Insoul-T India
Insoul-T Research Of Modern Era
Medical Mitra Card के लिये आज ही संपर्क करें।
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
https://whatsapp.com/channel/0029VaaJsPN3LdQYB1KVGq0z
Join Us For weekly update
Medical Mitra Card|
मेडिकल मित्र कार्ड सुविधा, रोगी को रोग विशेषज्ञ तक पहुंचाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम।Registered Medical Practitioner & Patient दोनों के लिये सुव्यवस्थित उपक्रम है। जिसका हजारों लोग ले रहे है लाभ।
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
मानव प्रजाति इस प्रथ्वी की ईश्वर के द्वारा वनायी हुई सवसे अनमोल कृति है।
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
Medical Mitra Card "सुव्यवस्थित मार्गदर्शन ही अच्छे स्वास्थ्य का निर्माण कर सकता है।"
मेडिकल मित्र कार्ड सुविधा, रोगी को रोग विशेषज्ञ तक पहुंचाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम।Registered Medical Practitioner & Patient दोनों के लिये सुव्यवस्थित उपक्रम है। जिसका हजारों लोग ले रहे है लाभ।
For more Contact us at 063981 47738
Medical Mitra Card Insoul-t "Medical Mitra Card" Scheme works under "Rights to Human health" "Indian Constitution Articals & DPSP Articals."
एक सुव्यवस्थित मार्गदर्शन ही अच्छे भविष्य का निर्माण करता है।
इंसौल-टी इंडिया।
इंसौल-टी इंडिया के सभी शुभचिंतकों का ये सम्मान दिलाने के लिये वहुत वहुत आभार। ❤️🙏
समझोगे तभी जानोगे।
*इसौल-टी को रात्रि के सोते समय प्रयोग मै लाया जाता है।*
*इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।*
*विना किसी दवाई के।*
*यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।*
*समस्याएं जैसे।*
*1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।*
*2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।*
*3-लिवर का कमजोर हो जाना।*
*4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।*
*5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।*
6- शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसान से वचाव करता है।
*क्या है डायबिटीज*,
*जानिए इसके लक्षण और बचाव के*
*उपाय सहित पूरी जानकारी*
*क्या है डायबिटीज*
मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है। ये बीमारी अनुवाशिंक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है। मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है। ऐसे में इसकी जांच कर लेवल का पता लगाते रहना चाहिए । अगर मधुमेह का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा कम हो जाए, तो दोनों ही स्थिति में मरीज की सेहत पर खतरा मंडराता है। ये दोनों ही स्थितियां जानलेवा मानी जाती हैं।
डायबिटीज क्या है? जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है। जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खा रहे हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। इसके लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं और कई घरेलू नुस्खे भी हैं, जिनकी मदद से मधूमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
तो चलिए अब शुगर के लक्षण मतलब ब्लड शुगर के लक्षण के बारे में जान लेते हैं-
अधिक प्यास लगना
अधिक पेशाब आना
अधिक भूख लगना
वजन कम होना
अगर मामला गंभीर है, तो ये लक्षण भी दिख सकते हैं-
बेहोशी आना
दौरा पड़ना
व्यवहारिक बदलाव
मधुमेह का लेवल उन मरीजों में कम होता है, जो आमतौर पर डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 से जूझ रहे होते हैं। हालांकि इस बीमारी के अधिकतर मामले हलके और सामान्य ही होते है, ना कि इमरजेंसी वाले।
डायबिटीज के विभिन्न अंगो पर क्या असर होता हैं?
