Ram dairy farm Rajsthan
pet lover
भैंस पालन में 4 तरह के लोग हैं।
1. भूमिहीन किसान कामगार पशुपालक।
2. खेतिहर किसान पशुपालक।
3. जागरूक किसान पशुपालक।
4. तथाकथित नस्ल सुधारक पशुपालक।
1 और 2 नंबर वाले भैंस पालकों का जीवनयापन का जरिया हैं भैंस।
3 नंबर वाले किसान शांत तरीके से भैंस पालन करते हैं। नस्ल सुधार में इनका बहुत बड़ा योगदान है। ये लोग कभी कटडी बेचते नहीं कटडे पालते नहीं। इन्ही लोगों के दम पर भैंस पालन आगे बढ़ रहा है।
4 नंबर वाले 1,2,3 नंबर वाले किसानों की गाढी मेहनत का भरपूर फायदा उठाते हैं। ये कभी कटडी नहीं पालते सिर्फ कटडे पालते हैं । इनमें झूठ बोलने का जबरदस्त हुनर है। इनका मुख्य काम कटडा पालकर सीमन बेचने का है। ऊपर से ये सब गाढे मित्र है और निचे निचे एक दूसरे की टांग खींचने में पूरा जोर लगाते हैं।किसे नै पूंछ काट रखी है किसे नै सींगों में एम सील भर रखी है किसे नै माथे से सफेद बाल पाड़ रखे हैं। इनका नेटवर्क बड़ा जबरदस्त है। ये 1,2,3 नंबर वाले किसानों से भैंस लेकर तरह तरह के सप्लीमेंट खिलाकर 22-23 किलो वाली भैस को 27-28 किलो तक ले जाते हैं। डिजीटल कांडा इनके लिए वरदान है।
ये पोस्ट 1,2,3 नंबर के किसानों को सावधान करने के लिए है।
सीमन सिर्फ और सिर्फ Hldb का सबसे बेहतर है। hldb ने पिछले साल 16 लाख सीमन बेचे हैं।
किसी प्राइवेट बुल की कटडी ने 22-23लीटर दूध नहीं दिया। 22-23लीटर से ऊपर वाली सब भैंस hldb की पैदाईश है।
4 नंबर वालों का भविष्य 1,2,3 नंबर वालों पर टिका हुआ है।
1,2,3 नंबर वालों का दूर्भाग्य है कि 4 नंबर वाले इनकी भैंस सस्ते में खरीदते हैं और इनको दोगला सीमन महंगा देते हैं।
पोस्ट लाईक करो या ना करो पर अपने अपने गाम गुहांड आस पड़ोस को जागरूक करने का प्रण जरूर करो।
जागते रहो।
जगाते रहो।
Copy from Rajpal nain ji 's post
Copy @ कल का दिन गौप्रेमियों विशेषकर थार प्रेमियों के लिए बेहद दुःखद रहा।CCBF सूरतगढ़ में थार नस्ल संवर्धन में अहम भूमिका निभाने वाला बुल TH 7154 गौलोक चला गया।ये थार जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है।हालाँकि ये बुल अपनी भूमिका बहुत अच्छे से निभा चुका था फिर भी फ़ार्म से बाहर इससे अभी और उम्मीदें थी। बताया जा रहा है कि थार का नायब हीरा TH-7154 बुल तीन दिन से बुख़ार से पीड़ित था।बुख़ार नहीं उतर रहा था।फ़ार्म से नीलामी के बाद इससे सर्विस लेने के सब प्रयास विफल रहे।नीलामी में इस बुल की सेवा लेने वाले गौभक्तों ने नंदी महाराज की खूब सेवा की व सर्व संभव प्रयास किए।।