने दूसरे रेडियो आविष्कारकों को ज़रूर प्रभावित किया था । जगदीशचन्द्र बोस पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो तरंगे डिटेक्ट करने के लिए सेमीकंडक्टर जंक्शन का इस्तेमाल किया था । । वर्ष 1917 में जगदीश चंद्र बोस को "नाइट" (Knight) की उपाधि प्रदान की गई तथा शीघ्र ही भौतिक तथा जीव विज्ञान के लिए रॉयल सोसायटी लंदन के फैलो चुन लिए गए । भारत के इस महान वैज्ञानिक का निधन 23 नवंबर 1937 को हुआ ।
गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनायें ।
27 नवंबर 2023, सोमवार । आज गुरु नानक जयंती है । आज कार्तिक पूर्णिमा है । आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक का जन्म हुआ था । गुरु नानक का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गाँव में एक खत्रीकुल में हुआ था । तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक जी के नाम पर ननकाना पड़ गया । इनके पिता का नाम कल्याणचंद और माता का नाम तृप्ता देवी था। इनकी बहन का नाम नानकी था । बचपन से ही नानक जी में प्रखर बुद्धि के लक्षण दिखाई देने लगे थे । लड़कपन से ही ये सांसारिक विषयों से उदासीन रहा करते थे । बचपन के समय में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी जिन्हें देखकर गाँव के लोग इन्हें दिव्य व्यक्तित्व मानने लगे । बचपन के समय से ही इनमें श्रद्धा रखने वालों में इनकी बहन नानकी तथा गाँव के शासक राय बुलार प्रमुख थे । इनका विवाह बालपन मे सोलह वर्ष की आयु में गुरदासपुर जिले के अंतर्गत लाखौकी नामक स्थान के रहनेवाले मूला की कन्या सुलक्खनी से हुआ था । 32 वर्ष की अवस्था में इनके प्रथम पुत्र श्रीचंद का जन्म हुआ । चार वर्ष पश्चात् दूसरे पुत्र लखमीदास का जन्म हुआ । दोनों लड़कों के जन्म के उपरांत 1507 में नानक अपने परिवार का भार अपने श्वसुर पर छोड़कर अपने चार साथियों मरदाना, लहना, बाला और रामदास को लेकर तीर्थयात्रा के लिये निकल पडे़ । ये चारों ओर घूमकर उपदेश करने लगे । सन 1521 तक इन्होंने तीन यात्रा चक्र पूरे किए । जिनमें भारत, अफगानिस्तान, फारस और अरब के मुख्य मुख्य स्थानों का भ्रमण किया । इनके उपदेश का सार यही होता था कि ईश्वर एक है । ईश्वर की उपासना हिंदू मुसलमान दोनों के लिये है । मूर्तिपूजा, बहुदेवोपासना को ये अनावश्यक कहते थे । हिंदु और मुसलमान दोनों पर इनके मत का प्रभाव पड़ता था । उन्होंने करतारपुर नामक एक नगर बसाया, जो कि अब पाकिस्तान में है । गुरु नानक जी ने उसमे एक बड़ी धर्मशाला बनवाई । इसी स्थान पर 22 सितंबर 1539 ईस्वी को इनका परलोकवास हुआ। मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य लहना को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से जाने गए ।
26/11 को मुंबई के आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों और मारे गए लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि ।
26 नवंबर 2023, रविवार । आज देश 26/11 आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों और मारे गए लोगों को याद कर रहा है । भारत के इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमले में से एक 26 नवंबर 2008 में हुआ मुंबई का आतंकी हमला था । इस आतंकी हमले को 26/11 के नाम से जाना जाता है । आज से ठीक 15 साल पहले हुआ मुंबई हमला भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भुला सकता । आतंकियों के इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 ज्यादा घायल हुए थे ।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ।
12 नवंबर 2023, रविवार । आज दीपावली का महा पर्व है । आज कार्तिक मास की अमावस्या है । कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है । दीपावली या दीवाली एक प्राचीन हिंदू त्योहार है । इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं । इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । माना जाता है कि श्री राम चंद्र जी अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात दीपावली के दिन अयोध्या वापस लौटे थे । श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं । दीपावली का पर्व विशेष रूप से हिंदू, सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग मानते है । दीपावली का त्यौहार दुनिया भर में मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत , नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश , म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मॉरीशस, रीयूनियन , केन्या, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, नीदरलैंड, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । दीपावली पर्व पर लोग अपने घरो और कार्य स्थल की सफाई करते है । लोग नए नए कपडे पहनते है । घरों में अच्छे अच्छे पकवान बनते है । इस दिन घरों में मिठाईंया बनती है या बाजार से खरीद कर लायी जाती है। शाम को घरो, दुकानों और कारखानों में रोशनी करते है । शाम को श्री गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है । लक्ष्मी पूजन के बाद रात में आतिशबाजी होती है । बच्चे पटाखे और फुलझड़िया जलाते है ।
छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) की हार्दिक शुभकामनायें ।
