किसानी - प्रायोगिक खेती का वैज्ञानिक आधार
भारतीय किसानों सेवार्थ, प्राचीन और नवीन कृषि ज्ञान और सेवायें
जड़ों से उम्र के अनुसार दूरी पर खाद देने की जगह
क्या आप इस सब्जी को पहचान सके??
अगले 21 जवाब बाद इस पौधे के बारे मे हम कमेंट बॉक्स मे बताएंगे 💐🌱🙏🏻
अंबिका और अरूणिका है आम की सबसे बौनी किस्म ।
इन्हें घर के किसी भी कोने में लगाकर आप प्रतिवर्ष 20 किलो तक आम उगा सकते हैं।
आवाज एक पहल
इंसान में बौनापन अभिशाप है पर आम के पौधों को बौना करने की कवायद चल रही है. अंबिका और अरूणिका वैज्ञानिकों के तकरीबन 30 साल की मेहनत के बाद आम की बोनी वैरायटी के रूप में विकसित की गई है। दरअसल आम के इन छोटी वैरायटी के कई फायदे हैं । इससे सघन वृक्षारोपण में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगने के कारण कुछ ही सालों में बहुत अधिक उपज मिलना संभव है।छोटे पौधों से फलों को तोड़ना आसान है और उनकी देखरेख में भी कम खर्च होता है।अभी तक आम्रपाली किस्म अपने छोटे आकार के लिए काफी प्रचलित हुई हैं लेकिन आम्रपाली के फल बाजार में आने में 30 वर्ष लग गये.इसके पौधे भी अन्य किस्मों की तरह विशाल रूप धारण कर लेते हैं.
इसी दिशा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में बौनी प्रजातियों के विकास के लिए शोध किया गया और अरूणिका एवं अम्बिका नाम की संकर किस्में विकसित की गई. अरूणिका अपनी माँ आम्रपाली से पौधों के आकार में लगभग 40 प्रतिशत छोटी है. लाल रंग के आकर्षक फलों के कारण बौना पेड़ और आकर्षक लगता है.
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजन बताते हैं कि आम की किस्में बौनी तभी हो सकती हैं जब उन पर हर वर्ष फल आए. चौसा और लंगड़ा जैसी एक साल छोड़ कर फलने वाली किस्मों के पौधे बड़े आकार के होते हैं. नियमित फलन के कारण अम्बिका, अरुणिका और आम्रपाली जैसी किस्मों के पौधे छोटे आकार के रहते हैं. इनकी ख़ासियत यह भी है कि फलों के तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल का आ जाना. लंगड़ा, चौसा और दशहरी में फल तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल सामान्यतः एक वर्ष छोड़कर फल आते हैं.।
दक्षिण भारतीय किस्म नीलम, उत्तर भारत में अपने छोटे आकार के पौधों के लिए जानी जाती है. आम्रपाली में नीलम ने पिता का रोल अदा किया और इसी कारण आम्रपाली से अरूणिका में नियमित फलन और बौनेपन का गुण विद्यमान है. हर साल फल देने वाली बौनी किस्में सघन बागवानी के लिए उपयुक्त है. कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगाकर ज्यादा फल उत्पादन आज बागवानी के क्षेत्र में एक सफल तकनीक के रूप में अपनाया जा रहा है.🥦🥦
पिछले 50 सालों से हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करना है।
हमारे बदलते पर्यावरण की गंभीर चिंताओं को लेकर अध्ययन किए जा रहे हैं। आज के इस दौर में प्रमुख वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा जलवायु को लेकर चिंतित हैं।
