Brigadier Pravin Kumar, retd, Social Worker
I invite positive thoughts for uplifting society(poor & youth) & their partnership in politics
बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह भारत रत्न के प्रबल हकदार
१. बिहार के लिए २३ जनवरी २४ का दिन लगातार दूसरा ऐतिहासिक दिन रहा जब २२ जनवरी को श्री रामचन्द्र जी की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् अगले दिन ही बिहार के जननायक स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा हुई। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का यह कदम सर्वथा सराहनीय, व स्वागत योग्य है। मेरे विचार में इसका स्वागत सभी वर्गों के, सभी पार्टियों के लोगों ने पार्टी, जाति और धर्म की लाइन से उपर उठकर सर्व सम्मति से किया है। आज के परस्पर मतभेद के वातावरण में यह भी एक सुखद आश्चर्य है कि सरकार द्वारा किसी लिए गए कदम का विपक्ष ने भी स्वागत किया हो। अब यह स्वागत चाहे दिल से किया गया हो या फिर किसी राजनीतिक मजबूरी का परिणाम हो, है तो सुखद ही व प्रशंसनीय भी।
२. आजकल के वातावरण में उच्चतम ईमानदारी और वास्तविक जनकल्याण की भावना से ओत-प्रोत व्यक्तित्व शायद ही देखने और सुनने को मिले। किंतु स्वतंत्रता संग्राम और बाद के कुछ दशकों तक ऐसे व्यक्तित्व वाले युग-पुरुषों का अनायास ही प्रादूर्भाव हो जाया करता था। बिहार प्रदेश और भारत के इतिहास के एक ऐसे ही उल्लेखनीय शख्सियत थे - श्री कृष्ण सिंह - जो बिहार के प्रथम प्रिमियर व मुख्यमंत्री बने। राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनका असाधारण नेतृत्व और बिहार के भाग्य को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका उन्हें वास्तव में देश रत्न की प्रतिष्ठित उपाधि का हकदार बनाती है।
३. 21 अक्टूबर 1887 को जन्मे श्रीकृष्ण सिंह भारत की आजादी की लड़ाई में एक योद्धा के रूप में उभरे। इस उद्देश्य के प्रति उनका समर्पण स्पष्ट था क्योंकि उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। विपरीत परिस्थितियों में सिंह के लचीलेपन और साहस ने उन्हें असाधारण योग्यता वाले नेता के रूप में चिह्नित किया है।
४. श्रीकृष्ण सिंह को जो बात वास्तव में अलग करती है, वह है बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उनका उल्लेखनीय कार्यकाल। बिहार केसरी" डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्री बाबू) भारत के अखंड बिहार राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री (1946–1961) थे। उनके शासनकाल में बिहार में उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में की उल्लेखनीय कार्य हुये। उनमें आजाद भारत की पहली रिफाइनरी- बरौनी ऑयल रिफाइनरी, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना- सिन्दरी व बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना-भारी उद्योग निगम (एचईसी) हटिया, देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट-सेल बोकारो, बरौनी डेयरी, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड-गढ़हरा, आजादी के बाद गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क पुल-राजेंद्र पुल, कोशी प्रोजेक्ट, पुसा व सबौर का एग्रीकल्चर कॉलेज, बिहार, भागलपुर, रांची विश्वविद्यालय इत्यादि जैसे अनगिनत उदाहरण हैं। उनके शासनकाल में संसद के द्वारा नियुक्त फोर्ड फाउंडेशन के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री श्री एपेल्लवी ने अपनी रिपोर्ट में बिहार को देश का सबसे बेहतर शासित राज्य माना था और बिहार को देश की दूसरी सबसे बेहतर अर्थव्यवस्था बताया था।
५. जमींदारों की जाति के होते हुए भी जमींदारी उन्मूलन में अग्रणी भूमिका निभाने के अलावा प्रसिद्ध देवघर मंदिर में दलितों को प्रवेश करवाने में भी श्री बाबू ने अपना नेतृत्व दिया था जो दलितों के उत्थान और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
६. शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का उदाहरण विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना थी, जिसने एक अधिक प्रबुद्ध बिहार की नींव रखी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य की समग्र समृद्धि के लिए किसानों को सशक्त बनाने के महत्व को पहचानते हुए कृषि सुधारों में प्रगति की।
७. जब हम श्रीकृष्ण सिंह की विरासत पर विचार करते हैं, तो हमें एक ऐसा नेता मिलता है जिसका जीवन लोगों और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित था। उनका योगदान उनके समय से कहीं आगे तक फैला है, जिसने बिहार के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
८. अतएव, मैं यह जोर देकर कहना चाहूंगा और केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि श्री कृष्ण सिंह (श्री बाबू) को देश रत्न से सम्मानित कर बिहार केसरी को उनका समुचित हक़ दें, क्योंकि उन्होंने वास्तव में एक राष्ट्रीय नायक की भावना को मूर्त रूप दिया। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहा है, और हमारे प्यारे प्रदेश एवं राष्ट्र की बेहतरी के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी को उत्प्रेरित करता रहा है।
९. मेरे विचार में जिन्हें अभी तक भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, वे सभी पूर्णतः हकदार हैं तभी देश ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है। परन्तु, श्री कृष्ण सिंह जी को इससे वंचित रखना, सर्वथा अन्याय है। अगर तुलनात्मक समीक्षा की जाय, तो श्री बाबू की शख्सियत कुछ सम्मानितों से दो पायदान ऊपर ही पाया जाएगा। अतः जातिय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन को परे रखकर सिर्फ और सिर्फ योग्यता को आधार बनाकर बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह जी को "भारत रत्न" प्रदान करके केन्द्र सरकार इस सम्मान की गरिमा को ही बढ़ाने का काम करेगी।
धन्यवाद। जय हिन्द।
ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार, सेवानिवृत्त।
संरक्षक, भारतीय पूर्व सैनिक संघ, बिहार।
Follow the honour Code and observe the highest level of Integrity.
Click here to claim your Sponsored Listing.
Category
Contact the organization
Telephone
Website
Address
Furniture Studio, Opposite St Keren's Senior Secondary School, Khagaul Road, Near SSB Camp, Danapur
Patna
801503