Yug Badla Badla Hindustan

INDIA A NATION SEEKING HOPE INDIAN PEOPLE AND POLITICIANS BOTH ARE CORRUPT

07/12/2023

कोई भी पार्टी राजपूत समाज के हित मे ना तो कभी थी और ना ही कभी होगी।राजपूत समाज चाहे किसी की भी सरकार बनवा ले। फिर भी मरेगा तो राजपूत ही।🙏🙏

27/01/2023

जय हो भाई शेर सिंह राणा जी 🙏🙏❤️

27/01/2023
16/10/2022
02/08/2022

#पैकिंग #आटा में कीड़े क्यों नही पड़ते ??

आंखें खोल देने वाला सच ----------:

एक प्रयोग करके देखें । गेहूं का आटा पिसवा कर उसे 2 महीने स्टोर करने का प्रयास करें।,आटे में कीड़े पड़ जाना स्वाभाविक हैं, *आप आटा स्टोर नहीं कर पाएंगे।*
फिर ये बड़े बड़े ब्रांड आटा कैसे स्टोर कर पा रहे हैं? यह सोचने वाली बात है।

एक केमिकल है- बेंजोयलपर ऑक्साइड, जिसे ' फ्लौर इम्प्रूवर ' भी कहा जाता है।* इसकी पेरमिसीबल लिमिट 4 मिलीग्राम है, लेकिन आटा बनाने वाली फर्में 400 मिलीग्राम तक ठोक देती हैं। कारण क्या है? आटा खराब होने से लम्बे समय तक बचा रहे। *बेशक़ उपभोक्ता की किडनी का बैंड बज जाए।

कोशिश कीजिये खुद सीधे गेहूं खरीदकर अपना आटा पिसवाकर खाएं।

नियमानुसार आटे का समय..
ठंडके दिनों में 30 दिन
गरमी के दिनों में 20 दिन
बारिस के दिनों में 15 दिन का बताया गया है।

ताजा आटा खाइये, स्वस्थ रहिये...समझदार बनें, अपने लिए पुरुषार्थी बन सभी गेंहू पिसवा कर काम ले। न कोई रेडीमेड थैली का........

केवल 3 बदलाव कर के देखे

1.) नमक सेंधा प्रयोग करे,
2.) आटा चक्की से पिसवा कर लाये,
3.) पानी मटके का पिये,सुबह गर्म पानी पिये...

आधी बीमारियों से छुटकारा पाएंगे ........!!

08/06/2022
04/06/2022

जय हो योगी जी 🙏

08/05/2022
02/05/2022

❤️🙏🙏

#प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह है..
चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पहना हुआ एक बड़ा डायमंड दिखाई देगा ..... यह 254 कैरेट का #जुबली डायमंड है जो आकार और वजन में विश्व विख्यात "कोह-ए-नूर" हीरे से दोगुना है ...

ये महिला मेहरबाई टाटा हैं जो जमशेदजी टाटा की बहू और उनके बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा की पत्नी थीं ...

सन 1924 में प्रथम विश्वयुद्ध के कारण जब मंदी का माहौल था और #टाटा कंपनी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं थे... तब मेहरबाई ने अपना यह बेशकीमती जुबली डायमंड *इम्पीरियल बैंक में 1 करोड़ रुपयों में गिरवी* रख दिया था ताकि कर्मचारियों को लगातार वेतन मिलता रहे और कंपनी चलती रहे ...

इनकी ब्लड #कैंसर से असमय मृत्यु होने के बाद सर दोराबजी टाटा ने भारत के कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज के लिये यह हीरा बेचकर ही टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी ...

प्रेम के लिये बनाया गया यह स्मारक #मानवता के लिये एक उपहार है .... विडम्बना देखिये हम प्रेम स्मारक के रुप मे ताजमहल को महिमामंडित करते रहते हैं ,और जो हमें जीवन प्रदान करता है, उसके इतिहास के बारे में जानते तक नहीं ....!
साभार

01/05/2022

देशद्रोही व गद्दार पति का सर कलम करने वाली देशभक्त वीरांगना "हीरादे"