तो चलिए अब ज्यादा ब्लड शुगर के असर के बारे में जान लेते हैं-
आंखों पर प्रभाव पड़ना– अगर लंबे वक्त तक ब्लड ग्लूकोज का लेवल अधिक रहे, तो इसकी वजह से आंखों के लेंस में अवशोषण हो सकता है। यानी आंखों पर प्रभाव पड़ने लगता है। इससे आंखों के आकार और नजर में बदलाव आता है।
डायबिटिक डर्माड्रोम– मधुमेह की वजह से त्वचा पर चकत्ते होने लगते हैं।
डायबिटीज कीटोएसिडोसिस– इसका मतलब मेटाबोलिक प्रोसेस में होने वाली गड़बड़ी से है। जिसकी वजह से उलटी, पेट दर्द, घबराहट, गहरी सांस और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है। डायबिटीज के टाइप-1 से जूझ रहे लोग इसका अनुभव कर सकते हैं।
पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी- ये स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। जिससे नसों को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसी हालत में मरीज को लगता है कि उसके पैरों में सुई चुभ रही है। यानी पैरों में एक अलग तरह की झनझनाहट होती है और चलने में दिक्कत आने लगती है।
डायबिटीज रेटिनोपैथी– मधुमेह की इस स्थिति में आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। जिससे रेटिना के भीतर स्थित ब्लड वेसल डैमेज हो सकते हैं। इसके कारण ब्लाइंडनेस का जोखिम बढ़ जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य- टाइप-2 डायबिटीज की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से मरीज डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए खून में शुगर का लेवल सही मात्रा में होना जरूरी हो जाता है।
ह्यापरसोमोलर नॉन-केटोटिक स्टेट – ये स्थिति भी टाइप-2 डायबिटीज के मरीज में ही देखने को मिलती है। इसके पीछे की वजह पानी की कमी भी होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीज को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। इसी कमी के कारण दूसरी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। तो चलिए अब शुगर के लक्षण और इलाज के बारे में जान लेते हैं।
डायबिटीज के लक्षण और उपाय क्या हैं?
डायबिटीज के लक्षण और निदान के बारे में जानना मरीजों के लिए बहुत जरूरी है। ताकि मधुमेह की वक्त पर पहचान हो सके और इसका इलाज भी हो सके । मधुमेह के मरीज का मीठा खाने का अधिक मन करता है तो ऐसे में परिवार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह मीठा ना खाए. इसके साथ ही जीवनशैली का भी पूरी तरह ध्यान रखना चाहिए।
अब मधुमेह के लक्षण के बाद इसके इलाज के बारे में जान लेते हैं-
मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के जरिए खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाता है। ताकि इससे होने वाली जटिलताओं को रोका जा सके।
पोषण– डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 में ना केवल खाने से जुड़ी जानकारी का ध्यान रखना होता है, बल्कि इस बात पर भी जोर देना होता है कि खाना कब और कितना खाना चाहिए।
शारीरिक गतिविधि– डायबिटीज के टाइप-2 से बचाव के लिए शारीरिक गतिविधियां करना जरूरी होता है। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही हृदय रोग और ब्लड शुगर से जुड़ी जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है।
दवाएं– टाइप-2 डायबिटीज के मरीज के लिए केवल शरीरिक गतिविधि और स्वस्थ खाने का सेवन करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि उन्हें दवाओं का सेवन भी करना |
यह भी पढ़ें : कैसे करें डायबिटीज का प्रबंधन, जानें डायबिटीज और हृदय का सम्बन्ध
मधुमेह के कारण क्या हैं-
टाइप 1 मधुमेह के कारण- प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। जबकि कुछ लोगों के जीन इस मामले में भूमिका निभाते हैं। जिसके चलते इन्सुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण- इसके पीछे का कारण इन्सुलिन प्रतिरोध होता है। इसे अनुवांशिकी और जीवनशैली के कारकों का संयोजन भी कहते हैं। जैसे मोटापा होने से मधुमेह के इस प्रकार का खतरा बढ़ जाता है।
शुगर लेवल में वृद्धि के लक्षण क्या हैं-
शर्करा के स्तर में वृद्धि हुई लक्षण इस प्रकार हैं-
वजन घटने लगता है
बार-बार प्यास लगती है
पानी ना पीने पर भी यूरिन की मात्रा कम हो सकती है
हाथ या पैर में सुन्नता आ जाती है
जल्दी थकान हो जाती है
मधुमेह को खतरनाक बीमारी माना जाता है। इससे बचने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। साथ ही जीवनशैली भी सही होनी चाहिए।
