Iskcon Prachar Samiti Moga
ISKCON was founded in 1966 in New York City by A. C. Swami Prabhupada
The International Society for Krishna Consciousness, known colloquially as the Hare Krishna movement or Hare Krishnas, is a Gaudiya Vaishnava Hindu religious organisation.
हरे कृष्णा
इस्कॉन प्रचार समिति मोगा की साप्ताहिक बैठक व DSP परमजीत सिंह जी को सम्मानित किया गया व जन्मदिवस मनाया गया इस्कॉन प्रचार समिति मोगा के पदाधिकारियों द्वारा।
प्रभु श्रीमन साक्षी गोपाल दास जी महराज जी के साथ इस्कॉन कुरुक्षेत्र में विस्तृत चर्चा हुई मोगा के इतिहास में होने वाली प्रथम जगन्नाथ रथ यात्रा के विषय में जो 26 जून 2020 को इस्कॉन प्रचार समिति मोगा द्वारा निकाली जा रही है।
हरे कृष्ण।
हरे कृष्णा।
मोगा के इतिहास में होने वाली प्रथम जगन्नाथ रथ यात्रा 26 जून 2020 को इस्कॉन प्रचार समिति मोगा द्वारा निकाली जा रही है। इस संबंध में समिति के पदधिकारियों द्वारा प्रभु श्रीमन साक्षी गोपाल दास महाराज जी के साथ इस्कॉन कुरुक्षेत्र में विशेष चर्चा हुई।
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में बन रहे नार्थ इंडिया के सबसे भव्य इस्कॉन श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर हम सभी के लिए सौभाग्य का प्रतीक है। मंदिर की भव्यता व निर्माण प्रगति पर भी श्रीमन साक्षी गोपाल दास महाराज जी से चर्चा हुई।
समिति की इस विषय पर हुई चर्चा में प्रभु श्रीवास चरणदास व प्रभु परीक्षित पुत्रदास जी का भी अहम योगदान रहा। इस ऐतिहासिक चर्चा में इस्कॉन प्रचार समिति मोगा की तरफ से चेयरमैन देवप्रिय त्यागी, वाइस चेयरमैन नवदीप गुप्ता, अध्यक्ष सुशील ढींगरा, कोषाध्यक्ष रजनीश कुमार व समाजसेवी राजेश वर्मा मौजूद रहे।
हरे कृष्ण।
द्वौ अम्भसि निवेष्टव्यौ गले बद्ध्वा दृढां शिलाम् !
धनवन्तम् अदातारम् दरिद्रं च अतपस्विनम् !!
हिन्दी अर्थ : दो प्रकार के लोगो के गले में पत्थर बांधकर उन्हें समुद्र में फेंक देना चाहिए. पहले वे व्यक्ति जो #अमीर होते है पर #दान नहीं करते और दूसरे वे जो गरीब होते है लेकिन कठिन #परिश्रम नहीं करते.
*🚩जय सीया राम जी🚩*
*पाँच तत्वों का कोड है भगवान जिससे ब्रह्माण्ड बना है ।*
*भ + ग + व + आ + न*
*1. भ - भूमि- धरती*
*2. ग - गगन - आकाश*
*3. व - वायु- हवा*
*4. आ - आग*
*5. न - नीर - पानी*
*क्या अब भी कोई है*
*जिसने भगवान को देखा अथवा जाना नही है।*
*अब अपने अन्दर झांक कर देखो भगवान नज़र भी आएगा और महसूस भी होगा।*
*🙏🏻 Hare Krishna🙏*
Check live session of Rightway Airlinks at News 18 program in Chandigarh.