संवत 1368 (ई.सन 1311) मंगलवार बैसाख सुदी 5 के दिन विका दहिया द्वारा जालौर दुर्ग के गुप्त भेद अल्लाउद्दीन खिलजी को बताने के परिणाम स्वरूप मिली धन की गठरी लेकर बेहद खुश होकर अपने घर लौट रहा था ! पहली बार इतना ज्यादा धन देख उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था ! चलते चलते रास्ते में सोच रहा था कि इतना धन देखकर उसकी पत्नी हीरादे बहुत खुश होगी ! इस धन से वह अपनी पत्नी के लिए गहने बनवायेगा, युद्ध समाप्ति के बाद इस धन से एक आलिशान हवेली का निर्माण करवाएगा, हवेली के आगे घोड़े बंधे होंगे, नौकर चाकर होंगे, अलाउद्दीन द्वारा जालौर किले में तैनात सूबेदार के दरबार में उसकी बड़ी हैसियत समझी जायेगी ऐसी कल्पनाएँ करता हुआ वह घर पहुंचा और धन की गठरी कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए अपनी पत्नी हीरादे को सौंपने हेतु बढाई !

अपने पति के हाथों में इतना धन व पति के चेहरे व हावभाव को देखते ही हीरादे को अल्लाउद्दीन खिलजी की जालौर युद्ध से निराश होकर दिल्ली लौटती फ़ौज का अचानक जालौर की तरफ वापस कूच करने का राज समझ आ गया ! वह समझ गयी कि उसके पति विका दहिया ने जालौर दुर्ग के असुरक्षित हिस्से का राज अल्लाउद्दीन की फ़ौज को बताकर अपने वतन जालौर व अपने पालक राजा कान्हड़ देव सोनगरा चौहान के साथ गद्दारी कर यह धन प्राप्त किया है !

उसने तुरंत अपने पति से पुछा-

“क्या यह धन आपको अल्लाउद्दीन की सेना को जालौर किले का कोई गुप्त भेद देने के बदले मिला है ?”

विका ने अपने मुंह पर कुटिल मुस्कान बिखेर कर व ख़ुशी से अपनी मुंडी ऊपर नीचे कर हीरादे के आगे स्वीकारोक्ति कर जबाब दे दिया !

यह समझते ही कि उसके पति विका ने अपनी मातृभूमि के लिए गद्दारी की है, अपने उस राजा के साथ विश्वासघात किया है जिसने आजतक इसका पोषण किया था ! हीरादे आग बबूला हो उठी और क्रोद्ध से भरकर अपने पति को धिक्कारते हुए दहाड़ उठी -

“अरे ! गद्दार आज विपदा के समय दुश्मन को किले की गुप्त जानकारी देकर अपने वतन के साथ गद्दारी करते हुए तुझे शर्म नहीं आई ? क्या तुम्हें ऐसा करने के लिए ही तुम्हारी माँ ने जन्म दिया था ? अपनी माँ का दूध लजाते हुए तुझे जरा सी भी शर्म नहीं आई ? क्या तुम एक क्षत्रिय होने के बावजूद क्षत्रिय द्वारा निभाये जाने वाले स्वामिभक्ति धर्म के बारे में भूल गए थे ?

विका दहिया ने हीरादे को समझा कर शांत करने की कोशिश की पर हीरादे जैसी देशभक्त क्षत्रिय नारी उसके बहकावे में कैसे आ सकती थी ? पति पत्नी के बीच इसी बात पर बहस बढ़ गयी ! विका दहिया की हीरादे को समझाने की हर कोशिश ने उसके क्रोध की अग्नि में घी का ही कार्य ही किया !

हीरादे पति की इस गद्दारी से बहुत दुखी व क्रोधित हुई ! उसे अपने आपको ऐसे गद्दार पति की पत्नी मानते हुए शर्म महसूस होने लगी ! उसने मन में सोचा कि युद्ध के बाद उसे एक गद्दार व देशद्रोही की बीबी होने के ताने सुनने पड़ेंगे और उस जैसी देशभक्त ऐसे गद्दार के साथ रह भी कैसे सकती है ! इन्ही विचारों के साथ किले की सुरक्षा की गोपनीयता दुश्मन को पता चलने के बाद युद्ध के होने वाले संभावित परिणाम और जालौर दुर्ग में युद्ध से पहले होने वाले जौहर के दृश्य उसके मन मष्तिष्क में चलचित्र की भांति चलने लगे ! जालौर दुर्ग की राणियों व अन्य महिलाओं द्वारा युद्ध में हारने की आशंका के चलते अपने सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर की धधकती ज्वाला में कूदने के दृश्य और छोटे छोटे बच्चों के रोने विलापने के दृश्य, उन दृश्यों में योद्धाओं के चहरे के भाव जिनकी अर्धान्ग्नियाँ उनकी आँखों के सामने जौहर चिता पर चढ़ अपने आपको पवित्र अग्नि के हवाले करने वाली थी स्पष्ट दिख रहे थे ! साथ ही दिख रहा था जालौर के रणबांकुरों द्वारा किया जाने वाले शाके का दृश्य जिसमें जालौर के रणबांकुरे दुश्मन से अपने रक्त के आखिरी कतरे तक लोहा लेते लेते कट मरते हुए मातृभूमि की रक्षार्थ शहीद हो रहे थे ! एक तरफ उसे जालौर के राष्ट्रभक्त वीर स्वातंत्र्य की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति देकर स्वर्ग गमन करते नजर आ रहे थे तो दूसरी और उसकी आँखों के आगे उसका राष्ट्रद्रोही पति खड़ा था !