Everyone
*इसौल-टी को रात्रि के सोते समय प्रयोग मै लाया जाता है।*
*इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।*
*विना किसी दवाई के।*
*यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।*
*समस्याएं जैसे।*
*1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।*
*2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।*
*3-लिवर का कमजोर हो जाना।*
*4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।*
*5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।*
6- शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसान से वचाव करता है।
*क्या है डायबिटीज*,
*जानिए इसके लक्षण और बचाव के*
*उपाय सहित पूरी जानकारी*
*क्या है डायबिटीज*
मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है। ये बीमारी अनुवाशिंक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है। मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है। ऐसे में इसकी जांच कर लेवल का पता लगाते रहना चाहिए । अगर मधुमेह का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा कम हो जाए, तो दोनों ही स्थिति में मरीज की सेहत पर खतरा मंडराता है। ये दोनों ही स्थितियां जानलेवा मानी जाती हैं।
डायबिटीज क्या है? जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है। जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खा रहे हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। इसके लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं और कई घरेलू नुस्खे भी हैं, जिनकी मदद से मधूमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
तो चलिए अब शुगर के लक्षण मतलब ब्लड शुगर के लक्षण के बारे में जान लेते हैं-
अधिक प्यास लगना
अधिक पेशाब आना
अधिक भूख लगना
वजन कम होना
अगर मामला गंभीर है, तो ये लक्षण भी दिख सकते हैं-
बेहोशी आना
दौरा पड़ना
व्यवहारिक बदलाव
मधुमेह का लेवल उन मरीजों में कम होता है, जो आमतौर पर डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 से जूझ रहे होते हैं। हालांकि इस बीमारी के अधिकतर मामले हलके और सामान्य ही होते है, ना कि इमरजेंसी वाले।
डायबिटीज के विभिन्न अंगो पर क्या असर होता हैं?
तो चलिए अब ज्यादा ब्लड शुगर के असर के बारे में जान लेते हैं-
आंखों पर प्रभाव पड़ना– अगर लंबे वक्त तक ब्लड ग्लूकोज का लेवल अधिक रहे, तो इसकी वजह से आंखों के लेंस में अवशोषण हो सकता है। यानी आंखों पर प्रभाव पड़ने लगता है। इससे आंखों के आकार और नजर में बदलाव आता है।
डायबिटिक डर्माड्रोम– मधुमेह की वजह से त्वचा पर चकत्ते होने लगते हैं।
डायबिटीज कीटोएसिडोसिस– इसका मतलब मेटाबोलिक प्रोसेस में होने वाली गड़बड़ी से है। जिसकी वजह से उलटी, पेट दर्द, घबराहट, गहरी सांस और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है। डायबिटीज के टाइप-1 से जूझ रहे लोग इसका अनुभव कर सकते हैं।
पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी- ये स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। जिससे नसों को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसी हालत में मरीज को लगता है कि उसके पैरों में सुई चुभ रही है। यानी पैरों में एक अलग तरह की झनझनाहट होती है और चलने में दिक्कत आने लगती है।
डायबिटीज रेटिनोपैथी– मधुमेह की इस स्थिति में आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। जिससे रेटिना के भीतर स्थित ब्लड वेसल डैमेज हो सकते हैं। इसके कारण ब्लाइंडनेस का जोखिम बढ़ जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य- टाइप-2 डायबिटीज की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से मरीज डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए खून में शुगर का लेवल सही मात्रा में होना जरूरी हो जाता है।
ह्यापरसोमोलर नॉन-केटोटिक स्टेट – ये स्थिति भी टाइप-2 डायबिटीज के मरीज में ही देखने को मिलती है। इसके पीछे की वजह पानी की कमी भी होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीज को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। इसी कमी के कारण दूसरी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। तो चलिए अब शुगर के लक्षण और इलाज के बारे में जान लेते हैं।
डायबिटीज के लक्षण और उपाय क्या हैं?
