Sankat Mochan Hanuman Setu, Lucknow
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2.
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RULES
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दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।
रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः॥
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ॐ जय हनुमत वीरा,
स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी,
तुम हो रनधीरा ॥
सीता राम चरन रति मोरें। अनुदिन बढ़उ अनुग्रह तोरें॥1॥ भावार्थ:-स्वयं श्री रामचंद्रजी भी भले ही मुझे कुटिल समझें और लोग मुझे गुरुद्रोही तथा स्वामी द्रोही भले ही कहें, पर श्री सीता-रामजी के चरणों में मेरा प्रेम आपकी कृपा से दिन-दिन बढ़ता ही रहे॥
Tamaso ma jyotirgamaya' which means “ Lead me from darkness to light.” It has a deep spiritual meaning, it essentially means the awareness of the inner light(shakti) that is a manifestation of Adishakti.
हनुमान मंत्र
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
हनुमानजी की दक्षिण दिशा की ओर मुख वाली तस्वीर इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने इसी दिशा में अपना प्रभाव सबसे अधिक दिखाया है। हनुमानजी की तस्वीर लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी शक्ति हनुमानजी की तस्वीर देखकर दूर चली जाती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!
Aarti dershan 🙌🙏🌺🌼
Jai shree Ram!!
ॐ हं हनुमते रुद्रात्काय हुं फट।
जय बजरंग बली
पवन तनय संकट हरण मंगल मूरत रूप ।
राम लखन सीता सहित ह्रदय बसौ सुर भूप ॥
चौथा और अंतिम बड़े मंगल की आप सबको हार्दिक शुभकामनाये
प्रनवउ पवनकुमार खल बल पावक ग्यानधन |
जासु ह्रदय आगार बसही राम शर चाप धर ||
अतुलित बलधामम हेम शैलाभदेहम,
दनुज वन कृशानुम ज्ञानिनामग्रगण्याम |
सकल गुणनिधामम वानराणामधीशं,
रघुपति प्रियभक्तं वातजातम नमामि ||
गोष्पदीकृतवारीशम मशकीकृतराक्षसम,
रामायणं महामालारत्नं वंदेहं निलात्मजम |
अंजनानंदनम वीरम जानकीशोकनाशणम,
कपीशमक्षहंतारं वंदे लंकाभयंकरम ||
उल्लंघ्यम सिन्धो: सलिलम सलिलम,
यः शोकवाहिनम जनकात्मजाया |
आदाय तनैव ददाह लंका,
नमामि तम प्रांजलि रान्जनेयं ||
मनोजवम मारुततुल्यवेगम,
जितेन्द्रियं बुद्धिमताम वरिष्ठम |
वात्मजम वानरयूथमुख्यम,
श्रीरामदूतम शरणम प्रप्धये ||
आन्जनेयमती पाटलालनम,
कान्चानाद्रिकमनीयविग्रहम |
पारिजाततरुमूलवासिनम,
भावयामि पावमाननंदनम ||
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनम,
तत्र तत्र कृतमस्तकान्जलिम |
वाश्पवारीपरीपूर्णलोचानाम,
मारुतिम नमत राक्षसांतकम ||
|| इति श्री हनुमत स्तवन सम्पूर्णं ||
🌹*सुन्दरकाण्ड वर्णन महिमा*🌹
*हर संकट को हर लेता है यह पाठ, महीने में एक बार जरुर करें*।
रामचरितमानस में भगवान के गुणों और महिमा को दर्शाया गया है, लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। इसमें भगवान राम के गुणों के साथ साथ भक्तों के गुणों की बात बताई गई हैं, इसमें उसकी विजय की भी बातों का वर्णन है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। और ये पाठ करने से आपके आसपास नकारात्मक शक्ति नहीं भटक सकती, और व्यक्ति को अद्भुद शक्तियां प्राप्त होती है। सुंदरकांड पाठ को करने से बिगड़ते काम बन जाते हैं और यदि व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो जाए इससे ठीक हो जाता है, सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के नजरिये से देखा जाए तो यह पाठ घर के सभी सदस्यों के ऊपर मंडरा रहे अशुभ ग्रहों से छुटकारा दिलाता है। यदि स्वयं यह पाठ ना कर सकें, तो कम से कम घर के सभी सदस्यों को यह पाठ जरूर सुनना चाहिए। अशुभ ग्रहों का दोष दूर करने में लाभकारी है सुंदरकांड का पाठ यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि जब घर पर रामायण पाठ रखा जाए तो उस पूर्ण पाठ में से सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को ही करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह होता है।
1. यदि कोई स्त्री नियमित रूप से शनिवार को चमेली का दीपक जलाकर सुन्दरकांड का पाठ करती है, या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाती है तो उसका घर, पति तथा बच्चे हर प्रकार की विपदा से बचे रहते हैं। यदि साप्ताहिक ना हो सके तो भी माह में कम से कम एक बार सुंदरकांड घर में अवश्य ही होना चाहिए।
2. सुंदरकांड का पाठ करने से आपकी दरिद्रता दूर होती है और यह पाठ करने से आपके रोग भी दूर होते हैं।
3. अगर कोई व्यक्ति लगातार सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसे अनेक लाभ मिलते हैं। सुंदरकांड पाठ निरंतर करने से मानसिक सुख शांति प्राप्त होती है।
4. अगर आप पर बहुत सारा कर्ज हो गया है तो आपको सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
5. यदि विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो उन्हें जीवन में सफलता मिलती है। उनका पढ़ाई में मन लगने लगता है। इसलिए विद्यार्थियों को सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।
जय सियाराम जय हनुमान🙏
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
बड़े मंगल की हार्दिक बधाई 🙌🙏💜
सीता राम
Jai Shree Ram
जय सियाराम 🙏🏻💫सभी भक्तजन को हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये 🙏🏻💫
शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजाप: भवेत्।।1।।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्।।2।।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्।।3।।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
पाठमात्रेण संसिद्ध् येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।।4।।
अथ मंत्र :-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।''
।।इति मंत्र:।।
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
नम: कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिन।।1।।
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन।।2।।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका।।3।।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी।।4।।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिण।।5।।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देविशां शीं शूं मे शुभं कुरु।।6।।
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।7।।
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा।। 8।।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
।इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम्।
दर्शन
श्री नीब करौरी महराज जी श्री संकट मोचन हनुमान जी की कृपा दृष्टि आप सभी पर बनी रहे जय सियाराम
आज के दर्शन
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
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Barahi Devi Temple Saspan
Lucknow, 226103
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥
MOHANLALGANJ, RAIBARELI Road
Lucknow, 226301
This is a renowned temple, situated in Mohanlalganj, Raibareli Road, Lucknow. The main idol over here is of KALEVEER BABA who is considered as 'SATYAPEETH'. There are many other te...