सेमरा दर्पण न्यूज़
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एचआईवी संक्रमितों को दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी
रायबरेली, 31 जनवरी 2024 |
राणा बेनी माधव जिला अस्पताल के टेली मेडिसिन सेंटर में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में एंटी रिट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र की ओर से एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा संबंधी विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए मंगलवार को दो दिवसीय शिविर आयोजित किया गया था जिसका उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. महेंद्र मौर्य ने किया |
शिविर में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी सामान्य व्यक्ति की तरह ही विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है | उन्होंने एचआईवी/एड्स अधिनियम, 2017 के बारे में बताया कि सरकार द्वारा एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के लिए सशक्त कानूनी प्रावधान किए गए है जो उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में सहायक हैं |
इस मौके पर एचआईवी संक्रमितों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, किशोरी शक्ति योजना, बालिका समृद्धि योजना, किसान दुर्घटना बीमा योजना, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना,अंत्योदय अन्न योजना, बीमारी उपचार सहायता राशि, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, विधवा पेंशन योजना, जननी सुरक्षा योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई एवं इन योजनाओं का किस तरह से लाभ लिया जा सकता है इसके बारे में भी बताया गया |
इस अवसर पर एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डा. प्रदीप कुमार, महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रेनू चौधरी, जिला क्षयरोग अधिकारी डा अनुपम सिंह , जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा , बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ओजस्कर पांडेय, एआर टी, अहाना , टी आई , एवं प्रिजन प्रोजेक्ट से समस्त स्टाफ एवं एच आई वी संक्रमित व्यक्ति उपस्थित रहे |
जनपद के 24 ग्राम पंचायतों ने टीबी मुक्त का दावा प्रस्तुत किया
रायबरेली, 27 जनवरी 2024
राष्ट्रीय क्षय(टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी)के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के क्रम में 16 ब्लॉक की 24 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किए जाने का दावा शनिवार को सम्बंधित ब्लाकों से पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा राज्य स्तर पर प्रस्तुत किया ।
इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायतों के टीबी मुक्त होने का आधार है 1000 की जनसंख्या पर एक या एक से कम नये टीबी मरीज का होना । सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), आशा कार्यकर्ता और एनटीईपी के सदस्यों के प्रयासों से ही हम इन ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
जनपद के 18 ब्लॉक में कुल 988 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 24 को टीबी मुक्त करने का दावा प्रस्तुत किया है । प्रधानमंत्री ने पिछले साल विश्व क्षय रोग दिवस पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की थी।
ब्लॉक स्तर पर इन 24 ग्राम पंचायतों के टीबी मुक्त किए जाने के दावे का सत्यापन स्वास्थ्य एवं पंचायती राज विभाग की संयुक्त जनपद स्तरीय टीम के द्वारा किया जाएगा। समिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अध्यक्ष, जिला क्षय रोग अधिकारी सहसंयोजक, मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा नामित सदस्य, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि तथा अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल किए जा सकते है।समिति द्वारा दावे की पुष्टि होने पर 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर जिलाधिकारी द्वारा इन 24 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करते हुए सम्बंधित ग्राम प्रधानो को सम्मानित किया जाएगा।
इन 24 ग्राम पंचायतों ने टीबी मुक्त होने का किया दावा प्रस्तुत
ऊंचाहार ब्लॉक में चडरई और रामचंद्रपुर।
राही ब्लॉक में दरियापुर।
लालगंज में रेवाड़ी पसिया खेड़ा।
अमावा ब्लॉक में कचौंदा, चक दादर, पहरावां और रुकुनपुर ।
महराजगंज ब्लॉक में इंदौरा ।
डलमऊ ब्लॉक में सेमरी ।
सलोन ब्लाक में केवलपुर माफी, मोहम्मदाबाद, परशुरामपुर ठेकई और गोदवासनपुर ।
रोहनिया ब्लॉक में अहियारी बुजुर्ग ।
दीनशाह गौरा ब्लाक में धर्मपुर कजली ।
हरचंदपुर ब्लॉक में मझगवां और हरदोई ।
जगतपुर ब्लॉक में मनिहारी सरकी, मखदुमपुर ।
बछरावां ब्लॉक में विनायकपुर ।
खीरों ब्लॉक में चक गजराज ।
जी ब्लॉक में कमालपुर चंदलिया नारायणपुर सुरैया ।
सरेनी ब्लॉक में गोविंदपुर ।
नसीराबाद ब्लॉक में कुकहा हाजीपुर, सराई और तारापुर।
सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान में चिन्हित हुए 35 कुष्ठ रोगी, इलाज शुरू