डायबिटीज के लक्षण और निदान के बारे में जानना मरीजों के लिए बहुत जरूरी है। ताकि मधुमेह की वक्त पर पहचान हो सके और इसका इलाज भी हो सके । मधुमेह के मरीज का मीठा खाने का अधिक मन करता है तो ऐसे में परिवार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह मीठा ना खाए. इसके साथ ही जीवनशैली का भी पूरी तरह ध्यान रखना चाहिए।
अब मधुमेह के लक्षण के बाद इसके इलाज के बारे में जान लेते हैं-
मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के जरिए खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाता है। ताकि इससे होने वाली जटिलताओं को रोका जा सके।
पोषण– डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 में ना केवल खाने से जुड़ी जानकारी का ध्यान रखना होता है, बल्कि इस बात पर भी जोर देना होता है कि खाना कब और कितना खाना चाहिए।
शारीरिक गतिविधि– डायबिटीज के टाइप-2 से बचाव के लिए शारीरिक गतिविधियां करना जरूरी होता है। इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही हृदय रोग और ब्लड शुगर से जुड़ी जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है।
दवाएं– टाइप-2 डायबिटीज के मरीज के लिए केवल शरीरिक गतिविधि और स्वस्थ खाने का सेवन करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि उन्हें दवाओं का सेवन भी करना |
यह भी पढ़ें : कैसे करें डायबिटीज का प्रबंधन, जानें डायबिटीज और हृदय का सम्बन्ध
मधुमेह के कारण क्या हैं-
टाइप 1 मधुमेह के कारण- प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। जबकि कुछ लोगों के जीन इस मामले में भूमिका निभाते हैं। जिसके चलते इन्सुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण- इसके पीछे का कारण इन्सुलिन प्रतिरोध होता है। इसे अनुवांशिकी और जीवनशैली के कारकों का संयोजन भी कहते हैं। जैसे मोटापा होने से मधुमेह के इस प्रकार का खतरा बढ़ जाता है।
शुगर लेवल में वृद्धि के लक्षण क्या हैं-
शर्करा के स्तर में वृद्धि हुई लक्षण इस प्रकार हैं-
वजन घटने लगता है
बार-बार प्यास लगती है
पानी ना पीने पर भी यूरिन की मात्रा कम हो सकती है
हाथ या पैर में सुन्नता आ जाती है
जल्दी थकान हो जाती है
मधुमेह को खतरनाक बीमारी माना जाता है। इससे बचने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। साथ ही जीवनशैली भी सही होनी चाहिए।
Everyone Science, Tech and Universe CMG Hindi
आधुनिक युग की व्यवस्थित प्रणाली।
डायविटीज रिवर्स करने की सुव्यवस्थित प्रणाली।
आइंस्टीन के जो ड्राइवर थे, उन्होंने एक दिन आइंस्टीन से कहा- " सर,आप हर सभा में जो भाषण देते हैं, वह मैंने याद कर लिया है।''
-आइंस्टीन हैरान रह गये!
फिर उन्होंने कहा, "ठीक है, मैं अगली बैठक में जहां जा रहा हूं, वे मुझे नहीं जानते, आप मेरे स्थान पर भाषण दीजिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।"
- ऐसे ही हुआ अगले दिन बैठक में ड्राइवर मंच पर चढ़ गई और ड्राइवर ने हूबहू आइंस्टीन की भाषण देने लगा....
दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं. फिर वे यह सोचकर गाड़ी के पास आए कि ड्राइवर आइंस्टीन है।
- तभी एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा, ''सर, रिश्तेदार ने क्या कहा, क्या आप एक बार फिर संक्षेप में बताएंगे?''
- असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा !!
इस बार ड्राइवर पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वह हैरान रह गये....
ड्राइवर ने उत्तर दिया. -"क्या यह साधारण बात आपके दिमाग में नहीं आई?
मेरे ड्राइवर से पूछिए वह आपको समझाएंगे "
नोट : "यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं, तो आप भी बुद्धिमान बनेंगे और मूर्खों के साथ ही सदा उठेंगे-बैठेंगे तो आपका मानसिक तथा बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भांति हो जाएगी..!!
