मल्टीप्लायर तकनीक : Shortcut to Natural farming : Nitin Doiphode

मल्टीप्लायर तकनीक : Shortcut to Natural farming : Nitin Doiphode

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The modern technology for agriculture is 'multiplier technique' to make your farm completely chemical-free.

This technique, which triples the income and saves 80% on investment costs, is being used across the country.

24/08/2022
24/08/2022

रासायनिक खाद से मौत !
१) आय बढ़ाने के लिए किसान रासायनिक खादों का उपयोग करते हैं; लेकिन इस साल वरोरा तहसील के माढेळी क्षेत्र जलका, वडगांव, वंदली गांवों के किसान और खेतिहर मजदूर रासायनिक खाद देते समय जहर से पीडित हो गए।
२) वंदली गांव के 12 लोगों में जहर पाया गया है, जबकि एक की इलाज के दौरान मौत हो गई है. मृतक का नाम रितेश सतीश चौधरी है।
३) फसलें जमीन से ऊपर आती हैं, तो किसान फसलों की वृद्धि को बढ़ाने के लिए फसलों को रासायनिक खाद देते हैं, फसलों को मजबूत बनाने के लीये और अधिक आय प्राप्त करने के लिये।
४) लेकिन इस साल पहली बार खाद देते समय किसानों और खेतिहर मजदूरों में चक्कर आना, अस्वस्थ महसूस करने की शिकायतें काफी हद तक बढ़ गई हैं।
५) छिड़काव के बाद जहर से प्रभावित किसानों और खेत मजदूरों को निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया गया है।
६) वंदली गांव के लगातार जहर से पीडित 12 लोगों को भर्ती किया गया था। बताया गया है कि उक्त रासायनिक खाद किसानों ने वंदली स्थित कृषि केंद्र से ली है।

खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए

क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
8) * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)

13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।

अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक मोबाइल नंबर:- 9607727391

अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs
#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म #गेहूं #खेती #गन्ना

15/07/2022

अपने परिवार सहित इस सेमिनार में उपस्थित रहिए और अपने घर से होनेवाला नदी का प्रदूषण बंद करिए।

विषय: मेरे घर से होनेवाला नदी प्रदूषण मैं कैसे बंद कर सकता/ती हूं।

⏳NOW OR NEVER⏳ अभी नहीं तो कभी नहीं⏳ व्याख्यान शृंखला में आयोजित
"मेरी नदी: मेरी जिम्मेदारी"
वक्ता: शैलजा देशपांडे
शनिवार १६ जुलाई २०२२
शाम ५.३० से ६.३० तक

https://us02web.zoom.us/j/88125229012

You Tube Channel
Everyday For Future
https://youtube.com/channel/UCI-h1vkk3MrOampOspkV_rA

शैलजा देशपांडे
संस्थापक, निर्देशक - ‘जीवित नदी’-लिविंग रिवर फाउंडेशन
१) इंटेरियर डिझायनर का करियर त्याग कर पर्यावरण संरक्षण हेतु विविध कोर्स का अध्ययन कर के डिग्रियां प्राप्त कीं।
२) जीवित नदी संस्था के माध्यम से अनेक प्रशिक्षण, लेक्चर्स और प्रेजेंटेशन के जरिए लोकजागृति कर के नदियों के बचाने में पहल की।
३) TERI संस्था से ग्रीन हीरो अवॉर्ड से सम्मानित
४) २०१६ के बाद, NELDA, रोटरी सहित कई संस्थाओं द्वारा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित !
५) 'इंडिया रिवर फोरम’ द्वारा नदियों के विशेष कार्य के लिए, २०२० में, देश स्तर पर, *‘भगीरथ प्रयास सम्मान’ पुरस्कार से सम्मानित!
६) "विषमुक्त जीवनशैली से नदियों का पुनरुज्जीवन", पर उनका विशेष अभ्यास है। वह ७ साल से इसे खुद आचरण में ला रहीं हैं।
७) पुणे स्थित नदियों को बचाने के लिए उनका विशेष कार्य चालू है।

