Hamara Desh - jai ho
Social work jai ho page ke jariye mai un sabhi muddo ko sarkar govt. Tak pahuchana chahta hu jo un t
#जनसूराज
अगले साल यानी 2024 में हमारे देश में लोकसभा चुनाओ होने वाला है।एक तरफ सत्ता धारी पार्टी बीजेपी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस और उनके सहयोगी पार्टियां है।और अभी जनता को देख कर ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता की किसकी सरकार बनेगी। अगर बीजेपी की बनी तो सायेद जैसा चल रहा है वैसा ही आगे भी चले या कुछ बदलाव देखने को मिले ।लेकिन अगर कांग्रेस और उनके सहयोगी सरकार में आए तो प्रधानमंत्री कौन होगा ।ये अनुमान लगाया जा सकता है की प्रधानमंत्री साएद कांग्रेस पार्टी के हो पर गृहमंत्री कांग्रेस का नही होगा और रक्षामंत्री भी और वित्तमंत्री भी और शिक्षामंत्री भी ऐसे बहुत सारे मंत्रालय है जो कांग्रेस के पास नही होकर उनके सहयोगी पार्टियों के पास होगी ।अब बात आती है की अगर मंत्रिमंडल में से कोई मंत्री भ्रष्ट हो जाता है तो क्या प्रधानमंत्री अपना कुर्सी और सरकार बचाएंगे या गुनहगार मंत्री को सजा दिलाएंगे ।वैसे भी कांग्रेस की पिछली सरकार में काफी सारे घोटाले हुआ है ।और बीजेपी का अभी उजागर होना बाकी है क्युकी अभी उनकी सरकार है और सरकार रहते उजागर होना बहुत कठिन है वैसे कांग्रेस के समय के घोटाले कांग्रेस सरकार में ही उजागर हुआ था पर यह बीजेपी है ।हमारे देश में एक स्वच्छ छवि की सरकार और प्रधानमंत्री होना अति आवश्यक है।आप सभी अपना मत सोच समझकर और सभी मिल कर ज्यादा से ज्यादा मतदान करेंगे और एक स्वच्छ सरकार की स्थापना करेंगे।
जय हिंद ,जय भारत
#करप्शन देखने मे ही काफी उलझ शब्द है।जिसके कारण न जाने कितने देश और कितने लोगों का भविष्य खत्म हो गया ।काफी सारी देशो में एक अपना देश भी है भारत ।जहा लोकतंत्र है ओर सभी नागरिकों को आजादी है कि वो अपने मन से अपन नेता चुन सकते है ।अगर 5 साल तक कोई नेता आपको अच्छा न लगे और वो आपके लिए ओर आपके समाज के कोई अच्छा काम न करे तो आप उसे 5 साल के बाद बदल सकते हो।लेकिन क्या ऐसा होता है?? सायेद कुछ % तक होता होगा क्योंकि बहुत सारे नेता पैसा के ओर जाती के दम में बिना कुछ किये चुनाव जीत जाते है ।और हमारे देश की पटिया भी उन्हे टिकट देती है जिनके पास या तो पैसा हो या उनके जाती का संख्या ज्यादा हो । बात आती है पैसे की तो जो एक बार चुनाव जीत जाते है उनके पास पैसा आता कहा से हौ ?? करप्सन से आता है हमारे देश के हर नेता और हर अधिकारी भ्रष्ट है सायेद कुछ न हो ओर ये आज से नही हमारा देश आजाद हुआ तभी से चला आ रहा है ।21 दिसम्बर 1963 को भारत मे भ्रष्टाचार कर खात्मे पर संसद में हुआ बहस में राममनोहर लोहिया ने कहा था सिंहासन ओर ब्यापार के बीच संबंध भारत मे जितना भ्रष्ट ओर बेइमान हो गया है उतना दुनिया मे कही नही हमारा देश गरीब नही है पर कुछ लोगो ने इसे गरीब बना दिया है ।हमारे देश मे इतने बड़े बड़े घोटाले हुआ जिसका आप अनुमान भी नही लगा सकते जैसे
1.बोफोर्स घोटाला। 64 करोड
2.यूरिया घोटाल। 133 करोड़
3.चारा घोटाला। 950 करोड़
4.शेयर घोटाला। 4000 करोड़
5.सत्यम घोटाला। 7000 करोड़
6.स्टाम्प घोटाला। 43 हज़ार करोड़
7.कॉमनवेल्थ घोटाला। 70 हजार करोड़
8.2जी घोटाला। 1.67 लाख करोड़
9.अनाज घोटाला। 2 लाख करोड़
10. कोयला घोटाला। 12 लाख करोड़
