Dr. Aggarwal Dawakhana
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Happy Labour Day, Dr Pardeep Aggarwal, Ayurveda Specialist
*गिलोय इस धरती की संजीवनी*
लुडियाना महानगर के मशहूर आयुर्वेदिक डा प्रदीप अग्रवाल ने आज गिलोय की महत्त्वता बताते हुए कहा कि यह एक आयुर्वेदिक वनस्पति धरती की संजीवनी है। गिलोय के फायदों को देखते हुए ही हाल के कुछ सालों से अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है हालांकि अभी भी अधिकांश लोग गिलोय की पहचान ठीक से नहीं कर पाते आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिलोय की पहचान करना बहुत आसान है। इसकी पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है
गिलोय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। गिलोय का रस आपकी त्वचा को भी डिटॉक्स करता है और आपकी त्वचा में निखार लाता है। गिलोय का उपयोग लिवर की बीमारियों, मूत्र पथ के संक्रमण और दिल से संबंधित समस्याओं के लिए भी किया जाता है ।
आपको अगर डायबिटीज की परेशानी है, तो आपको रोजाना सुबह खाली पेट गिलोय का जूस पीना चाहिए। इससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। आपको अगर हमेशा स्ट्रेस रहता है या फिर आप मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, तो आपको डाइट में गिलोय का इस्तेमाल भी करना चाहिए। इससे आपका स्ट्रेस लेवल कंट्रोल में रहता है और आपको बेहतर नींद आती है
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों से आराम दिलाती है गिलोय के सेवन से प्लेटलेट बढ़ते हैं
*गिलोय जूस* Giloy juice का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। *खुराक और सेवन का तरीका* गिलोय इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दिन में दो बार दो से तीन चम्मच 10-15ml गिलोय जूस का सेवन करे
*गिलोय कायाकल्प टॉनिक है* और इसमें लीवर के फंक्शन में सुधार, त्रिदोष हटाने, प्रतिरक्षा में सुधार करने की क्षमता है *गिलोय एक दिव्य अमृत है* जिसकी वजह से इसे अमृता कहा जाता है।
बदलते मौसम में #वायरल बुखार से कैसे बचे
महानगर के मशहूर आयुर्वेदिक चिकित्सक डा प्रदीप अग्रवाल ने बातचीत के दौरान बताया कि वायरल बुखार बदलते मौसम के दौरान होने वाली सबसे आम बीमारी है जागरुकता की कमी से वायरल बुखार अक्सर अज्ञात रहता है, तेज बुखार को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स की मदद से खुद इलाज की आदत दिक्कतों के जोखिम को बढ़ा देती है. वायरल बुखार का मतलब है वायरस से होनेवाला बुखार ये बिल्कुल बुखार की तरह होता है. हालांकि, उसके शुरुआती दौर में शरीर के बहुत ज्यादा थक जाने, मसल या शरीर में तेज दर्द का एहसास हो सकता है.
वायरल वायु जनित बीमारी है. उसके अलावा, ये दूषित पानी के फैलाव से भी हो सकती है, जिसको पानी से होनेवाला संक्रमण भी कहा जाता है. वायरल बुखार और बैक्टीरियल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, जिसकी वजह से दोनों के बीच अंतर करना कठिन हो जाता है. लेकिन आप कुछ ब्लड के सैंपल करवा कर वायरल बुखार और बैक्टीरियल के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते है
वायरल बुखार बच्चों और बूढ़ों को जल्दी प्रभावित करता है,क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. आप सुरक्षित और हेल्दी रहने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं.
गिलोय तुलसी का काढ़ा अनार का जूस
नारियल पानी
शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए केले का सेवन कर सकते हैं.
ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों का खजाना हैं.
#बुखार होने पर क्या खाना चाहिए
खिचड़ी,हरी पत्तीदार सब्जियों का सूप
फ्रूट,चिकेन सूप,
बुखार में सिट्रस (Citrus)युक्त फलों का जूस पीना फायदेमंद होता है. संतरा, मौसमी, अंगूर और नींबू विटामिन सी (Vitamin C) और एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं. इन फलों का जूस पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है और बुखार से लड़ने की शक्ति मिलती है.