- संयोजक
एव्हरी-डे फॉर फ्यूचर
( ...आओ, मिलकर सपनों का जहां बनाएं!)
[email protected]
9755122177

https://chat.whatsapp.com/BkdhFmOTFTjBJ8GaYA0PGa

07/07/2022

एक सफल खेती का राज, मल्टीप्लायर तकनीक!
आज "मल्टीप्लायर तकनीक" की शाम सात बजे मीटिंग है,
संभावित ग्राहकों को ग्राहक बनाने के लिए मीटिंग अटेंड कराइये,
मीटिंग प्रत्येक गुरूवार को नियमित होती है।
मीटिंग में जुड़ने की लिंक .....
https://krishnaagribusiness.webex.com/meet/tsarservices
मल्टीप्लायर तकनिक
1) मल्टिप्लायर की मदत से पहले ही साल 30% से 50% तक उत्पादन बढ़कर मिलता हैं।
2) 7 साल में उत्पादन तीन गुना तक बढ़ सकता है। उस के बाद मल्टिप्लायर की भी जरूरत नहीं रहती।
3) मल्टिप्लायर के इस्तेमाल से मिलनेवाली फल और सब्जी १००% सेंद्रीय/ऑर्गेनिक होगी तो फिर बाहरी देशो से आपके फल,सब्जी की मांग बढेगी ।
4) मल्टिप्लायर से कम खर्च में उत्पादन बढत मिलती हैं। उत्पादन खर्चा ८०% तक कम होता हैं।
5) मिट्टी प्राकृतिक हो जाती है ।
6) उत्पादन की गुणवत्ता (रंग,आकार, चव,वजन) बदल जाती है ।
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391
अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs
#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म #गेहूं #खेती #गन्ना

27/06/2022

फसले अपना भोजन स्वयं बनाने में सक्षम हैं।
फसलों को जितना भोजन लगता है, उसका ९६.२ प्रतिशत फसल हवा और पानी से प्राप्त करती है, इसमे कर्ब २ प्रतिशत कर्बम्लवायु पानी और ऑक्सीजन ४६.३ प्रतिशत, हाइड्रोजन १.४ प्रतिशत, तथा नत्र ३.३ प्रतिशत इस तरह,फसल को जितने भी भोज्य पदार्थ की आवश्यकता होती है उसमें से सिर्फ ३.८ प्रतिशत भोजन की पूर्तता मिट्टी से होती है, इसके अलावा लगने वाले भोज्य पदार्थ सभी प्रकार की फसलें तथा पौधे जमीन से लेते हैं, जिनका प्रतिशत ३.८ है इन भोज्य पदार्थो का नाम हैं कैल्शियम, पालाश, मैग्नेशियम, स्फुरद, गंधक, क्लोरीन, बोरॉन, मैग्निज, जस्त, तांबे, मालीब्लेडनम, कोबाल्ट, निकेल, सिलिका, और सोडियम किसी भी फसल या पौधे के लिए सबसे ज्यादा आवश्यकता नत्र खाद की बताई जाती है, तथा नत्र खाद ही हमारी मिट्टी को ज्यादा खराब करता है। प्रकृति ने फसलों तथा पौधों के लिए उनकी आवश्यकता से ज़्यादा नत्र खाद के उपलब्धीकरण की व्यवस्था बनाई हैं। प्रकृति के द्वारा १ एकर क्षेत्र में उपलब्ध होनेवाले नत्र खाद की मात्रा तथा आवश्यकता पूर्ती करानेवाले अनेक जीवाणु हमारी मिट्टी में कार्यरत रहकर हमारी नत्र आवश्यकता की पूर्ती कराने में सक्षम हैं। आज की खेती व्यवस्था में प्रकृति की सिस्टम में हमारे द्वारा निर्माण की गई खराबी की वजह से हमें नत्र बाहर से डालना पड़ रहा है।
और ये नत्र हम ज्यादा प्रमाण मे डाल रहे है इसकी वजह से जमीन भी खराब होना, उत्पादन कम आना,किड रोग पर कंट्रोल न होना और फिर खर्च बढता जाना ऐसी समस्या हमारी आगे आ रही है l
*मल्टिप्लायर तकनिक इन सारी समस्या को सुलझाता है ,साथ मे अपनी जमीन को भी अच्छा बनता है l
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
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मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391
अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs
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20/06/2022