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।
विना किसी दवाई के।
यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।
समस्याएं जैसे।
1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।
2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।
3-लिवर का कमजोर हो जाना।
4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।
5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।
6-शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसानों से वचाता है।
सौजन्य सेः
इंसौल-टी ,इंसौल-टी परिवार के समस्त चिकित्सक 😊🙏
हमारा पता :- इंसौल-टी इंडिया , क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय के सामने, ब्लॉक रोड पूरनपुर, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, 262122
Helpline:- 063981 47738
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।
विना किसी दवाई के।
यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।
समस्याएं जैसे।
1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।
2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।
3-लिवर का कमजोर हो जाना।
4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।
5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।
6-शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसानों से वचाता है।
सौजन्य सेः
इंसौल-टी ,इंसौल-टी परिवार के समस्त चिकित्सक 😊🙏
हमारा पता :- इंसौल-टी इंडिया , क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय के सामने, ब्लॉक रोड पूरनपुर, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, 262122
आज ही आनलाइन आडर करे। at
www.insoul-t.com
इंसौल-टी की कहानी, डायवेटिक की जुवानी।।
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
इंसौल-टी वोले तो। डायविटीज रिर्वश्ड।
आज ही मंगवाये, और अपना दैनिक जीवन सुव्यवस्थित करे।
इंसौल-टी वोले तो। डायबिटीज रिर्वश्ड।
Contact us at :- 063981 47738
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।
विना किसी दवाई के।
यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।
समस्याएं जैसे।
1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।
2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।
3-लिवर का कमजोर हो जाना।
4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।
5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।
6-शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसानों से वचाता है।
सौजन्य से
इंसौल-टी ,इंसौल-टी परिवार के समस्त चिकित्सक 😊🙏
हमारा पता :- इंसौल-टी इंडिया , क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय के सामने, ब्लॉक रोड पूरनपुर, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश, 262122
इंसौल-टी की कहानी, डायवेटिक की जुवानी।।
डायविटिक की इंसुलिन यदि नही हो रही है कम तो एक वार अवश्य अपनाये ये थैरेपी वल्व।
Helpline:- +91-7618560930 (Whatsapp)
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस। आपकी रोजमर्रा की जिंदगी मे असंतुलित शर्करा की मात्रा को कम करने मे मदद करता है।
विना किसी दवाई के।
यह आपकी मेटाबॉलिक पद्धति को मजबूत वनाने व डायबिटीज जैसे घातक रोग से होने वाली शरीर की आंतरिक समस्या की रोकथाम करने मे मददगार है।
समस्याएं जैसे।
1-पेशाब के जरीए आधिक शर्करा व प्रोटीन का वहना।
2-गुर्दा का कमजोर हो जाना।
3-लिवर का कमजोर हो जाना।
4-पैरो मे झंझनाहट व उगलियों मे चुभन सी होना।
5-आख की नजर का कमजोर हो जाना।
6-शरीर मे अधिक शर्करा की मात्रा होने से रक्तचाप की समस्या हो जाना। इत्यादि।
इंसौल-टी थैरेपी डिवाइस अतिउत्तम उपाय है। जो आपको डायबिटीज जैसे क्रोनिक मेटाबॉलिक डिसौडर को संतुलित व उससे होने वाले नुकसानों से वचाता है।
सौजन्य से
इंसौल-टी ,इंसौल-टी परिवार के समस्त चिकित्सक 😊🙏
Helpline:- 063981 47738
Insoul-T Tooth Powder
Contact us 063981 47738
Required Wholesale Suppliers
Required wholesale suppliers/ Dealership
Contact us at 063981 47738 Whatsapp Only
Contact for Distribution All Over India
063981 47738 (whatsapp Only)
At Lucknow Branch with Honorable Dr. Saurabh Mehrotra
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
एक कोशिश, जो आपको कर सकती है।सुव्यवस्थित.
Insoul-T India Insoul-T Research Of Modern Era
About Insoul-T & How to use it.
इंसौल-टी परिवार को होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं🎉🎉💐
Click here to claim your Sponsored Listing.
Videos (show all)
Category
Contact the business
Telephone
Website
Address
92-Gopalpur, Puranpur
Pilibhit
262122
District Hospital Campus, Ekta Nagar, Tanakpur Road
Pilibhit
This page is developed to Make people aware about Voluntary Blood Donation...so that we and you can be helpful to Donate blood for a needy person and Save The Life.....