हम इनके प्रयासों की प्रशंसा करते हैं।ये हमारा दुर्भाग्य है कि हमें इस बुल की सेवाओं से वंचित होना पड़ा।बहुत से गौपालकों के पास इस बुल की बेटियाँ हैं।मेरे पास भी है जिसमे से एक ने कुछ दिन पहले ही 21162 की बछड़ी को जन्म दिया है।इस बुल ने थारपारकर नस्ल को लगभग 20 लीटर दुग्ध क्षमता पर ला खड़ा किया है जिससे आगे के लिए एक बेहद अच्छा प्लेटफ़ार्म तैयार हो गया है।आशा है यह बुल व इसका वंश आगे थारपारकर नस्ल के संवर्धन में हमेशा याद किया जाता रहेगा।एक बेहद शानदार बुल 7154 को समस्त थार प्रेमियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।नंदी महाराज आप हमेशा याद किए जाते रहोगे।💐💐🙏 -शमशेर सिंह ढोल अरायण श्रीगंगानगर💐💐🙏
THARPARKAR BULL
TP:- 03
BICHHWAL `BIKANER
THARPARKAR LOVER 🔥🔥
😪😪😪 आज एक अनमोल रत्न हमे छोड़कर गौलौक चला गया
मेरा एक अलग हि लगाव था इस से
#ऐश्वर्या
Top Tharparkar bull 10003 full information video .......🔥
5 Star SAG TR-10003 थारपारकर बुल कि संपूर्ण जानकारी || #top #bloodline #tharparkar #sag #abs #kgsg SAG के बहुचर्चित थारपारकर नस्ल के TR 10003 बुल की संपूर्ण जानकारी ...
Murha
HLDB 8864 BULL RESULT FEMALE CALF ( सपना ) semean provided by sumit gurjar hisar
Tharparkar Beauty (Lakshmi) age 1.5 month
🎁🎁
Tp 20842 Bull Result ( Khushi)
Tharparkar 20842
थारपारकर नस्ल पर प्रकाश ji dholl की कलम से
कई दिन से थारपारकर की पहचान,बनावट, गुण व विशेषताओं की चर्चा चल रही है।कई वरिष्ठ गौपालकों ने नई जानकारी दी व ज्ञानवर्धन किया।उनका हार्दिक आभार।🙏
इस संबंध में काफी मित्रों के विचार जानने के बाद मैं भी कुछ विचार रख रहा हूं।चूंकि मैं इस क्षेत्र में नया व अनुभवहीन हूं तो कृपया मेरी बातों को अन्यथा ना लेना।बहुत से मित्रों के विचार निश्चित ही अलग होंगे।उनसे मैं विनम्रता पूर्वक क्षमा चाहूंगा।सभी से निवेदन रहेगा कि कृपया मेरी बातों को कोई भी भाई व्यक्तिगत ना ले।शमशेर सिंह ढोल🙏🙏
चर्चा old bloodline व नई bloodline को लेकर भी है।उसके बाद फिर ccbf सूरतगढ़, चांदन,हिसार,बीकानेर,जैसलमेर,पाकिस्तान आदि क्षेत्रों की थारपारकर को लेकर भी चर्चा चली।सभी के अपने अपने विचार हैं।।मैं किसी के विचारों को बदलना नहीं चाहता,बल्कि सच्चाई तो ये है कि बदल भी नहीं सकता।ssd।