रायबरेली, 8 जनवरी 2024 ।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 21 दिसंबर से चार जनवरी तक पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान की तर्ज पर सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया गया। इस दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर संभावित लक्षणों वाले कुष्ठ रोगियों को चिन्हित करने का काम किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि कि 21 दिसंबर से चार जनवरी तक चले इस अभियान में 3023 टीमों द्वारा 5,88,000 घरों का भ्रमण कर 25,87,705 व्यक्तियों की जांच की गई जिसमें 35 लोग कुष्ठ रोग से ग्रसित पाए गए। इन सभी मरीजों का उपचार भी शुरू करा दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कुष्ठ रोग को लेकर समाज में अनेक भ्रांतियां व्याप्त हैं। इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों में इन भ्रांतियों को दूर करें और उन्हें जागरूक करें। कुष्ठ रोग अन्य बीमारियों की तरह यह भी एक बीमारी है और इसकी जांच और इलाज की सुविधा स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. शरद कुशवाहा ने बताया उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टीरियम लेपरे नामक जीवाणु के संक्रमण से होता है। यह मुख्यतः त्वचा, आंख, नाक और बाहरी तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इलाज न किए जाने पर यह रोग स्थायी दिव्यांगता का कारण बन सकता है। कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। बीमारी की शुरुआत में इलाज कराने से इससे होने वाली दिव्यांगता को रोका जा सकता है। कुष्ठ रोग के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर जांच व इलाज कराया जा सकता है।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. दशरथ यादव ने बताया कि शरीर पर हल्के अथवा तांबई रंग के चकत्ते हों और उनमें सुन्नपन हो तो यह कुष्ठ हो सकता है। ऐसे हिस्से पर ठंडा या गरम का एहसास नहीं होता है। इसका इलाज मल्टी ड्रग थेरेपी द्वारा होता है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की दो श्रेणियां हैं। पीबी श्रेणी के कुष्ठ रोगियों का इलाज छह महीने तक होता है।मल्टी बैसिलरी (एमबी) श्रेणी के मरीजों का इलाज एक साल तक चलता है।कुष्ठ रोगियों का नियमित इलाज के बाद रोग के कीटाणु समाप्त हो जाते हैं।
शिक्षिका ने लिया क्षय रोगी को गोद
रायबरेली, 28 दिसंबर 2023
विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के तहत राही ब्लॉक के कलंदरपुर क्षेत्र स्थित कंपोजिट स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की स्टाल लगाई गई और वहाँ पर आगंतुकों को क्षय रोग के लक्षण, बचाव और उपचार की जानकारी देने के साथ ही पम्पलेट्स का भी वितरण किया गया | इस मौके पर सहायक अध्यापिका वन्दना श्रीवास्तव द्वारा स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर एक क्षय रोगी को गोद लिया गया और उसे पोषण पोटली दी गई । पोषण पोटली में मूंगफली, गुड़, मूंग की दाल आदि खाद्य सामग्री थी ।
इस मौके पर जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक मनीष श्रीवास्तव ने लोगों को बताया कि टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है । इसके इलाज में सबसे जरूरी है कि नियमित दवाओं का सेवन किया जाए और साथ ही में प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन किया जाये ।
श्री मनीष ने टीबी के लक्षणों के बारे में बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी और बुखार आना, रात में पसीना आना, वजन में कमी आना और भूख न लगना आदि इसके लक्षण हैं । इसके बारे में आप लोग भी जाने और अपने जानने वालों को भी बताएं । यदि किसी में भी लक्षण दिखाई दें तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं । स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और इलाज उपलब्ध है । इसके साथ ही पोषण के लिए क्षय रोगी को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये खाते में भेजे जाते हैं ।
अध्यापिका ने बताया कि उन्होंने सामाजिक उतरदायित्व के नाते क्षय रोगी को गोद लिया है । उन्हें समाचार पत्र से गोद लेने की योजना के बारे में पता चला था । परिवार में बात करने के बाद क्षय रोगी को गोद लिया ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि सुनील सिंह मंडल प्रवासी भाजपा, खंड शिक्षा अधिकारी बृजलाल, प्रधान हरिशंकर ,आशीष प्रजापति नोडल अफसर किसान सम्मान निधि, प्रधानाध्यापिका राधिका देवी, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक अलंकार शर्मा, समस्त विद्यालय परिवार और जनसामान्य मौजूद रहा।
शहरी क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड बनाने को शुरू हुआ अभियान
- जनपद के शहरी निकायों में शिविर लगाकर बनाए जा रहे कार्ड।