पृथ्वी दिवस पर लोग पर्यावरण को हुए नुकसान को दूर करने के लिए स्थायी तरीकों को अपनाने का संकल्प लेते हैं। बढ़ते तापमान और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के साथ ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा है। वनों को काटे जाने और जानवरों, पक्षियों और कीड़ों की प्रजातियां लुप्तप्राय और बदतर हो रही हैं, दुनिया से विलुप्त हो रही हैं, यह पर्यावरण की रक्षा में निवेश शुरू करने का सही समय है।
अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जैसे बढ़ती जनसंख्या, मृदा अपरदन, बदलती जलवायु, वनों को काटा जाना और जल, वायु प्रदूषण आदि। पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अहम दिन है।
हर साल 16 से 22 अप्रैल तक पृथ्वी सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह लोगों को पृथ्वी दिवस, जलवायु परिवर्तन और इसके खिलाफ कदम उठाने की के बारे में शिक्षित करने के लिए समर्पित है। पृथ्वी सप्ताह कदम उठाने और ग्रह की रक्षा के बारे में बातचीत शुरू करने का एक शानदार अवसर है।
Nitrogen Cycle
सभी साथियों से निवेदन है, एक दिल्ली की फ़ूड बेस्ड कंपनी है जिसमें कोई खास काम नहीं हुआ है 2 साल पुरानी है नाम बहुत अच्छा है और कोई लाइबिलिटी भी नहीं है यदि कोई दिल्ली से हैं और काम करना चाहते हैं तो संपर्क करें कंपनी खरीदने के लिए मोबाइल - 9997871103
*अंततः नियति ने ट्रिगर खींच लिया...*
*दक्षिण अफ्रीका* की राजधानी, *केप टाउन* को दुनिया का पहला जलविहीन शहर घोषित किया गया है क्योंकि इसकी सरकार ने *14 अप्रैल, 2023* के बाद पानी उपलब्ध कराने में असमर्थता का संकेत दिया है।
वहां स्नान करना वर्जित है.
10 लाख लोगों का कनेक्शन काटने की तैयारी चल रही है.
जैसे भारत में पेट्रोल पंप पर जाकर पेट्रोल खरीदा जाता है, वैसे ही केपटाउन में पानी के टैंकर होंगे जहां 25 लीटर पानी मिलेगा.
दुनिया की यह दुखद यात्रा अंततः किसी के साथ भी घटित होगी, इसलिए पानी का संयम से उपयोग करें।
पानी की बर्बादी रोकें हमने यह भी देखा है कि लातूर (महाराष्ट्र) में पानी रेल द्वारा भेजा जाता है।
*दुनिया का केवल 2.7% पानी ही पीने योग्य है।*
*समूह के सदस्यों से अपील*!!
आसपास के सभी बांधों में पानी का स्तर नीचे जाने से भूजल स्तर गहरा हो गया है।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम पानी की बर्बादी रोककर पानी बचाएंगे। आप आसानी से कर सकते हैं. :-
1. *कार/बाइक को रोज न धोएं*।
2. *आँगन/सीढ़ियाँ/फर्श धोने से बचें या धोने में कम से कम पानी का उपयोग करें*।
3.. *नल को लगातार चालू न रखें.*.
4. *और भी कई अच्छे उपाय करके पानी बचाएं*.
5. *घर में टपकते नल को ठीक कराएं।*
6. *पौधे के गमले में कम से कम पानी डालें।*
7. *सड़क पर पानी न छिड़कें*
आइये मिलकर इस संकट का सामना करें।
*सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|*
*लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम् ||*
```जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो।```
_*नववर्ष 2024 की हार्दिक शुभकामनायें !*_🙏🙏🙏🌷🪴🌴🌱🍀☘️🌈
साथियो नमस्कार🙏