स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को हमेशा बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह चिकित्सा प्राकृतिक होती है औषधियां महासुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, गिलोय वटी त्रिभुवन कीर्ति रस और मृत्युंजय रस प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. साथ ही वायरस, बैक्टीरिया व परजीवी संक्रमण से भी बचाता है.
#त्रिभुवन कीर्ति रस, याने की जिस दवाई की तीनों लोकों में जिसकी कीर्ति यस हो या #महासुदर्शन वटी जैसे श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से रक्षकों का वध किया इसी तरह महासुदर्शन सभी तरह के वायरस कीटाणुयो ज्वारो का नाश करती है| यह आयुर्वेद का ज्वर के लिए प्रसिद्ध योग है |
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दही सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और इसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, विटामिन बी-2, विटामिन बी 12,पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. रोजाना एक कप दही का सेवन करना सेहत के साथ -साथ स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है
भुनी मेथी खाने के फायदे।
अधिकतर लोग अपने घरों में मेथी का उपयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। दरअसल, मेथी के दानों में पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। मेथी में आयरन, विटामिन बी6, प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिन सी और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए मेथी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। वहीं, अगर मेथी को भुनकर खाया जाए तो इसका लाभ और बढ़ जाता है। तो चलिए जानते हैं भुनी मेथी खाने के फायदे।
भुनी मेथी खाने के फायदे : Benefits Of Fenugreek Seeds In Hindi
ब्लड शुगर नियंत्रण होता है -
मेथी दाना कार्बोहाइड्रेट्स का अवशोषण करने में मदद करता है। वहीं, बिना अवशोषित हुआ कार्बोहाइड्रेट्स ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने में मदद करता है। मेथी इंसुलिन का निर्माण करता है जो बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।
वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है -
मेथी दाना में सोल्युबल फाइबर होता है। सोल्युबल फाइबर पाचन में मददगार होता है। वहीं, यह कब्ज को भी दूर करता है। सुबह खाली पेट मेथी दाना खाने से भूख कम लगती है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और अच्छे डाइजेशन को स्टीम्युलेट करता है।
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए -
मेथी दाना में सैपोनिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज से भरपूर होता है। सैपोनिन्स से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए -
मेथी दाना खाने से ब्रेस्टफीडिंग बढ़ाने में मदद मिलती है। दरअसल, मेथी में गेलेक्टेगोग्यु (Galactagogues) पाया जाता है। यह कंपाउंड ब्रेस्टफीडिंग में दूध बढ़ाने में मददगार है। मेथी दाने से बने लड्डू ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में लाभकारी हो सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
#लीवर (Liver)
लीवर की परेशानी है तो जरुर पढ़े व वीडियो सुने, शेयर भी करें।
आज कल हर तरफ लीवर के मरीज हैं, किसी को पीलिया हैं, किसी का लीवर सूजा हुआ हैं, किसी का लीवर फैटी हैं।
लीवर हमारे शरीर का सबसे मुख्य अंग है। यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है तो समझिये कि खतरे की घंटी बज चुकी है। लीवर की खराबी के लक्षणों को अनदेखा करना बड़ा ही मुश्किल है। फिर भी हम उसे जाने अंजाने अनदेखा कर ही देते हैं।
लीवर की खराबी होने का कारण ज्यादा तेल खाना, ज्यादा शराब पीना और कई अन्य कारणों के बारे में तो हम जानते ही हैं। हालाकि लीवर की खराबी का कारण कई लोग जानते हैं पर लीवर जब खराब होना शुरु होता है तब हमारे शरीर में क्या क्या बदलाव पैदा होते हैं, यानी की लक्षण क्या हैं, इसके बारे में कोई नहीं जानता। जो लोग य़ह सोचते हैं कि वह शराब नहीं पीते तो उनका लीवर कभी खराब नहीं हो सकता तो वह बिल्कुल गलत हैं।
क्या आप जानते हैं कि मुंह से गंदी बदबू आना भी लीवर की खराबी हो सकती है। क्यों चौंक गए ना?
