Shri Vikas Vaishnav Thakur Ji Maharaj
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संतों को राजनीति में आना चाहिए ? 15-03-2020, Bareilly* DONATE: https://www.govardhanpeeth.org/index.php/en/donate-us . DONATE: UPI: govardhanmath@allbank Account Details: ALLAHABAD BANK A/C ...
बहुत ही दुखद घटना है।
अखाड़ा परिषद ने नागा साधु का आवाहान किया। लोकडाऊन के बाद। मतलब देड दो महीने बाद। संतों की हत्या करने के लिए उन्हें लोकडाऊन की परवाह नहीं। और अखाड़ा परिषद लोकडाऊन के बाद जायेगा।
वाह नालायकी की हद है। अगर शर्म और पीड़ा होती तो तुरंत शस्त्रो के साथ कूच करते। शस्त्रों का ऐसा प्रर्दशन करते की भारत में ऐसी दूसरी घटना कभी न हो।बस संत होने का अहंकार दिखाना आता है। जब ये लोग ही बड़े-बड़े मठों मंदिर राजसी ठाट-बाट और राजनीति की चकाचौंध में लिप्त है तो इनसे करता उम्मीद।
श्री राम सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित नहीं, श्री राम सर्वत्र हैं
भगवान राम की पूजा भारत के हर क्षेत्र में की जाती है। कुछ लोगों का तर्क होता है कि श्री राम की पूजा केवल उत्तर भारत में होती है परंतु वास्तविकता ये है कि उनकी पूजा उत्तर दक्षिण भारत में भी की जाती है।
आदि पुराण में श्रीकृष्ण भगवान ने अर्जुन से कहा था –
राम नाम सदा प्रेम्णा संस्मरामि जगद्गुरूम् |
क्षणं न विस्मृतिं याति सत्यं सत्यं वचो मम् ||
यानि मैं श्रीकृष्ण हमेशा श्री राम का नाम प्रेम से लेता हूं, श्री राम संपूर्ण संसार का स्वामी है। मैं एक क्षण के लिए भी श्री राम का पवित्र नाम कभी नहीं भूल सकता! मैं सत्य बोलता हूँ, मैं सत्य बोलता हूँ!
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि त्रेता युग में मथुरा का विकास तब हुआ था जब श्रीराम के सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न ने एक युद्ध के दौरान राक्षस लवणासुर का वध किया था। इसके बाद, इस स्थान को मधुवन के रूप में जाना जाने लगा, क्योंकि यह स्थान वृक्षों से घिरा था। मधुवन नाम के पश्चात इस स्थान को मधुपुर और बाद में मथुरा के नाम से जाना गया। जो कि वाल्मीकि रामायण में इस प्रकार वर्णित है –
क्षेत्राणि सस्ययुक्तानि काले वर्षति वासवः ।
अरोगवीरपुरुषा शत्रुघ्नभुजपालिताः ।।
अर्थात मधुपुरी का पूरा क्षेत्र हरियाली से भरा हुआ है। भगवान इंद्र ने भी नगर में वृष्टि की कभी कमी नहीं की। शत्रुघ्न के संरक्षण में यह शहर रोग मुक्त और वीर पुरुषों से युक्त था।
अब उत्तर भारत अलावा बाकी देश में भगवान श्री राम को समर्पित प्रसिद्ध मंदिरों का विश्लेषण और समीक्षा कर लेते हैं:
जिनके मन में अभी भी ये बात है कि भगवान राम की पूजा केवल उत्तर भारत में होती है उनसे मेरा यह प्रश्न है कि क्या आप में से कोई चार प्रमुख तीर्थस्थलों (चारधाम) में से एक रामेश्वरम को जानते हैं? हाँ, यह एक शिव मंदिर है, जो वैष्णव और शैव दोनों द्वारा पूजित है। यह वह जगह है जहाँ भगवान श्री राम ने रावण का वध करने लिए भगवान शिव की पूजा की थी।
क्या आप नहीं जानते हैं कि भद्राचलम, तेलंगाना में श्री राम के लिए समर्पित एक विशाल मंदिर है और इसे दक्षिण के अयोध्या के नाम से जाना जाता है? दक्षिण के अगणित श्रद्धालु श्री राम के पवित्र नाम को एक करोड़ बार लिखने की शपथ लेते हैं और लिखने के बाद इसे भद्राचलम तीर्थ में दान देते हैं।
क्या आप तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास जानते हैं? माता पद्मावती अपने पिछले जन्म में वेदवती थीं और श्री राम ने उन्हें वचन दिया था कि वे कलयुग में श्रीनिवास के रूप में अवतार लेंगे और उनसे विवाह करेंगे। ये मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है और विश्व के सर्वाधिक धनी मंदिरों में गिना जाता है।
क्या आप जानते हैं कि राजा राम मंदिर जो कि ओरछा, मध्य प्रदेश में स्थित है, वो पहले मध्य भारत में शासन करने वाले एक राजा का महल हुआ करता था। उन्होंने अपने महल को भगवान राम को समर्पित कर दिया?