https://www.facebook.com/News18Punjab/videos/506681696657816/?sfnsn=wiwspwa&extid=WoWCsvq4c8kyi8mW&d=w&vh=e
हरे कृष्णा हरे राम। अनिल बंसल जी का व माता सुमन जी का हार्दिक अभिनन्दन। आपके मार्गदर्शन में हम गौरांवित महसूस करते हैं।
हरे कृष्णा हरे राम। 26 जून 2020 को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आपके अपने मोगा शहर में होने जा रही है। भक्तो से अनुरोध है कि प्रभु का आशीर्वाद लेने के लिए इस रथ यात्रा में जरूर शामिल हो।
आगामी 26 जून 2020 को मोगा के इतिहास में पहली बार होने वाली भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा के विषय में इस्कॉन प्रचार समिति, मोगा की सभा इस्कॉन कुरुक्षेत्र से आए श्रीवास चरणदास जी एवं श्री परीक्षित पुत्र दास जी की अध्यक्षता में मीटिंग माननीय अनिल बंसल जी सीनियर डिप्टी मेयर मोगा के घर पर हुई। माननीय अनिल जी ने पूर्ण सहयोग देने का आश्वाशन दिया व जगन्नाथ रथ यात्रा के समागम का स्वागत किया।
इस सभा में माता सुमन जी व सुशील धींगरा प्रधान, नरेंद्र राय मुख्य सचिव, रजनीश कुमार कोषाध्यक्ष, कुलदीप कुमार भंडारा सचिव, रमेश अरोड़ा सह मुख्य सचिव भी उपस्थित हुए।
आगामी 26 जून 2020 को मोगा के इतिहास में पहली बार होने वाली भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा के विषय में इस्कॉन प्रचार समिति, मोगा की सभा इस्कॉन कुरुक्षेत्र से आए श्रीवास चरणदास जी एवं श्री परीक्षित पुत्र दास जी की अध्यक्षता में राइटवे एयरलिंक, मोगा के कार्यालय जीटी रोड पर हुई। इस सभा में समिति को और मजबूत करने के लिए डॉ अजय कांसल जी को सरपरस्त, श्री नवीन सिंगला जी को रथयात्रा डायरेक्टर, श्री विकास मित्तल सीए जी को उपप्रधान एवं श्री वीरेंद्र गर्ग जी को लीगल सलाहकार के रूप में चुना गया। इस सभा में समिति के सभी सदस्य द्वारा रथ यात्रा की तैयारियों के लिए विचार विमर्श किया गया। सभा में नवदीप गुप्ता उप चेयरमैन, सुशील धींगरा प्रधान, नरेंद्र राय मुख्य सचिव, रजनीश कुमार कोषाध्यक्ष, कुलदीप कुमार भंडारा सचिव, रमेश अरोड़ा सह मुख्य सचिव भी उपस्थित हुए।
🌷🍃ओ३म् नमस्ते जी 🌷🍃
🌷🍃आपका दिन शुभ हो 🌷🍃
दिनांक - - २५ जनवरी २०२०
दिन - - शनिवार
तिथि - - प्रतिपदा
नक्षत्र - - श्रवण
पक्ष - - शुक्ल
माह - - माघ
ऋतु - - शिशिर
सूर्य - - उत्तरायण
सृष्टि संवत - - १,९६,०८,५३,१२०
कलयुगाब्द - - ५१२०
विक्रम संवत - - २०७६
शक संवत - - १९४१
दयानंदाब्द - - १९५
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🔥 ज्ञानमयी अमृतवाणी 🔥
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चरित्र का निर्माण कई वर्षो के मेहनत का परिणाम होता है जबकि चरित्र को नष्ट होने में एक सेकंड का भी समय नही लगता है
:- अगर आपके जीवन में लक्ष्य है तो आप जीवन के सही रास्ते पर जा रहे है
:- जब आपके सामने कोई समस्या ही नही हो तो समझ लेना आप गलत रास्ते पर जा रहे है
:- जिदगी में सफल होने के लिए खुद से रास्ते बनाने पड़ते है जैसा आपका रास्ता होंगा मंजिल भी वैसी ही होंगी
:- हमेसा लीडर बनने की कोशिश करे क्युकी लीडर अपने लक्ष्य के प्रति आशावान होता है
:- इन्सान चाहे जितना अच्छा बनने की कोशिश करे लेकिन कभी ना कभी कोई भूल हो ही जाती है
:- दुनिया में सबकुछ बदल जाता है लेकिन इन्सान अपने चरित्र को जल्दी बदल नही पाता है
:- समय और समझ एक साथ बहुत कम मिलती है लेकिन जिससे यह दोनों एक साथ मिलता है बहुत ही किस्मत वाले होते
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💐🙏आज का वेद मंत्र 💐🙏
🌷ओ३म् शं नो देव:सविता त्रायमाण: शं नो भवन्तुषसो विभाती:। शं न: पर्जन्यो भवतु प्रजाभ्य: शं न: क्षेत्रस्य पतिरस्तु शम्भु। (ऋग्वेद ७|३५|१०)
💐अर्थ:- रक्षा करता हुआ सर्वोत्पादक दिव्यगुण युक्त परमेश्वर हमारे लिए सुखदायी हो, जगमगाती हुई प्रभात बेलाएं हमें सुख देने वाली हो, मेघ हमें व हमारी प्रजाओं के लिए सुखकर हो, जगत् रुपी खेत का स्वामी, सब सुखों को देने वाला परमात्मा हमारे लिए शान्ति दायक हो।
🕉 आज का संकल्प पाठ 🕉