पर मैं कहना चाहूंगा कि लिखे हुए पढ़े व अनुभव में हमेशा अंतर रहेगा।आप किसी भी जीव के बारे में लिखा हुआ पढ़कर बिल्कुल वैसा ही जीव वास्तविक रूप से अनुभव नहीं कर पाओगे।हालांकि लिखे को नकारा नहीं जा सकता पर वास्तविकता वास्तव में अलग होती है।मेरे ख्याल से विभिन्न किताबों में किसी भी जीव की सामान्य या कॉमन शारीरिक विशेषताएं ही बताई जाती हैं।किसी भी बिंदु पर एकदम कठोर नहीं हुआ जा सकता।आखिर प्रकृति भी कोई चीज है।कोई भी प्रजाति अपनी संतति zerox,फ़ोटो कॉपी या क्लोन नहीं पैदा करती।एक ही माँ बाप की संतानें भी भिन्नता रखती है।यही कुदरत का नियम है।रही बात थारपारकर की या अन्य नस्लों की तो सबको पता है कि बदलाव प्रकृति का नियम है और कोई भी नस्ल चंद सालों में नहीं विकसित हुई है।ये सैंकड़ों हजारों सालों की सतत प्रक्रिया का ही परिणाम है।कुछ भाइयों का विचार था कि old bloodline की गाय ही बेस्ट है।तो कहना चाहूंगा कि स्थायित्व किसी मे नहीं होता।बदलाव तो शाश्वत सत्य है।किसी नस्ल की विशेषताएं वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार ही विकसित होती हैं।विभिन्न क्षेत्रों के जीवों की प्रकृति, स्वभाव व गुण दोष आदि वहां के मौसम व वातावरण के अनुकूल ही तो होंगे।जीव विज्ञान के अनुसार यही तो अनुकूलन है।जीव वहां की परिस्थितियों के हिसाब से ही अपने को ढालते हैं।जब पुरानी परिस्थितियां ही नहीं रही तो थारपारकर कैसे पुरानी रहेगी।अब थारपारकर परिस्थितियों के अनुकूल अपने को ढालेगी तो क्या शारीरिक बदलाव नहीं करेगी।जैसलमेर जैसे गर्म,शुष्क व रेतीले प्रदेश की गाय ठंडे,नमीयुक्त व कठोर जमीन या पहाड़ी इलाके में जाएगी तो क्या उनमे वहां की परिस्थितियों में एडजस्ट होने के लिए बदलाव नहीं होगा।भाई जो गाय जिस प्रदेश की है उसकी शारीरिक विशेषताएं भी उसी के अनुसार होंगी।ssd।
अब आते हैं अपनी भूमिका पर।हमने कुदरत पर तो कुछ छोड़ा नहीं है।सब अपनी सुविधानुसार बदलाव चाहते हैं।किताबों में तो लिखा है कि थारपारकर की दुग्ध क्षमता 1500-1700 लीटर की है व ये ड्यूल परपज की गाय है।अब जब हम दूध 5000,6000 लीटर लेना चाहते हैं तो क्या वो बिना शारीरिक बदलाव के संभव है?पुरानी थारपारकर ने अपनी विशेषताएं रेत पर चलने व रूखा सूखा खाकर जीवन निर्वाह के लिए विकसित की थी।ये मीलों रेत पर चलती थी तो बॉडी फैट कम होता था।टाँगें मजबूत होती थी अब जब थारपारकर को कहीं चलना ही नहीं है तो फैट बढ़ेगा,चमड़ी मोटी होगी व टाँगे पहले की तरह कैसे मजबूत रहेंगी?अब जैसलमेर की गाय तमिलनाडु में जाए और अपने आपको बदले भी ना।ये कैसे होगा?