क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक (चिकमगलूर) और आन्ध्र प्रदेश (कड़प) में स्थित कोडंदराम के मंदिर सबसे शानदार मंदिरों में गिने जाते हैं? आंध्र प्रदेश ने मंदिरों को प्राचीन स्मारकों की सूची में रखा है।
क्या आप महाराष्ट्र के नासिक में श्री राम को समर्पित काले राम मंदिर के बारे में नहीं जानते?
क्या आप जानते हो कि नेपाल के जनकपुर में माता सीता को समर्पित जानकी मंदिर सबसे शानदार मंदिरों में से एक है?
मंदिरों के बाद अब बात करते हैं प्रसिद्ध राम भक्तों की
दक्षिण भारत में स्थित बारह अलवर संतों में से कुलशेखर अलवर श्री राम के प्रतापी भक्त थे और श्री राम के सबसे प्रतिष्ठित भक्तों में से एक माने जाते हैं।
ऋषि अगस्त्य की ‘अगस्त्य संहिता’, जो दक्षिण भारत में पहुँचकर अत्यधिक सम्मानित हुई है, अकेले श्री राम की महिमा गाती है। इतना ही नहीं, ऋषि अगस्त्य ने रामायण को वेदों के बराबर माना था। यही नहीं महाराष्ट्र के समर्थ रामदास जैसे संत श्री राम के प्रतापी भक्त थे। वह सम्राट शिवाजी के गुरु भी थे।
तमिल साहित्य ने अकनानुरू, पसुराप्पदी रामायणम, सेतु पुराणम, सिरप्पपायिरम, ताल पुराणम, सेतु मकत्तुवम और थिरु गनाना सम्बन्दर, थिरुणवुक्करसार जैसे महाकाव्यों में राम द्वारा निर्मित राम सेतु को बड़े पैमाने पर गौरव दिया है।
पद्म पुराण में कहा गया है ‘चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम्’। श्री राम की महिमा एक अरब रामायणों में की गयी है। कम्ब जैसी रामायण तमिल में रचित थी, भावार्थ मराठी में लिखा गया था, कृत्वास बंगाली में लिखा गया था, कवि जयदेव के प्रसन्न राघव को पूर्व भारत में संस्कृत में लिखा गया था, उल्लघ राघव, गुजरात और तंजौर में संस्कृत में लिखी गई थी, तमिलनाडु में संस्कृत में आनंद राघव और राघवानंद हैं।
पूरे विश्व में रामायण:
भारत के अलावा, रामायण के विभिन्न संस्करण दुनिया भर में उपलब्ध हैं। चीन मे में सुन वुकोंग की लोककथाओं से शुरू होकर, जापान में रामाएन्ना, कंबोडिया में रीमकर, बाली में रामकवच, जावा में काकाविन रामायण, सुमात्रा में रामायण स्वर्णद्वीप, लाओस में फ्रा लक फ्रा लाम, मलेशिया में हिकायत सेरी राम, म्यामांर में यम जाटदाव, फिलीपींस में महारादिया लवाना, थाईलैंड में रामाकीन, नेपाल में सिद्धि रामायण, श्रीलंका में जानकीहरण और ईरान में दास्तान-ए-राम ओ सीता तक, पूरी दुनिया में श्री राम को एक आदर्शपुरुष के रूप में पूजित किया गया है ।
भगवार राम सिर्फ उत्तर भारत के ही भगवान नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए मर्यादा पुरुषोतम है जिनका वर्णन भारत के सभी दिशाओं में मिलता है। श्रीराम की भक्ति के बिना इन सभी प्रयासों को पूरे देश में फैलाना संभव नहीं था। हिन्दू ग्रंथ हो या साहित्य सभी में श्रीराम से अधिक किसी अन्य की महिमा का इतना व्याख्यान नहीं हुआ है।
ॐ नमो नारायण
आप सभी से निवेदन है कि चाय आदि चीजों के बहाने अपने आस पड़ोस में रहने वाले ऐसे व्यक्तियों पर ध्यान दें........