रायबरेली, 27 दिसंबर 2023 ।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर शहरी क्षेत्र में 26 दिसम्बर दिन मंगलवार से ही विशेष अभियान शुरू किया गया है। 10 जनवरी तक चलने वाले इस विशेष अभियान के दौरान पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पात्रता सूची में पांच से अधिक सदस्यों वाले लाभार्थी परिवारों के कार्ड बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत यह आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं। इस कार्ड के माध्यम से लाभार्थी देश भर में पंजीकृत किसी भी अस्पताल में भर्ती होकर पांच लाख रुपए तक का अपना उपचार करा सकता है। उन्होंने बताया कि इस योजना से हाल ही में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पात्रता सूची में छह या छह से अधिक सदस्यों वाले परिवारों को भी जोड़ा गया है। ऐसे परिवारों को भी योजना में शामिल किया गया है जिनमें केवल वरिष्ठ नागरिक ही सदस्य हैं। ऐसे नये सदस्यों का कार्ड बनाने पर अधिक जोर है।
नोडल अधिकारी---- ने जनसामान्य से अपील की है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना के जिन पात्र लाभार्थियों ने अभी तक अपना आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, वह शीघ्र ही अपना कार्ड बनवा लें | योजना के तहत सूचीबद्ध देश के किसी भी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इयालज कराया जा यकता है | इसलिए ही शहर से बाहर जाने पर इसे सदैव अपने पास रखें, जिससे किसी विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।
कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सौरभ चौधरी ने बताया कि जिले में कुल नौ निकाय हैं और इनमें छह या छह से अधिक यूनिट वाले पात्र गृहस्थी वाले और वरिष्ठ नागरिकों सहित कुल लगभग 4 लाख 22 हजार लाभार्थी हैं। जिनमें से करीब 2 लाख 11 हजार लाभार्थियों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। शेष लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
वर्तमान समय में शहरी क्षेत्र में कुल 10 शिविर लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के लगभग 3,3853 लोगों ने आयुष्मान कार्ड के माध्यम से योजना के तहत सूचीबद्ध एम्स सहित 76 सरकारी स्वास्थ्य केंद्र एवं 10 निजी अस्पतालों में उपचार का लाभ लिया है।
इन बीमारियों में मिलता लाभ ---
आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि योजना के अंतर्गत कुल 2,250 बीमारियां शामिल हैं। इसमें मातृ स्वास्थ्य और प्रसव या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य स्वास्थ्य, कैंसर, टीबी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आंखों की सर्जरी, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, कोरोनरी बाईपास, घुटना प्रत्यारोपण, स्टंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारियां, डायरिया, मलेरिया आदि शामिल है। इन समस्याओं के हल के लिए मरीज के भर्ती होने पर विभिन्न आयुष्मान सूचीबद्ध चिकित्सालयों में उपचार उपलब्ध है।
आज से शुरू हो रहा विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम
लगभग 3.12 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की दवा
रायबरेली, 26 दिसंबर 2023
नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के उद्देश्य से आज से विटामिन ए संपूरण कार्यक्रम शुरू हो रहा है जो कि महीने भर तक चलेगा |मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि विटामिन ए की कमी से एनीमिया रोग, प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना, आंखों की रोशनी कम होना, अंधापन, आंखों में आंसू न बनना, रूखी त्वचा हो जाना, मुंह में छाले और दस्त जैसी समस्या हो सकती है | इन सबसे बचने के लिए बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलाएं |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में नौ माह से पाँच साल के लगभग 3.12 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाए जाने का लक्ष्य है | जिसमे नौ से 12 माह के 18,818, एक से दो साल के 70,912 और दो से पाँच साल तक के कुल 2,22,196 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना बताते हैंकि नौ माह से 12 माह तक बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान एमआर के प्रथम टीके के साथ एक मिलीलीटर (एमएल) विटामिन ए की खुराक पिलाई जाती है जबकि 16 माह से 24 माह के बच्चों को एमआर के दूसरे टीके के साथ दो एमएल देनी होती है। हर छह माह पर बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान दो वर्ष से पांच वर्ष तक की आबादी को दो एमएल पिलाई जाती है।
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनाए रखने में विटामिन ए काफी मददगार साबित हो सकता है। यह वसा में घुलनशील विटामिन है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है।
बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा क्षय पीड़ितों हेतु पोषण किट का वितरण कार्यक्रम
बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 75 क्षय रोगियों को लिया गया गोद
रायबरेली, 15 दिसंबर 2023