आपको सूचित करते हुए बहुत हर्ष हो रहा कि भारत के वो लोग जो प्रकृति से प्रेम करते है व जिनके पास खेती है लेकिन जानकारी के अभाव में खेती नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे प्रकृति प्रेमी लोगों की हमवैज्ञानिक रूप में सफल होती खेती/फार्म बनाने की तरफ मदद करेंगे। इसके लिए हमने फार्म कंसल्टिंग का कार्य शुरू कर दिया है।अतः जिस किसी के संपर्क में इस प्रकार लोग हैं या स्वम भी अपनी खेती को प्रॉफिटेबल बनाना चाहते हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
हम प्राकृतिक खेती, जैविक खेती,ग्रीनहॉउस खेती, संतुलित खेती, होमा फॉर्मिंग, परमाकलचर, मिश्रित फसलों के फार्म मैंनेजमेंट आदि अनेक प्रकार की खेती से आपके खेती को लाभ में लाएंगे जिसमें उत्पादन लागत कम होगी लेकिन उत्पादन भरपूर होगा साथ ही उचित समय पर प्लानिंग करके क्रॉपिंग पैटर्न बनाये जाएंगे आपके क्षेत्र की जलवायु के अनुसार, तब एक सफल खेती का मॉडल बन पाएगा।
ग्रीन हाउस, नेट हाउस, ओपन फील्ड में सब्जियां, अनाज, दलहन, फलों व फूलों की खेती आदि शामिल करते हुए किसान को लाभ में लाना ही हमारा उद्देश्य है।
हरेक तरह सम्भव हो सकने वाली बाजार, मौसम, फसलों किस्मो आधारित वैज्ञानिक खेती की सही दिशा निर्देश और सुझावों के लिये सम्पर्क कीजिये-
#किसानी
मोबाइल - 9997871103 और ईमेल आईडी - [email protected]
भारत में मसाला बोर्ड के बाद अब अलग से हल्दी बोर्ड की स्थापना होने जा रही है
क्या सब्जियों में इंजेक्शन लग सकता है!!
क्या सब्जियाँ 1-2 दिन में खुद नहीं बढ़ जाती है!?
आपके क्या विचार हैँ
कम्पनी हमसे खाती है
खेती हमें खिलाती है
अगले रबी मेहर रखना प्रभू - कनक होवें सोने सी 🙏🌱🥰
जूझना आता है फिर से नये मौसम के साथ
श्री विधि और CVR टेक्निक से लगा जैविक धान, इस सूखे मे भी
Shashi Kumar is the co-founder and the current CEO of 𝗜𝗻𝗱𝗶𝗮’𝘀 𝗙𝗶𝗿𝘀𝘁 𝗢𝗿𝗴𝗮𝗻𝗶𝗰 𝗠𝗶𝗹𝗸 Company Akshayakalpa Organic with the goal of enabling rural entrepreneurship and wealth creation among small and marginal farmers.🧀🥛
Founded in 𝟮𝟬𝟭𝟬 , 𝗔𝗣𝗘𝗗𝗔 (Agricultural and Processed Food Product Export Development Authority)and 𝗝𝗮𝗶𝘃𝗶𝗸 𝗯𝗵𝗮𝗿𝗮𝘁 certified Akshayakalpa that offers milk and milk-based products free from antibiotics, preservatives, and chemical pesticide residue.🥛🧀🧈
Akshayakalpa not only believe in providing organic milk & milk products but also believe in 𝘀𝘂𝘀𝘁𝗮𝗶𝗻𝗮𝗯𝗹𝗲 𝗰𝘂𝗹𝘁𝘂𝗿𝗲...yes Akshayakalpa Organic started a 𝗺𝗶𝘀𝘀𝗶𝗼𝗻 of collecting milk packs back from its consumers on 𝗪𝗼𝗿𝗹𝗱 𝗘𝗮𝗿𝘁𝗵 𝗗𝗮𝘆 (𝗔𝗽𝗿𝗶𝗹 𝟮𝟮) 𝘁𝗵𝗶𝘀 𝘆𝗲𝗮𝗿🌍🪴and recycled about 1,93,208 discarded milk and milk product packaging . This count reflects 1,000 kg of plastic that would have otherwise gone to a landfill.
प्रभू एक समान हमेशा यूँही ध्यान रखना, जो तूने दिया और जो हमेशा ही देगा, सभी का शुक्रिया🙏
जय किसान 🌱
आपके पास कितने HP का ट्रैक्टर है हुए आपकी नजर मे सबसे बेहतर कौन सा है??
