Geography education
भूगोल वह विज्ञान है जो पृथ्वी के धरातल
Solar eclipse
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा और यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा जो रात के करीब 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। यह ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स, नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्तो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंग्डम और वेनेजुएला समेत दुनिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।
साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण
यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा यानी ग्रहण के दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीचोबीच चंद्रमा रहेगा। जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य का प्रकाश कुछ अवधि के लिए पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है जिससे पृथ्वी में अंधेरा छा जाता है। इसे ही पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सम्पूर्ण पृथ्वी विषुव पर बराबर दिन और बराबर रात अनुभव करती है। यह 21 मार्च और 23 सितंबर को होता है। इस स्थिति में सूर्य की सीधी किरणें भूमध्य रेखा पर पड़ती हैं।
Leap day 2024
Leap day
Leap Day: गूगल ने आज के लिए बनाया खास डूडल, अब चार साल बाद आएगा यह दिन पूरे डूडल में 28, 29 और 1 मार्च की तारीख को देखा जा सकता है। लीप डे के गूगल के डूडल का बैकग्राउंड एक तालाब जैसी है और Google शब....
mexico blue hole: World's second deepest blue hole found off Mexico coast, and it is 900 feet deep !
कड़ाके की ठंड के साथ राज्यों में झमाझम बारिश
जनवरी माह की समाप्ति के बाद आज से फरवरी महीने की शुरू को चुकी है. लेकिन ठंड और शीतलहर का कहर अब भी जारी है. बता दें, आज (1 फरवरी) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो सकती है. आज सुबह यूपी और बिहार राज्य में घना कोहरा छाया रहा. वहीं, यूपीवासियों को भीषण ठंड ने तो सता ही रखा था की बारिश ने भी अब नाक में दम कर दिया है. IMD ने रिपोर्ट कर बताया है की बिहार में 3 फरवरी तक ठंड सताएगी
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चंद्रयान-3 के बाद भारत ने रचा एक और इतिहास, मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंचा आदित्य एल-1 🔥🔥 ☀️☀️🌞🌞
Aditya-L1: चंद्रयान-3 के बाद भारत ने रचा एक और इतिहास, मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंचा आदित्य एल-1 इसरो की इस सफलता पर पीएम मोदी ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर इसरो की सराहना करते हुए लिखा कि 'भारत ने एक और
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22 दिसंबर : 22nd December is the shortest day of the year. पृथ्वी के अपनी धुरी पर आवर्तन के दौरान साल में एक दिन ऐसा आता है, जब दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होती है। नतीजतन 22 दिसंबर का दिन साल में सबसे छोटा होता है और इस दिन रात सबसे लंबी होती है। इस दिन को विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है। कुछ वर्षों की अवधि में विंटर सोलस्टाइस के तय दिन बदल जाते हैं, लेकिन साल के इस सबसे छोटे दिन के दर्ज होने की अवधि 20 से 23 दिसंबर के बीच ही होती है। 22 दिसंबर को सूर्य के पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होने के कारण धरती पर किरणें देर से पहुंचती हैं। इस वजह से तापमान में भी कुछ कमी दर्ज की जाती है।
अलग-अलग देशों में इस दिन विभिन्न त्योहार भी मनाए जाते हैं। पश्चिमी देशों का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस भी विंटर सोलस्टाइस के तुरंत बाद आता है। इसी तरह चीन सहित पूर्वी एशियाई देशों में बौद्ध धर्म के यीन और यांग पंथ से जुड़े लोग विंटर सोलस्टाइस को एकता और खुशहाली बढ़ाने के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने वाला दिन मानते हैं। विंटर सोलस्टाइस को लेकर अलग-अलग देशों में विभिन्न मत हैं। अधिकतर देशों में इस दिन से कुछ न कुछ धार्मिक रीति-रिवाज ही जुड़े हैं। विंटर सोलेस्टाइस आता है, तब भारत में मलमास चल रहा होता है, जिसे संघर्ष काल भी माना जाता है। इसे देखते हुए उत्तर भारत में श्रीकृष्ण को भोग लगाने और गीता पाठ करने की प्रथा है, वहीं 22 दिसंबर से राजस्थान के कुछ हिस्सों में पौष उत्सव भी शुरू हो जाता है। सूर्य के उत्तरायण में होने की प्रक्रिया विंटर सोलस्टाइस से ही शुरू हो जाती है, इसलिए भारत में मकर संक्रांति की तरह ईसाई बहुल देशों में क्रिसमस और नववर्ष जैसे बड़े त्योहार होते हैं।
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आज लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण🌘🌒
Surya Grahan 2022 Date and time in India: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज यानी 25 अक्टूबर 2022 को लगने जा रहा है. भारत में भी इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा. ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है. भारत में यह सूर्य ग्रहण अपराह्न लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर सायंकाल 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा.