मल्टिप्लायर तकनिक से निम्बु का उत्पादन ज्यादा तथा क्वालिटी होने के कारण भाव भी ज्यादा मिल रहा है l
१) किसान भाई का नाम श्री अनिल योगाजी गवली ग्राम पुसद,जिला यवतमाल,महाराष्ट्र l
२) सर स्वयं प्रगतिशील किसान भाई हैं, उनके पास 125 निम्बू के पेड़ हैं, पिछले चार सालों से आर्गनिक खेती कर रहे हैं l
३) निम्बू के पेड़ों को गोबर खाद में मल्टीप्लायर मिलाकर दिया l
४) समय-समय पर मल्टीप्लायर, ऑल क्लियर और स्प्रे प्लस का छिड़काव किया l
५) पेड़ों की ग्रोथ बहोत अच्छी हुई है, पत्तियां हरी-हरी हैं, पूरा पेड़ हरा-हरा तथा निम्बुओं से लड़ा है l
६) उत्पादन ज्यादा तथा क्वालिटी होने के कारण भाव भी ज्यादा मिल रहा है
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
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मल्टीप्लायर तकनिक
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#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #लिंबु

17/06/2022

केंचुए वापस लाओ और सर्वोत्तम खाद मुफ्त पाओ!
एक केंचुआ 10 ग्राम खाद
किसान भाईयो, हमारी खेत के एक चौरस फिट क्षेत्र मे लगभग एक केंचुआ आपना कार्य करता है, तो एक एकर के ४३ हजार चौरस फिट क्षेत्र मे लगभग ४० हजार केंचुए कार्यरत रहेंगे। केंचुआ एक दिन मे 10 ग्राम खाता है, उसमे ८ ग्राम मिट्टी और २ ग्राम सेंद्रिय पदार्थ खाता है। सेंद्रिय पदार्थ के तौर पर हमे बाहर से कुछ नही डालना पडेगा,हमारी मिट्टी मे पौधे की जडे जो मिट्टी मे रह जाती है वह सेंद्रिय पदार्थ में रूपांतरित हो जाती है। पौधे के द्वारा गिरने वाले पत्ते, छोटी छोटी शाखाऍ, फुल,फल, जो भी कुछ गिरता है, वो मिट्टी मे सडने के बाद सेंद्रिय पदार्थ मे परिवर्तित हो जाता है। २ ग्राम सेंद्रिय पदार्थ और ८ ग्राम मिट्टी वो खाता है और १० ग्राम खाने के बाद वो लगभग इतना ही १० ग्राम खाद हमारी मिट्टी को वापस देता है। इससे फसल को पूरा भोजन मिलकर फसल बलवान होती है और किड रोग की समस्या दूर होकर उत्पादन बढ़कर मिलता है।
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
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#केंचुआपालन #केंचुआ #केंचुआखाद #जैविकखाद #जैविकखेती
#उत्पादन #मल्टीप्लायर

13/06/2022

धान के पौधों में ३० से ४० तक फुटवे मिले है। (कल्ले)
१) किसान भाई का नाम उपेंद्र पंचेश्वर ग्राम बघोली तहसील तथा जिला बालाघाट मध्यप्रदेश, इनको कंपनी के प्रतिनिधि देतथाIथ पंचेश्वर सर ने मल्टीप्लायर के फायदे बताएl
२) किसान भाई ने उनके धान के खेत में, प्रति एकड़ ४०० ग्राम मल्टीप्लायर खाद में मिलाकर दिया और दो बार फसल पर मल्टीप्लायर का छिड़काव कियाl
३) रासायनिक खादों से मिटटी की खराबी को देखते हुए, किसान भाई ने रासायनिक खाद की मात्रा आधी कर दीl
४) रासायनिक खाद आधा कर दिया है, उत्पादन थोड़ा कम आ सकता है, इसके लिए किसान भाई तैयार था, परन्तु जैसे-जैसे फसल बढ़ने लगी, वह शंका दूर हो गईl
५) किसान भाई का कहना है की उत्पादन प्रति एकड़ १० क्विंटल के लगभग ज्यादा मिलेगाl
६) किसान भाई की फसल को देखकर गांव के तक़रीबन २५ किसान भाइयों ने भी मल्टीप्लायर का इस्तेमाल किया हैl
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
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#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म #धान #कटाई #उत्पादनबढ़ोतरी #भात #लाल_तांदूळ #चावल #भारत