हम आपको कुछ परीक्षण बताएंगे जिससे आप पता लगा सकते हैं कि क्या आपका लीवर वाकई में खराब है। कोई भी बीमारी कभी भी चेतावनी का संकेत दिये बगैर नहीं आती, इसलिये आप सावधान रहें।
लीवर की समस्या के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:-
#मुंह से बदबू- यदि लीवर सही से कार्य नही कर रहा है तो आपके मुंह से गंदी बदबू आएगी। ऐसा इसलिए होता है क्योकि मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है।
#स्किन क्षतिग्रस्त होना- लीवर खराब होने का एक और संकेत है कि स्किन क्षतिग्रस्त होने लगेगी और उस पर थकान दिखाई पडने लगेगी। आंखों के नीचे की स्किन बहुत ही नाजुक होती है जिस पर आपकी हैल्थ का असर साफ दिखाई पड़ता है।
#पाचन तंत्र में खराबी- यदि आपके लीवर पर वसा जमा हुआ है और या फिर वह बड़ा हो गया है, तो फिर आपको पानी भी नहीं हजम होगा।
#पेशाब का रंग बदलना- यदि आपकी पेशाब या मल हर रोज़ गहरे रंग का आने लगे तो लीवर गड़बड़ है। यदि ऐसा केवल एक बार होता है तो यह केवल पानी की कमी की वजह से हो सकता है।
#आंखों में पीलापन- यदि आपके आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगे और नाखून पीले दिखने लगे तो आपको पीलीया हो सकता है। इसका यह मतलब होता है कि आपका लीवर संक्रमित है।
#पेट में सूजन- जब लीवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अक्सर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।
लेकिन यहां दिए उपायों को अपनाकर आप अपने लीवर को मजबूत और बीमारियों से दूर रख सकते हैं।
1. नारियल पानी लीवर के सभी रोगों के लिए रामबाण है. चाहे हेपेटाइटिस A, B या C हो, लीवर फैटी हो, सूजा हुआ हो, कठोर हो, लीवर के हर रोग में हरे नारियल का पानी बेहद कारगर है. दिन में 2 या 3 हरे नारियल का पानी पीना चाहिए.
2 हल्दी लीवर के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए अत्यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं
3 सेब का सिरका लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, एक चम्मच शहद मिलाएं।
4.आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4 या 5 कच्चे आंवले खाने चाहिए।
5. पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताह के लिए करें।
6. पालक और गाजर के रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं।
7. पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं।
Fatty liver formula
पंसारी से ले
कासनी के बीज- 25 gm
कुटकी- 25 gm
पुननानरावा- 50 gm
चिरायता- 50 gm
गिलोय- 50 gm
गोखरू- 50 gm
भूमि आंवला- 50 gm
भूमि आंवला एक ऐसा पौधा है जो अपने आप उग आता है, जिसकी पत्तियां आंवले जैसी होती है। इन्ही पत्तियों के नीचे की ओर छोटे छोटे फुल आते है जो बाद में छोटे छोटे आंवलों में बदल जाते है। इसे भुई आंवला भी कहते है यह पौधा लीवर के लिए बहुत उपयोगी है। ये यकृत (लीवर) की यह सबसे अधिक प्रमाणिक औषधि है। लीवर बढ़ गया है या या उसमे सूजन है तो यह फार्मूला उसे बिलकुल ठीक कर देगा।
सभी 300 gm जड़ी बूटियों को मोटा कूट ले 3 लिटर गर्म पानी में 36 घंटे के लिए रखे फिर उसको उबाले पानी के 2 हिस्से उड़ जाने पर बचा हुए काढ़ा तैयार करे।
य़ह काढ़ा 20 से 30 ml सवेरे शाम लेने से बढ़ा हुआ बाईलीरुबिन ठीक होगा और पीलिया की बीमारी से मुक्ति मिलेगी।
प्याज में सल्फर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता, जिससे कैंसर का खतरा कम हाे जाता है। इससे पेट, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव होता है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाने का काम करता है।
Happy Holi to All
हाथ पैर तलुओं में जलन हो तो लौकी को कदूकस करके उसकी पट्टी बांधने से अथवा उसका रस चुपड़ने से खूब ठंडक मिलती है।
ਲੜਕੀਆਂ ਪ੍ਰਸਨੈਲਿਟੀ ਵਧਾਓ। ਕਮਜ਼ੋਰ Breast,
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ਡਾ. ਅਗਰਵਾਲ ਦਵਾਖਾਨਾ, ਲੁਧਿਆਣਾ।
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