25 अक्टूबर को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, बंगाल, मुंबई, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। वहीं असम, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा।
ऐसे लगता है सूर्य ग्रहण
वैज्ञानिकों ने बताया कि सूर्य के चारों तरह पृथ्वी चंद्रमा समेत सभी ग्रह घूमते हैं, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब सूर्य ग्रहण लगता है और यह एक अहम खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण इसके बाद 2030 में सूर्यग्रहण दिखेगा, जिसमें महज 6 फीसदी भाग दिखेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने के लिए देशवासियों को 2034 तक का इंतजार करना पड़ेगा।
धूप के चश्मे से न देखें सूर्य ग्रहण🤓🤓
विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से, साधारण फिल्टर और धूप के चश्मे से न देखें। पानी और रंगीन पानी में भी उसकी परछाई देखने का प्रयास न करें। प्रमाणित सोलर फिल्टर से ही सूर्य ग्रहण देखें। पिनहोल कैमरे से सूर्य का प्रतिबिंब दीवार पर बनाकर उसको सुरक्षित देखा जा सकता है। एक छोटे शीशे को कागज से ढककर इसमें एक छेद करें। छेद की चौड़ाई 1-2 सेमी हो। इसकी मदद से दीवार पर सूर्य के प्रतिबिंब को देख सकते हैं।
Himalayan Griffon
International astroid day🌍🌏🗺🌌🌠🌠
Aaj saal ka sbse bda din hai aur sbse choti raat bhi aaj hi hogi.
कल दोपहर आपकी परछाई छोड़ देगी साथ.......
जानें आखिर 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन
#ज़ीमीडिया
कल दोपहर आपकी परछाई छोड़ देगी साथ, जानें आखिर 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन
Longest day of Year: पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा. जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी. 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है...
Longest day of Year: यूं तो सामान्य दिनों जब दिन और रात बराबर होते हैं. आमतौर पर ये 12-12 घंटे के होते हैं लेकिन 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं. 21 जून को दिन सबसे बड़ा होता है. इसके बाद ये घटना शुरू होता है. इसी तरह 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है. इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है. खास बात ये है कि इस दिन ऐसा पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है.
मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा सूर्य
21 जून 2022 को सूरज मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा. इसका मतलब यह है कि इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहेगा. पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा. जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी. 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है.
इसलिए कहते हैं साल का बड़ा दिन
सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं. इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं. इसे सोल्सटाइस भी कहते हैं. इसका अर्थ है सूरज अभी भी खड़ा है. 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं. इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है. ये प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है.
क्यों होता है 21 जून को बड़ा दिन?
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है. इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा टाइम के लिए पड़ती हैं. इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं. जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. वैसे इसका अपवाद भी है, 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था. अब ऐसा 2203 में होगा.
परछाई छोड़ देती है साथ?
आपकी परछाई उस समय साथ छोड़ देती है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है. इस दौरान घबराना नहीं चाहिए. यह पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है.