11/06/2022

⏳NOW OR NEVER⏳ अभी नहीं तो कभी नहीं⏳ अंतर्गत ऑनलाइन सेमिनार :
💧पानी संकट: समस्या और उपाय💧
मार्गदर्शक: कर्नल शशिकांत दलवी सर
⏰कब: रविवार 12 जून शाम 5.30 से 6.30 बजे
📱कहां: ऑनलाइन जूम zoom और यू ट्यूब पर (लिंक नीचे है।)
वक्ता अल्पपरिचय:
• मिलिट्री से रिटायर होने के तुरंत बाद सन २००३ में कर्नल सर ने अपनी खुद की सोसायटी में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगाया। अपनी सोसायटी 🏬🏭🏤 को टैंकर मुक्त बनाया। पानी💧 समस्या से सदा के लिए मुक्त बनाया।
• पहले 14 साल शहर में काम और 2017 से वे गाव में काम कर रहे हैं।
• अमेरिका के भूतपूर्व वाइस प्रेसिडेंट अल गोर जी की पर्यावरण के लिए दुनियाभर में कार्य कर रही क्लाइमेट रिएलिटी के वे राष्ट्रीय समन्वयक है। (Climate Reality National Co- ordinator)
• रूफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग करके भूजल💧 पुनर्भरण के 650 से अधिक प्रोजेक्ट उन्होंने पिछले 20 साल में पूरे किए।
• बीड जिले के कामखेडागाँव में 2018 से सालाना 14.5 लाख लिटर💧, पुणे में 2021 से 4 गावों में 80 लाख लिटर पानी💧 बचाया जा रहा है।
• अभी उनके 2022 में महाराष्ट्र के बीड जिले के 100 गाव में चल रहे प्रोजेक्ट के तहत बरसात का 26 करोड़ लिटर पाणी💧 भूजल के रूप में बचेगा। ये सौ गांव पानी समस्या से सदा के लिए मुक्त होंगे।
मिलिट्री से रिटायर होने के बाद , जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए, 74 साल की उम्र में भी, दिन रात कार्यरत कर्नल सर से मिलनेका मौका मत छोड़िए। अपने मन के सवाल उन्हे पूछिए और इस कार्य को और व्यापक बनाइए।
Zoom link:
https://us02web.zoom.us/j/81582809235
Youtube Link:
https://youtu.be/7Z_hZ5NEvZM
- संयोजक
एव्हरी-डे फॉर फ्यूचर
( ...आओ, मिलकर सपनों का जहां बनाएं!)
[email protected]
संपर्क: 9755122177
(जीवसृष्टी और प्रकृती के संवर्धन कार्य मे सामील होने के लिए निम्नलिखित व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े..)
https://chat.whatsapp.com/BkdhFmOTFTjBJ8GaYA0PGa
ग्रुप फुल होकर एडमिशन न मिले तो उपरोक्त नंबर पर व्हाट्सएप करिए।

10/06/2022

सोयाबीन के फसल में उत्पादन डबल!

किरण लोखंडे ग्राम सोनोरा (ढोका) तहसील देवली जिला वर्धा, इन्होंने ५ एकड़ क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई की थी, बीजों की बुवाई करते समय प्रति एकड़ २५ किलो DAP तथा २५ किलो सुपर फास्फेट दिया था, १५ लीटर पानी में २० ग्राम मल्टीप्लायर मिलाकर ४ बार फसल पर छिड़काव किया, पहले प्रति एकड़ उत्पादन ६ क्विंटल तक आता था, इस बार प्रति एकड़ १२ क्विंटल तक उत्पादन मिला.