एक बात और। ब्रीडिंग का क्या मतलब है?सुधार करना ही तो है।यदि बदलाव ही नहीं करना है तो फिर ब्रीडिंग का क्या मतलब रह गया।एक व्यक्ति अपने घर के लिए गाय लेगा तो वो औसत दूध क्षमता की सुंदर गाय लेगा व वैसी ही विकसित करने की कोशिश करेगा।दूसरा व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए गाय लेगा तो वो सुंदरता के साथ समझौता करके ज्यादा दूध की गाय लेगा।ssd।
हमारे पास सीमित संसाधन है।सीमित थारपारकर हैं।तो उन्ही गिनी चुनी गायों को लेकर ही आगे जाना होगा।यदि बारीकी में जाएंगे तो बहुत से पशुपालक विशेषकर नए वाले निराश हो जाएंगे।वो अपनी थारपारकर में कमियां ढूंढने लगेंगे।इसीलिए अनुभवी विशेषज्ञ चुप है।मैं ये नहीं कह रहा कि थारपारकर की पहचान या विशेषताओं की चर्चा ना हो पर मुझे लगता है कि पहचान अनुभव का मामला है।सिर्फ किताब देखकर बात नहीं बनेगी।सैंकड़ों थारपारकर को देखना पड़ेगा फिर मन में थारपारकर की एक छवि बनती है।फिर देखते ही पहचान होती है कि इसे थारपारकर कहा जा सकता है।आज की तारीख में पशुपालको के पास उतनी शुद्ध थारपारकर नहीं है कि अत्यंत बारीकी में जाकर ब्रीडिंग की जाए।अब हमारे पास विकल्प क्या है?जिस भाई के पास जो भी थारपारकर है वो अच्छे सीमेन का प्रयोग करता रहे।तीन चार पीढ़ियों के बाद अपेक्षित थारपारकर आपके पास होगी।फिर देखेंगे कि कौनसे करैक्टर चाहिये या नहीं चाहिए।
इस चर्चा में कई बार अनुभवी लोगों पर आरोप भी लगाए गए कि वे जानबूझकर थारपारकर की पहचान नहीं बता रहे।उनकी मंशा पर भी सवाल उठाए गए।यदि वे पहचान की चर्चा में भाग ले भी लेते तो भी उन पर आरोप लगते कि ये अपने हिसाब से अपनी गायों के आधार पर पहचान बता रहे हैं।कई लोगों पर गाय का बिज़नेस करने का भी आरोप लगाया।क्या बिज़नेस करना बुरी बात है?यदि सही तरीके से कोई गाय खरीद बेच रहा है तो गलत क्या है?बिना बिजनेस किये थारपारकर जैसलमेर से तमिलनाडु पहुंच जाती क्या?थारपारकर ढूंढने में समय व पैसा खर्च होता है।तपती लू में घूमना पड़ता है।अब जिसको घर बैठे गाय मिल रही है तो वो कुछ पैसे ज्यादा क्यों ना दे।कह देना चाहता हूं कि मैं कोई खरीद बेच नहीं करता बस कुछ दोस्तों/मित्रों की रिक्वेस्ट पर गाय देता हूं, वो भी अपनी इच्छा से।ना ही किसी व्यापारी का समर्थन करना मेरा उद्देश्य है।पर सच्चाई यही है।
कोई कुछ भी कहे, पर ये वास्तविकता व सच्चाई है कि हमें उन सरकारी फार्मो की गायों को शुद्ध मानना ही पड़ेगा जो बहुत सालों से ब्रीडिंग पर काम कर रहे हैं।इसके अलावा और प्रमाणिकता का आधार भी तो नहीं है।अब मेरी बात ही लो,मेरे पास तीन सरकारी थारपारकर ब्रीडिंग फार्मों की व बाहर की(जिसको मैं अपनी निगाह में थार मानता हूं)थारपारकर रही है व हैं।चारों में दिखाई देने योग्य अंतर भी है पर प्रामाणिक रिकॉर्ड के अनुसार शुद्ध थार भी हैं।अब बताओ कि किसी नए पशुपालक को चारों को प्रत्यक्ष दिखाए बिना सिखाया जा सकता है?सफेद रंग की अन्य नस्लों से तुलना किये बिना अंतर को कैसे समझाया या स्पष्ट किया जा सकता है?