राष्ट्रीय क्षय(टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में शुक्रवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया । कार्यक्रम की शुरुआत बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड के यूनिट हेड बिप्लव बोस के द्वारा जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को सांकेतिक रूप में किट देकर किया गया। मुख्य विकास अधिकारी पूजा यादव (आई ए एस) ने एक और बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 75 क्षय रोगियों को एवं अधिशाषी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी प्रदीप कुमार सिंह ने भी गोद लिया । इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने बताया कि क्षय रोगियों को गोद लिए जाने का कार्यक्रम साल 2019 में राज्यपाल के आह्वान पर शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषणात्मक और भावनात्मक सहयोग दिया जा सके ।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि गोद लिए क्षय रोगियों को इलाज के दौरान पोषण पोटली दी जाती है जिसमें प्रोटीनयुक्त युक्त आहार जैसे दालें, सत्तू, मूंगफली और गुड़ आदि दिया जाता है । टीबी के इलाज में नियमित दवाओं के सेवन के साथ प्रोटीनयुक्त आहार का अहम भूमिका होती है ।
उन्होंने बताया कि जनपद में टीबी 3174 क्षय रोगियों को अधिकारी, स्वयं सेवी संस्थाएं, शैक्षणिक , औद्योगिक संस्थाओं, संभ्रांत व्यतियों द्वारा गोद लिया गया है । इस दौरान जिला छह रोग अधिकारी डॉ अनुपम सिंह,डीपीसी अभय मिश्रा लैब पर्यवेक्षक दिलीप सिंह वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक करुणा शंकर मिश्रा बिरला कॉरपोरेशन के मानव संसाधन प्रमुख हेमंत किशोर,शिव गोविंद उपस्थित रहे।
एमएमडीपी को लेकर ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित
रायबरेली, 11 दिसंबर 2023
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा एम्स एवं स्वयंसेवी संस्था पाथ के सहयोग से सोमवार को ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को एएनएमटीसी कार्यालय में रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता उपचार(एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया । जिसके तहत उन्हें फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में बताया गया ।
जिला मलेरिया अधिकारी भीखूल्लाह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है और यह ऐसी बीमारी है जो ठीक नहीं होती है । इसका केवल प्रबंधन ही किया जाता है ।उचित प्रबंधन और फाइलेरिया प्रभावित अंगों के व्यायाम करने से यह बीमारी नियंत्रित रहती है । इस बीमारी में लिम्फ़ नोड्स में सूजन आ जाती है |
इस मौके पर फाइलेरिया कार्यक्रमके प्रभारी अनिल क्रिस्टोफर मैसी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट ब्लॉक स्तर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , हेल्थ वेलनेस सेंटर पर कैंप लगा कर रोगियों को इसकी जानकारी देते हुए वितरित की जाए तथा फाइलेरिया रोगियों की लाइनलिस्टिंग समय-समय पर जिले पर भेजी जाए ।
पाथ से डा. पूजा ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित पैरों को बहुत देर तक लटकाकर नहीं रखना चाहिए । सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेनी चाहिए ।महिलाओं को प्रभावित पैरों में पायल या बिछिया नहीं पहननी चाहिए ।फाइलेरिया प्रभावित अंगों की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए।उन्होंने प्रदर्शन करके बताया कि किस तरह से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सफाई करनी चाहिए ।
डा. पूजा ने बताया कि कभी भी साबुन को फाइलेरिया प्रभावित अंगों पर सीधे नहीं लगाना चाहिए बल्कि फेना बनाकर हल्के हाथों से उसे अंगों पर लगाएं ।उसके बाद धीरे-धीरे पानी डालें ।साफ कपड़े से हल्के हाथों से पोंछें ।अगर कोई घाव है तो एंटी फंगल क्रीम का उपयोग करें ।इसके साथ ही व्यायाम करके दिखाया कि इस तरह से व्यायाम करके प्रभावित अंगों की सूजन को कम किया जा सकता ।
इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी, एम्स से डा. आयुषी गोयल समस्त मलेरिया निरीक्षक सहित ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा अधिकारी, बी.पी.एम, एच.ई.ओ,एच.एस, बी.सी.पी.एम,बी.एच.डबलू प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
एचआईवी पॉजिटिव समूह में कंबल वितरण किया गया
रायबरेली 9 दिसंबर विहान केयर सपोर्ट इंदिरा नगर में एचआईवी के साथ जी रहे व्यक्तियों की एक सामुदायिक आधारित संगठन रायबरेली मैं कार्यरत है जिसका नाम इलाहाबाद नेटवर्क फॉर लिविंग विद एचआईवी एड्स समिति है। जो की बिहान प्रोग्राम के अंतर्गत कार्यरत है रायबरेली केयर सपोर्ट सेंटर के अंतर्गत 1050 एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को निशुल्क दवा प्राप्त हो रही है और इसे निरंतर चलाने के उद्देश्य के लिए तथा सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से संस्था निरंतर कार्यरत है आज सांसद सोनिया गांधी जी के जन्मोत्सव के अवसर पर कांग्रेस पार्टी की सहयोग से पीएल एचआईवी समूह के लोगों को 100 कंबल वितरित किया गया। रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी जी के जन्मोत्सव के अवसर पर ग्रुप के सभी सदस्यों ने सोनिया गांधी जी का आभार प्रकट किया और उनके दीर्घायु की होने की कामना करते हैं।