🌷ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{एक वृन्दषण्णनवतिकोट्याष्टलक्षत्रिपञ्चासत्सहस्र विंश अधिक शततमे मानव सृष्टिसम्वत्सरे}, १,९६,०८,५३,१२० सृष्टि सम्वतसरे,२०७६ {षटसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे }, शाके १९४१, १९५( पञ्च नवती उत्तर शततमे) दयानन्दाब्दे , रवि उत्तरायणे, शिशिर ऋतौ, माघ मासे, शुक्ल पक्षे, प्रतिपदा तिथि, श्रवण नक्षत्रे, शनिवासरे, तदनुसार २५ जनवरी २०२०,
जम्बूद्वीपे, भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्म कर्णाय भवन्तम् वृणे।
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🕉🙏 ज्ञान रहित भक्ति अंधविश्वास है ।
🕉🙏 भक्ति रहित ज्ञान नास्तिकता है ।
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🌷🍃🌷🍃 ओ३म् सुदिनम् 🌷🍃🌷🍃 ओ३म् सुप्रभातम् 🌷🍃🌷🍃 ओ३म् सर्वेभ्यो नमः
💐🙏💐🙏 कृण्वन्तोविश्मार्यम 💐🙏💐🙏 जय आर्यावर्त 💐🙏💐🙏 जय भारत
_*🌸क्रोध नहीं करें 🌸*_
_*✅अपितु क्षमा करें ✅*_
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_*📕मित्रों, आग उसे जलाती है, जो उसके पास जाता है, "पर "क्रोध" तो स्वयं को जलाता है ।" यदि हम जमीन पर हाथ मारेंगे , तो पहले हमें ही चोट लगेगी । क्रोधी दूसरे का नुकसान पीछे करता है, "पहले अपने को आहत करता है ।" यदि आपमें बल हो और विरोधी से बदला लेने की योग्यता हो, तो भी उसे माफ करो, "क्योंकि "क्रोध" करना तो बहुत ही बुरा है ।" यदि आप "क्रोध" का परित्याग कर दें और जो कुछ कहना चाहते है, वह शांतिपूर्वक कहें, तो उन समस्याओं का हल तो अपने आप हो जाएगा, जिनके लिए आप बेचैन है।*_
_*📕इसमें क्या बड़प्पन है कि आप बुराई करने वाले से बदला ले लो । ऐसा तो चींटी भी कर सकती है । "बड़ा वह है जो अपने शत्रुओं को भी क्षमा कर देता है ।" धरती को देखिये, हम उसे खोदते है और वह बदले में हमारे लिये अन्न उपजाती है । गन्ने को दबाते हैं, तो उसमें से मीठा रस टपकता है ।*_
_*📕जिसने आपको हानि पहुँचाई है, वह बेचारा कमजोर है, कायर है, "क्योंकि निर्बल आत्मा वाले ही दूसरों को हानि पहुँचाते हैं ।" माफ कर दो इन गरीबों को, "अंधों पर तलवार चलाना कोई बहादुरी थोड़े ही है ।" बदला लेने पर आपको कुछ घंटों के लिये खुशी मिल सकती है, पर "क्षमा" कर देने पर जो आनंद प्राप्त होगा, वह बहुत काल तक कायम रहेगा ।*_✍🏼
_*🙏🏼🙏🏼"
*रोगानुसार देशी गाय के घी के उपयोग* :
१. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है ।
२. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है
३. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है ।
४. 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है ।
५. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।
६. नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
७. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है
८. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है ।
९. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है ।
१०. हाथ-पॉँव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है ।
११. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी ।
१२. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है ।
१३. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है ।
१४. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है ।
१५. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें ।
१६. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा ।
१७. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है ।
१८. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है ।
१९. देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है ।
२०. गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें । प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है ।
२१. फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है ।
२२. गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायता मिलती है ।
२३. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम गाय का घी पिलायें, उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें, जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष भी कम हो जायेगा ।