मल्टीप्लायर तकनिक

1) मल्टिप्लायर की मदत से पहले ही साल 30% से 50% तक उत्पादन बढ़कर मिलता हैं।

2) 7 साल में उत्पादन तीन गुना तक बढ़ सकता है। उस के बाद मल्टिप्लायर की भी जरूरत नहीं रहती।

3) मल्टिप्लायर के इस्तेमाल से मिलनेवाली फल और सब्जी १००% सेंद्रीय/ऑर्गेनिक होगी तो फिर बाहरी देशो से आपके फल,सब्जी की मांग बढेगी ।

4) मल्टिप्लायर से कम खर्च में उत्पादन बढत मिलती हैं। उत्पादन खर्चा ८०% तक कम होता हैं।

5) मिट्टी प्राकृतिक हो जाती है ।

6) उत्पादन की गुणवत्ता (रंग,आकार, चव,वजन) बदल जाती है ।

खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए

क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
8) * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)

13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।

अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391

अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs

#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म #सोयाबीन #शेतकरी

09/06/2022

एक सफल खेती का राज, मल्टीप्लायर तकनीक!

आज "मल्टीप्लायर तकनीक" की शाम सात बजे मीटिंग है,
संभावित ग्राहकों को ग्राहक बनाने के लिए मीटिंग अटेंड कराइये,
मीटिंग प्रत्येक गुरूवार को नियमित होती है।

मीटिंग में जुड़ने की लिंक .....
https://krishnaagribusiness.webex.com/meet/tsarservices

मल्टीप्लायर तकनिक

1) मल्टिप्लायर की मदत से पहले ही साल 30% से 50% तक उत्पादन बढ़कर मिलता हैं।

2) 7 साल में उत्पादन तीन गुना तक बढ़ सकता है। उस के बाद मल्टिप्लायर की भी जरूरत नहीं रहती।

3) मल्टिप्लायर के इस्तेमाल से मिलनेवाली फल और सब्जी १००% सेंद्रीय/ऑर्गेनिक होगी तो फिर बाहरी देशो से आपके फल,सब्जी की मांग बढेगी ।

4) मल्टिप्लायर से कम खर्च में उत्पादन बढत मिलती हैं। उत्पादन खर्चा ८०% तक कम होता हैं।

5) मिट्टी प्राकृतिक हो जाती है ।

6) उत्पादन की गुणवत्ता (रंग,आकार, चव,वजन) बदल जाती है ।

खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए

क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
8) * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)

13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।

अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391

अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs

#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म #गेहूं #खेती #गन्ना

07/06/2022

*4 साल में उत्पादन छे गुना से ज्यादा बढ़ गयाl*
काजू की बाग़ में मल्टीप्लायर तकनीक.
04 साल में उत्पादन छे गुना से ज्यादा बढ़ गया.
१) किसान भाई का नाम श्री दिलीप शिंदे महाड जिला रायगढ़ महाराष्ट्र l
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता श्री राजेश कृष्णा माळवदे सर l
३) किसान भाई के पास 2000 काजू के पेड़ हैं, पिछले चार वर्षों से काजू की बाग़ में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं l
४) मल्टीप्लायर का इस्तेमाल प्रारम्भ किया उस वर्ष काजू का उत्पादन 1.5 टन (डेढ टन) मिला, दूसरे साल उत्पादन बढ़कर 4.75 टन (पौने पांच टन) हो गया, तीसरे साल उत्पादन बढ़कर 8.5 टन (साढ़े आठ टन) हो गया, इस वर्ष किसान भाई का कहना है की, काजू का उत्पादन 10 टन से ज्यादा मिलेगा l
५) काजू के बगीचे में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल प्रारम्भ करने के पहले साल से उत्पादन बढ़कर मिल रहा है, चौथे वर्ष में उत्पादन छे गुना हो गया है, तक़रीबन सात वर्ष तक उत्पादन बढ़ता रहेगा, उसके बाद उत्पादन स्थिर होगा l
६) सात वर्ष के बाद किसान भाई को मल्टीप्लायर भी डालने की आवश्यकता नहीं रहेगी l
७) मतलब मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल होनेवाली खेती सात साल में झिरो बजेट नैसर्गिक फार्मिंग बन जाती है, मतलब सात साल के बाद खेती से उत्पादन प्राप्त करने का लागत मूल्य शून्य हो जाता है l