संस्था की प्रोजेक्ट डायरेक्टर नीलम पटेल जी ने संस्था के बारे में बताया कि किस प्रकार से संस्था मरीजों की सहायता करती है संस्था का मुख्य उद्देश्य पीएल एचआईवी के साथ जी रहे लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है और उन्हें भेदभाव से बचाना है और समय-समय पर सरकार के द्वारा चलाई जा रही सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के उद्देश्य से को संस्था 2006 से रायबरेली जिले में कार्यरत है कांग्रेस पार्टी के सांसद प्रतिनिधि के एल शर्मा के अगवाई में यह कार्यक्रम किया गया जिसमें कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी और शहर अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव जी उपस्थित रहे इस मीटिंग में संस्था की तरफ से प्रोजेक्ट डायरेक्टर नीलम पटेल , प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सत्य प्रकाश चौधरी, हेल्थ चैंपियन साधना सिंह, हेल्थ प्रमोटर रंजना कुरील उपस्थित रहे।
आयुष चिकित्सकों को टीबी को लेकर किया गया संवेदीकृत
रायबरेली, 8 दिसंबर 2023
राष्ट्रीय क्षय (टीबी)उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए सात से 14 दिसंबर तक चलने वाले विशेष अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को को जिला छह रोग अधिकारी डॉ. अनुपम सिंह की अध्यक्षता में समस्त निजी चिकित्सकों की बैठक बुलाई गई तथा उनसे अपील की गई की समस्त पद्धति के निजी चिकित्सकों द्वारा इस अभियान के दौरान इलाज पर चल रहे क्षय रोगियों की सूचना विभाग को दी जाए|
इसी क्रम में आई एम ए अध्यक्ष डॉ. बृजेश सिंह तथा सिमहन्स हॉस्पिटल के डॉ. मनीष चौहान से मुलाकात कर आईएमए के पटल से समस्त निजी चिकित्सकों को कोई संदेश दिया गया कि क्षय रोग के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान में ज्यादा से ज्यादा क्षय रोगियों को नोटिफाई कर विभाग को सूचना निक्षय पोर्टल के माध्यम से दी जाए |
इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यह अभियान इसलिए चलाया जा रहा है जिससे कि अधिक से अधिक क्षय रोगियों को खोजकर उनका इलाज शुरू किया जा सके | इसमें सभी पद्धति के चिकित्सकों की भूमिका अहम है | सभी निजी चिकित्सकों को आवश्यक रूप से अपने यहाँ इलाज करा रहे टीबी रोगियों की सूचना निक्षय पोर्टल पर देना है क्योंकि भारत सरकार के राज्य पत्र संख्या :- 28015/2/2012 के आदेशनुसार समस्त क्षय रोगियों की सूचना सरकार को दिया जाना आवश्यक है इसका उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 269 व 270 के तहत दंडनीय अपराध है | इसके साथ ही निक्षय पोर्टल पर टीबी रोगियों का पंजीकरण होने के बाद टीबी के इलाज को लेकर सरकार द्वारा जो सुविधायें दी जा रही हैं, वह उसका लाभ ले पाएंगे |
डॉ अनुपम सिंह ने टीबी के लक्षणों के बारे में बताया कि टीबी के लक्षण है- दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी आना, शाम के समय बुखार का बढ़ना, रात में पसीना आना, भूख कम लगना, लगातार वजन में कमी आना, खांसी के साथ खून आना और लागातार सीने में दर्द होना | उन्होंने आयुष चिकित्सकों से कहा कि वह अपने यहाँ आने वाले लोगों को इन लक्षणों के बारे में जागरूक करें |
इस मौके पर डॉ रमेश श्रीवास्तव अध्यक्ष होम्योपैथी संघ, डॉ. एस यू खान अध्यक्ष नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) रायबरेली, डॉ. राजीव सिंह,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी. एस. अस्थाना, अभय मिश्रा, मनीष श्रीवास्तव, एनटीईपी टीम एवं एचएलएफटीटी- संस्था का नाम ठीक कीजिए टीम आदि मौजूद रहे |
निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू
रायबरेली, 7 नवंबर 2023
राष्ट्रीय क्षय (टीबी)उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान बृहस्पतिवार यानि सात दिसंबर से शुरू हुआ जो कि 14 दिसंबर तक चलेगा ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से निजी क्षेत्र से अधिक से अधिक टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन करना है क्योंकि भारत सरकार के राज्य पत्र संख्या :- 28015/2/2012 के आदेशनुसार समस्त क्षय रोगियों की सूचना सरकार को दिया जाना आवश्यक है इसका उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 269 व 270 के तहत दंडनीय अपराध है ।
इस अभियान के तहत सभी निजी चिकित्सक हॉस्पिटल, पैथोलॉजी, लैब तथा मेडिकल स्टोर के संचालकों को सहभागिता लेते हुए पूर्व में छूटे हुए सभी टीबी केसों को जो कि निक्षय पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हैं उनको अनिवार्य रूप से नोटिफ़ाई करना है । इसके साथ ही निजी सेवा प्रदाता द्वारा पूर्व में जिन टीबी केसों को नोटिफ़ाई किया गया है उसका बकाया इंसेटिव उन्हें देना है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही अभियान के दौरान नए अस्पताल, क्लिनिक, नर्सिंग होम, लैब अथवा केमिस्ट को निक्षय पोर्टल पर मैप्ड करना है ।निजी क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के माध्यम सेसंभावित टीबी रोगियों के बलगम की जांच निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर कराना है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों के निजी सेवा प्रदाताओं को इस अभियान में शामिल किया गया है ।