२४. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है ।
२५. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, इससे सिरदर्द दर्द ठीक हो जायेगा ।
२६. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है । वजन भी नही बढ़ता, बल्कि यह वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है तथा मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है ।
२७. एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है ।
२८. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें । इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं । यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है ।
२९. गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए । यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है ।
३०. अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को सन्तुलित करता है ।
ये गुण सिर्फ देशी गाय के घी मे ही हे।
*तीर्थ शब्द का अर्थ क्या है ?*
****************
✍
*महापुरुष स्वयं परम तीर्थ है।उनसे ही ये तीर्थ पवित्र हुए है।कुछ तीर्थ आदि काल से पवित्र रहे है।*
*जैसे कैलाश, मानसरोवर, काशी, गंगा, यमुना,नर्मदा कावेरी आदि इन्हें नित्य तीर्थ कहते है।*
*दूसरे तीर्थ वे है जहाँ अवतार हुए है। व साधु संतों ने तपस्या की और मुक्त हो गये।जहाँ उनके चरण पड़े वे तीर्थ बन गये।*
*जैसे भगीरथ की तपस्या के कारण गंगा, सगर के पुत्रो के उद्धार के कारण गंगासागर, शिव के निवास के कारण काशी व केदार, कुरू की तपस्या के कारण कुरूक्षेत्र, राम के कारण अयोध्या, चित्रकूट व पंचवटी; कृष्ण के कारण सम्पूर्ण ब्रज पम्पासुर, ब्रह्मा के कारण पुष्कर, शिव के कारण उज्जैन, पजापति के कारण प्रयाग आदि तीर्थ बन गये।*✍☘💕
संसार के महापुरुषों पर दोषारोपण करने वाले उनके विरोधी ही रहे है किन्तु श्री कृष्ण ही ऐसे अकेले महापुरुष है जिनके चरित्र को कलंकित करने वाले उनके भक्त ही है ”
भगवान् श्री कृष्ण का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब कंस के अत्याचारों से सभी पीड़ित थे और उससे छुटकारा पाने के उपाय सोचते रहते थे. भगवान् कृष्ण ने कंस का वध करके उसके पिता को ही राज्य दे दिया. कौरव – पाण्डवों के युद्ध में भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया और युधिष्ठिर के सार्वभौम राज्य की स्थापना के लिए सफल प्रयत्न किया. महाभारत के अनुसार श्री कृष्ण योगिराज थे, उनकी एक पत्नी रुक्मिणी थी और एक ही पुत्र प्रध्युम्न था. उनके जीवन में किसी अन्य स्त्री का प्रेमिका रूप से प्रवेश नहीं था. इसी रूप में आर्य समाज उनके पावन चरित्र का गुणगान करता है. संसार की कुटिल गति देखिये की ऐसे पावन चरित्र को कलंकित करने का कार्य कवियों और गल्प रचयिताओ के द्वारा सारी मर्यादाओं को पार करके किया गया. उनके चरित्र को इतना कलंकित कर दिया की अन्य देशीय लोग ऐसे महापुरुषों पर ऊँगली उठाते है. भारतीय संस्कृति तो अपमानित होती ही है, इतिहास पर भी आंच आती है. इसमें दोष किसका है? आर्य (श्रेष्ठ) समाज का या उनके तथाकित भक्तों का?
यशोमति मैया से बोले नंदलाला
यशोमति मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यु गोरी मै क्यु काला
राधा क्यु गोरी
यशोमति मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यु गोरी मै क्यु काला
राधा क्यु गोरी मै क्यु काला
बोली मुस्काती मैया ललन को बताया
बोली मुस्काती मैया ललेन को बताया
कारी अधियारी आधी रात मे तू आया
लाडला कहय्या मेरा हो
लाडला कहय्या मेरा काली कमली वाला
इसीलिए काला
यशोमति मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यु गोरी मै क्यु काला
राधा क्यु गोरी मै क्यु काला
बोली मुस्काती मैया सुन मेरे प्यारे
बोली…
Yashomati Maiyya Se | Padmini Kolhapure | Satyam Shivam Sundaram | Bollywood Bajjans HD| Hindi Songs Movie : Satyam Shivam Sundaram (1978) Song: Yashomati Maiyya Se Starcast: Shashi Kapoor and Zeenat Aman Singer: Lata Mangeshkar, Manna Dey Music Director: La...