11 नवंबर 2023, शनिवार । आज नरक चतुर्दशी है । आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है । कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है । इसे नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी जाना जाता है । इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है । नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं । इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के वक्त उसी प्रकार दीए की रोशनी से रात के अंधकार को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है, जैसे दीपावली की रात को । इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ मंध कई पौराणिक कथाएं हैं । एक कथा के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी राजा नरकासुर का वध किया था । राजा नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था । श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करके सोलह हजार कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था । इस उपलक्ष में दीयों की बारात सजायी जाती है । एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क की यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है । इस कारण भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीप दान और यम पूजा का विधान है ।
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनायें।
10 नवंबर 2023, शुक्रवार । आज धनतेरस है । आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है । कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस या धन त्रयोदशी कहते है । कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था । इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धन त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है । धन्वन्तरि जी देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं । भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है । धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था । भगवान धन्वन्तरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है । धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है । लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं । लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है ।
अनंत चतुर्दशी एवं श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन की हार्दिक शुभकामनाये ।
28 सितम्बर 2023, गुरुवार । आज अनंत चतुर्दशी है । आज भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है । भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है । अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप को प्रसन्न करने और अनंत फल पाने की इच्छा से व्रत रखा जाता है । इस दिन महिलाएं सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए व्रत करती है । इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन भी होता है ।
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें ।
19 सितम्बर 2023, मंगलवार । आज गणेश चतुर्थी है । आज भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है । भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है । गणेश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी दिन समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले, कृपा के सागर तथा भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश जी का आविर्भाव हुआ था । भगवान विनायक के जन्मदिवस पर मनाया जानेवाला यह महापर्व महाराष्ट्र सहित भारत के सभी राज्यों में हर्षोल्लास पूर्वक और भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है। गणेश पूजा का महत्त्व हमारे समाज में सबसे अधिक है । श्री गणेश अकेले ऐसे देवता है, जो भारत के सभी भागों में पूजे जाते है । श्री गणेश को शैव, वैष्णव और शाक्त सभी सम्प्रदायों के लोग पूजते है । श्री गणेश भारतीय समाज में तरक्की के देवता कहे जा सकते है । गणेश चतुर्थी का महापर्व 10 दिनों तक चलता है । गणेश चतुर्थी का पर्व भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना से प्रारम्भ होता है और भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन के साथ समाप्त होता है । भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है । इस वर्ष गणेश चतुर्थी 19 सितम्बर, मंगलवार को है और अनंत चतुर्दशी 28 सितम्बर, गुरुवार को है । 19 सितम्बर, मंगलवार को श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना होगी और 28 सितम्बर, गुरुवार को श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन होगा ।
विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनायें ।