अभियान के दौरान निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं से प्रतिदिन प्राप्त टीबी रोगियों के विवरण निक्षय पोर्टल पर अपडेट करना तथा उनके बैंक खाते का विवरण अपडेट करते हुए निक्षय पोषण योजना के माध्यम से 500 रुपये प्रतिमाह देना सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों, नर्सिग होम, क्लिनिक, केमिस्ट, लैब स्वास्थ्य विभाग की टीम को सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएं और उनका पूरा सहयोग करें ।
निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए सात दिसंबर से चलेगा विशेष अभियान
अभियान चलेगा 14 दिसंबर तक
रायबरेली, 5 दिसंबर 2023
राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए सात से 14 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. दीपा त्यागी द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किये गए हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार इस अभियान के दौरान जहां निजी क्षेत्र में टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन बढ़ाने का लक्ष्य होगा वहीँ छूटे हुए केसों को निक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने के भी अभियान चलेगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि इस अभियान के दौरान सभी पद्धति के निजी चिकित्सकों के साथ लैब और केमिस्टों के यहाँ भी जिला स्तरीय टीम भ्रमण करेगी । उन्होंने बताया कि अभियान को लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है और अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं ।
डा. सिंह ने जानकारी दी कि टीबी नोटिफिकेशन में निजी चिकित्सकों की अहम भूमिका है । प्रत्येक टीबी रोगी के नोटिफिकेशन पर निजी चिकित्सक को 500 रुपये दिए जाने का प्रावधान है । अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो आईपीसी धारा 269 एवं 270 के तहत दंडनीय अपराध है । वर्तमान में 229 निजी सेवा प्रदाता हैं जिसमें 179 निजी चिकित्सक और 25 लैब नि:क्षय पोर्टल पर हैं । जनपद में स्वयंसेवी संस्था एचएलएफपीपीटी निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन में सहयोग कर रही है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इस अभियान कि मॉनिटरिंग स्टेट टीबी सेल, रीजनल टीबी प्रोग्राम टीबी मैनेजमेंट यूनिट, विश्व स्वास्थ्य संगठन, तकनीकी सहायक इकाईयों के द्वारा की जाएगी ।
एड्स से सावधानी ही बचाव है : जिला क्षय रोग अधिकारी
विश्व एड्स दिवस पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज रायबरेली में संगोष्ठी आयोजित
हस्ताक्षर अभियान चलाया गया
रायबरेली, 1 दिसंबर 2023
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज रायबरेली में शुक्रवार को जागरुकता संगोष्ठी आयोजित हुई |
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम सिंह ने कहा कि ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक वायरस है | एड्स एचआईवी की एक अवस्था है | यह संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने, असुरक्षित रक्त चढ़ाने, संक्रमित सुई आदि से फैलता है | इस वायरस से बचने के लिए समुचित जानकारी होना आवश्यक है | सावधानी ही बचाव है | यह वायरस शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है | वायरस के संपर्क में आने से व्यक्ति के शरीर में बहुत सारे लक्षण दिखाई देने लगते हैं तो इससे बचकर रहें।
जिला कार्यक्रम समन्वयक अभय मिश्रा ने बताया कि एड्स की जांच इलाज की सुविधा स्वास्थ्य विभाग के पास है | एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ जीवन जीने के लिए इन दवाओं का सेवन करना अति आवश्यक है और दवाओं को बीच में छोड़े नहीं।
टीसीआई फाउंडेशन की प्रोग्राम मैनेजर तमन्ना आफरीन ने बताया कि आजकल एचआईवी से प्रभावित माता-पिता भी सुरक्षित बच्चों को जन्म दे सकते हैं दवाएं बहुत कारगर हैं अब इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है परंतु आप सबको एचआईवी वायरस के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है उसकी संपूर्ण जानकारी रखें |
इस कार्यक्रम में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.शम्स रिजवान पीएमटी अतुल कुमार, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक मनीष श्रीवास्तव, एसटीएलएस दिलीप सिंह, एसटीएस के.के. श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव तथा विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर स्मिता मिश्रा, उप प्रधानाचार्या सुमन सिंह,शिक्षिका सुमन सिंह, साधना सिंह, सरोज पूर्णिमा गुप्ता, सिंपी सिंह सौम्या मिश्रा स्वयंसेवी संगठन व छात्राएं मौजूद रहीं ।
एचआईवी ग्रसित गर्भवती स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म
रायबरेली, 30 नवंबर 2023