थारपारकर की पहचान करते समय सफेद रंग की अवर्णित,हरियाणा,कांकरेज,नागौरी,मालवी,गंगातीरी आदि नस्ल कंफ्यूजन पैदा करती हैं।इन सबकी फ़ोटो को सामने रखकर हर बिंदु का अंतर दिखाया जाएगा तभी पहचान करना सीखा जा सकता है।वरना सभी नस्लों के अंग तो समान ही होते हैं बस बनावट व स्थिति में थोड़ा हेरफेर होता है।इनके बिना कुछ बताया जाता तो भ्रम फैलाया जाना माना जाता।जैसे किसी भी जीव में कुछ करैक्टर ऐसे होते है जो उसको define परिभाषित करते है और कुछ करैक्टर ऐसे होते हैं यदि वो ना हो तो उसको कैटेगिरी से बाहर माना जाता है।थारपारकर के संबंध में हंप,नेवल फ्लैप,पूंछ की लंबाई,रम्प आदि महत्वपूर्ण होते हैं पर किसी ने चर्चा नहीं की।जैसे यदि पूंछ की लंबाई साहीवाल की तरह घुटनो से ज्यादा लंबी है व जमीन को टच करती है तो बाकी करैक्टर पीछे हट जाएंगे,थार कैसे मानेंगे।
तो कहना चाहूंगा कि अभी बिना किसी बिंदु पर दृढ़ हुए थोड़ी रिलैक्सेशन देकर थारपारकर पर ब्रीडिंग का कार्य किया जाना चाहिए।जैसे जैसे पहली,दूसरी,तीसरी पीढ़ी में सीमेन रखते जाएंगे,थारपारकर की पहचान होती/बनती जाएगी।
अंत मे यही कहना चाहूंगा कि समय, भौगोलिक परिस्थितियों व वातावरण के अनुसार परिवर्तन होंगे ही होंगे।यही अटल सत्य है।भले वो मानव ही क्यों ना हो।जब सभी मे परिवर्तन स्वीकार्य है तो थार में क्यों नहीं।जीव विज्ञान में बताया जाता है कि जिराफ की गर्दन पहले छोटी होती थी।बाद में अनुकूलन के चलते लंबी हो गई।अब मैं चाहूं कि पुरानी bloodline का छोटी गर्दन वाला जिराफ चाहिए तो कैसे होगा?
ये मेरे निजी विचार हैं।असहमति की स्थिति में क्षमाप्रार्थी रहूंगा।बहुत ही नेकदिल सभी ग्रुप मेंबर्स इसे अन्यथा नहीं लेंगे,इसी आशा के साथ।
🙏🙏शमशेर सिंह ढोल।🙏🙏
tharparkar 21162 bull रिजल्ट
TP 21162
♥️
# LDF JAFRABADI BULL.
PDFA CLICK 📸
TH 10002 RESULT FEMALE CALF
SAG-Superior Animal Genetics
THARPARKAR 10002,SAG THARPARKAR BULL, TH SAG 10002
TR -21159
SAG THARPARKAR BULL, sag 21159 bull ,Tharparkar bull sag
SOURCE of semean:- SAG-Superior Animal Genetics
🙏🙏🙏🙏
Pure tharparkar for sale :-9079061897
6 month 1 day pregnant. :-
Service bull kgsg *Inder*
Milk 13-14 litr day (dry)
4 th time pregnant
इसके पहले ओर दूसरे ब्यान्त की बछड़ियो की फ़ोटो साथ मे दी हुई है तीसरी बार भी बछड़ी है
Location:- Near gogamedi Rajasthan
Price 40000
**सरदार शमशेर सिंह ढोल जी की कलम से 9509388111***
किसी भी ब्रीड के उत्थान व संवर्धन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।आप कैसे बच्चे या नस्ल लेना चाहते है ये बुल पर ही ज्यादा निर्भर है।इसलिए इस बिंदु पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।एक अच्छा नंदी पूरी डेयरी/गौशाला की किस्मत बदल सकता है।