खेती की *समस्या हमेशा के लिए दूर कर के*, आपना *उत्पादन दुगुना* कीजिए

क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) *कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि*
2) *उत्पादन में गिरावट*
3) *फसल वृद्धि का रूकना*
4) *मिट्टी का सख्त होना/बंजरता*
5) *उत्पादन लागत में वृद्धि*
6) *कम पानी में फसल उगाना*
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) *कृषि घाटे का धंधा बन गया है।* (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)

*13 साल के अनुसंधान* के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के *27 राज्यों के लाखों किसान* कर रहे हैं। उनका *उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है।* किसानों का *श्रम, समय और पैसा बचाने वाली*यह तकनीक हमें उपरोक्त *समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।*

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मल्टीप्लायर तकनिक

#मल्टीप्लायर #माती #मिट्टी #उत्पादन #उत्पादनवाढ #सेंद्रिय #सेंद्रियशेती #शेती #किसान #फार्म

03/06/2022

जीवित मिट्टी है तो जीवन है |
मुठ्ठी भर मिट्टी मे 5 से 7 अरब सूक्ष्मजीव होते है| यह मिट्टी अखिल विश्व के जीवसृष्टी के भोजन उपलब्धि का काम करती है|
आधुनिक खेती पद्धती मे रासायनिक खाद कीट नाशक तन नाशक का प्रयोग, गेहरी जुताई के वजह से विश्व की मिट्टी जीवहीन बंजर होती जा रही है|
जिस तरह सभी सजीव जो खाना खाते है उसे पचा नही सकते, उसे पूरी तरह से पचाने के लिए जरूरी enzymes और अल्कलाइन्स हमारे अंदर नही होते हमारे शरीर के अंदर मौजूद मायक्रोब्स सूक्ष्म जिवाणू के सहायता से ही हम भोजन को पचा सकते है| बिलकुल इसी तरह पेड ओर पौधे मिट्टी से पोषक तत्त्व खुद नही खीच सकते | उन्हे सूक्ष्म जीवों के सहायता की जरुरत होती है |
अच्छी बॅक्टरिया, फांगस, प्रोटोझोआ, nimitoes यह सभी जीव आच्छी स्वस्थ मिट्टी के लिये जरुरी है |
ताकी आपले पोंधो को हर वो चीज संतुलन से मिले जिसकी उसे हर मिनिट हर सेकंद जरुरत है|
डॉक्टर इलेहन इंग्हम
(मिट्टी मयक्रोबायोलोगिस्ट)
मिट्टी मल्टीप्लायर के इस्तेमाल से इन सब सुक्षिजीवोंको आवश्यक कार्बन की मात्रा प्रचंड प्रमाण मे उपलब्ध होती है जिस के कारन सूक्ष्म जीवाणू बहुत ज्यादा तादाद मे अपनी संख्या को बढायेंगे और मिट्टी को सजीव बनायेंगे| मल्टिप्लायर से दुसरा फायदा यह है की रासायनिक खाद इस्तमाल से मिट्टी मे आई खराबी सुधारने के साथ ही पी. एच पूर्ववत हो जायेगा फसल जादा उत्पादन देगी और पहले ही साल मे कम से कम पचास टक्का उत्पादन बढेगा| विश्व की भोजन सुरक्षा, पोषण सुरक्षा का लक्ष हम हासिल कर पायेंगे l
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391
अधिक जानकारी के लिये आगे दि गयी लिंक के उपर क्लिक करके व्हिडिओ देख लिजिये :- https://youtu.be/3Qu5aOL6CVs

01/06/2022

मल्टीप्लायर से जड़ों की संख्या ज्यादा ।
प्याज की नर्सरी
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ।
१) किसान भाई का नाम श्री अरुण शेडले ग्राम राहाता जिला अहमदनगर महाराष्ट्र।
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- श्री अरुण शेडले सर स्वयं कंपनी प्रतिनिधि हैं।
३) प्याज की नर्सरी में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया है।
४) नर्सरी के तैयार पौधों में सफ़ेद जड़ों की संख्या बहोत ज्यादा है।
५) जड़ों की संख्या ज्यादा होने से जमीन में पौधों की सेटिंग जल्दी मिलेगी, ग्रोथ में तेजी रहेगी, उत्पादन रेकार्ड ब्रेक करेगा।

खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए

क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
8) * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)

13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।

अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
मोबाइल नंबर:- 9607727391

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#उत्पादन #मल्टीप्लायर #प्याज
#मसाला #कांदा #फुरसुंगी_कांदा #दर्जेदारउत्पादन #मसाले

24/05/2022

पीले होकर खेत में गिर चुके पौधे मल्टीप्लायर तकनीक की वजह से खड़े हो गए ।
लहसुन (लस्सन) की खेती,
मल्टीप्लायर तकनीक के साथ।
१) किसान भाई का नाम श्री अनिल राठौर गाम नाहरखेड़ा तहसील हातोद जिला इंदौर मध्य प्रदेश।
२) मार्गदर्शक तथा मल्टीप्लायर विक्रेता- विक्रमवीर पुरस्कार विजेता श्री लोकेश गुर्जर सर।
३) लहसुन की खेती में मल्टीप्लायर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
४) फसल का ऊपर का भाग सुखकर पूरी फसल पीली होकर जमीन पर गिर गई थी, उत्पादन मिलने की सम्भावना समाप्त हो गई थी।
५) लोकेश गुर्जर सर के मार्गदर्शन अनुसार, किसान भाई ने मल्टीप्लायर मिटटी में मिलाकर खेत में बराबर से फेंककर पानी चला दिया।
६) कुछ ही दिन में सुधार नजर आने लगा, फिर एक पानी और दे दिया।
७) उसके बाद मल्टीप्लायर, ऑल क्लियर, स्प्रे प्लस और नारायणअस्त्र का छिड़काव किया।
८) पीले होकर खेत में गिर चुके पौधे खड़े हो गए, डार्क ग्रीन कलर आ गया है, ग्रोथ में तेजी आ गई है।
९) किसान भाई ने बताया की, अभी एक छिड़काव और करनेवाले हैं।
खेती की समस्या हमेशा के लिए दूर कर के, आपना उत्पादन दुगुना कीजिए
क्या आपके खेत में निम्न में से कोई समस्या है?
1) कीड़ और रोगों के प्रकोप में वृद्धि
2) उत्पादन में गिरावट
3) फसल वृद्धि का रूकना
4) मिट्टी का सख्त होना/बंजरता
5) उत्पादन लागत में वृद्धि
6) कम पानी में फसल उगाना
7) *बाढ़, बेमौसम बारिश, ज्यादा बारिश... आदि। में हानि। *
😎 * आप रासायनिक खेती से थक चुके हैं, आप 100% जैविक खेती करना चाहते हैं, लेकिन आपको कम लागत, कम मेहनत, 100% परिणाम का सही तरीका नहीं मिल रहा है। *
9) कृषि घाटे का धंधा बन गया है। (खर्च बढ़ा है, उत्पादन घटा है)
13 साल के अनुसंधान के माध्यम से एक किसान द्वारा बनाए गए फार्मूले का उपयोग आज भारत के 27 राज्यों के लाखों किसान कर रहे हैं। उनका उत्पादन दुगना होकर तिगुना हो गया है और उनका मुनाफा 5 गुना से ज्यादा हो गया है। किसानों का श्रम, समय और पैसा बचाने वालीयह तकनीक हमें उपरोक्त समस्याओं से हमेशा के लिए बचा सकती है।
अधिक जाणकारी के लिये |
मल्टीप्लायर तकनिक
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#उत्पादन #मल्टीप्लायर #परसबाग #लसूण #लस्सन #कोरोना #रोगप्रतिकारकक्षमता #हृदयरोग #आरोग्य

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पीले होकर खेत में गिर चुके पौधे मल्टीप्लायर तकनीक की वजह से खड़े हो गए ।लहसुन (लस्सन) की खेती,   मल्टीप्लायर तकनीक के साथ...
Post no-2572करेले की खेती।  मल्टीप्लायर तकनीक के साथ।          १) किसान भाई का नाम श्री अम्बेलाल पटेल ग्राम खडका मलमुला ...

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