17 सितम्बर 2023, रविवार । आज विश्वकर्मा जयंती है । प्रति वर्ष 17 सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है । भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है । भगवान विश्वकर्मा को 'देवताओं का शिल्पकार’ , 'वास्तुशास्त्र का देवता', 'प्रथम इंजीनियर', 'देवताओं का इंजीनियर' और 'मशीन का देवता' कहा जाता है । विष्णु पुराण में विश्वकर्मा को 'देव बढ़ई' कहा गया है । चार युगों में विश्वकर्मा ने कई नगर और भवनों का निर्माण किया । कालक्रम में देखें तो सबसे पहले सत्ययुग में उन्होंने स्वर्गलोक, इंद्रपुरी एवं यमपुरी का निर्माण किया, त्रेता युग में लंका का, द्वापर में द्वारका व हस्तिनापुर और इन्द्रप्रस्थ का निर्माण किया। विश्वकर्मा ने ही जगन्नाथ पुरी के जगन्नाथ मन्दिर में स्थित विशाल मूर्तियों (कृष्ण, सुभद्रा और बलराम) का निर्माण किया । उन्होंने कई दिव्य अस्त्र शस्त्र बनाये है । विश्वकर्मा जी ने विष्णु का चक्र, शिव जी का त्रिशूल, इन्द्र का वज्र एवं यमराज के काल दंड का निर्माण किया है । विश्वकर्मा जी ने पुष्पक विमान का भी निर्माण किया है ।
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।
14 सितम्बर 2023, गुरुवार । आज हिंदी दिवस है । हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है । 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया था कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी । इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राजभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है । हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो गैर-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेज़ी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ।
7 सितम्बर 2023, गुरुवार । आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है । आज भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है । पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था । भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत एवं त्यौहार मनाया जाता है । भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी उत्तम माना जाता है ।
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें ।
30 अगस्त 2023, बुधवार । आज रक्षाबंधन का पर्व है । आज सावन मास की पूर्णिमा है । रक्षाबंधन प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं । रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है । राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है । रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है । इस दिन बहनें अपने भाई के दायें हाथ पर राखी बाँधकर उसके माथे पर तिलक करती हैं और उसकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है।
सावन माह का अंतिम सोमवार है आज ।
28 अगस्त 2023 , सोमवार । आज सावन मास का अंतिम सोमवार है । आज शिव पूजन का विशेष महत्व है ।
कारगिल विजय दिवस है आज ।
26 जुलाई 2023, बुधवार । आज कारगिल विजय दिवस है । कारगिल विजय दिवस सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है । प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है । वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच कारगिल युद्ध हुआ था । यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला । 26 जुलाई के दिन कारगिल युद्ध का अंत हुआ और इसमें भारत विजयी हुआ । कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है ।
आज है सावन माह का प्रथम सोमवार ।
10 जुलाई 2023, सोमवार । आज सावन मास का प्रथम सोमवार है । सावन माह भगवन शिव को अत्यंत प्रिय है । पूरे सावन माह में शिव जी की भक्ति संभव न हो तो सोमवार को उपवास के साथ, मंदिर में ॐ नम: शिवाय के साथ जल अवश्य चढ़ाना चाहिए । सावन का सोमवार शिवजी की उपासना के लिए बहुत ही उत्तम दिन माना गया है । इस दिन भगवान शिव और पार्वती का पूजन करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं ।
श्रावण माह की हार्दिक शुभकामनायें ।
4 जुलाई 2023, मंगलवार । आज से श्रावण ( सावन ) माह प्रारम्भ हो रहा है । आज 4 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो रही है और 31 अगस्त के दिन रक्षाबंधन पर इसका समापन होगा । इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहने वाला है । यानी इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा । यानी इस बार शिव भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं । यह शुभ संयोग 19 साल बाद बना है । सावन माह भगवान शिव को अति प्रिय है । सावन माह में भगवन शिव की आराधना का विशेष महत्व है । सावन माह में शिव जी की पूजा करने से शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते है । इसी श्रावण मास में श्रावण सोमवार, मंगला गौरी व्रत, हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी, रक्षाबंधन आदि त्योहार आते हैं ।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें ।
3 जुलाई 2023, सोमवार । आज गुरु पूर्णिमा है । आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा है । आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं । इस दिन गुरु पूजा का विधान है । गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है । इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं । ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी । इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं । जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है ।
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