केस – सागर और रेखा( बदला हुआ नाम) को छह साल पहले एचआईवी की पुष्टि हुई थी । उनका इलाज एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर पर चल रहा है । वह बच्चा चाहते थे लेकिन डर की वजह से कि कहीं होने वाला बच्चा भी उनकी तरह एचआईवी से ग्रसित न हो इसलिए वह बच्चे के जन्म की योजना नहीं बना रहे थे ।अपने मन की बात उन्होंने एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप ने बताई । तब नोडल अधिकारी ने कहा कि 95 फीसद केसों में कोई समस्या नहीं होती है । केवल पांच प्रतिशत केसों में कुछ समस्याएं पाई जाती हैं परंतु आप समय से दवा का सेवन करें, समय-समय पर अपनी जांच करवाते रहें घबराएं नहीं और एआरटी सेंटर पर जो भी सलाह दी जाएं उनका पालन करें तो आपका होने वाला बच्चा स्वस्थ होगा । दपंति ने वैसा ही किया और उनका बच्चा स्वस्थ है । अब वर्तमान में दंपति के दो बच्चे हैं और दोनो ही एचआईवी संक्रमण मुक्त हैं ।
नोडल अधिकारी डॉक्टर अनुपम सिंह बताते हैं कि गर्भधारण के उपरांत दंपति को आईसीटीसी केंद्र की काउन्सलर सीमा से संपर्क कर संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया । नियमित दवाओं का सेवन करने, नियमित जांच करवाने, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करने तथा तनावमुक्त रहने की सलाह दी । दंपति ने वैसा ही किया । जिला अस्पताल में बच्चे का प्रसव हुआ ।
प्रसव के बाद बच्चे की डेढ़ साल तक दवा चली और डेढ़ साल पर उसकी एचआईवी की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच कराई गई और जांच निगेटिव निकली ।
रेखा को सलाह दी गई थी कि बच्चे को केवल स्तनपान कराए या ऊपर का दूध पिलाए, उसे मिक्स्ड फ़ीड अर्थात स्तनपान के साथ ऊपर का दूध न दे । उसने वैसा ही किया ।
नोडल अधिकारी कहते हैं कि बच्चों को एचआईवी संक्रमण से 95 फीसद तक बचाया जा सकता है यदि गर्भवती एआरटी सेंटर की सलाह को माने ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि एचआईवी (ह्युमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो कि मानव शरीर में पाया जाता है । एचआईवी की एक अवस्था है जो कि मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है । जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर पर वर्तमान में कुल 1864 एचआईवी से संक्रमित रोगी पंजीकृत है। जिला अस्पताल में एचआईवी ग्रसित गर्भवती के प्रसव की सुविधा उपलब्ध है । गंभीर अवस्था में गर्भवती को प्रसव के लिए लखनऊ स्थित क्वीन मेरी अस्पताल में संदर्भित किया जाता है ।
परिवार नियोजन साधनों के प्रति जागरूक करने के लिए सारथी वाहन रवाना
जनपद में चल रहा पुरुष नसबंदी पखवारा
रायबरेली, 29 नवंबर 2023
जनपद में 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवारा चल रहा है | इसी क्रम में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने अपने कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहन, “सारथी वाहन” को रवाना किया |
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस वाहन पर चस्पा परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी के साथ माईकिंग के माध्यम से लोगों को पुरुष नसबंदी के साथ अन्य साधनों की जानकारी भी दी जाएगी | यह जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करेगा | उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन केवल महिला की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि पुरुषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए | एनएसवी महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत ही आसान विधि है |
इस अवसर पर परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राधा कृष्ण ने बताया कि एनएसवी पखवाड़े का आयोजन दो चरणों में 21 नवम्बर से चार दिसम्बर के मध्य किया जा रहा है | पहला चरण, मोबिलाइजेशन फेज 21 से 27 नवंबर तक चला जिसमें एएनएम और आशा कार्यकर्ता द्वारा पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के लिए इच्छुक दंपत्तियों की पहचान की गई एवं पुरुष लाभार्थियों को एनएसवी के लाभ बताते हुए इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया गया ।
उन्होंने बताया कि मंगलवार से द्वितीय चरण यानि सेवा प्रदायगी फेज शुरू हुआ है जो कि चार दिसंबर तक चलेगा । इस दौरान पुरुषों की भागीदारी से संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। अभियान के दौरान पोस्टर, बैनर, पेटिंग के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।
नियत सेवा दिवसों (एफडीएस) के माध्यम से एनएसवी की प्रक्रिया की जाएगी |
इस साल इस अभियान की थीम है “स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा |
यह जरूर जानें –
नोडल अधिकारी ने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाली पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन मात्र 10 मिनट में हो जाता है। ऑपरेशन के एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लिए पुरुषों को ही आगे आना चाहिए, क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना बताते हैं
पुरुष नसबंदी करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी अधिक रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3,000 रुपया मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया मिलता है। वहीं महिला लाभार्थी को 2,000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक राकेश प्रताप सिंह, जिला परामर्शदाता परिवार कल्याण हिमांशु श्रीवास्तव, प्रभास कुमार आदि उपस्थित रहे |