नंदलाला का बहुत खूबसूरत भजन। भजन का आनंद ले।
BADI DER BHAI NANDLALA TERI RAAH TAKE BRIJBALA - RAFIARUNGAUTAM happy Janamaastmi this song is dedicated to all rafi fans
बहुतेरे हैं भक्त इस जग में जो भगवान की भक्ति करते हैं लेकिन विषय है कि भगवान को कौन से भक्त प्रिय हैं और इसका उत्तर दे रहे हैं स्वयं श्री कृष्ण। गीता के बारहवें अध्याय में कहा है, ‘‘मुझे प्राप्त करने के लिए सब कर्मों के फल का त्याग करने से तत्काल ही परम शांति प्राप्त होती है।’’
फिर आगे कहते हैं-
अद्वैष्टा सर्वभूतानां मैत्र: करुण एवं च।
निर्ममो निरहंकार: समदु:ख सुख: क्षमी।। 13।।
इस प्रकार शांति को प्राप्त हुआ जो पुरुष सब भूतों में द्वेष भाव से रहित एवं स्वार्थ रहित सबका प्रेमी और हेतु रहित दयालु है तथा ममता से रहित एवं अहंकार से रहित, सुख-दुखों की प्राप्ति में सम और क्षमावान है अर्थात अपराध करने वाले को भी अभय देता है।
संतुष्ट : सततं योगी यतात्मा दृढ़निश्चय:।
मध्यॢपतमनोबुद्धियों मदभक्त: स मे प्रिय:।। 14।।
तथा जो ध्यान योग में युक्त हुआ निरंतर लाभ-हानि में संतुष्ट है तथा मन और इंद्रियों सहित शरीर को वश में किए हुए मेरे में दृढ़ निश्चय वाला है वह मेरे में अर्पण किए हुए मन बुद्धि वाला मेरा भक्त मुझे प्रिय है।
यस्मान्नाद्विजते लोको लोकान्नोद्विजते च य:।
हर्षामर्ष भयोद्वेगैमुक्तो य: स च मे प्रिय:।। 15।।
तथा जिससे कोई भी जीव उद्वेग को प्राप्त नहीं होता है और जो स्वयं भी किसी जीव से उद्वेग को प्राप्त नहीं होता है तथा जो हर्ष-अहर्ष दूसरे की उन्नति देखकर दुखी होना, भय और उद्वेग आदि से रहित है वह भक्त मुझे प्रिय है।
अनपेक्ष: शुचिर्दक्ष उदा सी नो गतव्यथ:।
सर्वारम्भत्यागी यो मदभक्त: स मे प्रिय: ।। 16।।
और जो पुरुष आकांक्षा से रहित तथा बाहर-भीतर से शुद्ध और चतुर है अर्थात जिस काम के लिए आया था उसको पूरा कर चुका है एवं पक्षपात से रहित और दुखों से छूटा हुआ है वह सर्व आरंभों का त्यागी अर्थात मन, वाणी और शरीर द्वारा प्रारब्ध से होने वाले सम्पूर्ण स्वाभाविक कर्मों में कर्तापन के अभिमान का त्यागी मेरा भक्त मुझे प्रिय है।
यो न दुष्यति न दृष्टि न शोचति न कांक्षति।
शुभाशुभपरित्यागी भक्तिमान्य: स मे प्रिय: ।। 17।।
और जो न कभी हर्षित होता है न द्वेष करता है, न शोक करता है, न कामना करता है तथा जो शुभ और अशुभ सम्पूर्ण कर्मों के फल का त्यागी है वह भक्ति युक्त पुरुष मुझे प्रिय है।
सम: शत्रौ च मिंत्रे च तथा माना पमान यो:।
शीतोष्णसुख दु:सेषु सम: संगविवॢजत: ।। 18।।
और जो पुरुष शत्रु मित्र में और मान-अपमान में सम है तथा सर्दी-गर्मी और सुख-दुख आदि द्वंद्वों में सम है और सब संसार में आसक्ति से रहित है।
तुल्य निन्दास्तुति मौंनी संतुष्टों ये न केनचित।
अनिकेत: स्थिरमतिर्भक्ति मान्मे प्रियो नर:।। 19।।
तथा जो निंदा-स्तुति को समान समझने वाला और मननशील है अर्थात ईश्वर के स्वरूप का निरंतर मनन करने वाला है एवं जिस किसी प्रकार से भी शरीर का निर्वाह होने में सदा ही संतुष्ट है और रहने के स्थान में ममता से रहित है वह स्थिर बुद्धि वाला भक्तिमान पुरुष मुझे प्रिय है।
ये तु धम्र्यामृतमिदं यथोक्तं पर्मुपासते।
श्रद्धाना मत्परमा भक्त स्तेऽतीव में प्रिया:।। 20।।
और जो मेरे परायण हुए अर्थात मुझे परम आश्रय और परम गति और सबका आत्मरूप और सबसे परे परम पूज्य समझकर विशुद्ध प्रेम से मेरी प्राप्ति के लिए तत्पर हुए श्रद्धायुक्त पुरुष ऊपर कहे हुए धर्ममय अमृत को निष्काम भाव से सेवन करते हैं वे भक्त मुझे अतिशत प्रिय हैं।
उक्त आठ श्लोकों को जीवन में उतार कर ईश्वर से निरंतर चिंतन करने का अभ्यास करते हुए ये सभी गुण प्राप्त करके सचमुच में ईश्वर का प्रिय भक्त बनना चाहिए। सिर्फ नाम-मात्र के लिए पूजा-अर्चना करने से सद्गुणों का विकास नहीं होता बल्कि निरंतर सत्संग सेवा सुमिरन से मनुष्य सचमुच का शाश्वत सुख प्राप्त कर सकता है। हर स्थिति में समभाव होना, निष्काम कर्म करना और ईश्वर को परम आश्रय मानकर निरंतर आत्मस्वरूप का चिंतन मनुष्यता के प्रमुख गुण हैं और भगवान को प्रिय भक्त के लक्षण हैं।