ओर भी कितने अनगिनत घोटाले हुआ है लेकिन अगर इन्ही सभी को आपस मे जोरे तो 18 लाख करोड़ होते है ।ये सारे पैसा हमारे देश का था जो करप्शन का शिकार हुए और जो हमारे देश के उन्नती तरक्की में काम आने चाहिए था वो किसी ओर ने चुरा लिया।इसके लिए हमारे देश के कानून वेवस्था भी ज़िम्मेवार है।
हमारे देश मे इसके लिए कोई कठोर कानून नही है । केस का तारिक आते आते या तो वे बूढ़े हो जाते है या मर जाते है और अगर किन्ही को टाइम से सजा मिल भी गया तो कुछ महीने बाद कोई न कोई जुगाड़ लगा कर बाहर आ ही जाते है ,सरकार को इसके लिये कानून के नियमों में बदलाव करनी चाहिए और ऐश सजा सुनिष्चित करनी चाहिए कि अपने देश की संपत्ति को लूटने से पहले हजार बार सोचना परे जैसे भ्रष्ट नेता के लिए 1 या 2 पिढी तक चुनाव लड़ना बैंन भ्रष्ट अधिकारी के लिए 1या 2 पिढ़ी तक सरकारी सुबिधा, नौकरी से बैन इसी प्रकार अलग अलग छेत्र के लिए अलग अलग दंड निर्धरित करनी चाहिए।तभी भ्रष्ट लोगो से हमे ओर हमारे देश को मुक्ति मिलेगी और हमारा देश और आगे जाएगा । जय हिंद जय भारत
पूरी दुनिया मे हमारा ही ऐशा देश है जहाँ सभी धर्म के लोग रहते है। और सभी को समान्य अधिकार है और ऐशा ही होना चाहिए। लेकिन कुछ नेताओ ने इसे हमेसा से अपने अपने वोट बैंक के लिए सभी धर्मों को लड़ाती रहती है।और हम भी कभी अल्लाह और भगवान के नाम पे लड़ते रहते है। जिससे हमेसा हुम् सभी का ही नुकसान होता है और वो अपना काम निकल जाते है।धर्म तो छोरो अब कुछ पोलिटिकल पटिया जाती के सहारा लेकर भी हम सभी को तोड़ती है और हम टूट जाते है और यहां तक कि जो भगवान पूरी दुनिया को चलाते है उनका भी बटवारा कर देते है।ब्राह्मण को परसुराम जी यादव को कृष्णा जी राजपूत को राम जी ऐशे ही सभी का अलग अलग भगवान हो जाता है।और हम एक दूसरे से लड़ने लगते है मारते है गली देते है ।ऐसा क्यू नही करते कि जो हमे इन सभी धर्म और जाति के नाम पे भड़काने आते है उनको सबक सिखाये।ऐश क्यों नही होता कि सभी भगवान को मने।ऐश क्यों नही होता कि ऐश कुछ न करे कि किसी के धर्म और आस्था को ठेस न पहुचे,ऐश क्यों नही होता कि एक मुसलमान के धर्म का कदर हिन्दू करे और एक हिन्दू के धर्म का कदर मुसलमान करे और एक दूसरे के काम मे काम आये किसी के लिए किसी के मन मे कोई भेद भाव ना हो और सभी मिल जुल कर रहे।अगर आप सोच रहे हो कि ऐसा कौन करेगा तो पहले आप करे फीर धीरे धीरे सभी करने लगेंगे ।एक मिसाल बनना चाहिए फिर हमारा देश और भी सुंदर दिखने लगेगा ,जय हिन्द, जय भारत
आज कल बिहार में शराब पीने से मरने वालो की खबर खूब चर्चा में है। और हमारे सरकार का कहना है की जो पियेगा मरेगा। ओर उनके परिवार को कोई मुआबजा नही मिलेगा । सरकार से कहना है कि बिहार में दारू बंद है फिर उनके पास कहा से आया ,दारू के तस्करी को रोकने का जिम्मेदारी किसकी है और दारू पीने वालो में से कुछ लोगो को पटना के हॉस्पीटल में लाया गया जो सुरक्षित है फिर सारण के हॉस्पिटल में जाने वाले क्यों नही बचे। जिसके लिए सारा सर स्वास्थ्य बएबस्ता जिम्मेदार है। और जो जहरीली दारू पी कर दुनिया से चले गए उनमे उनके परिवार का क्या दोष है।जो वो भुगते ।किसी किसी के घर मे 1 ही बयक्ति कमाने वाले थे जिनके जाने से उनके घर मे आर्थिक तंगी आएगी उनके रोजगार के लिए सरकार को आगे आकर मदद करनी चाहिए क्योंकि जितना गलती उनका है उतना ही सरकार की भी .