वैसे तो बुल तैयार करने की प्रक्रिया जन्म के साथ ही हो जानी चाहिए पर कुछ ज्यादा अनुभवी व होशियार पशुपालक जन्म से पहले ही तैयारी रखते हैं।उसके लिए अच्छे रिकॉर्ड वाली गाय में वांछित सीमेन रखते हैं।सामान्यतः देखा गया है कि बछड़े के जन्म के समय उसकी सुंदरता को देखकर उसको बुल बनाने का विचार कर लेते हैं पर जन्म के समय तो सभी बछड़े सुंदर व मासूम/प्यारे ही दिखते हैं।
आज के समय चूंकि रिकार्डेड व सिलेक्टेड बुल के सीमेन की उपलब्धता लगभग पूरे देश मे है और बिना सोचे समझे देखा देखी कुछ ही बुल्स का सीमेन ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है तो भविष्य में घाल मेल हो जाएगा यदि उनके बच्चों का रिकॉर्ड ना रखा तो।
इसलिए भविष्य के लिए बुल्स तैयार करते समय लंबी योजना बनानी होगी।
यदि वास्तव में नस्ल सुधार करने के लिए नंदी तैयार करने है तो कुछ ग्रुप बनाकर अलग अलग बुल्स के सीमेन लगाने होंगे।ताकि ज्यादा लाइन के ऑप्शन रहें।हां निजी हित के लिए कोई नंदी तैयार करे तो बात अलग है।क्योंकि देखा गया है कि कुछ जल्दबाजी वाले लोग बिना सीढी के ही टॉप पर पहुंचने की जल्दी में हैं।
एक सीमेन कंपनी के पास शायद 6 या 7 बुल एक ही sire S34 के हैं।बताओ ऑप्शन कहां रहा?भविष्य में अलग लाइन का क्या होगा।
अपनी गाय के लिए उचित बुल के सीमेन का चयन एक जटिल काम है।यदि आसान भाषा मे कहा जाए तो ये देखना होता है कि गाय में जो कमी दिख रही है या जो गुण आप चाहते हैं कि आगे बच्चों में आये उसी के अनुरूप बुल ढूंढना होगा।यदि उपलब्ध हो सके तो बुल की बछड़ियों का रिकॉर्ड देखो।जैसे उनका दूध,udder क्वालिटी,थन व अन्य गुण।बुल किस गुण को ज्यादा उभारता है या अगली पीढ़ी में ट्रांसफर करता है।
भैंस की जानकारी मालिक के अनुसार है
Contact direct farmer:-:--:
For sale .... 🐃🐃🐃
Lactation ... 3rd.
Pregnant by ... HLDB bull.
Milk capacity ... 13 - 14 kg.
Location ... Hanumangarh Rajasthan.
Price ... 1.10 lakh.
Owner number ... 9772516188
Tharparkar bull 10003
TR 10003'
SAG-Superior Animal Genetics
Tharparkar bull TR 21199
bull
#21199 bull
THARPARKAR BULL :- 40160
थारपारकार ,THAR
BULL RT 8607
Share with friends******👌👍😊
RATHI BULL SEMEAN
Tharparkar bull :- TR 20841
#20841 BULL
Click here to claim your Sponsored Listing.
Videos (show all)
Category
Contact the public figure
Website
Address
Nathwaniya
Nohar
335504
Name Rohitash Kumae Saharan Ward No 07
Nohar, 335523
सभी प्रकार के ट्रैक्टरों के शॉर्ट वीडियो आपको देखने को मिलेंगे इस पेज पर दोस्तों पेज को फॉलो जरूर करे
Vpo Ujjalwas
Nohar, 335504
❤️LovE Doesn’T 😊 HappeN It’s JusT A🥰 FeelinG {🫣YoU Don’T HavE AnY oF YouR OwN, EveryonE iS🫡 MeaN}
Nohar
Journey into the historical grandeur and cultural richness of Hanumangarh with Hanumangarh Heights your digital portal to the majestic forts, ancient temples, and vibrant traditio...
Nohar
khichar agro farm पशुपालन संबंधित पूरी जानकारी के लिए पेज को फॉलो करें और लाइक कमेंट जरुर करें