ऐसे दृश्यों के मन आते ही हीरादे विचलित व व्यथित हो गई थी ! उन विभत्स दृश्यों के पीछे सिर्फ उसे अपने पति की गद्दारी नजर आ रही थी ! उसकी नजर में सिर्फ और सिर्फ उसका पति ही इनका जिम्मेदार था !

हीरादे की नजर में पति द्वारा किया गया यह एक ऐसा जघन्य अपराध था जिसका दंड उसी वक्त देना आवश्यक था ! उसने मन ही मन अपने गद्दार पति को इस गद्दारी का दंड देने का निश्चय किया ! उसके सामने एक तरफ उसका सुहाग था तो दूसरी तरफ देश के साथ अपनी मातृभूमि के साथ गद्दारी करने वाला गद्दार पति ! उसे एक तरफ देश के गद्दार को मारकर उसे सजा देने का कर्तव्य था तो दूसरी और उसका अपना उजड़ता सुहाग ! आखिर उस देशभक्त वीरांगना ने तय किया कि -"अपनी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए यदि उसका सुहाग खतरा बना है और उसके पति ने देश के प्रति विश्वासघात किया है तो ऐसे अपराध व दरिंदगी के लिए उसकी भी हत्या कर देनी चाहिए ! गद्दारों के लिए यही एक मात्र सजा है !”

मन में उठते ऐसे अनेक विचारों ने हीरादे के रोष को और भड़का दिया उसका शरीर क्रोध के मारे कांप रहा था उसके हाथ देशद्रोही को सजा देने के लिए तड़फ रहे थे और हीरादे ने आव देखा न ताव पास ही रखी तलवार उठा अपने गद्दार और देशद्रोही पति का एक झटके में सिर काट डाला !

हीरादे के एक ही वार से विका दहिया का सिर कट कर ऐसे लुढक गया जैसे किसी रेत के टीले पर तुम्बे की बेल पर लगा तुम्बा ऊंट की ठोकर खाकर लुढक जाता है ! और एक हाथ में नंगी तलवार व दुसरे हाथ में अपने गद्दार पति का कटा मस्तक लेकर उसने अपने राजा कान्हड़ देव को उसके एक सैनिक द्वारपाल द्वारा गद्दारी किये जाने व उसे उचित सजा दिए जाने की जानकारी दी !

कान्हड़ देव ने इस राष्ट्रभक्त वीरांगना को नमन किया और हीरादे जैसी वीरांगनाओं पर मन ही मन गर्व करते हुए कान्हड़ देव अल्लाउद्दीन की सेना से आज निर्णायक युद्द करने के लिए चल पड़े !

किसी कवि ने हीरादे द्वारा पति की करतूत का पता चलने की घटना के समय हीरादे के मुंह से अनायास ही निकले शब्दों का इस तरह वर्णन किया है-

"हिरादेवी भणइ चण्डाल सूं मुख देखाड्यूं काळ"

अर्थात्- विधाता आज कैसा दिन दिखाया है कि- "इस चण्डाल का मुंह देखना पड़ा !" यहाँ हीरादेवी ने चण्डाल शब्द का प्रयोग अपने पति वीका दहिया के लिए किया है !

इस तरह एक देशभक्त वीरांगना अपने पति को भी देशद्रोह व अपनी मातृभूमि के साथ गद्दारी करने पर दंड देने से नहीं चूकी !

देशभक्ति के ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते है जब एक पत्नी ने अपने पति को देशद्रोह के लिए मौत के घाट उतार कर अपना सुहाग उजाड़ा हो पर अफ़सोस हीरादे के इतने बड़े त्याग व बलिदान को इतिहास में वो जगह नहीं मिली जिसकी वह हक़दार थी ! हीरादे ही क्यों जैसलमेर की माहेची व बलुन्दा ठिकाने की रानी बाघेली के बलिदान को भी इतिहासकारों ने जगह नहीं दी जबकि इन वीरांगनाओं का बलिदान व त्याग भी पन्नाधाय के बलिदान से कम ना था ! देश के ही क्या दुनियां के इतिहास में राष्ट्रभक्ति का ऐसा अतुलनीय अनूठा उदाहरण कहीं नहीं मिल सकता !