#किसानी
देश भर मे इन दिनों #टमाटर के भाव
साभार -दैनिक भाष्कर
If you need any type of farming consultancy services too, please connect us via sharing details on [email protected]
ईश्वर सबको प्रकृति के करीब लाये 🌱🌳
हमारा नया प्रोजेक्ट 34 एकड़ का जैविक फार्म शुरू
जहानाबाद, कानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत 🌱🌳
इसका नाम बताइये -फलों की रानी भी कहते हैँ क्या इसे!!🥰
सूरजमुखी
अगर माल ब्रांडेड हो तो
बोरी वाले पजामे भी बिक जाते हैं हजारों में,
और हम किसान है
हमारी उत्पादन लागत निकलना भी मुश्किल इन बाजारों में..💐
विदेशों में धान की नर्सरी उत्पादन
इस फूल और जीव के बारे में 2 शब्द आपकी तरफ से हो जाये !!
आपके गाँव का सबसे अच्छा नाश्ता क्या है, हम भी तो देखें कहाँ कहाँ से लोग जुड़े हैं ☺️💐
गिली गिली स्वाहा वाला पौधा मिल गया☺️
स्कूल प्रिंसिपल ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब किसान की बेटी ख़ुशी से पिछले एक साल की स्कूल फीस मांगी ,तो ख़ुशी ने कहा मैडम मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूंगी , घर जाते ही बेटी ने माँ से पूछा पिता जी कहाँ है ? तो माँ ने कहा तुम्हारे पिता जी तो रात से ही खेत मे है बेटी दौड़ती हुई खेत मे जाती है और सारी बात अपने पिता को बताती है ! ख़ुशी का पिता बेटी को गोद मे उठाकर प्यार करते हुए कहता है की इस बार हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है अपनी मैडम को कहना अगले हफ्ता सारी फीस आजाएगी,
क्या हम मेला भी जाएंगे ?? ख़ुशी पूछती है
हाँ हम मेला भी जाएंगे और पकोड़े, बर्फी भी खाएंगे ख़ुशी के पिता कहते है
ख़ुशी इस बात को सुनकर नाचने लगती है और घर आते वक्त रस्ते मे अपनी सहेलियों को बताती है की मै अपने माँ पापा के साथ मेला देखने जाउंगी,पकोड़े बर्फी भी खाउंगी ये बात सुनकर पास ही खड़ी एक बजुर्ग कहती है ,बेटा ख़ुशी मेरे लिए क्या लाओगी मेले से ??
काकी हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है मे आपके लिए नए कपडे लाऊंगी ख़ुशी कहती हुई घर दौड़ जाती है !
अगली सुबह ख़ुशी स्कूल जाकर अपनी मैडम को बताती है की मैडम इस बार हमारी फसल बहुत अच्छी हुई है ,अगले हफ्ते सब फसल बिक जाएगी और पिता जी आकर सारी फीस भर देंगें
प्रिंसिपल : चुप करो तुम, एक साल से तुम बहाने बाजी कर रही हो
ख़ुशी चुप चाप क्लास मे जाकर बैठ जाती है और मेला घूमने के सपने देखने लगती है तभी
ओले पड़ने लगते है
तेज बारिश आने लगती है बिजली कड़कने लगती है पेड़ ऐसे हिलते है मानो अभी गिर जाएंगे
ख़ुशी एकदम घबरा जाती है
ख़ुशी की आँखों मे आंसू आने लगते है वोही डर फिर सताने लगता है डर सब खत्म होने का , डर फसल बर्बाद होने का ,डर फीस ना दे पाने का ,स्कूल खत्म होने के बाद वो धीरे धीरे कांपती हुई घर की तरफ बढ़ने लगती है। हुआ भी ऐसा कि सभी फसल बर्बाद हो गई और खुशी स्कूल में फीस जमा नही करने के कारण ताना सुनने लगी।
उस छोटी सी बच्ची को मेला घुमने और बर्फी खाने का शौक मन में ही रह गया।
छोटे किसान और मजदूरों के परिवार में जो दर्द है उसे समझने में पूरी उम्र भी गुजर जाएगी तो भी शायद वास्तविक दर्द को महसूस नही कर सकते आप।।।
भारत के आम किसान का वास्तविक दर्द यह है।
#किसानी
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