हरे रामा हरे कृष्णा रूस में।
Hare Rama Hare Krishna in Russia | Харе Рама Харе Кришна в России This video is about Hare Rama Hara Krishna (ISKCON) in Moscow.
शिव कौरा जी वरिष्ठ पत्रकार दैनिक भास्कर जी के साथ भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर चर्चा हुई। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 25 जून 2020 को मोगा शहर में होने जो रही है। शिव कौरा शहर की धार्मिक संस्थाओं के साथ जुड़े हुए है और उन्होंने आश्वाशन दिया कि वो जिस भी धार्मिक संस्था के पदाधिकारी है वो सब इस भव्य रथ यात्रा में पूरा सहयोग देंगे ।
इस्कॉन प्रचार समिति मोगा ने शिव कौरा वरिष्ठ पत्रकार दैनिक भास्कर जी का धन्यवाद किया।
आपका अपना
देवप्रिय त्यागी
चेयरमैन
इस्कॉन प्रचार समिति मोगा
Iskcon Achievements
In fifty years since 1966, ISKCON has achieved many milestones.
650- the number of ISKCON centers, temples and schools worldwide.
520 million – the number of books and magazines published by Bhaktivedanta Book Trust and distributed by ISKCON devotees worldwide.
3 billion – the number of free plates of sanctified vegetarian meals distributed worldwide since 1966.
12 million – the number of people who worship in ISKCON temples around the world, every year.
1.2 million – the number of meals distributed every day to needy school children in India by ISKCON Food Relief Foundation, also known as ‘Annamrita’ as part of the Governement’s mid-day meal programe.
340000-the number of patients treated by ISKCON hospitals such as Bhaktivedanta Hospital in Mira Road, the Bhaktivedanta Hospice in Vrindavan, mobile clinics and eye camps.
260000-devotees walked 260000 kms visiting 52,000 towns and villages in 170 countries as part of the worldwide padayatra to bring the holy name to every town and village around the world.
100,000 – since 1966 over 100,000 devotees around the world have taken spiritual initiation into the Gaudiya tradition.
6000 – there are more than 6000 Hare Krishna festivals held every year around the world.
3600 – the number of home study groups(Bhakti Vriksha groups) around the world.
110 – the number of Hare Krishna restaurants around the world.
65 – the number of eco-friendly farms run by ISKCON to practice ‘simple living and high thinking’
ये हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि इस्कॉन प्रचार समिति मोगा 25 जून 2020 को भगवान जग्गनाथ रथ यात्रा का भव्य आयोजन करने जा रही है। आप सभी का सहयोग इसे अलौकिक बना सकता है।
What is ISKCON
The International Society for Krishna Consciousness, known colloquially as the Hare Krishna movement or Hare Krishnas, is a Gaudiya Vaishnava Hindu religious organisation. ISKCON was founded in 1966 in New York City by A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada.
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Moga
142001
Brar Farms, VPO Machine, Barnala Moga National Highway, District Barnala
Moga, 142039
Let's move towards healthy living... Let's live conventional.
Moga, 151204
with the objectives of Maharaja Agarsen's family social services, we made regd. Organization named A
Moga, 142001
to those people who....ws inside the civilization act.and their strugggle for their rightssss
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