इन देशों के लिए होता है ज्यादा लंबा
21 जून का दिन खासकर उन देश या हिस्से के लोगों के लिए सबसे लंबा होता है जो भूमध्यरेखा यानि इक्वेटर के उत्तरी हिस्से में रहते हैं. इसमें रूस, उत्तर अमेरिका, यूरोप, एशिया, आधा अफ्रीका आते हैं. अगर इस बात को तकनीकी रूप से समझें तो ऐसा तब होता है जब सूरज की किरणें सीधे, कर्क रेखा/ट्रॉपिक ऑफ कैंसर पर पड़ती हैं. इन दिन सूर्य से पृथ्वी के इस हिस्से को मिलने वाली ऊर्जा 30 प्रतिशत ज्यादा होती है.
पृथ्वी अपना खुद का चक्कर 24 घंटे में पूरा करती है जिसकी वजह से दिन और रात होती है. वहीं SUN का पूरा एक चक्कर लगाने में उसे 365 दिन का समय लगता है. जब पृथ्वी (Earth) खुद में घूम रही होती है और आप उस हिस्से पर है जो सूरज की तरफ है, तो आपको दिन दिखता है. अगर उस हिस्से की तरफ हैं जो सूरज से दूर है, तो आपको रात दिखती है.
🌍🌍🌑🌑🌚🌚कल चंद्र ग्रहण लगने का समय🗓™️🕘🕘🕦🕦
16 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 7.58 PM से शुरू होगा और 11.25 PM मिनिट पर समाप्त होगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण का प्रभाव 16 मई को सुबह 08:59 बजे के आसपास चरम पर रहने की उम्मीद है. उस समय, 2022 का पहला चंद्र ।ग्रहण (Chandra Grahan 2022) लाल दिखाई देगा इसी कारण इसे ब्लड मून (blood Moon) कहा जा रहा है.
LUNAR ECLIPSE 2022: लाइव देख सकते हैं
भारत में 16 मई को चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन स्टारगेजर नासा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसे लाइव स्ट्रीम कर सकेंगे. चंद्र ग्रहण देखने के लिए आप नासा के फेसबुक, यूट्यूब या आधिकारिक वेबसाइट पर ट्यून कर सकते हैं.
सवाल; समुद्र के तट पर बसे नगरों में अधिक ठंड और अधिक गर्मी क्यों नहीं पड़ती?
जवाब:- ज़मीन के मुक़ाबले समुद्र अधिक देर में गर्म या ठंडा होता है। गर्मियों में धरती जल्द गरम हो जाती है जबकि समुद्री पानी अभी भी ठंडा होता है। समुद्र से ठंडी हवा ज़मीन की ओर बहती है और इसकी गर्मी को कम करती है
सर्दियों में ज़मीन ठंडी हो जाती है परंतु समुद्री पानी अभी भी गरम होता है। समुद्र से गरम हवा ज़मीन की ओर बहती है और इसकी ठंड को कम करती है।
22April इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम ‘Invest In Our Planet’ है।
पृथ्वी दिवस (Earth Day) 22 April
1969 में पर्यावरण पर यूनेस्को सम्मेलन में जॉन मैककोनेल (John McConnell ) द्वारा पृथ्वी दिवस औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया गया था। बाद में 1971 में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव यू थान्ट द्वारा वर्नल इक्विनॉक्स (Vernal Equinox) पर प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस मनाने के लिए एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए और यह पहली बार 1970 में मनाया गया।
22 अप्रैल के बाद से यह दिवस हर साल 193 से अधिक देशों में मनाया जाता है और पृथ्वी दिवस नेटवर्क (Earth Day Network) द्वारा विश्व स्तर पर समारोहों का समन्वय किया जाता है।
पृथ्वी दिवस समारोह मनुष्यों को उनके द्वारा उत्पन्न पर्यावरणीय गिरावट की याद दिलाने का एक तरीका है और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करने की सलाह देता है जो उत्सर्जन स्तर को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन में उपयोग करने में नहीं हैं। यह मानता है कि पृथ्वी और उसके पारिस्थितिक तंत्र अपने निवासियों को जीवन और जीविका प्रदान करते हैं।
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