आयुष्मान कार्ड बनानाअब हुआ और भी आसान
आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर जनपद में चल रहा विशेष अभियान
रायबरेली, 27 नवंबर 2023
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जनपद में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर विशेष अभियान चल रहा है | इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारीकार्यालय सभागार में प्रेस वार्ता आयोजित हुई | प्रेस वार्तामें पत्रकारों से मुखातिब होते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंहने कहा कि आयुष्मान कार्ड अब लाभार्थीआयुष्मान ऐपके माध्यम से स्वयं ही बना सकते हैं | आयुष्मान एप प्ले स्टोर पर उपलब्ध है | आयुष्मान ऐप को डाउनलोड करके या फिर www.beneficiary.nha.gov.in पर लाभार्थी अपने आधार से लिंक मोबाइल नंबर से लॉग इन कर “लाभार्थी”ऑप्शन पर जाकर आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं।
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारीऔर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० अशोक कुमारने बताया कि लाभार्थी को सबसे पहले प्ले स्टोर के लिंक https://play.google.com/store/apps/details?id=com.beneficiaryapp पर जाना होगा एवं ऐप इंस्टाल करने के बाद ऐप पर दाहिनी तरफ बॉक्स में लाभार्थी (Beneficiary) विकल्प को टिक करके अपना मोबाइल नंबर डालें और वेरीफाई पर क्लिक करें एवं दिए गए कैप्चा को डालकर लॉग इन करें | लॉग इन होने के बाद स्क्रीन में राज्य का नाम, योजना का नाम-पीएम-जेएवाई, अपने जनपद को चुने | सर्च बाई के विकल्प में प्रदर्शित फैमिली आईडी को चुने जिसके बाद फैमिली आईडी के विकल्प में राशन कार्ड संख्या डालें और बॉक्स में दाहिनी तरफ दिए गए आइकन को क्लिक करें | यदि परिवार योजना के तहत पात्रता रखता है तो परिवार के सभी सदस्यों की सूची खुल जाएगी | यदि परिवार के योजना के तहत पात्रता नहीं रखता है तो स्क्रीन पर “नो बेनिफिशियरी फाउंड” सन्देश आएगा | जिस व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनाना है उस सदस्य के सामने दिए गए I “ आइडेंटिफ़ाइड”पर क्लिक करें, उसके बाद एक बॉक्स खुलेगा, जिसमें आधार संख्या के सामने “वेरिफाई” पर क्लिक करें एवं “आधार ओटीपी” के विकल्प को चुनें जिसके बाद “कंसेन्ट फॉर्म” का बॉक्स खुलेगा , बॉक्स में सबसे नीचे दिए गये विकल्प पर टिक करें और बॉक्स के दाहिने ओर “अलाऊड” बटन पर क्लिक करें |लाभार्थी के आधार कार्ड से लिंक मोबाइल पर प्राप्त “ओटीपी” को डालें | लाभार्थी से संबंधित सूचना एवं फ़ोटो खुल जाएगी | पेज के दाहिनी तरफ कैप्चर फ़ोटो को नीचे दिए गए आइकन पर क्लिक कर मोबाइल के कैमरे के माध्यम से लाभार्थी की फ़ोटो कैप्चर कर “जारी” बटन पर क्लिक करें |
पेज में दिए गए अन्य विवरण में सबसे पहले लाभार्थी अपना क्रियाशील मोबाइल नंबर अंकित कर उसे वेरिफाई करेंगे यदि लाभार्थी परिवार में वर्तमान में कोई क्रियाशील मोबाइल नम्बर उपलब्ध नहीं है तो “नो” का विकल्प चुनते हुए लाभार्थी की अन्य सूचना भरें और “सबमिट” बटन पर क्लिक करें| फ़ोटो के नीचे दिए गए मैचिंग स्कोर 80 फीसद या उससे अधिक होने पर बॉक्स खुलेगा, जिसमें “ई केवाईसी” हो गया का संदेश आएगा | इसके बाद यह संदेश आएगा कि “कुछ समय बाद आयुष्मान कार्ड डाउनलोड करें| फिर “ डाउनलोड कार्ड” बटन पर क्लिक कर आयुष्मान कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं | उक्त डाउनलोड किए गए कार्ड को लाभार्थी प्रिन्ट कर सकते हैं या मोबाइल पर सेव कर सकते हैं |
नोडल अधिकारी ने बताया कि लाभार्थी परिवार हर साल पाँच लाख रुपए का निःशुल्क इलाज सूचीबद्ध निजी या राजकीय चिकित्सालय में भर्ती होकर करा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत अभी तक जनपद के 31,480 लाभार्थी नि:शुल्क इलाज करा चुके है जिसकी क्लेम धनराशि लगभग 28 करोड़ रुपये है |जनपद में आयुष्मान योजना के तहत 31 चिकित्सालय सूचीबद्धहैं जिनमें 21 राजकीय और 10 निजी चिकित्सालयहैं जिसमें लाभार्थी निःशुल्क इलाज कर सकते हैं। जनपद में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 3.85लाख से अधिक लाभार्थी परिवार तथा 16.27 लाख से अधिक लाभार्थी सम्मिलित हैं | 4.85 लाख अन्य परिवारों को भी इसमें सम्मिलित किया गया है, जिसके अंतर्गत पात्र गृहस्थी (सफेद) राशन कार्ड वाले ऐसे परिवार जिनके सदस्यों की संख्या 6 या 6 से अधिक है उन्हें भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सम्मिलित कर लिया गया है।
अन्य समस्या हेतु लाभार्थी स्वयं अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल पर उपस्थित आयुष्मान मित्र, कोटेदार से संपर्क करके अपना कार्ड बनवा सकते हैं| शासन से मिले दिशा निर्देशों के अनुसार विशेष रूप से अभियान चलाया जा रहा है जिसकी जिम्मेदारी ब्लॉक स्तरीय अधीक्षक एवं आयुष्मान नोडल को सौंपी गई है।
अन्य जानकारी के लिए आयुष्मान भारतयोजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डीपीसी डॉ० सौरभ चौधरी,रायबरेली से मोबाइल नंबर 7007730514 पर सीधा संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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