निधिवन वृंदावन का अलौकिक दर्शन और रहस्य।Nidhivan Virandavan Alokik Darshan About the Video... वृंदावन स्तिथ निधि वन जिसके बारे में मान्यता है की यहाँ आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते है। यही कार....
धर्म के मानने वालों और पंथ विशेष की आड़ में गुंडागर्दी करने वालों का अतंर साफ है।
क्या किसी साधु संत ने पुलिस प्रशासन द्वारा अभद्रता व संतों के साथ मारपीट करने पर भी कभी किसीको कुछ कहा ?
लॉकडाउन: पाटियाला में निहंग सिखों का पुलिस पर हमला, एएसआई का हाथ काटा Haryana News: पटियाला की सब्जी मंडी में करीब 5 निहंग सिख गाड़ी से पहुंचे। इन लोगों से जब कर्फ्यू पास के बारे में पूछा गया तो इ...
हनुमान जयंती की सभी संत मित्रों को ढ़ेरों शुभकामनाएं।
🙏🙏💐💐
"अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।"
Hanuman Chaupai।हनुमान जी की सिद्ध चौपाई जिनके जपने से हो जायेगें सभी कार्य सिद्ध। हनुमान जी की सिद्ध चौपाई जिनके जपने से हो जाते हैं सम्पूर्ण कार्य सिद्ध। ...
ऊँ हनुमते नम:
हनुमान जयंती की सभी संत मित्रों को ढ़ेरों शुभकामनाएं।🙏🙏
"ऊं प्रनवउं पवन कुमार, खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदयं आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥'
"अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि" ।।
हम आपको बालाजी के 12 नामो के बता रहे है। जिसकी स्तुति सब प्रकार का शुभ करती है।:
1. हनुमान
2. वायुपुत्र
3.पिगांक्ष( भूरे नेत्र वाले)
4.लक्ष्मण प्राणदाता
5.अमितविक्रम
6.सीताशोक विनाशन
7.उद्धिक्रमण( समुद्र को लाघंने वाले)
8.दशग्रीवदर्पहा(रावण के अहं को नष्ट करने वाले)
9.महाबल
10.फाल्गुन सुख (अर्जुन के मित्र)
11.अजंनीसुनू
12.रामेष्ट( श्री राम के प्रिय)
।।।।।सीताराम सीताराम सीताराम।।।
मंगल पाण्डेय जी ने बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि कोटि प्रणाम💐💐
मंगल पाण्डेय एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी के रूप से जाने जाते हैं। जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वोे ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही थे। तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने उन्हें बागी करार दिया जबकि आम हिंदुस्तानी उन्हें आजादी की लड़ाई के नायक के रूप में सम्मान देते है।
जय हिंद भारत माता की जय।
भगवान हमें दुःख क्यों देते हैं?Bhagwan Hume dukh Kyo dete hai,भक्तो को ही अधिक दुःख क्यों मिलते ह भक्तों को ही अधिक दुःख क्यों मिलते हैं? अच्छे लोगों को सकंट कर्मों मिलते हैं? #भगवान #भक्त #दुख ...
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