Respected Sir, in earlier times people used to say that a person needs food, clothes and a house to live, perhaps it is the same even today,But I think in today's time, health should also be added to it, because staying healthy and getting the right treatment is also a serious issue,For which a lot of work is being done in our country, like making people aware of diseases, camping every now and then, building a medical college or hospital ,But 65% of the population of our country lives in village ,And if they have any disease, they first go to the quack doctor of the village, who gives them medicine after medicine,Either it makes you very sick and even if you get well then there is financial crisis in the family and if you become very sick then the government hospital at least 30 km,Where if you go at 7 in the morning, then it is 11 o'clock by the time the number comes and then you return home exhausted,That's why I request you that if not in every village but in every panchayat, a small dispensary should be set up, So that the people living in the village can also get treatment for their minor ailments easily and free of cost.
बिहार की बदहाल स्वास्थ्य ब्यबस्ता, मेरा एक दोस्त है उसके जीजा जी को दिन पहले डेंगू होने का पता चला , समस्तीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया,ओर तीन दिन इलाज़ चलने के बाद भी स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हुआ तो आज प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है ,यही है हमारा बढ़ता बिहार
बिहार जो बहुत ही गरीब राज्य हौ,यह प्रति ब्यक्ति आय 50735 है जो कि सही मायने में बहुत कम है ,हमारे मुख्यमंत्री बोलते है कि बिहार तरक्की की राह पे चल रहा है और विकासः कर रहा है ,तो यही है आपका विकासः हा आपका ओर आपकी पार्टी का विकासः जरूर हुआ है आप लगातार मुख्यमंत्री बनते जा रहे है और अब प्रधान मंत्री का भी सपना देखने लगे है ,सायेद ये भी सच हो जाये आपके तोर जोर के कारण ,लेकिन ये मत बोलिये की बिहार विकासः के राह पे चल रहा है ,अगर एक साधारण परिवार के इंसान का आये रुपये 50735 है तो क्या वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाएगा क्योंकि सरकारी स्कूल में तो खिचड़ी के सिवाए ओर कुछ है ही नही ओर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने की उसकी सकती नही ,क्योंकि वहा एक बच्चे को पढ़ने में 4000-5000 प्रति महीने खर्च आता है तो अगर हमारी सरकार को सही में अच्छे दिन लाने है तो शिक्षा पे ध्यान दे कि कैसे गरीब से गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और वो भी आगे चल कर कुछ बन सके कुछ कर सके न कि अगर उनके फादर मजदूरी ,ठेला ,रिक्शा,छोटा दुकान etc करके जीवन यापन करते है तो वो भी वही करे , क्योंकि पैसे वाले का बेटा तो मोटी मोटी रकम डोनेशन के नाम पे देकर अच्छे अच्छे डिग्री लेकर अपना काम चला लेते है पर गरीब का बेटा गरीब ही रह जाता है,
2.स्वास्थ्य अगर किसी घर मे 1.2. बृद्ध ओर बीमार होता है तो इंसान की आधी कमाई दावा में ही चला जाता है क्योंकि यहां अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं नही होने के कारण छोटे बीमारी के लिए कोई गाओ से सहर जाता नही है कि क्योंकि जितना का डॉक्टर फी बचेगा उतना आने जाने का भरा लग जायेगा और दवा तो वहां भी बाहर से ही लेना है क्योंकि सरकारी हॉस्पिटल में दावा के नाम पे सिर्फ गैस का टेबलेट मिलता है , ओर अगर किसी बड़ा बीमारी के लिए जाओ तो उधर से डेथ बॉडी मिलती है ,जिसके कारण लोग प्राइवेट हॉस्पिटल को ही ज्यादा प्रेफर करते है और वहां क्या होता है सभी को पता हौ ,इंसान बच तो जाता है पर आर्थीक तंगी से जीने के लायक नही रहता ,अगर प्राइवेट हॉस्पिटल वाले लेकर इन्शान को ठीक कर सकते है तो फिर सरकारी होस्पिट क्यों नही?
सरकार को इन दो विषय पे ध्यान देना चाहिए ,हर पंचायत में एक छोटा सा डिस्पेन्सरी खोलना चाहिए जहा हर छोटा छोटा बीमारी का दावा मिल सके ओर सभी जिला स्थित हॉस्पिटल में अच्छी रख रखाव ओर दावा का बेबस्ता हो जिससे कि इन्शान अपने स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं से समाधान पा सके ओर इस से उनके आये पे भी कम असर पड़ेगा और सभी सरकारी स्कूल में प्राइवेट स्कूल के तर्ज पे पढ़ाई हो जिससे उनका बेस मजबूत हो ओर वो अपने फ्यूचर में कुछ कर सके ,
बिहार की सभी पार्टियों को एक साथ मिल कर ,बिहार के बेहतर भविष्य के लिए बिशेष राज्य की मांग करनी चाहिए ,क्योंकि हमेसा से कहा जाता है कि एक लाठी को कोई भी तोर सकता है लेकिन 10 को नही
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