संसार में सब अपने अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए ही एक दूसरे से प्रेम की एक्टिंग करते हैं । स्वार्थ सिद्ध होने के पश्चात् उसे तुरंत त्याग देते हैं ।
श्रीजी महाराज
दास्य, सख्य, वात्सल्य एवं माधुर्य इन चार भावों से भगवान से प्रेम करना है
भजो गिरिधर गोविंद गोपाला( Ongoing Satsang at Krishna Residency, Madhya Pradesh).