काश आज हमारे देश के बड़े अधिकारीयों, नेताओं व मंत्रियों की पत्नियाँ भी हीरादे जैसी देशभक्त नारी से सीख ले अपने भ्रष्ट पतियों का भले सिर कलम ना करें पर उन्हें धिक्कार कर बुरे कर्मों से रोक तो सकती ही है !

साभार:-
https://www.krantidoot.in/2015/11/Amazon-patriot-Hirade.html?m=1

01/05/2022

विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में नींव के पत्थर की तरह कार्यरत देश के सभी श्रमिकों को मेरी शुभकामनायें।

देश के विकास में ऐसा कोई निर्माण नही है, जिसमें आपके परिश्रम का योगदान ना हो। राष्ट्र की प्रगति आपकी भागीदारी के बिना असंभव है।
अपना घर अपना झंडा राजपा
Sher Singh Rana "SSR"
Rjpsatya News

29/04/2022

शाहीनबाग की शेरनियां---याद है या भूल गए?

शाहीन बाग से NCB ने ₹400 करोड़ मूल्य के 100Kg ड्रग्स किया बरामद, ₹30 लाख कैश भी जब्त: अफगानिस्तान से जुड़े तार।

क्या कुछ समझ आया कि शाहीनबाग में इतना प्रदर्शन क्यों और कैसे हो पा रहा था...

शाहीन बाग वही जगह हैं, जहाँ CAA-NRC के विरोध में महीनों तक सड़कों को जाम रखकर पूरी राजधानी को बंधक बना लिया गया था। यहाँ दिल्ली भर लोगों को लाकर पर प्रदर्शन में बैठाया जाता था और उन्हें रहने-खाने की मुफ्त व्यवस्था की जाती थी। यहाँ तक कहा जाता है कि प्रदर्शन में शामिल करने के लिए लोगों को दिहाड़ी दी जाती थी।

दिल्ली के जामिया नगर के शाहीन बाग (Shaheen Bagh, Jamia Nagar) में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने छापेमारी कर भारी मात्रा में हेरोइन एवं अन्य संदिग्ध पदार्थ बरामद किया है। NCB ने बुधवार (27 अप्रैल 2022) को 50 किलोग्राम हेरोइन और 47 किलोग्राम अन्य ड्रग बरामद किया है। इसके बाद साथ ही पैसे गिनने वाली मशीन के साथ भारी मात्रा में नकदी भी जब्त किया गया है।

NCB के DDG (Operation) संजय सिंह ने बताया कि एनसीबी दिल्ली जोन ने 27 अप्रैल को जामिया नगर के शाहीन बाग में एक आवासीय परिसर में छापेमारी की। इसमें 50 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन, 47 किलोग्राम संदिग्ध नशीले पदार्थ, 30 लाख रुपये नकद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।

संजय सिंह ने बताया कि हेरोइन एवं अन्य ड्रग की खेप अफगानिस्तान के रास्ते भारत पहुँची है, जिसे जामिया नगर में छिपा कर रखा गया था। वहीं, जब्त की गई नकदी हवाला के जरिए इकट्ठा करने का अंदेशा है। वहीं, इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कुल कीमत लगभग 400 करोड़ रुपए से अधिक है।

29/04/2022
28/04/2022

❤️🙏

कोचिंग तो दूर दो वक़्त की रोटी को भी तरसता था परिवार, आज उसी परिवार की बेटी बन गई है ‘पुलिस अफसर’ 27/04/2022

कोचिंग तो दूर दो वक़्त की रोटी को भी तरसता था परिवार, आज उसी परिवार की बेटी बन गई है ‘पुलिस अफसर’ आपने ऐसे बहुत से किस्से सुने होंगे, जिनमें लोग विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य का पीछा नहीं छोड़ते। ये सच भ.....

26/04/2022

जय जय राजपूताना 🚩🚩

है लहू जिनका मेरी रगों में तेवर भी उन्हीं का वरदान है
शान से जीना सिखाया जिसने महाराणा व चौहान उनका नाम है !

जय महाराणा प्रताप 🚩🚩
जय पृथ्वीराज चौहान 🚩🚩

Photos from विकास पाटनी राजीववादी's post 26/04/2022
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